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अखिलेश यादव ने बताया भाजपा को हराने का फॉर्मूला, बोले- गणित बहुत आसान है

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को हराने का गणित बहुत आसान है… किसान की आय दोगुनी नहीं हुई… चुनाव आया काले कानून वापस ले लिए। किसान को खुश करने के लिए चौधरी चरण सिंह और स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया गया। अगर भाजपा के लोग सच में किसानों के दुख दर्द समझते हैं… तो स्वामीनाथन ने जो फॉर्मूला दिया था उसे अमल क्यों नहीं कर रहे हैं?”

अखिलेश यादव ने ये जवाब भाजपा को हराने का गणित पूछने पर दिया। वह लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने साफ किया कि वो लोकसभा चुनाव में मुद्दों के आसरे भाजपा को चुनौती देंगे। यूपी में सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। इसके तहत कांग्रेस प्रदेश की 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

वन रैंक, वन पेंशन पर मची रार, रकम पर भ्रम बरकरार, डिसेबिलिटी पेंशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई सरकार!

लोकसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने वन रैंक, वन पेंशन और पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि यूपीए सरकार द्वारा पास की गई वन रैंक, वन पेंशन स्कीम और पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लागू करे।

पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएं। बतौर कर्नल चौधरी, रक्षा मंत्रालय की 23 दिसंबर, 2022 के प्रेजेंटेशन में कहा गया था कि वन रैंक, वन पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं। अक्तूबर 2023 में राजस्थान चुनाव के दौरान झुंझुनू की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि 70,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। कुछ दिन पहले हरियाणा के रेवाड़ी में हुई एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, वन रैंक, वन पेंशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम दी जा चुकी है।

मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये बकाया

कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सैनिकों और पूर्व सैनिकों के समर्थन में मोदी सरकार के समक्ष कई मांगें रखी गई हैं। कर्नल रोहित चौधरी के मुताबिक, यूपीए सरकार द्वारा पास की गई वन रैंक, वन पेंशन स्कीम एवं पुरानी डिसेबिलिटी पेंशन को लागू करने और पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए मेडिकल स्कीम के छह हजार करोड़ रुपये, अविलंब जारी किए जाएं।

कांग्रेस की एक ही मांग वन रैंक, वन पेंशन स्कीम है, जिसे यूपीए सरकार ने दोनों सदनों में पास किया था। वर्ष 2014 में वन रैंक, वन पेंशन के लिए पूरा मसौदा तैयार किया गया था। वन रैंक, वन पेंशन पर कुल खर्च 8,300 करोड़ रुपये आना था। मोदी सरकार द्वारा 2015 में इसे लागू किया गया, मगर इसके कई पहलू हटा दिए गए।

23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं

चौधरी के अनुसार, कुल 5,300 करोड़ रुपे का खर्च पास किया गया। ओआरओपी-2 आने के बाद यह राशि 23 हजार करोड़ रुपये होनी चाहिए थी। रक्षा मंत्रालय की 23 दिसंबर, 2022 की प्रेजेंटेशन में कहा गया कि वन रैंक, वन पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रुपये निर्धारित हैं।

उसके बाद अक्तूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस बाबत 70,000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। पिछले दिनों रेवाड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, एक लाख करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है। दूसरी तरफ, रोहित चौधरी कहते हैं कि अभी तक कुल 23 हजार करोड़ रुपये ही दिए गए हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी देश के सामने झूठ बोलना बंद करें। केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों का 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज माफ कर दिया है, लेकिन उसके पास सेना को देने के लिए पैसे नहीं हैं।

राम मंदिर बन गया, क्या गौ हत्या पर बैन लगाने के लिए बनेगा कानून? शंकराचार्य ने की ये मांग

गौ हत्या का मामला भारत में हमेशा से विवादित रहा है। हिंदू समुदाय के धार्मिक संत-महात्मा हमेशा से गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने का कानून लाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक कारणों से यह मांग हमेशा पीछे छूट जाती रही है।

विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात खूब जोरशोर तरीके से उठाते रहे हैं, लेकिन मुस्लिम सांप्रदायिकता का विरोध कर अपनी राजनीति करने वाली भाजपा भी गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात पुरजोर तरीके से नहीं कह पाती है। इसका मूल कारण राजनीतिक मजबूरी ही माना जाता है।

इसी बीच, लोकसभा चुनावों के ठीक पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने यह मांग की है कि गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने का कानून तत्काल पारित किया जाए। उन्होंने जनता से भी यह अपील की है कि वे केवल उन्हीं राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को वोट करें जो गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने का कानून बनाने का समर्थन करते हों।

योगी की कोशिश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही राज्य में गौ हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लग गया है। यूपी सरकार गोवंश को पालने के लिए जगह-जगह पर गोशालाएं-बाड़ों का इंतजाम कर उनमें गोवंश को रखने पर आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। इससे गोवंश की हत्या के साथ-साथ उनके आवारा पशुओं के रूप में घूमने पर भी रोक लगी है। लेकिन इसके बाद भी घूमते गोवंश बताते हैं कि इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।

गौवंश पर काम करने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तब किसानों के लिए यह एक भार बन जाती है। उनके खानपान पर होने वाला खर्च उन्हें भारी पड़ने लगता है। वे उसे किसी भी मूल्य पर बेचकर कुछ पैसा पाना चाहते हैं। इस स्थिति में गोवंश को कसाइयों के द्वारा खरीदे जाने और उनकी हत्या होने की आशंका बढ़ जाती है। खेती के ज्यादातर कामकाज में मशीनों-ट्रैक्टर के उपयोग ने बैलों-सांड़ों को भी समाज के लिए अपेक्षाकृत बहुत अनुपयोगी बना दिया है। यही कारण है कि ये गौवंश कसाइयों के निशाने पर आ जाते हैं।

बंगलूरू के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट, सिलेंडर फटने की आशंका; पांच लोग घायल

बंगलूरू के राजाजीनगर स्थित रामेश्वरम कैफे में एक विस्फोट हुआ है। कम से कम पांच लोगों के घायल होने की सूचना है। व्हाइटफील्ड के फायर स्टेशन का कहना है कि हमें फोन आया कि रमेश्वरम कैफे में सिलेंडर विस्फोट हुआ है। हम मौके पर पहुंचे और हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस ने कहा कि शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे में संदिग्ध एलपीजी सिलेंडर में विस्फोट होने और आग में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं। हालांकि अभी घायलों की सटीक संख्या की जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस ने कहा कि पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस के मुताबिक, दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच कुंदनहल्ली में रामेश्वरम कैफे में विस्फोट के बाद आग लग गई। सूचना मिलने पर पुलिस और फायरब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच से ऐसा लगता है कि सिलेंडर में विस्फोट हुआ है। हालांकि, घटना की जांच की जा रही है। घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम सभी पहलुओं से घटना की जांच कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने 39125 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद सौदे को दी मंजूरी, भारतीय सेना को मिलेगी मजबूती

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना को मजबूत करने के लिए एक बड़ा सौदा किया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को 39,125 करोड़ रुपये के पांच सैन्य खरीद सौदों पर हस्ताक्षर किए।

इन कंपनियों को दिए सौदे
मंत्रालय के अनुसार, पांच में से एक सौदा मिग-29 विमानों के एयरो इंजन की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ किया गया है। वहीं, क्लोज-इन हथियार प्रणाली (CIWS) और उच्च-शक्ति रडार की खरीद के लिए लार्सन एंड टर्बो लिमिटेड को दो कॉन्ट्रैक्ट मिले हैं। इसके अलावा, ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ दो अन्य सौदों को अंतिम रूप दिया गया।

मंत्रालय ने कहा, ‘इन सौदों से स्वदेशी क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी। विदेशी मुद्रा बचेगी और भविष्य में विदेशी मूल के उपकरण निर्माताओं पर निर्भरता कम होगी।’

‘संदेशखाली की बहनों के साथ जो हुआ, उससे पूरा देश गुस्से में है’, आरामबाग में TMC पर बरसे पीएम मोदी

आगामी लोकसाभा चुनावों की तारीखों के एलान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के आरामबाग से लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार का आगाज किया। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे टीएमसी दुश्मन नंबर बनाती है लेकिन मोदी उनकी गालियों से झुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि लूटने वालों को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं।

TMC नेता ने बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस किया- PM मोदी
संदेशखाली मामले पर पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी के नेता ने संदेशखाली में बहनों-बेटियों के साथ दुस्साहस की सारी हदें पार कर दीं। जब संदेशखाली की बहनों ने अपनी आवाज बुलंद की, ममता दीदी से मदद मांगी, तो बदले में बंगाल सरकार ने टीएमसी नेता को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा दी। यह संदेशखाली की घटनाएं शर्म की बात है।

लगभग दो माह तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था। संदेशखाली की बहनों के साथ टीएमसी ने जो किया उसे देखकर पूरा देश गुस्से में है। मुझे यह देखकर शर्म आती है कि इंडिया गठंबधन के नेता संदेशखाली अत्याचारों पर चुप हैं। यहां तक केंद्रीय एजेंसियों को भी बंगाल में काम करने की इजाजत नहीं, टीएमसी उनकी कार्यप्रणाली के खिलाफ धरने पर बैठती है।

बंगाल के विकास में टीएमसी बाधक- पीएम मोदी
टीएमसी पर तीखा हमला करते हुए जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल के विकास में टीएमसी पूरी तरह से बाधक है। टीएमसी ने राज्य के गरीबों के घर तक नहीं बनने दिए। यहां तक कि केंद्र की जनकल्याण योजनाओं को टीएमसी ने रोका। आरामबाग में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए भ्रष्टाचारियों, परिवारवादियों और तुष्टिकरण करने वालों का साथ देना, यही एक काम बचा है और यही उनके लिए सबसे बड़ा काम है।

यूपी में सहयोगियों के लिए कितनी सीटें छोड़ेगी भाजपा? रालोद-सुभासपा को मिल सकती हैं इतनी सीट

आगामी लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के साथ 370 सीटें जीतने का लक्ष्य तय करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के लिए सीटें देने के लिए मंथन हुआ। गुरुवार को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री निवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की करीब छह घंटे तक बैठक चली।

इस बैठक में 21 राज्यों की 300 सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया गया। हालांकि इस बैठक में पंजाब, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में गठबंधन पर बातचीत तय होने तक उम्मीदवार घोषित नहीं करने का फैसला किया गया।

सहयोगी दलों को छह सीटें दे सकती है भाजपा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीटों में से भाजपा यूपी में सहयोगी दलों को छह सीट छोड़ सकती है। इसमें राष्ट्रीय लोकदल दो सीटों मिल सकती हैं, रालोद के अलावा अपना दल पार्टी भी दो सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। जबकि निषाद पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की सुभासुपा के लिए एक-एक सीट छोड़ी जा सकती है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

आपको बता दें कि पीएम की अगुवाई में हुई मैराथन बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में देर रात सीईसी की बैठक शुरू हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश में सहयोगी दलों को सीटें देने पर मंथन हुआ। बैठक में उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड, गुजरात, असम, झारखंड, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, अंडमान निकोबार, ओडिशा, दिल्ली, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर की सीटों पर मंथन हुआ।

इनसे जुड़ी करीब 300 सीटों पर तीन-तीन उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया गया। पार्टी की योजना एक या दो मार्च को पहली सूची जारी करने और दस मार्च तक तीन सौ सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की है।

दिल्ली की चार सीटों पर नए चेहरों को उतारने की तैयारी
आगामी लोकसभा चुनाव में राजधानी दिल्ली के मतदाता भाजपा की ओर से नए चेहरों का दीदार करेंगे। बीते चुनाव में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा इस बार राजधानी की सात में से कम से कम चार सीटों पर नए चेहरों को मौका देगी। पार्टी नेतृत्व ने इस बार मनोज तिवारी, रमेश विधूड़ी और प्रवेश वर्मा को ही दोबारा मौका देने का मन बनाया है।

इंटेल के पूर्व कंट्री हेड को टक्कर मारने वाले कैब चालक का खुलासा, कहा- झपकी लगने से हुआ हादसा

नवी मुंबई में बुधवार को तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से इंटेल इंडिया के पूर्व कंट्री हेड अवतार सैनी की मौत हो गई। इस घटना के बाद कैब चालक ने पुलिस को बताया कि पूरी रात कैब चलाने के कारण उसे छपकी आ गई थी, जिस वजह से उसने वाहन से नियंत्रण खो दिया था। पुलिस ने 23 वर्षीय कैब चालक ऋषिकेश खरे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “मामले की जांच के दौरान कैब चालक ऋषिकेश खरे ने कहा कि पूरी रात गाड़ी चलाने के कारण उसे झपकी आ गई थी, जिस वजह से उसने नियंत्रण खो दिया था और उसकी कैब अवतार सैनी की साइकिल से टकरा गई।” उन्होंने आगे कहा, “आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सैनी के रिश्तेदार विदेश में रहते हैं और वे अंतिम संस्कार के लिए भारत आ रहे हैं।”

कैब चालक खरे को खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 337 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालने के लिए लापरवाही से काम करके चोट पहुंचाना) और 304-ए (किसी भी तेज या लापरवाही से काम करके किसी व्यक्ति की मौत करना, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

कैसे हुई सैनी की मौत
दुर्घटना बुधवार सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर हुई जब सैनी (68) अपने साथियों के साथ नेरुल इलाके में पाम बीच रोड पर साइकिल चला रहे थे। एक तेज रफ्तार कैब ने सैनी की साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी और चालक ने मौके से भागने की कोशिश की। उनके साथियों ने उन्हें अस्पताल ले गए जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। चेंबूर के रहने वाले सैनी ने इंटेल 386 और 486 माइक्रोप्रोसेसरों पर काम किया। उन्होंने कंपनी के पेंटियम प्रोसेसर के डिजाइन का नेतृत्व भी किया।

हार्ट-डायबिटीज वालों को इस नट से मिल सकता है लाभ, कोलेस्ट्रॉल-शुगर कंट्रोल रखने में फायदेमंद

सूखे मेवे-नट्स को सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया अगर आप रोजाना एक मु्ट्ठी नट्स का सेवन करते हैं तो ये कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों से बचाने में मददगार हो सकती है। नट्स में शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा होती है जो आपको गंभीर रोगों से बचाने में सहायक हो सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर क्रोनिक बीमारियों का खतरा कम करने तक के लिए सूखे मेवे फायदेमंद हैं। अध्ययनकर्ताओं ने बताया, अगर आप काजू को अपने आहार का हिस्सा बना लेते हैं तो सेहत के लिए ये बहुत लाभकारी हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में इस सूखे मेवे का सेवन आपको लाभ दिला सकता है।

पोषक तत्वों से भरपूर काजू

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, काजू पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं। 28 ग्राम काजू से प्रोटीन (5 ग्राम), फाइबर (1 ग्राम), दैनिक जरूरतों का 20 प्रतिशत मैग्नीशियम और 15 फीसदी जिंक प्राप्त किया जा सकता है। काजू विशेष रूप से असंतृप्त वसा से भरपूर होता है, इसे समय पहले मौत और हृदय रोग के जोखिमों को कम करने वाला पाया गया है। इसमें शुगर की मात्रा कम होती है और ये फाइबर का स्रोत है, जिससे आपकी सेहत को लाभ मिल सकता है।

वजन बढ़ने का जोखिम कम

वजन कम करने के इच्छुक लोगों को आहार में नट्स की मात्रा शामिल करने की सलाह दी जाती है। अखरोट, बादाम और काजू जैसे नट्स में कैलोरी कम होती है, साथ ही ये अन्य पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत माने जाते हैं, ऐसे में इसके सेवन से वजन बढ़ने का खतरा कम होता है। इसके अलावा काजू के सेवन से हृदय के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।

हृदय स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है

काजू सहित अन्य नट्स से भरपूर आहार को कई अध्ययनों में स्ट्रोक और हृदय रोगों के जोखिमों को कम करने वाला पाया गया है। एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप-2 डायबिटीज वाले जिन लोगों ने दैनिक कैलोरी का 10% काजू का सेवन किया, उनमें एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल कम हुआ। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की सीमित मात्रा को आमतौर पर अच्छे हृदय स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में देखा जाता है।

थकान और कमजोरी महसूस होने पर रोजाना करें ये योगासन, हल्का और ऊर्जावान होगा महसूस

खराब जीवनशैली, खानपान में गड़बड़ी से पौष्टिकता में कमी और नींद पूरी न होने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से लोग ग्रसित हो जाते हैं। इस अवस्था में व्यक्ति पूरा दिन थकान महसूस करता है। भले ही आप आराम कर लें या कुछ काम न करें लेकिन अंदरूनी तौर पर आप कमजोर और थकावट महसूस करते रहते हैं। इस स्थिति को क्रोनिक फटीग सिंड्रोम कहा जाता है। थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए आप दिन भर बिस्तर पर लेटे रहना चाहते हैं। हालांकि शरीर में ऊर्जा की इतनी कमी होती है कि शरीर में भारीपन महसूस होने लगता है। ऐसे में आप थकान और कमजोरी की इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योगासन कर सकते हैं। योग आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही स्टेमिना का भी बढ़ाता है। आंतरिक तौर पर आपको शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस करता है। अगर आप भी थकावट अनुभव करते हैं तो इन योगासनों को करें नियमित अभ्यास में शामिल।

बालासन

कमजोरी और थकान की शिकायत हो तो नियमित बालासन का अभ्यास करें। इस आसन से तनाव कम होता है, साथ ही ऊर्जा मिलती है। बालासन को करने के लिए जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब दोनों टखने और एड़ियों को आपस में एक दूसरे से टच करें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर लाएं और आगे की ओर झुकें। फिर पेट को दोनों जांघों के बीच लाते हुए सांस छोड़ें। इस अवस्था में कुछ देर रूके। बाद में घुटनों को सीध में कर लें और वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।

धनुरासन

धनुरासन के अभ्यास से थायराइड में बहुत फायदा मिलता है। ऊर्जावान रहने के साथ ही मोटापे को कम करने के लिए भी धनुरासन कर सकते हैं। धनुरासन के अभ्यास के लिए मैट पर पेट के बल लेटकर घुटनों को कमर के पास ले जाएं। अब हाथ से दोनों टखनों पकड़ने का प्रयास करें। फिर सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाते हुए शरीर का भार पेट के निचले हिस्से पर रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रूकें, बाद में सामान्य स्थिति में आ जाएं।

ताड़ासन

इस आसन से पूरा शरीर स्ट्रेच होता है। ताड़ासन करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े होकर पैरों के बीच कुछ दूरी रखें। गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और स्ट्रेच करके एड़ी उठाते हुए पैर की उंगलियों पर खड़े हो जाएं। इस अवस्था में शरीर के हर अंग में खिंचाव को महसूस करेंगे। अब कुछ देर इसी अवस्था में रूकने के बाद सामान्य स्थिति में लौट आएं। इस आसन को 10 से 15 बार दोहराएं।

शवासन

शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करने के लिए शवासन लाभदायक है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर लेटकर पैरों को ढीला छोड़ दें। दोनों हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखते हुए पैर के अंगूठे से लेकर पूरे शरीर के अंगो पर धीरे-धीरे ध्यान केंद्रित करें। मन को शांत रखें और शरीर में ऊर्जा पैदा हो रही है।