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कैबिनेट मंत्री राजभर बोले, सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं

जीबीसी 4.0 के दूसरे दिन मंगलवार को कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिल्टी कान्क्लेव (सीएसआर) का आयोजन हुआ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कॉन्क्लेव में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री असीम अरुण, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभिन्न कंपनियों के सीएसआर प्रमुखों से संवाद किया।

इस दौरान सरकार की ओर से कंपनियों को उनके सीएसआर फंड का उपयोग रचनात्मक कार्यों में करने की अपील की गई। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं है। वहीं राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा कि सीएसआर मूल रूप से समाज को अच्छी दिशा दिखाने वाले प्रयोग हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही यूपी सीएसआर समिट का आयोजन करेगी।

 

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद, मुख्यमंत्री के संकल्प और अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रयास से यूपी के विकास की नई गाथा लिख दी गई है। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हम इस तरह के इवेंट करेंगे। लोग कहते थे कि निवेश का प्रस्ताव मिलना और उसका धरातल पर उतारना दोनों अलग-अलग बात है।

मगर यूपी में अब 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश धरातल पर उतर गया है। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड के सदुपयोग के लिए यूपी से बेहतर कोई जगह नहीं है। यूपी में 8.39 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं। सीएसआर फंड को खर्च करने के लिए बहुत बड़ी संभावना यूपी में है।

राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा सीएसआर डबल इंजन सरकार में गार्ड के डिब्बे की तरह है। जो ये सुनिश्चित करता है कि कोई डिब्बा पीछे ना छूट जाए। समाज का कोई तबका विकास से वंचित न रहे, यही सीएसआर के मूल में है। वस्तुत: ये समाज के लिए अच्छी दिशा दिखाने वाला प्रयास है। असीम अरुण ने विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर फंड से किये गये कार्यों की चर्चा करते हुए उन्हें अन्य कंपनियों के लिए मॉडल बताया।

सीएम धामी ने मंत्रिमंडल सहित रामलला के दर्शन किए, बोले- मोदी-योगी के नेतृत्व में राम युग शुरू हुआ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद रामलला अपने जन्म स्थान पर भव्य मंदिर में विराजित हुए हैं। यह विश्व के प्रत्येक सनातनी की भावनाओं की जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस कालखंड में फिर से राम युग का आरंभ हुआ है।

मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब वह लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते थे तब कई बार अयोध्या आए। उस समय यहां पर भगवान रामलला को टेंट में विराजे देखकर भावुकता होती थी। आज गर्व का अनुभव हो रहा है। टेंट से रामलला भव्य महल में विराजमान हो चुके हैं।

धामी ने बताया कि अयोध्या में उत्तराखंड सदन का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी से जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। उत्तराखंड और अयोध्या धाम का आपस में बहुत गहरा संबंध है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में वहां के लोग यहां प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए आएंगे। ऐसे में सदन का निर्माण हो जाने से उत्तराखंडवासियों को सहूलियत होगी। जब उनसे पूछा गया कि राम मंदिर निर्माण का लाभ लोकसभा चुनाव में मिलेगा तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि प्रभु श्रीराम यत्र, तत्र, सर्वत्र हैं।

मैंने खा लिया, तू भी खा ले …! जहर खाकर प्रेमिका के घर पहुंचा किशोर, अस्पताल में दम तोड़ा

मेरठ गंगानगर इंचौली थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोर(17) जहरीला पदार्थ खाकर प्रेमिका के घर पहुंच गया। वह प्रेमिका से बोला कि मैंने जहर खा लिया है, तू भी खा ले। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे मवाना सीएचसी लेकर गई।

वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सोमवार दोपहर उसकी मौत हो गई। इकलौते बेटे की मौत से परिवार में मातम छा गया। पुलिस के मुताबिक दो सप्ताह पूर्व प्रेमी के नहीं आने से नाराज प्रेमिका ने भी मवाना में जहरीला पदार्थ खा लिया था। उपचार के चलते उसकी जान बच गई थी। मृतक किशोर कक्षा 12 का छात्र था। इंचौली थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि रविवार शाम यह किशोर इंचौली क्षेत्र की निवासी प्रेमिका के घर पहुंचा। मोहल्ले में शादी होने के चलते परिवार के लोग वहां व्यस्त थे। किशोर बेसुध हालत में पहुंचा था। ग्रामीणों

ने बताया कि किशोर ने प्रेमिका से कहा कि उसने जहरीला पदार्थ खा लिया है। अब तू भी जहर खा ले। किशोरी ने शोर मचाया तो पड़ोसी वहां पहुंच गए। सूचना पर डायल-112 पुलिस पहुंची। उन्होंने किशोर के पिता को सूचना दी।
पुलिस को दिए बयान में किशोर ने जहर खाने की बात कही। पुलिस ने उसे सीएचसी मवाना में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सोमवार दोपहर उसकी मौत हो गई।

किशोर की मां और बहन का रोकर बुरा हाल हो गया। पिता मजदूरी करते हैं। वहीं, लोगों ने बताया कि दो सप्ताह पूर्व प्रेमिका ने भी प्रेमी द्वारा मिलने से मना करने पर जहरीला पदार्थ खा लिया था, उपचार के बाद उसकी जान बच गई थी।

इस मामले में एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि मामला प्रेम प्रसंग का है। पहले किशोरी ने जहर खाया था, रविवार को किशोर ने जहर खा लिया। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। अभी किसी पक्ष से तहरीर नहीं मिली है।

सपा की दो टूक- 17 सीटें मांगी थी, दे दी, अब उन पर है गठबंधन रखें या न रखें

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बने विपक्षी गठबंधन को सबसे बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होगा। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से दो टूक कह दिया है कि जो 17 सीटें कांग्रेस ने मांगी थी। वो दे दी हैं। अब आगे गठबंधन रखें या न रखें यह कांग्रेस पर निर्भर है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व में बैक फुट पर आते हुए बातचीत जारी रखने की बात कही है।

सोमवार को समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत अब 17 सीटों पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले सपा ने कांग्रेस को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई थी। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला लिया।

सपा की दूसरी सूची में 11 प्रत्याशी
सपा ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्या, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से ऊषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।

रायबरेली पहुंची राहुल की न्याय यात्रा, जनता से बोले- डरना नहीं है जाति जनगणना के लिए लड़ना है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रायबरेली पहुंच गई है। रायबरेली में उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि डरना नहीं है। जाति जनगणना के लिए लड़ना है। जब तक जाति जनगणना नहीं होगी तब तक 73 फीसदी लोगों को पोस्टर लेकर सड़क पर भटकना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ओबीसी और दलितों के हक पर डाका डाला जा रहा है। यही वजह है कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की कहीं भी भागीदारी नहीं है। उन्होंने 69000 शिक्षकों की भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी को मंच पर बुलाकर समस्या पूछी और उसी के बहाने अपना पूरा वक्तव्य दलित और पिछड़ों पर केंद्रित किया।

मां सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा सांसद का परचा भरने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि गांधी परिवार का ही कोई सदस्य रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ेगा। इस बीच सोनिया ने अपनी संसदीय क्षेत्र की जनता को भावुक पत्र भी लिखा था। भावुक पत्र मिलने के बाद से आमजन भी चाह रहे हैं कि गांधी परिवार का ही कोई सदस्य यहां से चुनाव लड़े।

न्याय यात्रा फुरसतगंज अमेठी से रायबरेली जिले में प्रवेश करेगी। संदी चौराहा से राही, मलिकमऊ, मोटल चौराहा, सिविल लाइन, डिग्री कॉलेज चौराहा, हाथी पार्क, चंदापुर होते हुए न्याय यात्रा सुपर मार्केट पहुंचेगी। सभी स्थानों पर स्वागत होगा। यहां राहुल गांधी जिले की जनता को संबोधित करेंगे।

सोनिया पहली बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित, नड्डा सहित ये उम्मीदवार भी निर्विरोध चुने गए

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्विरोध चुनी गईं। इसके अलावा, भाजपा के चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को भी राज्यसभा के लिए चुना गया है। मंगलवार को नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन था। राजस्थान विधानसभा के सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने बताया कि किसी अन्य उम्मीदवार ने चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए तीनों निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए।

राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह (कांग्रेस) और भूपेंद्र यादव (भाजपा) का कार्यकाल तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने विधायक चुने जाने के बाद पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था। जिसके बाद तीसरी सीट खाली थी। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 115 और कांग्रेस के 70 सदस्य हैं। राज्य में राज्यसभा की 10 सीटें हैं। नतीजों के बाद राज्यसभा में राजस्थान से कांग्रेस के छह और भाजपा के चार सदस्य होंगे।

गुजरात: जेपी नड्डा को भी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया
वहीं, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवारों को गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है। राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं। सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात से राज्यसभा की चार खाली सीटों के लिए किसी अन्य ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी रीता मेहता ने नड्डा सहित चारों भाजपा उम्मीदवारों को संसद के ऊपरी संदन के लिए निर्विरोध विजयी घोषित किया। नड्डा के अलावा राज्यसभा के जिन तीन भाजपा नेताओं को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है, उनमें हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, भाजपा नेता जसवंत सिंह परमार और मयंक नायक शामिल हैं।

ओडिशा: अश्विनी वैष्णव निर्विरोध चुने गए, प्रमाणपत्र हासिल किया
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ओडिशा से निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। उन्हें जीत का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। वैष्णव भुवनेश्वर के राम मंदिर में प्रार्थना करने पहुंचे।

महाराष्ट्र: अशोक चव्हाण सहित सभी छह उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
उधर, महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए अशोक चव्हाण सहित छह उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है। इन छह उम्मीदवारों में भाजपा ने चव्हाण सहित तीन नेताओं को मैदान में उतारा था। जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक-एक उम्मीदवार उतारा था। भाजपा के उम्मीदवारों में अशोक चव्हाण, पूर्व विधायक मेधा कुलकर्णी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता अजीत गोपछड़े शामिल हैं।

पोंजी घोटाला मामले में CBI की छापेमारी, कोलकाता में दो ठिकानों की तलाशी; जानिए पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021 के पोंजी घोटाले मामले में पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित दो स्थानों में छापेमारी की। मामले से जुड़े अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने दिसंबर 2022 में अमल भट्टाचार्य और उनकी कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले में जांच जारी है। मंगलवार को सुबह शुरू हुई छापेमारी, सीबीआई की जांच का एक हिस्सा है।

क्या है मामला
यूनिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच तब शुरू हुई, जब उसके एजेंट एक डिप्टी मजिस्ट्रेट के पास पहुंचे और दावा किया कि उन्हें पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में जमीन के कुछ हिस्से बेचने के नाम पर लोगों से पैसे जुटाने का काम सौंपा गया है।

सीबीआई को जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश
इस बीच, मामले में एजेंटों ने आरोप लगाया कि कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) या सरकारी प्राधिकरण के बिना एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की तरह काम कर रही थी। मामले की गंभीरता को देख डिप्टी मजिस्ट्रेट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिए थे। जिसे बाद में पोंजी घोटालेा मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामलों पर जांच शुरू की थी।

आसाराम के बेटे साईं ने वापस ली अस्थायी जमानत याचिका, पिता से मिलने के लिए किया था कोर्ट का रुख

दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू से मिलने के लिए बेटे नारायण साईं ने गुजरात हाईकोर्ट में दायर अस्थायी जमानत याचिका को वापस ले लिया है। गौरतलब है कि उन्होंने बीमार पिता से मिलने के लिए यह याचिका दायर की थी। इस दौरान साईं ने कहा कि मेरे पिता जीवन के आखिरी पड़ाव पर हैं।

हमने जमानत याचिका वापस लेने का फैसला लिया- वकील
साईं के वकील आईएच सैयद ने याचिका वापल लेने का फैसला किया। इस दौरान दो जजों की पीठ को बताया गया कि साईं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उसे राजस्थान की जोधपुर जेल में वापस लाया जा रहा है। जिसके बाद अस्थायी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला लिया गया। सैयद ने अदालत को बताया कि साईं ने आसाराम से मिलने के लिए 20 दिन की अस्थायी जमानत मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि वह जीवन के अंतिम चरण में है और जीवित नहीं रह पाएगा।

साईं पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएंगे- वकील
वकील ने कहा कि साईं जोधपुर आने-जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट का खर्च उठाएगा, अगर उसे अपने पिता से मिलने की अनुमति दी जाती है। उनके वकील ने एक मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की जिसमें दिखाया गया कि उन्हें सोमवार को जोधपुर जेल में कार्डियक अरेस्ट हुआ था। पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पारित एक हालिया आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आसाराम दिल्ली एम्स में इलाज कराने के इच्छुक नहीं थे और केवल आयुर्वेदिक उपचार चाहते थे।

हम ऑनलाइन मीटिंग की व्यवस्था कर सकते हैं- कोर्ट
अदालत ने कहा कि वह जमानत याचिका पर फैसला करने से पहले एम्स के डॉक्टरों के एक पैनल की राय मांगेगी। हाईकोर्ट ने कहा कि गर आप इलाज के लिए मनाना चाहते हैं तो हम ऑनलाइन एक बैठक की व्यवस्था करेंगे। हमें पहले यह पता लगाना होगा कि क्या वह आईसीयू में है, बात करने और बातचीत करने में सक्षम है या नहीं। उसके बाद ही हम जूम को मिलने की अनुमति देंगे। तब अदालत को सूचित किया गया कि आसाराम अब अस्पताल में नहीं हैं और उनकी बीमारी का इलाज जेल में ही किया जा रहा है।

आंध्र-प्रदेश में बढ़े इस संक्रामक रोग के मामले, कैसे जानें कहीं आप भी तो नहीं हो गए हैं शिकार?

बर्ड फ्लू तेजी से बढ़ने वाली संक्रामक बीमारी है, हालिया रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में बर्ड फ्लू के केस बढ़ रहे हैं। यहां पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में मुर्गियों की मौत हुई है। हजारों मुर्गियों की मौत के बाद स्थानीय अधिकारी सतर्क हो गए और नैदानिक परीक्षणों में क्षेत्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

बर्ड फ्लू का खतरा चूंकि इंसानों में भी हो सकता है, इसे ध्यान रखते हुए जिले में आवश्यक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। जिले के अधिकारियों ने आदेश दिया है कि जिन इलाके में मुर्गियां मरी हैं, उसके दस किलोमीटर के दायरे में आने वाली चिकन की दुकानों को तीन दिनों के लिए और एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली दुकानों को तीन महीने के लिए बंद कर दिया जाए।

बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) के नाम से भी जाना जाता है। ये एक वायरल संक्रमण है जो न केवल पक्षियों, बल्कि मनुष्यों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। ये पक्षियों, विशेषकर मुर्गियों के लिए घातक माना जाता है और इंसानों में भी इसका जोखिम हो सकता है। आंध्र प्रदेश में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सुरक्षित रहने और बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।

क्यों होता है ये संक्रमण?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रभावित क्षेत्र में H5N1 का संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा हो सकता है। घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर ये आसानी से फैल सकता है। यह रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अधपके मांस खाने से भी बीमारी का खतरा हो सकता है, पर इसके मामले कम देखे जाते रहे हैं।

अगर आप संक्रमण प्रभावित इलाकों में रहते हैं तो बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है।

बर्ड फ्लू की पहचान कैसे की जा सकती है?

बर्ड फ्लू की समस्या मुख्यतौर पर सामान्य फ्लू जैसे लक्षणों की तरह ही होती है। संक्रमण के शिकार लोगों को खांसी, दस्त, श्वसन संबंधी कठिनाइयों के साथ बुखार होने, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहने और गला खराब होने की दिक्कत हो सकती है। यदि आप बर्ड फ्लू के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो आइसोलेट हो जाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें। कुछ प्रकार के टेस्ट की मदद से इस संक्रमण का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

इसका मृत्युदर हो सकता है अधिक

डॉक्टर कहते हैं, संक्रमण के खतरों के प्रति जागरूक रहना और सभी आवश्यक सावधानियां बरतना इन बीमारियों से बचने का एक प्रभावी तरीका है। जो लोग नियमित रूप से मुर्गी या पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, मुर्गी पालन करते हैं उनमें संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। H5N1 बर्ड फ्लू गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और इसकी मृत्यु दर भी अधिक है। संक्रमितों में इसकी मृत्युदर 50 फीसदी से अधिक हो सकती है।

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर उन लोगों को अधिक गंभीरता बरतते रहने की आवश्यकता है जो प्रभावित इलाकों में रहते हैं। इसके अलावा भोजन बनाते समय उसे अच्छे से पकाएं। मुर्गी पालन करने वाले लोगों को नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोते रहना जरूरी है। मास्क पहनना, लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना और समय रहते डॉक्टरी सलाह लेकर आप गंभीर समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।

युवाओं में ‘डिंक कपल्स ट्रेंड’, जानिए क्यों आकर्षित हो रहे युगल

खुद से प्यार करना, अपने करियर को तरजीह देना और रिश्तों में बोझ महसूस न करना, यानी अपनी पसंद से ही फैसले लेना ‘डिंक कपल्स ट्रेंड’ है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारे समाज में शादी करने और बच्चे पैदा करने की एक उम्र निर्धारित की गई है, जिसके बाद परिवार आप पर जोर डालने लगता है। लेकिन इसी बीच ‘डुअल इनकम नो किड्स’ का ट्रेंड भी नए कपल्स के बीच तेजी से फैल रहा है। दरअसल, यह टर्म उन जोड़ों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है, जो शादी तो कर चुके हैं, लेकिन फैमिली प्लानिंग में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते। ऐसे युगल खुद को प्राथमिकता देना जरूरी समझते हैं और एक साथ ऐसे काम करते हैं, जिनसे उन्हें खुशी मिलती है।

क्यों हो रहे आकर्षित

इस ट्रेंड से कपल्स को अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के साथ ही अपने-अपने पारिवारिक लक्ष्यों को पूरा करने की स्वतंत्रता भी मिलती है। आमतौर पर शादीशुदा जोड़े लगभग 30 प्रतिशत हर माह बचत करने में सक्षम होते हैं। जिन दंपतियों के बच्चे नहीं हैं, उनमें खर्च से कहीं अधिक बचत करने की क्षमता होती है और ज्यादातर युगल अपनी आय का लगभग 15 फीसदी बचा लेते हैं। इस ट्रेंड को कई जोड़े इसलिए भी अपना रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि खर्च करने से पहले आपको बचत करने की जरूरत है।

एक-दूसरे का साथ

यह विशेष रूप से उन कपल्स के लिए है, जो एक-दूसरे के समर्थन से अपने सपनों और लक्ष्यों को पूरा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं, इससे खुद को और एक-दूसरे को पहचानने तथा समझने के लिए समय भी मिल जाता है, जिससे आपके रिश्ते को मजबूती मिलती है।

लक्ष्यों की प्राप्ति

जब कपल्स का पूरा फोकस अपने करियर पर होता है तो उन्हें व्यक्तिगत उन्नति के साथ वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने का समय मिल जाता है। साथ ही उन्हें लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद भी मिलती है और वे सकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं। ऐसे कपल्स बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी एक सही योजना के तहत लेते हैं।

जीवन-शैली में सुधार

एक सही योजना और संतुलन के साथ डिंक कपल्स अपने करियर और निजी जीवन को सही तरह से मैनेज कर सकते हैं, ताकि उन्हें बेहतर संतुलन मिले। शादी के तुरंत बाद बच्चे की टेंशन न होने की वजह से ऐसे कपल्स एक-दूसरे की जरूरतों को समझ पाते हैं, जिससे उनकी जीवन-शैली में सुधार होता है।

भविष्य की योजना

डिंक कपल्स अपने संबंधों को मजबूत और सुखी बनाने के साथ-साथ भविष्य की सही योजना भी कर पाते हैं। सही योजना बनाने से उन्हें अपने परिवार के लिए एक सुरक्षित और स्थायी भविष्य का मार्ग मिल पाता है। सिर्फ यही नहीं, उन्हें सामाजिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर मिल जाता है और वे अपने साथी तथा परिवार को अधिक समय भी दे पाते हैं।

निवेश और बचत के अवसर

रिलेशनशिप काउंसलर अंजली त्यागी बताती हैं, डिंक कपल्स ट्रेंड न केवल जोड़ों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि करियर, परिवार और निजी जीवन में सफलता दिलाता है, बल्कि उन्हें जीवन में सही संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। ऐसे युगलों को हालांकि आय से अधिक खर्च करने की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके पास बचत और निवेश करने का अवसर होता है। उन्हें अधिक निवेश और रिटायरमेंट सेविंग्स करने का समय मिल जाता है,