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अब संगीत की धुनें पूरी तरह स्वदेशी; विजय चौक के बीटिंग रिट्रीट पर रक्षा मंत्रालय ने कही यह बात

भारत के गणतंत्र बनने का जश्न इस बार 75वें साल भी धूमधाम से मनाया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्य राजकीय समारोह के दौरान बजने वाला संगीत इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का मुख्य आकर्षण होगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह 26 जनवरी की परेड से तीन दिन बाद होता है। सरकार के मुताबिक इस साल के बीटिंग रिट्रीट समारोह में संगीत की धुनें रोमांचिक करेंगी। खास बात ये कि सभी धुनें स्वदेशी ही होंगी। यानी भारत में कंपोज म्यूजिक और सैनिकों की देशभक्ति का रंग सिर चढ़कर बोलेगा।

75वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय संगीत की धुनें
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर भव्य परेड और झांकियों का प्रदर्शन होगा। सरकार के मुताबिक 29 जनवरी की शाम बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह समाप्त होता है। सरकार ने कहा कि इस साल 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन समारोह- बीटिंग रिट्रट में शामिल होने वाले तमाम सुरक्षाबल भारत में कंपोज की गई म्यूजिक की धुनें बजाएंगे।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई गणमान्य मेहमान होंगे शामिल
सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल पर इस समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अन्य गणमान्य मेहमान भी मौजूद रहेंगे। 29 जनवरी की शाम विजय चौक पर आयोजित ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह में संगीत की सभी धुनें भारतीय ही होंगी। भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड में शामिल जवान संगीत की धुनों के साथ देशभक्ति का ज्वार पैदा करेंगे। बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले कर्तव्य पथ पर परेड के लिए चुनी गई झांकियों को लेकर भी बयान दिया था।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर ममता बनर्जी को आपत्ति, पत्र में लिखा- यह संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक देश एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है। इस पत्र में ममता बनर्जी ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर असहमति जताई और लिखा कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना भारत की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।

यह संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ
पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि ‘साल 1952 में पहले आम चुनाव केंद्र के साथ राज्य स्तर पर भी हुए थे। कुछ साल तक ऐसे ही चला, लेकिन फिर यह सह अस्तित्व टूट गया। मुझे दुख है कि मैं इस एक देश-एक चुनाव के कॉन्सेप्ट के साथ सहमत नहीं हो सकती। हम आपके प्रस्ताव से असहमत हैं।’ पश्चिम बंगाल की सीएम के अनुसार, ‘वेस्टमिंस्टर सिस्टम में संघीय और प्रदेश स्तर के चुनाव अलग-अलग होना प्रमुख विशेषता है, जिसे बदला नहीं जाना चाहिए। इसी तरह भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में भी संघीय और प्रदेश स्तर के चुनाव अलग-अलग होना आधारभूत विशेषता है।’

ED के खिलाफ एफआईआर पर कलकत्ता हाईकोर्ट की रोक, 18 जनवरी तक देना होगा जवाब; 22 को अगली सुनवाई

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़- तृणमूल कांग्रेस (TMC) और केंद्रीय जांच एजेंसियों का टकराव अक्सर सुर्खियां बटोरता है। यह मामला टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और ईडी की टीम पर कथित तौर से हुए जानलेवा हमले का है। इस मामले में ईडी और शाहजहां शेख एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। ताजा घटनाक्रम में कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी (FIR) पर रोक लगा दी है। अदालत ने प्रतिवादियों से 18 जनवरी तक जवाब दाखिल कर सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर की।

एफआईआर पर स्थगन आदेश पारित करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, ‘प्रतिवादी को अगले गुरुवार यानी 18 जनवरी तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। इसके माध्यम से अदालत के रिकॉर्ड पर केस डायरी लाई जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा, केस डायरी रिकॉर्ड पर लाए जाने के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को तैयार रहना होगा। पीठ ने अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के बशीरहाट पुलिस के पास दर्ज FIR में शाहजहां शेख की तरफ से ईडी अधिकारियों पर छेड़छाड़, चोरी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बशीरहाट पुलिस ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC- नए कानून का नाम भारतीय न्याय संहिता या BNS) की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में जिक्र है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसर से 1,35,000 रुपये चोरी हो गए।

पूर्वी कमान प्रमुख पहुंचे मणिपुर, सुरक्षा का लिया जायजा; विभिन्न समुदाय के प्रतिनिधियों से भी मिले

सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया। इस दौरान वे कई जिलों में गए और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वे सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले स्थिति की जानकारी ली। यात्रा के दौरान तिवारी ने स्थानीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की और समस्याओं को जाना।

जानकारी के मुताबिक, जीओसी-इन-सी पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए मणिपुर में कांगपोकपी, सेनापति, ज्वालामुखी और चुराचांदपुर में असम राइफल्स की संरचनाओं और इकाइयों का दौरा किया। उन्होंने शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में उनके अथक प्रयासों के लिए सभी रैंकों की सराहना की।

सेना कमांडर ने सभी समुदायों के नेताओं और सीएसओ के साथ भी बातचीत की और उनसे शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए भारतीय सेना और असम राइफल्स को सीएसओ द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की सराहना की।

राम मंदिर के स्वागत पर 10 हजार करोड़ का बाजार तैयार, दिवाली-धनतेरस जैसी दिख रहीं तैयारियां

रामोत्सव ने उत्तर प्रदेश में त्योहार का रूप ले लिया है। नवरात्र और धनतेरस की तरह 22 जनवरी के लिए लोगों ने अभी तक करीब 22 हजार वाहनों की डिलीवरी के लिए बुकिंग करायी है, वहीं सोने-चांदी के राम दरबार, सिक्के, राममंदिर की आकृति वाली अंगूठी सहित 78 से ज्यादा उत्पाद बाजार में हैं। राम दरबार के वस्त्र गुजरात से यूपी पहुंच रहे हैं। उसी दिन प्रदेश में करीब 6500 से ज्यादा शादियां होंगी। कुल मिलाकर करीब 10 हजार करोड़ का बाजार तैयार है।

इन दिनों सबसे ज्यादा मांग श्रीराम मंदिर मॉडल की है। यह तांबे, पीतल, चांदी, हार्डबोर्ड, लकड़ी के बनाए जा रहे हैं। हस्तशिल्प विभाग के मुताबिक अकेले 15 हजार से ज्यादा हस्तशिल्पी और कारीगर इन मॉडलों को तैयार कर रहे हैं। यूपी रेडीमेड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरज शाह ने बताया कि भगवा रंग से जुड़े वस्त्रों की मांग ज्यादा है। टी शर्ट, कैप, हुडी, शाल से लेकर जैकेट तक की बुकिंग है। उधर खादी के कुर्ते और सदरी की मांग में पांच गुना तेजी आई है।

सबसे ज्यादा फायदा कुम्हारों का है। अभी तक तक करीब दो करोड़ दीये बिक चुके हैं। माटी कला बोर्ड के मुताबिक, 22 जनवरी से पहले तक सभी जिलों के अलावा पड़ोसी जिलों से भी दीयों के आर्डर पेंडिंग है। हाल ये है कि सप्लाई नहीं हो पा रही है। उधर फेडरेशन आफ होटल-रेस्त्रां एंड स्वीट हाउस के पीके गुप्ता के मुताबिक 1.5 लाख किलो से ज्यादा लड्डुओं के एडवांस आर्डर पहले ही आ चुके हैं। इसमें छोटे कस्बे, तहसीलों के आर्डर शामिल नहीं है। फूलों की कीमत भी इस वजह से बढ़ गई है। गेंदा और गुलाब की मांग को देखते हुए पूरे प्रदेश से मंगाया जा रहा है। चूंकि फूलों का अधिक समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता इसलिए 19 तारीख से ही 22 की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। 15 के बाद सहालग भी हैं इसलिए 18 से 22 के बीच तीन गुना बुकिंग अभी से हो रही है।

फ्लैक्स के कारोबार पर भी राममंदिर की कृपा हो गई है। फ्लैक्स बाजार के बड़े कारोबारी विनोद कुमार ने बताया कि केवल राम मंदिर से जुड़े आयोजनों, उत्सवों और बधाई के लिए लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा और गोरखपुर से 80 लाख वर्गफुट की बुकिंग हो चुकी है। प्रदेश की बात करें तो अनुमान के मुताबिक कम से कम 3.5 करोड़ वर्गफुट फ्लैक्स की होर्डिंग बिक जाएगी। यूपी सराफा एसोसिएशन और आल इंडिया गोल्ड स्मिथ ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक प्रदेश में राम मंदिर से जुड़े सोना-चांदी की बिक्री कम से कम 400 करोड़ की होने का अनुमान है।

‘इन्होंने प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी..’, कांग्रेस के न्योता ठुकराने पर भड़की भाजपा

कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता ठुकराने पर भाजपा भड़क गई है। पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अब बहिष्कार पार्टी बन गई है। इन्होंने भगवान राम तक को काल्पनिक कहा था, जबकि महात्मा गांधी खुद राम-राज्य की कल्पना करते थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस अब गांधी की नहीं नेहरु की बन कर रह गई है। इन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस के नेता रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न सम्मान समारोह तक का बहिष्कार किया था।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “कांग्रेस ने इससे पहले हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी और अब द्रौपदी मुर्मू जी के संसद में अभिभाषण का बहिष्कार किया। 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था।

भाजपा ने कहा, “और तो और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी, जो इन्हीं की पार्टी के थे उनके भारत रत्न समारोह का भी कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया था। अभी कुछ महीने पहले उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया। जब GST लागू हुआ तो उसका भी बहिष्कार किया। G20 के समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे, उसमें भी महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज का भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया।”

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में विघ्न उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है? भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है, तब-तब वो उस अवसर के साथ खड़े न होकर उसका बहिष्कार करते हैं।

न लगे काम में मन और दिमाग रहता है अशांत तो शुरू कर दें इन योगासनों का अभ्यास

कई बार काम के तनाव, कमजोरी या अन्य कारणों से लोगों का मन व मस्तिष्क थकावट महसूस करता है। अक्सर ऐसा होता है कि आपका काम में मन नहीं लगता और दिमाग में कई तरह के विचार आते हैं, जिससे आपका दिमाग अशांत हो सकता है। तनाव के कारण भी इस तरह की समस्या होती है। अनिद्रा की शिकायत होने पर भी मन अशांत हो जाता है। अगर इस तरह की समस्या से आप भी ग्रसित हैं तो मन और दिमाग को शांत करने के लिए आपको योगासन का अभ्यास करना चाहिए। योग से दिमाग शांत रहता है। तनाव कम होता और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है, जिससे एकाग्रता आती है। ऐसे में तनाव और अनिद्रा की शिकायत से राहत पाने के लिए और दिमाग को शांत रखने व एकाग्रता के लिए नियमित इन योगासनों का अभ्यास करें।

वृक्षासन का अभ्यास

इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े होकर दाहिने घुटने को मोड़ते हुए दाहिने पंजे को बाएं जांघ पर रखें। अब पैर के तलवे को जांघ के ऊपर सीधा रखें। इसके बाद बाएं पैर को सीधा रखते हुए संतुलन बनाएं। गहरी सांस लें और नमस्कार की मुद्रा मे रहें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सांस छोड़ते समय शरीर को ढीला छोड़ते जाएं। अब हाथों को नीचे लाएं। फिर दाएं पैर को भी सीधा करें। पहले वाली मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब बाएं तलवे को दाहिनी जांघ पर रखकर आसन को दोहराएं।

पश्चिमोत्तानासन

दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए इस योगासन को फायदेमंद माना जाता है। एकाग्रता को सुधारने, तनाव दूर करने और दिमाग शांत रखने के लिए नियमित इस योगासन का अभ्यास करें। पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से शरीर ऊर्जावान बनता है और सक्रियता बढ़ती है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर दोनों पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हाथों को आगे की ओर ले जाएं। फिर हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को पकड़ें। कोशिश करें कि इस पोज में आपकी नाक घुटने को छुए। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: सामान्य अवस्था में आ जाएं।

बालासन

कमजोरी और थकान की शिकायत भी मन भ्रमित और दिमाग को असक्रिय बना देती है। ऐसे में बालानस का अभ्यास तनाव को कम करता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है। बालासन का अभ्यास करने के लिए घुटनों के बल बैठकर दोनों टखने और एड़ियों को आपस में एक दूसरे से टच करें। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर ले जाएं। फिर आगे की ओर झुकते हुए पेट को दोनों जांघों के बीच लाते हुए सांस छोड़ें। इस स्थिति में कुछ देर रहने के बा घुटनों को सीध में कर लें और वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।

जिसका डर था वही हुआ, दिसंबर में कोरोना से दुनियाभर में हुईं 10 हजार से अधिक मौतें, ये रही मुख्य वजह

कोरोना संक्रमण के मामले वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, विशेषतौर पर कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के कारण कई देशों में हालात बिगड़ने की भी खबरें हैं। सिंगापुर-अमेरिका में संक्रमण की एक और लहर की आशंका जताई जा रही है, वहीं भारत में भी कोरोना के मामलों में 40-50 दिनों के भीतर बड़ा उछाल आया है। कोरोना के नए वैरिएंट्स (ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स) को लेकर ज्यादातर अध्ययनों में पाया गया है कि ये वैरिएंट तेजी से संक्रमण जरूर फैलाते हैं पर इसके कारण गंभीर रोग का खतरा कम होता है। पर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा साझा की गई जानकारियां डरा रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा, पिछले महीने क्रिसमस और फिर नए साल की छुट्टियों के दौरान इकट्ठा हुई लोगों की भीड़ के चलते विश्व स्तर पर नए कोरोना वैरिएंट का संचरण बढ़ गया है। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कहा संक्रमण के कारण दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं हैं। करीब 50 देशों के डेटा से पता चलता है कि यहां पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 42 फीसदी तक की बढ़ोतरी आई है। यूरोप के देशों में कोरोना के कारण हालात बिगड़ते हुए देखे जा रहे हैं।

क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले भी अलर्ट किया था कि क्रिसमस-नए साल की छुट्टियों के दौरान एकत्रित होने वाली भीड़ से कोरोना विस्फोट हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने जिनेवा में संवाददाताओं को बताया, “हालांकि प्रतिमाह 10,000 मौतें महामारी के पीक वाले समय से काफी कम हैं, लेकिन ये मौतें रोकी जा सकती थीं, फिर भी इनका बढ़ा हुआ आंकड़ा स्वीकार्य नहीं है।” कोरोना को हल्के में लेने की गलती भारी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि अन्य स्थानों पर भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जहां फिलहाल रिपोर्टिंग कम है। सभी सरकारों को कोरोना पर गंभीरता से निगरानी बनाए रखने और उपचार-टीकों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करते रहना बहुत आवश्यक है।

भारत में कोरोना की स्थिति

कोरोना संक्रमण के मामले भारत में भी बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है यहां रोजाना औसतन 500-600 नए मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में संक्रमण के 514 नए मामले दर्ज किए गए। एक्टिव केस की संख्या अब 3422 है। इससे पहले बुधवार को 605 मामले रिपोर्ट किए गए थे। रोजाना कोरोना से भारत में औसतन 5-6 लोगों की मौत हो रही है। महाराष्ट्र में बुधवार को 98 नए कोविड-19 मामले सामने आए, दो लोगों की मौत हो गई।

कोरोना के साथ अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों में भी वृद्धि

टेड्रोस ने कहा कि JN.1 फिलहाल दुनियाभर में सबसे प्रमुखता से फैलना वाला वैरिएंट बन गया है। यह ओमिक्रॉन का ही सब-वैरिएंट है, इसलिए वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मौजूदा टीके लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा, कोरोनोवायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण भी दुनियाभर में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा, उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के महीनों के दौरान श्वसन बीमारियों का जोखिम अधिक होता है, ये जनवरी तक जारी रह सकते हैं। हालांकि दक्षिणी गोलार्ध में जहां अब गर्मी है, वहां भी कोविड-19 में वृद्धि देखी जा रही है।

संक्रमण से बचाव करना जरूरी

डब्ल्यूएचओ के अधिकारी सलाह देते हैं कि लोगों के लिए टीकाकरण पूरा करना, मास्क पहनना कोरोना से बचाव के लिए बहुत आवश्यक है। ये भी सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि आपके घर के भीतर वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था हो, इनडोर प्रदूषण के कारण भी संक्रमण का खतरा हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ में इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ. माइकल रयान कहते हैं, वैक्सीनेशन आपको संक्रमित होने से नहीं रोक सकती है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु से बचाने में जरूर इसके लाभ हैं। कोरोना के प्रसार को कम करने के लिए भीड़-भाड़ से बचना बहुत जरूर है। संक्रमण का बढ़ना भविष्य के लिए बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।

सर्दी के मौसम में दिखाना है स्टाइल तो करिश्मा तन्ना से लें टिप्स

जनवरी का मौसम चल रहा है। ऐसे में हर किसी का हाल सर्दी से बेहाल है, लेकिन सर्दी में ही बाहर घूमने का भी मजा आता है। इसी के चलते लोग इसी मौसम में ही घूमने का प्लान बनाते हैं। इस मौसम में घूमते वक्त लड़के तो फुल कपड़े पहनने के बाद भी स्टाइल दिखा लेते हैं, लेकिन परेशानी सामने आती है लड़कियों के सामने। ज्यादातर लड़कियों को ये समझ नहीं आता कि वो सर्दी में कैसे कपड़े पहनें, जिसे पहनकर स्टाइलिश भी दिखें और उन्हें सर्दी भी ना लगे।

अगर आपको सर्दी के मौसम में अगर आपको सर्दी के मौसम में आप स्टाइलिश दिखना चाहती हैं, तो करिश्मा तन्ना के लुक्स से टिप्स ले सकती हैं। दरअसल, टीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना अक्सर अपने लुक्स से लोगों की तारीफ बटोरती रहती हैं। हाल ही में वो विदेश में घूमने गई थीं, जहां उन्होंने अपने बेहद स्टाइलिश विंटर लुक्स दिखाएं हैं।

वुलेन ड्रेस

अगर आप सर्दी के मौसम में ड्रेस पहनने का सोच रहीं हैं, तो इस तरह की बॉडीकॉन ड्रेस आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। इसके साथ आप पैरों में नी लेंथ बूट्स पहन सकती हैं।

लैगिंग्स और ड्रेस

अगर आपको ज्यादा सर्दी लगती है तो वुलेन ड्रेस के साथ पैरों में फ्लीज लैगिंग्स पहनें। इस लुक के साथ आप ओवर साइज कोट भी कैरी कर सकती हैं। इस तरह का ओवर साइज कोट आपके लुक को स्टाइलिश बनाने में मदद करेगा।

जैकेट और जींस

अगर कंफर्टेबल लुक कैरी करना चाहती हैं, तो डेनिम जींस के साथ आप लॉंग जैकेट पहन सकती हैं। इसके साथ आप चाहें तो पैरों में बूट्स पहनें, नहीं तो जूते भी आपको बेहतर लुक देने का काम करेंगे।

जींस और स्वेटर

अगर आप ऐसे कपड़े पहनने का सोच रहीं हैं, जो आरामदायक हो तो जींस और स्वेटर सबसे बेस्ट ऑप्शन है। लाइट रंग के स्वेटर के साथ डार्क ब्लू डेनिम जींस काफी प्यारा लुक देगी।

मनोज बाजपेयी को याद आए पुराने दिन, बोले- निर्देशक शेखर कपूर ने दी थी फिल्मों में जाने की सलाह

अभिनेता मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज ‘किलर सूप’ आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। अभिनेता आखिरी बार फिल्म ‘जोरम’ में नजर आए थे। इस फिल्म में उनके अभिनय की दर्शकों ने काफी सराहना की। हाल ही में, ‘किलर सूप’ की सह-कलाकार कोंकणा सेन शर्मा के साथ बातचीत में मनोज ने उन दिनों को याद किया जब निर्देशक शेखर कपूर ने उन्हें फिल्मों में किस्मत आजमाने के लिए कहा था।

अभिनेता ने कहा, ‘मैं फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई जाना चाहता था, लेकिन मैं रास्ता भटक गया। उस समय मैं दिल्ली में बहुत आनंद ले रहा था, लेकिन निर्देशक शेखर कपूर हम सभी को फिल्म बैंडिट क्वीन में ले गए। एक रात चंबल में हम उनके साथ आराम से बैठे थे, और फिर उन्होंने हम लोगों से कठिन सवाल पूछना शुरू कर दिया।’ उन्होंने हम सभी से पूछा, ‘फिल्म खत्म होने के बाद आपकी क्या योजनाएं हैं?’ और हम सभी ने एक सुर में कहा कि हम वापस जाएंगे और थिएटर करेंगे।’

अभिनेता ने आगे कहा, ‘निर्देशक ने फिर हम लोगों से पूछा कि कल तुम्हारी शादी हो जाएगी, आपके परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए पैसा कहां से आएगा? उनके सवाल का जवाब देते हुए मैंने कहा, ‘कौन शादी करना चाहता है? उन्होंने फिर कहा कि मान लीजिए कि आप कल बीमार पड़ जाएंगे, तो फिर क्या करोगे। मनोज ने कहा कि उनके सवालों का हमारे पास कोई जवाब नहीं था, लेकिन वे सोच में पड़ गए।’

अभिनेता ने कहा, ‘मैं निर्देशक की सलाह के बाद मुंबई चला गया। हालांकि, मुझे तुरंत उस तरह के प्रस्ताव नहीं मिले, जैसा मैं चाहता था, लेकिन निर्देशक राम गोपाल वर्मा से हुई अचानक मुलाकात के बाद मेरा जीवन बदल गया। उन्होंने मुझे फिल्म ‘सत्या’ में कास्ट किया, जिसने मुझे फिल्म स्टारडम तक पहुंचा दिया।’

मनोज बाजपेयी के वर्कफ्रंट की बात करें तो अभिनेता अपनी आगामी फिल्म ‘द फैमिली मैन सीजन 3’ को लेकर चर्चा में हैं। इस सीरीज का निर्देशन राज और डीके करने वाले हैं। मनोज ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि इस सीरीज की शूटिंग साल 2024 के फरवरी महीने में शुरू होगी। ‘द फैमिली मैन सीजन 3’ की ज्यादातर शूटिंग नॉर्थ-ईस्ट में की जाएगी।