Thursday , October 24 2024

Editor

भोले की भक्ति में लीन हुए बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, विश्वनाथ धाम में किया दर्शन

वाराणसी:बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचकर दर्शन- पूजन किया। इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने विधि- विधान से बाबा का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गंगा महल कोठी में रात्रि विश्राम करने के बाद शुक्रवार की सुबह काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। यहां मंगला आरती में शामिल होने के साथ ही उन्होंने विधि- विधान से दर्शन पूजन किया। इसके बाद उन्होंने गया के लिए प्रस्थान किया।

सड़क हादसे में दो लोगों की मौत, नाराज ग्रामीणों ने किया चक्का जाम; दो घंटे की मशक्कत के बाद माने

वाराणसी :वाराणसी जिले के कछवा रोड मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के छतेरी गांव में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ। कपसेठी की ओर से आ रहे बाइक सवार मैजिक की टक्कर से अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गए। इस दौरान पीछे से आ रही तेज रफ्तार अज्ञात बोलेरो ने उन्हें रौंद दिया और वहां से भाग निकले। इस दौरान बाइक सवार ठटरा गांव के रहने वाले मनोज कुमार बिंद (42) व दीपे उर्फ दीप नारायण बिंद (52) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घटनास्थल के पास ठटरा गांव के रहने वाले राजकुमार उर्फ बॉर्डर (45) वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के बाद बोलेरो चालक वाहन लेकर भाग निकला। जानकारी होने पर गांव के बिंद बस्ती के सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों कछवा रोड कपसेठी मार्ग पर छतेरी गांव के समीप चक्का जाम कर दिया। गांव के लोग मिर्जामुराद पुलिस के सामने जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे।

वहीं मौके पर पहुंचे राजातालाब एसडीएम पिनाक पाणी द्विवेदी एवं एसीपी राजातालाब अजय श्रीवास्तव, मिर्जामुराज प्रभारी अजय राज वर्मा ने ग्रामीण एवं परिजनों से बातचीत की। इस दौरान मृतक परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की घोषणा एसडीएम ने की। जिसके बाद परिजन माने और जाम समाप्त किया। पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में लिया। इसके बाद आवागमन शुरू हुआ।

मृतक मनोज कुमार बिंद एक पुत्र व दो पुत्री का पिता है। दूसरा मृतक दीपे उर्फ दीप नारायण बिंद चार पुत्री व दो पुत्र का पिता है। दोनों पेशे से मजदूरी का काम करते थे। मनोज सब्जी मंडी में पल्लेदारी करता था और दीपे राजगीर लेबर का काम करता था। घायल राजकुमार भी मजदूर है।

योगी सरकार का दावा – पीड़ित एससी-एसटी परिवारों की मदद के लिए 1400 करोड़ से ज्यादा आवंटित किए

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की पीड़िताओं को साढ़े सात वर्ष में 1447 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। यह सहायता अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989) और नागरिक अधिकार संरक्षण (पीसीआर) अधिनियम के तहत प्रदान की जाती है। अपराध की गंभीरता के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों और उनके परिवारों को जरूरत पर सरकार की तरफ से मदद मिले। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह सहायता 85,000 रुपये से 8.25 लाख रुपये तक होती है।

पीड़ितों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है प्रदेश सरकार
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को समय पर आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उन्हें सहायता मिल सके। इस पहल के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि परिवारों को जांच और परीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर आवश्यक सहायता मिले।

जनपद स्तर पर जिलाधिकारी व तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में गठित है समिति
विभिन्न अपराधों से पीड़ित एससी-एसटी की महिलाओं को न्याय मिले। इसके लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सतर्कता व मॉनीटरिंग समिति कार्य करती है, जबकि तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में उपखंड स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की व्यवस्था की गई है।

अपराध की प्रकृति के आधार पर निर्धारित की जाती है सहायता
हत्या या अत्याचार के कारण मृत्यु होने पर परिजनों को 8.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। इसमें मुआवजा दो चरणों में वितरित किया जाता है। 50 प्रतिशत राशि पोस्टमार्टम के तुरंत बाद और शेष 50 प्रतिशत औपचारिक रूप से अदालत में चार्जशीट जमा होने के बाद प्रदान की जाती है।

बलात्कार या सामूहिक बलात्कार (धारा 375, भारतीय दंड संहिता) के मामले में, पीड़ित 5.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के हकदार हैं। कानूनी प्रक्रिया के दौरान यह सहायता चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जाती है। कुल 50 प्रतिशत राशि मेडिकल जांच और मेडिकल रिपोर्ट की पुष्टि के बाद दी जाती है, 25 प्रतिशत राशि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद दी जाती है और अंतिम 25 प्रतिशत राशि निचली अदालत में मुकदमा समाप्त होने के बाद दी जाती है।

इंद्राणी मुखर्जी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, विशेष अदालत से मिली विदेश यात्रा की मंजूरी खारिज

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा पारित उस आदेश को रद्द कर दिया। जिसमें शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी। इस मामले में सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें सीबीआई ने अंदेशा जताया था कि, गंभीर अपराध में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी विदेश से भाग सकती हैं।

न्यायमूर्ति श्याम चांडक की सिंगल बैंच ने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका को इस आधार पर स्वीकार किया कि, इंद्राणी मुखर्जी एक गंभीर अपराध में मुकदमे का सामना कर रही हैं और उनके देश से भागने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि, याचिका स्वीकार की जाती है। विवादित आदेश को रद्द किया जाता है। इसे इंद्राणी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है

इसलिए इंद्राणी जाना चाहती थीं विदेश
विशेष सीबीआई अदालत ने 19 जुलाई को इंद्राणी मुखर्जी को अगले तीन महीनों के दौरान बीच-बीच में दस दिनों के लिए एक बार यूरोप (स्पेन और यूके) की यात्रा करने की अनुमति दी थी। मुखर्जी ने विदेश यात्रा की परमिशन यह कहकर मांगी थी कि, पूर्व पति पीटर मुखर्जी से तलाक के बाद उन्हें बैंक से संबंधित कुछ दस्तावेजों में बदलाव करने और अन्य सहायक कार्यों की जरूरत है। इसके लिए उनका विदेश जाना जरूरी है।

न्यायमूर्ति चांडक ने कहा कि यदि इंद्राणी मुखर्जी भारत से काम करना चाहती हैं तो संबंधित वैधानिक प्राधिकारी उनकी मदद करेंगे। पीठ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। केवल इस बात का उल्लेख किया है कि विशेष अदालत का आदेश ठीक नहीं था और इसलिए टिकाऊ नहीं था।

सीबीआई अदालत ने इन शर्तों पर दी थी जमानत
वहीं अनुमति देते समय विशेष अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी के लिए कुछ शर्तें भी रखी थीं। अदालत ने कहा था कि अपनी विदेश यात्रा के दौरान, वह अपनी यात्रा के दौरान कम से कम एक बार भारतीय दूतावास या उसके संबद्ध राजनयिक मिशन के कार्यालय में उपस्थित होंगी और उपस्थिति प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगी। अदालत ने उन्हें 2 लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।

सिद्धारमैया के बाद मल्लिकार्जुन खरगे मुश्किल में; लोकायुक्त में दी गई शिकायत; धोखाधड़ी के लगे आरोप

बंगलूरू: कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कानूनी दांव पेंच में फंसते नजर आ रहे हैं। भाजपा नेता रमेश एनआर ने खरगे और अन्य के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है।

यह लगाए गए आरोप
भाजपा नेता एनआर रमेश ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। आरोपों में धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, दस्तावेजों की जालसाजी, सरकारी जमीन को अवैध रूप से हासिल करने की साजिश और सरकारी संपत्ति को अवैध रूप से हड़पने में मदद करना शामिल है।

पांच एकड़ जमीन के मामले में घोटाला
आरोपों में से एक सरकारी संपत्ति को अवैध रूप से मंजूरी देने से जुड़ा हुआ है। शिकायत में यह भी दावा किया गया कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को संदिग्ध परिस्थितियों में पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। इसे लेकर खरगे, मंत्री प्रियांक एम. खरगे, राहुल एम. खरगे, राधाबाई एम. खरगे, राधाकृष्ण, मंत्री एम. बी. पाटिल और आईएएस अधिकारी डॉ. एस. सेल्वाकुमार का नाम शिकायत में दर्ज किया गया है।

साल 2014 में, बंगलूरू के बीटीएम चौथे स्टेज के दूसरे ब्लॉक में 8,002 वर्ग मीटर (86,133 वर्ग फीट) का सीए प्लॉट, साइट नंबर 05, बंगलूरू विकास प्राधिकरण के माध्यम से आवंटित किया गया था। इसके अतिरिक्त, बंगलूरू में हाई-टेक डिफेंस एंड एयरोस्पेस पार्क के हार्डवेयर सेक्टर में पांच एकड़ सीए जमीन, केआईएडीबी द्वारा 30/05/2024 को सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के राहुल एम. खरगे को आवंटित की गई थी।

सिद्धारमैया पर यह आरोप
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक महंगे इलाके में मुआवजा स्थल आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य मुडा की ओर से अधिग्रहित की गई उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां मुडा ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया थ।

मानहानि केस में केजरीवाल, आतिशी की याचिका पर सुनवाई टली; सुप्रीम कोर्ट ने लॉन्च किया खास वेब पेज

नई दिल्ली:  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी मार्लेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है। अब इनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर को सुनवाई करेगा। दरअसल भाजपा नेता राजीव बब्बर ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस मामले में हाईकोर्ट से भी केजरीवाल और आतिशी मार्लेना को झटका लगा चुका है।

दरअसल साल 2018 में अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में अग्रवाल समाज के आठ लाख वोट थे, लेकिन भाजपा ने अग्रवाल समाज के चार लाख वोट कथित तौर पर मतदाता सूची से कटवा दिए। केजरीवाल ने दावा किया कि अग्रवाल समाज भाजपा का कट्टर वोटर था, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी से नाराजगी की वजह से ये भाजपा से नाराज हैं और इसी वजह से भाजपा ने इनके वोट ही कटवा दिए। केजरीवाल के इस दावे पर भाजपा नेता राजीव बब्बर ने केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ मानाहानि का मुकदमा दायर कराया था। राजीव बब्बर का आरोप है कि केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लोगों को भाजपा के खिलाफ भड़काने की कोशिश की।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णयों के सारांश के साथ लॉन्च किया वेब पेज

सुप्रीम कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण निर्णयों के सारांश प्रदान करने के लिए एक नया वेब पेज लॉन्च किया है। एक बयान में कहा गया है कि वेब पेज – ‘ऐतिहासिक निर्णय सारांश’ – नागरिकों के लिए न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णयों को समझना आसान बनाता है, जो कि सूचित नागरिक सुनिश्चित करने, कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने और कानून के साथ सार्वजनिक जुड़ाव बढ़ाने के न्यायालय के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है। इसमें कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय देश भर में सार्वजनिक जीवन के विविध क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।

‘अक्षय शिंदे के शव को दफनाने के लिए जगह तलाशें’, उच्च न्यायालय ने पुलिस को दिए निर्देश

मुंबई: बदलापुर यौन शोषण मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को अक्षय के शव को दफनाने के लिए जगह तलाशने का निर्देश दिया है। जस्टिस रेवती मोहित डेरे और जस्टिस एमएम साठये की खंडपीठ ने कहा कि ‘जब जगह मिल जाए तो पुलिस अक्षय शिंदे के परिवार को इसकी सूचना दे ताकि शव को दफनाया जा सके।’ हालांकि कोर्ट ने कहा कि परिजन शव को शांति से दफनाएं और इस मौके को आयोजन न बनाएं। हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष के उस तर्क को नकार दिया, जिसमें कहा गया कि अक्षय शिंदे के समुदाय में शव के दाह संस्कार की प्रथा है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये परिजनों की इच्छा है।

दरअसल अक्षय शिंदे के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की थी। इस याचिका में अक्षय शिंदे के पिता ने अपने बेटे को दफनाने के लिए जगह देने की मांग की है। शुक्रवार दोपहर में हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की। इससे पहले अक्षय शिंदे के पिता ने एक अन्य याचिका दायर कर पुलिस मुठभेड़ को फर्जी बताया था और उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

शव जलाने के बजाय दफनाना चाहता है परिवार
दरअसल गुरुवार को परिवार ने दावा किया कि अक्षय शिंदे ने उसका दाह संस्कार करने के बजाय उसके शव को दफनाए जाने की इच्छा जताई थी। अक्षय शिंदे के शव को ठाणे के कलवा इलाके में एक नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखा गया है। शिंदे के परिवार के मुताबिक, शव दफनाने की जगह ढूंढना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि स्थानीय निवासियों और संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।

पुलिस मुठभेड़ पर भी उठे हैं सवाल
24 वर्षीय अक्षय शिंदे को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण करने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में, अक्षय की दूसरी पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर लाया जा रहा था। इसी दौरान उसने पुलिसकर्मियों की कथित तौर पर पिस्तौल छीनकर फायरिंग कर दी। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अक्षय मारा गया था। हालांकि पुलिस की यह मुठभेड़ सवालों के घेरे में हैं और अक्षय के पिता ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने भी याचिका पर सुनवाई के दौरान मुठभेड़ में कई खामियों की तरफ इशारा किया था और पुलिस मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच करने का आदेश दिया था।

पराली प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CAQM की लगाई फटकार, कहा- आप मूकदर्शक हैं

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को कड़ी फटकार लगाई है। आयोग की खिंचाई करते हुए कहा कि आयोग को और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने में विफल रहने पर जमकर खिंचाई की है। न्यायमूर्ति आभा एस ओका और न्यायमूर्ति जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता पैनल को अपने दृष्टिकोण में और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।

सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पराली जलाने के वैकल्पिक उपकरणों का जमीनी स्तर पर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों की जरूरत है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पैनल को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा से कहा कि, आपने अबतक अधिनियम के एक भी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया है। आपका हलफनामा देखिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या धारा 11 के अंतर्गत समितियां बनाई गई हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हर साल पराली जलाने की समस्या सामने आती है। आप पराली जलाने के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। आपकी तीन महीने में एक बार बैठक होती है। अब जब हम संकट के कगार पर खड़े हैं। तभी भी बैठकें के बीच में भारी अंतराल है। कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि, मुझे आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया कोई आदेश दिखाएं।

‘सिर्फ कागजों पर हो रहा है काम’
शीर्ष अदालत ने कहा कि, पराली से निपटने की सभी कार्रवाई सिर्फ कागजों पर हो रही हैं। हमें आपके कागज में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमें एक भी निर्देश दिखाओ जो उन्होंने जारी किया हो। कोर्ट ने कहा कि क्या सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कोई कार्रवाई की गई है? आप मूकदर्शक बने हुए हैं। यदि आप यह संदेश नहीं दे सकते हैं कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, तो ये प्रावधान केवल कागज पर ही रह जाएंगे।

‘देवरा’ की रिलीज से पहले निर्माताओं का बढ़ा धमाका, जूनियर एनटीआर की फिल्म का नया गाना ‘आयुध पूजा’ जारी

साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर इन दिनों बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘देवरा’ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। फिल्म का जबर्दस्त तरीके से अब प्रचार भी किया जा रहा है। हाल ही में फिल्म का दूसरा ट्रेलर भी जारी हुआ था, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया। इससे पहले फिल्म के तीन गाने पहले ही रिलीज हो चुके हैं। वहीं, चौथे गाने ‘आयुध पूजा’ पर दिलचस्प जानकारी भी सामने आई थी। इस गाने का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार अब निर्माताओं ने प्रशंसकों का उत्साह बढ़ाने के लिए फिल्म के इस नए गाने को रिलीज कर दिया है।

एनटीआर की देवरा के प्रमोशन के समय से ही निर्माता सरस्वती पुत्र रामजोगय्या शास्त्री द्वारा लिखे गए आयुध पूजा गीत का खूब प्रचार कर रहे थे। पहले थिएट्रिकल ट्रेलर के बाद निर्माताओं ने इस सामूहिक गीत को रिलीज करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्होंने अपनी योजना बदल ली और दूसरा ट्रेलर रिलीज कर दिया।

फिल्म को रिलीज होने में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं। आखिरकार, फिल्म की रिलीज से कुछ घंटे पहले ‘आयुध पूजा’ को यूट्यूब और अन्य म्यूजिक प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर दिया गया। यह फिल्म का ओपनिंग सॉन्ग होगा। यह गाना तेज बीट वाला है, जिसे सुन दर्शकों के रौंगटे खड़े और जाएंगे और उनमें उत्साह भर जाएगा। अनिरुद्ध की रचना और एनटीआर के डांस मूव्स इस गाने को खास बना रहे हैं।

दुनियाभर में है यश चोपड़ा का यश, निर्देशक के नाम पर स्विट्जरलैंड में चलती है ट्रेन, बनी है सड़क

यश चोपड़ा हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा नाम है। बॉलीवुड में रोमांस को परिभाषित करने वाले यश चोपड़ा ही हैं। निर्देशक ने फिल्मों के माध्यम से देश की सभ्यता को विदेशों तक पहुंचाया। वह यश ही थें, जिन्होंने बॉलीवुड को ‘रोमांस का बादशाह’ दिया। निर्देशक ने फिल्मी पर्दे पर प्यार की एक नई तस्वीर गढ़ी। हिंदी सिनेमा को ऊंचाई पर ले जाने में उनका अहम योगदान रहा है। आज 27 सितंबर को महान निर्देशक की बर्थ एनिवर्सरी है। आइए इस मौके पर जानते हैं निर्देशक की जिंदगी से जुड़े कुछ खास किस्से

यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था। उनकी पढ़ाई-लिखाई भी वहीं हुई। साल 1945 में उनका परिवार पंजाब के लुधियाना में आकर बस गया था। कहा जाता है कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे, तब वह इंजीनियर बनना चाहते थे। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन भी जाने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी किस्मत उन्हें फिल्मों की ओर लेकर आई, वह फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनने के लिए मुंबई आ गए

रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई में अपने बड़े भाई बीआर चोपड़ा के पास पहुंच गए, जहां उन्होंने फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखीं। इसके बाद उन्होंने साल 1959 में अपनी पहली फिल्म ‘धूल का फूल’ बनाई। यश चोपड़ा को आज भी ‘डर’, ‘दिल तो पागल है’, ‘वीर जारा’, ‘जब तक है जान’, ‘त्रिशूल’, ‘दीवार’ और ‘दाग’ जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है। यश ना सिर्फ एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक और निर्माता थे, बल्कि देश के सबसे बड़े प्रोडक्शन हाउस यशराज फिल्म्स को चलाने वाले थे।

यश चोपड़ा के नाम कई पुरस्कार है। उन्हें सिनेमा के लिए दिए अपने योगदान के लिए कई सम्मान भी प्राप्त किए। उनके नाम 6 राष्ट्रीय पुरस्कार और 8 फिल्मफेयर पुरस्कार है। इसके अलावा उन्हें दादासाहेब फाल्के और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। यश चोपड़ा के नाम फिल्मफेयर में बेस्ट डायरेक्टर कैटेगरी में सबसे ज्यादा बार नॉमिनेट होने का रिकॉर्ड है। बता दें कि इस कैटिगरी में उन्हें 14 नॉमिनेशन मिले थे।