Friday , October 25 2024

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कितनी भी बिजली करो प्रयोग, बिल आएगा शून्य; साथ ही होगी कमाई, CM ने बताया प्लान

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजधानी में सोलर पॉलिसी 2024 को लेकर इसके बारे में लोगों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरा प्लान बताया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने 2016 में सोलर पॉलिसी पास की थी। पूरे देश में इसे सबसे प्रोग्रेसिव सोलर पॉलिसी मानी गई। इसने ही सोलर पॉवर की बुनियाद रखी। दिल्ली सरकार ने नई सोलर पॉलिसी 2024 लागू की है।

बिल शून्य ही नहीं, कमाई भी कर सकेंगे
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति, सौर नीति 2024 जारी की है। अब तक 2016 की नीति लागू थी, यह देश की सबसे प्रगतिशील नीति थी। दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त, 400 तक आधी यूनिट और उससे ऊपर का पूरा बिल वसूला जाता है। नई सोलर नीति के तहत जो लोग अपनी छत पर सोलर पैनल लगाएंगे, उनका बिजली बिल शून्य होगा, चाहे वे कितनी भी यूनिट बिजली का उपभोग करें। इससे आप हर महीने 700-900 रुपए कमा सकते हैं। जो लोग सोलर पैनल पर खर्च करेंगे, उनको 4 साल में रिटर्न मिल जाएगा।

नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने पर भी बोले
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल होने पर केजरीवाल ने कहा कि मेरे हिसाब से उन्हें नहीं जाना चाहिए था। उन्हें सही नहीं किया, ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। उनके इस कदम से बिहार में इंडिया गठबंधन को फायदा होगा न की एनडीए को।

अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी ने किए रामलला के दर्शन, अफसरों के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं। यहां से वह सड़क मार्ग से हनुमानगढ़ी के लिए रवाना हुए और हनुमंत लला के दर्शन करने के बाद सीएम योगी ने राम जन्मभूमि पहुंचकर रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। इसके बाद उन्होंने अफसरों के साथ बैठक की और श्रद्धालुओं की सुगम दर्शन व्यवस्था का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री योगी तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का भी निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री के ही निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ट्रस्ट से बातचीत कर इसे शुरू कराया है बैठक में रोजाना लाखों की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित ढंग से रामलला के दर्शन करने की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

सत्यापन पूरा… 2370 किसानों को मिलेगा मुआवजा, जल्द खातों में भेजी जाएगी रकम

बरेली से पीलीभीत होते हुए सितारगंज तक बनने वाले फोरलेन हाईवे में सदर और अमरिया तहसील के 33 गांवों के 2370 किसानों को मुआवजा देने के लिए पत्रावलियों का सत्यापन किया जा रहा था, जो अब पूरा हो चुका है। अब मुआवजा के लिए सभी पत्रावलियों को अपलोड किया जा रहा है। इसके बाद किसानों के खातों में मुआवजे की धनराशि आनी शुरू हो जाएगी।

बरेली से पीलीभीत होते हुए सितारगंज तक प्रस्तावित फोरलेन हाईवे के निर्माण को अब गति मिलेगी। फेज दो के लिए अमरिया तहसील क्षेत्र के 27 गांवों के किसानों की जमीन इसमें आ रही थी। इसके लिए किसानों की जमीनों का सत्यापन कराया जा रहा था। सत्यापन के दौरान किसानों से जमीन से संबंधित पेपर मांगे गए थे। इसके बाद राजस्व रिकॉर्ड से इनका मिलान करवाया जा रहा था।

जमीनों के कागज मिलने के बाद सत्यापन की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है। इस पर सभी किसानों के खातों में उनकी जमीन के सापेक्ष मुआवजा धनराशि भेजने की राह भी आसान हो गई है। मुआवजा को लेकर सत्यापन रिपोर्ट अपलोड की जा रही है, जो कि अब केंद्र सरकार की ओर से उनके खातों में भेजी जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि फरवरी में ही सभी किसानों के खातों में धनराशि आ जाएगी। हाईवे के निर्माण में दोनों ही तहसीलों के 33 गांवों के 2370 किसानों की 72.2407 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की गई है।

अमरिया तहसील प्रशासन के सुस्त रवैये से हो रही थी देरी
सरकार के निर्देशों के तहत अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाना है। इसके लिए सदर तहसील से जमीनों को लेकर पूरा मामला आ गया था। अमरिया तहसील से रिकॉर्ड ही सत्यापित नहीं नहीं हो पा रहा था। इसको लेकर सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से कई बार कहा भी गया था। इधर पर मुख्य सचिव केंद्र सरकार विशाल चौधरी ने इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार से जल्द काम पूरा कराने के लिए कहा था। डीएम ने रविवार को ही सभी को तलब कर लिया। इसके बाद सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा किया गया।

दोनों तहसीलों के ये हैं गांव
गांव – किसान
कुकरीखेड़ा – 114
बिलई पसियापुर – 267
उगनपुर – 18
हंड – 59
देवीपुरा – 50
बारातबोझ – 85
बढेपुरा – 46
हुसैनपुर – 45
मुडलिया गौसू – 94
धुधरी – 107
कल्यानपुर चक्रतीर्थ – 106
बल्लिया – 32
दबका – 24
सरदार नगर – 123
बिलहरा – 29
भौनी – 239
कैंचूटांडा – 50
माधोपुर – 204
मुडलिया इलाहीवक्श – 30
लाहौरगंज – 11
भौना – 23
भैसहा – 129
अमरिया – 292
हेतमडांडी – 81

सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह ने बताया कि किसानों से ली जाने वाली जमीन से संबंधित कागजों का सत्यापन पूरा कर लिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार को शेष काम भी पूरा कर लिया गया है। दोनों तहसीलों से अभी 2370 किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई है। इसमें अब तक 286 को ही मुआवजा मिल चुका है। शेष का दिया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ में परिक्रमा करने से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने रोका, भारी फोर्स तैनात

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर (ज्ञानवापी) की परिक्रमा को लेकर विद्या मठ से मंदिर के गेट नंबर चार सहित सभी स्थानों पर पुलिस की भारी फोर्स तैनात है।परिक्रमा से पहले पुलिस व प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। आश्रम के बाहर ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को रोका गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धारा 144 लागू है ऐसे में परिक्रमा की अनुमति नहीं है।

इससे पहले परिक्रमा की सूचना पर एक्टिव हुई पुलिस ने एहतियातन केदार घाट स्थित विद्या मठ के बाहर भी फोर्स की तैनाती की। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्यों ने पुलिस अफसरों को बताया कि वह अभी अनुष्ठान में हैं। इसलिए मुलाकात नहीं हो पाएगी। ऐसे में पुलिस अफसरों और स्वामी की कोई बात नहीं हो पाई। इसके बाद पुलिस अविमुक्तेश्वरानंद को उनके आश्रम के पास ही रोकने की तैयारी में है। इस बीच सोनारपुरा, मदनपुरा, जंगमबाड़ी, गोदौलिया, बांसफटक होते हुए के वीएम के गेट नंबर 4 तक फोर्स की तैनाती बढ़ा दी गई है।

बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से सुबह ही घोषणा की गई कि सोमवार यानी आज दोपहर तीन बजे वह विश्वनाथ मंदिर (ज्ञानवापी) की परिक्रमा करेंगे। सुबह 7 बजे हुई बातचीत में पुलिस और प्रशासन की ओर से उन्हें कहा गया कि धारा 144 लागू है। इसके साथ ही पुलिस व प्रशासन परिक्रमा को लेकर सतर्क हो गई।

कृष्ण जन्मभूमि मामले में अदालत का बड़ा फैसला, ईदगाह कॉम्प्लेक्स के सर्वे पर रोक जारी रहेगी

सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा और इसके बगल में बनी ईदगाह को लेकर जारी भूमि विवाद पर अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा, फिलहाल ईदगाह कॉम्पलेक्स के सर्वे पर लगी रोक यानी स्टे ऑर्डर प्रभावी रहेगा। अदालत में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की तरफ से दायर याचिका पर आगे की सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी।

अगले तीन महीने में सभी दलीलें पेश करने का निर्देश
मथुरा के बहुचर्चित श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, हाईकोर्ट की तरफ से पारित अंतरिम आदेश जहां भी दिए गए हैं, शीर्ष अदालत का अंतिम फैसला आने तक वही प्रभावी रहेंगे। अप्रैल, 2024 में मामले को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए अदालत ने मुकदमे में शामिल सभी पक्षों को अगले लगभग तीन महीने में दलीलें पूरी करने का निर्देश भी दिया।

शीर्ष अदालत ने साफ किया कि मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी सभी याचिकाओं पर अप्रैल में एक साथ सुनवाई होगी। बता दें कि विगत 16 जनवरी को पारित आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर, 2023 को पारित आदेश में कहा था कि कोर्ट की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद कॉम्पलेक्स का सर्वे कराया जाए। सर्वे की निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाने पर भी रोक लगाई गई है। मुकदमे से जुड़े हिंदू पक्षकारों की दलील है कि मस्जिद परिसर में कई ऐसे चिह्न मौजूद हैं, जिनसे प्रमाणित होता है कि इतिहास में यह मंदिर था।

स्टे ऑर्डर जारी रखने के आदेश के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि हाईकोर्ट में लंबित टाइटल सूट पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रोसीजर कोड (CPC) के ऑर्डर 7 नियम 11 के तहत हाईकोर्ट में भूमि विवाद पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने हिंदू पक्षकारों से कहा है कि मस्जिद समिति की तरफ से दायर याचिका पर जवाब दाखिल करें।

क्या है मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट तक कैसे पहुंच गया विवाद
गौरतलब है कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर भूमि विवाद लंबे समय से जारी है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या की राम जन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर ही मथुरा में भी अलग और भव्य मंदिर बनाने की मांग हो रही है। जमीन के मालिकाना हक को लेकर जारी मुकदमे में अहम मोड़ उस समय आया जब अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की मांग होने लगी। ईदगाह कॉम्पलेक्स का सर्वे कराने के लिए पहले याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंय गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाई गई है।

महिलाओं की वैवाहिक उम्र संबंधी बिल को अंतिम रूप देगी संसदीय समिति, चार माह का विस्तार मिला

संसद की एक स्थायी समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए चार महीने का विस्तार (एक्सटेंशन) दिया गया है। समिति महिलाओं की शादी की आयु 18 से बढ़ाकर 21 साल करने की मांग करने वाले विधेयक पर विचार कर रही है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होने वाला है। आगामी आम चुनाव से पहले 17वीं लोकसभा का यह अंतिम सत्र है।

समिति अब चार महीने के विस्तार के बाद मई तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। जबकि, मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा में पेश किया गया था। तबसे वह वहां लंबित है। जबकि, सदन का कार्यकाल जून में खत्म हो जाएगा। लोकसभा में पेश किए गए या वहां लंबित विधेयक मौजूदा लोकसभा के भंग हो जाने के बाद खत्म हो जाएंगे।

जारी बुलेटिन में बताया गया कि राज्यसभा के सभापति ने बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 की जांच के लिए संसद की स्थायी समिति को 24 जनवरी, 2024 से चार महीने की अवधि के लिए विस्तार दिया है। समिति को पहले भी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए विस्तार दिया गया था। इस विधेयक को दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद इसे शिक्षा, महिला, बच्चों, युवाओं और खेलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। यह समिति राज्यसभा सचिवालय के तहत काम करती है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जांच के लिए विधेयक को लोकसभा अध्यक्ष से स्थायी समिति के पास भेजने का अनुरोध किया था। ईरानी ने सदन को बताया था कि सरकार पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता लाने की कोशिश कर रही है।

शेयर बाजार में बंपर खरीदारी; सेंसेक्स 1241 अंक चढ़ा, निफ्टी 21700 के पार

हरे निशान पर खुलने के बाद बैंकिंग काउंटरों में अच्छी खरीदारी और वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बाद भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को बड़ी बढ़त के साथ बंद हुए। सोमवार को सेंसेक्स 1.75% या 1,240.90 अंकों की बढ़त के साथ 71,941.57 अंकों के लेवल पर जबकि निफ्टी 1.80% अंकों या 385.00 अंकों की बढ़त के साथ 21,737.60 के स्तर पर बंद हुआ।

सोमवार के कारोबारी सेशन के बाद सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

सोमवार को निफ्टी के 38 शेयर हरे निशान पर जबकि 11 लाल शेयर लाल निशान पर बंद हुए। एक शेयर में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस दौरान ओएनजीसी, अडाणी एंटरप्राइजेज, एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी बैंक और सन फार्मास्युटिकल्स के शेयर सबसे ज्यादा लाभ में रहे। नुकसान में रहने वाले शेयरों में सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, बजाज ऑटो आईटीसी और डिवीज लैबोरेटरीज शामिल हैं।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर ये रहे

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से कीमतों में और तेजी आई। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने गुरुवार को 2,144 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

अजित पवार गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसले लेने की समय अवधि फिर बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने एक आदेश में अजित पवार गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने की डेडलाइन बढ़ा दी है। आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर अब 15 फरवरी तक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ले सकेंगे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सबमिशन पर यह आदेश दिया।

स्पीकर ने फैसले के लिए मांगा और समय
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता स्पीकर राहुल नार्वेकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। तुषार मेहता ने फैसले के लिए पीठ से और समय की मांग की। जिस पर पीठ ने फैसले के लिए समयसीमा 15 फरवरी तक बढ़ा दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला लेने समयसीमा 31 जनवरी तक तय की थी। शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने स्पीकर राहुल नार्वेकर के समक्ष याचिका दायर कर दल-बदल विरोधी कानून के तहत अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील की थी। अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के कई विधायक बीती साल 2 जुलाई को एनडीए में शामिल हो गए थे। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उन्हें असली एनसीपी मानने की मांग की गई है। साथ ही पार्टी के चुनाव चिन्ह घड़ी पर भी दावा जताया है

नीतीश को पाले में लेकर अमित शाह ने फिर चला बड़ा दांव, पार्टी को बड़े नुकसान से बचाया

एनडीए ने 2019 का चुनाव नीतीश कुमार के साथ लड़ा था। 40 में से 39 सीटें आई थीं। अगस्त 2022 में नीतीश महागठबंधन के साथ चले गए थे। नीतीश की पुरानी सरकार में मंत्री रहे सूत्र का कहना है कि इससे बिहार में एनडीए की आधी सीटें घटने की संभावना थी। इसके अलावा कुछ असर दूसरे राज्यों में संभव था। राजद कोटे के पूर्व मंत्री ने माना कि नीतीश के भाजपा में जाने से एनडीए को कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में 20-22 सीटों का फायदा हो सकता है। इसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बारीकी से बड़ा दांव चलकर हासिल कर लिया है। वह नीतीश को एनडीए में ले आए, लेकिन मुख्यमंत्री के हाथ और पैर बांधकर। सूत्र का कहना है कि विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाने के पीछे राज यही है।

तेजस्वी यादव के सचिवालय के सूत्र का कहना है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री पिछले 4-5 दिन से तंग थे। बताते हैं राजद को नीतीश के हाव-भाव से दो सप्ताह पहले से ही पाला बदलने का एहसास था। जनवरी के दूसरे सप्ताह में इंडिया गठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री ने इसकी झलक दिखाई थी। बताते हैं तब राजद कोटे के एक मंत्री ने एक समारोह के दौरान सावधान किया था। मंत्री जी ने कहा था कि नीतीश बाबू को अंगूर खट्टा लगने पर वह फिर पाला बदल लेंगे। बताते हैं नीतीश कुमार के महागठबंधन में लौटकर आने के बाद से राजद उनके पाला बदलने के डर से कुछ ज्यादा मनुहार कर रहा था।

लालू प्रसाद लेकर आए थे और नीतीश कुमार कांग्रेस का नुकसान करके चले गए

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि राहुल गांधी की पहले चरण की भारत जोड़ो यात्रा के बाद विपक्ष को बड़ी संजीवनी मिली थी। गांधी की दूसरे चरण की न्याय यात्रा के बीच में नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन को छोड़कर चले गए। इससे भाजपा को मदद मिलेगी और इसकी भरपाई में समय लगेगा। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए हमारे पास समय कम है। पटना के वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा कहते हैं कि नीतीश को कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से जोड़ऩे की पहल लालू प्रसाद यादव ने की थी। अब नीतीश कुमार कांग्रेस का नुकसान करके एनडीए में चले गए हैं। इसका घाटा पूरे विपक्ष को होगा। कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान का भी मानना है कि धर्म निरपेक्षता के मामले में कांग्रेस का भरोसा लालू प्रसाद पर अधिक था। हालांकि वैचारिक दृष्टि से लालू और नीतीश के करीबी नेता शिवानंद तिवारी का मानना है कि इस बार नीतीश के महागठबंधन का साथ छोडऩे की वजह कांग्रेस है। कांग्रेस ने नीतीश कुमार को उचित महत्व नहीं दिया। शिवानंद मानते हैं कि नीतीश महत्वाकांक्षी हैं। राजनीति में महत्वाकांक्षा खराब नहीं है, लेकिन सूझबूझ से काम लिया गया होता, तो यह स्थिति नहीं आती।

दो नेताओं के बीच में गड़बड़ाते ताल को नहीं साध पाई कांग्रेस

नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन की शुरुआत के लिए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से संपर्क किया था। ममता बनर्जी की हां के बाद, उन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत अन्य से बात की थी। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि बिना कांग्रेस को पूरी तरह से विश्वास में लिए गठबंधन के लिए पहली बैठक की तारीख तय हो गई थी। लेकिन इसके बाद ममता बनर्जी और नीतीश कुमार में आपस के तालमेल नहीं बन पाए। बताते हैं कि ममता बनर्जी ने पटना की बैठक में पहुंचकर सबसे अधिक भाव राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार को दिया। बेंगलुरु में हुई बैठक में गठबंधन का नाम इंडिया रखने का प्रस्ताव ममता बनर्जी की तरफ से आया। बताते हैं कि इस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राय दी, लेकिन इंडिया गठबंधन का ही नाम फाइनल हुआ। इस बैठक में नीतीश और लालू प्रसाद समय से पहले ही चले गए थे। यूपीए सरकार में मंत्री रहे एक अन्य सूत्र का कहना है कि बेंगलुरु की बैठक के बाद से नीतीश कुमार के रुख में सकारात्मक गर्मजोशी नहीं दिखाई दे रही थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरग़े भी पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें नीतीश कुमार के रुख का पहले से अंदाजा था। माना जा रहा है कि दो सप्ताह पहले इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस के रणनीतिकारों ने काफी कुछ भांप लिया था। बताते हैं नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाए जाने को लेकर तमाम तरह के असमंजस थे। मल्लिकार्जुन खरग़े को गठबंधन का अध्यक्ष नियुक्त करने से पहले उन्हें भावी प्रधानमंत्री घोषित करने के प्रस्ताव आने पर भी काफी कुछ संकेत मिला था। कांग्रेस के बिहार के एक विधायक भी मानते हैं कि संयोजक पद को लेकर राहुल गांधी के बयान ने नीतीश कुमार को जरूर अंदर से परेशान किया होगा? इसमें राहुल गांधी ने कहा था कि ममता बनर्जी को नीतीश कुमार को संयोजक बनाए जाने पर एतराज है। इसी को शिवानंद तिवारी कांग्रेस की बदमाशी करार देते हैं। ऊपर से लालू की बेटी रोहिणी आचार्य के ट्वीट ने नीतीश को भड़का दिया। जनवरी 2024 आते-आते नीतीश, लालू और ममता बनर्जी तीन कोणों पर खड़े होने लगे। मध्य में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन था। राजद के एक नेता कहते हैं कि नीतीश कुमार पिछले एक दशक से मनमाने तरीके से सब अपने तरीके से चलाते हैं। ऊपर से उनके जख्म पर यह रोहिणी का नमक। रोहिणी आचार्य ने फिर प्रतिक्रिया दी है। कहा है कूड़ा (नीतीश) फिर गया कूड़ेदान में। लालू प्रसाद की दुलारी बिटिया की यह टिप्पणी काफी कुछ कह रही है।

अमित शाह ने चला है बड़ा दांव, नहीं पूरे होने देंगे नीतीश के सपने

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा दांव चला है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के जद(यू) के कमजोर होने के बयान से बिहार की राजनीति को समझने वाले कई विशेषज्ञ सहमत हैं। प्रशांत किशोर तो अपनी भविष्यवाणी कर चुके हैं। तीसरे बार एनडीए नें शामिल हुए नीतीश कुमार को भले ही प्रधानमंत्री मोदी ने फोन करके भरोसा दिया हो, लेकिन राजनीतिक चतुराई में पारंगत शाह ने यह खिड़की आसानी से नहीं खोली है। नीतीश के दाएं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौहरी और बाएं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम के तौर पर लगाया है। विधानसभा अध्यक्ष भी भाजपा का ही होगा। नीतीश कुमार को इससे पहले विजय सिन्हा पानी पी पीकर कोस रहे थे। सम्राट चौधरी को लेकर भी नीतीश कुमार ने अपनी पिछली राजग सरकार में शिकायतें की थीं। विजय सिन्हा को टारगेट करके फ्लोर पर ही मुख्यमंत्री ने तब जमकर सुना दिया था। माना यह जा रहा है कि तीसरी बार लौटे नीतीश कुमार के लिए राह बहुत आसान नहीं है। नीतीश जद(यू) को बिहार की पहले नंबर की पार्टी का फिर रुतबा दिलाना चाहते हैं, लेकिन अब अमित शाह और भाजपा के रणनीतिकार उन्हें इसका अवसर नहीं देने वाले हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुशल रणनीति से नीतीश कुमार को छकाया था। माना जा रहा है कि बड़े भाई और छोटे भाई के खेल में इसकी पुनरावृत्ति संभव है।

भाजपा 30-32 सीट पर चुनाव लडऩे की कर रही थी तैयारी

नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सम्राट चौधरी ने कमान संभाली। सम्राट चौधरी राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रहे हैं। मुखर नेता हैं। सात साल पहले भाजपा में आए थे। विजय सिन्हा की ही तरह जमीनी पकड़ रखते हैं। इस बार भाजपा की योजना बिहार की 40 में से 30-32 सीटों पर चुनाव लड़ऩे की थी। बिहार के एक केंद्रीय मंत्री शरारत भरे अंदाज में मुस्कराते हुए कहते हैं कि इनमें से अब 10-12 सीटें नीतीश कुमार की पार्टी के लिए छोड़नी पड़ेंगी। सूत्र का कहना है कि 2019 में 17 सीटों पर लड़े और सब जीत गए। इस बार भी 25-26 सीटों पर भाजपा का जीतना था। बाकी पर सहयोगी दल जीतते। वैसे भाजपा के लिए बिहार साधने में इस बार मशक्कत करनी पड़ सकती है। क्योंकि चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस की पार्टी ने पिछले बार की तरह 06 सीटों की मांग की है। उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को भी लोकसभा में सीटें देनी है। ऐसे में जद(यू) के हिस्से में 2019 की तरह 17 सीटें दे व्यवस्थित कर पाना मुश्किल हो सकता है।

गांधी जी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है शहीद दिवस, इस मौके पर पढ़िए बापू के अनमोल वचन

देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की जंग अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीती। उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए पूरे देश को एकजुट किया और अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। खास बात ये है कि वह सत्य, अहिंसा और आदर्शों के मार्ग पर पूरा जीवन चलते रहे।

हालांकि देश को गणतंत्र बनते वह न देख सके और 30 जनवरी 1948 को उनका निधन हो गया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। शहीद दिवस पर देश के उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।महात्मा गांधी आज दुनियाभर में अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। विश्वभर में लोग उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत मानते हैं। शहीद दिवस के मौके पर महात्मा गांधी के बताए आदर्शों को याद कर करने के लिए बापू के अनमोल विचार पढ़ें।

स्वास्थ्य ही सही धन है। सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है
यह तो अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें
आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती, वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। खुशबू ही उसका संदेश है।