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ईरान-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने फोन पर की बातचीत, तनाव कम करने पर बनी सहमति

पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव कम करने पर समहति बन गई है। ईरान के बलूचिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। संबंधों की तल्खी के बीच ईरान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को फोन पर बातचीत की। इसके बाद दोनों देश तनाव को कम करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समन्वय को मजबूत करने पर सहमत हुए। साथ ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर सैन्य हमलों के बाद पटरी से उतरे संबंधों को सुधारने पर भी चर्चा की और मौजूदा हालात की समीक्षा की है। दोनों देशों के राजदूतों की वापसी पर भी चर्चा हुई।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से टेलीफोन पर बात की और पारस्परिक विश्वास व सहयोग की भावना के आधार पर ईरान के साथ काम करने की देश की इच्छा जताई। बयान में कहा गया है कि पाक विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। एफओ ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद विरोधी अभियान और आपसी चिंता के अन्य मुद्दों पर सहयोग और समन्वय को मजबूत किया जाना चाहिए। दोनों पक्ष तनाव कम करने पर भी सहमत हुए। दोनों नेताओं ने पड़ोसियों के बीच घनिष्ठ भाईचारे के संबंधों को भी रेखांकित किया।

ईरान के साथ घनिष्ठ सहयोग की जरूरत
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के मंत्रियों की बातचीत के दौरान तनाव कम करने के प्रयास करने पर जोर दिया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पाकिस्तान ने तुर्किये से भी इस संबंध में बात की। पाकिस्तान ने साफ किया कि उसे ईरान के साथ तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। पाकिस्तान ने व्यापक सुरक्षा समीक्षा के संकेत भी दिए हैं। विदेश मंत्री जिलानी ने आपसी विश्वास और सहयोग की भावना के आधार पर काम करने की भावना से भी ईरानी समकक्ष को अवगत कराया। उन्होंने ईरान के साथ सुरक्षा मुद्दों पर घनिष्ठ सहयोग की जरूरत भी बताई।

तुर्किये से बातचीत के बाद ईरान के संपर्क में आया पाकिस्तान
ईरानी समकक्ष के साथ बातचीत से पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री जिलानी और तुर्किये के उनके समकक्ष के बीच भी फोन पर बात हुई। इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्र के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि तुर्किये और पाकिस्तान की बातचीत उस समय हुई जब पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक शुरू की। इसमें देश के सभी सैन्य सेवा प्रमुख भी मौजूद रहे।

दावोस से लौटे पाकिस्तानी PM, यूएन और अमेरिका का बयान
इसके बारे में पाकिस्तान के सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा, बैठक का मकसद ‘ईरान और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाओं के बाद व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा समीक्षा’ की गई। हालात की गंभीरता को भांपते हुए पीएम काकर ने स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की यात्रा को बीच में ही छोड़ दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका ने भी संयम बरतने का आह्वान किया है। हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह भी कहा कि दोनों देशों के टकराव से साफ होता है कि इस क्षेत्र में ईरान को पसंद नहीं किया जाता है।

दोनों देशों के मंत्रियों की बातचीत
ईरान-पाकिस्तान टकराव के कारण बढ़े तनाव से जुड़ी खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने शुक्रवार को अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीराब्दुल्लाहियन से फोन पर बात की। इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ से जवाबी हमलों के बाद ईरान ने कहा था कि उसके क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में चार बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हुई है। पाकिस्तान ने कहा कि मंगलवार को हुए ईरानी हमले में दो बच्चों की मौत हो गई।

पाकिस्तान में चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा
ईरान के साथ बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव प्रभावित नहीं होंगे। चुनाव आयोग के प्रवक्ता के हवाले से द न्यूज इंटरनेशनल अखबार की रिपोर्ट में कहा गया, चुनाव आयोग अभी भी निर्धारित समय पर चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पाकिस्तान-ईरान तनाव के कारण चुनाव की तारीख की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है। सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने भी कहा कि चुनाव समय पर होंगे और दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का चुनाव कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चुनाव कराने के लिए जरूरी सुरक्षा उपायों पर सोलांगी ने कहा, सरकार शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को जरूरी सुरक्षा प्रदान करेगी। उन्होंने दोहराया, ‘अब घोषित तिथि पर आम चुनाव से पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है।’

‘पैदाइश’ पर सवाल उठाने वाले ट्रंप पर निक्की हेली का पलटवार, बोलीं- वे डरे हुए और असुरक्षित महसूस कर रहे

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए होड़ बढ़ती जा रही है। इस रेस में जिन दो दावेदारों को रेस में सबसे आगे देखा जा रहा है, उनमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली शामिल हैं। दोनों ही नेता अपनी पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पाने के लिए काफी कोशिशें कर रहे हैं। इसी कड़ी में ट्रंप और हेली के बीच जुबानी जंग भी छिड़ी है। जहां एक दिन पहले ही ट्रंप ने हेली की अमेरिका में पैदाइश और नागरिकता को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे, वहीं अब निक्की हेली ने ट्रंप पर पलटवार कर उन्हें डरा हुआ नेता बताया है।

क्या बोले थे डोनाल्ड ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में निक्की हेली को उनके असली नाम ‘निम्रता’ लिखकर संबोधित किया। ट्रंप ने लिखा कि ‘क्या किसी ने बीती रात निक्की ‘निम्रता’ के भाषण को सुना। उन्हें लगता है कि वह आयोवा जीत जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वह तो रॉन डी सैंटिस को भी नहीं हरा पाईं, जिनके पास अब फंड भी नहीं है और उम्मीद भी नहीं है।’

साथ ही ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को रीपोस्ट भी किया, जिसमें दावा किया गया था कि निक्की हेली अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं, क्योंकि जिस वक्त निक्की हेली का जन्म हुआ था, उस वक्त तक निक्की के माता-पिता को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिली थी।

पलटवार में क्या बोलीं निक्की हेली?
निक्की हेली ने स्थानीय समयानुसार शुक्रवार शाम को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं ट्रंप को अच्छी तरह जानती हूं। जब उन्हें डर लगता है और वे असुरक्षित महसूस करते हैं, तब वे आपको नाम लेकर बुलाते हैं। मैं इस पर ऊर्जा बर्बाद नहीं करुंगी।”

भारत से अमेरिका गए थे निक्की के माता-पिता
निक्की हेली के माता-पिता भारतीय थे और वह अमेरिका शिफ्ट हो गए थे। साउथ कैरोलिना के बैमबर्ग में निक्की हेली का जन्म हुआ। अमेरिका में जन्म होने के चलते निक्की हेली को स्वतः ही अमेरिकी नागरिकता मिल गई। डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले बराक ओबामा की अमेरिकी नागरिकता पर भी सवाल उठा चुके हैं।

पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी, जानें आगे

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी निखिल गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में, अमेरिका की एक अदालत ने सबूत देने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। वहीं, अब चेक रिपब्लिक की अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने साफ कह दिया है कि चेक रिपब्लिक सरकार चाहे तो आरोपी भारतीय व्यक्ति को अमेरिका के हवाले कर सकता है।

जून से जेल में बंद
निखिल गुप्ता पर अमेरिकी सरकार के वकीलों ने पिछले साल नवंबर में एक मुकदमा दायर किया था। इसमें खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका की जमीन पर मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया है। खालिस्तानी पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। निखिल को 30 जून, 2023 को चेक गणराज्य के प्राग में गिरफ्तार किया गया था और इस समय उन्हें वहीं रखा गया है। अमेरिकी सरकार उनके अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

इस मंत्री के हाथ में फैसला
अब चेक की अदालत ने निखिल के अमेरिका प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया है। देखना है कि मंत्रालय का क्या फैसला रहता है। दरअसल, निखिल गुप्ता की सारी उम्मीदें अब चेक सरकार के न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक के ऊपर टिकी हैं। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि गुप्ता के प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक के हाथों में होगा।

सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं गुप्ता
न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में मंत्री कब तक फैसला लेते हैं इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बीच गुप्ता अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। निखिल के पास चेक रिपब्लिक की शीर्ष अदालत में जाने का भी विकल्प खुला है। प्रवक्ता ने कहा कि अगर उनको निचली अदालत के फैसलों पर संदेह है तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के लिए तीन महीने का समय है।

गुप्ता ने दी ये दलील
बताया जा रहा है कि गुप्ता ने दलील दी थी कि उनकी पहचान गलत की गई है। वह वो व्यक्ति नहीं हैं, जिसकी अमेरिका को तलाश है। गुप्ता ने इस मामले को राजनीतिक बताया। हालांकि, गुप्ता के वकील के हवाले से कहा गया है कि वह मंत्री से गुप्ता को प्रत्यर्पित नहीं करने और मामले को संवैधानिक अदालत में ले जाने का अनुरोध करेंगे।

मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप
बता दें कि गुप्ता के परिवार ने एकांत कारावास में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें ‘कांसुलर एक्सेस’ के तहत भारत में अपने परिवार से संपर्क करने के अधिकार और कानूनी मदद लेने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया। इस बीच आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है।

एक स्कूल के शयनगृह में लगी भीषण आग, कम से कम 13 बच्चों की मौत

चीन से एक बुरी खबर सामने आई है। यहां के मध्य हेनान प्रांत में एक स्कूल के शयनगृह में आग लगने से कम से कम 13 बच्चों की मौत हो गई। एक खबर के अनुसार, हेनान के यानशानपु गांव में स्थित यिंगकाई स्कूल में शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे आग लगने की जानकारी मिली। दमकल कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और रात 11.38 मिनट पर आग पर काबू पा लिया गया।

एक शिक्षिका ने बताया कि मारे गए सभी बच्चे तीसरी कक्षा के छात्र थे। वहीं, घटनास्थल से बचाए गए एक व्यक्ति का अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, नानयांग सिटी के समीप स्थित स्कूल के प्रबंधक को हिरासत में लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। मृतकों की पहचान और आग लगने के कारण के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

दमिश्क में इमारत पर इस्राइल का मिसाइल हमला, ईरान से जुड़े नेताओं की चल रही थी बैठक; पांच की मौत

गाजा में हमास के साथ जंग के अलावा इस्राइल कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। एक ओर जहां हिजबुल्लाह लेबनान की ओर से उसके उत्तरी हिस्से को निशाना बना रहा है। वहीं दूसरी ओर, लाल सागर में हूती विद्रोहियों के व्यापारिक जहाजों पर हमले जारी हैं। इस बीच, इस्राइली बलों ने सीरिया में एक इमारत पर हमला किया है। इस इमारत में कथित तौर पर ईरान से जुड़े नेताओं की बैठक हो रही थी। हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत की खबर है।

चार मंजिला आवासीय इमारत को बनाया निशाना: मानवाधिकार समूह
सीरिया में मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक समूह ने समाचार एजेंसी ‘एएफपी’ को बताया, ‘सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक इस्राइली मिसाइल से चार मंजिला इमारत को निशाना बनाया गया है। जिसमें पांच लोग मारे गए हैं। इमारत में ईरान से जुड़े नेताओं की बैठक चल रही थी।’ समूह ने सीरिया के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा कि जहां इमारत को निशाना बनाया गया है, वह उच्च सुरक्षा वाला इलाका है। यह ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड और ईरान समर्थक फलस्तीनी गुटों के नेताओं का गढ़ है। मानवाधिकार समूह के निदेशक रामी अब्देल ने बताया कि उन्होंने (इस्राइल) निश्चित रूप से ईरान समर्थित समूहों के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया है।

पूरी तरह से नष्ट हुई इमारत
समाचार एजेंसी ‘सना’ ने बताया कि इस्राइल ने दमिश्क के मजेह इलाके में आवासीय इमारत को निशाना बनाया है। मजेह क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, दूतावास और रेस्तरां हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि इस्राइली मिसाइलों ने पूरी इमारत को नष्ट कर दिया और हमले में दस लोग या तो मारे गए या घायल हो गए। सीरिया में गृह युद्ध के दौरान एक दशक तक इस्राइल ने सैकड़ों बार हवाई हमले किए हैं। जिनमें ज्यादातर हमले ईरान समर्थित बलों को निशाना बनाकर किए गए थे।

पिछले साल शुरू हुआ था इस्राइल-हमास युद्ध
इस्राइल और हमास के बीच बीते साल सात अक्तूबर युद्ध शुरू हुआ था। इस्राइली हमलों में 20 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास ने पिछले साल अक्तूबर में एक साथ दक्षिण इस्राइल से हमले की शुरुआत की थी।आतंकवादी समूह ने एक साथ सैकड़ों मिसाइल दागी थीं। इन हमलों में 1200 से ज्यादा इस्राइली नागरिक मारे गए थे।जबकि, सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था। इन बंधक बनाए गए लोगों में आधे से ज्यादा अभी भी हमास के कब्जे में हैं।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति की जयशंकर से मुलाकात, NAM शिखर सम्मेलन से इतर नेताओं के बीच चर्चा

कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन से इतर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से विदेश मंत्री जयशंकर ने मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता नेबरहुड फर्स्ट हैं, जो सागर नीति में परिलक्षित होती है। द्विपक्षीय पहलों की प्रगति के लिए उनके निरंतर मार्गदर्शन की सराहन करते हैं।

21 से 23 जनवरी तक नाइजीरिया की यात्रा पर जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर 21-23 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर नाइजीरिया जाएंगे। विदेश मंत्री अपने समकक्ष के साथ छठी भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री नाइजीरिया-भारत बिजनेस काउंसिल की बैठक के तीसरे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में भाषण देंगे। अपनी यात्रा के दौरान वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और महात्मा गांधी की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि भारत और नाइजीरिया के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक, बतौर विदेश मंत्री जयशंकर की नाइजीरिया की यह पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हुए हमले पर कांग्रेस आक्रामक, बोले- डराने और धमकाने से हम नहीं रुकने वाले

शनिवार को असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हुए हमले की कांग्रेस ने निंदा की है। उन्होंने इस हमले का दोष सत्तारूढ़ दल भाजपा पर मंढ़ दिया। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के गुंडों ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हमले किया। असम में भाजपा ने अधिकार और न्याय की गारंटी को ध्वस्त करने की कोशिश की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता और नेता डराने और धमकाने से नहीं डरने वाले हैं।

भाजपा ने लोकतंत्र का अपहरण कर दिया- खरगे
सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हम असम के लखीमपुर में भाजपा के गुंडों द्वारा भाजपा जोड़ो न्याय यात्रा वाहनों पर हमले और कांग्रेस पार्टी के बैनर, पोस्टर फाड़ने की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने देश में न्याय और हर अधिकार को ध्वस्त और कुचल दिया है। वह विरोधी आवाज को दबाना चाहती है। भाजपा के सत्ता में आते ही लोकतंत्र का अपहरण हो रहा है। खरगे ने कहा कि कांग्रेस असम में भाजपा सरकार के इन डराने और धमकाने की रणनीतियों से डरने वाली नहीं है।

सीएम के गुंडों ने किया यात्रा के वाहनों पर हमला- वेणुगोपाल
एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कथित हमले का एक वीडियो साझा किया करते हुए कहा कि ‘सबसे भ्रष्ट’ सीएम हिमंत बिस्व सरमा ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से कितने डरे हुए हैं? देखिए उनके गुंडे हमारे कांग्रेस के पोस्टर और वाहनों को तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा में राज्य के लोग बड़ी संक्या में भाग ले रहे है, जिससे वहां के सीएम बौखला गए हैं। भीड़ से बौखलाए सीएम किसी भी हद तक गिर सकते हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि असम के उत्तरी लखीमपुर शहर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बैनर और पोस्टर तोड़ दिए गए हैं, जहां से यात्रा शनिवार को गुजरेगी। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा दिन में बाद में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले उत्तरी लखीमपुर के मुख्यालय शहर सहित लखीमपुर जिले के कई हिस्सों से होकर गुजरेगी।

रामेश्वरम दौरे पर प्रधानमंत्री, मंदिरों में दर्शन-पूजन से पहले रोड शो; उत्साहित दिखी स्थानीय जनता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु दौरे पर हैं। रामेश्वरम पहुंचे पीएम मोदी ने रोड शो किया। प्रधानमंत्री के स्वागत में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों के किनारे जमा हुए। पीएम का स्वागत-अभिनंदन करते हुए पार्टी समर्थकों ने जमकर फूल बरसाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी दोपहर करीब दो बजे रामेश्वरम पहुंचे। रामेश्वरम दौरे पर प्रधानमंत्री के इस रोड शो से पहले स्थानीय जनता खासा उत्साहित दिखी।

पीएम मोदी के आगमन पर तिरुचिरापल्ली की जनता का उत्साह
तिरुचिरापल्ली में पहुंचे पीएम मोदी को अपने बीच पाकर स्थानीय जनता काफी खुश दिखी। पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। पीएम मोदी की एक झलक पाने को युवाओं के अलावा बुजुर्गों और महिलाओं में भी उत्साह का माहौल दिखा।

रामेश्वरम और रामसेतु की जगह अरिचल मुनाई जाने का भी कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम पहुंचने के बाद श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में भी दर्शन-पूजन किया। प्रधानमंत्री धनुषकोडी के कोठंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। धनुषकोडी के पास ही पीएम मोदी अरिचल मुनाई भी जाएंगे। ऐसी मान्यता है कि लंकापति रावण के साथ संग्राम से पहले श्रीराम की सेना ने राम सेतु का निर्माण इसी स्थान से शुरू किया था।

तमिलनाडु प्रवास के दौरान पीएम मोदी के कई अहम कार्यक्रम
रामेश्वरम में रोड शो से पहले प्रधानमंत्री मोदी तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर भी गए। उन्होंने इस मंदिर में विद्वानों के समूह की तरफ से आयोजित कंब रामायणम के छंदों का पाठ भी सुना। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का तमिलनाडु दौरा शुक्रवार से शुरू हुआ। छठे खेलो इंडिया अभियान का उद्घाटन करने पहुंचे पीएम मोदी के आगमन पर स्थानीय लोगों और उत्साही भाजपा समर्थकों ने फूल, माला और पार्टी के झंडे के साथ उनका स्वागत किया था। हजारों लोग सड़कों के दोनों ओर खड़े दिखे।

खेलो इंडिया के उद्घाटन में पीएम मोदी
बता दें कि एक दिन पहले तमिलनाडु प्रवास पर पहुंचे पीएम मोदी ने शुक्रवार को छठे खेलो इंडिया अभियान का उद्घाटन राजधानी चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में किया। यूथ गेम्स के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे।

अयोध्या में रामायण, नोएडा में महाभारत की थीम पर बनेगा मनोरंजन पार्क, बदल रही पार्कों की थीम

सप्ताहांत में अपने परिवार के साथ मनोरंजन पार्कों में जाकर समय बिताना लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। यहां बच्चों को झूले और अन्य खेलों का आनंद मिल जाता है, तो बड़ों को खुले में बैठने और बातचीत करने और खाने-पीने का मजा मिलता है। मनोरंजन पार्कों में लोगों की इसी पसंद को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित की जाती हैं। लेकिन देश में अब आध्यात्म की थीम पर पार्क-गेम जोन विकसित करने की सोच बढ़ रही है। लोगों की इसी पसंद को ध्यान में रखते हुए नोएडा में महाभारत थीम पर मनोरंजन पार्क विकसित किया जा रहा है, तो जल्द ही अयोध्या के आसपास रामायण की थीम पर पार्क विकसित करने की योजना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके पहले ही नोएडा में वेद वन पार्क का उद्घाटन कर चुके हैं, जो लोगों के बीच खूब लोकप्रिय हो रहा है।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ एम्यूजमेंट पार्क्स एंड इंडस्ट्रीज (IAAPI) के चेयरमैन श्रीकांत गोयनका ने अमर उजाला से कहा कि 2014 के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ, उज्जैन में महाकाल मंदिर के विकास और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पूरे देश में लोगों का आध्यात्मिक गतिविधियों के प्रति रुझान बढ़ा है। धार्मिक पर्यटन भी लगातार नई ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है।

इसी क्रम में लोग अब अपने परिवार के साथ ऐसे पार्क या एम्यूजमेंट जोन में जाना पसंद कर रहे हैं, जहां उन्हें आध्यात्मिक अनुभूति के साथ मनोरंजन भी मिले। इससे बच्चों को अपनी संस्कृति की जानकारी मिलती है और उनका मनोरंजन भी हो जाता है। साथ ही वयस्कों को भी ध्यान लगाने की विधियों के बारे में जानने को मिलता है। यही कारण है कि अब उन्हें लगातार ऐसे थीम आधारित पार्क या एम्यूजमेंट जोन बनाने के ऑर्डर लगातार मिल रहे हैं।

महाभारत जोन में बच्चों के लिए यह होगा खास

श्रीकांत गोयनका ने कहा कि नोएडा की एक बेहद हॉट लोकेशन पर महाभारत की थीम पर आधारित पार्क-एम्यूजमेंट जोन विकसित किया जा रहा है। यहां आकर बच्चों को ऐसे जोन में खेलने का अनुभव मिलेगा, जहां भगवान कृष्ण वर्चुअल तरीके से गीता का ज्ञान देते दिखाई पड़ेंगे। साइंस पार्क की थीम पर बच्चों को एक ऐसे विशेष जोन में खेलने का अनुभव मिलेगा, जिसमें वे प्राचीन योद्धाओं की तरह स्वयं एक खिलाड़ी बनकर प्राचीन युद्ध शैली में लड़ाई करने का वर्चुअल अनुभव ले सकेंगे। पूरा परिसर महाभारत कालीन थीम पर आधारित है। ये बेहद आकर्षक होगा। अगले दो साल के अंदर यह एम्यूजमेंट जोन विकसित कर दिया जाएगा।

अयोध्या में रामायण की थीम पर होगा पार्क

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होने का अनुमान है। इसमें घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भी शामिल होंगे। इसे देखते हुए अयोध्या के परिसर के आसपास रामायण की थीम पर रामायण पार्क-एम्यूजमेंट जोन विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार की योजना काशी-उज्जैन को लेकर भी बनाई जा रही है और आने वाले समय में इस तरह के कई प्रोजेक्ट सामने आ सकते हैं।

मॉल में भी थीम बदल रही

आजकल मॉल्स में घूमना और खरीदारी करना लोगों की पहली पसंद बन चुका है। इन मॉल्स में बच्चों के लिए विशेष एम्यूजमेंट जोन विकसित किए जाते हैं। अब इन एम्यूजमेंट जोन में भी आध्यात्मिक थीम पसंद की जा रही है। दिल्ली-एनसीआर के कई मॉल में आने वाले समय में आध्यात्मिक थीम पर एम्यूजमेंट जोन दिखाई पड़ सकते हैं।

योगी विकसित कर चुके वेद वन पार्क

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जून 2023 में नोएडा के सेक्टर 78 में ‘वेद वन पार्क’ का उद्घाटन किया था। इसमें वेदों की ऋचाएं, वेदों के मंत्र और दिव्य जड़ी बूटियों के वृक्ष देखे जा सकते हैं। आगंतुकों के बीच विशेष लेजर शो बहुत लोकप्रिय है, जिसमें भारत की संस्कृति को बहुत आधुनिक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।

रोजगार का भारी अवसर भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यात्म के जरिए लोगों को रोजगार देने की योजना कारगर होती दिखाई पड़ रही है। इस समय यह पूरा सेक्टर 11,500 करोड़ वार्षिक टर्नओवर वाला बिजनेस बन चुका है। इस सेक्टर में लगभग एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और दस लाख के करीब लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है। इस क्षेत्र में 500 बड़े खिलाड़ियों के साथ-साथ हजारों छोटे-छोटे उद्यमी भी इस सेक्टर में अपना हाथ आजमा रहे हैं। सेक्टर लगभग 15 फीसदी प्रति वर्ष की दर से आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में इस सेक्टर में और मांग बढ़ने की उम्मीद है।

बोगीनाडी से शुरू हुई सातवें दिन न्याय यात्रा, राहुल ने पैदल चल लोगों से की मुलाकात

लोकसभा चुनाव शुरू होने में कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर से मुंबई तक 6,700 किलोमीटर से ज्यादा की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी है। आज उनकी यात्रा का सातवां दिन है। यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई थी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। असम में यह यात्रा 25 जनवरी तक जारी रहेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी।

कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार को लखीमपुर जिले के बोगीनाडी से फिर से शुरू हुई। जैसे ही यात्रा बस से शुरू हुई, वैसे ही सड़क किनारे खड़े लोगों ने राहुल गांधी का स्वागत करना शुरू कर दिया। ऐसे में, उन्होंने बस से उतरने का फैसला लिया। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत की और उनके साथ पैदल चल पड़े।

पार्टी द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम के अनुसार, यात्रा कुछ समय के लिए गोविंदपुर (लालुक) में रुकेगी। यहां वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, जितेंद्र सिंह, भूपेन बोरा और देवव्रत सैकिया एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। बाद में दोपहर में यात्रा फिर से हरमुती से शुरू होगी। बाद में गुमटो के होते हुए अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करेगी, जहां फ्लैग हैंडओवर समारोह आयोजित किया जाएगा।