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400 टॉमहॉक मिसाइल खरीदने के लिए जापान ने अमेरिका से किया सौदा,1.7 बिलियन डॉलर में हुआ सौदा

जापान ने गुरुवार को अमेरिका के साथ 400 भूमि-आधारित टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को खरीदने के लिए करार किया है। दोनोें देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिकी विदेश सैन्य ब्रिक्री कार्यक्रम के तहत हुए सौदे के अनुसार, अमेरिका मिसाइलों सहित अन्य उपकरण खरीदने के लिए 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगा। जापान में पदस्थ अमेरिकी राजदूत रहम एमानुएल ने बताया कि अमेरिकी सेनाएं जापान के आत्मरक्षा बलों को टॉमहॉक्स का इस्तेमाल करने के लिए मार्च से प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगी। जापानी मीडियी के अनुसार, मिसाइलों की मारक क्षमता 1600 किलोमीटर है।

नॉर्वेजियन संयुक्त स्ट्राइक मिसाइल खरीदने के लिए भी करार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जापान अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। चीन की सैन्य वृद्धि और उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल हमलों के बीच जापान खुद की सुरक्षा पुख्ता कर रहा है। जापान भी दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तानाबूत करने के लिए खुद को सश्क्त कर रहा है। जापान ने हाल में ही अपने काउंटर स्ट्राइक क्षमता को हासिल करने का फैसला किया है। जापान सरकार की मानें तो उन्होंने अक्तूबर 2026 में नॉर्वेजियन संयुक्त स्ट्राइक मिसाइलें खरीदने के लिए एक और करार किया है। संयुक्त स्ट्राइक मिसाइलों की रेंज लगभग 500 किलोमीटर है। उम्मीद है कि नॉर्वेजियन मिसाइलों को एफ-35 (ए) स्टील्थ लड़ाकू विमानों पर लोड किए जाने की उम्मीद है।

‘कोई और विकल्प…’, फलस्तीन को अलग देश का दर्जा दिए जाने से इस्राइल के इनकार पर आया अमेरिका का बयान, पढ़ें

हमास और इस्राइल के बीच जंग जारी है। युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो गई है। जहां इस्राइल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है। वहीं, अब आतंकी समूह भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। फिलहाल, न तो जंग की रफ्तार कम हो रही है और न ही लोगों की जान की परवाह की जा रही है। इस बीच, अमेरिका और इस्राइल के बीच फलस्तीन को अलग एक देश का दर्जा दिए जाने पर बहस छिड़ गई है। एक तरफ अमेरिका का कहना है कि दो-राष्ट्र समाधान क्षेत्र में स्थायी शांति लाने का एकमात्र संभव तरीका है। वहीं, दूसरी तरफ इस्राइल ने इससे इनकार कर दिया है।

क्या है दो-राष्ट्र समाधान?
दो-राष्ट्र समाधान उन क्षेत्रों में दो देशों– इस्राइल और फलस्तीन– के वजूद की बात करता है जो कभी ब्रिटिश शासन के अधीन फलस्तीन क्षेत्र था। फलस्तीन के शासन क्षेत्र को दो राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव पहली बार 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने दिया था, जब इसने यूएनजीए प्रस्ताव 181 (II) पारित किया था। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावित बंटवारे में, कहा गया था कि ब्रिटिश शासन वाले क्षेत्र को भविष्य में यहूदी राज्य के तौर पर लगभग 55 प्रतिशत भूमि दी जाएगी, जबकि बाकी 45 प्रतिशत अरब राज्य (फलस्तीन) को देने की बात कही गई थी। हालांकि, 1948 में इस्राइल की स्थापना के 75 साल बाद भी इस मुद्दे पर संघर्ष जारी है।

इस्राइल के पास एक मौका
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को कहा कि फलस्तीन देश की स्थापना के बिना गाजा में शांति लाना और इस्राइल की दीर्घकालिक सुरक्षा चुनौतियों को हल करने का कोई तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्राइल के पास फिलहाल एक मौका है, क्योंकि क्षेत्र के देश उसे सुरक्षा आश्वासन देने के लिए तैयार हैं। मिलर ने कहा कि स्थायी सुरक्षा प्रदान करने का कोई तरीका नहीं है। गाजा के पुनर्निर्माण, गाजा में शासन स्थापित करने और फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के बिना गाजा के लिए सुरक्षा प्रदान करने की अल्पकालिक चुनौतियों को हल करने का कोई तरीका नहीं है।

इस्राइली पीएम ये बोले
दरअसल, अमेरिका का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने वाशिंगटन को बताया था कि उन्होंने किसी भी फलस्तीनी राष्ट्र का विरोध किया है जो इस्राइल की सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है।नेतन्याहू ने कहा था, ‘मैं स्पष्ट करता हूं कि भविष्य में किसी भी व्यवस्था में, एक समझौते के साथ या बिना किसी समझौते के, हमारा जॉर्डन नदी के पश्चिम में पूरे क्षेत्र पर सुरक्षा नियंत्रण होना चाहिए। यह एक जरूरी शर्त है। यह संप्रभुता के सिद्धांत से टकराता है, लेकिन आप क्या कर सकते हैं।’

दोनों का ये मत
इस्राइल और उसके सबसे बड़े समर्थक संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंध कुछ डगमगाते दिख रहे हैं। नेतन्याहू और उनकी दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार ने फलस्तीन के लोगों को एक अलग राष्ट्र का दर्जा दिए जाने से मना कर दिया है। भले ही वाशिंगटन का कहना है कि दो-राष्ट्र समाधान इस क्षेत्र में स्थायी शांति लाने का एकमात्र संभव तरीका है।

‘संघीय डिजिटल मुद्रा का नहीं होने देंगे निर्माण’, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का संकल्प

आयोवा कॉकस के मतदान में जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक उत्साहित हैं। अब उनकी निगाहें न्यू हैंपशायर में होने वाले कॉकस चुनाव पर लगी हैं। यहां एक रैली में डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय डिजिटल मुद्रा के निर्माण को रोकने का संकल्प लिया है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता के लिए खतरनाक खतरा बताया।

आपके राष्ट्रपति के रूप में…
न्यू हैंपशायर के पोर्ट्समाउथ में एक रैली में ट्रंप ने कहा, ‘आज रात, मैं अमेरिकियों को सरकारी अत्याचार से बचाने का एक और वादा कर रहा हूं। आपके राष्ट्रपति के रूप में, मैं कभी भी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की अनुमति नहीं दूंगा।’

पैसे पर सरकार का नियंत्रण होगा
उन्होंने आगे कहा, ‘इस तरह की मुद्रा से आपके पैसे पर सरकार का नियंत्रण होगा। वे आपके पैसे ले सकती हैं। आपको इसका पता भी नहीं चलेगा कि पैसे निकल गए। यह स्वतंत्रता के लिए एक बड़ा खतरा होगा।’

नियमित डॉलर की तरह किया जा सकता है इस्तेमाल
एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है। रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय के तहत अमेरिका का फेडरल रिजर्व एक डिजिटल डॉलर जारी करेगा, जिसका उपयोग नियमित डॉलर की तरह ही किया जा सकता है।

न्यू हैंपशायर में ट्रंप पर भारी पड़ सकती हैं हेली
गौरतलब है, न्यू हैंपशायर में 23 जनवरी को मतदान होना है। एक ताजा पोल में दावा किया जा रहा है कि न्यू हैंपशायर में डोनाल्ड ट्रंप और निक्की हेली के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है क्योंकि पोल के अनुसार, दोनों को राज्य में 40-40 फीसदी वोट मिल सकते हैं। न्यू हैंपशायर के गवर्नर क्रिस सुनुनु निक्की हेली का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे में राज्य में ट्रंप को जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने 15 जनवरी को हुए आयोवा कॉकस के चुनाव में जीत दर्ज की थी और उन्हें 51 प्रतिशत वोट मिले थे।

रोन देसांतिस को 21 प्रतिशत और निक्की हेली को 19 प्रतिशत लोगों ने वोट किया था। विवेक रामास्वामी, जो अब राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर हो चुके हैं, उन्हें 7 फीसदी मतों से संतोष करना पड़ा था। हाल के दिनों में निक्की हेली की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। न्यू हैंपशायर में जहां वह ट्रंप पर भारी पड़ सकती हैं, वहीं साउथ कैरोलिना उनका अपना राज्य है, जहां से वह दो बार गवर्नर रह चुकी हैं। यही वजह है कि ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से दावेदारी हासिल करने के लिए निक्की हेली की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। रोन देसांतिस को लेकर कहा जा रहा है कि उनके पास फंड की कमी है और न्यू हैंपशायर में उनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद भी बहुत कम है। ऐसे में वह साउथ कैरोलिना पर फोकस कर रहे हैं।

भारतीय मछुआरों का एक जत्था सुरक्षित भारत पहुंचने के लिए तैयार
श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने बताया कि भारतीय मछुआरों का एक जत्था सुरक्षित भारत पहुंचने के लिए तैयार है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 32 भारतीय मछुआरों का एक समूह कोलंबो से भारत वापस आने के लिए विमान में सवार हो गया है।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन मीट और शराब की दुकानें रहेंगी बंद, गृह विभाग जल्द जारी करेगा आदेश

योगी सरकार ने आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दृष्टिगत प्रदेश में मीट-मछली और शराब की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गृह विभाग इसका जल्द इसका आदेश जारी करेगा। बता दें कि राज्य सरकार ने 22 जनवरी को प्रदेश में शराब की दुकानों को बंद रखने का निर्णय कुछ दिन पहले लिया था। इसके बाद बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस दिन प्रदेश भर में मीट-मछली की दुकानों को भी बंद रखने का निर्देश दे दिए हैं।

सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने 25 जनवरी तक दिया समय, ASI ने किया था आवेदन

ज्ञानवापी से संबंधित वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में शुक्रवार को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन/फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने एएसआई के आवेदन पर ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 25 जनवरी तक का समय दिया है। एएसआई ने एक सप्ताह का समय मांगा था। इस प्रार्थना पत्र पर किसी पक्ष ने विरोध नहीं जताया। इस प्राचीन वाद में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में दाखिल की जानी है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए जिला जज ने भी एएसआई को आदेश भी दिया है।

वहीं, लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने के लिए शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की ओर से दिए गए आवेदन पर भी सुनवाई होनी है। अब इस मुकदमे में सर्वे रिपोर्ट पर सबकी नजर है। वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा कि वहां मंदिर था या नहीं। मंदिर का अस्तित्व कब से है। वहीं,

विपक्षी मसाजिद कमेटी धार्मिक स्थानों को लेकर आजादी के समय जो स्थिति थी, वही रहने देने का कानून लागू होने की बात कह रही है। इस मामले की शीघ्र सुनवाई कर छह माह में निर्णय पारित करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है।
संगठनात्मक शक्तियां आगे आएंगी, तभी न्याय मिल सकेगा

वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि कोर्ट से ज्ञानवापी परिसर को बाबा का मंदिर घोषित करने, उसे हिंदुओं को सौंपने और वर्तमान ढांचा हटाकर उस पर मंदिर बनवाने के लिए वाद दाखिल किया गया है। वाद में सुनवाई पर इतना विलंब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए पॉलिटिकल प्रेशर जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जिस तरह राम मंदिर की लड़ाई में संगठनात्मक शक्तियां आगे आकर न्याय हासिल की। वैसे ही इस मामले में संगठनात्मक शक्तियां आगे आएंगी, तभी न्याय मिल सकेगा। कहा कि अन्य सरकारों ने मामले को हल करने में कोई रुचि नहीं ली, जिसके चलते न्याय नहीं मिल पाया। साथ ही हिंदू पक्ष में भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिनसे जूझना पड़ रहा है। सर्वे रिपोर्ट सामने आने पर अयोध्या की तरह बाबा विश्वनाथ का भी मामला साक्ष्यों के आधार पर निर्णीत हो जाएगा।

गर्दन से सिर तक आठ से 10 वार, प्रेम मंदिर के पास कत्ल की ऐसी वारदात; देखकर दहल गए लोग

मथुरा में वृंदावन थाना क्षेत्र में प्रेम मंदिर के पास एक युवक की नुकीली वस्तु से 8-10 वार कर हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार सुबह प्रेम मंदिर के सामने वन विभाग की जमीन पर बनी कोठरी से शव बरामद किया। युवक की गर्दन से सिर तक का हिस्सा गोदा हुआ था। प्रथम दृष्टया वारदात बीते 24 घंटे में अंजाम देने की बात पता चली है। फिलहाल मृतक की शिनाख्त नहीं हुई है।

इंस्पेक्टर आनंद शाही ने बताया कि पुलिस को सुबह करीब 10 बजे सूचना मिली कि प्रेम मंदिर पार्किंग के सामने वन विभाग की जमीन पर बनी कोठरी में एक युवक का शव पड़ा है। मौके पर पहुंचने पर पाया है कि युवक की गर्दन से लेकर सिर तक का हिस्सा किसी नुकीली वस्तु से गोदा गया है। एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार, सीओ सदर प्रवीण कुमार मलिक मय फॉरेंसिक टीम पहुंचे। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

जेब का कपड़ा बाहर निकला मिला
शव की शिनाख्त के लिए कपड़ों तलाशी के दौरान पता चला कि युवक की पेंट की जेब का कपड़ा बाहर की ओर निकला हुआ था। अंदेशा है कि शिनाख्त न हो सके, इसके लिए हत्यारों ने मृतक की जेब से पहचान संबंधी कागजात व रुपये निकाल लिए हैं। एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार ने बताया कि मृतक की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही वारदात का खुलासा कर दिया जाएगा।

अयोध्या में लें सोलर क्रूज का मजा, सीएम योगी ने उद्घाटन कर किया जल विहार, देखें तस्वीरें

रामनगरी में पर्यटकों के लिए सरयू के जल विहार को सुगम बनाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सोलर क्रूज मारुति का उद्घाटन किया। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने हनुमानगढ़ी और श्री रामलला के पूजन-दर्शन किए। इस दौरान भारी सुरक्षा बल तैनात रहा। सुबह 11:00 बजे रामनगरी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में राम भक्त हनुमान और रामलला के दर्शन किए। इसके बाद दोपहर दो बजे सरयू किनारे कच्चा घाट पहुंचकर सोलर क्रूज मारुति का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने क्रूज की सवारी भी की।

इस दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी उनके साथ क्रूज में बैठे। मुख्यमंत्री को बिठाकर क्रूज कच्चा घाट से नया घाट तक गई।सरयू में जल विहार करने के बाद सीएम ने नाविकों को लाइफ जैकेट वितरित किए। सोलर क्रूज का एक दृश्य। 23 जनवरी से आम लोग भी इस बोट में सवारी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने राम मंदिर परिसर का भी भ्रमण किया और मंदिर निर्माण को लेकर खुशी जाहिर की।

शुक्रवार शाम सात बजे के बाद अस्थाई मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे आम श्रद्धालु

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आज से राम मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा। शुक्रवार शाम सात बजे के बाद लोग अस्थाई राम मंदिर में दर्शन नहीं कर सकेंगे। राम मंदिर 20 से 22 जनवरी तक बंद रहेगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन मौजूद मुख्य अतिथि ही मंदिर में राललला का दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद 23 जनवरी सुबह 7 बजे मंदिर अन्य श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

कंट्रोल रूम सक्रिय किया गया
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी के लिए जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर में निर्वाचन कार्यालय के पास नए भवन में कंट्रोल रूम बनाया है। इसमें प्रभारी के साथ जिले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी लगाए गए हैं। सीडीओ अनीता यादव के नेतृत्व में यहां तैयारियों को लेकर कार्य किया जा रहा है। यहां से जानकारी देने और सूचनाएं प्राप्त करने का काम किया जा रहा है।

अलग-अलग जिले से पहुंची जवानों की टुकड़ी
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए बृहस्पतिवार को जवानों की आखिरी टुकड़ी भी पहुंच गई। इनमें प्रदेश के विभिन्न जिलों की पुलिस के अलावा, आरआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, पीएसी आदि जवान शामिल हैं। अधिकारियों ने इन्हें कर्तव्यबोध कराते हुए तैनाती स्थल के लिए रवाना किया।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर विभिन्न जिलों से लगभग 10,000 से अधिक जवानों को बुलाया गया है। इनमें 100 से अधिक डीएसपी, 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षक, वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 निरीक्षक आदि शामिल हैं। अर्द्धसैनिक बलों की चार कंपनी आरआरएफ, दो कंपनी एसएसबी, एक कंपनी आईटीबीपी व 26 कंपनी पीएसी के जवान भी पहुंचे हैं।

‘राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर न फेंके’, गृह मंत्रालय का राज्यों से ध्वज संहिता का पालन कराने का अनुरोध

गणतंत्र दिवस को लेकर पूरे देश में देशभक्ति का माहौल देखा जा सकता है। अभी से सड़क किनारे, बाजारों में भारतीय ध्वज शान से लहराते दिख रहे हैं। ऐसे में, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सहित भारत सरकार के मंत्रालयों से भारतीय ध्वज संहिता का सख्ती से पालन कराने का अनुरोध किया है। मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि देश में विभिन्न आयोजनों पर जनता द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं। ऐसे में कार्यक्रम के बाद इन्हें जमीन पर न फेंका जाए। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के झंडों को निजी तौर पर ध्वज की गरिमा के अनुरूप निपटाया जाना चाहिए। सभी सरकारी कार्यालयों से तिरंगे के सम्मान के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने का भी अनुरोध किया है।

मंत्रालय ने पत्र में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए इसे सम्मान देना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सार्वभौमिक स्नेह, सम्मान और वफादारी है। मंत्रालय ने कहा फिर भी राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर लागू होने वाले कानूनों, प्रथाओं और परंपराओं के संबंध में लोगों के साथ-साथ सरकार के संगठनों/एजेंसियों के बीच अक्सर जागरूकता की कमी देखी जाती है। इसलिए लोगों को राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता लानी चाहिए। इसके लिए सभी राज्यों को कदम उठाने चाहिए।

राहुल गांधी की सांसदी बहाली के खिलाफ दायर याचिका खारिज, कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगाया

राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल याचिका में 7 अगस्त 2023 को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए उस नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की थी, जिसके जरिए राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल की गई थी।

याचिका में दिए गए थे ये तर्क
याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई। राहुल गांधी को अभी तक आरोपों से बरी नहीं किया गया है। ऐसे में उनकी संसद सदस्यता बहाल करने वाले नोटिफिकेशन को खारिज किया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि ऐसी याचिका दायर होने से ना सिर्फ अदालत बल्कि रजिस्ट्री विभाग का भी कीमती समय बर्बाद होता है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

मानहानि मामले में गई थी राहुल गांधी की संसद सदस्यता
दरअसल मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के चलते राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में गुजरात की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई। सजा के चलते राहुल गांधी को संसद सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। इसके खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने का नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी थी। लोकसभा सचिवालय के इसी नोटिफिकेशन के खिलाफ लखनऊ के वकील अशोक पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की याचिकाएं पहले भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई हैं और उनके लिए भी कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपये और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।