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लोकसभा की 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, अखिलेश यादव का एलान

उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों की डील पक्की हो गई है। कांग्रेस यूपी में 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है।शनिवार को अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा- कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है। ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश यादव के फैसले से कांग्रेस पार्टी के अहसमत होने की खबर है। कहा जा रहा है कि यह फैसला अखिलेश यादव का है न कि कांग्रेस का। हालांकि अभी तक कांग्रेस के किसी नेता का इस पर बयान नहीं आया है।

आपको बता दें कि 17 जनवरी को सीटों के बंटवारे पर दिल्ली में गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस और सपा के बीच बैठक हुई थी, लेकिन बैठक में कोई नतीजे नहीं निकल सका था। बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सपा के साथ एक और बैठक होनी है। बात नहीं बनी तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे अखिलेश यादव के साथ बात करेंगे।

एक-एक सीट पर हुई चर्चा
सीटों को लेकर हुई इन बैठकों में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा मौजूद रहीं। वहीं, सपा की ओर से रामगोपाल यादव, जावेद अली खान और उदयवीर सिंह उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार, यूपी की हर एक सीट को लेकर चर्चा हुई। जीत की हर संभावना को टटोला गया।

25 सीटें मांग रही थी कांग्रेस
कांग्रेस और सपा के बीच दिल्ली में तीन दौर की बैठकें हुई। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 25 सीटों की मांग कर रही थी। हालांकि 11 सीटों पर बात फाइनल हो गई है। वर्तमान में कांग्रेस के पास यूपी में रायबरेली की ही एकमात्र लोकसभा सीट है।

इन सीटों पर लड़ सकती है कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस रायबरेली, अमेठी के अलावा प्रतापगढ़, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, इलाहाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद की सीटों पर लड़ सकती है। पूर्वी यूपी की ज्यादातर सीटें सपा के पास ही रहेंगी ऐसा अनुमान जताया जा रहा है।

पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन
2009- कांग्रेस 69 सीटों पर चुनाव लड़ी और 21 जीती। इस चुनाव में सपा 75 पर लड़कर 23 और बसपा 69 पर लड़ी और 20 सीटें जीतीं।
2014- कांग्रेस 67 पर लड़कर सिर्फ दो सीट जीती। सपा 75 में पांच और बसपा 80 पर लड़ी और एक भी सीट नहीं जीत पाई।
2019- सपा- बसपा का गठबंधन था। कांग्रेस 67 पर लड़ी और सिर्फ रायबरेली जीत पाई। सपा 37 पर लड़ी और पांच जीती, जबकि बसपा 38 पर लड़ी और 10 जीती। रामपुर और आजमगढ़ हारने के बाद सपा के सिर्फ तीन सांसद हैं।

पुलिसकर्मी का गिरेबान पकड़कर बदमाश ने तान दिया तमंचा, दी गोली मारने की धमकी

मेरठ में जानलेवा हमले के आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची देहली गेट थाने की पुलिस के सामने बदमाश ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया। पुलिसकर्मी का गिरेबान पकड़कर तमंचा तान दिया। आरोपी ने अपने साथी को छुड़ाने की मांग की।इसके बाद खुद की कनपटी पर तमंचा रख पुलिस को आत्महत्या की धमकी दी। मामले की सूचना मिलने पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। किसी तरह तमंचा छीनकर बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया और थाने ले गई।

देहली गेट थाना क्षेत्र के सरायलालदास निवासी मनीष प्रजापति ने राशिद और दानिश आदि के खिलाफ जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने दानिश को गिरफ्तार कर लिया था।राशिद को गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची तो उसने एक पुलिसकर्मी का गिरेबान पकड़कर तमंचा तान दिया और अपने साथी को न छोड़ने पर गोली मारने की धमकी देने लगा। जिस पर कई थानों की फोर्स मौके पर बुलाई गई। आरोपी को समझाने का प्रयास किया गया। इसके बाद उसने खुद की कनपटी पर तमंचा रख दिया और आत्महत्या करने की धमकी देने लगा। हवाई फायरिंग भी की। मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे-तैसे बदमाश के हाथ से तमंचा छीना और उसे पकड़कर थाने ले आई।

आजमगढ़ के दो सगे भाइयों ने क्रिकेट में रचा इतिहास, अलग-अलग टीमों के खिलाफ एक ही दिन जड़ा शतक

आजमगढ़ जनपद के रहने वाले दो सगे भाइयों ने क्रिकेट में ऐसा इतिहास रचा जो शायद ही कभी भारत में बना हो। दोनों भाइयों ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में खेलते हुए शतक बनाए। दोनों की इस खास उपलब्धि पर जिले के क्रिकेट प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।सगड़ी तहसील के बासूपार गांव निवासी नौशाद खान के बड़े पुत्र सरफराज खान और छोटे पुत्र मुशीर खान अपने बल्ले से बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अपने इस प्रदर्शन के दम पर दोनों भाई भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के अपने दावे को पुख्ता कर रहे हैं।25 जनवरी को जहां पूरा देश गणतंत्र दिवस की तैयारियों में मशगूल था वहीं यह दोनों भाई अलग-अलग टीमों के खिलाफ अपना जलवा बिखेर रहे थे।

भारत ए टीम की ओर से खेलते हुए सरफराज खान ने इंग्लैंड लायंस क्रिकेट टीम के खिलाफ 161 रन बनाए।इस दौरान उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के साथ 169 रन की साझीदारी भी की। वहीं दूसरी ओर अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलते हुए मुशीर खान ने उसी दिन आयरलैंड के खिलाफ 118 रन बनाया। दोनों भाइयों की इस उपलब्धि पर जनपद के क्रिकेट प्रेमियों में हर्ष व्याप्त है।

सरफराज को मिला माधवराज सिंधिया अवार्ड
रणजी ट्राफी में 2021-2022 में सर्वाधिक रन बनाने के लिए सरफराज खान को माधव राव सिंधिया सम्मान से बीसीसीसीआई द्वारा सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सरफराज खान की बजाए उनके पिता नौशाद खान ने लिया। इंडियन टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने नौशाद खान को यह अवार्ड प्रदान किया।

‘यह निर्मम और अमानवीय तरीका’, केनेथ स्मिथ को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने पर हुआ बवाल

अमेरिका के अलबामा में हत्या के दोषी एक व्यक्ति को नाइट्रोजन गैस से मारने पर हंगामा हो गया है। व्हाइट हाउस ने भी इस तरह से मौत की सजा देने पर चिंता जाहिर की है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन ने भी इसे निर्दयी तरीका बताते हुए इसकी तीखी आलोचना की है।

व्हाइट हाउस ने मौत के इस तरीके पर जताई चिंता
व्हाइट हाउस ने इस पर कहा कि नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल चिंताजनक है। हम इससे बेहद दुखी और व्यथित हैं। अमेरिका में जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जाती है, लेकिन अलबामा, ओकलाहामा और मिसिसिपी में नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने का प्रावधान है। अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल ने केनेथ स्मिथ को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि सबकुछ प्रोफेशनल तरीके से किया गया और हम आगे भी इस तरीके से कैदियों को मौत की सजा देंगे।

मौत से पहले बहुत तड़पा था केनेथ
केनेथ स्मिथ को साल 1988 में पादरी की पत्नी की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में मौत की सजा दी गई थी। गुरुवार को केनेथ को फेसमास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मौत की सजा दी गई। केनेथ की मौत की सजा के दौरान मौजूद रहे लोगों ने भी इसे बेहद भयावह करार दिया। उन्होंने बताया कि नाइट्रोजन गैस शरीर में जाने के दो से चार मिनट बाद केनेथ बहुत तड़पा था, इसके बाद उसने भारी-भारी सांस ली और फिर उसकी मौत हो गई। इस पूरी प्रक्रिया में पांच मिनट का समय लगा।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख वोल्कर टर्क ने नाइट्रोजन गैस से मौत देने के तरीके पर चिंता जताई और इसे प्रताड़ना, निर्दयता, अमानवीय बताया। संयुक्त राष्ट्र संगठन की प्रवक्ता रविना शमदासानी ने मौत की सजा पर ही रोक की मांग उठाई और कहा कि 21वीं सदी में भी ऐसे तरीकों का इस्तेमाल गलत है। यूरोपीय यूनियन ने भी मौत के इस तरीके की आलोचना की और कहा किसी को भी इस तरह से मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए।

पादरी की पत्नी की हत्या का दोषी था केनेथ
केनेथ स्मिथ ने साल 1988 में अपने साथी जॉन पार्कर के साथ मिलकर पादरी की पत्नी एलिजाबेथ सेनेट की हत्या की थी। इस हत्या की सुपारी एलिजाबेथ के पति ने ही केनेथ और पार्कर को दी थी। पार्कर को साल 2010 में ही जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जा चुकी है। वहीं नवंबर 2022 में केनेथ को भी इसी तरीके से मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन इंजेक्शन लगाने के लिए नसें ना मिलने की वजह से उस वक्त केनेथ की मौत की सजा टल गई थी।

‘अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के हमें सही साबित किया’, गाजा में नरसंहार के आरोपों पर बोले सरिल रामाफोसा

पिछले साल सात अक्तूबर को गाजा स्थित आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे। जिसके बाद से हमास और इस्राइल के बीच भीषण युद्ध की शुरूआत हुई। जवाबी कार्रवाई में इस्राइल लगातार गाजा स्थित हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हमास और इस्राइल युद्ध को लेकर दुनिया दो भागों में बंट गई है। जहां एक तरफ कई देश गाजा की पैरवी कर रहे है तो वहीं इस्राइल की हितैषी देशों की संख्या में भी कोई कमी नहीं है। दोनों के बीच चल रहे युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से आग्रह किया था कि वह इस्राइल को हमास आतंकवादियों के खिलाफ अपने सैन्य कार्रवाई को रोकने के आदेश दें। हालांकि कोर्ट ने इस तरह के आदेश देने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान इस्राइल को सैन्य हमले के दौरान मौत और क्षति को कम करने की हिदायत दी गई है। इस फैसले को लेकर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि फलस्तीनियों और न्याय सुरक्षा की दिशा में यह एक खास कदम है।

‘कोर्ट ने हमारे आरोपों को सही साबित किया’
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि नरसंहार मामले में संयुक्त राष्ट्र अदालत के फैसले ने हमें सही साबित किया है। अतंरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले ने गाजा में हमास के खिलाफ इस्राइली कार्रवाई के दौरान नरसंहार के लगाए गए हमारे आरोपों को सही साबित किया है।

हम भेदभाव, हिंसा के दर्द को समझते हैं- रामाफोसा
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए रामाफोसा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकारों और सबसे ऊपर न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमें अपने काम से काम रखने को कहा है। कई लोगों ने कहा कि हमारी कोई हैसियत नहीं है। लेकिन हम फिर भी पीड़ितों के साथ खड़े रहे। क्योंकि हम भेदभाव, बेदखली और हिंसा के दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं। हमने रंगभेद जैसे अपराध के शिकार रहे हैं। हम दर्द का एहसास है। हम द्द में जिए और अनुभव किया। हमने अपने कई प्रिय नेताओं को खाया है, कई लोगों ने जेल में प्रताड़ना को झेला था।

दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है- रामाफोसा
रामाफोसा ने कहा कि दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है, हम दर्शक बने नहीं रह सकते हैं। हम उन अपराधों को नहीं देखेंगे जिसमें लोगों का शोषण हो रहा हो। हम सभी के लिए स्वतंत्रता के पक्ष में खड़े हैं। हम सदैव न्याय के साथ खड़े हैं।

ब्रिटिश-भारतीय शख्स को राहत, विमान उड़ाने की धमकी मामले में अदालत से बरी; मजाक में कहा था- तालिबान से..

स्पेन की एक अदालत में ब्रिटिश-भारतीय शख्स को बड़ी राहत मिली है। इस शख्स पर विमान उड़ाने की धमकी देने के आरोप लगे थे। अपने दोस्तों के साथ बैठे शख्स ने खुद को मजाक में ही तालिबान का सदस्य करार दिया था। लंदन के गैटविक से स्पेन के मिनोर्का तक जाने वाले विमान को उड़ाने की धमकी दी गई थी। मामला 2022 में दर्ज किया गया था। आदित्य वर्मा नाम के आरोपी ने जुलाई, 2022 में दोस्तों के बीच कहा था कि वह विमान को उड़ा देगा। धौंस जमाने के लिए उसने मजाक में ही खुद को तालिबान का सदस्य बताया था। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि उसने यह मजाक निजी स्नैपचैट ग्रुप में किया था। उसका इरादा कानून व्यवस्था भंग करना या विमान में धमाके का नहीं था।

अदालत ने कहा- वास्तविक खतरा नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक मैड्रिड की अदालत में शुक्रवार को पारित फैसले में न्यायाधीश ने कहा, वास्तविक खतरा नहीं पाया गया क्योंकि शख्स के पास से विस्फोटक बरामद नहीं हुआ। घटना के करीब डेढ़ साल के बाद स्पेन की राजधानी में राष्ट्रीय न्यायालय के इस फैसले में न्यायाधीश ने कहा, दक्षिण पूर्वी लंदन में आने वाले इलाके- केंट के ऑरपिंगटन में रहने वाले आदित्य वर्मा को आरोपों से मुक्त किया जाना चाहिए।

यात्री विमान के बगल में दो स्पैनिश एफ-18 लड़ाकू जेट भेजे गए
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विमान में सवार होने से पहले उसने दोस्तों को संदेश भेजा था। उसे ब्रिटेन के सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया। ब्रिटिश सुरक्षा सेवा ने इस संदिग्ध संदेश को स्पैनिश अधिकारियों को भेजा। इस कार्रवाई के समय ईजी जेट विमान उड़ान भर रहा था। एहतियात के रूप में इस यात्री विमान के बगल में दो स्पैनिश एफ-18 लड़ाकू जेट भेजे गए। एक विमान मिनोर्का में लैंडिंग तक पीछा करता रहा। स्पेन में एयरपोर्ट पर विमान की सघन तलाशी के बाद 18 साल के आरोपी आदित्य वर्मा को गिरफ्तार किया गया। उसे स्पेनिश पुलिस सेल में दो दिन बंद रखने के बाद जमानत दी गई।

स्नैपचैट एन्क्रिप्टेड एप, इसके बावजूद संदेश कैसे बाहर आया
इस मामले में अहम सवाल यह भी उठा कि स्नैपचैट एक एन्क्रिप्टेड एप होने के बावजूद संदेश कैसे बाहर आया। एक दलील यह दी गई कि गैटविक के वाई-फाई नेटवर्क पर मैसेज इंटरसेप्ट किया जा सकता था। हालांकि, हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बीबीसी न्यूज़ को बताया कि उसके नेटवर्क में ऐसा करने की क्षमता नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि स्नैपचैट पर भेजा गया संदेश, इंग्लैंड के सुरक्षा तंत्र ने संदेश को पकड़ा, लेकिन इसके कारण अज्ञात हैं। संदेश उस समय सामने आया जब विमान फ्रांसीसी हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहा था।

कंपनी ने कहा- मामला व्यक्तिगत, एनक्रिप्शन पर टिप्पणी से इनकार
ब्रिटेन के अधिकारियों को यह संदेश कैसे मिला, उन्होंने उड़ान के बीच में विमान में सुरक्षा को लेकर कैसे सतर्क किया? इन सवालों पर न्यायाधीश ने कहा, इस मुकदमे में इससे जुड़े साक्ष्य शामिल नहीं। इस मामले में स्नैपचैट प्रवक्ता ने कहा, उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म घटना को ‘व्यक्तिगत’ मानता है। इस मामले में क्या हुआ है, कंपनी इस पर टिप्पणी नहीं करेगी।

पहले कराना होगा ऑनलाइन पंजीकरण, एक घंटे में इतने श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ

मथुरा के वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराने और भीड़ नियंत्रण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था को अमल में लाने के साथ मंदिर की आंतरिक व्यवस्था में बदलाव की कवायद में जुटा है। इन बिंदुओं को लेकर बृहस्पतिवार को पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) में डीएम एवं एसएसपी ने सेवायतों के साथ बैठक की। सेवायतों ने इन बिंदुओं पर सहमति जताई है, लेकिन बिना न्यायालय की अनुमति इसे लागू नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रशासन अब न्यायालय में अपना पक्ष रखेगा।

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराने के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। इनमें वन-वे रूट के साथ बैरिकेडिंग में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराने की योजना भी शामिल है, लेकिन भीड़ को नियंत्रण करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था लागू करना जरूरी है। इसकी योजना बना ली गई है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने सेवायतों को बांकेबिहारी के दर्शन के समय में बढ़ोतरी और ठाकुरजी को मंदिर के जगमोहन में विराजित करने की योजना पर सुझाव लिए।

सेवायतों ने प्रशासन की तीनों योजनाओं पर सहमति जताते हुए मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन से इसकी अनुमति लेने की बात कही। सेवायत दिनेश गोस्वामी, रजत गोस्वामी ने कहा कि मंदिर प्रबंध कमेटी गठित नहीं है और वर्तमान में हर व्यवस्था मथुरा मुंसिफ कोर्ट के निर्देशन में चल रही है। ऐसे में न्यायालय की अनुमति के बिना कोई भी नई व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती है। इस पर डीएम और एसएसपी ने दोनों पक्षों से एकराय होकर सिविल जज जूनियर डिवीजन से सहमति लेने की बात कही।

प्रति घंटा पांच हजार श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
डीएम ने बताया कि एप में निशुल्क ऑनलाइन बुकिंग कराने के लिए समय अनुसार स्लॉट होंगे। पांच हजार श्रद्धालुओं का प्रति घंटे का स्लाॅट बनाने की योजना बनाई जा रही है। सेवायतों के साथ सहमति बनाकर हम अदालत के समक्ष अपना प्रस्ताव रखेंगे, ताकि व्यवस्था लागू कराने में सहायता मिल सके।

एचडीएफसी बैंक दिया प्रस्तुतिकरण
बैठक में बांकेबिहारी के दर्शन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण व्यवस्था का संचालन करने के लिए एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हैड गिरिराज अग्रवाल ने प्रजेंटेशन दिया। इसमें बताया कि श्रद्धालु वृंदावन में अपना वाहन खड़ा करने के बाद टीएफसी, मल्टीलेवल पार्किंग एवं दारुक पार्किंग पर बनाई गई विंडो पर ऑफलाइन पंजीयन करा सकता है। इसके अलावा वेबसाइट पर जाकर और मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकता है। इस में समय के अनुसार स्लॉट बनाए गए हैं। एक समय में पांच हजार श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था है। पंजीकरण चैक करने के लिए मंदिर के प्रवेश द्वारों पर कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो कि क्यूआर कोड के जरिए पता लगा सकेंगे कि पंजीकरण सही है या गलत। उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश देेंगे। बैठक में एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार, विप्रा सचिव राजेश कुमार, अपर नगर आयुक्त क्रांतिशेखर सिंह, सीओ सदर प्रवीण मलिक, मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा, उमेश सारस्वत एवं बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी, भीकचंद्र गोस्वामी, बच्चू गोस्वामी, मनोज गोस्वामी, प्रहलादवल्लभ गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

31 जनवरी को सुनवाई
बांकेबिहारी मंदिर प्रबंध कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष रजत गोस्वामी ने बताया कि बांकेबिहारी के दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था पर पहले ही सहमत थे। जिला प्रशासन ने बैठक में सुझाव लिए हैं, लेकिन उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लंबित है। इसकी अगली सुनवाई 31 जनवरी को है। मंदिर में अंदर किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए न्यायालय से सहमति लिया जाना जरूरी है।

यूपी के आठ जिलों में स्थापित होंगे कम्प्रेस्ड गैस संयंत्र, पराली जलाने की होगी व्यवस्था

यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि प्रदेश के 8 जिलों में कम्प्रेस्ट गैस सयंत्र स्थापित होंगे। इसके लिए जल्द ही कार्ययोजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्मोक फ्री वातावरण बनाने के लिए काम किया जा रहा है। किसानों की पराली जलाने की भी व्यवस्था की जाएगी। इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री आज बदायूं में एक प्लांट का उद्घाटन व 8 प्लांट का शिलान्यास करेंगे हरदीप पुरी ने कहा कि प्रभु राम के जन्मभूमि पर लौटने की खुशियां मनाई जा रही हैं। इससे दुनिया भर में भारत का मान बढ़ रहा है। पहले यूपी की इमेज एक बीमारू राज्य की थी। योगी के आने के बाद वह इमेज बदली है।

एक दिन में पैदा होगी 14 टन कम्प्रेस्ड गैस
इस मौके पर हरदीप पुरी ने कहा कि दुनिया भर के निवेशक इन दिनों भारत आ रहे हैं। प्रदेश की इमेज अब इनवेस्ट करने वाली राज्य की बन रही है। उन्होंने कहा कि बदायूं में आज एक बड़े प्लांट का शुभारंभ हो रहा है। इस प्लांट से एक दिन में 14 टन कम्प्रेस्ड गैस पैदा होगी। बदायूं के अलावा 8 और प्लांटों का शिलान्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की पराली अब खराब नहीं जाएगी। बॉयो फ्यूल और गन्ने का इस्तेमाल यहां किया जाएगा।

देश को 2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य, पर कई राज्यों में अब भी रोग में वृद्धि जारी

कुष्ठ रोग वैश्विक स्तर पर दशकों से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी चिंता का कारण रहा है। लोगों में जागरूकता और रोग के बारे में सही जानकारी के अभाव के चलते कुष्ठ रोग को लेकर बने सामाजिक कलंक के भाव ने इसे और चुनौतीपूर्ण बना दिया था। हालांकि एक-दो दशक में इस रोग में कमी दर्ज की गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में कुष्ठ रोग के सबसे ज्यादा मामले अफ्रीकी और एशियाई देशों में देखे जा रहे हैं। कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल जनवरी महीने के आखिरी रविवार को विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है।

हालिया रिपोर्ट्स में भारत में कुष्ठ रोग के मामले बढ़ने को लेकर अलर्ट किया गया है। महाराष्ट्र में 18 साल से कम उम्र के बच्चों में कुष्ठ रोग के मामलों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच रिपोर्ट किए गए कुष्ठ रोग के 17,048 नए मामलों में से 1,160 मामले (यानी सात प्रतिशत) बच्चों में देखे गए हैं। अधिकारियों ने कहा, बच्चों में कुष्ठ रोग का बढ़ना एक संवेदनशील संकेतक है।

अमेरिका के कई राज्यों में भी बढ़े मामले

अंतराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि अमेरिका में भी पिछले कुछ वर्षों में कुष्ठ रोग के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2000 के बाद से अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में कुष्ठ रोग के नए मामलों की दर बढ़ी है। अमेरिका के कुष्ठ रोग का लगभग हर पांचवा केस सेंट्रल फ्लोरिडा से है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुष्ठ रोग अपने साथ कई और चुनौतियां भी लेकर आता है, जिसमें सामाजिक कलंक का भाव सबसे ज्यादा देखा जाता रहा है। इससे रोगी की मानसिक सेहत भी प्रभावित होती है, जिसके कारण रोग की जटिलताओं के बढ़ने का भी खतरा रहता है।

2027 तक भारत को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य

गौरतलब है कि साल 2010-11 में बच्चों में कुष्ठ रोग के मामलों की संख्या 12 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में कुल मामलों के 5-6 प्रतिशत होने के बावजूद, विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि कुष्ठ रोग कई भारतीय राज्यों में एंडेमिक बना हुआ है। भारत साल 2027 तक देश को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।

अति संक्रामक नहीं है कुष्ठ रोग

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यहां जानना जरूरी है कि कुष्ठ रोग भी अन्य संक्रामक रोगों की ही तरह है। कई स्थानों पर इसे हैनसेन रोग के नाम से भी जाना जाता है। ये माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होने वाला संक्रामक रोग है जिसमें त्वचा पर घाव के साथ तंत्रिकाओं से संबंधित समस्या, ऊपरी श्वसन पथ और आंखों की दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि इसके उपचार के लिए प्रभावी दवाएं मौजूद हैं जो न सिर्फ संक्रमण को कम करती हैं, साथ ही कुष्ठ रोग के कारण होने वाली जटिलताओं से बचाने में भी सहायक हो सकती हैं।

सामाजिक कलंक को दूर करने की जरूरत

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कुष्ठ रोग की संक्रमण दर अधिक नहीं है। कुष्ठ रोग के शिकार व्यक्ति के साथ आकस्मिक संपर्क होने, हाथ मिलाने या गले मिलने से ये रोग नहीं फैलता है। कई महीनों तक अनुपचारित कुष्ठ रोगी के साथ निकट संपर्क की स्थिति में ही इसके संचरण का खतरा हो सकता है। इसलिए रोगियों से भेदभाव न करें। कुष्ठ रोग को लेकर फैले सामाजिक कलंक को दूर करके ही इस रोग का उपचार आसान किया जा सकता है।

गांधी जी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है शहीद दिवस, इस मौके पर पढ़िए बापू के अनमोल वचन

देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की जंग अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीती। उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए पूरे देश को एकजुट किया और अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। खास बात ये है कि वह सत्य, अहिंसा और आदर्शों के मार्ग पर पूरा जीवन चलते रहे।

हालांकि देश को गणतंत्र बनते वह न देख सके और 30 जनवरी 1948 को उनका निधन हो गया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। शहीद दिवस पर देश के उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। महात्मा गांधी आज दुनियाभर में अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। विश्वभर में लोग उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत मानते हैं। शहीद दिवस के मौके पर महात्मा गांधी के बताए आदर्शों को याद कर करने के लिए बापू के अनमोल विचार पढ़ें।

स्वास्थ्य ही सही धन है। सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है
यह तो अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें
आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती, वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। खुशबू ही उसका संदेश है।