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पुतिन के युद्धविराम के सुझाव को अमेरिका ने किया खारिज, रूस ने जताई नाराजगी

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सुझाव को अमेरिका ने खारिज कर दिया। पुतिन ने पिछले साल मध्यस्थों के जरिए सार्वजनिक और निजी तौर पर अमेरिका को संकेत भेजा था। उन्होंने बताया था कि रूस यूक्रेन में युद्धविराम के लिए तैयार है।

पुतिन के युद्धविराम के सुझाव को अमेरिका ने किया खारिज
पुतिन यूक्रेन-रूस के संघर्ष को रोकने का प्रयास तो कर रहे थे, लेकिन वह रूस द्वारा नियंत्रित यूक्रेनी जमीन को छोड़ने के लिए भी तैयार नहीं थे। वहीं अमेरिका ने मध्यस्थों के माध्यम से रूस को बताया कि वह यूक्रेन की उपस्थिति के बिना युद्धविराम पर चर्चा नहीं करेंगे। नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका यूक्रेन पर दवाब नहीं बनाना चाहता है, जिस वजह से बातचीत की कोशिशें नाकाम हो गईं।

रूसी सूत्रों के अनुसार, बातचीत की कोशिशें नाकाम होने के बाद रूस ने अमेरिका पर नाराजगी जताई है। सूत्र ने बताया कि अमेरिका कभी यूक्रेन को बातचीत के लिए प्रेरित नहीं करेगा, क्योंकि वह (अमेरिका) युद्ध के वित्तपोषण में मदद कर रहा है।

पुतिन ने इसपर कहा, ‘मुझे मालूम है कि वे कुछ नहीं करेंगे। उन्होंने संपर्क के सभी तारों को काट दिया, जिन्हें बनाने में दो महीने लगे थे।’ वहीं एक अन्य सूत्र ने बताया कि अमेरिका को पुतिन की ईमानदारी पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘पुतिन युद्ध विराम के लिए तैयार थे, लेकिन अब पुतिन भी तब तक लड़ने के लिए तैयार हैं जब तक आवश्यक हो।’

यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन महीनों से यूक्रेन के लिए अधिक सहायता मंजूरी देने के लिए संसद पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन उन्हें रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के सहयोगियों के विरोध का सामना करना पड़ा।

बता दें कि रूस साल 2022 में हजारों की संख्या में सैनिकों को यूक्रेन भेजा था, जिससे पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी बलों के साथ आठ वर्षों का संघर्ष फिर से शुरू हो गया। यूक्रेन का कहना है कि वह अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वह यूक्रेन की जमीन पर रूस का नियंत्रण कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

अबू धाबी का हिंदू मंदिर खुद में बेशकीमती, वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुशिल्प विधियों का संगम

राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थरों से निर्मित अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करेंगे। यह मंदिर अपनी भव्यता से दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रहा है। यह मंदिर कोई मामूली तरीके से नहीं , बल्कि इसे वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का इस्तेमाल करके बनाया गया है।

27 एकड़ में बना है मंदिर
इस मंदिर को अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित कराया गया है। 27 एकड़ में बना 108 फुट ऊंचा यह मंदिर वास्तुशिल्प का चमत्कार माना जा रहा है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक मंदिर के दोनों ओर, गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है।

1997 में की गई थी कल्पना
मंदिर यूएई की राजधानी अबू धाबी में ‘अल वाकबा’ नाम की जगह पर बनाया गया है। यह धर्म स्थल 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। हाइवे से सटी अल वाकबा नामक जगह अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है। यूएई का पहला हिंदू मंदिर भले ही 2023 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन इसकी कल्पना करीब ढाई दशक पहले 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने की थी।

नींव के लिए इसका इस्तेमाल
इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है। नींव को भरने के लिए उड़न राख यानी ‘फ्लाई ऐश’ (कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख) का उपयोग किया गया है। इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।

मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, इस भव्य मंदिर को शिल्प और स्थापत्य शास्त्रों में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार बनाया गया है। शिल्प और स्थापत्य शास्त्र ऐसे हिंदू ग्रंथ हैं, जो मंदिर के डिजाइन और निर्माण की कला का वर्णन करते हैं।

वास्तुशिल्प पद्धतियों के साथ वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल
बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास का कहना है, ‘इसमें वास्तुशिल्प पद्धतियों के साथ वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव आंकड़े प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है, तो मंदिर इसका पता लगा लेगा।’

‘लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो…’वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले। वह दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में बोल रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बन रहा है, वह बहुत बड़ी बात है।’

आज हम 21वीं सदी में
उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहीं चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं। खाने की सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सुरक्षा हो, पानी की सुरक्षा हो, ऊर्जा की सुरक्षा हो चाहें शिक्षा हो। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले।

सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए
पीएम ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है।

इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है-‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’। मैंने हमेशा एक ऐसा वातावरण बनाने पर जोर दिया है जिसमें नागरिकों में उद्यम और ऊर्जा की भावना विकसित हो।’

उन्होंने आगे कहा, ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।’

गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी
उन्होंने कहा, ‘हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील हैं। हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। भारत आज सौर, हवा, जल के साथ-साथ बायोफ्यूल्स, ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर रहा है।

हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है – मिशन लाइफ यानि वातावरण के लिए जीना।

पहले हिंदू मंदिर की वास्तुकला में यूएई की संस्कृति की भी झलक

अबू धाबी स्थित पहले हिंदू मंदिर की वास्तुकला में यूएई के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें, ऊंटों की नक्काशी और राष्ट्रीय पक्षी बाज भी हिस्सा हैं। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मरीखा में 27 एकड़ की साइट पर निर्मित मंदिर का आज उद्घाटन किया जाएगा। खास बात है कि मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दान में दी थी।

सात शिखरों में यूएई के तत्व भी शामिल
बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास के मुताबिक, मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं। ये सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात बनाने के लिए एक साथ आते हैं।

सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा सहित देवताओं की मूर्तियां हैं।

‘एकता और सद्भाव को बढ़ावा देता है यह मंदिर’
गौरतलब है कि आम तौर पर मंदिर में या एक तीन या पांच शिखर होते हैं लेकिन अबू धाबी में सात शिखरों का निर्माण किया गया है, जो अमीरात की एकता का प्रतीक है। साथ ही सात मीनारें सात महत्वपूर्ण देवताओं को स्थापित करती हैं। स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने कहा,

सर्पिल का उद्देश्य बहुसांस्कृतिक परिदृश्य में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देना है। 108 फीट ऊंचा यह मंदिर क्षेत्र में विविध समुदायों के सांस्कृतिक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।

91 हजार करोड़ की 60 आईटी परियोजनाएं तैयार, पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ, खुलेंगे 81,424 रोजगार के अवसर

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर भी भूमि पूजन समारोह में बड़ी भूमिका निभाएगा। करीब 91 हजार करोड़ का निवेश इसी सेक्टर में होगा। 19 फरवरी को पीएम मोदी आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स की 60 मेगा परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इनमें 91,456 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इससे 81,424 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

आईटी एवं आईटीईएस विभाग के मुताबिक बड़े निवेशों में नोएडा डाटा सेंटर पार्क भी शामिल है। जिसे एनआईडीपी डेवलपर्स 20 एकड़ जमीन पर बना रहा है। 30 हजार करोड़ की लागत से तैयार हुई ये परियोजना 2100 से ज्यादा रोजगार का सृजन करेगी। टीएआरक्यू सेमीकंडक्टर्स अपनी परियोजना यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र (यीडा) में ला रही है। यह परियोजना 28,440 करोड़ के निवेश के साथ इंटीग्रेटेड कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स का निर्माण और असेंबल करेगी।

इस परियोजना से एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सिफी इन्फिनिट स्पेस लिमिटेड 19,000 करोड़ की दो परियोजनाएं लगा रहा है। इनमें से एक न्यू ऐज हॉरीजेन्टल डाटा सेंटर में 11 हजार करोड़ का निवेश होगा, दूसरी परियोजना में 8,000 करोड़ का निवेश होगा। दोनों परियोजनाएं गौतमबुद्ध नगर में आ रही हैं। मालूम रहे कि पिछले साल फरवरी में वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 5.29 लाख करोड़ 321 निवेश प्रस्ताव आए थे।

सपा नेतृत्व पर हमलावर हुईं पल्लवी पटेल, बोलीं- पीडीए के साथ धोखे में मैं शामिल नहीं

राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के उम्मीदवारों को लेकर पार्टी विधायक व अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने सपा नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा को पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोग वोट करते हैं लेकिन राज्यसभा के उम्मीदवारों में पीडीए के लोग शामिल नहीं हैं। ये पीडीए के साथ धोखा है। मैं इसमें शामिल नहीं हूं।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। उम्मीदवारों में मुस्लिम प्रत्याशी न होना उनके साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा में उनकी राय नहीं ली गई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट न करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं।

पल्लवी पटेल ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा कि क्या पिछड़े समाज की कोई महिला प्रत्याशी नहीं हो सकती थी। उन्होंने प्रत्याशियों पर नाखुशी जाहिर की है।

आबकारी नीति मंजूर, दून में होगा विधानसभा सत्र…पढ़ें धामी मंत्रिमंडल के ये अहम फैसले

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली पर मुहर लगाई गई। इसके अलावा सिक्योरिटी एजेंसी की ड्रेस पुलिस आर्मी से अलग होने को लेकर भी फैसला लिया गया।

बैठक में फैसला लिया गया कि विधानसभा का सत्र देहरादून में ही होगा। तिथियों पर निर्णय लेने का अधिकार सीएम को दिया गया। ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैण में होगा। वहीं आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। 4000 करोड़ के लक्ष्य को 4400 करोड़ किया गया।

ये फैसले हुए

-चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों के लिए व्यवस्था। गोल्डन कार्ड से अलग होने वालों को प्रतिपूर्ति मिलेगी।

-दृष्टि पत्र 2022 के तहत राज्य के मेधावी छात्र, जो टॉप 50 यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाएंगे, उन्हें 50 हजार मिलेंगे। एनआइआरएफ के टॉप 50 संस्थान में 100 छात्रों को एडमिशन।

-पंतनगर हवाई पट्टी के रनवे को 3000 मीटर तक विस्तारित किया गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग की 7 किमी लंबी का दोबारा सर्वेक्षण किया जाना है।

-एनएच की जमीन एयरपोर्ट में आएगी। 103 एकड़ भूमि दी जाएगी। एनएच ने मांगा है। अनुमोदन कैबिनेट ने दिया।

-भाषा संस्थान में 21 नए पद सृजित।

-सेतु के संगठनात्मक ढांचे में आंशिक संशोधन। पदों की योग्यता और भर्ती खुले बाजार से भी।

-चिकित्सा स्वास्थ्य : एक्सरे टेक्नीशियन संवर्ग के ढांचे में संशोधन। पदोन्नति मिल सकेगी।

-आईटीआई में दाखिले लेने वालों को यूनिफॉर्म मिलेगी। शिक्षा विभाग की तरह खाते में पैसा जाएगा।

डीटीयू में युवान-24 महोत्सव का रंगारंग आगाज, हजारों की संख्या में पहुंचे युवा

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( डीटीयू ) में युवान-24 का आयोजन मंगलवार से शुरू हो गया। साहित्य और फिल्म परिषद हर साल ‘युवान-साहित्य और फिल्म महोत्सव’ का आयोजन करती है। इस आयोजन में अमर उजाला नॉलेज पार्टनर है।

कार्यक्रम के पहले दिन हजारों की संख्या युवा शामिल हुए। युवाओं के नेतृत्व वाले सबसे बड़े महोत्सव युवान के पहले दिन की शुरुआत नृत्य प्रदर्शन से हुई। इसके बाद मधुरिमा ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली गायन की प्रस्तुति दी। फेस्ट में सभी के लिए कुछ न कुछ था।

प्रसिद्ध स्टैंड अप कॉमिक बादल शर्मा ने अपनी कॉमेडी और रोस्टिंग कौशल से सभी का मनोरंजन किया। वहीं, युवराज दुआ, शुभम गौड़, राजेश यादव जैसी प्रसिद्ध सोशल मीडिया हस्तियों ने मनोरंजक टॉक शो में अपने जीवन की कहानियों और कठिनाइयों के बारे में बात की।

डीटीयू हिप-हॉप सोसाइटी आरथ्री पीआरएसएनटी ने एक सफल रैप बैटल की मेजबानी की। इसके अलावा मशहूर गीतकार डैनी केडोज ने भी अपनी गायन प्रतिभा की झलक दिखाई। कार्यक्रम का समापन वादक नवजोत आहूजा के लुभावने प्रदर्शन के साथ हुआ।

यूपी चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा बोले- रामजी की कृपा से भाजपा इस बार यूपी की सभी 80 सीटें जीतेगी

भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी ने बैजयंत पांडा ने लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सभी वर्गों से प्रतिनिधित्व देने में सफल रही है। हम लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। देश की जनता ने तय कर लिया है कि अबकी बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर उम्मीद की नजर से देखती है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में यूपी अपराध मुक्त हो चुका है। जनता ने जो बदलाव देखा है उसे बरकरार रखना चाहती है। रामजी की कृपा से इस बार भाजपा प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी।

वहीं, राज्यसभा चुनाव के घोषित प्रत्याशियों पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी ने राज्यसभा के चुनाव के लिए सामाजिक गुलदस्ता बनाकर पेश किया है।

इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि हम सब भाजपा के लाभार्थी हैं। केशव मौर्य और स्वतंत्र देव भी लाभार्थी ही हैं। इसके पहले, भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा बुधवार सुबह लखनऊ पहुंच गए हैं।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने किया। पांडा लखनऊ में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगे।

BJP ने जारी की उम्मीदवारों की नई सूची, पार्टी अध्यक्ष नड्डा, कांग्रेस से आए अशोक चव्हाण भरेंगे नामांकन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की है। इसमें गुजरात से भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और महाराष्ट्र से अशोक चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि चव्हाण दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

इन बड़े नामों के अलावा भाजपा ने महाराष्ट्र से मेधा कुलकर्णी, अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया है। उधर गुजरात से मयंकभाई नायक, डॉ. जसवंतसिंह, गोविंदभाई ढोलकिया को भी पार्टी ने राज्यसभा के लिए नामित किया है।

बता दें कि नड्डा मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं। हालांकि, कांग्रेस शासित हिमाचल में इस बार भाजपा के पास राज्यसभा की इकलौती सीट जीतने के लिए जरूरी समर्थन नहीं है।

दूसरी तरफ गुजरात से राज्यसभा सांसद मनसुख मंडाविया, परषोत्तम रुपाला और महाराष्ट्र से नारायण राणे को फिर से राज्यसभा सीट के लिए नामित नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि इन नेताओं को भाजपा लोकसभा का टिकट दे सकती है।