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10 से अधिक राज्यों में तीन दिन बारिश के आसार; 400 उड़ानें प्रभावित,100 ट्रेनें भी लेट

उत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी धूप के बावजूद शीतलहर के कारण ठंड में कमी नहीं आई। घने कोहरे की वजह से दिल्ली में 400 से अधिक घरेलू, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें व 100 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं। 68 उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि मार्ग बदलकर चार उड़ानों को जयपुर व एक को अहमदाबाद भेजा गया।

अगले तीन दिन चलेगी शीतलहर
मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अगले तीन दिन शीतलहर चलेगी। एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को 16 जनवरी को प्रभावित कर सकता है। इसके असर से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख में 16-17 जनवरी व उत्तराखंड में 17-18 जनवरी को कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पूर्वोत्तर के राज्यों में भी कुछ जगह बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल व सिक्किम के ज्यादातर क्षेत्रों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। दिल्ली में लगातार चौथे दिन पारा गिरकर 3.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं, पंजाब के नवांशहर में न्यूनतम तापमान माइनस 0.2 डिग्री, हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कश्मीर में बर्फ का सूखा
जनवरी में बर्फ से लकदक रहने वाला कश्मीर नए साल के 15 दिन बीत जाने के बाद भी सूखा है। चिल्ल-ए-कलां (अत्यधिक ठंड) के बीस दिन गुजरने के बाद भी घाटी में बर्फबारी नहीं हुई।

दिल्ली में सोमवार की सुबह सबसे ठंडी
उत्तर-पश्चिम दिशाओं से चल रही ठंडी हवाओं से सुबह गलन महसूस हुई। सोमवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम रहा। यह इस सीजन का सबसे ठंडी सुबह रही। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम है। रविवार के मुकाबले 0.2 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

विमान की रफ्तार को कुहासे ने थाम तो ट्रेन के पहिए पर लगाया ब्रेक
वहीं, कोहरे की वजह से उड़ानों की जानकारी नहीं मिलने से यात्री परेशान रहे। नाराज यात्री सुरक्षा कर्मियों और एयरपोर्ट प्रशासन से भी उलझ रहे है। साथ ही विमानन कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे है। विमान में बैठने के बाद उड़ान नहीं भरने की स्थिति में क्रू मेंबर से भी झगड़ पड़ रहे है। मिलान जाने वाले एक यात्री सुधीर चड्ढा ने बताया कि विमान संख्या एयू 137 एयर इंडिया की फ्लाइट रविवार दो बजे के लिए निर्धारित थी। लेकिन शाम छह बजे तक विमान की स्थिति का पता नहीं था। बाद में यह कहा गया कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई है।

आज का राशिफल; 16 जनवरी 2024

मेष राशि:
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आपको लेनदेन से संबंधित मामलों में पूरी निगरानी बनाए रखनी होगी और आप किसी काम को लेकर कुछ नयी योजनाएं बना सकते हैं। आप लोगों के साथ सहजता बनाए रखें। विदेश में रह रहे परिजन से कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है। आप अपने कामों में समझदारी से आगे बढ़ें।आप यदि किसी यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे थे, तो उसमें थोड़ा सावधानी बरतें। वाहन की अचानक खराबी के कारण आपका धन खर्चा बढ़ सकता है। कुछ सरकारी योजनाओं का आपको पूरा लाभ मिलेगा।
वृष राशिः
आज का दिन आपके लिए कार्यक्षेत्र में कोई बड़ी उपलब्धि लेकर आने वाला है। आप अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहेंगे, लेकिन आप यदि कोई लेनदेन करेंगे, तो वह आपके लिए अच्छा रहेगा। व्यापार कर रहे लोग यदि मंदी को लेकर परेशान चल रहे थे, तो उसमें तेजी आएगी। आपकी योजनाएं सफल रहेंगी। नौकरी में प्रमोशन मिलने से आप प्रसन्न रहेंगे। आपका आकर्षण देखकर आपके कुछ नए मित्र भी बन सकते हैं। जो जातक राजनीति में हाथ आजमाना चाहते हैं, उन्हें किसी अच्छे पद की प्राप्ति हो सकती है। आप जीवनसाथी के लिए आप कोई उपहार लेकर आ सकते हैं।
मिथुन राशि :
आज का दिन आपके लिए विशेष रूप से फलदायक रहने वाला है। आपको पैतृक संपत्ति संबंधित मामलों में सावधान रहने की आवश्यकता है। आप सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे, जिससे आपकी साख चारों ओर फैलेगी। रक्त संबंधी रिश्तों में मजबूती आएगी। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। कुछ कानूनी मामलों में आप अपनी आंखों व कान खुले रखें। आपको अपने आसपास रह रहे शत्रुओं को पहचानने की आवश्यकता है। आपका कोई पुराना लेनदेन आपके लिए सिर दर्द बन सकता है। आप सभी पर विश्वास बनाए रखें।
कर्क राशि:
आज का दिन आपके लिए पद व प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला रहेगा। आपको अपनी सोच में सकारात्मकता बनाए रखनी होगी। आपकी धार्मिक कार्य के प्रति आस्था और विश्वास बढ़ेगा। आपको छोटों की गलतियों को बड़प्पन दिखाते हुए माफ करना होगा। व्यवसाय की विभिन्न योजनाओं में आप अच्छा धन लगाएंगे। संतान यदि किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे, तो उसमे आपको जीत अवश्य मिलेगी। आपका कोई काम यदि लंबे समय से अटक रहा था, तो वह पूरा हो सकता है। आप बिजनेस के किसी काम को लेकर लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं, जो आपके लिए लाभदायक रहेगी।
सिंह राशि:
आज का दिन आपके लिए सेहत के लिहाज से कमजोर रहने वाला है, इसलिए आप कोई भी समस्या होने पर डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें। सरकारी नौकरी में कार्यरत लोगों को प्रमोशन मिल सकता है। आप किसी मुश्किल काम में उसके नीति नियमों का पूरा ध्यान दें। आपको अपने किसी परिजन की सलाह का चलना बेहतर रहेगा। आपको विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता है। आपको कोई पुराना मित्र आपसे लंबे समय बाद मेल मुलाकात करने आ सकता है। कार्यक्षेत्र में किसी बात को लेकर आपका कोई लड़ाई झगड़ा उत्पन्न हो सकता है, जिससे आपको बचना होगा। माता-पिता को आप किसी धार्मिक यात्रा पर लेकर जा सकते हैं।
कन्या राशि:
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। स्थायित्व की भावना को बल मिलेगा और व्यापार में अच्छा लाभ मिलने से आप प्रसन्न रहेंगे। आपको संतान की लिए संगति की ओर विशेष ध्यान देना होगा। आपको यदि किसी नए काम की शुरुआत करने का मौका मिले, तो अवश्य करें। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई लंबे समय से रुका हुआ काम पूरा होगा। नौकरी के साथ-साथ यदि आप किसी काम को करने का प्रयास कर रहे थे, तो उसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी।
तुला राशिः
आज का दिन आपके लिए किसी बजट को बनाए रखने के लिए रहेगा। आप किसी से लेनदेन बहुत ही सावधानी से करें। आपको नौकरी के साथ किसी दूसरे काम का प्रस्ताव भी आ सकता है। आपको अपने लेनदेन में स्पष्टता बनाए रखनी होगी। आप किसी बात को लेकर तर्क वितर्क में ना पड़ें। आप अपने कामों को पूरा करने में अपनी मेहनत में कोई कसर ना छोड़ें। आपको किसी सामाजिक काम से जुड़ने का मौका मिलेगा। व्यवसाय में कामों पर आप पूरा जोर देंगे। यदि आपने किसी काम को पूरा करने का सोचा है, तो उसे पूरा करके ही दम लेंगे।
वृश्चिक राशिः
आज का दिन आपके लिए कुछ उलझन लेकर आएगा। कला कौशल में सुधार लेकर आएगा। प्रतिस्पर्धा की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आप कुछ योजना को लेकर काम करेंगे। आप अपने व्यवहार से अपने चारों ओर के लोगों को प्रसन्न रखेंगे। आप अपने कामों को तेजी से पूरा करें नहीं तो समस्या हो सकती है। आपके कुछ विरोधियों से आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। सरकारी नौकरी के प्रयासों में लगे लोगों को अपनी मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़नी है। आप मनोबल से अपने सभी कामों को पूरा करेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा में आ रहे ही समस्याओं को लेकर अपने गुरुजनों से बातचीत करनी होगी।
धनु राशिः
आज का दिन आपके लिए बुद्धि व विवेक से काम लेने के लिए रहेगा। आपको किसी मकान, दुकान, वाहन आदि की खरीदारी करना अच्छा रहेगा। आप किसी काम को लेकर जल्दबाजी ना दिखाएं नहीं तो समस्या खड़ी हो सकती है। वरिष्ठ सदस्यों की सलाह आपके खूब काम आएगी। आप कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अपने व्यवहार में मधुरता बनाए रखें। किसी वाद विवाद से दूर रहने की आवश्यकता है, नहीं तो वह कानूनी हो सकता है। आपकी भौतिक वस्तुओं में वृद्धि होगी। आपको किसी सामाजिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने का मौका मिल सकता है।
मकर राशिः
आज का दिन आपके लिए साहस व पराक्रम में वृद्धि लेकर आने वाला है। बड़ों का सहयोग आप व्यापार बना रहेगा। आपकी कुछ प्रभावशाली लोगों से मुलाकात होगी। सहकारिता की भावना आपके मन में बनी रहेगी। आप अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेंगे, तभी आप उसे पूरा कर पाएंगे। आपको संतान की ओर से कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती है। भाईचारे की भावना आपके मन में बनी रहेगी। रक्तसंबंधी रिश्तों पर पूरा जोर रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको प्रमोशन मिलने की बातचीत चल सकती है। आप कोई गलती करने से बचें।
कुंभ राशिः
आज का दिन आनंदमय रहने वाला है। आपको नकारात्मक सोच से दूर रहने की आवश्यकता है। आप परिवार के सदस्यों के साथ आप किसी सामाजिक कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते है। परिवार में यदि आपको कोई सलाह दें, तो आप उसे पर अमल अवश्य करें। आप किसी सरकारी योजना में धन लगाने से पहले उसके नीति व नियमों पर पूरा ध्यान दें। बैंकिंग क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की आय में वृद्धि होगी। आपको अपने निजी मामलों को घर में रहकर ही सुलझाना बेहतर रहेगा, नहीं तो कोई बाहरी व्यक्ति उसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते है। संतान की किसी परीक्षा के परिणाम आने से माहौल खुशनुमा रहेगा।
मीन राशिः
आज का दिन आपके लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। आप अपने करीबियों का भरोसा आसानी से जीत पाएंगे। कार्यक्षेत्र में यदि आपको कोई जिम्मेदारी दी जाएगी, तो आप उस पर खरे उतरेंगे। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। रचनात्मक गतिविधियो में आपकी रुचि रहेगी। सबका साथ व सहयोग आप पर बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आप अपनी सोच में सकारात्मक बनाए रखें। आपको यदि कोई शुभ सूचना सुनने को मिले, तो आप उसे किसी से साझा ना करें, नहीं तो आपकी यह बात लोगों को बुरी लग सकती है।

इस छोटे से देश ने ताइवान को दिया बड़ा झटका, ताइपे से संबंध तोड़ करेगा चीन से दोस्ती

नाउरू ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि वह ताइवान का साथ छोड़कर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब स्वशासित ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख समेत कई मामलों पर चीन एवं अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है। छोटे प्रशांत द्वीप राष्ट्र की सरकार ने सोमवार को कहा कि देश और उसके लोगों के हित में वह चीन के साथ राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली की मांग कर रही है।

कोई आधिकारिक संबंध नहीं कर सकेगा स्थापित
नाउरू के इस फैसले का मतलब होगा कि वह अब ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं देगा। बल्कि चीन के एक अविभाज्य हिस्से के रूप में इसे जानेगा। इसके अलावा, वह ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों को पूरी तरह से तोड़ देगा और अब ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करेगा।

केवल 12 देशों की मान्यता
वही, नाउरू के इस कदम के बाद ताइवान के पास ग्वाटेमाला, पराग्वे, इस्वातिनी, पलाऊ और मार्शल द्वीप समेत केवल 12 देशों की मान्यता रह जाएगी।

मुट्ठी भर देशों पर छींटाकशी जारी रखेगा चीन
चीन हमेशा दावा करता है कि ताइवान उसका है। इसी को लेकर विवाद जारी है। चुनाव से पहले ताइवान के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा था कि चीन उन मुट्ठी भर देशों पर छींटाकशी जारी रख सकता है, जिनके ताइपे के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं। बता दें, ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लाई चिंग-ते ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया और वह 20 मई को पदभार ग्रहण करेंगे। चुनाव से पहले चीन ने लाई को खतरनाक अलगाववादी कहा था।

पिछले साल होंडुरास ने छोड़ा था ताइवान का साथ
इससे पहले, पिछले साल मार्च में होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे। होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा ऐसे समय में की गई थी।होंडुरास ने कहा था, ‘ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है और होंडुरास सरकार ने राजनयिक संबंधों को समाप्त करने के बारे में ताइवान को सूचित किया है। उसने ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करने का संकल्प लिया।’ ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने बताया था कि ताइवान ने ‘अपनी संप्रभुता एवं गरिमा की रक्षा’ के लिए होंडुरास के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर लिया है। दोनों पक्षों के बीच संबंध 80 वर्ष से अधिक समय तक रहे।

‘मालदीव की संप्रभुता को चीन का पूरा समर्थन’; राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलकर लौटे मुइज्जू ने जताया भरोसा

मालदीव में दो महीने पहले नई सरकार बनने के बाद चीन के साथ इसकी करीबी बढ़ रही है। चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक कर लौटे राष्ट्रपति मुइज्जू ने भरोसा जताया है कि आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मुइज्जू का बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि राजनयिक विवाद के कारण मालदीव और भारत के रिश्ते कड़वे हो चुके हैं।

राष्ट्रपति बनने के बाद पहली राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे मुइज्जू ने चीनी समकक्ष जिनपिंग के अलावा वहां के प्रधानमंत्री समेत कई शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। यात्रा के दौरान डेढ़ दर्जन से अधिक समझौतों पर साइन करने के बाद बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा, चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में निरंतर सहायता की है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले गई है।

उन्होंने कहा कि चीन ऐसा देश नहीं है जो मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा, यही कारण है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं। चीन के सरकारी चैनल- सीजीटीएन के साथ एक साक्षात्कार में मुइज्जू ने कहा, मालदीव और चीन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि चीन-मालदीव संबंध भविष्य में भी मजबूत होते रहेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग नागरिकों के हित को पहले रखते हैं और उनके नेतृत्व में चीन की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंची है।

राष्ट्रपति मुइज्जू के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि चीनी सरकार मालदीव को उसके लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जिनपिंग के साथ-साथ खुद उनके दृष्टिकोण में मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रगति लाना शामिल है। बकौल मुइज्जू, वह मालदीव को एक ऐसे देश में बदलना चाहते हैं जो उनके दृष्टिकोण के ढांचे के भीतर अन्य विकसित देशों के साथ सद्भाव बरकरार रखते हुए रिश्ते कायम करे।

गौरतलब है कि मुइज्जू ने चीन दौरे से लौटने के बाद भी भारत का नाम लिए बिना तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भले ही मालदीव काफी छोटा देश है, लेकिन केवल इस आधार पर किसी देश को उसे धमकाने या उस पर धौंस दिखाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता। इस बयान को चीन से उनकी करीबी और भारत के खिलाफ उग्र तेवरों के तौर पर देखा गया।

कार रेस के दौरान सिख महिला की टक्कर लगने से हुई थी मौत, भारतीय मूल के युवक को छह साल की जेल

रोडरेज मामले में ब्रिटेन में 80 साल की सिख महिला की हत्या के आरोप में भारतीय मूल के एक व्यक्ति समेत दो लोगों को जेल की सजा सुनाई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुद्वारे से घर जा रही महिला को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी थी। नवंबर 2022 को वेस्ट मिडलैंड्स काउंटी के राउली रेजिस में ओल्डबरी रोड पर यह हादसा हुआ था।

कार रेस ने पहुंचाया जेल आरोपियों को जेल में
मामले पर स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आरोपी अर्जुन दोसांझ और अन्य आरोपी जेसेक वियात्रोव्स्की एक-दूसरे को पहल से नहीं जानते थे, लेकिन घटना से पहले ट्रैफिक लाइट पर रुकने के दौरान दोनों ने रेस लगाने का फैसला किया था। पुलिस ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज में देखने पर लगता है कि दोनों कारों की रफ्तार तय सीमा से ज्यादा थी।

सीसीटीवी फुटेज ने जरिए पकड़े गए आरोपी
वीडियो फुटेज के मुताबिक, आरोपी वियात्रोव्स्की ने सड़क पार कर रही महिला को देखकर ब्रेक लगा दी थी, जिससे वह उसकी गाड़ी से टकराने से बच गई थी। लेकिन रेस लगा रहे दोसांझ ने अपनी गाड़ी को दूसरी दिशा में मोड़ दिया। उस दौरान वियात्रोस्की की गाड़ी को बचाने के चक्कर में उसने 81 वर्षीय सिख महिला को टक्कर मार दी थी। वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस के क्रिस रिज ने कहा कि दोनों आरोपी एक-दूसरे को नहीं जानते थे, लेकिन गाड़ियों की रेस की चक्कर के कारण बुर्जुग महिला को अपनी जान से हाथ गवांना पड़ा। गौरतलब है कि दोनों आरोपियों ने तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने के अपने आरोपों को स्वीकार किया है।

दोनों आरोपियों को छह साल की कैद
रिपोर्ट में कहा गया कि वॉल्वरहैम्प्टन क्राउन कोर्ट ने दोनों आरोपियों को छह साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों दोषियों पर आठ साल के लिए गाड़ी चलाने पर रोक लगा दी हैं। अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार ने कहा कि हमारी मां साधारण जीवन जीने में विश्वास रखती थी, हादसे के दिन वह गुरुद्वारे से घर जा रही है, वह एक धार्मिक महिला थी। हमारे लिए इस दुखद घटना से उभरना किसी चुनौती से कम नहीं था।

ईरानी शहरी विकास मंत्री से जयशंकर ने की मुलाकात, चाबहार बंदरगाह से जुड़े मुद्दों पर हुई बातचीत

तेहरान दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने ईरान के शहरी विकास मंत्री के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर मजबूती पर चर्चा की गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर दोनों पक्षों के बीच चल रही उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने ईरान गए हैं।

दौरे से जुड़ा पोस्ट सोशल मीडिया पर किया साझा
सोशल मीडिया पोस्ट पर पोस्ट साझा करते हुए जयशंकर ने कहा कि ईरान के शहरी विकास मंत्री के साथ मेरी बैठक हुई। इस दौरान चाबहार बंदरगाह के जुड़े संबंधों को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे(आईएनएसटीसी) भी बैठक का मुद्दा रहा। बता दें आईएनएसटीसी एक परिवहन मार्ग है, जो हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को ईरान के जरिए से कैस्पियन सागर और रूस में सेंट पीटर्सबर्ग से उत्तरी यूरोप तक जोड़ता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर का ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से भी मिलने का कार्यक्रम है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की संभावनाएं हैं।

ईरान-भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में ईरानी राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रायसी के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने कनेक्टिविटी हब के तौर पर चाबहार बंदरगाह की मजबूती के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। ईरान में स्थित चाबहार बंदरगाह भारत के लिए व्यापार के लिए अहम है। चाबहार बंदरगाह के जरिए ईरान, अफगानिस्तान और मध्य एशिया के बीच व्यापार किया जाता है।

दारुल उलूम में अनुपम पल की गवाह बनेगी उर्दू की रामायण, रामचरित मानस का भी अध्ययन करते हैं छात्र

अयोध्या में पांच सौ वर्ष बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 21वीं सदी में 22 जनवरी इस अनुपम पल की गवाह बनेगी। जिसके लिए पूरे देश त्योहारी बना हुआ है। वहीं, एशिया के सबसे बड़े इस्लामिक मदरसे दारुल उलूम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित हिंदू ग्रंथ रामायण को संग्रहीत कर रखा गया है। जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। खास बात है कि यह रामायण उर्दू भाषा में है। इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम के पुस्तकालय में हिंदू ग्रंथ रामायण बेहद संभाल कर रखी गई है। दारुल उलूम के छात्र इसका अध्ययन भी करते हैं।

पुस्तकालय के इंचार्ज मौलाना शफीक ने बताया कि श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसका उर्दू अनुवाद 1321 पेज में सन 1921 में महर्षि स्वामी शिव बरत लाल जी बर्मन (एमए) ने किया था। इसे जेएस संत सिंह एंड संस ने लुहारी दरवाजा लाहौर से प्रकाशित किया था, जबकि महर्षि वाल्मिकी द्वारा रचित आदि काव्य रामायण का 272 पेज में उर्दू अनुवाद सन 1949 में कीर्तन कलानिधि बानी भूषण नाटिया आचार्य महा कवि श्री शिव नारायण तसकीन ने किया था। मौलाना शफीक ने बताया रामायण वाल्मिकी के उर्दू अनुवाद का प्रकाशन गेलाराम एंड संस द्वारा दिल्ली से किया गया गया था। यह इसका द्वितीय संस्करण है।

धर्म ग्रंथों को केमिकल लगाकर किया गया है संग्रहीत
दारुल उलूम के पुस्तकालय के शोकेस में तुलसीदास रामायण और वाल्मिकी रामायण को बहुत ही संभाल कर रखा गया है। अधिक पुरानी होने के कारण दोनों रामायण के पन्ने बेहद कमजोर पड़ चुके हैं और इनका रंग तक बदल चुका है। खराब न हो इसलिए इन्हें केमिकल लगाकर संग्रहीत किया गया है।

ऐतिहासिक जखीरा, सुरक्षा भी ऐसी
दोनों रामायण की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की इन्हें शोकेस से बाहर निकालकर देखने के लिए संस्था के किसी बड़े जिम्मेदार की लिखित अनुमति लेना जरूरी है। उसके बिना इन धर्म ग्रन्थों को केवल दूर से ही निहारा जा सकता है।

रोजाना 18 घंटे काम करके सात महीने में गढ़ी प्रतिमा, जानिए मूर्ति की 9 खास विशेषताएं

कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति रामलला के दरबार में विराजेगी। अरुण रोजाना 18 घंटे काम करते थे, करीब सात महीने में उन्होंने रामलला की अचल मूर्ति गढ़ी है। रोजाना काम शुरू करने से पहले राम जी की आरती-पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ करते थे। 15-15 दिन तक परिवार से बात नहीं करते थे। सात महीने के कठिन परिश्रम ने अरुण योगीराज का मान आज पूरे विश्व में बढ़ा दिया है। अरुण योगीराज मूलत: कर्नाटक के मैसूर से हैं। उनके परिवार में एक से बढ़कर एक मूर्तिकार रहे हैं। उनकी पांच पीढि़यां मूर्ति बनाने या तराशने का काम कर रही हैं। अरुण योगीराज के दादा बसवन्ना शिल्पी भी जाने-माने मूर्तिकार थे। उन्हें मैसूर के राजा का संरक्षण हासिल था।अरुण को बचपन से ही मूर्ति बनाने का शौक था। अरुण ने एमबीए किया है। इसके बाद वो एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे, लेकिन मूर्तिकला को नहीं भूल पाए। आखिरकार साल 2008 में जॉब छोड़कर उन्होंने मूर्तिकला में कॅरियर बनाने का रिस्क लिया। उनका रिस्क सफल रहा। वे देश के जाने माने मूर्तिकार बन गए।

चयनित मूर्ति की 9 विशेषताएं
-श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है।
-चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
-पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है।
-चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है।
-मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा।
-श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।
-मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है।
-कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा।
-मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।

पहले ये मूर्तियां बना चुके हैं योगीराज
-केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा
-मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा
-मैसूर के राजा की 14़ 5 फीट ऊंची सफेद अमृत शिला प्रतिमा
-मैसूर के चुंचनकट्टे में हनुमान जी की 21 फीट ऊंची प्रतिमा
-संविधान निर्माता डॉ़ बीआर आंबेडकर की 15 फीट ऊंची प्रतिमा

आम लोगों के दर्शन, प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा…हर सवाल का मिला जवाब

अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर है। कल से पूजा विधि प्रारंभ हो जाएगी जो 21 जनवरी तक चलेगी। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को पत्रकार वार्ता कर समारोह की तैयारियों और कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्भगृह में मौजूद रहेंगे। आइए जानते हैं पत्रकार वार्ता जुड़ी दस बड़ी बातें।

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मनोभाव प्रकट करेंगे। इस कार्य में संभवतः 65 से 75 मिनट का समय लगेगा। मानसरोवर, अमरनाथ, गंगोत्री, हरिद्वार, प्रयागराज का संगम तट, नर्मदा, गोदावरी, नासिक, गोकर्ण (कर्नाटक) अनेक स्थानों का जल आया है। इसके अलावा तमाम लोग अपने-अपने स्थानों का जल और रज (मिट्टी) यहां ला रहे हैं।

2. दक्षिणी नेपाल से एक हजार टोकरियों में भेंट आई है, जिसमें फल, अनाज, फल, मेवे, वस्त्र और सोना-चांदी आदि आया हुआ है। माता जानकी का जन्म स्थान है वहां से लोग आए हैं, भगवान श्रीराम की ननिहाल छत्तीसगढ़ है, वहां से भी भेंट आई हुई है। एक साधू बैलगाड़ी में घी लेकर जोधपुर से आए। ऐसे तमाम लोग श्रद्धापूर्वक अपने आराध्य के लिए भेंट लेकर आ रहे हैं और यह सिलसिला जारी है।

3. 20 जनवरी से 21 जनवरी तक रामलला के दर्शन बंद रहेंगे, फिलहाल अभी इस पर विचार चल रहा है। मंदिर के आचार्य और पुजारी ही अंदर मौजूद रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को लेकर कोई असुविधा न हो।

5. प्रधानमंत्री के निवेदन को दोहराते हुए चंपत राय बोले कि 22 जनवरी को समाज के लोग अपने-अपने मंदिरों की सफाई करें। मंदिर छोटा हो या बड़ा दोनों ही भगवान के घर हैं, इसलिए सभी में पूजन-भजन हो। टेलीविजन या एलईडी स्क्रीन लगाकर खुद और अपने-अपने आसपास के लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दिखाएं।

4. चंपत राय ने समाज के लोगों से अपील की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद लोग शंख बजाएं, शंख की ध्वनि शुभ ध्वनि है। साथ ही प्रसाद वितरण करें, प्रसाद क्या बंटा, इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोगों तक प्रसाद पहुंचे। हमारे आयोजन मंदिर केंद्रित होने चाहिए। सूर्य अस्त होने के बाद अपने घरों के मुख्य द्वार पर पांच दीये जलाएं।

5. चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भारतीय परंपरा के सभी तरह के वाद्ययंत्र जैसे, उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्य प्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावण हत्ता, बंगाल का श्रीखोल, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलानाडु का नागेशर, मृदंग, और उत्तराखंड का हुड़का का वादन होगा। बस मंत्रोच्चार और विशिष्ट जनों के मनोभाव प्रकट करने के दौरान इन वाद्ययंत्रों का वादन नहीं होगा।

6. चंपत राय मंदिर परिसर की विशेष साज-सज्जा होगी। प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो जाने के बाद दोपहर ढाई बजे के बाद संत, महापुरुष और आमंत्रित गण दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करेंगे। आमंत्रित लोगों को प्रातः 10 और साढ़े 10 बजे मंदिर में प्रवेश करना होगा और वापस जाने में शाम को पांच या छह भी बज सकते हैं। मंदिर में आने वाले आमंत्रित लोगों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था रहेगी। 22 तारीख को 25 से अधिका चार्टड प्लेन आने की संभावना है।

7. चंपत राय ने कहा कि 18, 19 और 20 को जोड़ लें तो हेलीकॉप्टर से आने वालों की संख्या 100 हो सकती है। महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे के अधिकारियों से इस संबंध में निवेदन किया गया है, और उन्होंने अच्छी से अच्छी सुविधा देने का आश्वासन दिया है। 26 तारीख से विहिप, आरएसएस की तिथियां निर्धारित की गई हैं और ये कार्यकर्ता उन्हीं तिथियों के हिसाब से आएंगे। सामान्यतः प्रतिदिन साढ़े चार हजार से पांच हजार तक कार्यकर्ता एक दिन रुकेंगे और उनसे वापस जाने का निवेदन किया जाएगा। यह योजना फरवरी के अंत तक ही चलेगी।

8. चंपत राय ने कहा कि 23 या 24 फरवरी तक इसके पूरा होने की संभावना है। जिन लोगों को निमंत्रित किया गया है उनके ठहरने के लिए कारसेवकपुरम, मणिरामदास छावनी का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और मणि पर्वत के बगल में तीर्थक्षेत्रपुरम में व्यवस्था की गई है। कुछ आश्रमों, धर्मशालाओं और व्यक्तिगत होमस्टे, होटल में भी कमरे लिए गए हैं।

9. ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि हॉगकॉग से एक टीम आ रही है, अमेरिका से भी एक टोली आ रही है। हमने पचास देशों से एक-एक व्यक्ति का चयन करने का निवेदन किया था। एक देश, एक प्रतिनिधि के तौर पर संगठन के लोग आ रहे हैं। ऐसे पचास देशों के 53 लोग आ रहे हैं। प्रयास रहेगा कि जो व्यक्ति आ रहा है वह उसी दिन दर्शन कर अपने गतंव्य की ओर जा सके। सर्दी को देखते यह प्रयास हो रहा है।
23 जनवरी से ही आमजन कर सकेंगे दर्शन

10. चंपत राय ने बताया कि 22 जनवरी को सभी गृहस्थों और संतों के दर्शन के बाद पत्रकारों को कैमरों के साथ दर्शन की व्यवस्था पर काम हो रहा है। शायद उत्तर भारत में अभी तक सौ-दो सौ सालों में इतना बड़ा स्टोन स्ट्रक्चर कोई नहीं बना होगा। स्वतंत्र भारत में अभी तक ऐसा आयोजन नहीं हुआ होगा, जिसमें नामों का चयन करके संतों और समाज को आमंत्रित किया गया होगा। कोई विद्या छूट नहीं, ऐसे शीर्ष पुरुष एक साथ होंगे। साथ ही सवालों के जवाब के दौरान उन्होंने कहा कि 22 जनवरी की तारीख के बाद 23 जनवरी से सभी लोग रामलला के दर्शन कर सकेंगे।

‘कांग्रेस का मकसद मणिपुर में शांति-सौहार्द बहाल करना’; यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी

कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी मणिपुर के सेनापति इलाके में पहुंचे। राहुल ने कहा कि कांग्रेस के इस दौरे का मकसद मणिपुर में शांति और सौहार्द वापस लौटाना है। उन्होंने कहा लगभग सात महीने पहले मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई जातीय हिंसा के कारण प्रदेश की जनता संघर्ष कर रही है। बकौल राहुल गांधी, कांग्रेस नेताओं ने पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की। इसका मकसद भारत के लोगों को एक साथ लाना है।

राहुल गांधी कई और कांग्रेस नेताओं के साथ यात्रा के लिए खास तौर पर तैयार कराई गई बस से सफर कर रहे हैं। रविवार शाम यात्रा की शुरुआत के बाद दूसरे दिन उन्होंने कुछ दूरी तक पैदल यात्रा की। इस दौरान राहुल स्थानीय लोगों से मिले और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। कांग्रेस नेताओं की बस जब व्यस्त इलाकों से गुजर रही थी तो यात्रा मार्ग पर कई लोगों को कतार में खड़े देखा गया। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। स्थानीय लोगों ने राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस का भी जयकारा लगाया।

मणिपुर से यात्रा शुरू करने के मकसद पर राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस पूर्व से पश्चिम तक यात्रा करना चाहती थी। पार्टी ने फैसला लिया कि मणिपुर से यात्रा की शुरुआत करने पर बेहद शक्तिशाली संदेश जाएगा। भारत के दूसरे राज्यों में भी लोगों को पता चलना चाहिए कि मणिपुर के लोग किस कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लोगों को मणिपुर की जनता के संघर्ष के बारे में पता लगना चाहिए। राहुल के मुताबिक पिछले साल बेहद सफल रही- भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस ने लगभग चार हजार किलोमीटर की पदयात्रा की।

उन्होंने कहा कि मणिपुर की जनता ने त्रासदी का सामना किया है। स्थानीय जनता से मुखातिब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘आपने परिवार के सदस्यों को खोया है। संपत्ति का भी बड़ा नुकसान हुआ है। मैं चाहता हूं कि आपको कांग्रेस पार्टी के रूख और समर्थन का एहसास हो। हम पूरी तरह से आपके साथ खड़े हैं, हम मणिपुर में शांति वापस लाना चाहते हैं। हम मणिपुर के लोगों के बीच फिर से सामंजस्यपूर्ण माहौल लाना चाहते हैं। बकौल राहुल, वे राज्य के प्रतिनिधिमंडल से बात कर रहे हैं। उन्हें उन मुद्दों और चुनौतियों के बारे में बता रहे हैं जिनका मणिपुर के लोग सामना कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि मणिपुर में जल्द से जल्द शांति लौटने की पूरी उम्मीद है।