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शाहनवाज का आह्वान- इस बार 400 के पार सीटें दीजिए, मोदी सरकार लगाएगी गोहत्या पर प्रतिबंध

भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने शनिवार को जहां गाय को विश्व जगत के लिए मां का प्रतिरूप बताया, वहीं मुसलमानों की तीन गलतियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि गोवध पर प्रतिबंध लगे। इस बार चार सौ के पार दीजिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गो-हत्या पर प्रतिबंध लगाएंगे। माघ मेले में सेक्टर-तीन स्थित अखिल भारतीय धर्म संघ के शिविर में ललिता कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ के तहत गौ माता और भारत विषयक परिचर्चा में शाहनवाज ने कहा कि हिंदू धर्म नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है, जिसे मैं भी मानता हूं।

उन्होंने मुसलमानों की तीन गलतियों का जिक्र किया। पहला खिलाफत आंदोलन का समर्थन,दूसरा भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान का समर्थन और फिर तीसरा अयोध्या के प्रति गलत व्यवहार। उन्होंने कहा कि जब देश की जनता ने तीन सौ से अधिक सीटें दिया, तब प्रभु श्रीराम आए। इस बार 400 के पार दीजिए, पीएम मोदी गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू से अच्छा मित्र और हिंदुस्तान से अच्छा कोई देश नहीं हो सकता है।

इससे पहले परिचर्चा का शुभारंभ उन्होंने स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती,स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी,इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान,युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह,लालबहादुर संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक के साथ दीप जलाकर कर किया। इस दौरान स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती ने गौ माता के संवर्द्धन के लिए स्वामी करपात्री जी के संघर्षों को याद किया।

इनके बाद स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्वामी करपात्री जी महाराज के स्मृति में डाक टिकट जारी किया। मुझे विश्वास है की प्रधानमंत्री मोदी गौ हत्या पर प्रतिबंध के लिए कानून लाएंगे। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने स्वामी करपात्री जी को भारत रत्न से विभूषित करने के लिए आवाज उठाई। इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कहा कि गौ,गंगा और गायत्री हमारी की रक्षा की जानी चाहिए।

रामलला दर्शन के लिए रवाना हुई योगी कैबिनेट, लग्जरी बस में RLD विधायक, राजा भैया और आराधना मिश्रा भी

अयोध्या रामलला के दर्शन करने के लिए योगी कैबिनेट के मंत्री और एनडीए विधायक लग्जरी बसों से अयोध्या के लिए रवाना हुए। विधानसभा के सामने से यह बसें निकलीं। बस में आरएलडी के विधायक भी साथ गए हैं। राजा भैया और आराधना मिश्रा आदि भी साथ में रवाना हुए हैं। दोनों डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना बस संख्या- 1 से रवाना हुए हैं। दोपहर साढ़े 12 बजे विधायकों का यह दल राम मंदिर पहुंच जाएगा।

प्रदेश सरकार के मंत्रियों व विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रविवार को रामलला के दर्शन करेंगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना मौजूद रहेंगे। सीएम योगी राजकीय विमान से आएंगे। मंत्री व विधायक लखनऊ से 10 लग्जरी बसों से यहां पहुंचेंगे। सभी अतिथि हनुमानगढ़ी भी जाएंगे। प्रयागराज से लौट रहे श्रद्धालुओं की भीड़ की मौजूदगी में वीवीआईपी मूवमेंट प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सीएम योगी दोपहर 12 बजे महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राजकीय विमान से पहुंचेंगे। यहां से सड़क मार्ग से अयोध्या धाम के लिए रवाना होंगे। सीएम के आने से पहले सुबह 11:30 बजे विधानसभा अध्यक्ष समेत सभी मंत्री व विधायक हनुमानगढ़ी पहुंच जाएंगे। यहां एक घंटे की अवधि में सभी को दर्शन कराया जाएगा।

दोपहर 12:30 बजे मंत्री व विधायकों का दल रामजन्मभूमि पहुंचेगा। इसके बाद दोपहर 3:15 बजे तक सभी जन्मभूमि परिसर में ही रहेंगे। सीएम के भी एयरपोर्ट से सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचने की संभावना है। यहां से वह अपनी कैबिनेट के सहयोगियों व विधायकों के साथ राम मंदिर जाएंगे। रामलला के दर्शन के बाद सभी विशिष्ट मेहमानों को परिसर में ही लंच कराया जाएगा। इसमें भी मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं।

10 सुपर लग्जरी बसों से अयोध्या जा रही है योगी सरकार
परिवहन निगम की ओर से दस सुपर लग्जरी पवन हंस बसों को तैयार कर लिया गया था। बसों का भौतिक निरीक्षण अफसरों ने किया है। बसों को फूलों से सजाया गया है। भगवान राम के ध्वज व स्टिकर लगाए गए हैं। विधानसभा के सामने से रविवार सुबह 8.30 बजे बस विधायकों को लेकर अयोध्या रवाना हुई।

इसके पहले शनिवार को 10 सुपर लग्जरी पवन हंस बसों को क्षेत्रीय कार्यशाला में दुरुस्त किया गया। उनकी साफ सफाई की गई। बसों को गुलाब और गेंदे के साथ ही टेसू के फूलों से भी सजाया गया। जिन सीटों पर माननीय बैठेंगे उन सीटों के ऊपर भी खुशबू फैलाने के लिए फूल लगाए गए हैं। साफ सुथरे पर्दे लगाए गए हैं। नए कारपेट बिछाए गए हैं। बसों में भगवान राम के ध्वज और राम मंदिर के स्टीकर लगाए गए। इन पवन हंस बसों में भी रामधुन की व्यवस्था की गई है। सभी माननीय राम की नगरी अयोध्या जाते समय राम के भजनों का लुत्फ मिलेगा, जिससे भक्तिमय माहौल पैदा होगा। माननीयों को बस के अंदर परिवहन निगम की यात्रा दर्पण, एक डायरी और कैलेंडर का फोल्डर उपलब्ध कराया जाएगा। पीने के लिए पानी भी रहेगा।

आरआई ने जांची बसें, दिया ग्रीन सिग्नल
आरटीओ कार्यालय में तैनात संभागीय प्राविधिक अधिकारी (आरआई) प्रशांत कुमार और विष्णु कुमार ने माननीयों को ले जाने वाली बसों का कार्यशाला में भौतिक निरीक्षण किया। लाइटिंग, इंडीकेटर, टायर, विंडस्क्रीन, एलाइनमेंट आदि चेक की। जहां कमियां मिलीं, उन्हें तत्काल दुरुस्त करवाया। इसके बाद दोनों अफसरों ने ग्रीन सिग्नल दिया।

आगरा में बड़ी वारदात, मां और बेटे की हत्या के बाद युवक ने की आत्महत्या, पुलिस ने जताई ये आशंका

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बड़ी घटना सामने आई है। संदिग्ध हालत में तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस हत्या के बाद आत्महत्या की आशंका जता रही है। युवक का शव घर में फंदे पर लटका मिला है, जबकि उसका 12 साल का बेटा और मां कमरे में मृत मिली हैं जानकारी के अनुसार, थाना न्यू आगरा के लॉयर्स कॉलोनी में इलाके में रविवार को तीन लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। तरुण उर्फ जॉली नाम के युवक का शव घर में फंदे पर लटका मिला है। वहीं उसके 12 साल के बेटे कुशाग्र चौहान और मां ब्रजेश देवी कमरे में मृत मिले हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।

पुलिस हत्या के बाद आत्महत्या की आशंका जता रही है। पुलिस को आशंका युवक ने मां और बेटे को मारने के बाद आत्महत्या की है। युवक की पत्नी रजनी खाटू श्याम जी दर्शन करने गई थी। सुबह नौकरानी के आने पर घटना की जानकारी हुई। युवक के पिता मान सिंह की कई साल पहले मौत हो गई थी। उसके पिता अधिवक्ता थे। पुलिस घटना के कारणों का पता करने में लगी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से संविधान का पूरा वैभव प्रकट हुआ है। इससे संविधान निर्माताओं को खुशी हुई होगी। आज सामाजिक न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही है। पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन यह बात कही।

पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि अगले 25 वर्षों के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि देश ने अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है। महात्मा गांधी की ओर से 1930 में शुरू किए गए नमक सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं इसकी शुरुआत के समय महत्वहीन हो सकती थीं, लेकिन उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए नींव तैयार की, जिससे 1947 में भारत की आजादी हुई।

ऐसी ही भावना इस समय महसूस की जा सकती है, जहां हर व्यक्ति ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। पीएम ने मानवता पर आई सदी की सबसे बड़ी आपदा कोरोना महामारी का जिक्र किया। उन्होंने सांसद निधि को छोड़ने व महामारी के दौरान अपने वेतन में 30% की कटौती के लिए भी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सदस्यों के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन सुविधाओं को हटाने के लिए भी लोकसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया, जिस पर लोगों की प्रतिकूल टिप्पणियों आती थीं।

बिरला की तारीफ…चाहें कुछ भी हो आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रही
स्पीकर ओम बिरला की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, आपके (बिड़ला) चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। आपने इस सदन का निष्पक्ष तरीके से नेतृत्व किया और मैं इसके लिए आपकी सराहना करता हूं। कई बार गुस्से और आरोप-प्रत्यारोप का दौर आया, लेकिन आपने इन स्थितियों को धैर्य के साथ संभाला और सदन को समझदारी से चलाया। मोदी ने कहा,

कोरोना महामारी में भी बिरला ने सुनिश्चित किया कि संसदीय कार्य बाधित न हो। पहले भी नए भवन की जरूरत की बात होती थी लेकिन 17वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर के फैसले ने इसे हकीकत बना दिया। उन्होंने अध्यक्ष की ओर से पेश की गई पेपरलेस संसद और डिजिटल प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण, 99 लाख बुजुर्गों में यह समस्या बेहद गंभीर

बुढ़ापे की मानसिक समस्याओं को समझने के लिए भारत में किए एक अध्ययन से पता चला है कि देश का हर चौथा बुजुर्ग न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर से जूझ रहा है। यानी देश में करीब 3.4 करोड़ बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित हैं। जो उनकी रोजमर्रा की दिनचर्या को प्रभावित कर रहा है। यह जानकारी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए नए अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन के नतीजे जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित हुए हैं।

न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर कोई एक बीमारी न होकर मानसिक समस्याओं का एक समूह है। इसमें मनोभ्रंश (डिमेंशिया), याददाश्त कमजोर होना, सोचने, समझने, निर्णय लेने और सीखने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ-साथ मानसिक रूप से कमजोरी आना जैसी समस्याएं शामिल हैं। आमतौर पर इसके लक्षणों में याददाश्त का चले जाना, भाषा के इस्तेमाल और रोजमर्रा के कामों में समस्या के साथ-साथ व्यक्तित्व में बदलाव और दिग्भ्रमित होना शामिल हैं।

18 राज्यों के 4,096 लोगों पर किया गया अध्ययन
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने आयु के आधार पर मनोभ्रंश के प्रसार को समझने के लिए इनमें से 4,096 प्रतिभागियों का चयन किया था। इसमें जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु समेत 18 राज्यों के प्रतिभागी शामिल थे।

उम्र के साथ बढ़ रही हैं समस्याएं
भारत में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या करीब 13.8 करोड़ है। यानी देश के करीब एक चौथाई बुजुर्ग इस समस्या से पीड़ित हैं। देश की कुल आबादी के करीब 10.5 फीसदी लोग उम्रदराज हैं। अनुमान है कि 2050 तक देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 34.7 करोड़ हो जाएगी और कुल आबादी का 20.8 फीसदी हिस्सा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का होगा।

कम पढ़े-लिखे व अशिक्षितों में ज्यादा समस्या
शोधकर्ताओं के अनुसार 2.4 करोड़ बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण दिखे। जबकि 99 लाख बुजुर्गों में यह समस्या अधिक गंभीर पाई गई। यानी देश के 17.6 फीसदी बुजुर्गों में न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर के हल्के लक्षण हैं जबकि 7.2 फीसदी बुजुर्गों में यह समस्या बेहद गंभीर है। 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और उन लोगों में जिन्होंने कम शिक्षा हासिल की है उनमें इन विकारों का प्रसार कहीं अधिक था।

सेना से बर्खास्त किए गए 4 कर्मियों की बहाली का सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- बर्खास्तगी गलत

सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अथॉरिटी से कहा कि 2013 में कथित तौर पर जाली रिलेशनशिप सर्टिफिकेट पेश करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त चार कर्मियों को बहाल किया जाए। क्योंकि उन्होंने इन जाली प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह की रियायत हासिल करने के लिए नहीं किया था।

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने कहा कि भर्ती के तीन साल बाद अपीलकर्ताओं को सेवा से बर्खास्त करना उनके विशिष्ट मामले पर विचार न किए जाने के कारण गलत है।कोर्ट ने कहा, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) ने इस महत्वपूर्ण बिंदु को भी नजरअंदाज कर दिया कि अपीलकर्ताओं ने सामान्य श्रेणी के तहत आवेदन किया है न कि सैनिकों/पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों के रूप में। पीठ ने कहा, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है कि क्या यह पता लगाने के लिए कोई जांच की गई थी कि अपीलकर्ताओं ने सेना में भर्ती के लिए रिलेशनशिप सर्टिफिकेट पेश किया था। एएफटी ने मुख्य मुद्दे को संबोधित किए बिना बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा।

रिकॉर्ड पेश नहीं कर सके
अदालत ने पाया कि केंद्र सरकार और सेना अथॉरिटी कोई रिकॉर्ड पेश नहीं कर सके कि मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में दिसंबर, 2009 की भर्ती सामान्य वर्ग के लिए खुली नहीं थी। इसके विपरीत अपीलकर्ताओं ने अपने फॉर्म की फोटो कॉपी प्रस्तुत की, जिससे पता चला कि उन्होंने भर्ती के लिए सैनिकों या पूर्व सैनिकों के साथ किसी भी संबंध का दावा नहीं किया था। इसके साथ कोर्ट ने 9 मई 2013 के बर्खास्तगी आदेश और 18 नवंबर 2015 के ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया।

उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाती है अंगों में दर्द की समस्या, बचाव के लिए इन योगासनों की बनाएं आदत

उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। बढ़ती उम्र में जोड़ों का दर्द, कमर दर्द होना आम बात होती है। उठने-बैठने में भी समस्या होना शुरू आ जाती है। समय रहते इसका उपचार न करने पर धीरे- धीरे ये समस्याएं इतनी बढ़ने लगती हैं कि चलने-फिरने और दैनिक कार्यों में असुविधा होने लगती है। दर्द से राहत पाने के लिए लोग दर्द निवारक दवाइयां लेने लगते हैं। इन दवाइयों से कुछ समय के लिए शरीर को आराम तो मिल जाता है, बाद में फिर परेशानियां होने लगती है। वहीं लगातार दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल शरीर के लिए नुकसानदायक भी होता है। बढ़ती उम्र में जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और अन्य शारीरिक परेशानियों से निजात पाने के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर योगासन का नियमित अभ्यास करें। यहां बताए जा रहें कुछ योगासन का नियमित अभ्यास दर्द से राहत दिलाएगा।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल आराम से लेट कर अपनी हथेलियों को शरीर के पास जमीन से सटाकर रखें। अब घुटने मोड़ कर धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में रहते हुए सांस लें और छोड़ें। कुछ देर बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं।

धनुरासन

धनुरासन का अभ्यास करने के लिए पेट के बल लेट कर दोनों पैरों को मोड़कर ऊपर की ओर ले जाएं। दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़कर सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर खींचें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।

शवासन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को आराम से फैला लें। हाथों को शरीर से 5 से 6 इंच की दूरी पर रखते हुए इसी अवस्था में गर्दन आराम दायक मुद्रा में सीधी रखे रहें। अब आंखों को बंद करके कुछ देर इसी अवस्था में रहें।वीरभद्रासन इस योग को करने के लिए सबसे पहले सीधी मुद्रा में खड़े होकर अपनी बाहों को फर्श के समानांतर उठाते हुए सिर को बाईं ओर मोड़ें। अब बाएं पैर को 90 डिग्री बाईं ओर मोड़ें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें। अब इसी तरह दूसरी तरफ से अभ्यास करें।

दफ्तर से एक दिन की छुट्टी लेकर इन जगहों पर बनाएं वैलेंटाइन डे पर घूमने का प्लान

14 फरवरी को वैलेंटाइन डे है। इस दिन को प्यार करने वाले अपने साथी के साथ बिताना पसंद करते हैं। इस मौके पर वह रोमांटिक डिनर पर जाते हैं, शहर की किसी खूबसूरत जगह की तलाश में रहते हैं, जहां वक्त बिता सकें। बाजारों, माॅल या सिनेमाघरों में भी इस दिन काफी कपल्स नजर आ जाते हैं। लेकिन अगर शोर शराबे से दूर सिर्फ आप और आपके साथी को कुछ सुकून और रोमांटिक पल बिताने हैं तो महज एक दिन की छुट्टी लेकर 14 फरवरी को सफर पर निकल सकते हैं। ऐसी बहुत सी सुंदर जगहें हैं, जहां एक दिन में घूमकर आया जा सकता है। आइए जानते हैं वैलेंटाइन डे पर एक दिन की छुट्टी में कहां घूमने जा सकते हैं कपल।

मसूरी

दिल्ली या आसपास रहते हैं तो मसूरी जा सकते हैं। 13 फरवरी की रात बस या ट्रेन से देहरादून के लिए रवाना हो सकते हैं। सुबह तड़के वहां से मसूरी के लिए कैब या बस मिल जाएगी। होटल पहुंचकर फ्रेश हो जाएं और मसूरी के सुहाने सफर के लिए निकल चलें। रेंट पर स्कूटी मिल जाएगी, जिससे मसूरी की वादियों को घूम सकते हैं। रात में वापसी भी कर सकते हैं।

आगरा

वैलेंटाइन डे मनाने जा रहे हैं तो आगरा भी जा सकते हैं। आगरा प्यार के प्रतीक ताज की नगरी है। दिल्ली से आगरा के लिए ट्रेन मिल जाएगी। इसके अलावा 4-5 घंटे की ड्राइव करके भी आगरा पहुंच सकते हैं। ताजमहल और पुराना किला घूमने जा सकते हैं। शाम तक फ्री होकर वापस भी लौट सकते हैं।

जयपुर

दिल्ली से जयपुर की दूरी महज 4 घंटे की है। ट्रेन या बस से 13 फरवरी की शाम जयपुर के लिए रवाना हो जाएं। रात या तड़के सुबह जयपुर पहुंचकर होटल में फ्रेश हो लें। जयपुर के किले, झील, हवा महल आदि घूमने जा सकते हैं। रात तक घूमकर वापसी कर सकते हैं।

चंडीगढ़

दिल्ली से चंडीगढ़ करीब है। आप पार्टनर या दोस्तों किसी के भी साथ रोड ट्रिप के लिए चंडीगढ़ जा सकते हैं। बाइक या कार से रोड ट्रिप पर जाना हमेशा यादगार बन जाएगा। रास्ते में किसी ढाबे का लजीज खाना, चाय की टपरी पर बैठना और चंडीगढ़ में सुखना लेक व यहां के स्ट्रीट फूड का आनंद लेना आपका दिन बना देगा।

सर्दी के मौसम में घरवालों को बनाकर खिलाएं आलू से बने ये पकवान, बच्चों को भी आएंगे पसंद

जिस तरह से आम फलों का राजा होता है, ठीक उसी तरह से आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। आलू में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद लाभदायक हैं। इसमें मुख्य रूप से पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और विटामिन्स पाए जाते हैं। आलू एक ऐसी सब्जी है, जिसे आप किसी भी सब्जी के साथ मिलाकर बना सकते हैं। इसके साथ ही आप आलू से कई प्रकार के स्वादिष्ट स्नैक्स बना सकते हैं। आलू से बने स्नैक्स बड़ों से लेकर बच्चों तक को काफी पसंद आते हैं।

खासतौर पर जब मौसम सर्दी का होता है, तो आलू से बने स्नैक्स एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आ सकते हैं। तो चलिए हम आपको आलू से बने स्नैक्स के कुछ ऐसे विकल्प बताते हैं, जिसे आप आसानी से अपने घर पर बना सकते हैं। इसे खिलाकर आप अपने परिवार को सरप्राइज दे सकते हैं।

आलू की टिक्की

सर्दी का मौसम हो, और कहीं स्वादिष्ट सी आलू टिक्की मिल जाए तो इससे बेहतर तो कुछ हो ही नहीं सकता। ऐसे में आप अपने परिवार के लिए स्वादिष्ट और कुरकुरी आलू की टिक्की बनाकर उन्हें परोस सकते हैं।
फ्रेंच फ्राइज

लगभग सभी बच्चों को फ्रेंच फ्राइज खाना बेहद पसंद होता है। वैसे तो बाजार में ये आपको आसानी से मिल जाएंगे, लेकिन बाजार में मिलने वाले फ्रेंच फ्राइज फ्रोजन होते हैं, जिसमें तमाम तरह के केमिकल मिले होते हैं। ऐसे में आप घर पर ही फ्रेंच फ्राइज बनाकर उन्हें खिला सकती हैं।

चिली पौटेटो

अपने परिवारवालों को आप इस मौसम में चिली पौटेटो बनाकर खिला सकती हैं। इसे आप अपने फैमिली के स्वाद के हिसाब से तीखा या मीठा बना सकते हैं। इसे बनाना थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन हर कोई इसे बड़े ही चाव से खाएगा।

कटलेट

कुरकुरे कटलेट चाय के साथ खाने में काफी स्वादिष्ट लगते हैं। ऐसे में आप घर पर आसानी से इसे तैयार कर सकते हैं। इन्हें बनाना बेहद आसान है। इसे बनाते वक्त ध्यान रखें कि अगर आप अपने परिवार को गर्म कटलेट परोसेंगी तभी वो उन्हें पसंद आएंगे।

बरूले

उत्तर प्रदेश में कई जगह बरूले आपको मिल जाएंगे। ये खाने में काफी स्वादिष्ट और तीखे होते हैं। ऐसे में अगर आपको तीखा खाना पसंद है, तो ये एक बेहतर विकल्प है।

चाहिए परफेक्ट लुक तो साड़ी पहनते वक्त रखें इन बातों का ध्यान

साड़ी एक ऐसा परिधान है, जिसे कभी भी और कहीं भी पहना जा सकता है। लड़कियों से लेकर हर उम्र की महिला काफी मन से साड़ी पहनती हैं। साड़ी हमारी भारतीय संस्कृति को दर्शाती है। ऐसे में महिलाएं शादी-विवाह के साथ-साथ दफ्तरों में भी साड़ी पहनकर जाती हैं। साड़ी महिलाओं को इसलिए भी पसंद आती है, क्योंकि उसे पहनने के लिए किसी को अपना साइज नहीं देखना पड़ता।

आप चाहे पतली हों, या फिर आपका वजन ज्यादा हो, साड़ी हर किसी के ऊपर काफी जचती है लेकिन कई बार हम साड़ी पहनते वक्त कुछ गलती कर देते हैं। इन गलतियों की वजह से पूरा साड़ी लुक बिगड़ जाता है। ये गलतियां इतनी मामूली होती हैं, कि बहुत सी महिलाओं को तो ये समझ ही नहीं आतीं।

खासतौर पर महिलाओं को इस बात का संशय काफी रहता है कि कहीं वो साड़ी में मोटी तो नहीं लग रहीं। ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनका ध्यान आपको साड़ी पहनते वक्त जरूर रखना चाहिए।

खुला रखें पल्लु

अगर आप चाहती हैं, कि साड़ी में आपका वजन ज्यादा ना दिखे तो आप साड़ी का पल्लु हमेशा खुला ही रखें। अगर आप इसमें प्लीट्स बना देंगी, तो आपके शरीर का ऊपर का भाग हैवी दिखेगा।

साड़ी के वजन का रखें ध्यान

बहुत सी महिलाएं अपने वजन को लेकर काफी डरी हुई रहती हैं। ऐसे में अगर आपका वजन ज्यादा है तो हमेशा हल्के वजन वाली साड़ी को ही चुनें। अगर आप हैवी साड़ी पहनेंगी, तो आपका वजन और ज्यादा दिखेगा।

शेपवियर देगा परफेक्ट लुक

आप अगर सादा पेटीकोट की बजाय शेपवियर के साथ साड़ी पहनेंगी तो आपका लुक ज्यादा खूबसूरत दिखेगा। शेपवियर की वजह से लुक और प्यारा दिखता है।