Friday , October 25 2024

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भारत-मालदीव तनाव के बीच अमेरिका ने माले को बताया प्रमुख भागीदार, सहयोग मजबूत करने की दिखाई प्रतिबद्धता

भारत और मालदीव के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में, अमेरिका ने मालदीव को स्वतंत्र, सुरक्षित, खुला और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बताया। साथ ही कहा कि वह हिंद महासागर के द्वीपसमूह के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू अपने नए नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ बातचीत के लिए हाल ही में मालदीव में थे।

खुला, सुरक्षित और समृद्ध बनाने में…
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने 29 से 31 जनवरी तक सहायक विदेश मंत्री की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘अमेरिका, मालदीव के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला, सुरक्षित और समृद्ध बनाने में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।’ माले में रहते हुए लू ने रक्षा सहयोग, आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक शासन सहित साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

संबंधों को और मजबूत करेगी
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्होंने मालदीव में अमेरिकी दूतावास की स्थापना पर प्रगति पर भी चर्चा की, जो हमारी साझेदारी और लोगों से लोगों के संबंधों को और मजबूत करेगी।’ लू ने मालदीव में लोकतांत्रिक शासन और पारदर्शिता पर चर्चा करने के लिए सिविल सोसायटी के सदस्यों और उच्च शिक्षा अधिकारियों से भी मुलाकात की। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मालदीव में अपने अनुच्छेद IV मिशन को पूरा करने के बाद कहा कि दक्षिण एशियाई राष्ट्र की महामारी के बाद स्थिति मजबूत रही है।

प्रवक्ता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा अपने देश से सभी 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस लेने की मांग के बाद मालदीव और भारत के बीच राजनयिक विवाद चल रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।

नवाज शरीफ या फिर जेल से जीतेंगे इमरान? बड़े कठिन मोड़ पर है पाकिस्तान

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुआ था। आज नतीजे आ रहे हैं। पाकिस्तान में पूर्व भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने पहले ही इन नतीजों की भविष्यवाणी कर दी थी। अजय बिसारिया के मुताबिक यह चुनाव धांधली से भरा होगा। सेना पाकिस्तान में नई सरकार बनने में बड़ी भूमिका निभा रही है और पूर्व प्रधानमंत्री तथा निर्वासन से लौटे नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) के सत्ता में लौटने के आसार हैं। अभी आ रहे रुझान और घोषित नतीजों में नवाज शरीफ की पार्टी पहले नंबर आ सकती है।

अभी तक घोषित चुनाव नतीजों में पीएमएल-एन को 13 सीटें, इमरान खान की पार्टी (पीटीआर्ई) से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 12 सदस्य और बिलावल भुट्टो की पीपीपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी चुनाव जीत गई हैं। इमरान खान जेल में बंद हैं और उन्होंने वहीं से सत्ता में लौटने की गोटियां बिछाई हैं।

नवाज के सत्ता में आने से बदल सकते हैं साऊथ एशिया में समीकरण

नवाज शरीफ का घराना पाकिस्तान के उद्योगपतियों में शामिल है। नवाज को भारत के साथ उदार रिश्ते के लिए जाना जाता है। नवाज शरीफ ने चुनाव प्रचार के दौरान भी भारत के साथ अपने रिश्ते को प्रचार का जरिया बनाया था। जबकि नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री थे और तब पाकिस्तान की सेना ने जनरल परवेज मुशर्रफ के प्रभाव में कारगिल में घुसपैठ की थी। लेकिन नवाज शरीफ कारगिल के बाद नवाज शरीफ को रिश्ते सुधारने में उदार रवैया अपनाने के लिए जाना जाता है। भारत के आमंत्रण में वह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत आए थे। प्रधानमंत्री मोदी भी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की सूचना के नवाज शरीफ के घर शादी समारोह में शामिल हुए थे। नवाज का चुनाव के दौरान एक वक्तव्य काफी वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि पड़ोसी (भारत) चांद पर पहुंच गया और पाकिस्तान रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। माना जा रहा है कि नवाज शरीफ के सत्ता में लौटने के बाद पाकिस्तान के अन्य देशों से रिश्तों को भी नया आयाम मिल सकता है।

नतीजा आने पर भारत देगा प्रतिक्रिया और बधाई

विदेश मंत्रालय अधिकारिक रूप से पाकिस्तान के चुनाव को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। समझा जा रहा है कि चुनाव नतीजे आने और वहां नई सरकार के गठन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिकता का निर्वाह करते हुए पाकिस्तानी समकक्ष को बधाई और शुभकामनाएं देंगे। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त में रह चुके विदेश सेवा के एक अन्य पूर्व अधिकारी का कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सूत्र का कहना है कि पाकिस्तान बड़े उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। इमरान खान की पार्टी के समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हो रहे हैं। बहुत हद तक संभव है कि पाकिस्तान में किसी भी एक राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत न मिले और वहां साझा गठबंधन की सरकार का गठन हो। पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत हमेशा से एक शांति प्रिय, स्थाई और मजबूत पाकिस्तान का समर्थक रहा है।

बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है पड़ोसी देश पाकिस्तान

पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर भारत और पाकिस्तान की तुलना पर कहते थे कि भारत में लोकतंत्र है। पड़ोसी देश में लोकतंत्र आकार लेते-लेते व्यवस्थाओं के टूटने के कारण टूट रहा है। पूर्व एयर वाइस मार्शल एनबी सिंह का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों से संपन्न है, लेकिन वहां सेना हावी है। वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और कट्टरपंथ हावी हैं। एनबी सिंह कहते हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध भी पहले वाले नहीं हैं। हालांकि उसकी चीन से निकटता है, लेकिन अस्थिरता जैसी स्थिति के कारण पड़ोसी देश तमाम पेंचीदगियों में फंसा है। इस स्थिति में नवाज शरीफ के चुनाव जीतने पर पड़ोसी देश को कुछ फायदा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मामले के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पाकिस्तान कठिन दौर से गुजर रहा है। हाल में ईरान और पाकिस्तान का तनाव चरम पर आ गया था। पड़ोसी देश की सीमा से लगते अफगानिस्तान के आतंकी भी उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। दूसरे आर्थिक स्थिति पर पाकिस्तान बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।

चुनाव परिणामों में पीटीआई को बढ़त, जानें पाकिस्तान के बड़े चेहरों में कौन जीता-हारा?

पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनावों के वोटों की गिनती जारी है। बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और पाबंदियों के बीच हुई चुनाव के परिणामों पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई। अब तक के नतीजों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जेल में बंद इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थन से लड़ रहे उम्मीवार आगे चल रहे हैं। अब तक के चुनाव परिणामों में पाकिस्तान की राजनीति के कई बड़े चेहरों ने जीत हासिल की है जबकि कुछ बड़ नामों को हार का भी सामना करना पड़ा है। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की उम्मीदवार मरियम नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और हमजा शरीफ नेशनल असेंबली के लिए चुन लिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो जरदारी और खुर्शीद शाह जैसे बड़े नाम भी चुनाव जीत गए हैं।

पीटीआई समर्थित उम्मीदवार 24 सीटों पर आगे चल रहे
अब तक के चुनाव परिणामों में पीटीआई समर्थित उम्मीदवार 24 सीटों पर आगे चल रहे हैं। वहीं पीएमएल-एन और पीपीपी के उम्मीदवार 18-18 सीटों पर आगे चल रहे हैं। पाकिस्तान में बहुमत हासिल करने के लिए पार्टियों को 134 सीटों की जरूरत है। कुल 5,121 उम्मीदवार पंजीकृत 167 राजनीतिक दलों या स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में हैं। चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियां देखें तो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (पीएमएल-एन) तो बिलावल भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) हैं। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चुनाव चिह्न को चुनाव आयोग ने फ्रीज कर दिया है। इस वजह से पीटीआई के उम्मीदवार बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

इमरान की पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने शुक्रवार को आम चुनावों में जीत का दावा किया और आरोप लगाया कि नतीजों में धांधली करने के लिए नतीजों में देरी की जा रही है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने एक बयान में पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ से हार स्वीकार करने के लिए कहा, जो प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। पीएमएल-एन ने हालांकि इस मांग को खारिज कर दिया और दावा किया कि वह गुरुवार को होने वाले चुनाव में जीत दर्ज कर रही है। धांधली, छिटपुट हिंसा और देशव्यापी मोबाइल फोन बंद होने के आरोपों के बीच गुरुवार को हुए आम चुनाव के बाद भी पाकिस्तान में वोटों की गिनती जारी है।

आइए जानते हैं पाकिस्तान के आम चुनावों में अब तक परिणामों में किस पार्टी का कौन सा चर्चित चेहरा जीता और हारा?
1. बिलावल भुट्टो जरदारी- जीते
पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी नेशनल असमेंबली के सीट नंबर एनए 154 पर 131217 वोटों से जीत दर्ज की है।
2. नवीज शरीफ- जीते
पीएमएल-एन के नेता और प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार नवाज शरीफ ने सीट नंबर एनए 130 पर 171024 वोटों से जीत दर्ज की है।
3. मरियम नवाज शरीफ- जीतीं
नवाज शरीफ की बेटी पीएमएलएन की मरियम नवाज शरीफ सीट नंबर-119 से 83855 सीटों से जीत गई हैँ।
4. शहबाज शरीफ- जीते
पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ 63951 वोटों से चुनाव जीत गए हैं।

फिर खड़ा हो सकता है किसान आंदोलन, इनपुट से सकते में हैं दिल्ली के पुलिस अधिकारी; बैठकों का दौर शुरू

दिल्ली में एक बार फिर किसान आंदोलन खड़ा हो सकता है। पंजाब व हरियाणा के किसान दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस को इस तरह के इनपुट मिले हैं। इन इनपुट के बाद दिल्ली पुलिस सकते में आ गई है। बैठकों को दौर शुरू हो गया है। एक दिन पहले दिल्ली पुलिस के दोनों विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) ने सभी जिला डीसीपी की बैठक बुलाई थी। दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय से अतिरिक्त फोर्स मांगी है ताकि किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया जाए।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने इनुपट दिए हैं कि किसान 13 फरवरी को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हरियाणा व खासकर पंजाब के किसान दिल्ली में पहले जैसा किसान आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, यह पता नहीं है कि कितनी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे। इतना ही बताया गया है कि भारी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये 10 व 11 फरवरी को ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितनी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे।

इनपुट मिलने के बाद दिल्ली के दोनों विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) रविंद्र कुमार यादव व मधुप तिवारी ने एक दिन पहले सभी जिला पुलिस उपायुक्त व उनके ऊपर के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक करीब डेढ़ घंटे चली थी। इस बैठक में जिला पुलिस उपायुक्त को कहा गया है कि वह सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करें। दिल्ली के सीमाओं पर बैरिकेड लगाकर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही इलाके में गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। पुलिस स्टेशनों में तैनात सभी पुलिसकर्मी को बुलाने का कहा है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।

5 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था किसानों का पहला आंदोलन
पहला किसान आंदोलन 5 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो का नारा दिया। इस बार भी पहले किसान से यही नारा दिया है। दिल्ली पुलिस ने संगठनों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी। 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इन कानूनों और अपनी सरकार को कृषि व किसान हितैषी बताया, लेकिन किसान सहमत नहीं हुए और फिर 3 दिसंबर 2020 पहली बार सरकार और किसानों के बीच बैठक हुई जो बेनतीजा रही।

5 दिसंबर को भी दूसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आयोजन किया। 30 दिसंबर 2020 को सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत में कुछ प्रगति हुई क्योंकि केंद्र ने किसानों को पराली जलाने के जुर्माने से छूट देने और बिजली संशोधन विधेयक, 2020 में बदलाव को छोडऩे पर सहमति व्यक्त की थी। 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी और सभी हितधारकों को सुनने के बाद कानूनों पर सिफारिशें करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।

तीन सीमाओं से किसानों के दिल्ली आने की आशंका
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार किसान टीकरी, सिंघु बॉर्डर व एनएच-24 से आने की संभावना है। ऐसे में इन तीनों बॉर्डरों पर सुरक्षा अभी से ही बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ पुलिस आने-जाने वालें पर कड़ी नजर रख रही है। इसके अलावा दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है।

कंटेनर ने बाइक को मारी टक्कर, दंपती समेत तीन की मौत, चालक गिरफ्तार

अमेठी जिले में टांडा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सराय भागमानी गांव के पास शुक्रवार की दोपहर कंटेनर ने बाइक को टक्कर मार दी। इससे बाइक सवार दंपती समेत तीन की मौत हो गई। मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंच गए हैं। गौरीगंज कोतवाली क्षेत्र के गढ़ामाफी निवासी विशाल अपनी पत्नी मनीषा और मां सरिता को बाइक से लेकर गौरीगंज आधार कार्ड ठीक करवाने जा रहा था। शुक्रवार की दोपहर सराय भागमानी गांव के पास रायबरेली की तरफ से आ कंटेनर ने बाइक को टक्कर मार दी।

हादसे में विशाल (23), उसकी पत्नी मनीषा(22) व मां सरिता (47) की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। घटना के बाद भाग रहे कंटेनर चालक को 10 किलोमीटर दूर मुंशीगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने पकड़ा है। सीओ मयंक द्विवेदी का कहना है कि बाइक चालक हेलमेट लगाए था या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

भारत रत्न के एलान पर क्या बोले वेस्ट यूपी के दिग्गज नेता? राकेश टिकैत ने उठाई ये बड़ी मांग

केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने का एलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर इसका एलान किया है। वहीं, इस एलान के बाद पश्चिमी यूपी के कुछ दिग्गजों के बयान सामने आए हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नेता को भारत रत्न दिया जाना खुशी की बात है। लेकिन देश में उनकी विचारधारा को भी लागू किया जाना चाहिए। स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट भी लागू होनी चाहिए।

वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का निर्णय अत्यंत सुखद है। शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने किसान के हितों और कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। अपने जीवन में देश के लिए अतुल्य योगदान की खातिर चौधरी चरण सिंह भारत रत्न जैसे इस सर्वोच्च सम्मान के वाकई हकदार थे। आज चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने पर किसानों और कमेरों का यह सपना साकार हुआ। केंद्र सरकार के इस फैसले से हम सभी को हर्ष और आनंद की अनुभूति हो रही है।

मौलाना तौकीर रजा के प्रदर्शन से लौटी भीड़ हुई बेकाबू, दुकानों में की आगजनी की कोशिश

बरेली के श्यामगंज में शुक्रवार शाम को बवाल हो गया। दोपहर के वक्त आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी देकर विरोध जताया। गिरफ्तारी से पहले वह इस्लामिया मैदान के पास आला हजरत मस्जिद पहुंचे। यहां उन्होंने जुमे की नमाज अदा की।

मौलाना तौकीर रजा के समर्थन में भारी भीड़ जुटी। भीड़ ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। बाद में मौलाना की अपील के बाद भीड़ वहां से चली गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद शाम करीब चार बजे श्यामगंज में अराजकतत्वों की भीड़ ने बवाल कर दिया। भीड़ ने पथराव और तोड़फोड़ की। इससे बाजार में दहशत फैल गई।

भीड़ ने बाइक सवार को पीटा
बताया जा रहा है कि भीड़ ने एक बाइक सवार को रोक लिया। उसकी पिटाई कर दी। उसने भागकर जान बचाई। भीड़ ने उसकी बाइक में तोड़फोड़ कर दी। दुकानों पर पथराव किया। बताया जा रहा है कि पथराव से तीन लोग जख्मी हुए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने लाठी फटकारते हुए भीड़ को खदेड़ा।

सूचना मिलते ही डीएम रविंद्र कुमार, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान समेत तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। लोगों से शांत बनाए रखने की अपील की। डीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि पथराव में दो-तीन लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिले में सेक्टर जोनल सिस्टम लागू
हल्द्वानी में हुए बवाल और शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर डीएम रविंद्र कुमार ने पूरे जनपद में सेक्टर जोनल सिस्टम लागू कर दिया है। जगह जगह पुलिस- मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है। चौक-चौराहों भी पर नाकेबंदी की गई है। पुलिस फोर्स ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी गलत सूचना पर अनावश्यक रूप से परेशान न हों। कानून व्यवस्था संबंधी ऐसी कोई सूचना मिलती है तो तत्काल नजदीकी थाना-तहसील या जिला प्रशासन को सूचित करें। अनावश्यक चौक-चौराहों पर भीड़ नहीं लगाएं।

स्कूलों की छुट्टी के मैसेज से घबराए अभिभावक
मौखिक निर्देश पर स्कूलों में छुट्टी कर दी गई तो शहर में माहौल गरमा गया। अचानक बच्चों को घर ले जाने का मैसेज आया तो अभिभावक भी चौंक गए। तमाम लोग पुलिस और मीडिया के लोगों को कॉल करके सच जानने लगे। बाजार बंद होने को लेकर भी चर्चा रही। हालांकि बाद में लोगों को हकीकत पता लगी।

हल्द्वानी हिंसा को लेकर विपक्ष का BJP पर ध्रुवीकरण करने का आरोप, भाजपा ने बताया साजिश

भाजपा के कई सांसदों ने शुक्रवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुए हिंसा को षड़यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। वहीं शिवसेना नेताओं ने भगवा पार्टी पर लोकसभा चुनाव में लाभ के लिए ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को हुए हिंसा को लेकर भाजपा के राज्य सभा सांसद हरनाथ यादव ने कहा, ‘हल्द्वानी की घटना एक साजिश है। इसमें बम, देशी पिस्तौल और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। सरकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया गया। दंगाइयों को देखते ही उन्हें गोली मारने का आदेश देना चाहिए। उनके साथ नरमी बरतने की कोई जरूरत नहीं है।’

उत्तर प्रदेश के सांसद ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को सभी घरों की तलाशी लेनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने इसके लिए भाजपा द्वारा बनाए गए ध्रुवीकरण को जिम्मेदार ठहराया है।

शिवसेना नेता ने कहा भाजपा की ध्रुवीकरण का परिणाम
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘जब इरादा सिर्फ ध्रुवीकरण का हो तो यही होता है। कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर की घटनाओं को देखिए। हर राज्य में भाजपा ने ऐसी स्थिति बना दी है, जहां उन्हें ध्रुवीकरण से लाभ मिले। मुझे उम्मीद है कि गृह मंत्री संज्ञान लेंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर पुलिस पर हमला किया जा रहा है तो यह बहुत शर्मनाक है। यह दर्शाता है कि भाजपा शासित प्रदेशों में गुंडागर्दी का बोलबाला है।’

राज्य सभा सांसद बृज लाल ने कहा कि अतिक्रमण हटाना सही है। यहां तक की पहाड़ों में भी उन्होंने मजारें बना रखी है। उन्होंने आगे कहा, ‘हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिंसा में शामिल लोगों को जेल में डाल देना चाहिए। उत्तराखंड सरकार ऐसा जरूर करेंगी। यह एक साजिश है, यह खुद से शुरू नहीं हो सकता है।’ सांसद ने हिंसा के दौरान फायरिंग नहीं करने के लिए उत्तराखंड पुलिस की सराहना भी की है।

भाजपा ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण साजिश
भाजपा सांसद अशोक बाजपेयी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और साजिश बताया है। उन्होंने कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि यह कोई साजिश थी। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पर्चों को फाड़ दिया गया था। पथराव, पेट्रोल बम और फायरिंग की गई है। इस घटना में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।’

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ईसी ने जारी किया डेटा, इस साल 97 करोड़ मतदाता डालेंगे मतदान

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि इस साल लोकसभा चुनाव में 97 करोड़ भारतीय मतदान करने के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि 18 से 29 साल की उम्र वाले दो करोड़ से ज्यादा युवा मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया गया है 2019 से पंजीकृत मतदाताओं में छह फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया के सबसे बड़े मतदाता वर्ग 96.88 करोड़ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करने के लिए तैयार हैं। पोल पैनल ने बताया कि लिंक अनुपात 2023 में 940 से बढ़कर 2024 में 948 हो गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ-साथ मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए विभिन्न कामों के बारे में जानकारी दी थी। महिला मतदाताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। घर-घर जाकर जांच करने के बाद 1,65,76,654 मृतकों, स्थानांतरित और फर्जी मतदाताओं के नाम को सूची से हटा दिया गया है।

‘OPS की मांग कर रहे कर्मचारियों से बातचीत जारी’, विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बोले पीयूष हजारिका

असम विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने शुक्रवार को कहा कि पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस) की बहाली की मांग करने वाले कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार लगातार बातचीत कर रही है। राज्य में एनपीएस पर कर्मचारियों की शिकायतों का मामला असम गण परिषद (एजीपी) विधायक रामेंद्र नारायण कलिता ने सदन में उठाया, जिन्होंने कहा कि अगर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल किया जाता है तो कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा।

सदन में ओपीएस पर पीयूष हजारिका का बयान
सरकार की ओर से जवाब देते हुए पीयूष हजारिका ने कहा कि एनपीएस को ओपीएस के प्रावधानों के आधार पर तैयार किया गया था। नई प्रणाली में ग्रेच्युटी भुगतान और पारिवारिक पेंशन सहित अन्य प्रावधान हैं, जैसा कि ओपीएस के तहत था। मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि एनपीएस के तहत,

किसी कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा किया जाता है, जिसमें सरकार भी उतना ही योगदान देती है। एक कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय अर्जित राशि का 60 प्रतिशत भुगतान किया जाता है और शेष 40 प्रतिशत से अधिक पेंशन का भुगतान किया जाता है, जिसका उपयोग वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाता है।

इस मुद्दे पर अपनी चर्चा जारी रखेंगे- हजारिका
सरकार की तरफ से बोलते हुए पीयूष हजारिका ने कहा कि जिन लोगों की सेवा के 30-32 साल बचे हैं, उन्हें एनपीएस के तहत लाभ होगा। शायद, कम सेवा शर्तों वाले लोगों को कुछ समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री अजंता नियोग ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले संगठनों के साथ बैठक की है, मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

साथ ही उन्होंने सदन में कहा कि हम इस मामले पर अपनी चर्चा जारी रखेंगे। पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री पहले ही ओपीएस को वापस लाने की मांग पर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं।