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‘हम एनआरसी लागू नहीं होने देंगे’, कोलकाता में टीएमसी की विशाल रैली में बोलीं ममता बनर्जी

कोलकाता: कोलकाता के मशहूर ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की एक विशाल रैली शुरू हुई। इस रैली के साथ ही टीएमसी अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज हो गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में आयोजित ब्रिगेड जनसभा के लिए ब्रिगेड परेड ग्राउंड पहुंची। तृणमूल कांग्रेस ने ब्रिगेड परेड ग्राउंड से 2024 के चुनाव अभियान की शुरुआत की।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ‘जन गर्जन सभा’ नामक इस विशाल रैली में लोगों को संबोधित किया। कहा कि हम एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।

ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में लोकसभा की एक सीट से चुनाव लड़ने के लिए सपा के अखिलेश यादव से बातचीत कर रही है। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं न्यायपालिका का सम्मान करती हूं, लेकिन कुछ जजों ने भाजपा एजेंट के तौर पर काम किया।’

बता दें, रैली का मुख्य विषय केंद्र सरकार द्वारा राज्य की वित्तीय बकाया राशि को कथित तौर पर रोकने के ईर्द-गिर्द है, जो पिछले दो साल से राज्य की राजनीति में एक विवादित मुद्दा रहा है। पार्टी के लाखों समर्थकों और मंडल स्तर के कई नेताओं को अलग-अलग शहरों से सुबह से ही ‘दीदी’ नाम से लोकप्रिय ममता बनर्जी को सुनने के लिए परेड ग्राउंड की ओर जाते हुए देखा गया।

अदालत से दो पूर्व आबकारी अधिकारियों को राहत, विभागीय कार्रवाई का आदेश किया रद्द

मुंबई:  बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में राहत दी है। अदालत ने बीस साल बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश को रद्द किया। उन पर विस्फोटकों को उतारने की अनुमति देने का आरोप था।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश को रद्द किया। पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।

उच्च न्यायालय ने अपने चार मार्च के फैसले में कहा, केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के सेवानिवृत्त अधीक्षक एसएम पडवाल और यशवंत लोटाले वेतन और पेंशन जैसे सभी लाभ के हकदार होंगे। जो उन्हें दो महीने के भीतर प्रदान किए जाएंगे। मुंबई में 12 मार्च 1993 को अलग-अलग इलाकों में बम धमाके हुए थे। जिनमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे।

एक विशेष अदालत ने बाद में मामले में 100 लोगों को दोषी ठहराया और 23 अन्य को बरी कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि पडवाल और लोटाले मामले में किसी आपराधिक मुकदमे का सामना नहीं कर रहे हैं। उपलब्ध कथित साक्ष्यों के आधार पर उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं होते। उच्च न्यायालय ने कहा, हमारा निष्कर्ष यह है कि यह एक ऐसा मामला है, जहां कोई सबूत नहीं था और सजा का आदेश पारित करते समय अनुशासनात्मक कार्रवाई का निष्कर्ष गलत है।

‘एकतरफा एलान ठीक नहीं’, TMC की सूची पर जयराम रमेश; चुनाव आयुक्त के इस्तीफे पर भी उठाए सवाल

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दी है। रविवार को कोलकाता में टीएमसी ने ‘मैगा रैली’ में बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। टीएमसी उम्मीदवारों के नामों की सूची विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए झटका है। गौरतलब है कि टीएमसी विपक्षी गठबंधन का सहयोगी दल है, जो सीट बंटवारे को लेकर लगातार चर्चा कर रही थी। इस बीच, कांग्रेस की टीएमसी के घोषणा पर प्रतिक्रिया सामने आई है।

कांग्रेस ने सीट बंटवारे को लेकर इच्छा व्यक्त की- जयराम
टीएमसी द्वारा जारी उम्मीदवारों की सूची पर विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने बार-बार टीएमसी के साथ सम्मानजनक सीट बंटवारे को लेकर इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। कांग्रेस पार्टी हमेशा से चाहती है कि ‘इंडिया’ गठबंधन एक साथ मिलकर भाजपा से लड़े। गौरतलब है कि दो मार्च को भाजपा ने अपने 195 उम्मीदवारों के नामों के साथ पहली लिस्ट जारी की थी। वहीं कांग्रेस ने भी पहली सूची में 39 उम्मीदवारों का एलान किया था।

मुझे नहीं पता किस दबाव में उन्होंने घोषणा की थी- जयराम
टीएमसी द्वारा पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि हमारे दरवाजे बातचीत और सीट बंटवारे की चर्चा के लिए खुले हैं, लेकिन सीटों की एकतरफा घोषणा नहीं होनी चाहिए।

हमें इसे सामूहिक रूप से एक साथ करना चाहिए जैसा कि हमने तमिलनाडु, महाराष्ट्र में किया है। मुझे नहीं पता कि टीएमसी पर क्या दबाव था लेकिन जहां तक हमारी बात है तो हम पश्चिम बंगाल में ‘इंडिया’ गठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं, खैर आइए देखें क्या होता है।

विश्वनाथ धाम में प्रधानमंत्री ने विजय के लिए किया षोड्शोपचार पूजन, त्रिशूल उठाकर जयघोष

वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी ने कल रात काशी पहुंचकर तीसरी बार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विजय की कामना से षोडशोपचार पूजन किया। पूजा के बाद मंदिर के अर्चक ने प्रधानमंत्री को शृंगार मुकुट पहनाया। बाहर आकर पीएम ने हाथ में त्रिशूल उठाकर हर-हर महादेव का जयघोष कर श्रद्धालुओं का अभिवादन किया।

वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी घोषित होने के बाद शनिवार को नरेंद्र मोदी पहली बार काशी आए। वह शाम 7.30 बजे वो बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से 26 किमी तक गुलाब और गुलाल से उनका स्वागत हुआ। रास्तेभर बटुक खड़े थे। ढोल-नगाड़ों की थाप, डमरू के निनाद और शंख की गूंज के बीच हर-हर महादेव और जय श्रीराम का उद्घोष होता रहा। इसके अलावा काशी के मंत्री, विधायक, महापौर अलग-अलग चौराहों पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थे।

प्रधानमंत्री का काफिला 8:30 बजे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचा। उन्होंने सबसे पहले स्वर्णशिखर को प्रणाम किया। इसके बाद वह मंदिर के स्वर्णिम गर्भगृह में पहुंचे। मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र और राजेश पाठक ने षोडशोपचार पूजन की शुरुआत नमस्ते रुद्रमन्यव उतोत इखवे नम: बाहुभ्या: मुतते नम:…से की। इसके बाद उन्होंने ध्यान, आसन, प्रक्षालन, अर्घ्य, स्नान, वस्त्, यज्ञोपवती, चंदन भस्म, माला-फूल बिल्वपत्र, नैवैद्य, तांबूलपत्र, ऋतुफल, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि से नमस्कार किया। इसके बाद मंदिर के अर्चक ने प्रधानमंत्री को बाबा विश्वनाथ का शृंगार मुकुट पहनाकर तीसरी बार विजयी भव: का आशीष दिया।

गर्भगृह से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को त्रिशूल भेंट किया। प्रधानमंत्री ने त्रिशूल हाथ में लेकर धाम में शिवभक्तों का हर-हर महादेव के जयघोष से अभिवादन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री का काफिला 8:55 बजे श्री काशी विश्वनाथ धाम से बाहर निकला। प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर बाहर खड़ी जनता का अभिवादन किया। प्रधानमंत्री श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में यह सातवां आगमन था, जबकि 44वां काशी दौरा। इसके बाद पीएम बरेका स्थित गेस्ट हाउस के लिए रवाना हो गए।

हाईवे पर कार और ट्रक की टक्कर, एक ही परिवार के छह लोगों की मौत; तीन घायल

जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, गौराबादशाहपुर थाना इलाके के जौनपुर- आजमगढ़ हाईवे पर प्रसाद केराकत तिराहे के पास शनिवार की रात लगभग ढाई बजे यह हादसा हुआ। घटना में बिहार के सीतामढ़ी से प्रयागराज झूंसी लड़की देखने के लिए एक परिवार के नौ सदस्य कार में सवार होकर जा रहे थे।

जैसे ही कार जौनपुर से केराकत की तरफ जाने के लिए मुड़ी तो सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। घटना के बाद मौके पर मची चीख पुकार मच गई। मौके पर आसपास के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया।

पुलिस के मुताबिक, बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले गजाधर शर्मा अपने परिवार के नौ सदस्यों के साथ सेवन सीटर कार से अपने पुत्र चंदन शर्मा की शादी के लिए लड़की देखने प्रयागराज के झूसी जा रहे थे। रात लगभग ढाई बजे जब उनकी कार केराकत प्रसाद तिराहे पर पहुंची तभी जौनपुर की तरफ से आ रहा तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी भीषण थी कि कार लगभग 10 मीटर तक घिसटती चली गई। सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने सभी घायलों को 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया। जहां चिकित्सकों ने छह को देखते ही मृत घोषित कर दिया। जबकि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों का उपचार किया जा रहा है। घटना के बाद ट्रक चालक और खलासी मौके पर ट्रक कर छोड़कर फरार हो गए। पुलिस क्षतिग्रस्त कार और ट्रक को क्रेन और जेसीबी से निकलवाने में जुटी रही।

कौन हैं अरुण गोयल? जिन्होंने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा देकर चौंकाया

लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। देश में चल रही चुनावी तैयारियों के बीच, रविवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। हालांकि, अब आम चुनावों की व्यवस्था का पूरा दरोमदार मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर है।

मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे गोयल
अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इस साल फरवरी में अनूप पांडे के सेवानिवृत्त और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, उनका कार्यकाल पांच दिसंबर, 2027 तक था। जबकि मौजूदा सीईसी राजीव कुमार अगले साल फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके बाद गोयल ही अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने वाले थे।

इस्तीफे का कारण?
सूत्रों के मुताबिक, गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है। सरकार की तरफ से उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की भी कोशिश हुई, लेकिन वह नहीं माने। सूत्रों का दावा है कि पांच मार्च को गोयल सेहत का हवाला देते हुए कोलकाता दौरा बीच में छोड़ आए थे। आठ मार्च को उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के साथ चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी थे। कुछ रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ थे, जिसके कारण इस्तीफा दिया गया है।

आज स्वराज आश्रम जाएंगे राहुल गांधी, 12 मार्च को कांग्रेस पार्टी की गारंटी की करेंगे घोषणा

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अब अपनी अंतिम चरण पर है। मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू हुई इय यात्रा का समापन 17 मार्च को मुंबई में होगा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस यात्रा से जुड़ी कुछ जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह करीब साढ़े दस बजे स्वराज आश्रम जाएंगे।

जयराम रमेश ने आगे कहा, “वल्लभभाई पटेल ने 1922 में स्वराज आश्रम की स्थापना की थी और 1928 में यहीं से उन्होंने बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जिसके बाद से उन्हें सरदार पटेल के नाम से जाना गया। बरदोली सत्याग्रह एक मील का पत्थर है।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत जोड़ो न्याय यात्रा यहीं (आश्रम) से फिर शुरू होगा। कल 11 मार्च को ब्रेक होगा और 12 मार्च को नंदुरबार में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। राहुल गांधी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। 13 मार्च को धुले में कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ‘नारी न्याय’ को लेकर कांग्रेस पार्टी की गारंटियों की घोषणा करेंगे।”

होली में किन चीजों की पड़ेगी जरूरत, लिस्ट बनाकर करें खरीदारी

हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक होली का पर्व है। होली रंगों का त्योहार है, जिसमें दोस्त -सगे संबंधी और करीब आते हैं और दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं। इस पर्व के मौके पर लोग एक दूसरे से मिलते हैं और उनके चेहरे पर गुलाल लगाते हुए होली की बधाई देते हैं। गले मिलकर दिल से दिल मिलाते हैं। होली के रंग के साथ ही इसकी मिठास भी मशहूर है। होली में तरह तरह के पकवान बनाए और परोसे जाते हैं। कई तरह के पापड़ होली से महीने भर पहले से तैयार होने लगते हैं। वहीं होली में गुजिया, दही भल्ले आदि बनाए जाते हैं।

इसके अलावा होली मिलन के लिए दोस्त, रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग घर आते हैं। ऐसे में घर की साफ सफाई और सजावट भी की जाती है। घर को संवारने के साथ ही खुद को भी संवारना होता है। ऐसे में नए कपड़े, एक्सेसरीज आदि की भी जरूत होती है। सजावट से लेकर होली मिलन के लिए तरह तरह के पकवानों तक कई तरह की चीजों की जरूरत होती है। इन सब के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए। होली में जिन सामानों की जरूरत है, उनकी लिस्ट बना लें और खरीदारी शुरु कर दें ताकि पर्व के मौके पर कोई सामान छूट न जाए और त्योहार में बाजारों के चक्कर न लगाने पड़ें। यह रही होली के लिए जरूरी सामान की सूची।

घर की सजावट

बेडशीट
पर्दे
सोफा कवर
कुशन कवर
पेंटिंग
वॉल हैंगिंग
फोटो फ्रेम
सजावट के लिए आर्टिफिशियल फूल
डोर मैट
वॉलपेपर या वाॅल स्टीकर

खुद को संवारें

अपने या पार्टनर के लिए कपड़े
बच्चों के लिए कपड़े
फुटवियर
होली के लिए मैचिंग टीशर्ट
उबटन
फेसपैक
कपड़ों के लिए मैचिंग ज्वेलरी या एक्सेसरीज

होली के पकवान

मावा या खोया
मैदा
गुजिया बनाने का सामान
घी, तेल या रिफाइंड
छोला
दही बड़ा बनाने की सामग्री
पापड़ बनाने की सामग्री
तरह-तरह की नमकीन
फल
ड्राई फ्रूट्स

रंगों की होली

होली में रंग गुलाल और पिचकारी की खरीदारी की जाती है। कई तरह के गुलाल- अबीर खरीद सकते हैं। बच्चे हैं तो पिचकारी ला सकते हैं। इसके अलावा साफ सफाई का सामान, रंग छुड़ाने का सामान जरूरत के मुताबिक खरीद लाएं।

शुगर-कोलेस्ट्रॉल दोनों को कंट्रोल कर सकती है ये आसानी से उपलब्ध औषधि, आप करते हैं सेवन?

लाइफस्टाइल-आहार में गड़बड़ी के कारण इन दिनों जिन बीमारियों का खतरा सबसे अधिक देखा जा रहा है, डायबिटीज और हृदय रोग उनमें प्रमुख हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वयस्क हों या बुजुर्ग सभी को इन स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान देखा जा रहा है। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से डायबिटीज और ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हृदय रोगों की समस्या का जोखिम हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इसे कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में कुछ प्रकार का बदलाव करके आप लाभ पा सकते हैं। स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का सेवन, नियमित व्यायाम, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में सहायक है। इसके अलावा कुछ प्रकार की औषधियों के सेवन से भी आप इसे नियंत्रित रख सकते हैं।

तुलसी की पत्तियों के लाभ

अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी की पत्तियों में रोगाणुरोधी (जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटिफंगल) और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। तुलसी की पत्तियां एडाप्टोजेन्स से भरपूर होती हैं जो आपके शरीर में तनाव के स्तर को कम करने में मदद करती हैं। यह आपके तंत्रिका तंत्र को आराम देने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में भी मददगार हैं। यह इंद्रियों को शांत करने के अलावा ब्लड शुगर के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करने में सहायक मानी जाती है।

ब्लड शुगर को रख सकते हैं कंट्रोल

अध्ययनकर्ताओं ने पाया तुलसी की पत्तियों का रोजाना सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल रखा जा सकता है। तुलसी मेटाबॉजिल्म वाले वयस्कों में फास्टिंग ग्लूकोज को कम करने में फायदेमंद हो सकती है। शुगर को बढ़ने से रोकने के साथ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी इस औषधि के लाभ देखे गए हैं। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने से हार्ट की दिक्कतों को भी कम करने में मदद मिल सकती है।

कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोल

आयुर्वेदिक चिकित्सा में सबसे प्रचीन और प्रभावी औषधीय पौधों में तुलसी का विशेष स्थान है। इसमें एडाप्टोजेन पाया जाता है जो हृदय रोग, मधुमेह, सूजन संबंधी बीमारियों को करने के साथ प्रतिरक्षा विकारों से भी बचाती है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल रहने से धमनियों में रक्त का प्रवाह ठीक बना रहता है जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की स्थिति को हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं का भी कारक माना जाता है।

होली के लिए अभी से तैयार करके रखें साबूदाना के पापड़, व्रत में भी कर सकते हैं सेवन

होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें हर कोई एक ही रंग में रंग जाता है। होली खेलने के बाद लोग एक-दूसरे के घर बधाई देने जाते हैं। ऐसे में लोग अपने घरों में तरह-तरह के पकवान तैयार करके रखते हैं। इन पकवानों में गुजिया, नमकीन, सेव, मठरी आदि चीजें शामिल होती हैं। इन सभी चीजों के अलावा होली पर चिप्स पापड़ बनाने की प्रथा भी है। हर घर में होली से पहले लोग तमाम तरह के चिप्स और पापड़ तैयार करते हैं।

अगर आप भी पापड़ बनाने का सोच रहे हैं, तो साबूदाना के पापड़ एक बेहतर विकल्प है। साबूदाना का पापड़ बनाना बेहद आसान है और इसे आप एक बार बनाकर लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं। इसकी सबसे खास बात ये है कि इनका सेवन आप व्रत-उपवास में भी कर सकते हैं। तो चलिए देर ना करते हुए आपको साबूदाना का पापड़ बनाने की आसान रेसिपी बताते हैं।

साबूदाना के पापड़ बनाने के लिए सामान

साबूदाना – 1 कप
जीरा
सेंधा नमक – स्वादानुसार

विधि

वैसे तो साबूदाना के पापड़ बनाना बेहद ही आसान है, लेकिन इसे बनाने की विधि सही तरह से पूरी करना बेहद जरूरी है। साबूदाना के पापड़ बनाने से पहले कई बार साबूदाना को अच्छी तरह से धो जरूर लें।

साबूदाना
साबूदाना धोने के बाद एक बड़े कटोरे में साबूदाना से तीन गुना पानी डालकर इसे भिगो कर रख दें। दो से तीन घंटे के बाद जब ये सही तरह से फूल जाए तो एक बड़े भगोने में पानी लेकर उसे उबालना शुरू करें। जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें भिगो कर रखा गया साबूदाना डालकर पकाएं।

इसके बाद इसमें नमक और जीरा भी डालकर इसे मिक्स करें। ध्यान रखें कि इसे लगातार चलाते रहेंगे, तभी ये सही से पकेगा। अगर इसे चलाएंगे नहीं तो ये नीचे चिपक सकता है। जब ये घोल एकदम सफेद हो जाए तो गैस बंद कर दें।

अब एक बड़ी पॉलीथीन लेकर चमचे की मदद से गोल-गोल पापड़ बना लें। पापड़ बनने के बाद दो से तीन दिन की तेज धूप में इसे सुखा लें। जब से सही से सूख जाए तो इसे तेल या घी में तलकर आप इसका स्वाद ले सकते हैं। इसमें आपने सेंधा नमक डाला है। ऐसे में आप इसका सेवन व्रत में भी कर सकते हैं।