Friday , October 25 2024

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‘अगर कांबले के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई…’, NCP के पदाधिकारी और पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने पर सुप्रिया

भाजपा विधायक सुनील कांबले द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार गुट के एक पदाधिकारी और एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे जाने का मामला बढ़ता जा रहा है। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने चेतावनी दी है कि अगर अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो वह पीड़ितों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।

यह है मामला
भाजपा विधायक सुनील कांबले का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे पुणे के ससून अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मारते दिख रहे। खास बात यह है कि जब यह वाकया हुआ उस वक्त मंच पर डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद एनसीपी के अजीत पवार गुट के पदाधिकारी जितेंद्र सातव ने शुक्रवार को सुनील कांबले पर उन्हें थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। सातव ने दावा किया कि कांबले ने कार्यक्रम में उन्हें थप्पड़ मारा था। साथ ही यह भी दावा किया कि कांबले ने एक पुलिसकर्मी पर भी हमला किया। सातव ने बंदगार्डन पुलिस को इस सिलसिले में एक शिकायत दी है।

यह सिर्फ सत्ता है, जो सिर चढ़कर बोल रही
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह सिर्फ सत्ता है, जो उनके सिर पर चढ़कर बोल रही है। यह सबसे अपमानजनक है। मुझे लगता था कि भाजपा लोगों का सम्मान करने वाली पार्टी है। लेकिन जिस तरह से उनके विधायक ने एक गठबंधन के कार्यकर्ता और एक पुलिस कर्मी को थप्पड़ मारा है वो बेहद शर्मिंदगी भरा है। तीनों पार्टियों ने नेता को माफी मांगने तक के लिए नहीं कहा है। यह बहुत दुखी करने वाली बात है। क्या वे सभी इतना समझौता कर चुके हैं कि वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त करेंगे?

यहां गुंडागर्दी का राज नहीं
उन्होंने कहा, ‘वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन मैं नहीं करूंगी। मैं देवेंद्र फडणवीस से इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं। अगर वह अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मैं उस पुलिस अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता के लिए लड़ूगी, जो इस अपमान के लायक नहीं है। हम यहां एक दूसरे का सम्मान करने के लिए हैं। यहां गुंडागर्दी का राज नहीं है।’

गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के यह कहने पर कि पार्टी का ध्यान सभी लोकसभा सीटों पर है, सुप्रिया सुले ने कहा कि हर पार्टी हर सीट पर लड़ना चाहती है और फिर बातचीत होगी कि कौन बेहतर करेगा। आखिरकार सर्वे सभी सीटों के लिए होगा और फिर देखेंगे कि किसकी कहां ज्यादा ताकत है। गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं।

सात सुरक्षा एजेंसियों के लगे कैंप, तलाशी में जुटीं 15 टीमें, प्राण प्रतिष्ठा के दिन होंगे 30,000 जवान

22 जनवरी को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। स्टेट एजेंसियों के अलावा केंद्र की एजेंसियों ने भी जिले में कैंप किया है। 15 टीमें विभिन्न इलाकों में छानबीन करके इनपुट तलाश रही हैं। वहीं, श्रीराम मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा कमांडो के हवाले किया गया है। रामनगरी में लगभग 30,000 जवान तैनात किए जा रहे हैं।

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिले में आईबी, एलआईयू, एटीएस, एसटीएफ, मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत सात सुरक्षा एजेंसियों ने प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व ही कैंप किया है। खुफिया जानकारी जुटा रही टीमों में एक डिप्टी एसपी, एक निरीक्षक व छह-छह सिपाही लगे हैं। इन्हें मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम समेत तमाम आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। अयोध्या में होने वाली तमाम संभावित गतिविधियों पर उनकी नजर है। फिदाइन हमले रोकने के लिए मंदिर के आसपास क्रैश रेटेड बोलार्ड लगाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों से आसपास के इलाकों की निगरानी होगी।

हवाई अड्डे पर तैनात जवान आतंकी खतरों से निपटने में सक्षम
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की सुरक्षा उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की छठवीं वाहिनी को सौंपी गई है। ये जवान आतंकी खतरों से निपटने की क्षमता रखते हैं। यहां तीन इंस्पेक्टर, 55 उप निरीक्षक, 22 मुख्य आरक्षी और 194 आरक्षी लगाए गए हैं। सुरक्षा बलों की कुल संख्या 294 है। इन्हें वॉच टावर के साथ सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है। स्क्रीन के जरिये पूरे एयरपोर्ट की सुरक्षा की सतत निगरानी शुरू कर दी गई। यूपीएसएसएफ के मीडिया प्रभारी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि तैनाती के पहले जवानों को अपर पुलिस महानिदेशक एलवी एंटनी देव कुमार ने सुरक्षा के अहम बिंदु समझाए। इन्हें तीन माह का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त है। यूपी एटीएस से आधुनिक हथियारों को चलाने का और यूपीएसडीआरएफ से आपदा से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए पांच दिन का इंडक्शन कोर्स, 14 दिन का बेसिक कोर्स, पांच दिन का ऑन जॉब ट्रेनिंग, पांच दिवस का स्क्रीनर्स से संबंधित विशेष प्रशिक्षण भी मिला है।

अलग-अलग सेक्टरों में बांटा
एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि रामनगरी को सेक्टरों में बांटा गया है। इसके लिए लगभग 100 डिप्टी एसपी, 300 निरीक्षक, 800 उपनिरीक्षक व 4500 मुख्य आरक्षी/आरक्षी की मांग की गई है। 20 कंपनी पीएसी भी तैनात रहेगी।
अयोध्या में घुस नहीं पाएंगे खुराफाती रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। पुलिस के रडार पर रहने वाले लोगों को इस दौरान अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा। पुलिस ने मय फोटो इनका डाटाबेस तैयार कर लिया है। इनकी गतिविधियों पर अभी से नजर रखी जा रही है। श्रीराम मंदिर की सुरक्षा को पहले से अब और चुस्त किया जा रहा है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के विशिष्टजन शामिल होंगे। इसके बाद अयोध्या में बेहिसाब भीड़ उमड़ेगी। समारोह के दौरान सुरक्षा पर सरकार का फोकस है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की नजर ऐसे खुराफातियों पर है जो भीड़ का लाभ उठाकर गड़बड़ कर सकते हैं। आसपास के जिलों के साथ ही प्रदेश भर से ऐसे लोगों की पहचान करके पूरी कुंडली पुलिस ने मंगवा ली है। अब रणनीति यह है कि ऐसे लोगों को अयोध्या में घुसने न दिया जाए। यहां आने का प्रयास किया तो धर दबोचे जाएंगे। समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया जाएगा।

दो दिन नहीं गुरजेंगे भारी वाहन
21 और 22 जनवरी को भारी वाहन इधर से नहीं जाएंगे। छोटे वाहनों के लिए अलग से व्यवस्था होगी। आमंत्रित अतिथियों के लिए बेहतर व्यवस्था रहेगी। पार्किंग स्थलों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर की सुरक्षा का नया प्लान लागू किया जा रहा है। बिना अनुमति इस क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकेंगे। श्रद्धालुओं से बेहतर व्यवहार के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।

रहेगी निगरानी
भीड़ में अराजकता फैलाने वाले लोग अभी से चिह्नित किए जा रहे हैं। खुफिया के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से निगरानी की व्यवस्था की जा रही है प्रवीण कुमार, आईजी, अयोध्या

लोकसभा चुनाव से पहले नवजोत सिद्धू का बड़ा कदम, पटियाला व अमृतसर में लगाएंगे ‘जनता दरबार’

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बढ़ा कदम चला है। अमृतसर के साथ-साथ सिद्धू दंपती ने पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला में डेरा जमा दिया है। अब सिद्धू हर हफ्ते अमृतसर और पटियाला में ‘जनता दरबार’ लगाएंगे।

सिद्धू अगले हफ्ते से सप्ताह में एक बार पटियाला और अमृतसर के लोगों से मिलेंगे। सिद्धू ने यह एलान अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर किया। सिद्धू ने लिखा कि वह एक हफ्ते पटियाला में लोगों से मिलेंगे और एक हफ्ते अमृतसर में मिलेंगे। हर हफ्ते वह किस तारीख को और कब लोगों से मिलेंगे, इस संबंध में जानकारी पहले से ही दी जाएगी। सिद्धू के करीबी शैरी रियाड ने बताया कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू इस समय कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ठीक हुई हैं। जल्द ही वह भी नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लोगों से मिलेंगी।

उन्होंने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत पटियाला से बुधवार को होने की संभावना है। पंजाब से कोई भी व्यक्ति अपना दुख-तकलीफ व शिकायत लेकर नवजोत सिंह सिद्धू से मिल सकता है। पटियाला व अमृतसर दोनों ही जगहों पर सिद्धू अपने आवास पर लोगों से मिला करेंगे।

अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद सिद्धू दंपती ने अमृतसर के अलावा पटियाला में भी अपनी सक्रियता बढ़ाई है। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही हैं। जब उनसे पटियाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर सहमति जताई।

हमास के इन पांच नेताओं को चाहकर भी नहीं पकड़ पा रहा इस्राइल, ये खत्म तो समझो पूरा संगठन खत्म

इस्राइल दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में शुमार किया जाता है और इसकी खुफिया एजेंसी दुनिया की शीर्ष एजेंसियों में शामिल है। इतनी ताकत और दक्षता के बावजूद हमास ने पहले 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हमला किया। हमले के बाद अब इस्राइल हमास युद्ध को तीन महीने का समय भी बीत चुका है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अभी तक इस्राइल हमास के शीर्ष पांच नेताओं को पकड़ने में कामयाब नहीं हुआ है। ये नेता इतने अहम हैं कि अगर इन्हें इस्राइल ने पकड़ लिया या मार दिया तो हमास की कमर टूट जाएगी। तो आइए जानते हैं कि कौन हैं वो शीर्ष पांच नेता, जिन पर हमास का पूरा संगठन टिका है।
याह्या सिनवार
याह्या सिनवार गाजा पट्टी में हमास का शीर्ष नेता है। इस्राइल में 7 अक्तूबर को हुए हमास के हमले का मास्टरमाइंड भी याह्या सिनवार को माना जाता है। याह्या सिनवार को गाजा का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। वह इस्राइल की कैद में रह चुका है और करीब 24 साल जेल में बिता चुका है। इस्राइली सैनिक गिलाद शालित के बदले में इस्राइल की जेल से 1027 फिलस्तीनी कैदी रिहा किए गए थे, उन्हीं कैदियों में याह्या सिनवार भी शामिल था।

इस्माइल हानियेह
इस्माइल हानियेह हमास के पोलितब्यूरो का प्रमुख है और वह कई साल इस्राइल में बतौर मिस्त्री काम कर चुका है। हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन के निजी सहायक के तौर पर भी इस्माइल हानियेह काम कर चुका है। साल 1992 में वह लेबनान चला गया था लेकिन बाद में वापस गाजा लौट आया था। गाजा में कई रियल एस्टेट इमारतों का मालिकाना हक इस्माइल हानियेह के पास है।

मोहम्मद दाएफ
मोहम्मद दाएफ हमास के सैन्य बल का प्रमुख है और कई आत्मघाती हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। हमास के रॉकेट हमलों और गाजा में सुरंगों का जाल बनाने के काम के पीछे भी मोहम्मद दाएफ का ही हाथ माना जाता है। इस्राइल की मोस्ट वांटेड लिस्ट में दाएफ शीर्ष पर है। इस्राइल ने सात बार दाएफ पर हमला किया है लेकिन हर बार वह बच निकला है।

मारवान इस्सा
मारवान इस्सा, मोहम्मद दाएफ का डिप्टी है और हमास की सैन्य ईकाई में नंबर दो है। ऐसा कहा जाता है कि मारवान इस्सा बास्केटबॉल प्लेयर था और इस्राइल द्वारा गिरफ्तारी के बाद वह हमास से जुड़ गया था। इस्राइली सैनिक गिलाद शालित के बदले में फलस्तीनी कैदियों को रिहा कराने में भी मारवान इस्सा की अहम भूमिका थी।

मोहम्मद सिनवार
मोहम्मद सिनवार हमास के प्रमुख याह्या सिनवार का छोटा भाई है। मोहम्मद सिनवार हमास की खान यूनिस ब्रिगेड का प्रमुख है। इस्राइल कई बार सिनवार को पकड़ने की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार मोहम्मद सिनवार इन हमलों में बच निकला।

मंदिर की बात सुन मुस्कुरा उठते हैं नृत्यगोपाल दास, होंठों पर बस…जय सियाराम-सीताराम

सुनि प्रभु बचन मगन सब भए। को हम कहाँ बिसरि तन गए॥
एकटक रहे जोरि कर आगे।
सकहिं न कछु कहि अति अनुरागे॥
यानी, प्रभु को सुनकर सब प्रेम मग्न हो गए। हम कौन हैं और कहां हैं? यह सुध भी भूल गए। हाथ जोड़, टकटकी लगाए देखते रह गए। प्रेम के कारण कुछ कह नहीं सके। नीचे राम दरबार, मंदिर, चौपाइयां पढ़ते संत। और उसी मंदिर के पीछे से संकरी सीढ़ियों का रास्ता। सीढ़ियां खत्म होते ही सीआरपीएफ की चौकी। हथियारों से लैस सैनिक और ऊपर छत को घेरे कंटीले तार। जैसे कोई संत की छावनी नहीं वॉर जोन हो।

सामने बड़ा सा कांच और उसके दाहिने ओर छोटी सी खिड़की। नीचे श्री गुरुदेव का चरणामृत लिखा स्टूल और उस पर लोटा में पानी। दान पेटी। और दूसरी ओर चरणपादुकाएं, उनपर ताजे फूल हैं। यहां राममंदिर आंदोलन के योद्धा, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास रहते हैं।

बड़े से कांच के पीछे पर्दा है। उसके खुलने के पहले ही भक्त साष्टांग हो रहे हैं। पर्दा खुलता है, पीछे अस्पताल के रोटेटिंग बेड पर सिरहाना लगाए गुरुजी बैठे हैं। पास खड़ा शिष्य पैर दबा रहा है। वह प्यार से उसका सिर सहला देते हैं। 85 साल के नृत्यगोपाल दास बमुश्किल कुछ कहते हैं। भक्तों को देखकर मुस्कुरा देते हैं, या आशीर्वाद देते वक्त जयसियाराम कहते हैं। अब इस उम्र में उन्हें कुछ याद तक नहीं। उनका मन और जहन किसी बच्चे सा हो चला है। बीती बिसरी बातों से उन्हें अचानक कुछ याद आता है और वह बड़बड़ाने लगते हैं…रामलला का मंदिर बनेगा, भव्य मंदिर बनेगा। यह राममंदिर आंदोलन के सबसे मजबूत संत की बेहद भावुक कहानी है।

साये की तरह उनके साथ रहने वाले जानकी दासजी उनसे कहते हैं, यह आपसे सवाल पूछने आए हैं। फिर दुलार से समझाते हैं, आप अध्यक्ष हैं ना इसलिए…। नृत्यगोपाल दास वहां मौजूद लोगों को प्रसाद देने का इशारा करते हैं। खुद सारी उम्र सिर्फ फलाहार करते रहे हैं। सख्त नियम-कायदों वाले संत। इनदिनों सुबह कक्ष में बने मंदिर में ही पूजन होता है। व्हीलचेयर पर लिफ्ट से नीचे बड़े हनुमान जी के दर्शन को ले जाते हैं। गाहे-ब-गाहे मोबाइल फोन पर बांके बिहारी के दर्शन भी करवाते हैं। 22 तारीख को वह भी रामलला के दर्शन को जाएंगे, शायद यह बात जानते तक नहीं। पर मंदिर की बात सुनकर हर बार मुस्कुरा जरूर देते हैं। हां, दिन में कई बार बुदबुदाते हैं…जयसियाराम। सीताराम।

सबसे लंबा समुद्री पुल तैयार, 12 जनवरी को पीएम करेंगे उद्घाटन

देश की सबसे महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का प्रधानमंत्री मोदी आध्यात्मिक प्रणेता स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी को उद्घाटन करेंगे। यह देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है। 6 लेन वाले पुल की कुल लंबाई 21.8 किमी है। इसका 16.5 किमी. हिस्सा समुद्र और शेष 5.5 किमी. हिस्सा जमीन पर है।

एमटीएचएल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को पुल का निरीक्षण किया, इसके बाद उद्धाटन की तिथि की घोषणा की। पुल को एमएमआरडीए ने निर्मित किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना से मुंबई के शिवड़ी और रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। यह आर्थिक राजधानी का चेहरा बदल देगा।

बंगाल और बिहार में सीट बंटवारे पर गठबंधन में खटपट, कांग्रेस कर रही सम्मानजनक सीटों की मांग

विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खटपट बढ़ती जा रही है। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि उसने कांग्रेस के लिए अपना दिल खुला रखा है, लेकिन वार्ता नाकाम रहने पर वह अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है। वहीं, बिहार में कांग्रेस ने कहा कि सम्मानजनक सीटें न मिलने पर न केवल पार्टी बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू समेत पूरे सत्तारूढ़ महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ेगा।

तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, स्थानीय कांग्रेस नेता सीटों को लेकर क्या सोच रहे हैं, इसका कोई मतलब नहीं है अंतिम निर्णय दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व लेंगे। हमारी नेता ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस के लिए हमारा दिल खुला है। वहीं, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यदि कांग्रेस मात्र चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो जदयू समेत पूरे महागठबंधन को नुकसान होगा। उनका यह बयान इन अटकलों पर आया है कि राज्य की 40 सीटों में से कांग्रेस को चार सीटें दी जाएंगी। जदयू ने कहा कि मौजूदा समय में हमारे पास 16 सांसद हैं। इन पर दावे या किसी भ्रम का सवाल ही नहीं उठता है।

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस को लेकर मुंबई में निकाली परेड; कर्नाटक में सड़क हादसे में तीन की मौत

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर मुंबई में परेड आयोजित की गई। इसमें राज्यपाल रमेश बैस ने भाग लिया। उनके अलावा भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं के वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित 500 से अधिक पूर्व सैनिकों ने मरीन ड्राइव पर मार्च किया। परेड का उद्देश्य राष्ट्र की सेवा में दिग्गजों के गौरवशाली योगदान के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करना है।

इस मौके पर नौसेना के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘मैंने इस परेड को आयोजित कराने की पहल की, जिसे मुख्यालय ने मंजूरी दे दी।’ उन्होंने कहा कि यह एक वार्षिक कार्यक्रम होने जा रहा है, जहां वरिष्ठ दिग्गज परेड का नेतृत्व करेंगे। ऐसे कार्यक्रम से युवा देख सकते हैं कि सैनिकों का सम्मान कैसे किया जाता है। यह युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए एक प्रेरणा हो सकती है।

पूर्व अधिकारी ने कहा कि पूर्व सैनिकों की सिर्फ कुछ मांगे हैं, जो वो चाहते हैं। जैसे- पेंशन, चिकित्सा सहायता और सम्मान। कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत जिले के तुरुवेकेरे के पास एक तेज रफ्तार कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई।

तिप्तूर के रहने वाले तीनों लोग आदि चुनचनगिरी मठ से लौट रहे थे, जब शनिवार रात यह हादसा हुआ। पुलिस ने बताया कि 21 साल के अनिल कुमार और नरसिम्हा मूर्ति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 19 साल की काव्या ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्री की पोस्ट से हुआ विवाद, सोशल मीडिया पर भिड़े यूजर्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया था। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं और भारत में मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। दरअसल पीएम मोदी ने भी देशवासियों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। यह तुलना इतनी ज्यादा बढ़ी कि मालदीव की सरकार भी परेशान हो गई। अब मालदीव के एक मंत्री की इस मामले को लेकर की गई पोस्ट पर विवाद हो गया है।

मालदीव के मंत्रियों ने साधा निशाना
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘मालदीव के पर्यटन को निशाना बनाने के लिए मैं भारत के पर्यटन को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन भारत को हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है।’ इस पोस्ट में पीएम मोदी को भी टैग किया गया है।

मालदीव के एक अन्य नेता जाहिद रमीज ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने को लेकर लिखा कि ‘बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम ही है। वह हमारे जैसी सर्विस कैसे देंगे? साथ ही वहां के बीच साफ कैसे रह सकते हैं? कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी सबसे बड़ी चुनौती है।’

बच्चा करता है लोगों से बदतमीजी तो डांटें नहीं, इन टिप्स से सुधारें आदत

अभिभावक के लिए बच्चे को अच्छे संस्कार देना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। जब तक बच्चा छोटा होता है, उसे समझाना और सिखाना आसान होता है लेकिन बड़े हो रहे बच्चे की विचार, व्यवहार में बदलाव आने लगते हैं। ऐसे में अक्सर बच्चे दूसरों का अनादर, गैरजिम्मेदारा बर्ताव, अशिष्ट बातें भी कर जाते हैं। बच्चे के बदतमीजी करने पर माता-पिता उसे डांटते हैं लेकिन इससे बच्चे का बर्ताव अधिक अशिष्ट हो सकता है। वह तुरंत तो चुप हो जाएगा लेकिन उनके बर्ताव में बदलाव नहीं आएगा। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी अधिक गुस्सैल है और गुस्से में दूसरों से बदतमीजी से बात करता है तो उसे डांटे नहीं, बल्कि उनकी आदत में सुधार लाएं। बच्चे की गलत आदतों को सुधारने के लिए अपनाएं ये तरीके।

बच्चे पर चिल्लाएं नहीं

बच्चे के बर्ताव का कारण अक्सर आसपास का माहौल और उनको दिए जाने वाले संस्कार का हिस्सा हैं। बच्चे देखकर अधिक सीखते हैं। ऐसे में अगर बच्चा अशिष्ट व्यवहार करता है तो उसपर चीखें-चिल्लाए नहीं। बच्चे को प्यार से समझाएं। बच्चे का गुस्सा शांत हो जाएगा तो वह शांति से बात करेगा और आपकी बात को समझेगा।

बहस से बचें

अक्सर बच्चा जिद में बहस करने लगता है। बहस करने की आदत बच्चे में आक्रामकता और गुस्सा बढ़ाती है और वह बहसबाजी में बदतमीजी करने लग जाता है। लेकिन बहस हमेशा दो लोगों के बीच होती है। अगर बच्चा आपसे बहस करे तो उस वक्त शांत हो जाएं। बच्चे से बहस करने से बचें और उनकी बात सुनें। इससे वह भी आपकी बातों को ध्यान से सुनेंगे और जिद कम करेंगे।

बच्चे की मन की बात समझें

बच्चे के बुरे व्यवहार को ठीक करने के लिए उसके व्यवहार की वजह जानें। हो सकता है कि वह किसी बात से असंतुष्ट व नाखुश हो। बच्चे के मन को टटोलें और समझने का प्रयास करें कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है, ताकि उसकी परेशानी का हल निकालकर उसके व्यवहार में बदलाव लाया जा सके।

संगत पर ध्यान

बच्चे के आसपास का माहौल उसके व्यवहार का कारण है लेकिन अगर घर पर उसे अच्छा माहौल मिल रहा है, फिर भी बच्चा गलत बर्ताव करता है तो जरूर उसकी संगत खराब हो सकती है। बच्चे के दोस्त कैसे हैं, वह अपना वक्त किन लोगों के बीच और किस काम में अधिक बिताता है, टीवी या मोबाइल पर किस तरह के कार्यक्रम देखता है, इस पर नजर रखें, ताकि गलत संगत से उसे दूर कर पाएं।

नियम बनाएं

हर चीज के लिए अनुशासन और नियम होते हैं। बच्चे के लिए भी कुछ नियम जरूर बनाएं। बच्चे को बताएं कि उसे इन नियमों के पालन की जरूरत क्यों हैं। बच्चा जब अनुशासन और नियम का पालन करेगा तो वह गलत बर्ताव करने से बचेगा।