Friday , October 25 2024

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संसद में विवादास्पद ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक पर बहस के लिए मतदान; आखिर क्या है इसके विरोध का कारण?

श्रीलंका की संसद में मंगलवार को ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक पर चल रही बहस को आगे बढ़ाने के लिए मतदान किया गया। भारत के पड़ोसी देश में इस विधेयक की विपक्ष द्वारा काफी आलोचना की जा रही है। विपक्षी सांसदों और अन्य आलोचकों का कहना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित होगी।

विपक्ष के विरोध को देखते हुए श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने यह तय करने के लिए वोटिंग कराने का फैसला किया था कि विधेयक पर चल रही दो दिवसीय बहस आगे बढ़नी चाहिए या नहीं। मतदान में 225 विधायकों में से 83 ने बहस कराने के पक्ष में वोट दिया। वहीं, 50 सांसदो ने इसके खिलाफ वोट किया। मंत्री तिरान एलेस ने मंगलवार को इस विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिल में संशोधन का सुझाव दिया था। बुधवार को संसद में बिल को मंजूरी मिलने के बाद उन संशोधनों कों इसमें शामिल किया जाएगा।इससे पहले, विपक्षी दलों ने विधेयक पर विचार-विमर्श के लिए और समय मांगा था। उनका दावा था कि ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा हो सकता है। वहीं,

नागरिक भी कर रहे विरोध
विपक्षी सांसदों के अलावा विभिन्न नागरिक समूह भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को जब संसद में इस विधेयक को लेकर मतदान हो रहा था उस समय एक नागरिक समूह ने विधेयक का विरोध करने के लिए संसद के पास प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सोशल मीडिया के माध्यम से जनता की राय की अभिव्यक्ति को सेंसर करना है।

किए गए हैं ये प्रावधान
बता दें कि इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन सुरक्षा आयोग की स्थापना करना है। इसके साथ ही यह विधेयक में श्रीलंका में बयानों के ऑनलाइन संचार पर रोक लगाने और प्रतिबंधित उद्देश्यों के लिए ऑनलाइन खातों और अप्रामाणिक ऑनलाइन खातों के उपयोग को रोकने का प्रावधान भी किया गया है।

एशियाई इंटरनेट गठबंधन ने भी की है आलोचना
एशियाई इंटरनेट गठबंधन (एआईसी) ने भी इसका विरोध किया था। एआईसी ने इस बाबत एलेस को एक पत्र भी लिखा था। जिसमें विधेयक पर आपत्ति जताई थी। एआईसी ने पत्र में कहा था कि प्रस्तावित कानून मसौदे में अगर परिवर्तन नहीं किए गए तो इससे कई चुनौतियां पैदा होंगी। इसमें यह भी चेतावनी दी गई थी कि विधेयक के वर्तमान स्वरूप से श्रीलंका की डिजिटल अर्थव्यवस्था की संभावित वृद्धि कमजोर हो सकती है। गौरतलब है कि विधेयक की संसदीय मंजूरी पर मतदान बुधवार को होना है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना आदेश लिया वापस, 29 हफ्ते की गर्भवती महिला को गर्भपात की इजाजत देने का है मामला

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने पहले एक आदेश को वापस ले लिया है। जिसमें कोर्ट ने 29 हफ्ते की गर्भवती महिला को गर्भपात की इजाजत देने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दी गई थी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आदेश वापस लिया जाता है। केंद्र की ओर से एक याचिका दायर करने के बाद आया है। जिसमें बीती चार जनवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है। गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दी गई थी। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि गर्भावस्था का समापन तब तक नहीं हो सकता है। जब तक कि डॉक्टर भ्रूणहत्या न कर दें। ऐसा न करने पर बड़ी जटिलताओं के साथ समय से पहले प्रसव होगा।

बदमाशों ने बदल दिया था कार का नंबर, फिर भी हुए ट्रैक, पुलिस को देखते ही चलाई गोली

कंकरखेड़ा में सोमवार देर रात कार लूट कर भाग रहे बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। बदमाशों की फायरिंग में हाईवे चौकी इंचार्ज मुन्नेश सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बदमाशों में लूट करने के बाद कार का नंबर बदल दिया था। फिर भी पुलिस ने बदमाशों को ट्रैक कर उनका पीछा किया। इसी दौरान बदमाशों ने गोली चलाई। फिलाहाल पुलिस की चार टीमें बदमाशों को पकड़ने में जुट गई हैं।

सीओ दौराला अभिषेक पटेल ने बताया कि सोमवार रात जिटोली में हाईवे स्थित एचआर गार्डन में एक शादी का कार्यक्रम चल रहा था। सोमवार देर रात मंडप के बाहर पार्किंग में सेंट्रो कर के अंदर खुर्जा निवासी सोनू सैनी लेटा हुआ था। इसी बीच तीन बदमाश कार सवार के पास पहुंचे। जहां बदमाशों ने पिस्टल के दम पर युवक से कर लूट ली।

लूट करने के बाद बदमाश लिसाड़ी गेट की तरफ भागे, जहां बदमाशों ने गाड़ी का असली नंबर उतार कर नकली नंबर प्लेट लगा दी। कंकरखेड़ा पुलिस ने जीपीएस की मदद से बदमाशों की लोकेशन पता कर ली।इसके बाद बदमाश पुलिस से बचते हुए कंकरखेड़ा के लाल मोहम्मदपुर नाले के पास पहुंचे। यहां बदमाशों ने पुलिस को देखते ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने बदमाशों की कार में जोरदार टक्कर मार दी। बदमाशों द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में एक गोली चौकी प्रभारी को लग गई। गोली लगते ही चौकी प्रभारी जमीन पर जा गिरे। वहीं बदमाश कार छोड़कर मौके से फरार हो गए। घटनास्थल पर एसएसपी समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दिन भक्तों की भारी भीड़, लोगों को संभालने को प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन मंगलवार को इतनी भारी संख्या में रामभक्तों का जमावड़ा होने लगा कि प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और लोगों को संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इससे मंदिर परिसर के नजदीक धक्कामुक्की भी हुई जिससे प्रशासन को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा है। मंगलवार को आधी रात से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ एकत्र होने लगी और सुबह होते-होते और बढ़ गई जिससे प्रशासन की सांसे फूलने लगीं। इस दौरान कई श्रद्घालुओं को चोट भी आई। हालांकि, इस दौरान लोगों का कहना था कि वो दर्शन करने के बाद ही वापस लौटकर जाएंगे।

रामलला की आरती करने के बाद सुबह साढ़े छह बजे ही खोल दिया गया मंदिर
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद मंगलवार को आम लोगों के लिए जब पहली बार मंदिर खुला तो आस्था का रेला उमड़ पड़ा। सुबह 4:00 बजे से ही श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए राम जन्मभूमि पर पहुंच गए थे। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिर सुबह 6:30 बजे आरती के बाद खोला गया जैसे ही मंदिर खुला दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े। बड़ी संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए दो तीन दिनों से रुके हुए थे। भीड़ को देखते हुए दोपहर में मंदिर एक घंटा पहले ही खोल दिया गया। पहली पाली में ही 50 हजार से अधिक भक्त दर्शन कर चुके हैं।

राम मंदिर के परिसर का एक दृश्य। श्रद्घालुओं की बढ़ती भीड़ ने प्रशासन को हलकान कर दिया है।इस दौरान कुछ लोग जमीन पर भी गिर गए। जवानों ने उन्हें खींचकर बाहर निकाला। कुछ लोगों को चोट भी लगी।

राम मंदिर में दर्शन का समय बढ़ा दिया गया है फिर भी भक्तों का जमावड़ा नियंत्रित नहीं किया जा सका है। राममंदिर के बाहर श्रद्घालुओं व पुलिस बल के बीच धक्कामुक्की भी हुई।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली सुबह मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़, रात से ही लगी लंबी लाइनें

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुए रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद मंगलवार को पूजा-अर्चना के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा-अर्चना करने और उनके दर्शन करने के लिए भक्त सुबह 3 बजे से ही बड़ी संख्या में जमा हो गए। मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है।

अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है।सोमवार को अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा पुजारियों की देखरेख में मुख्य अनुष्ठान किए। भगवान राम की सिंहासन पर वापसी के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न भी मनाया गया।

सुबह छह बजे से रामलला के दर्शन
नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।

यूएस में संक्रमण के 86% मामलों के लिए JN.1 वैरिएंट जिम्मेदार, अध्ययन में वैज्ञानिकों का बड़ा दावा

कोरोनावायरस में लगातार जारी म्यूटेशन और इससे उत्पन्न होने वाले नए वैरिएंट्स के कारण वैश्विक स्तर पर संक्रमण के मामले अब भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल के महीनों में देखे गए JN.1 वैरिएंट की संक्रामकता दर को लेकर अध्ययनों में विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए इससे लोगों को विशेष बचाव करते रहने की सलाह दी है। दिसंबर 2023 और जनवरी के महीने में इसके कारण कई देशों में दैनिक मामलों में काफी इजाफा दर्ज किया गया था। भारत में भी संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़े थे।

दुनियाभर से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में इसकी प्रभाविकता में थोड़ी कमी जरूर आई है पर अब भी संक्रमण का जोखिम कई देशों में काफी ज्यादा बना हुआ देखा जा रहा है। यूएस सबसे प्रभावित देशों में एक है, जहां करीब 86 फीसदी मामलों के लिए इसी नए वैरिएंट के प्रमुख माना जा रहा है। आइए जानते हैं, फिलहाल भारत में कैसे हालात हैं?

यूएस में ज्यादातर मामले JN.1 वैरिएंट के

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक JN.1 देश और विश्व स्तर पर SARS-CoV-2 का सबसे व्यापक रूप से प्रसारित होने वाला वैरिएंट बना हुआ है। यूएस में कोरोना के इस समय 85.7 फीसदी मामलों के लिए इसी वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। यहां अस्पतालों में भी लोगों की भीड़ भी बढ़ी है। अधिकारियों ने कहा ज्यादातर लोगों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं, पर इस वैरिएंट की संक्रामकता के कारण मामले बढ़े हैं। कोरोना और उसके म्यूटेटेड अधिकतर वैरिएंट्स के कारण संक्रमण की रफ्तार में उछाल देखा जाता रहा है।

भारत में कोरोना की स्थिति

इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में JN.1 वैरिएंट के कुल 1,513 मामले हैं। कई राज्यों में JN.1 वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में उछाल दर्ज किया गया है हालांकि दैनिक मामलों में अब काफी कमी आ गई है। 31 दिसंबर को एक दिन में 840 से अधिक मामले सामने आए थे, हालांकि पिछले एक सप्ताह से दैनिक मामले घटकर प्रतिदिन 200-300 के बीच रह गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार के आंकड़ों के मुताबिक देश में एक दिन में 203 कोविड-19 के मामलों देखे गए, जबकि सक्रिय केसलोड 2,034 दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में दो मौतें भी हुई हैं, हालांकि देश में कोरोना की स्थिति अब काफी नियंत्रित है।

संक्रमण का प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर

इस बीच कोरोना और इसके कारण होने वाली समस्याओं को लेकर किए जा रहे अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया, हर बार जब आप कोविड-19 का सामना करते हैं तो इससे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक स्मार्ट होती जाती है। टीकाकरण और संक्रमित होने के बाद, प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के खिलाफ व्यापक सुरक्षा उत्पन्न करती है, जिसमें नए वैरिएंट भी शामिल हैं। ये आपको अगली बार संक्रमण का शिकार होने से बचाने में मददगार हो सकती है। लगभग सभी वायरस के साथ इसी तरह होता है।

बेटियां हैं वरदान, इन संदेशों के जरिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर फैलाएं जागरूकता

24 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में की गई, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण व मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना था। बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करने और उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व सहित जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाने लगा।
इंदिरा गांधी जैसी कुछ भारतीय महिलाओं के प्रयास से विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर महिलाओं की आवाज सशक्त हो सकी। कल्पना चावला जैसी अंतरिक्ष यात्री, मैरी कॉम जैसी एथलीट, सुष्मिता सेन जैसी ब्रह्मांड सुंदरी हुईं, जिन्होंने देश का मान वैश्विक स्तर पर बढ़ाने के साथ ही महिलाओं को प्रोत्साहित किया। हालांकि इन सभी महिलाओं की उन्नति में उनके परिवार और करीबियों का सहयोग रहा। बालिका दिवस के मौके पर आप भी अपनी बेटी, बहन या आसपास की बालिकाओं को आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित करें। कुछ खास संदेशों के जरिए बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ाएं। यहां आपको बालिका दिवस के खास संदेश दिए जा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर हर कोई बेटियों पर गर्व करेगा और बेटी को अभिशाप नहीं वरदान समझेगा।

बालिकाओं को समर्पित यह दिन,
जगाएं जागरूकता, समझाएं सभी को।
बेटी है शक्ति स्वरूप
करती है हर घर को रोशन।

बालिका दिवस की शुभकामनाएं

बालिकाएं हैं सपनों की मल्लिका,
उन्हें मिले सभी खुशियां।
शिक्षित हों, आत्मनिर्भर और समर्थ बनें
बालिका दिवस पर लें यही संकल्प।

बालिका दिवस की शुभकामनाएं

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
इस नारे को दिल से ठानो।
बालिकाएं हैं समृद्धि का मार्ग,
इस सत्य को हर कोई मान लो।

बालिका दिवस की शुभकामनाएं

बालिकाओं का दिन है यह खास,
उनका हौसला है अनमोल आभास।
शिक्षा का ज्ञान हो सबको हासिल,
बेटियों से है राष्ट्र का भविष्य।

बालिका दिवस की शुभकामनाएं

बालिकाओं की मुस्कान है समृद्धि,
उनके सपनों की ऊंचाइयों में है सफलता की चाह।
समाज को समझाएं, उनकी महत्वपूर्ण भूमिका,
बेटी है राष्ट्र प्रगति की सीढ़ी, इस दिन का यही संदेश।

बालिका दिवस की शुभकामनाएं

कांग्रेस का आरोप- गुवाहाटी में रोड शो की नहीं मिली इजाजत, अब छात्रों से मिले राहुल गांधी

कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुवाहाटी पहुंच गई है। सोमवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा असम से मेघालय पहुंची थी और अब असम में अपने आखिरी पड़ाव के लिए फिर से असम के गुवाहाटी पहुंची है। कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी मंगलवार को गुवाहाटी में छात्रों और सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

कांग्रेस का दावा है कि उनकी योजना गुवाहाटी में रोड शो या पदयात्रा करने की थी, लेकिन सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। राहुल गांधी दोपहर में कामरूप जिले के दमदमा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद दोपहर के लंच के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा बरपेटा जिले में पदयात्रा करेगी। साथ ही एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे। बिष्णुपुर में न्याय यात्रा रात्रि विश्राम करेगी।

‘आपको हर किसी को सुनने की आजादी होनी चाहिए’
गुवाहाटी में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा ‘मैं आपकी यूनिवर्सिटी आकर आपसे बात करना चाहता था और ये समझना चाहता था कि आपको किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और यह समझना चाहता हूं कि मैं किस तरह से आपकी मदद कर सकता हूं। देश के गृहमंत्री ने असम के सीएम को फोन किया और आपके सीएम ने आपकी यूनिवर्सिटी के प्रशासन से बात कर कहा कि राहुल गांधी को यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात न करने दी जाए। यह अहम नहीं है कि राहुल गांधी यहां आए या न आए। अहम ये है कि आपको हर किसी को सुनने की आजादी होनी चाहिए, जिसे आप सुनना चाहते हैं। यह सिर्फ असम में नहीं हो रहा है बल्कि देश के हर स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में हो रहा है।’

असम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम पर बोला हमला
असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने असम सीएम हिमंता बिस्व सरमा के बयान पर कहा ‘राहुल गांधी का नाम किसी घोटाले में शामिल नहीं है। रावण कौन है? आज असम की महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। महिलाएं वहीं असुरक्षित होती हैं, जहां रावण होता है।’

युवाओं को जोश से भर देंगे सुभाष चंद्र बोस के 10 अनमोल विचार

आजादी की जंग में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। इस वर्ष 23 जनवरी 2024 को उनकी 126वीं जयंती मनाई जा रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका पूरा जीवन ही साहस व पराक्रम का उदाहरण है। उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बंगाली परिवार में जन्में सुभाष चंद्र बोस ने इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की और भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। इस परीक्षा में चौथा स्थान हासिल करके उन्होंने भारत का मान बढ़ाया था। हालांकि उन्हें अंग्रेजों की गुलामी मंजूर नहीं थी इसलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा को बीच में ही छोड़कर वह भारत आ गए।

बाद में आजादी की जंग में शामिल हो गए और आजाद हिंद फौज, आजाद हिंद सरकार और बैंक की स्थापना की। इसके साथ ही 10 देशों का आजाद हिंद सरकार व बैंक के लिए समर्थन भी हासिल किया। सुभाष चंद्र बोस ने ही सबसे पहले महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।

उनका साहसिक जीवन हर युवा के लिए प्रेरणा है। ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’ जैसा नारा देकर उन्होंने हर भारतीय के रक्त को जोश और ऊर्जा से बना दिया। सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर पढ़िए उनके दिए ऐसे क्रांतिकारी विचारों के बारे में जो युवाओं को ऊर्जा और जोश से भर देंगे।

अपनी ताकत पर भरोसा करो, उधार की ताकत तुम्हारे लिए घातक है।

याद रखिए सबसे बड़ा अपराध, अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।

उच्च विचारों से कमजोरियां दूर होती हैं। हमें हमेशा उच्च विचार पैदा करते रहना चाहिए।

जिसके अंदर ‘सनक’ नहीं होती, वह कभी महान नहीं बन सकता।

संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले मुझमें नहीं था।

अगर जीवन में संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े तो जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है

आशा की कोई न कोई किरण होती है, जो हमें कभी जीवन से भटकने नहीं देती

कभी झुकने की नौबत आ जाए तो वीरों की तरह झुकना

सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को भी असफलता से घबराना नहीं चाहिए।

जो फूलों को देखकर मचलते हैं, उन्हें कांटे भी जल्दी लगते हैं

पीएम मोदी ने साझा किया अपने अयोध्या दौरे का वीडियो, कहा- जो भी कुछ कल हुआ, वह स्मृतियों में रहेगा

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह और उल्लास का माहौल है। सोमवार को हजारों लोगों की भीड़ अयोध्या पहुंची और भक्तिमय माहौल में डूबी रही। इतिहास की इस बड़ी घटना को हर कोई अपनी नजरों से देखना चाहता था। अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो साझा किया है, जिसमें अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को विस्तार से दिखाया गया है।

पीएम मोदी द्वारा साझा वीडियो में क्या?
पीएम द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में उन्होंने लिखा, “अयोध्या में कल हमने जो कुछ भी देखा, वह आगे कई वर्षों तक हमारी स्मृतियों में रहेगा।” पीएम के इस वीडियो में भक्तों की भावनाओं से लेकर कार्यक्रम में शामिल हुई हस्तियों की प्रार्थनाएं और भावुकता को भी प्रदर्शित किया गया है। वीडियो की शुरुआत में ही अयोध्या के भव्य मंदिर पर पुष्पवर्षा दिखाई गई है, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी हाथों में पूजन सामग्री लिए मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रवेश करते दिखे हैं। इस वीडियो में पीएम को रामलला के सामने अनुष्ठान करते देखा जा सकता है।

इतना ही नहीं प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बाहर जुटी मनोरंजन, खेल, उद्योग, राजनीति जगत की बड़ी हस्तियों को भी वीडियो में दिखाया गया है। इनमें सबसे पहले भावुक साध्वी ऋतंभरा को प्रार्थना करते देखा जा सकता है। इसके बाद अभिनेता अनुपम खेर, योगगुरु राम देव, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को दिखाया गया है। इसके अलावा पीएम मोदी खुद हाथ फैलाकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भी मिले। वीडियो में रजनीकांत और सचिन तेंदुलकर को साथ बैठे देखा गया।