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अब नेताओं के पाले में जाएगी पुरानी पेंशन की गेंद, राजनीतिक दलों से संपर्क साधेंगे कर्मचारी संगठन

लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन बहाली’ की गेंद, अब सियासतदानों के पाले में जा सकती है। ओपीएस के लिए संघर्ष कर रहे केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। अगर कोई राजनीतिक दल पुरानी पेंशन बहाली के लिए ठोस आश्वासन देता है, तो देशभर के दस करोड़ कर्मचारी, पेंशनर और उनके रिश्तेदार, उस पार्टी को समर्थन दे सकते हैं। इसके लिए संबंधित राजनीतिक दल को अपने चुनावी घोषणा पत्र में ‘पुरानी पेंशन’ बहाल करने का ठोस वादा, शामिल करना होगा। हालांकि इससे पहले केंद्र और राज्यों के कर्मचारी संगठन, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।

ओपीएस बहाली के लिए ठोस आश्वासन

ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, देखिये पुरानी पेंशन बहाली के लिए जो आंदोलन चल रहा है, वह गैर राजनीतिक है। कर्मचारी संगठनों ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस मामले में कर्मचारियों का साथ दें। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से हर तरह का आग्रह किया है, लेकिन सरकार ने अभी तक ओपीएस बहाली के लिए ठोस आश्वासन नहीं दिया है। मजबूर होकर सरकारी कर्मियों ने अब आठ जनवरी से 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ शुरू की है। देशभर में विभिन्न जगहों पर यह स्ट्राइक हो रही है। इस हड़ताल के बाद जल्द ही नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की बैठक होगी। उसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तिथि की घोषणा की जाएगी। अगर अनिश्चितकालीन हड़ताल होती है, तो देशभर में कामकाज ठप हो जाएगी। रेल के पहिये थम जाएंगे और रक्षा क्षेत्र के उद्योग बंद होंगे। साथ ही केंद्र एवं राज्यों के दूसरे विभागों में भी कलम छोड़ हड़ताल शुरू हो जाएगी।

अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सहमति

एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन’ लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। यही वजह है कि कर्मचारी संगठन, अब विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। अगर वे कर्मचारियों की मांग मान लेते हैं, तो दस करोड़ वोटों का समर्थन संबंधित राजनीतिक दल के पक्ष में जा सकता है। सरकार को चेताने के लिए देशभर में 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ की जा रही है। देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दी है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 प्रतिशत कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं।

गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी होगी

नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, ओपीएस पर केंद्र और सरकार के कर्मचारी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने रामलीला मैदान में रैलियां की हैं। सरकार के समक्ष कई प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओपीएस की मांग उठाई गई है। हमने सरकार को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि कर्मचारियों को ओपीएस के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार को एनपीएस खत्म करना होगा और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी पड़ेगी। एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ापा पेंशन ही है। एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है। एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 4900 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है। अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते, तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते। एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस फीसदी शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है।

रामलला के दर्शन कराने वाली आस्था स्पेशल ट्रेन की होगी खास निगरानी, रेलवे बोर्ड ने की ये खास तैयारी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। इसे ध्यान में रखकर देश के सभी जोनल रेलवे क्षेत्र से ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसका नाम आस्था स्पेशल ट्रेन रखा गया है। अब रेलवे ने इन ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर भी सतर्क हो गया है। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के डीआरएम, सभी सुरक्षा एजेंसियों को कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिया है।

रेलवे ने आस्था स्पेशल ट्रेन की पूरी निगरानी का जिम्मा रेलवे सुरक्षा बल एवं राजकीय रेल थाने की पुलिस को दिया गया है। रेलवे बोर्ड ने साफ निर्देश दिया है कि ट्रेन की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। जिस-जिस स्टेशन से आस्था स्पेशल ट्रेनें गुजरेंगी, उन स्टेशनों से रेल पुलिस उसे सुरक्षित पास कराएगी। बोर्ड ने सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा है।

आस्था स्पेशल ट्रेन की निगरानी सीसीटीवी से होगी। इसके लिए आरपीएफ और जीआरपी की ड्यूटी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए चार घंटे की शिफ्ट लगाने को कहा गया है। आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान थकावट होगी। इसलिए चार घंटे पर शिफ्ट बदलने को कहा है। चार घंटे बाद दूसरी जगह पर ड्यूटी लेने को कहा गया है, ताकि सीसीटीवी की जबरदस्त तरीके निगरानी हो सके।

रेलवे ने आस्था स्पेशल ट्रेनों के चलाने का जिम्मा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) को दिया गया है। इसका टिकट भी आइआरसीटीसी द्वारा ही जारी किया जाएगा। आस्था स्पेशल ट्रेन का पीआरएस में डाटाबेस प्रोफाइल नहीं दिखेगा। इस ट्रेन में खान-पान की सारी व्यवस्था आईआरसीटीसी के द्वारा की जाएगी।

‘अंतरिक्ष से भी दिखेगा कच्छ में बन रहा ग्रीन एनर्जी पार्क’, अदाणी ने किया इतने निवेश का एलान

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरान राज्य में ग्रीन एनर्जी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अगले पांच वर्षो में 2 लाख करोड़ रुपये (24 अरब डॉलर) के निवेश का एलान किया। अदाणी ने कहा कि इस निवेश से राज्य में लगभग एक लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हो सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि शिखर सम्मेलन के पिछले संस्करण में कंपनी ने 55,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा कि इसमें से कंपनी पहले ही 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुकी है।

अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी ने कहा कि कंपनी वर्तमान में कच्छ में 25 वर्ग किलोमीटर में फैले 30 गीगावॉट क्षमता के साथ एक ग्रीन एनर्जी पार्क का निर्माण कर रही है, जो अंतरिक्ष से भी दिखाई देता है। अदाणी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 185 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय में 165 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है, जो भू-राजनीतिक और महामारी से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए अद्वितीय है।

दम घुटने से परिवार में पांच की मौत… बंद घर में दम तोड़ रहे थे लोग, गांव को भनक तक नहीं; पड़ोसी रहे अनजान

अमरोहा के सैदनगली थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर में दिनभर पांच लाशें और दो लोग बेसुध पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। रईसुद्दीन ने घर के नंबर पर फोन किया तो किसी ने रिसीव नहीं किया।

लिहाजा उन्होंने अपने छोटे भाई गबरू को फोन करके पत्नी हुस्न जहां से बात करने के लिए कहा। करीब पांच बजे जैसे ही गबरू घर पहुंचा तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तभी आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। गबरू समेत कुछ लोग छत से सहारे घर में दाखिल हुए। इस दौरान देखा सभी लोग अचेत अवस्था में पड़े हुए थे। तब घटना की जानकारी हुई।

थाना इलाके के गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ निवासी रईसुद्दीन चार दिन पहले ही ट्रक चलाने काशीपुर गया था। घर में उसकी पत्नी हुस्नजहां, उसकी की बेटी सोनम, बड़ा बेटा जैद, छोटा बेटा माहिर और सिहाली जागीर का रहने वाला साला रियासत, उसकी बेटी महक और धनौरा निवासी साढू़ की बेटी कशिश एक ही कमरे में सोए हुए थे।

सर्दी से बचने के लिए उन्होंने कमरे में तसले में कोयला जला लिया था। सभी की सोते में ही दम घुटने से मौत हो गई। जबकि रईसुद्दीन की पत्नी हुस्नजहां और साला रियासत की हालत गंभीर बनी हुई है। मंगलवार की शाम घटना की जानकारी मिलते ही डीएम राजेश कुमार त्यागी और एसपी कुंवर अनुपम सिंह मौके पर पहुंच गए।
आला अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। जिस कमरे में तसले में कोयला जलाया गया था, उस स्थान का बारीकी से निरीक्षण किया। एसपी कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई और साक्ष्य जुटाए।

पड़ोस में रहने वाले जाहिद ने बताया कि अगर पड़ोसियों को थोड़ी सी आहट हो जाती तो किसी भी स्थिति में बच्चों को बचा लिया जाता। लेकिन कमरे में बंद परिवार के साथ क्या हुआ यह किसी को भी पता नहीं था। सीओ हसनपुर ने बताया कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि सोते-सोते परिवार के लोगों का दम घुटा है। अगर वह जागते हुए होते तो जरूर घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं।

दाल चावल खाकर सोए थे परिवार के लोग
गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक का परिवार और उसके रिश्तेदार सोमवार की शाम को घर पर दाल चावल खाकर सोए थे। मंगलवार शाम को पांच लोगों के मरने की जानकारी मिलने के बाद पहुंची फॉरेंसिक टीम ने दाल चावल के नमूने लिए हैं।

तीन चारपाई पर सो रहे थे सात लोग
गांव अल्लीपुर भूड़ उर्फ ढक्का मोड़ पर ट्रक चालक रईसुद्दीन के घर पर उनका साला रियासत और अन्य रिश्तेदार भी आए हुए थे। बताते हैं कि सर्दी से बचने के लिए सातों लोग तीन चार पाई पर सोए हुए थे। मंगलवार शाम को जब कमरा खोल कर देखा गया तो तीन चार पाई पड़ी हुई थी।

पड़ोसी भी रहे अनजान
थानाक्षेत्र के अल्लीपुर भूड़ गांव में तीन सगे भाई-बहन समेत पांच बच्चों की मौत हो गई। जबकि ट्रक चालक रईसुद्दीन की पत्नी और साले की हालत गंभीर है। ये घटना सोमवार की रात की है। पूरा परिवार मंगलवार को दिनभर कमरे में पड़ा रहा। इसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी। किसी ने घर पहुंच कर हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। दिनभर परिवार के लोग घर से बाहर नहीं निकले।

जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 जनवरी तक टली, दिल्ली दंगों की साजिश रचने का आरोप

दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए टाल दी है। इसे यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया गया था।

सुनवाई के दौरान कपिल सिबब्ल ने कहा कि उमर खालिद जेल में हैं। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमने कभी समय नहीं मांग। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह भी उपलब्ध नहीं हैं। मैं संविधान पीठ में हूं। मुझे एक सप्ताह का समय दिया जाएं। पीठ ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वह इस मामले को टालने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा कि आपने पहले कहा था कि मामले की सुनवाई नहीं हो रही है। यह अनावश्यक है, हम आपको छूट नहीं दे सकते। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई आगे के लिए टाल दी हैं।

बता दें सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उमर खालिद ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि हिंसा में उसकी न तो कोई आपराधिक भूमिका थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ कोई संबंध था। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उनके द्वारा दिया गया भाषण बहुत उत्तेजित था। उन्होंने बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों के दमन और सीएए और एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों को उठाया था।

सिर्फ वजन बढ़ना ही नहीं, थायरॉइड विकारों के कारण हो सकती हैं और भी कई समस्याएं

पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि डायबिटीज, हार्ट की बीमारियों के साथ थायरॉइड की समस्या भी तेजी से बढ़ी है। थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली समस्याओं कारण आपको कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं। थायरॉइड विकारों की समस्या किसी को भी हो सकती है, यहां तक कि शिशुओं में भी इस विकार का खतरा देखा जाता रहा है। इसलिए इन विकारों के बारे में जानना और समय पर इनका उपचार किया जाना जरूरी हो जाता है।

वैश्विक स्तर पर बढ़ती थायरॉइड की समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव को लेकर लोगों को अलर्ट करने के उद्देश्य से साल के पहले महीने- जनवरी को ‘थायरॉइड अवेयरनेस मंथ’ के रूप में मनाया जाता है। आमतौर पर वजन बढ़ने या मोटापे को थायरॉइड की समस्या मान लिया जाता है पर इसके अलावा भी कई अन्य लक्षणों पर ध्यान देना और बचाव के उपाय करना बहुत आवश्यक हो जाता है।

क्या है थायरॉइड विकार?

थायरॉइड के लक्षणों के बारे में जानने से पहले इस विकार के बारे में समझना जरूरी है। थायरॉइड ग्रंथि एक छोटा सा अंग होता है जो गर्दन के सामने स्थित होता है, ये श्वासनली (ट्रेकिआ) के चारों ओर लिपटा जैसा होता है। अन्य ग्रंथियों की ही तरह से थायरॉइड ग्रंथि भी हार्मोन्स रिलीज करती हैं, जो आपके शरीर को विशिष्ट कार्य करने में मदद करती हैं।

जब थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है, तो इससे पूरा शरीर प्रभावित हो सकता है। यदि आपका शरीर बहुत अधिक थायरॉइड हार्मोन बनाता है, तो इसके कारण हाइपरथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है वहीं कम थायरॉइड हार्मोन बनता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। दोनों स्थितियां गंभीर हैं।

थायरॉइड में वजन बढ़ने की समस्या

थायरॉइड की स्थिति को अक्सर मोटापे से जोड़कर देखा जाता रहा है, पर वजन बढ़ने की समस्या सिर्फ हाइपोथायरायडिज्म में होती है। शरीर जब थायरॉइड हार्मोन कम बनाता है तो इसके कारण मेटाबॉलिक रेट में भी समस्या आने लगती है। इसके कारण बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। पर इसका उल्टा अगर किसी को हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत है तो इसके कारण आपका वजन बहुत कम हो सकता है।

थायरॉइड के इन लक्षणों को भी जानिए

हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं जिनपर ध्यान देते रहना आवश्यक होता है।

  • अतिसक्रिय थायरॉइड (हाइपरथायरायडिज्म) की स्थिति में इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।
  • चिंता, चिड़चिड़ापन और घबराहट का अनुभव होना।
  • सोने में परेशानी होना।
  • वजन घटना, मांसपेशियों की कमी।
  • मांसपेशियों में कमजोरी और कंपन होना।
  • अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म चक्र रुक जाना।
  • गर्मी के प्रति संवेदनशील महसूस होना।
  • दृष्टि संबंधी समस्याएं या आंखों में जलन होना।
  • निष्क्रिय थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के लक्षण
  • थकावट-कमजोरी महसूस होना।
  • वजन बढ़ने की समस्या।
  • बार-बार चीजों को भूलने की समस्या।
  • भारी मासिक धर्म होना।
  • बालों में रूखापन बढ़ना।
  • कर्कश आवाज और ठंड के प्रति असहिष्णुता बढ़ना।

दवाओं से मिल सकता है लाभ

डॉक्टर कहते हैं, थायरॉइड विकारों का इलाज किया जा सकता है। समय पर सही उपचार मिल जाने से शारीरिक समस्याओं को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। थायरॉइड हार्मोन के स्तर को सामान्य पर वापस लाने में दवाइयों से मदद मिल सकती है। इसलिए जरूर है कि समय पर लक्षणों का सही निदान हो और उपचार मिले।

घटती जा रही बालों की वॉल्यूम तो इन तरीकों को अपनाएं, कुछ ही दिनों में दिखेगा असर

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसे खूबसूरत काले, लंबे और घने बाल पसंद नहीं होंगे लेकिन सर्दियों की शुरुआत से ही बालों में कई तरह की परेशानियां दिखने लगती हैं। सर्दियों के इस मौसम में बालों का झड़ना, बालों का रूखा होना और बालों में डैंड्रफ होना तो बेहद आम बात है। इन परेशानियों की वजह से ही बालों की वॉल्यूम कहीं खो जाती है। खासतौर पर अगर बात करें लड़कों के बालों की तो बिना वॉल्यूम के उनके बाल काफी चिपके-चिपके रहते हैं, जिस वजह से उनका लुक खराब हो सकता है।

अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो हम आपको इस समस्या का समाधान बताने जा रहे हैं। यहां बताई जा रहीं कुछ सिंपल टिप्स से बालों में वॉल्यूम एड किया जा सकता है। इन सभी टिप्स को फॉलो करना बेहद आसान है। तो चलिए आपको इन टिप्स के बारे में बताते हैं, ताकि आप भी चिपके बालों की समस्या को दूर कर सकते हैं।

बालों की सफाई का रखें ध्यान

सर्दी के मौसम में अक्सर ये समस्या सामने आती है। ऐसे में बालों की सफाई का खास ध्यान रखें। इस मौसम में बाल काफी ग्रीसी हो जाते हैं। ऐसे में बालों का वॉल्यूम खत्म होने लगता है। इसी के चलते बाल को हर दूसरे से तीसरे दिन धोएं जरूर। तभी जाकर आपके बाल सही लगेंगे।

सही से धोएं बाल

अगर आप चाहते हैं कि आपके सिर से सही तरह से शैंपू और कंडीशनर निकल जाए तो हमेशा रूम टेम्प्रेचर पर रखे पानी का ही इस्तेमाल करें। यही सिर से शैंपू और कंडीशनर को सही से निकालने में मदद करता है।

लंबे रखें बाल

अगर आप सर्दी के मौसम में बालों को लंबा रखेंगे तो इससे भी आपके बाल खूबसूरत दिखेंगे। इससे बालों में अच्छा वॉल्यूम भी आता है।

थिक शैम्पू करें इस्तेमाल

बालों में वॉल्यूम लाने के लिए थिक शैंपू काफी फायदेमंद साबित होते हैं। ऐसे में बालों के हिसाब से ही शैंपू का चुनाव करें।

करें मसाज

सर्दी के मौसम में गुनगुने तेल से सिर की मसाज जरूर करनी चाहिए। इसके लिए आप कोकोनट ऑयल से लेकर, ओलिव ऑयल, आलमंड ऑयल और केस्टर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेंसर बोर्ड ने आर्थिक तौर पर पहुंचाया नुकसान, ‘ओएमजी 2’ को ए सर्टिफिकेट मिलने पर बोले निर्देशक अमित

वर्ष 2023 में रिलीज हुई फिल्म ‘ओएमजी 2’ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही थी। अमित राय के जरिए निर्देशित यह फिल्म रिलीज से पहले काफी विवादों में रही। ‘ओएमजी 2’ का कॉन्सेप्ट यौन शिक्षा पर आधारित था, जिसने दर्शकों के बीच काफी हलचल पैदा की। सेंसर बोर्ड से इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला था साथ ही फिल्म को सनी देओल की ‘गदर 2’ से क्लैश भी करना पड़ा। हाल ही में, एक बातचीत के दौरान निर्देशक अमित राय ने ‘ओएमजी 2’ के बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड न तोड़ पाने के लिए सेंसर बोर्ड को दोषी ठहराया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई रुकावट नहीं होती, तो अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म सनी देओल की ‘गदर 2’ को कड़ी टक्कर देती।

‘गदर 2’ को देती टक्कर
अमित राय ने कहा, ‘ओएमजी 2’ को सेंसर बोर्ड ने ‘ए’ रेटिंग प्रमाणपत्र दिया गया था। वहीं, सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज से पहले 25 से अधिक संशोधनों की सिफारिश की। मेरा मानना है कि साल 2023 ने दर्शकों की संख्या के मामले में हिंदी सिनेमा के लिए एक रिकॉर्ड बनाया है। मुझे लगता है कि अगर मेरी फिल्म को ए-सर्टिफिकेट नहीं मिला होता, तो ये रिकॉर्ड और भी बड़ा होता। मुझे नहीं पता कि यह फिल्म कितना कारोबार कर सकती थी, क्योंकि मैं इस फिल्म को उस तरह लाने में सक्षम था। निर्देशक ने ‘ओएमजी 2’ को ‘लोकतांत्रिक फिल्म’ बताया।’

सेंसर बोर्ड ने आर्थिक तौर पर पहुंचाया नुकसान
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर यह ‘ए’ सर्टिफिकेट फिल्म नहीं होती, तो शायद ‘गदर 2’ के साथ कड़ी टक्कर होती। ऐसी ही फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर पैसा कमाया जाता है। दर्शक ऐसी फिल्में ही ज्यादा देखना पसंद करते हैं। सेंसर बोर्ड ने ‘ओएमजी 2’ को ‘ए’ रेटिंग देकर मेरे परिवार के आधे दर्शकों को खत्म कर दिया।’ निर्देशक ने सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘फिल्म से कंटेंट कट करके, तो नुकसान किया ही है, बल्कि सेंसर बोर्ड ने मुझे आर्थिक तौर पर भी नुकसान पहुंचाया। अब इन बातों का कोई फायदा ही नहीं है, क्योंकि ये सब बीत चुका है।’

ओएमजी का सीक्वल
अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम स्टारर कॉमेडी ड्रामा ‘ओएमजी 2’ अगस्त में ‘गदर 2’ के साथ रिलीज हुई थी। फिल्म को लोगों का भरपूर प्यार मिला, जिसकी वजह से यह लंबे समय तक सिनेमाघरों में टिकी रही। इस फिल्म से अक्षय कुमार ने एक बार फिर जबर्दस्त वापसी की है। ‘ओएमजी 2’ अक्षय कुमार और परेश रावल की सुपरहिट फिल्म ‘ओएमजी’ का सीक्वल है। पहली किस्त में मिथुन चक्रवर्ती, ओम पुरी, गोविंद नामदेव और अन्य ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं।

‘भारतीय सिनेमा दुनिया में सर्वश्रेष्ठ…,’ रानी मुखर्जी के इस बयान पर मचा बवाल, हो रहीं ट्रोल

रानी मुखर्जी बेहतरीन अदाकारी के साथ-साथ अपने बेबाक बयान के लिए भी जानी जाती हैं। अभिनेत्री को हर मुद्दे पर खुलकर बात करते देखा जाता है। इसी कड़ी में रानी ने भारतीय सिनमा को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बता दिया है। अभिनेत्री का बयान सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ वायरल हो रहा है। जहां एक वर्ग रानी के समर्थन में आया है, तो वहीं दूसरा वर्ग अभिनेत्री की क्लास लगाते देखा जा रहा है।

रानी मुखर्जी ने हाल ही में कहा कि भारत, दुनिया में सबसे अच्छी फिल्में बनाता है। उन्होंने आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित विक्रांत मैसी अभिनीत ’12वीं फेल’ का उदाहरण दिया था। गलाटा प्लस के साथ हाल ही में एक बैठक के दौरान, रानी ने फिल्म निर्माता पृथ्वी कोनानूर के उस बयान के जवाब में टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि जहां तक विचारों का सवाल है, ईरानी सिनेमा भारतीय फिल्मों से बेहतर है। रानी की प्रतिक्रिया को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

रानी मुखर्जी के हस्तक्षेप करने से पहले, पृथ्वी कोनानूर ने कहा था, ‘मैं लोगों से ईरानी फिल्में देखने के लिए कहता हूं। उन्हें देखें। आप हमारी फिल्मों और उनकी फिल्मों के बीच एक बड़ा अंतर देख सकते हैं। मुझे लगता है कि किसी कारण से, हम वास्तव में ईरानी सिनेमा से बहुत पीछे हैं। यह एक ईमानदार राय है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे ईरानी फिल्में देखें और देखें कि वे विचारों के मामले में कितनी उन्नत हैं, शायद तकनीक के मामले में नहीं, लेकिन विचारों के मामले में वे कहां हैं।’

वहीं, रानी मुखर्जी ने कहा, ‘इसलिए मैं यहां कुछ कहना चाहूंगी क्योंकि जब वे कहते हैं कि हमें दूसरे लोगों के सिनेमा से सीखना चाहिए तो मुझे थोड़ा बुरा लगता है। मेरा मानना है कि भारतीय सिनेमा दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए मैं इससे सहमत नहीं होऊंगी। मुझे वास्तव में खेद है क्योंकि यदि आप उन फिल्मों के बारे में बात करना चाहते हैं जो जड़ों से आती हैं, तो मुझे लगता है कि आपको 12वीं फेल फिल्म जरूर देखनी चाहिए। यह विधु विनोद चोपड़ा द्वारा बनाई गई एक शानदार फिल्म है और यह भारत के बारे में बात करती है। सब कुछ बहुत शानदार ढंग से दिखाया गया है। मुझे लगता है कि हम भारत में सबसे विविध फिल्में बनाते हैं। जब आप भारत के बाहर की फिल्मों के बारे में बात करते हैं, तो उनमें भारत जैसी विविधता नहीं होती। मेरा मानना है कि भारतीय सिनेमा के पास देने के लिए बहुत कुछ है और वास्तव में यह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। मैं भारतीय सिनेमा की तुलना दुनिया के किसी भी अन्य सिनेमा से नहीं करना चाहूंगी क्योंकि हमारे पास सबसे सच्ची कहानियां हैं, सबसे जमीनी कहानियां हैं।’

अगली फिल्म ‘छावा’ के लिए खूब पसीना बहा रहे विक्की कौशल, साझा की वर्कआउट की तस्वीर

विक्की कौशल बॉलीवुड के चर्चित एक्टर हैं। फिल्मों में अपने किरदार वे बड़े शानदार तरीके से अदा करते हैं। बीते वर्ष दिसंबर में उनकी फिल्म ‘सैम बहादुर’ रिलीज हुई। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानकेशॉ के जीवन पर आधारित इस फिल्म में विक्की की अदाकारी का हर कोई मुरीद हो गया। सैम मानेकशॉ का किरदार उन्होंने जीवंत कर दिया। एक्टर अब अपनी अगली फिल्म की तैयारियों में जुट गए हैं। इसके लिए वे जिम में जमकर पसीना बहा रहे हैं। एक्टर की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि किरदार में ढलने के लिए वे किस कदर मेहनत कर रहे हैं।

जिम में बहा रहे पसीने
विक्की कौशल की आगामी फिल्म ‘छावा’ है। ये एक पीरियड एक्शन ड्रामा फिल्म है, जिसमें अभिनेता छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका अदा करेंगे। हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से विक्की ने अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इसमें वह वर्कआउट करते दिख रहे हैं। एक्टर वेट लिफ्टिंग करते दिख रहे हैं और वर्कआउट गोल्स पूरे करते नजर आ रहे हैं। इसके साथ एक्टर ने कैप्शन लिखा है, ‘छावा’।

पहली बार कर रहे पीरियड ड्रामा फिल्म
फिल्म ‘छावा’ के जरिए विक्की पहली बार पीरियड ड्रामा फिल्म में काम कर रहे हैं। एक्टर अपने किरदार की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। बीते दिनों इंटरव्यू के दौरान इस फिल्म के बारे में बात करते हुए विक्की ने कहा था, ‘ये एक पीरियड ड्रामा फिल्म है और मेरे लिए ये पहला मौका है। हम इसे बहुत गंभीरता से बना रहे हैं। इसमें खूब सारा एक्शन है और भरपूर ड्रामा है। इमोशंस से भरपूर ये एक शानदार स्टोरी है’।

रश्मिका मंदाना भी आएंगी नजर
विक्की कौशल ने कहा था कि वे एक्शन हीरो बनना चाहते हैं। फिल्म ‘छावा’ का निर्देशन लक्ष्मण उतेकर कर रहे हैं। विक्की कौशल के अलावा फिल्म में रश्मिका मंदाना भी नजर आएंगी। वे फिल्म में येसुबाई भोंसले का रोल अदा करती दिखेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्षय खन्ना औरंगजेब के रोल में नजर आ सकते हैं। इनके अलावा आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता और प्रदीप सिंह रावत जैसे सितारे भी फिल्म का हिस्सा होंगे।