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107 दिन से जारी इस्राइल-हमास युद्ध में मृतकों का आंकड़ा 25 हजार के पार, 24 घंटे में 178 की मौत

इस्राइल और हमास का हिंसक संघर्ष पिछले साल शुरू हुआ था। सात अक्तूबर, 2023 को इस्राइल पर हमास के हमले के बाद इस्राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के जवान गाजा पट्टी पर हमास के आतंकी ठिकानों पर लगातार बमबारी कर रहे हैं। हिंसक संघर्ष में पिछले 107 दिनों में 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 178 लोगों की मौत हो चुकी है। शव बरामद होने के अलावा 300 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इस्राइल और हमास शासकों के बीच तीन महीने से अदिक समय से युद्ध हो रहा है। हजारों फलस्तीनी लोगों की मौत हुई है। आंकड़ा 25 हजार से अधिक हो चुका है।

‘प्रवासी भारतीयों की भूमिका अहम, 900 फैक्टरियां लगाईं’; सैन्य शासक की भूल पर राष्ट्रपति ने कही यह बात

अफ्रीकी देश युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने प्रवासी भारतीय लोगों के योगदान की सराहना की है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के लिए दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से भारतवंशी लोगों की जमकर सराहना की। मुसेवेनी ने राजधानी कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के 19वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। उन्होंने पूर्व सैन्य शासक ईदी अमीन की गलतियों के बारे में भी बात की। अमीन ने युगांडा में बसे एशियाई लोगों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। इनमें अधिकांश भारतीय नागरिक थे।

बता दें कि युगांडा को 70 साल पहले NAM देशों के समूह में शामिल किया गया था। 1964 में मिस्र की राजधानी काहिरा में आयोजित दूसरे शिखर सम्मेलन में युगांडा को गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की सदस्यता मिली थी। 1971 से 1979 तक लगभग नौ साल अमीन युगांडा के तीसरे राष्ट्रपति रहे। शिखर सम्मेलन के दौरान उनके कार्यकाल से जुड़े विवाद का जिक्र करते हुए मुसेवेनी ने कहा कि NAM देश भी युगांडा की तरह गलतियां करते हैं। हमारे पास भी ईदी अमीन नाम का शख्स था।

उन्होंने कहा कि अमीन ने हमारे एशियाई लोगों (खास तौर पर भारत और पाकिस्तान के नागरिक) को बहुत कम समय में निष्कासित कर दिया। मुसेवेनी ने देश की अर्थव्यवस्था में इनके योगदान को स्वीकार करते हुए कहा कि इन लोगों ने होटल और इस्पात के उद्योग के अलावा चीनी उत्पादन में भी उल्लेखनीय निवेश किया है। उन्होंने कहा कि निष्कासन की अवधि के दौरान देश तेजी से आगे बढ़ने से चूक गया, जिसका उन्हें अफसोस है।

गौरतलब है कि युगांडा छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने के बाद बड़ी संख्या में एशियाई लोगों के बड़े समूह को संघर्ष करना पड़ा। समृद्ध होने के बावजूद इस समुदाय के लोगों को दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर नई दुनिया बसानी पड़ी। इन लोगों ने युगांडा में चल रहा बिजनेस बंद करना पड़ा, जिसे कई वर्षों तक खून-पसीने की कमाई से खड़ा किया गया था। दशकों बाद हालात बदले हैं और अब सरकार तस्वीर बदलने के प्रयास कर रही है।

राष्ट्रपति मुसेवेनी ने अमीन के कार्यकाल में उनकी नीतियों के कारण हुई परेशानी को दूर करने के लिए युगांडा की वर्तमान सरकार के फैसलों को भी गिनाया। उन्होंने कहा, ‘जब हम सरकार में आए तो हमने युगांडा में रहने वाले एशियाई नागरिकों और गैर-नागरिकों की संपत्तियां लौटाने का फैसला लिया। अमीन ने संपत्तियों को जब्त किया था।’ उन्होंने कहा कि 1980 और 1990 के दशक में देश लौटने के बाद से भारतीय उपमहाद्वीप के एशियाई लोग एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था के स्तंभ बन गए हैं। वापस लौटे भारतीय लोगों ने 900 फैक्टरियों को दोबारा शुरू कर दिया है। इससे युगांडा की अर्थव्यवस्था में भारत की अहम भूमिका रेखांकित होती है।

प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं पीएम मोदी का भी होगा भव्य स्वागत, यूपी के संस्कृति विभाग ने की खास तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर 2023 को रामनगरी आए थे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उनका अभूतपूर्व स्वागत किया गया। 22 जनवरी 2024 को वह अद्भुत क्षण होगा, जिसका 500 वर्षों से इंतजार था, लिहाजा आयोजन भी दिव्यतम होगा। इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे भव्यतम बनाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री के स्वागत को लेकर उप्र संस्कृति विभाग ने सारी तैयारी कर ली है। संस्कृति विभाग द्वारा तैयार किया गए 100 मंचों पर 2500 लोक कलाकार सांस्कृतिक शोभायात्रा के सारथी बनेंगे और नृत्य-गायन-वादन की अनेक विधाओं के जरिए कलियुग की अयोध्या में त्रेतायुग सा दीदार कराएंगे।

22 जनवरी को 100 मंच पर होंगे 2500 कलाकार
रामनगरी में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में रामलला अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। प्रधानमंत्री के आगमन पर उनका भव्य स्वागत होगा। यहां 100 मंचों पर 2500 कलाकार भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा के सारथी बनेंगे। 21 जनवरी को इसका पूर्वाभ्यास भी किया गया। 100 स्थानों पर कलाकार भारतीय संस्कृति की खुशबू अपनी प्रस्तुति से बिखरेंगे। इनमें एयरपोर्ट के गेट नंबर-3 के सामने, गुरुदेव पैलेस के सामने, दिशा कोचिंग के सामने, जीवन साथी मैरिज लॉन, साकेत पुरी मोड़, महोबरा ब्रिज से पहले और बाद, महेश योगी रामायण के सामने, सूर्या पैलेस होटल, मल्टीलेवल पार्किंग जानकी रसोई, साकेत पेट्रोल पंप, धर्मपथ से लता चौक की तरफ, लता चौक से श्रीराम पथ की तरफ, रामजन्मभूमि गेट नंबर-एक के सामने, अरुंधति कॉम्पलेक्स से एलईडी वॉल के बगल में टेढ़ी बाजार चौराहे तक, साकेत डिग्री कॉलेज के गेट नंबर-1 के सामने, सर्किट हाउस गेट के बगल में, रामपथ प्रारंभ, पराग डेयरी, श्रीराम मंदिर गेट से लता चौक की तरफ, होटल राजा राम पैलेस समेत 100 मंचों पर कार्यक्रम होगा।

रामनगरी में यूपी की विविध दिखेगा पूरा उत्तर प्रदेश
रामनगरी में सिर्फ अवध ही नहीं, बल्कि पूरा उत्तर प्रदेश नजर आएगा। वाराणसी के मोहित चौरसिया, राजेश उपाध्याय, दीपक शर्मा डमरू वादन से जहां रामनगरी में काशी की महिमा के जरिए अपने सांसद का स्वागत करेंगे तो अयोध्या के राजीव लोचन मिश्र शंख वादन से अतिथि देवो भवः की परंपरा का साक्षात्कार कराएंगे। गाजीपुर के सल्टू राम, संजय कुमार, आजमगढ़ के सुनील कुमार, मुन्ना लाल मंचों पर धोबिया लोकनृत्य की बहार बहाएंगे।

गोरखपुर के छेदी यादव, रामज्ञान, विंध्याचल आजाद फरुआही नृत्य से माटी की खुशबू बिखरेंगे तो गोरखपुर की ही सुगम सिंह शेखावत व राकेश कुमार टीम के साथ वनटांगिया जनजातीय लोकनृत्य का दीदार कराएंगी। लखनऊ की जूही कुमारी अवधी, मानसी विष्ट उत्तरांचल के नृत्य से अभ्यागतों का स्वागत करेंगे। मथुरा के खजान सिंह व महिपाल बम रसिया तो राजेश शर्मा-मणिका, माधव आचार्य, गीतकृष्ण शर्मा मयूर लोकनृत्य से ब्रज की खुशबू से अवध को महकाएंगे। झांसी के प्रदीप सिंह भदौरिया की टीम राई लोकनृत्य प्रस्तुत करेगी। सोनभद्र के कतवारू मादल वादन तो महेंदर् कर्मा आदिवासी नृत्य पेश करेंगे।

जानलेवा हुईं बर्फीली हवाएं, एटा में 11 दिन में 13 की मौत; डॉक्टर ने दी ऐसे लोगों को सावधान रहने की सलाह

एटा में इन दिनों भीषण सर्दी पड़ रही है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। युवाओं को भी दिल का दौरा पड़ रहा है, तो बड़ी संख्या में मरीज चिकित्सकों के पास सीने में दर्द की शिकायत के पहुंच रहे हैं। 11 दिनों में दो बच्चों सहित 13 व्यक्तियों की मौत हुई है। यह मौत दिल का दौरा पड़ने और शरीर का तापमान कम होने के कारण हुई है। रविवार को भी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में चार व्यक्ति सीने में दर्द की शिकायत को लेकर भर्ती हुए।

मेडिकल कॉलेज के हृदय विशेषज्ञों डॉ. जितेंद्र ने सर्दियों में व्यक्ति के शरीर की नलिकाएं रक्त गाढ़ा होने से धीरे- धीरे कार्य करती है। ऐसे में हृदय पर दबाव बढ़ता है और हृदय घात का खतरा बढ़ता है। सर्दियों में व्यायाम नियमित रूप से करना चाहिए लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हृदय पर दबाव न पड़े। सर्दियों में हाई कैलोरी का आहार लेना चाहिए। लाइफ स्टाइल को सुधारना भी जरूरी है। उन्होंने बताया सीने में दर्द सहित दिल के दौरा के सर्वाधिक शिकार युवा हो रहे हैं।

डॉ. चेतन चौहान ने बताया इस बार ठंड लगातार रहने से बुजुर्ग और युवा बुखार, खांसी-जुकाम का उपचार लेने के लिए आ रहे है। बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वायरल बुखार तीन से चार दिन रहता है लेकिन खून जांच करवाना जरूरी है। बुजुर्ग ठंड में बाहर निकलने से बचे और गर्म कपड़े डालकर रखें। ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें और बासी खाना न खाएं। गर्म पानी, सूप का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें। जबकि रविवार को श्रंगार नगर निवासी मुकेश, लालपुर निवासी आसमां, रारपट्टी निवासी सरोज व रेलवे रोड निवासी अतुल को सीने में दर्द की शिकायत पर भर्ती किया गया।

बच्चों में मिल रहे निमोनिया के लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एबी सिंह ने बताया कि ठंड लगातार रहने से बच्चे बीमार हो रहे है। ओपीडी में बुखार, खांसी, जुकाम रोग से संबंधित बच्चे उपचार के लिए आ रहे हैं। समय पर उपचार न लेने के कारण बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर न होने दें। अगर बच्चा ठोस आहार नहीं ले सकता है तो उसे दाल का पानी दें। बच्चे को स्तनपान न छोड़े। बच्चे को ठंड से बचाने के लिए गर्म वस्त्र पहनाकर रखें। उन्होंने बताया ओपीडी में प्रतिदिन दो से तीन बच्चे निमोनिया के लक्षण वाले पहुंच जाते हैं।

ऐसे करें बचाव
– शरीर को ठंडा होने से बचाएं और गर्म रखें।
– पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें और ठंड में रहने से बचें। टोपी, स्कार्फ, मोजे जरूर पहनें।
– खाना गरम खाएं और पानी भी गरम पिएं।
– गीले कपड़े बिल्कुल भी न पहनें।
– ठंड ज्यादा लगने पर तुरंत शरीर को गर्म करें। हल्का हाइपोथर्मिया होने पर गर्म कंबल, हीटर, गर्म पानी के बैग का इस्तेमाल शरीर को गर्म करने के लिए करें।
– अधिक पसीना बहाने वाली गतिविधि से बचें।
– जाड़ों में कई बार प्यास नहीं लगती लेकिन शरीर में पानी की कमी रहती है। इसलिए नियमित तौर पर गुनगुना या गर्म पानी पीते रहें।
– बच्चों को पूरे बाजू के ऊनी कपड़े पहनाएं।
– बच्चों को ठंडी चीज खाने के लिए न दें। दूध भी गुनगुना करके दें।
– हल्की धूप के बाद हल्का ऊनी कपड़ा पहनकर निकलें।
– जब बाहर टहलने निकलें तो जहां तक संभव हो मास्क लगा लें।
– धूल और धुआं से बचकर रहें। इससे फेफड़ों में संक्रमण की संभावना कम होगी।
– हृदय और उच्च रक्तचाप वाले मरीज विशेष सतर्क रहें।

10 से 21 जनवरी तक इन व्यक्तियों की हुई मौत
-10 जनवरी को गांव भगवंतपुर निवासी 35 वर्षीय कपिलदेव की दिल का दौरा पड़ने से मौत
-11 जनवरी को शांति नगर में दिल का दौरान पड़ने से 21 वर्षीय युवक की माैत
– 11 जनवरी को शांतिनगर निवासी 55 वर्षीय महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत
– 12 जनवरी को शहर के मोहल्ला शिवगंज निवासी 38 वर्षीय रामनिवास की दिल का दौरा पड़ने से मौत
– 13 जनवरी को गांव नगला कंचन निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग विद्यादेवी की मौत सीने में दर्द से
– 14 जनवरी को जैथरा में एक माह के बच्चे की मौत
– 14 जनवरी को गांव पृथ्वीराजपुर निवासी 30 वर्षीय राहुल की मौत
-15 जनवरी को रारपट्टी में दो माह के बच्चे की मौत
-18 जनवरी को निधौलीकलां के मुमियांखेड़ा निवासी 55 वर्षीय महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से।
– 19 जनवरी को 15 वर्षीय किशोरी की मौत खेत में काम करने के दौरान।
– 19 जनवरी को अरुणा नगर निवासी 25 वर्षीय राममोहन की दिल का दौरा पड़ने से मौत।
– 21 जनवरी को शहर के मोहल्ला अशोक नगर निवासी 72 वर्षीय मनोहरलाल और निधौली कलां निवासी 60 वर्षीय दिनेश की मौत।

प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दंडवत यात्रा कर रहे तीन रामभक्त, कड़ाके की ठंड में भी नहीं डिगी आस्था

अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तों में उल्लास है। रामोत्सव में आस्था के अनूठे रंग देखने को मिल रहे हैं। बदायूं जिले में तीन रामभक्तों ने दंडवत यात्रा कर कछला गंगा घाट पहुंचकर स्नान करने और गंगा की आरती करने की ठानी है। कड़ाके की सर्दी भी उनकी आस्था को डिगा नहीं सकी। शनिवार को तीनों ने गांव से दंडवत यात्रा शुरू की। उन्होंने बताया कि वह सोमवार शाम चार बजे तीनों कछला घाट पहुंच जाएंगे।

भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां पूरा देश राममय हो गया है वहीं मुजरिया क्षेत्र के गांव समसपुर निवासी भूरे, रामकिशोर और सुभाष ने अपनी टीम संयोजकों के साथ शनिवार को दोपहर में अपने गांव से दंडवत कछला गंगा की यात्रा शुरू की। श्रद्धालुओं ने बताया कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को कछला गंगा पर पहुंचकर स्नान करेंगे, फिर गंगा मैया की आरती करेंगे।

गांव से मुजरिया चौराहा होते हुए कछला गंगा घाट की यात्रा 24 किलोमीटर की तय की जाएगी। साथ चल रहे गांव के सोमवीर, रजनेश, मुकेश, कृष्णपाल, रामकिशोर ने बताया कि पूरी यात्रा भगवान राम और गंगा मैया के जयकारों के साथ पूरी हो जाएगी। इन श्रद्धालुओं को जाते हुए हुए देख जगह-जगह लोगों ने उनका स्वागत किया। जो लोग ठंड में घर से नहीं निकल पा रहे हैं और इन श्रद्धालुओं को देख लोग उनकी यात्रा को सफल करने की भगवान राम से प्रार्थना कर रहे हैं।

लक्षद्वीप के बाद पीएम मोदी ने फिर घरेलू पर्यटन बढ़ाने पर दिया जोर, देशवासियों से किए ये नौ आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के खोडलधाम ट्रस्ट कैंसर अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा ‘यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैं खोडलधाम की पवित्र धरती और इसके श्रद्धालुओं से जुड़ रहा हूं। समाज कल्याण के लिए श्री खोडलधाम ट्रस्ट आगे आया है। आज से यहां अमरेली में कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर का काम शुरू हो रहा है।’ इस दौरान पीएम मोदी ने जनता से नौ आग्रह भी किए, जिनमें घरेलू पर्यटन को बढ़ाने समेत कई अपील की गईं थी।

प्रधानमंत्री ने किए ये नौ आग्रह

कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने लोगों से नौ आग्रह किए, जिनके तहत लोगों से पीएम मोदी ने अपील की कि-
वह पानी की एक-एक बूंद बचाने और पानी संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करें।
गांव स्तर पर भी लोगों को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित करें।
गांवों-कस्बों और शहरों को साफ रखें।
स्थानीय उत्पादों और मेक इन इंडिया उत्पादों को प्रोत्साहित करें।
देश में घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहित करें।
किसानों में जैविक खेती को बढ़ावा दें।
श्री अन्न को अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करें।
साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से फिट रहने और किसी भी तरह के नशे से दूर रहने की अपील की।

सस्ती दवाओं से बचाए गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कैंसर के मरीजों के लिए परेशानी मुक्त इलाज सुनिश्चित कर रही है। बीते नौ सालों में देश में करीब 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं। 10 नए कैंसर अस्पतालों में काम चल रही है। गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। आज गुजरात एक बड़े मेडिकल हब में तब्दील हो गया है। 2002 तक गुजरात में सिर्फ 11 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन आज इनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है। इन 20 सालों में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़कर पांच गुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘देश के विकास के लिए लोगों का स्वस्थ रहना जरूरी है। हमने आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए शुरू की है। इस योजना से अब तक छह करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार ने 10 हजार जन औषधि केंद्र भी खोले हैं, जहां लोगों को 80% डिस्काउंट पर दवाइयाँ मिल रही हैं। सस्ती दवाइयों की वजह से ग़रीब के तीस हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बचे हैं।’

क्या दान में आए हजारों करोड़ रुपयों को सरकार ले लेगी? सोशल मीडिया में चल रहे संदेशों का सच

राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही सोशल मीडिया में मंदिर को मिलने वाले चढ़ावे को लेकर एक नई बहस शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया में इस तरह के संदेश लगातार भेजे जा रहे हैं कि राम मंदिर में आए हजारों करोड़ रुपये के चढ़ावे को अंततः सरकार ले लेगी। इन पैसों से राम मंदिर या अयोध्या का नहीं, बल्कि किसी अन्य स्थल का विकास किया जाएगा। इन संदेशों में कहा जा रहा है कि सरकार बड़े हिंदू मंदिरों में आये हुए करोड़ों रुपये के चढ़ावे को अपने कब्जे में ले लेती है, जबकि मुसलमानों की मस्जिदों और ईसाइयों के गिरजाघरों में चढ़ाई गई धनराशि को वह छूती भी नहीं है।

सभी धर्म के पूजा स्थलों से एक समान व्यवहार की अपील
इन संदेशों में लोगों से राम मंदिर को नकद दान देने से भी मना किया जा रहा है। इसके स्थान पर लोगों से प्रसाद-माला या गरीबों को सीधे दान देने की अपील की जा रही है। लोगों को यह भी कहा जा रहा है कि वे सरकार से अपील करें कि वह हिंदू मंदिरों से दान की राशि लेना बंद करे और सभी धर्म के पूजा स्थलों से एक समान व्यवहार करे। कई बड़े हिंदू मंदिरों के नामों का उल्लेख करते हुए इन संदेशों में कहा जा रहा है कि सरकार इन मंदिरों को अपना खर्च चलाने के लिए कुल चढ़ावे का एक छोटा हिस्सा दे देती है, जबकि बाकी पैसा सरकार ले लेती है।

सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुकी है ये बात
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अमर उजाला को बताया कि उन्होंने 2020 में एक जनहित याचिका दाखिल कर सभी धर्मों के पूजा स्थलों के लिए एक समान कानून (सर्व धर्म स्थल समान कानून) की मांग की थी। इस समय देश के 18 राज्यों में 35 कानून चल रहे हैं जिसके सहारे हिंदुओं-जैन मंदिरों पर सरकार नियंत्रण करती है। इस समय देश के लगभग एक लाख मंदिरों पर सरकारों का नियंत्रण है, जबकि किसी मस्जिद-चर्च पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ दान बंदोबस्त कानून 1959 लागू है। इसके अंतर्गत राज्य के 45 हजार हिंदू मंदिरों (17 जैन मंदिरों सहित) को संचालित किया जा रहा है। इसी प्रकार के अलग-अलग कानून विभिन्न राज्यों में संचालित हैं।

एक ही राज्य में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग व्यवस्था
अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर पर सरकार का नियंत्रण है, उसके श्राइन बोर्ड का सबसे बड़ा अधिकारी वहां का उपराज्यपाल होता है, जबकि उसी राज्य में श्रीनगर की हजरत बल दरगाह पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। राजस्थान के पुष्कर मंदिर पर राजस्थान सरकार का नियंत्रण है, जबकि उसी राज्य की अजमेर शरीफ दरगाह पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। दिल्ली का कालकाजी मंदिर सरकार के नियंत्रण में है, जबकि जामा मस्जिद पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। देश के अनेक राज्यों में इसी तरह का भेदभाव पूर्ण कानून जारी है। राजस्थान की ब्राह्मण सभा ने एक बड़ा सम्मेलन कर सरकार से इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है।

दस सूत्रीय मांग
जनहित याचिका में केंद्र सरकार से कानून बनाकर सभी हिंदू-जैन मंदिरों पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग की गई है। याचिका में दस सूत्रीय मांग कर कहा गया है कि मंदिरों के पैसों से वेद विद्यालय, गोशाला, संस्कार शाला, वेदशाला और आयुर्वेद शाला खोली जानी चाहिए और इसका नियंत्रण पूरी तरह मंदिरों के पास होना चाहिए। इस मुद्दे पर अदालत ने सरकार से जवाब भी मांगा है, लेकिन अभी तक इस मामले पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है।

इस मुद्दे पर राजनीति भी होती रही
विश्व हिंदू परिषद और भाजपा ने इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी की है। विश्व हिंदू परिषद कई बार यह अभियान चलाती रही है कि हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। भाजपा ने भी इस अभियान को पूर्ण समर्थन दिया है। पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि काली माता मंदिर और संगरूर के प्रसिद्ध मंदिरों के साथ-साथ लगभग 200 हिंदू मंदिरों पर सरकार कब्जा करके बैठी है। उन्होंने सरकार से इन मंदिरों पर से अपना नियंत्रण वापस लेने की अपील की है।

भाजपा सरकारों ने भी किया वही काम
लेकिन एक तरफ जहां भाजपा दूसरे राज्यों में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान चलाती रही है, वहीं उत्तराखंड की उसकी पूर्ववर्ती सरकार ने एक कानून बनाकर राज्य के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने का प्रयास किया था। वहां के साधु-सन्यासियों के कड़े विरोध और चुनावी नुकसान को भांपते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस कानून को स्थगित कर दिया है। इसी तरह हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार पर भी आरोप है कि उसने चंडी देवी के मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का निर्णय किया था।

अदालत ने भी माना गलत
इस मामले पर चल रही तमाम बहस के बीच सर्वोच्च न्यायालय के अनेक विद्वानों ने माना है कि इस तरह का भेदभाव पूर्ण व्यवस्था नहीं होना चाहिए। या तो सरकार को किसी भी धर्म के मंदिरों पर कोई नियंत्रण नहीं करना चाहिए, या सबके लिए एक समान व्यवस्था लागू करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति एसए बोब्डे ने 2019 में जगन्नाथ मंदिर के एक मामले में कहा था, उन्हें यह समझ नहीं आता कि सरकार को मंदिरों का संचालन क्यों करना चाहिए। उन्होंने माना था कि यदि इन मंदिरों का पूर्ण नियंत्रण मंदिरों भक्तों-पुजारियों के पास ही रहने दिया जाए तो कई अव्यवस्थाओं से बचा जा सकता है। 2014 में तमिलनाडु के नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का आदेश दिया गया था।

राम मंदिर में क्या होगी व्यवस्था
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने अमर उजाला से कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में आये किसी भी चढ़ावे या दान राशि पर केंद्र या राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा। इस पूरी धनराशि पर श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अधिकार होगा। वह इन पैसों से मंदिर का प्रशासनिक खर्च चलाएगी और मंदिर में शेष निर्माण कार्य कराएगी। अभी मंदिर के कुछ हिस्सों के साथ छोटे-छोटे कई और मंदिर भी बनाए जाएंगे। यह धनराशि पूरी तरह इन्हीं कार्यों में खर्च होगी। डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस समय भी मंदिर का पूरा निर्माण कार्य मंदिर के लिए आये हुए चढ़ावे से हुआ है। आगे भी यही कार्य जारी रहेगा। केंद्र या राज्य सरकार का कार्य मंदिर और यहां आने-जाने वाले भक्तों की सुरक्षा का होता है, सरकार की भूमिका केवल वहीं तक सीमित रहेगी।

दुनियाभर के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह, सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन; होगा सीधा प्रसारण

अयोध्या में राम मंदिर के भव्य शुभारंभ पर दुनिया के अलग-अलग देशों में भी जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अमेरिका, यूके, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत दक्षिण अफ्रीका और गल्फ देशों में भी राम मंदिर के शुभारंभ पर पूजा पाठ, भजन कीर्तन और सुंदरकांड समेत रामचरितमानस के पाठ शुरू कर दिए गए हैं। अमेरिका में बसे भारतीयों के समूह ने यहां के सभी छोटे बड़े 1100 मंदिरों में सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ भी शुरू कर दिया है। अमेरिका के “सुंदरकांड परिवार समूह” ने मंदिरों में सुंदरकांड का पूरा आयोजन किया है।

अमेरिका के 1100 मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ
अमेरिका के सुंदरकांड परिवार समूह के तरुण शर्मा कहते हैं उनके ग्रुप ने अमेरिका के 1100 मंदिरों में सुंदरकांड और रामचरितमानस पाठ शुरू कराया है। वह कहते हैं कि अमेरिका के सभी छोटे-बड़े मंदिर जो उनके समूह से जुड़े हैं वहां पर इस तरीके की तैयारी शुरू हुई है। इसके अलावा यहां के अलग-अलग प्रांत के भी मंदिरों में तमाम तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। तरुण कहते हैं कि लॉस एंजेलिस के कुछ सार्वजनिक जगहों पर उनके समूह ने अनुमति लेकर राम मंदिर के शुभारंभ का लाइव प्रसारण करने की तैयारी की है। वह कहते हैं कि हालांकि उस वक्त लॉस एंजेलिस में रात के तकरीबन 11 बज रहे होंगे। लेकिन भारतीय समुदाय के बीच में राम मंदिर को लेकर जो उल्लास है उससे भारी भीड़ जमा होने का अनुमान है।

अमेरिका की सड़कों में दिखेगा लाइव प्रसारण
अमेरिका के अलग-अलग शहरों में भी इसी तरीके की तैयारी की गई है। न्यूयॉर्क में बसे भारतीय समुदाय ने तो टाइम्स स्क्वायर के बिल बोर्ड पर राम मंदिर के शुभारंभ का लाइव प्रसारण करने की पूरी तैयारी की है। न्यूयॉर्क स्थित एक प्रमुख भारतीय बैंक के कर्मचारी शुब्रांत बैनर्जी कहते हैं कि यहां के मंदिरों में 15 तारीख से ही सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है। शुब्रांत कहते हैं कि अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में लगातार राम मंदिर के शुभारंभ से पहले ही भजन पूजन और सुंदरकांड रामचरितमानस पाठ समेत हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। वह कहते हैं कि अयोध्या में जब राम मंदिर का शुभारंभ हो रहा होगा तो स्क्वायर के बिल बोर्ड पर उसका प्रसारण यहां रहने वाले लोग देख सकेंगे। वह बताते हैं कि जब राम मंदिर में शिलान्यास हुआ था तब भी न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर लाइव दिखाया गया था।

कनाडा में भी लोगों में खासा उत्साह
कनाडा के विनिपेग में रहने वाले हिमांशु शर्मा कहते हैं कि यहां के मंदिरों में जबरदस्त तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वह कहते हैं कि इन दिनों यहां पर तापमान माइनस में है बावजूद उसके लोगों का उत्साह इतना ज्यादा है कि मौसम की विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मंदिरों में राम नाम की धूम मची है। हिमांशु कहते हैं कि कनाडा के अलग-अलग मंदिरों में लगातार सुंदरकांड का पाठ हो रहा है। लोग भी अपने घरों में सुंदरकांड से लेकर हनुमान चालीसा का पाठ भी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि कनाडा के अलग-अलग प्रांतों में भी राम मंदिर शुभारंभ की तैयारी हुई हैं। भंडारे से लेकर लाइव शुभारंभ दिखाने की योजना है।

दुबई, ऑस्ट्रेलिया में भी राम मंदिर के भव्य शुभारंभ की धूम
दुबई में रह रहे दीपक शर्मा बताते हैं कि यहां के हिंदू समुदाय के लोगों ने राम मंदिर के भव्य शुभारंभ पर अपने घरों में दीपक जलाने से लेकर पूजा पाठ की तैयारी की है। दीपक कहते हैं कि अबू धाबी और दुबई में जो मंदिर हैं वहां पर भी राम मंदिर शुभारंभ का प्रसारण किया जा रहा है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में रह रहे सनी पुंज कहते हैं कि यहां के हिंदू समुदाय के साथ-साथ पंजाबी और अन्य कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वाले राम मंदिर के शुभारंभ पर जश्र की तैयारी में जुट गए हैं। सनी कहते हैं कि “ग्लोबल सुंदरकांड परिवार” ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, पर्थ और सिडनी जैसे बड़े शहरों में सुंदरकांड का आयोजन कर रहा है। इसके अलावा यूके समेत यूरोप के प्रमुख देशों में भी राम मंदिर के शुभारंभ पर मंदिरों में तैयारी हो चुकी हैं।

ग्लोबल इंडियन संगठन के सचिव टीसी ठाकुर कहते हैं कि उनके संगठन से जुड़े दुनिया के सभी मुल्कों के लोग अपने-अपने देश और प्रांत के राम मंदिरों में पूजा अर्चना की तैयारी में जुटे हैं। केपटाउन में रहने वाले ठाकुर कहते हैं कि सिर्फ उनके देश ही नहीं बल्कि अफ्रीकी देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में ऑनलाइन जुड़कर राम मंदिर के शुभारंभ पर पूजा पाठ करेंगे। इसके अलावा उनके संगठन से जुड़े लोग राम मंदिर के शुभारंभ के बाद अयोध्या जाना भी शुरू करेंगे।

मोहन भागवत से रजनीकांत तक…जानें प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने के लिए कौन-कौन अयोध्या रवाना

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। भारत समेत दुनियाभर के लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर खुशी है। इस कार्यक्रम में कई जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी शिरकत करेंगे, जिसके लिए आज मोहन भागवत लखनऊ पहुंच चुके हैं। उनका तमाम कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में रजनीकांत करेंगे शिरकत
22 जनवरी को होने वाले अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से अभिनेता रजनीकांत और धनुष रवाना हो गए हैं। गौरतलब है कि उन्हें मंदिर ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।

अनुपम खेर बोले- लंबे समय से किया था इस दिन का इतंजार
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए मुंबई से अभिनेता अनुपम खेर अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम सभी ने इस दिन का बेसब्री से इंतजार किया था, यह एक बहुत अच्छा अहसास है। साथ ही उन्होंने जय श्री राम का नारा भी लगाया।

अयोध्या के लिए मुंबई से रवाना हुए विवेक ओबरॉय
भारत की जानी-मानी हस्तियों को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। तमाम हस्तियों ने भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर खुशी जाहिर की। अभिनेता विवेक ओबरॉय भी कल होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं। एयरपोर्ट से जाते वक्त विवेक ओबरॉय ने लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई।

कल होंगे राम लला के दर्शन- मधुर भंडारकर
फिल्मी जगत के कई लोग अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं। 22 जनवरी को रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए फिल्ममेकर मुधर भंडारकर भी रवाना हो गए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहा हूं। राम लला के दर्शन करने के लिए मैं खासा उत्साहित हूं। इस दिन का हम कई वर्षों से इंतजार कर रहे हैं।

अयोध्या के अलावा इन जगहों पर भी हैं भगवान राम के विशाल मंदिर, एक बार जरूर करें दर्शन

श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। लोग उन्हें अराध्य के रूप में पूजते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम का जन्म उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में हुआ था। जहां सदियों के विवाद के बाद अब जाकर भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। इस मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। इस दिन अयोध्या में दूर-दूर से हजारों लोगों के पहुंचने की संभावना है।

अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, इस बारे में तो अब बच्चा-बच्चा जानता है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि अयोध्या के अलावा देशभर में भगवान श्रीराम के कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी मान्यताएं भी काफी अलग-अलग हैं। ऐसे में अगर आप भीड़ के डर से 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आ पा रहे हैं, तो आप इन मंदिरों में जाकर भगवान श्री राम के दर्शन कर सकते हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों के दर्शन से भी आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।

केरल का त्रिप्रायर मंदिर

बेहद ही खूबसूरत सा ये मंदिर केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है। मान्यताओं की मानें तो यहां श्रीराम की मूर्ति को भगवान कृष्ण ने स्थापित किया था। इसको केरल के चेट्टुवा क्षेत्र के एक मछुआरे द्वारा स्थापित किया था। इसके बाद शासक वक्कायिल कैमल ने इस मूर्ति को त्रिप्रायर में स्थापित किया था। ऐसा कहा जाता है कि यहां भक्तों को बुरी आत्माओं से मुक्ति मिलती है।

नासिक का कालाराम मंदिर

महाराष्ट्र के नासिक के पंचवटी में कालाराम मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि वनवास के वक्त भगवान राम अपने भाई और पत्नी के साथ इसी मंंदिर में रुके थे। इस मंदिर में भगवान राम की 2 फीट की मूर्ति स्थापित है। मंदिर का निर्माण सरदार रंगारू ओढेकर ने किया था। उन्होंने एक सपना देखा था कि, गोदावरी नदी में श्री राम की एक काली मूर्ति है, जिसे उन्होंने निकाल कर मंदिर में स्थापित किया थ।

तेलंगाना का सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर

श्री राम का ये मंदिर तेलंगाना के भद्रादी कोठागुडेम के भद्राचलम में स्थित है। इस जगह से ही भगवान ने लंका से माता सीता को वापस लाने के लिए गोदावरी नदी को पार किया था। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति धनुष और बाण के साथ स्थापित है।

एमपी का राम राजा मंदिर

एसपी के ओरक्षा में स्थित इस राम मंदिर में भगवान श्री राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। यहां उन्हें हर दिन गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।

अमृतसर का श्री राम तीर्थ मंदिर

पंजाब के अमृतसर में स्थित इस मंदिर की मान्यता काफी अलग है। यहां माता सीता ने लव कुश का जन्म दिया था।

तमिलनाडु का रामास्वामी मंदिर

इस मंदिर को दक्षिण भारत की अयोध्या कहा जाता है। यहां भरत और शत्रुघ्न के साथ राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित हैं