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ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री रह चुकीं थेरेसा मे नहीं लड़ेंगी चुनाव; 27 साल बाद छोड़ेंगी सांसद का पद

ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री रही थेरेसा मे ने सांसद का पद छोड़ने का एलान किया है। उन्होंने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने अगले आम चुनाव में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में अपने मेडेनहेड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। वे कंजर्वेटिव पार्टी से सात बार निर्वाचित होकर बर्कशायर सीट से सांसद रही हैं। साथ ही 2016 से 2019 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही थीं।

चुनाव न लड़ने का एलान करते हुए थेरेसा मे ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने के बाद से मैनें एक बैकबेंचर की तरह काम करने का मजा लिया है। इसके बाद मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के कुछ प्रमुख मुद्दों के लिए काम करने के लिए अधिक समय मिला है। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों में आधुनिक दासता और मानव तस्करी पर हाल ही में एक वैश्विक आयोग का शुभारंभ करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन सब में उनका अधिक समय जा रहा है। ऐसे में बहुत सोच विचार करने के बाद मैनें निर्णय लिया है कि अब मैं एक सांसद के रूप में अपना काम नहीं कर पाउंगी। ऐसे में मैंने अगले आम चुनाव में सहभागिता न करने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि ब्रिटेन की पूर्व पीएम मार्गरेट थैचर के बाद थेरेसा मे दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। उन्हें ‘नई आयरन लेडी’ के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने पीएम सुनक के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन देने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी जीत हासिल कर सती है। उन्होंने कहा कि मेडेनहेड में कंजर्वेटिव पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए मैं अपने उत्तराधिकारी के साथ काम करूंगी। मैं ऋषि सुनक और सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और विश्वास करती हूं कि कंजर्वेटिव चुनाव जीत सकते हैं।

उन्होंने मेडेनहेड निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का भी आभार जताया। थेरेसा ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि सांसद होने से बड़ा कोई विशेषाधिकार नहीं है। मैंने गृह सचिव और प्रधानमंत्री के रूप में काम किया है, लेकिन ये मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बिना संभव नहीं होता।

‘नेपाल के प्रति भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं’, पड़ोसी देश में सियासी उठापटक पर राजदूत

नेपाल के बीते कुछ दिन सियासी उठापटक से भरे रहे हैं। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ पंद्रह साल पुरानी साझेदारी खत्म करके मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। उनके इस कदम का वहां के सात प्रदेशों की सरकारों पर भी असर पड़ा है। प्रदेशों की सरकारों के अस्थिर होने का खतरा बढ़ गया है। इस बीच, भारत सरकार ने हिमालयी राष्ट्र के प्रति अपनी नीति को लेकर बड़ा आश्वासन दिया है। भारत ने शुक्रवार को नेपाल को आश्वासन दिया है कि नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी केंद्र) के बीच गठबंधन टूटने और नई सरकार के गठन के बाद हिमालयी राष्ट्र के प्रति उसकी नीति अपरिवर्तित रहेगी।

नेपाली मीडिया ने बताया कि भारत की ओर से यह आश्वासन नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव की ओर से मिला है। नेपाल के प्रति भारत की नीति के संबंध में नवीन ने गुरुवार को उप प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ और वित्त मंत्री वर्षा मान पुन से अलग-अलग शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दोनों मंत्रियों को बताया कि नेपाल के प्रति भारत की नीति अपरिवर्तित बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल में राजनीतिक बदलावों को उनका ‘आंतरिक मामला’ मानता है।

नेपाल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अमृत बहादुर राय ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेपाल विदेश मंत्रालय में नारायण काजी श्रेष्ठ के साथ बैठक के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय और पारस्परिक हित के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

सिलेंडर के दाम घटाने का सीएम योगी ने किया स्वागत, बोले- मातृशक्ति को धुएं से मिलेगी मुक्ति

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा गैस सिलेंडर के दामों में कमी करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे हमारी मातृशक्ति को प्रदूषण और धुएं से राहत मिलेगी।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि आज ‘महिला दिवस’ के अवसर पर एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की छूट का निर्णय करोड़ों परिवारों को आर्थिक राहत देने के साथ ही मातृशक्ति को धुएं और प्रदूषण से मुक्ति दिलाकर स्वस्थ व खुशहाल जीवन प्रदान करेगा। मातृशक्ति के सम्मान और पर्यावरण को संरक्षित करते इस लोक-कल्याणकारी सौगात के लिए प्रदेशवासियों की ओर से आपका हार्दिक आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी!

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर कहा कि महिला दिवस के अवसर पर आज हमने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की छूट का बड़ा फैसला किया है। इससे नारी शक्ति का जीवन आसान होने के साथ ही करोड़ों परिवारों का आर्थिक बोझ भी कम होगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार बनेगा, जिससे पूरे परिवार का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।

काशी विश्वनाथ धाम में 7 लाख के करीब भक्तों ने किए दर्शन, तस्वीरों में देखें झलकियां

वाराणसी: शिवभक्तों की आस्था के सबसे बड़े उत्सव महाशिवरात्रि पर काशी में बाबा विश्वनाथ दरबार में हर-हर महादेव के जयकारे गूंज रहे। विश्वनाथ धाम में लाखों भक्तों की कतार लगी है। भोर से ही भक्त बाबा के दर्शन को आतुर दिख रहे हैं। सुबह 4 बजे से लेकर 2 बजे तक करीब सात लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान दर्शनार्थियों पर फूल भी बरसाए गए। आगे की स्लाइड्स में तस्वीरों में देखें- दिनभर की झलकियां…

दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए परिसर में चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है। जगह- जगह स्थानों पर पेयजल चिकित्सा की टीमें तैनात हैं। महाशिवरात्रि का पर्व श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पर्व पर देश विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। भक्तों ने भोर से ही बाबा का जलाभिषेक कर जीवन मंगल की कामना की।

महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा दरबार में बाबा श्री काशी विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए दर्शनार्थी गुरुवार की शाम से ही कतार बद्ध होकर सभी प्रवेश द्वारों पर इंतजार करने लगे। मंगला आरती के पश्चात जैसे ही भोर में 4 बजे बाबा का पट आम दर्शनार्थियों के लिए खुला सभी श्रद्धालु हर हर महादेव और बोल बम के जयकारे लगाते हुए बाबा दरबार में पहुंचे और जलाभिषेक कर जीवन मंगल कामना की। इस वर्ष महाशिवरात्रि के बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए लगभग 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में दर्शन के लिए बहुत अधिक भीड़ देखने को मिल रही है।

काशी में शिव विवाह के साक्षी बनेंगे शिवभक्त
महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्त भगवान शिव और माता गौरा के विवाह के साक्षी बनेंगे। पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी का आवास जनवासा बनेगा तो श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह मंडप में तब्दील हो जाएगा। शिवयोग, सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि योग और शुक्र प्रदोष के संयोग में महाशिवरात्रि का महापर्व मनेगा। भगवान शिव और मां गौरा के विवाहोत्सव के आयोजन होंगे।

शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब, लगीं लंबी कतारें; देखें तस्वीरें

फिरोजाबाद: फिरोजाबाद में महाशिवरात्रि पर आज शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ा। मंदिरों में तैयारी को अंतिम रूप देने का क्रम चलता रहा। पूजा अर्चना के साथ भव्य फूल बंगले सजाए गए। इधर प्राचीन सांती मंदिर में कांवड़ लेकर आने वाले गंगाजल चढ़ाने वालों की कतार लगी दिखाई दी। इस दौरान भव्य मेले का आयोजन किया गया।

शहर के प्राचीन श्री सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर मोहल्ला दुली, मंदिर श्री राधामोहन महाराज मोहल्ला दुली पर भगवान शिव का अभिषेक हुआ। बाईपास रोड स्थित गोपाल आश्रम प्रांगण में चिंताहरण महादेव मंदिर पर अनेक कार्यक्रमों की शृंखला संचालित हुईं। यहां जय भोले कमेटी की ओर से कार्यक्रम आयोजित हुए। कोटला रोड स्थित श्री रमणेश्वर महादेव मंदिर, शिव बजरंग वाटिका रसूलपुर के साथ पेमेश्वरनाथ महादेव मंदिर, शिव मंदिर छोटी छपैटी, रामेश्वर नाथ महादेव मंदिर गल्ला मंडी, पंचमुखी महादेव मंंदिर पुरानी तहसील प्रंगण, चौबीस घंटा मंदिर सहित ग्रामीण अंचल के शिव मंदिरों पर पूजा अर्चना के साथ कांवड़ चढ़ाई गईं।

मंदिरों में भव्य फूल बंगला सजाने के साथ अभिषेक, आरती के साथ प्रसाद का वितरण हुआ। इधर नगर में छारबाग स्थित शिव मंदिर में कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। हवन यज्ञ के साथ यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

सांती में लगा मेला, उमड़े कांवड़ियां
प्राचीन श्री सांतेश्वरनाथ महादेव मंदिर सांती में महाशिवरात्रि पर गंगाजल भरकर लाने वाले कांवड़ियों की कतार लगी दिखाई दी। मंदिर प्रांगण में भव्य मेला लगा। आसपास के ग्रामीण इलाकों के साथ शहर से काफी संख्या में श्रद्धालुजन यहां पूजा अर्चना करने पहुंचे। महिलाओं के द्वारा मेले में घरेलू जरूरत के सामान की खरीदारी की जाती है। खेल तमाशे के साथ ही अन्य दुकानें सजी दिखाई दीं।

वनखण्डेश्वर महादेव मंदिर
जसराना के वनखण्डेश्वर महादेव मंदिर पर फूल बंगला सजने के साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बृहस्पतिवार को कांवड़यात्रियों के जयकारों से जसराना की सड़कें शिवमय हो गईं। सोरों से कांवड़ के माध्यम से आने वाले गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक होगा। जसराना के वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के साथ मां कामाख्या धाम में भक्तों द्वारा रुद्राभिषेक भी कराए गए।

महाशिवरात्रि पर भोले बाबा का अद्भुत श्रृंगार, मंदिरों के बाहर सुबह से लगीं लंबी लाइनें, PICS

महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। लोग सुबह से ही दर्शन-पूजन के लिए लंबी लाइनें लगाकर खड़े हैं।श्रद्धालु मंदिरों में जलाभिषेक करने के बाद शिव लिंग को बेल-पत्र अर्पित कर रहे हैं।

महाशिवरात्रि को लेकर कल रात से ही तैयारियां शुरू कर दी गईं थीं। मंदिरों की साफ-सफाई करने के साथ ही सज्जा की जाने लगी थी।लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में भगवान शिव-पार्वती का अद्भुत श्रृंगार हुआ।

मनकामेश्वर मंदिर में भगवान शिव व माता पार्वती का अद्भुत श्रृंगार किया गया। महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने को लेकर पहले से ही तैयारियां की गई थीं। कई शहरों में यातायात में बदलाव किया गया है। मंदिर वाले मार्गों में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

शिवभक्तों ने मंदिर मे दिया जलाकर और आरती कर भगवान शिव की आराधना की। मोहन रोड बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते शिवभक्त।

बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करते शिव भक्त। सीतापुर के श्यामनाथ मंदिर में भगवान शिव का श्रृंगार व शिवलिंग का जलाभिषेक करते शिव भक्त।

महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों से पट गया महादेवा
बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र में स्थित पौराणिक तीर्थ स्थल श्री लोधेश्वर महादेवा में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर के कपाट नहीं बंद किए गए और पूरी रात जलाभिषेक चलता रहा। सुबह 3:00 के बाद भीड़ इतनी बढ़ गई कि मंदिर से लेकर मुख्य सड़क तक श्रद्धालुओं की कतार लग गई। अपने आराध्य को जल गंगाजल, शहद, पुष्प, दूध, दही, फल, मिष्ठान अर्पित करने के लिए श्रद्धालु भक्ति भाव से महादेवा में मौजूद है और हर हर महादेव का उद्घोष कर रहे हैं।

शाहजहां शेख के इलाके में भाजपा की रैली को मिली इजाजत, हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

कोलकाता:कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा को 10 मार्च को उत्तर 24 परगना के अखराताला में रैली करने की इजाजत दे दी है। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि रैली के लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए जाएं ताकि रैली में आने वाले लोगों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि रैली के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा भी ऐसी बयानबाजी न की जाए, जिससे माहौल बिगड़े या कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो।

शाहजहां शेख के इलाके में होगी रैली
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उत्तर 24 परगना जिले में नजत थाना क्षेत्र में रैली करने की मंजूरी मांगी थी। गौरतलब है कि नजत थाना क्षेत्र में ही टीएमसी नेता शाहजहां शेख का घर आता है। शाहजहां शेख संदेशखाली मामले, ईडी टीम पर हमले और राशन घोटाले के मामले में आरोपी है और हाल ही में सीबीआई को उसकी हिरासत मिली है।

ऐसे में नजत क्षेत्र में भाजपा की रैली से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है। सुवेंदु अधिकारी ने अपने वकील के द्वारा मांग की थी कि नजत क्षेत्र के सुंदरीखाली में रैली की इजाजत दी जाए, लेकिन हाईकोर्ट ने एक और वैकल्पिक जगह बताने का निर्देश दिया। इस पर सुवेंदु अधिकारी ने अखराताला का नाम सुझाया, जिस पर हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी।

हाईकोर्ट ने जारी किए ये निर्देश
भाजपा की इस रैली का टीएमसी द्वारा विरोध किया जा रहा था। टीएमसी का आरोप था कि रैली से इलाके में हिंसा भड़कने का डर है। हालांकि हाईकोर्ट ने टीएमसी के विरोध को दरकिनार करते हुए रैली की मंजूरी दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि भाजपा 10 मार्च को सुबह 9 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रैली का आयोजन कर सकती है, लेकिन रैली के दौरान भाषा का संयम रखा जाए और भड़काऊ बयानबाजी न की जाए, जिससे हिंसा भड़कने का डर रहे।

साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस को भी रैली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने और सुरक्षा का ध्यान रखने का निर्देश दिया है, ताकि रैली में शामिल लोगों और स्थानीय लोगों को कोई समस्या न रहे। टीएमसी भी ब्रिगेड परेड ग्राउंड, कोलकाता में रैली करेगी।

मणिपुर के थौबल में भारतीय सेना के जूनियर कमीशन अधिकारी का अपहरण

मणिपुर के थौबल जिले में भारतीय सेना के जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) का शुक्रवार को असामाजिक तत्वों ने उनके घर से अपहरण कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

परिजनों को पहले से मिल रही थीं धमकियां
उन्होंने बताया कि जेसीओ की पहचान चरंगपत ममांग लेईकाई निवासी कोंसम खेड़ा सिंह के रूप में हुई है। कोंसम खेड़ा सिंह शुक्रवार को छुट्टी पर थे। कुछ लोग सुबह नौ बजे उनके घर में घुस गए और उन्हें एक वाहन में ले गए। अधिकारियों ने बताया कि अपहरण क्यों किया गया है, इसकी वजह का पता नहीं चल पाया है। लेकिन पहली नजर में यह मामला जबरन वसूली का लग रहा है। सेना के अधिकारी के परिजनों पहले इस तरह की धमकियां मिल चुकीं थीं।

सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू किया तलाशी अभियान
सूचना मिलने पर सभी सुरक्षा एजेंसियों ने जेसीओ को बचाने के लिए साझा तलाशी अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर चलने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही है। अपहरण के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मणिपुर में संघर्ष शुरू होने के बाद से यह चौथी घटना है, जब छुट्टी या ड्यूटी पर तैनात सैनिकों या उनके रिश्तेदारों को असामाजित तत्वों ने निशाना बनाया है।

पिछले साल भी सेना के जवान का हुआ था अपहरण
पिछले साल सितंबर में असम रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक सर्तो थांगथांग कोम का घाटी में एक सशस्त्र समूह ने अपहरण किया था और उनकी हत्या कर दी थी। वह मणिपर के लीमाखोंग में रक्षा सेवा कोर (डीएससी) में तैनात थे। दो महीने बाद एक हथियारबंद समूह ने चार लोगों का उस समय अपहरण कर लिया था, जब वे वाहन से पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से लीमाखोंग जा रहे थे।

चारों जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान के परिवार के सदस्य थे। पांचवें सदस्य (सैनिक के पिता) घायल हो गए थे और भागने में कामयाब रहे। बाद में सेना इलाज के लिए उन्हें दीमापुर ले गई। बाद में उन्हें असम के गुवाहाटी के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जयराम रमेश बोले- परीक्षा की प्रक्रिया के हर चरण में सुनिश्चित होगी ईमानदारी, नया कानून लाएंगे

नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने युवाओं के लिए ‘पेपर लीक से मुक्ति’ की गारंटी का एलान किया। पार्टी ने इसे ‘युवा न्याय’ करार देते हुए कहा कि इस गारंटी का मकसद सिर्फ दोषियों को दंडित करना नहीं है। बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाना है।

कांग्रेस ने किया पांच गारंटी का एलान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “पार्टी ने वादा किया है कि वह एक नया कानून लाएगी जिससे परीक्षा की प्रक्रिया के हर चरण में ईमानदारी व निष्पक्षता के उच्च मानक सुनिश्चित होंगे।” एक दिन पहले पार्टी ने सत्ता में आने पर युवाओं के लिए ‘पांच’ गारंटी का एलान किया और इसे ‘युवा न्याय’ करार दिया। इसमें खाली सरकारी पदों को भरना, 25 साल से कम आयु के डिप्लोमा या डिग्री धारक युवाओं को सरकार या निक्षी क्षेत्र में औद्योगिक प्रशिक्षण, अस्थायी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा और युवाओं के लिए स्टार्टअप फंड शामिल हैं।

सुरक्षित हो युवाओं का भविष्य: जयराम रमेश
रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, कल (गुरुवार) कांग्रेस ने पांच युवा न्याय गारंटी का एलान किया, ताकि करोड़ों युवाओं को परेशानी में डालने वाले मुद्दों का समाधान कर युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा, “हमारी एक गारंटी पेपर लीक से मुक्ति है। क्योंकि हमारा मकसद न केवल पेपर लीक के दोषियों को दंडित करना है, बल्कि किसी भी पेपर लीक को रोकना है।”

‘परीक्षा प्रक्रिया के हर चरण में होगी ईमानदारी और निष्पक्षता’
उन्होंने कहा, “हम नया कानून लाएंगे जो कागज या कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं के लिए पेपर सेटिंग, प्रिंटिंग, परिवहन, प्रशासन और निरीक्षण तक परीक्षा प्रक्रिया के हर चरण में ईमानदारी और निष्पक्षता के उच्च मानकों को सुनिश्चित करेगा। रमेश ने दावा किया कि पेपर लीक के मुद्दे से निपटने के लिए भाजपा की मौजूदा नीति पर पर्याप्त नहीं है।” उन्होंने कहा, “कई राज्यों में पेपर लीक के कानूनों के बावजूद बीते सात वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक के मामलों ने दो करोड़ युवाओं पर कहर बरपाया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में हमने देखा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के 50 लाख अभ्यर्थियों प्रभावित हुए।”

भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है बेलपत्र ? जानिए शिवलिंग पर अर्पित करने के नियम

आज देशभर में महाशिवरात्रि बड़े ही धूम-धाम से साथ मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि का पावन पर्व परम सिद्धिदायक भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। शिवभक्त इस दिन भोलेनाथ की उपासना कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हम दूध, दही, शहद, घी, भांग, धतूरा, पुष्प, फल और बेलपत्र आदि चीजें अर्पित करते हैं। लेकिन शास्त्रों में बेलपत्र अर्पित करने का बहुत महत्व बताया गया है। शिवपुराण के अनुसार एक लाख बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से मनुष्य अपनी सारी काम्य वस्तुएं को प्राप्त कर लेता है। आइए जानते हैं बेलवृक्ष की महिमा और इसको चढ़ाने के नियम।

बिल्ववृक्ष की महिमा
शिवपुराण के अनुसार बिल्ववृक्ष शिवजी का ही रूप है। देवताओं ने भी इस शिवस्वरूप वृक्ष की स्तुति की है। तीनों लोकों में जितने पुण्य-तीर्थ प्रसिद्ध हैं, वे सम्पूर्ण तीर्थ बिल्व के मूलभाग में निवास करते हैं। जो पुण्यात्मा मनुष्य बिल्व के मूलभाग में लिंगस्वरूप अविनाशी महादेवजी का पूजन करता है, वह निश्चय ही शिवपद को प्राप्त होता है।

शिवपुराण के अनुसार तीनों लोकों में जितने पुण्य तीर्थ प्रसिद्ध हैं, वे सम्पूर्ण तीर्थ बिल्व के मूल भाग में निवास करते हैं। जो मनुष्य बिल्व के मूल में लिंगस्वरूप अविनाशी महादेव का पूजन करता है,व ह निश्चय ही शिवपद को प्राप्त होता है। जो बिल्व की जड़ के पास जल से अपने मस्तक को सींचता है वह सम्पूर्ण तीर्थों में स्नान का फल पा लेता है और वही प्राणी इस भूतल पर पावन माना जाता है। जो मनुष्य गंध, पुष्प आदि से बिल्व के मूलभाग का पूजन करता है, वह शिवलोक को पाता है और इस लोक में भी उसकी सुख-संतति बढ़ती है।

जो बिल्व की जड़ के समीप आदरपूर्वक दीप जलाकर रखता है ,वह तत्वज्ञान से सम्पन्न हो भगवान महेश्वर में मिल जाता है। जो बिल्व की शाखा थामकर हाथ से उसके नए-नए पल्लव उतारता और उनको शिवलिंग पर अर्पित करता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है। जो बिल्व की जड़ के समीप भगवान शिव के भक्त को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराता है,उसे कोटिगुना पुण्य की प्राप्ति होती है। जो बिल्व की जड़ के पास शिवभक्त को खीर और घृतयुक्त भोजन देता है, वह कभी दरिद्र नहीं होता है। भगवान शिव जी को परम प्रिय बिल्ववृक्ष जिस किसी के घर में होता वहां धन संपदा की देवी लक्ष्मी पीढ़ियों तक निवास करती हैं।

शिवजी को इसलिए चढ़ाया जाता है बेल पत्र
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब कालकूट नाम का विष निकला तो इसके प्रभाव से सभी देवता और जीव-जंतु व्याकुल होने लगे। सारी सृष्टि में हाहाकार मच गया। संपूर्ण सृष्टि की रक्षा के लिए देवताओं और असुरों ने भगवान शिव से प्रार्थना की। तब भोलेनाथ ने इस विष को अपनी हथेली पर रखकर पी लिया।

विष के प्रभाव से स्वयं को बचाने के लिए उन्होंने इसे अपने कंठ में ही रख लिया। जिस कारण शिवजी का कंठ नीला पड़ गया, इसलिए महादेवजी को ‘नीलकंठ’ कहा जाने लगा। लेकिन विष की तीव्र ज्वाला से भोलेनाथ का मस्तिष्क गरम हो गया। ऐसे समय में देवताओं ने शिवजी के मस्तिष्क की गरमी कम करने के लिए उन पर जल उड़ेलना शुरू कर दिया और ठंडी तासीर होने की वजह से बेलपत्र भी चढ़ाए ।