Wednesday , October 23 2024

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यूपी में बुललडोज और फर्जी एनकाउंटर से कुचला जा रहा संविधान, कांग्रेस करेगी संघर्ष

प्रयागराज:यूपी में बुलडोजर राज और फर्जी एनकाउंटर के द्वारा संविधान को कुचला जा रहा है, लेकिन कांग्रेस ऐसा कतई नहीं होने देगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में समानता और सभी वर्गों को न्याय दिलाने के लिए अधिकार दिया हैं। जिसकी रक्षा करने के लिए कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे।

यह बातें रविवार को सहसों के लाला बाजार में आयोजित कांग्रेस के संविधान सम्मान समारोह व जन सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार में माता- बहनें असुरक्षित हैं। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि देश में ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है। कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मजबूती बनाएं जिससे आने वाले फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में गठबंधन पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ सके। हम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का संदेश लेकर हम सब यहां आए हैं। राष्ट्रीय महासचिव राजेश तिवारी ने कहा कि फूलपुर उपचुनाव सहित पूरे प्रदेश में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे और संविधान को बचाने के लिए जरूरत पड़ी तो अपने प्राणों की भी बाजी लगाएंगे।

कार्यक्रम को सांसद अमेठी किशोरी लाल शर्मा, सांसद प्रयागराज उज्जवल रमण सिंह, विधायक मोना मिश्रा, शेखर बहुगुणा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में जिलाध्यक्ष सुरेश यादव ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। मौके पर मनीष मिश्र, मकसूद खान, संजय तिवारी, रामकिशुन पटेल, देवराज उपाध्याय, अशफाक अहमद, हलीम अंसारी, मुकुंद तिवारी, हरकेश तिवारी, गुलाब यादव, इमरान खान, इश्तियाक अहमद, प्रदीप मिश्रा, अंशुमन, अरुण तिवारी रहे।

बाइक समेत सड़क किनारे बने गड्ढे में समा गया युवक, किसी तरह खींचकर बाहर निकाला, तस्वीरें व वीडियो

रायबरेली:  रायबरेली शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर हाईवे किनारे बना एक गड्ढा भारी बारिश में परेशानी का सबब बन गया। रविवार दोपहर एक युवक बाइक समेत गड्ढे में गिर गया।यह गड्ढा इतना गहरा है कि इसमें पूरी बाइक ही समा गई। बाद में कुछ लोगों ने साहस कर बाइक को गड्ढे से बाहर निकाला।लोगों का कहना था कि कई बार शिकायत के बाद भी न प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई की और न ही जिला प्रशासन ने ध्यान दिया।

लगातार हो रही बारिश से शहर के गड्ढे जानलेवा बन गए हैं। जलभराव से पता भी नहीं चल पाता है कि कहां पर कितना पानी भरा है गड्ढा इतना गहरा था कि पूरी बाइक इसमें समा गई। शहर में कई जगह गड्ढे बन गए हैं। जो कि आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। रायबरेली में कल रात से ही बारिश हो रही है जिससे कि पूरे शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह जलभराव हो गया है।

बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त करेगी योगी सरकार, नवरात्रि में शुरू होगा अभियान

लखनऊ:  महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार अक्तूबर 2024 से ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण की शुरुआत करने जा रही है। मई 2025 तक चलने वाले इस चरण में जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस दौरान 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। इतना ही नहीं, योगी सरकार के निर्देश पर होने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों के दौरान 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित कर उनके स्वास्थ्य और विद्यालय पहुंचकर नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करने की राह आसान की जाएगी।

इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, बालिका शिक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। मिशन शक्ति का यह चरण महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

नवरात्र पर बालिकाओं में शक्ति का भाव भरेगी योगी सरकार
भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए, ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण के अंतर्गत नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्तूबर तक, विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनसे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, गुड-टच, बैड-टच से परिचित होंगी बेटियां
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में 3 से 10 अक्तूबर तक विद्यालयों में बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड-टच, बैड-टच जैसे मुद्दों पर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।

10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण
नवंबर 2024 से 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।

167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र
पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में मीना मेला और करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।

वारंटी पकड़ने गलत घर में घुसी पुलिस, युवक से खींचतान, बिना वजह तीसरी बार घुसने का आरोप

बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं में वारंटियों की गिरफ्तारी का अभियान हर शनिवार की रात को जिला पुलिस चला रही है। जरीफनगर पुलिस ने देर रात वारंटी की तलाश में दबिश दी, लेकिन पुलिस गलत घर में घुस गई। आरोप है कि सिपाहियों ने परिवार के एक सदस्य से खींचतान व बदसलूकी की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं अधिकारी पूरे मामले में भूलवश ऐसा होने की बात कह रहे हैं।

जरीफनगर थाना पुलिस क्षेत्र के कस्बा दहगवां में शाकिर के घर देर रात जा धमकी। दरवाजा खुलवाने के बाद पुलिस की पूरी टीम घर के अंदर पहुंची। यहां पुलिस को वारंटी रागिब की तलाश थी। पुलिस का कहना था कि वो पत्नी से चल रहे मुकदमे की तारीख करने काफी समय से कोर्ट नहीं गया है। जबकि रागिब लगातार कोर्ट में हाजिर हो रहा था। पुलिस ने दस्तावेज चेक किए तो चूक का एहसास हुआ। इसी बीच वहां मौजूद एक युवक ने आरोप लगाया कि एक हेड कांस्टेबल ने घर में घुसते ही पीछे से उसकी गर्दन पकड़ ली। इसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी भी हुई।

तीन बार दी गई दबिश
परिजनों का कहना है कि रागिव की तलाश में पुलिस शाकिर के घर में घुस आती है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। परिवार का कहना है कि पुलिस तीसरी बार घर में घुसी है। इससे पहले भी पिछले दिनों दो बार वारंटी की तलाश में दबिश दी थी। बार-बार पुलिस गलत पते पर जानबूझकर आ रही है। इधर, जरीफनगर के थानाध्यक्ष रविकरन सिंह ने बताया कि भूलवश पुलिस गलत घर में चली गई थी। खींचतान या गर्दन पकड़ने का आरोप निराधार है।

पुलिस ने जिले भर से पकड़े 50 वारंटी
एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह के निर्देश पर जिले में सभी थाना पुलिस ने शनिवार रात वारंटियों को पकड़ने का अभियान चलाया। पुलिस ने 50 वारंटियों को गिरफ्तार श्या। रविवार को इन वारंटियों को एसएसपी देहात केके सरोज के सामने पेश किया गया। उन्होंने वारंटियों को बताया कि कोर्ट की तारीख को ध्यान करते रहा करें जिससे वारंट जारी न हो। देर शाम सभी वारंटियों को जेल भेज दिया गया। एक माह में 357 वारंटियों को पुलिस जेल भेज चुकी है।

यूपी के पूर्वी और मध्य भाग में बूंदाबांदी के साथ ही भारी बारिश जारी, मंगलवार से कमजोर होगा मानसून

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्से में छिटपुट बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। वहीं, मंगलवार से आसमान साफ रहने की संभावना जताई गई है। पश्चिमी यूपी में मानसून सिमटता हुआ दिखाई दिया और अब वहां मौसम के शुष्क रहने के संकेत हैं।रविवार को मध्य यूपी के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान है। बस्ती, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर और आसपास के इलाकों में रविवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

मौसम वैज्ञानिक एम दानिश ने बताया कि मंगलवार से मानसून के कमजोर पड़ने के संकेत हैं। शनिवार की शाम से रविवार सुबह तक बांदा में सर्वाधिक 270 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गई। सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर और जौनपुर के साथ ही तराई इलाकों में भी अच्छी बारिश हुई।

इस दौरान 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वा हवाएं भी चलीं। भारी बारिश और तेज हवाओं के असर से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। राजधानी लखनऊ की बात करें तो रिमझिम बारिश का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा। तापमान गिरने से हवा में ठंडक का एहसास रहा। रविवार को दिन का अधिकतम तामपान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।

छत के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मां-बेटे की मौत, बचाने के प्रयास में बेटी भी झुलसी

महोबा: महोबा जिले में थाना श्रीनगर के सिजहरी गांव में छत पर रखी तिल की फसल को सुखाने के लिए पलटते समय लोहे का पाइप ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन में छूने से मां-बेटे की करंट की चपेट में आने से मौके पर मौत हो गई। बचाने के प्रयास में बेटी भी गंभीर रूप से झुलस गई। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिजहरी गांव निवासी ध्रुव यादव परिवार समेत खेती-किसानी करता था।

तीन दिन पहले आठ बीघा भूमि में बोई गई तिल की फसल कटने के बाद उसे मकान की छत पर सुखाने के लिए रखा था। बारिश होने के चलते फसल भीग गई थी। रविवार की दोपहर धूप निकलने पर ध्रुव यादव (36), उसकी मां रामबाई (58) और बहन ऊषा (26) छत पर रखी तिल की फसल को पलट रहीं थीं। ध्रुव लोहे के पाइप से फसल पलटा रहा था। तभी छत के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन में लोहे का पाइप छू गया। इससे वह करंट की चपेट में आ गया। बचाने दौड़ी मां और बहन भी पाइप में चिपक गईं। हादसे में मां-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई जबकि ऊषा की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। मृतक ध्रुव के पिता धर्मजीत का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों से कई बार छत के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन हटवाने के लिए कहा गया लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे हादसा हुआ। उधर, थानाध्यक्ष श्रीनगर शिवपाल सिंह कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। एक साथ मां-बेटे की मौत से ग्रामीणों में बिजली विभाग के अधिकारियों के प्रति आक्रोश दिखा।

नागपुर में जुए के अड्डे पर छापा, 12 गिरफ्तार, 3.6 लाख रुपये नकद जब्त, दो पुलिसकर्मी सस्पेंड

मुंबई:  महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस ने एक जुए के अड्डे पर छापा मारा। इस चापेमारी में उन्होंने 3.6 लाख रुपये नकद और अन्य सामान जब्त करने के साथ 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छापेमारी के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। क्षेत्र में अवैध गतिविधि के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए एक अन्य पुलिसकर्मी का ट्रांसफर कर दिया गया।

जुए के अड्डे पर छापेमारी
नागपुर ग्रामीण पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सहायक पुलिस अधीक्षक अनिल महास्के और उनकी टीम ने गुरुवार को आमगांव इलाके में जुए के अड्डे पर छापा मारा। इस दौरान पुलिस ने जुए खेलते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने 3.62 लाख रुपये से अधिक नकद, तीन कारें, पांच दोपहिया वाहन, कई मोबाइलफोन और अन्य सामान जब्त किया। इन चीजों की कुल कीमत 17.89 लाख रुपये बताई गई है।

दो पुलिसकर्मी निलंबित, एक अन्य का ट्रांसफर
छापेमारी के बाद पुलिस अधीक्षक डॉ. हर्ष पोद्दार ने पुलिस की लापरवाही का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जांच शुरू की। जांच में मालूम चला कि क्षेत्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार इंस्पेक्टर प्रशांत काले उचित कार्रवाई करने में विफल रहे थे। काले को नागपुर ग्रामीण पुलिस कंट्रोल रूम में ट्रांसफर किया गया।

वहीं, बीट इन-चार्ज गजानन माहुरे और स्थानीय अपराध शाखा के कांस्टेबल रोशन काले को निलंबित कर दिया गया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, इस जुए के अड्डे को गुंडा रमेश बरगट चला रहा था। यहां सिवनी, बालाघाट (मध्य प्रदेश), रामटेक, कुही, कैम्पटी और देवलापार (नागपुर में) से जुआरी आते थे।

‘पश्चिम बंगाल में बाढ़ की अनदेखी कर रही केंद्र सरकार’; सीएम ममता बनर्जी ने लगाए गंभीर आरोप

कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि उत्तर बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति को गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य को इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मदद नहीं मिल रही है।

पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस संकट का सामना युद्ध स्तर पर कर रही है। उन्होंने कहा, उत्तर बंगाल बाढ़ की चपेट में है। कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जैसे जिले प्रभावित हैं। कोशी नदी के जलग्रहण वाले क्षेत्रों में भारी बारिश का कूचबिहार, मालदा और दक्षिण दिनाजपुर के कुछ इलाकों पर भी असर पड़ेगा।

बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य को इस आपदा से निपटने में मदद करने में अपनी भूमिका नहीं निभा रही है। उन्होंने कहा, केंद्र ने फरक्का बैराज के रखरखाव का कार्य नहीं किया है और इसकी जल ग्रहण क्षमता काफी हद तक कम हो गई है। इसके बारे में हमने बार-बार उन्हें (केंद्र) याद दिलाया है।उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेता केवल चुनाव के समय पश्चिम बंगाल का दौरा करते हैं। लेकिन जब संकट आता है तो वे राज्य को भूल जाते हैं। सिर्फ बंगाल को ही बाढ़ राहत की निधियों से वंचित रखा जा रहा है।

कांग्रेस ने वित्तमंत्री से मांगा इस्तीफा, कहा- लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताए जाने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से बीजेपी पर हमला बोला है। चुनावी बॉन्ड घोटाले के आरोप में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अब कांग्रेस ने “लोकतंत्र को कमजोर करने” के लिए वित्तमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। विपक्षी दल ने समूची चुनावी बांड योजना की एसआईटी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की अपनी मांग को फिर से दोहराया है।

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी और कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि, चुनावी बांड के जरिए धन उगाही के लिए चार तरीकों का इस्तेमाल किया गया- प्रीपेड रिश्वत, पोस्टपेड रिश्वत, छापे के बाद रिश्वत और फर्जी कंपनियों के जरिए।

‘बॉन्ड स्कैम की कई कहानियां बता चुका है मीडिया’
सिंघवी ने कहा कि, मीडिया ने पिछले एक साल में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हुई कई सारी कहानियां, नाम और किस्से पब्लिश किए हैं। जिनमें कई सारे तथ्य भी हैं। उन स्टोरीज में बताया गया है कि: कैसे किसी कंपनी/व्यक्ति ने कब और किसने इलेक्टोरल बॉण्ड लिया। कई मामलों में पहले जांच एजेंसियों ने छापे मारे और फिर उन कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड लिया गया। ऐसा भी देखा गया कि इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदने के बाद उन मामलों में जांच धीमी हो गई। हमने कई मामलों में यह भी देखा कि जिन कंपनियों का पेड-अप कैपिटल 100 करोड़ भी नहीं था, लेकिन उन्होंने 500 करोड़ के इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदे थे।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि, इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में चौथा पहलू एफआईआर दर्ज होने का है। किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज होने का एक प्रावधान होता है, जिसमें मामले की प्राथमिक जांच के आधार पर अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश देती है। इस एफआईआर में भी वित्त मंत्री आरोपी नंबर 1 हैं और अन्य व्यक्ति भी संबंधित धाराओं के तहत मामले में आरोपी हैं।

आरबीआई ने जताई थी चिंता
कांग्रेस ने कहा कि, जब इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया जा रहा था, तो आरबीआई के गवर्नर ने कहा था कि, हम चिंतित हैं कि चुनावी बॉन्ड के मुद्दे का दुरुपयोग होने की संभावना है, विशेष रूप से शेल कंपनियों के उपयोग के माध्यम से। हमारा मानना है कि इसे किसी अन्य तरीके से बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है, अन्यथा, यह मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर जोखिम के साथ धोखाधड़ी को जन्म दे सकता है। ये बात आरबीआई के गवर्नर ने लिखी थी, लेकिन सरकार ने उनकी इस चिट्ठी को कूड़ेदान में फेंककर उन्हें हटा देती है। ये सब करने बाद सरकार ने इसपर मनी बिल का टैग लगा दिया… क्योंकि सरकार जानती थी कि ये राज्य सभा में पास नहीं हो पाएगा।

दिव्यांग बच्चों के अधिकारों पर जस्टिस नागरत्ना ने जताई चिंता, राज्यों को दिए अहम सुझाव

 नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस बी वी नागरत्ना ने रविवार को कहा कि दिव्यांग बच्चों के अधिकारों को यथासंभव व्यापक रूप से लागू किया जाना चाहिए। जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उन्हें सकारात्मक माहौल और सहायता मिले, ताकि वे रचनात्मक नागरिक बन सकें। न्यायमूर्ति नागरत्ना सर्वोच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति की अध्यक्ष भी हैं।

न्यायाधीश जस्टिस बी वी नागरत्ना ने कहा कि विकलांगता के साथ जी रहे बच्चे सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बच्चे हैं। उन्हें सुरक्षा का अधिकार और पारिवारिक वातावरण में रहने का अधिकार है। जस्टिस नागरत्ना ‘विकलांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा और विकलांगताओं की अंतर्संबंधता’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श के समापन सत्र में बोल रही थीं।

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि, विकलांग बच्चों के अधिकारों को सिद्धांत और व्यवहार में यथासंभव रूप से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ संकल्प विकलांग बच्चों को ऐसे समाज तक पहुंच प्रदान करना होना चाहिए जो उनकी अद्वितीय क्षमताओं को स्वीकार करता हो और उनकी आवाज को गरिमा और सम्मान के साथ बुलंद करता हो।

‘विकलांग बच्चों की सुरक्षा राज्यों की जिम्मेदारी’
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, इस परामर्श को समाप्त करने से पहले हमें बच्चों, विशेष रूप से विकलांग बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, बच्चों के अधिकारों में बाधा डालने वाली सभी बाधाओं को दूर करके विकलांग बच्चों की पहुंच और समावेशन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य को आवश्यक नीति और कानूनी कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि विकलांग बच्चों की सुरक्षा के लिए एक राज्य कार्य योजना विकसित करे। जिसकी समीक्षा और निगरानी राज्यों और उच्च न्यायालयों की किशोर न्याय समितियों द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। इससे पहले शनिवार को नागरत्ना ने कहा था कि नीतियां दिव्यांग बच्चों के लिए बाधाओं को दूर करने वाली होनी चाहिए क्योंकि इन अवरोधों को हटाने से उन्हें समाज में एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त होता है। नागरत्ना ने कहा, ऐसी दुनिया में, जहां संसाधन सीमित हैं और कई सारी प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताएं हैं, यह सुनिश्चित करना सर्वोपरि है कि दिव्यांग बच्चों को प्रभावित करने वाली नीतियां ठोस आंकड़ों और गहन शोध पर आधारित हों।