Friday , October 25 2024

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मंत्री बृजेश पाठक बोले- देश विकसित राष्ट्र जैसा काम कर रहा है, सपा सरकार में होती थी गुंडागर्दी

उपअमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मेडिकल में जो नए विभाग शुरू होने हैं उनको शुरू कराया जाएगा। चिकित्सकों की जो कमी है उसको पूरा किया जाएगा। अब चुनाव आने वाले हैं इसमें जो बेहतर है उसको वोट करें। आज देश विकसित राष्ट्र जैसा काम कर रहा है। किसी भी देश से पीछे नहीं है।  सपा सरकार में गुंडागर्दी होती थी इससे जनता त्रस्त है। उत्तर प्रदेश सरकार शानदार कार्य कर रही है। नीतीश कुमार और जयंत चौधरी के सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

उन्होंने कहा सपा की गुंडागर्दी लोग भूले नहीं हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 2 लाख मरीजों का इलाज किया जाता है। 17000 मरीज एक्सीडेंटल होते हैं। आज प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अमेरिका से भी बेहतर है।
मेरठ के लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज का 58 वां स्थापना दिवस एवं दीक्षांत समारोह रविवार को आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक रहे।

दीक्षांत समारोह में 207 स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र छात्राओं को उपाधि (154 एमबीबीएस और 53 एमडी- एमएस व डिप्लोमा) एवं 40 स्वर्ण पदक दिए गए। इनके अलावा 49 विशिष्ट योग्यता, 31 सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट, ऑनर्स सर्टिफिकेट और तीन चल वैजयंती दी गई प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि प्रधानाचार्य गोल्ड मेडल फॉर स्टूडेंट ऑफ द ईयर दिया गया। मोस्ट पॉपुलर स्टूडेंट अवार्ड की चल वैजयंती भी दी गई। 75 अंक प्रतिशत अंक के साथ 49 छात्र-छात्राओं ने विशेष योग्यता प्राप्त की है, वे पुरस्कृत किए गए।

मेडिकल कॉलेज से अब तक सात हजार से ज्यादा विद्यार्थी एमबीबीएस की डिग्री ले चुके हैं। तीन हजार से अधिक ने स्नातकोत्तर और 27 ने ज्यादा ने डीएम एंडोक्राइनोलॉजी की डिग्रियां भी ली हैं। कई डॉक्टर विदेशों में भी यहां का नाम रोशन कर रहे हैं। यह प्रदेश का एकमात्र राजकीय मेडिकल कॉलेज है, जहां डीएम एंडोक्राइनोलॉजी पाठ्यक्रम उपलब्ध है। 1963 को यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था।

लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मां की हत्या, बचाने आए पिता को भी नहीं बख्शा; नहीं आया रहम

फिराजाबाद के टूंडला में नशे में बेटा इस कदर हैवान बन गया कि उसने अपनी मां का ही कत्ल कर दिया। बेरहमी से मां को लाठी-डंडों से पीटा। इस दौरान बचाने के लिए आए पिता पर भी हमला कर लहूलुहान कर दिया। मौके पर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हुई तो आरोपी भाग निकला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है।

यहां की है घटना
थाना टूंडला क्षेत्र के गांव मोहम्मदाबाद की घटना है। बताया गया है कि यहां के रहने वाले अजय पाल का पुत्र राकेश नशे का आदी है। रोज की तरह आज सुबह-सुबह वो नशे की हालत में घर आया। इस दौरान किसी बात को लेकर उसका अपनी मां सुशीला देवी से विवाद हो गया। इस दौरान राकेश ने लाठी-डंडे से मां पर हमला बोल दिया। वो खुद को बचाने के लिए चीखती चिल्लाती रही, लेकिन हैवान बने बेटे को उस पर रहम नहीं आया।

पीट-पीटकर कर दी हत्या
आरोपी ने मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस दौरान बचाने आए पिता अजय पाल पर भी हमला बोलते हुए लहूलुहान कर दिया। घर में शोर शराबा सुन लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। जिसके बाद आरोपी वहां से भाग निकला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही पुलिस
मामले की जानकारी देते हुए थाना प्रभारी टूंडला ने बताया कि पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपी के तलाश के लिए दबिश दे रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

राम मंदिर के कारण हर साल लाखों करोड़ का हो सकता है कारोबार, खुले रोजगार के नए अवसर

राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि राम मंदिर के कारण देश में व्यापार के नए अवसर खुले हैं और इसके कारण लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। आने वाले वर्षों में यह हर साल करोड़ों रूपये का नया बाजार बन सकता है जिससे देश के लोगों में आर्थिक समृद्धि आएगी। इससे युवाओं को भारी संख्या में नौकरी भी मिलेगी। इससे स्वरोजगार के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी।

व्यापारियों की संस्था कैट ने कहा है कि वह श्रीराम मंदिर से उत्पन्न नए व्यापारिक अवसरों को प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक श्वेत पत्र जारी करेगी। अयोध्या की महत्ता को व्यापारिक दृष्टि समझते हुए कैट ने यह निष्कर्ष निकाला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को बहुत तेज़ी से राम मंदिर के कारण उत्पन्न विभिन्न नये व्यापारिक एवं रोजगार के अवसरों को देश के कोने कोने में पहुंचाया जा सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए कैट इस विषय पर एक रिसर्च कर रहा है जो बहुत जल्द ही जारी होगी।

दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान बोले- नौकरी करने वाले नहीं, देने वाले बनें

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करने में शिक्षा और तकनीक का योगदान अहम होगा। आईआईएम मुंबई के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि प्रधान ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे विकसित इकोनॉमी बन सकती है और विकसित भारत मे हम दुनिया को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने नए स्नातकों का आह्वान किया कि नौकरी करने वाले नही नौकरी देने वाले बनें।

आईआईएम मुंबई के प्रथम दीक्षांत समारोह में
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में संस्थान के 1013 छात्रों को स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान की गई। साल 1963 में स्थापित, भारतीय प्रबंधन संस्थान मुंबई (आईआईएम मुंबई) शैक्षिक उत्कृष्टता के केंद्र का गढ़ है, जिसने देश के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ संरेखित करने की प्रतिबद्धता के साथ, आईआईएम मुंबई को रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में क्षमता निर्माण के लिए नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है, जो शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से योगदान देता है। आईआईएम मुंबई तीन एमबीए कार्यक्रम, उद्योग की जरूरतों को पूरा करने वाले कार्यपालक कार्यक्रम, वैश्विक और राष्ट्रीय प्रमाणन कार्यक्रमों की पेशकश करता है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अतिथि के रूप में प्रबंध निदेशक और सीईओ, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) आशीष कुमार चौहान और आईआईएम मुंबई शासी मंडल के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी और अन्य सदस्य शामिल थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईएम मुंबई के स्नातकों की राष्ट्र निर्माण के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने देश में युवाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि और विकास के बारे में भी श्रोताओं को अवगत कराया। आशीष कुमार चौहान ने कहा कि आईआईएम मुंबई इस मुंबई शहर के लिए एक बहुत ही प्रतीक्षित उपहार है। संस्थान के शासी मंडल के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी ने कहा कि आईआईएम मुंबई अनुसंधान और उद्योग संपर्क में तेजी लाएगा। आईआईएम मुंबई के निदेशक प्रो. मनोज कुमार तिवारी ने प्रधान मंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री, विशेष समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार चौहान और आईआईएम मुंबई शासी मंडल को नीटी को आईआईएम मुंबई में परिवर्तित कराने में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया और संस्थान के रिपोर्ट कार्ड को साझा किया।

इस कार्यक्रम में कुल 1013 छात्र दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में सभी स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 32 फेलो छात्र, 955 स्नातकोत्तर विद्यार्थी अर्थात पीजीडीआईई, पीजीडीआईएम, पीजीडीएमएम, पीजीडीपीएम और पीजीडीएसएम और 26 वीएलएफएम छात्र शामिल थे।

‘आज बन रहे कानून, कल के उज्जवल भारत का आधार बनेंगे’, हीरक जयंती समारोह में बोले पीएम मोदी

सुप्रीम कोर्ट की हीरक जयंती के अवसर पर दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए। कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों को समाप्त करके ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता’, ‘भारतीय न्याय संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ की व्यवस्था शुरू की। इन बदलावों से हमारी कानूनी पुलिसिंग और जांच प्रणाली एक नए चरण में प्रवेश कर गई है।’

‘जन विश्वास विधेयक से न्यायिक व्यवस्था पर बोझ कम होगा’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘मैं सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि वह भी इसी तरह की क्षमता-निर्माण प्रक्रिया के लिए आगे आए…सरकार लगातार काम कर रही है और कई निर्णय ले रही है, जिससे विश्वसनीय न्यायिक प्रणाली बन सके। जन विश्वास विधेयक इसी दिशा में एक कदम है। इससे न्यायिक व्यवस्था पर अनावश्यक बोझ कम होगा। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को समृद्ध किया है। भारत की आज की आर्थिक नीतियां और आज जो कानून बन रहे हैं, वही कल के उज्जवल भारत का आधार बनेंगे। आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है और भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है। भारत के लिए हर अवसर का लाभ उठाना जरूरी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा भारतीय नागरिक न्याय तक आसान पहुंच के हकदार हैं और सुप्रीम कोर्ट की इसमें अहम भूमिका है। पूरी न्याय प्रणाली, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर काम करती है। पीएम मोदी ने कहा ‘पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट भवन परिसर के विस्तार के लिए बीते हफ्ते ही 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। ई-कोर्ट मिशन के तीसरे चरण के लिए दूसरे चरण की तुलना में चार गुना ज्यादा राशि मंजूर की गई है।’

मुख्य न्यायाधीश बोले- सुप्रीम कोर्ट का लोकतंत्रीकरण हुआ
कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना इस भावना के साथ की गई थी कि यहां कानूनों की व्याख्या कानून के शासन के अनुसार की जाएगी न कि औपनिवेशिक मूल्यों या सामाजिक पदानुक्रम के आधार पर। यह विश्वास को मजबूत करता है कि न्यायपालिका अन्याय, अत्याचार और मनमानी के खिलाफ एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है। सुप्रीम कोर्ट समाधान और न्याय की संस्था है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ‘अब हमारे पास एक बटन पर क्लिक करके मामले दायर करने की सुविधा है। मई 2023 में ई-फाइलिंग प्लेटफॉर्म का उन्नत संस्करण लॉन्च किया गया था। इसमें 24 घंटे मामले दर्ज करने की सुविधा तेज और सुविधाजनक बन गई है। ई-फाइलिंग से दर्ज मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बार और बेंच की मदद से कोरोना काल के बाद से वर्चुअल सुनवाई के मामले बढ़े हैं। इससे सुप्रीम कोर्ट का लोकतंत्रीकरण हो गया है। इससे उन लोगों के लिए भी रास्ता खुल गया है, जो सर्वोच्च न्यायालय आने में असमर्थ हैं।’

अमरोहा में कारोबारी की गोली मारकर हत्या, हथियार लहराकर भागे आरोपी..दोस्त के सामने हुई वारदात

अमरोहा में रुपयों के लेनदेन के विवाद में लकड़ी कारोबारी शहजाद उर्फ इका (40) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक कांठ थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव का रहने वाला है, जबकि वारदात को अंजाम देहात थानाक्षेत्र के नौहरान गांव में दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। मामले में एक नामजद समेत दो लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। शहादत उर्फ एका मूलरूप से मुरादाबाद जनपद के कांड थानाक्षेत्र के उमरी गांव के रहने वाले थे। वर्तमान में वह पत्नी बच्चों के साथ सलेमपुर गांव में रहते थे। उनके परिवार में पत्नी भूरी उर्फ यासमीन के अलावा तीन बेटे और एक बेटी है।

शहादत उर्फ इका कांठ के मोहल्ला नई बस्ती ईदगाह के रहने वाले मोहम्मद यासीन के साथ लकड़ी का कारोबार करते थे। आरोप के मुताबिक शहादत उर्फ इका का उमरी गांव के ही रहने वाले शहजाद से रुपयों के लेनदेन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। शहजाद अहमदाबाद में शीशे का काम करता है।

वह गांव आता रहता है। 26 जनवरी को पैगंबरपुर गांव में शहजाद और शहादत के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने दोनों को समझा कर शांत कर दिया था। इसके बाद शनिवार की शाम छह बजे शहादत उर्फ इका अपने दोस्त मोहम्मद यासीन के साथ लकड़ी देखने के लिए अमरोहा देहात थाना क्षेत्र के गांव नोहरान आए थे।

तभी पीछे से शहजाद अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और शहादत उर्फ इका को गोली मार दी। इसके बाद शहादत लहूलुहान होकर अचेत अवस्था में जमीन पर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आरोपी घटना को अंजाम देकर मौके भाग निकले। सूचना मिलते ही देहात थानाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह, क्राइम इंस्पेक्टर अमरीश कुमार त्यागी मौके पर पहुंच गए।

एसपी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की टीम ने साक्ष्य जुटाए। एएसपी राजीव कुमार सिंह और सीओ अंजलि कटारिया ने घटनास्थल का मुआयना किया। जांच पड़ताल के बाद रात में ही पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सीओ अंजलि कटारिया ने बताया कि मृतक और आरोपी मूलरूप से एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों के बीच रुपये के लेनदेन का विवाद सामने आया है। मामले में मृतक के दोस्त मोहम्मद यासीन की तहरीर पर शहजाद और उसके अज्ञात साथी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्या यूपी में ब्राह्मण वोट साध पाएंगे पांडा? टिकट वितरण में गुटबाजी खत्म करना होगी मुख्य चुनौती

भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए ओडिशा के ब्राह्मण नेता बैजयंत पांडा को यूपी की कमान सौंपी है। पांडा का ओडिशा के ब्राह्मण सहित अगड़ी जाति के मतदाताओं में बड़ा प्रभाव है। सूत्रों के मुताबिक यूपी में ब्राह्मणों की आबादी करीब 12-14 फीसदी है। 2007 के बाद से ब्राह्मण वोट बैंक भाजपा के साथ रहा है। लेकिन, हाल ही में कांग्रेस और सपा की ओर से ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए भाजपा ने पांडा को कमान सौंपी है।

तीन सह प्रभारी भी नियुक्त होंगे
भाजपा के उच्च पदस्थ पदाधिकारी ने बताया कि आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में तीन सह प्रभारी भी नियुक्त किए जाएंगे। एक सह प्रभारी को दो संगठनात्मक क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी।

2019 में बीजेपी में आए
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिशन 80 को पूरा करने लिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को प्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। 2019 में भाजपा में शामिल हुए बैजयंत पांडा को पार्टी ने देश के सबसे बड़े राज्य की चुनावी कमान सौंपी है। पांडा पेशे से बड़े उद्योगपति और पांडा उड़ीसा के कद्दावर नेता रहे हैं। वह 2009-2018 तक बीजू जनता दल के टिकट से केंद्रपाडा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं। बीजू जनता दल छोड़ने के बाद उन्होंने मार्च 2019 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। महज पांच वर्ष में उन्होंने पार्टी में यह विश्वास कायम किया है कि पार्टी ने उन्हें सबसे बड़े राज्य का प्रभारी नियुक्त किया है।

इसलिए चुने गए पांडा
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि बैजयंत पांडा का यूपी की राजनीति से पहले कभी वास्ता नहीं रहा है। ऐसे में पांडा केंद्रीय नेतृत्व की मंशा के अनुरूप यूपी में प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रबंधन तक की योजना को अंजाम दे सकेंगे। यूपी में सरकार या संगठन के गुट विशेष को तरजीह देने जैसी संभावना भी नहीं रहेगी।
पांडा की चुनौती

– भाजपा के मिशन 80 को पूरा करना।
– सरकार और संगठन में तालमेल बनाए रखना।
– सीटों के बंटवारे में सहयोगी दलों से समन्वय बनाए रखना।
– प्रत्याशी चयन के बाद नाराजगी को कम करना।
– प्रदेश भाजपा में पनप रही गुटबाजी से खुद को दूर रख पाना।

क्या परंपरा बरकरार रख पाएंगे बैजयंत
भाजपा के गलियारों में ऐसा माना जाता है कि जो लोकसभा चुनाव में यूपी का चुनाव प्रभारी बनता है, वही पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनता है। 2014 लोकसभा चुनाव में अमित शाह यूपी के प्रभारी थे उसके बाद वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 2019 में जेपी नड्डा प्रभारी थे फिर वह अध्यक्ष बने। नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक है। यानि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मिलेगा। बैजयंत पांडा को यूपी का प्रभारी नियुक्त करने के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पांडा उस परंपरा को बरकरार रख पाएंगे।

यूपी के नेताओं का कद बढ़ा
लोकसभा चुनाव में प्रभारियों की नियुक्ति में उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं का कद बढ़ा है। राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल को केरल के संगठन प्रभारी के साथ अब कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। एमएलसी महेंद्र सिंह को मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को झारखंड, सांसद विजयपाल सिंह तोमर को उड़ीसा और करीब दो साल से नेपथ्य में चल रहे मथुरा के विधायक एवं पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया है। राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर को हरियाणा का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

यूपी के भाजपा प्रभारी की नियुक्ति का इंतजार
भाजपा ने लोकसभा के चुनाव प्रभारी तो तैनात कर दिया है, लेकिन यूपी में संगठन प्रभारी की नियुक्ति का अब भी इंतजार है। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रभारी राधामोहन सिंह के हटने के बाद से संगठन प्रभारी का पद रिक्त चल रहा है।

नौसेना ने हूती हमले से कैसे बचाया ब्रिटिश जहाज, छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया

भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में हूती हमले से एक और मालवाहक जहाज को बचाया है। जहाज पर हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया था, जिससे जहाज पर भीषण आग लग गई थी। भारतीय नौसेना ने हमले की सूचना पर तुरंत मौके पर पहुंचकर जहाज को बचाया। कई घंटे की मशक्कत के बाद जहाज पर लगी आग पर काबू पाया जा सका।

शनिवार को अदन की खाड़ी में हुआ था हमला
ब्रिटिश व्यापारिक जहाज मार्लिन लाउंडा पर शनिवार को अदन की खाड़ी से गुजरते हुए हूती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला किया था। इस हमले के चलते जहाज पर आग लग गई थी। जहाज के चालक दल में 22 भारतीय और बांग्लादेशी नागरिक शामिल है। हमले के बाद जहाज के क्रू ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी। इस पर नौसेना ने अपना युद्धक जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को ब्रिटिश व्यापारिक जहाज को मदद के लिए रवाना किया। नौसेना ने बयान जारी कर बताया कि 10 फायर फाइटर्स की एक टीम ने जहाज पर लगी आग को करीब छह घंटे में कंट्रोल कर लिया। जहाज पर नौसेना के कर्मी मौजूद हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं कि कहीं फिर से तो आग भड़कने की आशंका नहीं है। नौसेना ने बताया कि अमेरिका और फ्रांस के युद्धक जहाजों को भी ब्रिटिश जहाज के चालक दल ने मदद के लिए फोन किया था, जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया भी दी।

जहाज के कप्तान ने नौसेना को कहा धन्यवाद
ब्रिटिश व्यापारिक जहाज के कप्तान ने भारतीय नौसेना को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा कि ‘हमने इस भीषण आग से लड़ने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भारतीय नौसेना के जज्बे को सलाम है जिन्होंने इस भीषण आग पर काबू पाया। भारतीय नौसेना ने उम्मीद से बढ़कर हमारी मदद की।’

हूती विद्रोही बना रहे व्यापारिक जहाजों को निशाना
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने बताया कि मार्लिन लाउंडा ब्रिटिश कंपनी का जहाज था, जिस पर यमन के हूती विद्रोहियों मिसाइल से हमला किया था। इस्राइल हमास युद्ध के बाद से हूती विद्रोही लगातार लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय नौसेना समेत अमेरिका और कई अन्य देशों की नौसेनाएं अरब सागर, अदन की खाड़ी में पेट्रोलिंग कर रही हैं।

‘राहुल गांधी के हमशक्ल का नाम-पता सब बताऊंगा’, असम सीएम ने न्याय यात्रा पर लगाए थे आरोप

असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि वह जल्द ही राहुल गांधी के हमशक्ल का नाम-पता बताएंगे। हिमंत बिस्व सरमा ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि असम में राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी के हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। अब जब उनसे उनके दावे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है कि वह जल्द ही हमशक्ल के नाम-पते की जानकारी साझा करेंगे।

असम सीएम बोले- कुछ दिन में सारी जानकारी दूंगा
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ‘मैं ऐसे ही बातें नहीं बोलता हूं। हमशक्ल का नाम और कैसे ये सब किया गया, इसकी पूरी जानकारी दूंगा। बस कुछ दिन का इंतजार करिए।’ शनिवार को असम सीएम सोनितपुर जिले में थे, वहीं पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही। सरमा ने कहा ‘मैं रविवार को डिब्रूगढ़ में रहूंगा और अगले दिन गुवाहाटी जाऊंगा। एक बार जब मैं गुवाहाटी पहुंच जाऊंगा तो मैं हमशक्ल का नाम और पते की जानकारी दूंगा।’

कांग्रेस पर तीखा हमला बोला
राहुल गांधी द्वारा हिमंता बिस्व सरमा को सबसे ज्यादा भ्रष्ट सीएम बताया गया और उन्होंने दावा किया कि असम में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आएगी। अब हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि ‘उन्हें हराने के लिए सभी गांधी- सोनिया, प्रियंका और राहुल को आना होगा। प्रियंका गांधी के बेटे को भी आने दीजिए। वह (कांग्रेस) पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं।’ असम सीएम ने दावा किया कि ‘लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य में साढ़े 11 सीटें जीतेगा और हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे 12 में कैसे बदला जाए। हम कांग्रेस को लेकर बिल्कुल चिंतित नहीं हैं।’ राज्य में 14 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से अभी नौ सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

असम सीएम ने किया था ये दावा
राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने बीते गुरुवार को असम का चरण पूरा किया था। इसके बाद असम सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि असम में न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी की जगह उनके हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। बस से लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन करने के लिए राहुल गांधी के हमशक्ल का इस्तेमाल किया गया। सरमा ने ये भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान असम के लोगों को भड़काने की कोशिश की गई।

लाला लाजपत राय के जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें

‘पंजाब केसरी’ कहे जाने वाले लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों में से एक थे। उनकी भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका थी। इसके साथ ही उन्होंने एक आदर्श नेता के तौर अपनी पहचान बनाई। लाला लाजपत राय की आज 159वीं जयंती है। इस मौके पर हम आपको उनकी कुछ खास बातें बताते हैं जिसके बारे में शायद ही लोग जानते होंगे।

लाला लाजपत राय ने एक राष्ट्रवादी राजनेता, वकील और लेखक के रूप में भारत को अपना अमूल्य योगदान दिया। वह आर्य समाज से प्रभावित थे जिसका उन्होंने देशभर में प्रचार प्रसार किया है। पंजाब में उनके कार्यों की वजह से उन्हें पंजाब केसरी की उपाधि दी गई। लाला लाजपत राय ने स्वामी दयानंद के साथ मिलकर आर्य समाज की स्थापना की। वह एक बैंकर भी थे, जिन्होंने देश में एक स्वदेशी बैंक की स्थापना की थी, जिसे हम आज पंजाब नेशनल बैंक के नाम से जानते हैं। लाला लाजपत राय आज भी करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं।

ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लाला लाजपत राय को बर्मा की जेल में भी रहना पड़ा। जेल से वापस आने के बाद साल 1970 में वह अमेरिका के दौरे पर गए और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वापस आए। 28 जनवरी, 1856 को जन्में लाला राजपत राय के पिता राधाकृष्ण अग्रवाल एक अध्यापक थे और प्रसिद्ध लेखक थे। उनकी माता गुलाब देवी एक गृहणी थीं। वह एक मेधावी छात्र रहे। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत की पढ़ाई की और हिसार से वकालत शुरू की।

हालांकि अंग्रेजी सरकार की न्याय व्यवस्था को देखकर उनके मन में क्रोध पैदा हो गया। इसकी वजह से वह वकालत छोड़कर बैंकिग क्षेत्र में आ गए और अपनी आजीविका चलाने के लिए बैंकों का नवाचार शुरू किया। बाल गंगाधर तिलक के बाद वह उन शुरुआती नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पूर्ण स्वराज्य की मांग उठाई थी।

1905 में बंगाल विभाजन के बाद वह सुरेंद्रनाथ बनर्जी और विपिनचंद्र पाल जैसे आंदोलनकारियों से मिल गए और अंग्रेजी सरकार के इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने पूरे देश में स्वदेशी आंदोलन को बढ़ाने में मदद की। उनकी लोकप्रियता को देखकर अंग्रेजों के अंदर डर पैदा हो गया था। इसकी वजह से अंग्रेजों ने लाला लाजपत राय को गिरफ्तार कर लिया और बर्मा के जेल में डाल दिया।

पंजाब केशरी नाम से हुए मशहूर

ब्रिटिश राज के दौरान लाला लाजपत राय की बात को पंजाब में हर कोई मानता था। पंजाब में उनके प्रभाव की वजह से ही उन्हें पंजाब केशरी यानी पंजाब का शेर कहा जाता था। पंजाब में ब्रिटिश राज के खिलाफ लाला लाजपत राय ने आवाज उठाई थी। 17 नवंबर 1928 को लाहौर में साइमन कमिशन के खिलाफ विरोध के दौरान लाठी चार्ज में वह घायल हो गए, जिसके बाद उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ देशभर में आक्रोष पैदा हो गया। महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने लालाजी की मौत का बदला लेने के लिए अंग्रेज पुलिस अधिकारी सांडर्स को 17 दिसंबर 1928 को गोली से उड़ा दिया था।