Friday , October 25 2024

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दिल्ली-एनसीआर में छाया कोहरा, कम दृश्यता के कारण हवाई और रेल यातायात प्रभावित; बारिश के भी आसार

मौसमी बदलाव के बाद दिल्ली में बीते 24 घंटे में हुई बारिश ने फरवरी का कोटा पूरा कर दिया। मौसम विभाग की मानें तो सफदरजंग केंद्र पर फरवरी माह में 21.3 एमएम बारिश का अनुमान रहता है, लेकिन गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक दिल्ली में 26.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। जो साल 2013 के बाद सबसे ज्यादा है। पांच फरवरी 2013 को दिल्ली में 24 घंटे में 46 एमएम बारिश दर्ज हुई थी। एक दिन के बाद दिल्ली-एनसीआर में आज फिर कोहरा छाया है। कम दृश्यता के कारण हवाई और रेल यातायात प्रभावित होने की खबर है।

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी हल्की बारिश या बूंदा-बांदी के आसार हैं। दिल्ली में हुई बारिश से मौसम साफ हुआ। इससे सुबह के तापमान में बढ़त हुई है। हालांकि दिन का तापमान स्थिर रहा। आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में मामूली बढ़त हो सकती है। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से चार डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से चार डिग्री अधिक है। दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे तक 26.5 एमएम बारिश दर्ज हुई। वहीं शाम साढ़े पांच तक 0.6 एमएम बारिश दर्ज हुई।

दिल्ली के नरेला इलाके में सबसे ज्यादा 28.5 एमएम बारिश दर्ज हुई। वहीं दिल्ली का मंगेशपुर इलाका सबसे ठंडा रहा। यहां का अधिकतम तापमान सबसे कम 17.5 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा रहेगा मौसम विभाग ने शुक्रवार को लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 20 डिग्री व न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को हल्की बूंदा-बांदी या बारिश की उम्मीद है। दिल्ली में सात फरवरी तक सुबह के समय कोहरा छाया रह सकता है। दिल्ली में आने वाले दिनों में तापमान में ज्यादा उतार-चढ़ाव की उम्मीद नहीं है।

आज ईडी के सामने पेश होंगे अरविंद केजरीवाल? भाजपा बोली- कब तक विक्टिमहुड कार्ड खेलेंगे आप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में चल रही जांच में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने बीते बुधवार को पांचवां समन भेजकर केजरीवाल को पूछताछ में शामिल होने को कहा था। इससे पहले बीते चार महीने में मुख्यमंत्री चार बार समन जारी होने के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली सीएम पर हमला बोलते हुए कहा, ‘अरविंद केजरीवाल, अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो आप खुद को ईडी और अन्य एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं कर रहे हैं? आप वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने अन्ना हजारे के संरक्षण में सबसे पहले यही कहा था, इस्तीफा होना चाहिए और फिर जांच। आज आप जांच में सहयोग करने से इनकार करते हैं। आप कहते हैं कि ये सब राजनीति से प्रेरित हैं, जैसे कि ‘भ्रष्टाचार’ करना आपका ‘शिष्टाचार’ है। कब तक आप यह विक्टिमहुड कार्ड खेलेंगे? यह INDIA गठबंधन का ‘चरित्र’ है, केवल एक चीज जो उन्हें बांधती है वह कमीशन और भ्रष्टाचार है, कोई मिशन या विजन नहीं।’

वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को एक बार फिर केजरीवाल ईडी की पूछताछ में शामिल नहीं होंगे। हालांकि आप ने अभी केजरीवाल के ईडी के सामने पेश होने या न होने के सवाल पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन पार्टी सूत्रों ने कहा कि वह इस बार भी पूछताछ के लिए नहीं जाएंगे। पार्टी ने हर बार यही कहा है कि ईडी का यह समन गैरकानूनी है। केजरीवाल ने ईडी को दिए जवाब में पूछा था कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया।

केजरीवाल आरोप लगाते रहे हैं कि फर्जी मामले में जांच एजेंसी ने आप के कई नेताओं को जेल में डाल रखा है। अब भाजपा पूछताछ के बहाने उनको भी गिरफ्तार कराना चाहती है। उसका मकसद आप के लोकसभा चुनाव प्रचार को रोकना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी संपत्ति ईमानदारी है। झूठे आरोप व फर्जी समन भेजकर ईमानदारी पर चोट की जा रही है।

विधानमंडल का बजट सत्र आज से, पांच फरवरी को बजट पेश करेगी सरकार, चुनावी साल में सौगातों की उम्मीद

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 2 फरवरी से शुरू होगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा में पांच फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्ताव पेश करेंगे। विधानमंडल का बजट सत्र 12 फरवरी तक संचालित होगा। बृहस्पतिवार को विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कार्यवाही संचालन को लेकर निर्णय लिए गए। सदन की कार्यवाही इस बार शनिवार को भी चलेगी।

विधानसभा में शुक्रवार को सुबह 11 बजे विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अभिभाषण पेश करेंगी। दोपहर 12.30 बजे राज्यपाल का अभिभाषण पढ़कर सुनाया जाएगा। तीन फरवरी को भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह और सपा विधायक एसपी यादव के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी।

पांच फरवरी को सुबह 11 बजे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करेंगे। उसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी। 6 और 7 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। आठ फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के आय-व्ययक पर साधारण चर्चा होगी। 10 और 12 फरवरी को आय-व्ययक पर चर्चा के साथ अनुदान की मांगों पर विचार होगा। बजट प्रस्ताव पर मतदान होगा। 12 फरवरी को दोपहर 3 बजे उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2024 को सदन में पुनःस्थापन कर उसे पारित किया जाएगा।

पहले से एक दिन कम हुआ
विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही इस बार नौ दिन संचालित होगी। जबकि वर्ष 2017, 2018, 2019, 2020, 2021 में बजट सत्र दस-दस दिन संचालित हुआ है। 2022 में बजट सत्र आठ दिन, 2023 में दस दिन संचालित हुआ है। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में बजट सत्र एक दिन कम चलेगा।

भाजपा 21000 लोगों को कराएगी रामलला के दर्शन, अगले हफ्ते पांच स्पेशल ट्रेनों से तीर्थाटन का निर्णय

अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आभामंडल को भाजपा लोकसभा चुनाव तक बरकरार रखने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। हनुमत व राम कथा के साथ ही प्रदेश भाजपा दिल्ली के सभी जिलों के लोगों को रामलला का दर्शन कराएगी। पहले चरण में दिल्ली से 21000 लोगों को तीर्थाटन के लिए अयोध्या भेजा जाएगा। चांदनी चौक जिले के लोगों को सबसे पहले भगवान राम का दर्शन करने का मौका मिलेगा।

विशेष रणनीति के तहत भाजपा ने अगले सप्ताह पांच स्पेशल ट्रेनों से तीर्थाटन कराने का निर्णय लिया है। पांच फरवरी को ट्रेन से 1500 लोगों को अयोध्या धाम ले जाने की योजना तैयार की है। पहले चांदनी चौक जिले के लोगों को जाने का मौका मिलेगा। इसके बाद केशवपुरम जिले के लोग जाएंगे। हालांकि ये मुफ्त नहीं होगा।

प्रत्येक श्रद्धालु से भाजपा आने-जाने, ठहरने, खाने-पीने और मंदिर दर्शन कराने तक 800 रुपये लेगी। योजना के तहत 5, 6, 8 और 9 फरवरी को विशेष ट्रेन से दिल्ली वाले अयोध्या धाम जाएंगे। इसके पहले प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विष्णु मित्तल 2 फरवरी को त्रिलोकपुरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को अयोध्या धाम राम मंदिर का दर्शन कराने के लिए ले जाएंगे। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिक जनों को यह तीर्थयात्रा निशुल्क कराई जाएगी।

दिल्ली में लगेगा बाबा बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार
इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बाबा बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार लगवाएंगे। आगामी एक से तीन फरवरी को होने वाली पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बाबा बागेश्वर धाम सरकार की हनुमंत कथा का आयोजन किया जाएगा। चौथा पुस्ता नगर के सामने यमुना खादर स्थित डीडीए के विशाल मैदान में इसके लिए भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। तिवारी ने कहा कि हमारे संसदीय क्षेत्र में पहली बार बाबा बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा का आयोजन हो रहा है जिसमें एक दिन दिव्य दरबार का भी आयोजन होगा। अनुमान है कि तीन दिन की कथा में आठ लाख से अधिक लोग पहुंचेंगे।

आज से दो माह के लिए बंद हो जाएगी स्पाइसजेट की फ्लाइट सेवा, अब अयोध्या से उड़ेगी

गोरखपुर एयरपोर्ट से स्पाइस जेट की हवाई सेवा बृहस्पतिवार से दो महीने के लिए बंद हो जाएगी। यहां से स्पाइस जेट की दिल्ली के लिए दो और मुंबई के लिए एक फ्लाइट उड़ान भरती है। एक फरवरी से 31 मार्च तक कंपनी की तीनों फ्लाइटें अयोध्या से उड़ान भरेंगी। स्पाइस जेट ने अपने सारे स्टॉफ भी अयोध्या भेज दिए हैं।गोरखपुर एयरपोर्ट से दिल्ली की चार व मुंबई की दो फ्लाइट थी। अब अयोध्या एयरपोर्ट पर श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा हो रही है। ऐसे में हवाई सेवा की मांग बढ़ी है। इसे देखते गोरखपुर से स्पाइस जेट की दिल्ली की दो व मुंबई की एक उड़ान को दो महीने के लिए अयोध्या एयरपोर्ट पर शिफ्ट किया जा रहा है।

इन तीनों फ्लाइटें के एक अप्रैल से फिर गोरखपुर से ही उड़ान भरने की उम्मीद है। एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि अयोध्या में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए दो महीने के लिए दिल्ली व मुंबई की फ्लाइटों को वहां शिफ्ट किया गया है। उम्मीद है कि एक अप्रैल से फिर इनका संचालन गोरखपुर एयरपोर्ट से ही होगा।

अब दिल्ली के लिए अयोध्या से आसान होगी राह
श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही आवागमन के साधन भी अयोध्या में केंद्रित किए जा रहे हैं। बीते 30 दिसंबर को अयोध्या से दिल्ली के लिए वंदे भारत की नियमित सेवा शुरू की गई थी। इसके बाद अब अयोध्या से दिल्ली के लिए प्रतिदिन फ्लाइट की भी सुविधा शुरू हो गई है। मतलब यह कि लोगों को दिल्ली के लिए अयोध्या से वंदे भारत ट्रेन और स्पाइस जेट की फ्लाइट भी मिलेगी। इसलिए अगर गोरखपुर से सीधे दिल्ली के लिए ट्रेन या फ्लाइट न मिले तो अयोध्या से इन सुविधाओं के लिए प्रयास कर सकते हैं।

सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण बढ़ाने पर जोर, इससे महिलाओं को जानलेवा कैंसर से बचाव की उम्मीद

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (1 फरवरी) को अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने पर ध्यान दिया। इस बजट में सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण को बढ़ाने की घोषणा की गई है। इसके तहत 9-14 साल की लड़कियों का टीकाकरण करके कैंसर के जोखिमों को कम करने पर ध्यान दिया जाएगा।

सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता कैंसर है, जिसके कारण हर साल लाखों महिलाओं की मौत हो जाती है। भारत में, सर्वाइकल कैंसर 18.3% (123,907 मामले) की दर के साथ तीसरा सबसे आम कैंसर है। रिपोर्ट के अनुसार 9.1% की मृत्यु दर के साथ ये महिलाओं में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण भी है।अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि एचपीवी वैक्सीन की मदद से इस कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए सर्वाइकल कैंसर के जोखिम और इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन के बारे में जानते हैं।

सर्वाइकल कैंसर और वैक्सीनेशन

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में होने वाला गंभीर प्रकार का कैंसर माना जाता है। सर्विक्स गर्भाशय का सबसे निचला भाग होता है, जो योनि से जुड़ता है। सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यौन रूप से सक्रिय कम से कम आधे लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी एचपीवी संक्रमण हो सकता है हालांकि हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इस संक्रमण को कम कर देती है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें संक्रमण बढ़ने और इसके गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है।

एचपीवी वैक्सीन हो सकती है कारगर

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है। शोध में पाया गया है कि एचपीवी वैक्सीन 90% से अधिक एचपीवी संक्रमण और कैंसर को कम करने में मददगार हो सकती है। साल 2006 में पहली बार एचपीवी टीकाकरण की सिफारिश की गई थी। सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) 12 वर्ष की आयु में नियमित एचपीवी टीकाकरण का सुझाव देता है। ये टीका सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं, कई और गंभीर प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में भी कारगर हो सकता है।

एचपीवी वैक्सीन से होने वाले फायदे

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 9 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को ये टीका दिया जा सकता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) 11 या 12 साल की उम्र में नियमित एचपीवी टीकाकरण का सुझाव देता है। टीकाकरण के लिए आदर्श उम्र किसी व्यक्ति के यौन सक्रिय होने से पहले है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि ये वैक्सीन न सिर्फ सर्वाइकल कैंसर से बचाने में मददगार हो सकती है साथ ही इससे लिंग और गुदा कैंसर से भी बचाव किया जा सकता है। एचपीवी वैक्सीन एचपीवी वायरस के कारण होने वाले मुंह, गले, सिर और गर्दन के कैंसर से भी बचाने में मददगर हो सकती है।

वैक्सीनेशन की डोज और सावधानियां

मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों को 6 से 12 महीने के अंतर पर दो डोज का टीका लगाया जा सकता है। जो लोग 15 से 26 वर्ष की उम्र में टीका लगवाना शुरू करते हैं, उन्हें टीके की तीन खुराकें लेनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ लोगों को ये टीके नहीं लेने चाहिए। एचपीवी टीका गर्भावस्था के दौरान नहीं दिया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को पहले एचपीवी शॉट के बाद एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई हो या जिसे गंभीर एलर्जी की समस्या है उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही टीकाकरण कराना चाहिए।

न्यूजीलैंड ने कॉस्मेटिक उत्पादों में PFAS पर लगाया प्रतिबंध, आप भी तो नहीं कर रहे हैं इनका इस्तेमाल?

कॉस्मेटिक उत्पादों में प्रयोग में लाए जाने वाले कई प्रकार के रसायनों का त्वचा पर गंभीर असर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कुछ प्रकार के उत्पादों में इतने हानिकारक रसायन हो सकते हैं, जिनसे गंभीर प्रकार के दुष्प्रभावों का जोखिम हो सकता है। पीएफएएस (पर एंड पॉलीफ्लोरोअल्काइल सबस्टेंस) ऐसे ही रसायन हैं, जिनका नेल पॉलिश, शेविंग क्रीम, फाउंडेशन, लिपस्टिक और मस्कारा जैसे कॉस्मेटिक उत्पादों में प्रयोग किया जाता रहा है।अध्ययनों में पाया गया है कि पीएफएएस न सिर्फ त्वचा में जमा हो सकते हैं, साथ ही इसके कारण कई तरह के दुष्प्रभावों यहां तक कि कैंसर का भी खतरा हो सकता है।

पीएफएएस के कारण होने वाले जोखिमों को देखते हुए न्यूजीलैंड सरकार ने कॉस्मेटिक उत्पादों में पीएफएएस के उपयोग को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। 31 दिसंबर, 2026 से पीएफएएस को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आइए जानते हैं कि कॉस्मेटिक उत्पादों में पीएफएएस का उपयोग क्यों किया जाता रहा है और इससे त्वचा को किस प्रकार के नुकसान का खतरा हो सकता है?

पीएफएएस हो सकते हैं बहुत हानिकारक

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पीएफएएस को त्वचा को चिकना रखने, कॉस्मेटिक उत्पादों को अधिक टिकाऊ बनाने और उन्हें वाटर रेजिस्टेंट बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। इस रसायन से कॉस्मेटिक उत्पादों की प्रभाविकता तो बढ़ जाती है पर हमारे शरीर के लिए ये कई प्रकार से हानिकारक हो सकते हैं। उपभोक्ताओं और पर्यावरण की सुरक्षा के उद्देश्य से पीएफएएस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला न्यूजीलैंड पहला देश बन गया है।शोधकर्ताओं का कहना है इन रसायनों का आसानी से ब्रेकडाउन नहीं हो पाता है। ये शरीर में जमा हो सकते हैं और अत्यधिक जहरीले प्रभाव पैदा कर सकते हैं।

पीएफएएस के बारे में जानिए

पीएफएएस कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ाने वाले हो सकते हैं। इसके कारण कैंसर, जन्म दोष और प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी से संबंधित समस्याओं का जोखिम काफी बढ़ जाता है। समय के साथ ये शरीर में जमा होकर दीर्घकालिक जोखिमों को बढ़ाने वाले भी हो सकते हैं।पीएफएएस का सौंदर्य प्रसाधन जैसे रोजमर्रा के उत्पादों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है, इनसे दूरी बनाकर इसके दुष्प्रभावों से बचाव किया जा सकता है। गौरतलब है कि पीएफएएस 15000 सिंथेटिक रसायनों का एक बड़ा और जटिल समूह है जिसका उपयोग 1950 के दशक से दुनियाभर के उपभोक्ता उत्पादों में किया जाता रहा है।

कई घरेलू उपयोग की चीजों में हो सकता है पीएफएएस

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, पीएफएएस रसायनों का उपयोग कपड़े, फर्नीचर, चिपकने वाले पदार्थ, खाद्य पैकेजिंग, गर्मी प्रतिरोधी नॉन-स्टिक खाना पकाने की सतहों और बिजली के तार के इन्सुलेशन में किया जाता रहा है। पीएफएएस को फॉरेवर कैमिकल के रूप में भी जाना जाता है, जिसका मतलब है कि ये हर जगह मौजूद हो सकता है। ये कैमिकल पीने के पानी से लेकर खून में भी हो सकता है।

इससे कैंसर तक का हो सकता है खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जाने-अनजाने कई प्रकार से हम पीएफएएस के संपर्क में आ सकते हैं। दूषित पानी या भोजन का सेवन करने, पीएफएएस से बने उत्पादों का उपयोग करने या पीएफएएस युक्त हवा में सांस लेने से लोग शरीर में इन रसायनों के प्रवेश का खतरा हो सकत है। दीर्घकालिक रूप से ये शरीर में कई प्रकार की बीमारियों का कारक हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि से लेकर, लिवर एंजाइम में परिवर्तन, प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी, जन्म के समय वजन में कमी और किडनी से लेकर वृषण कैंसर तक का खतरा हो सकता है।

विशेषज्ञ कहते हैं, न्यूजीलैंड सरकार ने इस घातक कैंसर को संपर्क को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है, सभी देशों में इस प्रकार के प्रयासों की आवश्यकता है। जब तक सरकार और दुनियाभर की स्वास्थ्य एजेंसियां गहन शोध और इसके आधार पर हानिकारक एजेंटों पर प्रतिबंध नहीं लगाती हैं, तब तक हम सभी को बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहना चाहिए। भोजन को स्टोर करने के लिए प्लास्टिक के कंटेनरों का उपयोग और नॉन-स्टिक कुकवेयर से बचाव करके इस प्रकार के रसायन के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

कैंसर की जांच-रोकथाम को बढ़ावा देने की जरूरत, ताकि कम किया जा सके इस रोग का मृत्युदर

हाल के वर्षों में भारत, कैंसर के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है, जिसके कारण अग्रणी हेल्थकेयर श्रृंखलाओं में डायग्नोसिस, केयर और मैनेजमेंट में ऑन्कोलॉजी अब कार्डियोलॉजी से प्रतिस्पर्धा कर रही है। भारत में कैंसर की जांच और शीघ्र पता लगाने के कार्यक्रम उतने प्रचलित और व्यापक नहीं हैं, जितने होने चाहिए, खासकर जब विकसित देशों के साथ तुलना की जाती है। विकसित देशों में, कैंसर स्क्रीनिंग अधिक स्थापित है और इन देशों में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली प्रारंभिक चरण में बीमारियों का पता लगाने और उपचार परिणामों में सुधार करने के लिए कैंसर स्क्रीनिंग सहित निवारक देखभाल को प्राथमिकता देती है।

20 वर्ष की युवा महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे उनके देश की निवारक स्वास्थ्य प्रणालियां बड़े पैमाने पर काम कर सकें। दुर्भाग्य से, भारत ने किसी भी आयु वर्ग में इस प्रकार की प्रारंभिक पहचान या स्क्रीनिंग को शामिल नहीं किया है और न ही देश ने समुदायों के भीतर अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग प्रथाओं को लागू किया है।

कैंसर स्क्रीनिंग में भारत को विशेष सुधार की जरूरत
विकसित देश कैंसर स्क्रीनिंग के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों और शैक्षिक पहलों में निवेश करते हैं। वे नियमित स्क्रीनिंग दिशानिर्देशों को बढ़ावा देते हैं और जनता को शीघ्र पता लगाने के लाभों के बारे में सूचित करते हैं। कैंसर का इलाज महंगा है, इसलिए कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के लिए नीति निर्माण में इसके डिजाइन और कार्यान्वयन में आर्थिक कारकों पर विचार किया जाना चाहिए। हमारे देश में जनसंख्या घनत्व और कैंसर की बढ़ती घटनाओं की दर को ध्यान में रखते हुए भारत को कैंसर स्क्रीनिंग को अपनाना चाहिए और इसे तेजी से बड़े पैमाने पर लागू करना चाहिए।

भारत ने एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत 2010 में सबसे आम कैंसर के लिए अपना स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया। हालांकि, स्वास्थ्य देखभाल व्यय के लिए प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताओं के साथ-साथ पूरे देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों में बदलाव के कारण, कैंसर का शीघ्र पता लगाने और उपचार की प्रक्रिया पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है।

विकसित देशों में आम तौर पर कैंसर स्क्रीनिंग सुविधाओं सहित स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच होती है। स्वास्थ्य देखभाल का बुनियादी ढांचा अच्छी तरह से विकसित है और लोगों के पास स्क्रीनिंग कार्यक्रमों और विशेष कैंसर केंद्रों तक आसान पहुंच है। जबकि, भारत में बहुत से लोग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और निचले सामाजिक आर्थिक समूहों में, कैंसर स्क्रीनिंग के महत्व और इसके संभावित लाभों के बारे में नहीं जानते होंगे। भारतीय आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है जहां स्वास्थ्य देखभाल का बुनियादी ढांचा बेहद सीमित है।

नियमित स्क्रीनिंग कार्यक्रम और हेल्थकेयर कवरेज
विकसित देशों में सरकार राष्ट्रीय या क्षेत्रीय कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित करने में अग्रसर रहती है, जो ब्रेस्ट, सर्वाइकल, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर जैसे विशिष्ट कैंसर के लिए मुफ्त या रियायती स्क्रीनिंग की पेशकश करती है। ये कार्यक्रम कुछ आयु समूहों या उच्च जोखिम वाली आबादी को लक्षित करते हैं और स्क्रीनिंग भागीदारी दर बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं।

कई विकसित देशों में भी सार्वभौमिक या लगभग-सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल कवरेज है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा वित्तीय बाधाओं के बिना कैंसर स्क्रीनिंग सेवाओं तक पहुंच सकता है। दुख की बात है कि भारत में ऐसी प्रथाओं का अभाव है। लेकिन, पिछले कई वर्षों में, भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस आवश्यकता के प्रति जागा है और कैंसर स्क्रीनिंग को और अधिक व्यापक बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।

कैंसर की जांच के महत्व को समझने की जरूरत

यह स्पष्ट है कि भारत को कैंसर की रोकथाम, उपचार और देखभाल के लिए तत्काल एक नई प्रतिबद्धता की आवश्यकता है जो बढ़ती चुनौतियों और उन्हें दूर करने के अवसरों को पहचाने, जिसमें कैंसर देखभाल में उन्नत विकास भी शामिल है। भारत को अपनी स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि लोगों को यह एहसास हो कि सामान्य कैंसर के लिए स्क्रीनिंग उतनी ही आवश्यक और सामान्य है जितनी कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की उपस्थिति के लिए स्क्रीनिंग।

कैंसर की बढ़ती घटनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए देश में मजबूत बुनियादी ढांचे और व्यापक, जोखिम-अज्ञेयवादी कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों को सख्ती से चलाया जाना चाहिए। सार्वजनिक और निजी उद्यमों और राज्य स्वास्थ्य विभागों दोनों की जिम्मेदारी है कि वास्तविक लाभ देखने के लिए यथासंभव प्रभावी स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू करें।

14 साल बाद साथ आए अक्षय कुमार-प्रियदर्शन, हॉरर-कॉमेडी फिल्म से मचाएंगे धमाल

अक्षय कुमार और फिल्म निर्माता प्रियदर्शन ने छह फिल्मों में साथ काम किया है। अब यह जोड़ी सातवीं फिल्म के लिए साथ आने वाली है। 2010 में अपने आखिरी सहयोग ‘खट्टा मीठा’ के 14 साल बाद दोनों एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म पर साथ काम करेंगे। प्रियदर्शन ने स्पष्ट किया कि यह फिल्म उनकी पंथ हिट ‘भूल भुलैया’ का सीक्वल या स्पिन-ऑफ नहीं होगी। प्रियदर्शन ने आगामी प्रोजेक्ट पर बड़ा अपडेट दिया है, जिसने इस जोड़ी के फैंस के उत्साह को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है।

हॉरर कॉमेडी फिल्म के लिए साथ आए अक्षय-प्रियदर्शन
प्रियदर्शन ने आगामी प्रोजेक्ट पर अपडेट साझा करते हुए कहा, ‘अक्षय के साथ मेरी फिल्म रीमेक नहीं है। यह एक मौलिक विचार है। स्क्रिप्ट मेरी नहीं है, यह मुझे निर्माता एकता कपूर ने दी थी। यह भूल भुलैया नहीं है, लेकिन यह फैंटेसी हॉरर जोन में एक हॉरर कॉमेडी होगी। मैं भूल भुलैया को हास्य के साथ एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर भी कहूंगा। तो, यह किसी भी फिल्म का सीक्वल नहीं है। आगामी प्रोजेक्ट अक्तूबर में फ्लोर पर जाएगा।’

‘भूल भुलैया’ की सीक्वल पर प्रियदर्शन की दो टूक
प्रियदर्शन ने यह भी स्वीकार किया कि वह हाल ही में उतना काम नहीं कर रहे हैं। फिल्म निर्माता ने कहा, ‘मैं उन स्क्रिप्ट्स से खुश नहीं था जो मेरे पास आ रही थीं। अक्षय कुमार के साथ यह प्रोजेक्ट मुझे थोड़ा दिलचस्प लगा।’ जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ‘भूल भुलैया’ के सीक्वल का निर्देशन क्यों नहीं किया, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘वास्तव में मेरे पास भूल भुलैया 2 के लिए कभी कोई विषय नहीं था। फिल्म को जिस तरह की सफलता मिली उससे मैं बहुत खुश हूं, और मैंने इसे बनाने के लिए अनीस बज्मी को बधाई भी दी। सफल सीक्वल बनाना आसान नहीं है। सभी ने फिल्म को स्वीकार किया।’

प्रियदर्शन का वर्कफ्रंट
जहां अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म की स्क्रिप्टिंग जारी है, वहीं प्रियदर्शन एक डॉक्यूमेंट्री पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया, ‘मैंने कभी कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं बनाई, इसलिए यह इस पर मेरा पहला प्रयास है। यह अयोध्या मंदिर के इतिहास पर है, जो 1983 से शुरू होकर वर्तमान समय को दर्शाएगी।’ अक्षय कुमार और प्रियदर्शन इससे पहले ‘हेरा फेरी’ (2000), ‘गरम मसाला’ (2005), ‘भागम भाग’ (2006), ‘भूल भुलैया’ (2007), ‘दे दना दन’ (2009) और ‘खट्टा मीठा’ (2010) के लिए सहयोग कर चुके हैं।

नेटफ्लिक्स की सीरीज से री-लॉन्च होगी भंसाली की भांजी, ‘फाइटर’ की इस हीरोइन का भी किस्सा कमाल का

निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की महत्वाकांक्षी वेब सीरीज ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ की रिलीज इसी साल नेटफ्लिक्स होनी तय हो गई है। सीरीज के फर्स्ट लुक में इसकी हीरोइनों को भंसाली ने बिल्कुल अलग रंग रूप में प्रस्तुत किया है। मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा और संजीदा शेख के साथ ही इसमें शर्मिन सहगल भी एक दमदार किरदार में नजर आ रही हैं। शरमिन को इसके पहले भंसाली अपनी कंपनी की फिल्म ‘मलाल’ में चार साल पहले लॉन्च कर चुके हैं। कहा जा रहा कि ये सीरीज शरमिन की री-लॉन्च का बड़ा प्लेटफॉर्म बनने जा रही हैं। सीरीज में शामिल बाकी हीरोइनों की भी कहानी कम कमाल नहीं है। आइए जानते हैं ‘हीरामंडी’ के इन हीरों के बारे में…

मनीषा कोइराला

निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ‘खामोशी – द म्यूजिकल’ में काम कर चुकी अभिनेत्री मनीषा कोइराला वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ की सबसे सीनियर कलाकार हैं। सीरीज में वह लाहौर की मशहूर तवायफ की भूमिका निभा रही हैं। मनीषा कोइराला कहती हैं, ‘संजय के साथ मैंने ‘खामोशी-द म्यूजिकल’ में काम किया और तभी से हम एक दूसरे के संपर्क में लगातार हैं। उनकी फिल्में हमेशा लीक से हटकर रही हैं। उनकी फिल्मों में महिला किरदार उभरकर आते हैं। इस सीरीज में भी महिला किरदारों का एक अलग ही रंग देखने को मिलेगा।’

सोनाक्षी सिन्हा

वेब सीरीज ‘दहाड़’ में मामला न जमने के बाद अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ से अपना करियर पटरी पर लौटने की उम्मीदें लगाए बैठी हैं। वह कहती हैं, ‘मैं इस सीरीज का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। इस शो में मेरा बहुत ही खास और अलग किरदार है। भंसाली सर इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि अपने सभी कलाकारों से बेस्ट परफॉर्मेंस कैसे निकालना है। वह परदे पर जादू रचते है जो सिर्फ वही कर सकते हैं।’

अदिति राव हैदरी

वेब सीरीज ‘जुबली’ में दमदार भूमिका निभाकर बीते साल ओटीटी की हीरोइन नंबर वन बनी अदिति राव हैदरी को ‘ताज-डिवाइडेड बाय ब्लड’ के बाद एक बार फिर इतिहास को जीने का मौका मिला है। वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ को लेकर बहुत ही उत्साहित है। वह कहती हैं, ‘वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ मेरे करियर का ड्रीम प्रोजेक्ट है।’ अदिति राव हैदरी मानती है कि इस सीरीज के जरिए उन्हें इतिहास के एक अनोखे पन्ने को समझने और जानने को मिलता है।

ऋचा चड्ढा

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने इस बात का खुलासा किया कि इस सीरीज के लिए उन्हें कथक नृत्य सीखना पड़ा। वह कहती हैं, ‘मैंने अपने स्कूल के दिनों में कथक नृत्य सीखना शुरू किया था, लेकिन परीक्षा की वजह से मुझे इसे बीच में छोड़ना पड़ा। लेकिन ‘हीरामंडी’ के किरदार के लिए मुझे कथक नृत्य सीखने की जरूरत थी, इसलिए मैंने इसे विधिवत फिर से सीखा। इस सीरीज की कहानी 1940 के लाहौर की है।’

संजीदा शेख

छोटे पर्दे की चर्चित अभिनेत्री संजीदा शेख हाल ही में रिलीज फिल्म ‘फाइटर’ में करण सिंह ग्रोवर की पत्नी सांची गिल की भूमिका में नजर आई। संजीदा शेख कहती हैं, ‘वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ के लिए जब मैं प्रशिक्षण ले रही थी तभी मुझे फिल्म ‘फाइटर’ के लिए चुन लिया गया था। इस सीरीज में काम करने के लिए मुझे एक खास प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा।’ संजीदा शेख ‘एक हसीना थी’, ‘कुंडली भाग्य, ‘नागिन 3’ जैसे छोटे परदे के कई लोकप्रिय शो में काम कर चुकी हैं।

शरमिन सहगल

और, अब बात अभिनेत्री शरमिन सहगल की। शरमिन के मामा संजय लीला भंसाली उन्हें फिल्म ‘मलाल’ में लॉन्च करने की एक कोशिश पहले भी कर चुके हैं। हिंदी फिल्म जगत की बेहद काबिल एडिटर रहीं बेला सहगल की बेटी शरमिन के नाना मोहन सहगल हिंदी सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्माता रहे हैं। शरमिन ने साल 2019 में रिलीज फिल्म ‘मलाल’ से हिंदी सिनेमा में जावेद जाफरी के बेटे मीजान जाफरी के साथ डेब्यू किया। वह ‘गोलियों की रासलीला राम लीला’, ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जैसी फिल्मों में संजय की सहायक निर्देशक के तौर पर काम कर चुकी हैं। वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ में वह एक खास किरदार में नजर आएंगी। सीरीज के टीजर में सबसे ज्यादा शॉट्स और वह भी अलग अलग गेट अप में उन्हीं के हैं। माना जा रहा है कि ये सीरीज भंसाली ने अपनी भांजी को रीलॉन्च करने के लिए ही बनाई है।