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लकवाग्रस्त मरीजों का बदलेगा जीवन, जो भी सोचेंगे वो कम्प्यूटर पर लिखा मिलेगा

पैरालिसिस के मरीज की हालत क्या होती है इसका अंदाजा केवल उस मरीज को होता है. कभी वह सोच नहीं सकता है तो कभी सोचकर भी कुछ कर नहीं सकता है. लेकिन नित नए प्रयोग ने कुछ ऐसा करने का दावा किया है कि लकवाग्रस्त मरीज अब जो कुछ भी सोचेगा वह उसके कम्प्यूटर पर सामने लिखा होगा.

लकवा रोगियों के लिए ब्रेन ट्रांसप्लांट के पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए भर्ती शुरू करने के लिए एक बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. आर्टिमिस अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोफीजिशियन डॉक्टर सुमित सिंह ने टीवी9 भारत से बातचीत में बताया कि साल 2016 से इस तकनीक पर काम हो रहा है जिसमें अब ह्यूमन ट्रायल की अनुमती मिली है.

क्या है इसके पीछे की तकनीक

डॉक्टर सुमित सिंह ने कहा कि अभी भी बहुत सारे ऐसे डिवाइस हैं जो ब्रेन में सूक्ष्म विद्युतीय तरंगे प्रवाहित करते हैं जैसे की ब्रेन स्टिमुलेशन्स है या फिर स्पाइनल कॉर्ड स्टिमुलेशन्स है. इसमें बात उल्टी होगी जैसा मुझे समझ में आता है कि इसमें ब्रेन की इलेक्ट्रिकल एनर्जी है उसको चिप पिकअप करेगा और उसकी एक इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट करेगा. इन सबके बीच संभव है रेडियो फ्रीक्वेंसी के द्वारा एक कंप्यूटर के मदरबोर्ड से संपर्क स्थापित करेगा। यह उल्टा होगा नॉर्मली हम क्या करते हैं कि रेडियो फ्रीक्वेंसी से दिमाग के अंतर जो इलेक्ट्रोंस डालते हैं उसे इलेक्ट्रोड में जाने वाले करंट की मात्रा को हम घटाते अथवा बढ़ाते हैं. इसमें उल्टा होगा इसमें मरीज के थॉट्स एक इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करेंगे जिसको रेडियो फ्रीक्वेंसी में कन्वर्ट किया जाएगा जो कि जो की माइक्रोप्रोसेसर से कांटेक्ट स्थापित करके कंप्यूटर को पढ़ लेगा.

कैसे काम करेगा यह डिवाइस

डॉक्टर सुमित सिंह ने कहा कि यह जो डिवाइस है जिसको न्यूरो लिंक का नाम दिया गया है इसके ऊपर रिसर्च काफी समय से चल रही है लेकिन अभी-अभी उसे कंपनी को उसे कंपनी को ह्यूमन ट्रायल्स की परमिशन दी गई है. उन्होंने कहा कि रिसर्च में पहले एनिमल्स ट्रायल्स होते हैं एनिमल ट्रायल्स के बाद पेशेंट की सेफ्टी है या नहीं यह चेक किया जाता है. इसे बोलचाल की भाषा में फेस 1 ट्रायल बोलते हैं. इसको उसके बाद वह इफेक्टिव है या नहीं है यह ट्राई किया जाता ह. उसकी फेस टू ट्रायल बोलते हैं और फिर फेस 3 ट्रायल्स आता है. उसके बाद वह प्रोडक्ट अगर इफेक्टिव हो तो उसे रेगुलेटरी अथॉरिटीज के पास जाता है और फिर मार्केट में आता है.

बार बार सिर दर्द से है परेशान ?? तो इस विटामिन को अपनी डाइट में करे शामिल

अक्सर लोग सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते है।कुछ लोगो को शाम के समय सिर में दर्द होने लगता है तो कुछ को सुबह उठते ही सिर होना शुरू हो जाता है।कई बार यह सिर दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है तो यह बीमारी का रूप ले लेता है जिसे हम माइग्रेन कहते है।इतना ही नहीं कई बार सिर दर्द विटामिन डी की कमी के कारण होता है।विटामिन डी ब्रेन एक्टिविटी और न्यूरल फंक्शन को काफी हद तक प्रभावित करती है।जिसके कारण से सिर दर्द होने लगता है।

तो आइए जानते है किस विटामिन की कमी से सिर दर्द होने लगता है। : शरीफा का सेवन करने से दूर होगी सेहत से जुडी कई समस्या,जानिए

किस विटामिन से सिर दर्द होता है ??
विटामिन डी की कमी से सिरदर्द और शरीर में सूजन और आपको न्यूरॉन्स की समस्या होने लगती है।इतना ही नहीं विटामिन डी की कमी की कारण से माइग्रेन और दूसरे सिरदर्द होने लगते है।यह पहले तो ब्रेन के अंदर सूजन करती है और फिर आपके न्यूरॉन्स को प्रभावित करती है। विटामिन डी की कमी नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाकर नर्व इंपल्स को बढाती और सिर में दर्द का कारण बनती है।इस समस्या से बचने के लिए लोगो को अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा विटामिन डी फ्रूट्स शामिल करना चाहिए।इसके पनीर,अंडे,मछली,दूध,अनाज,सोया सीड्स ,संतरे का जूस,मशरूम आदि।

‘चिंता की बात तो है…’, भारत पर कनाडा के आरोप को लेकर क्या बोला ऑस्ट्रेलिया

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह हत्याकांड में कनाडा की ओर से भारत पर लगाए संगीन आरोप पर ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि इस मामले की अभी जांच चल रही है लेकिन इससे संबंधित जो रिपोर्टें सामने आई हैं, वो चिंता पैदा करने वाली हैं.

हम अपने सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. इसके अलावा हमने इस मुद्दे पर भारत से भी बात की है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से यह टिप्पणी विदेश मंत्री पेनी वांग ने की है.

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह हत्याकांड को लेकर कनाडा ने आरोप लगाया है कि इसमें भारत का हाथ है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है. कनाडा के इस बयान के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है. कनाडा ने भारत पर कार्रवाई करते हुए भारतीय खुफिया रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को निष्कासित कर दिया है. भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित हुए पांच दिन के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा है.

चिंता करने वाली बातः ऑस्ट्रेलिया

अमेरिकी शहर न्यूयार्क में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वांग से जब पूछा गया, “कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि एक कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे भारत का हाथ है. आपके अनुसार इस आरोप का फाइव आईज गठबंधन और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “जो रिपोर्टें सामने आईं हैं, वो चिंताजनक हैं. मैंने देखा है कि इसकी अभी जांच जारी है. हम अपने सहयोगियों के साथ इस जांच की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.

ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे को भारत के साथ उठाया है? इस पर उन्होंने कहा कि हां, ऑस्ट्रेलिया ने इन मुद्दों को भारतीय समकक्षों के साथ उठाया है.

क्या क्वाड देशों से भी बात करेगा ऑस्ट्रेलिया?

जापान, अमेरिका और भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया भी क्वाड समूह का हिस्सा है. ऐसे में पेनी वांग से जब पूछा गया कि क्या वो इस मुद्दे को क्वाड के सदस्य देश जापान के साथ भी उठाएंगी?

इस पर उन्होंने कहा कि आप किसी भी देश के विदेश मंत्री से यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वह इस पर विस्तार से बात करे कि वह किस मुद्दे को और कैसे उठाएंगे. लेकिन मैं आपसे कहना चाहूंगी कि आप जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया का सिद्धांत है कि सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए. हमारा मानना है कि कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया का विचार उन सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करता है.

गजब का IPO: ₹15 पर आया था, अब ₹393600 का कराया मुनाफा, बोनस भी दे चुकी कंपनी

सप्ताह के तीसरे दिन बुधवार को शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली रही। इस बिकवाली के बीच शशिजीत इंफ्राप्रोजेक्ट्स के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई।

बुधवार को शेयर की कीमत 40.56 रुपये पर बंद हुई। यह एक दिन पहले के मुकाबले 3.52% की गिरावट को दिखाता है। बता दें कि शशिजीत इंफ्राप्रोजेक्ट्स का आईपीओ बीएसई पर लिस्ट हुआ था।

₹15 प्रति शेयर था इश्यू प्राइस
इस आईपीओ के लिए इश्यू प्राइस ₹15 प्रति शेयर तय किया गया था और आईपीओ के लॉट साइज में 8000 कंपनी के शेयर शामिल थे। इसलिए एक खुदरा निवेशक को एसएमई आईपीओ के लिए आवेदन करते समय कम से कम ₹1,20,000 ( ₹15 x 8,000) का निवेश करना पड़ा होगा। एसएमई आईपीओ बीएसई पर ₹15.85 प्रति शेयर के स्तर पर सूचीबद्ध हुआ। ऐसे में जिन निवेशकों को आईपीओ अलॉट हुआ वो लगभग 5.50 प्रतिशत प्रीमियम पर लिस्ट हुआ।

शशिजीत इंफ्राप्रोजेक्ट्स ने अक्टूबर 2018 में 1:5 रेश्यो से बोनस शेयर देने का ऐलान किया। बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट – bseindia.com पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 1:5 अनुपात में बोनस शेयर जारी करने के लिए पात्र शेयरधारकों का पता लगाने के लिए स्मॉल-कैप एसएमई स्टॉक ने 12 अक्टूबर 2018 को एक्स-बोनस कारोबार किया। इसका मतलब है कंपनी के हर 5 शेयर पर एक बोनस शेयर दिए जाएंगे। जिस निवेशकों को आईपीओ अलॉट हुआ है और वो होल्ड बनाए रखे हैं, तो शेयरों की कुल संख्या बढ़कर 9,600 8,000 x (1+5)}/5] हो गई होगी।

पंजाब नहीं, इस राज्य ने की ‘गदर 2’ पर पैसों की बारिश; यहां देखिए कमाई का राज्यवार डेटा

‘गदर 2’ ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी खासी कमाई कर ली है। ‘जवान’ की तूफानी पारी के बाद भी ‘गदर 2’ बॉक्स ऑफिस पर डटकर खड़ी है। तारा और सकीना की आइकॉनिक जोड़ी को देखने के लिए अब भी लोग सिनेमाघरों में जा रहे हैं।

देश के हर राज्य में सनी देओल की फिल्म पैसा कमा रही है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि ‘गदर 2’ ने सबसे ज्यादा कमाई किस राज्य से की है? आइए जानते हैं।

नंबर वन पर है ये राज्य
‘गदर 2’ को सबसे ज्यादा मुंबई में देखा गया है। एबीपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के सिनेमाघरों से ‘गदर 2’ ने 143.30 करोड़ रुपये का बंपर कलेक्शन किया है। इसके बाद है दिल्ली यूपी। कहा जा रहा है कि सनी देओल और अमीषा पटेल की फिल्म ने दिल्ली और यूपी से 125.29 करोड़ रुपये की कमाई की है। यहां देखिए पूरी लिस्ट।

किस राज्य में हुई कितनी कमाई?
1. मुंबई – 143.3 करोड़ रुपये
2. दिल्ली यूपी – 125.29 करोड़ रुपये
3. ईस्ट पंजाब – 64.40 करोड़ रुपये
4. सीपी – 27 करोड़ रुपये
5. सीआई – 16.98 करोड़ रुपये
6. राजस्थान – 27.07 करोड़ रुपये
7. निजान-एपी – 17.59 करोड़ रुपये
8. मैसूर – 21.26 करोड़ रुपये
9. वेस्ट बंगाल – 19.27 करोड़ रुपये
10, बिहार- झारखंड – 21.82 करोड़ रुपये
11. असम – 10.63 करोड़ रुपये
12. उड़ीसा – 8.80 करोड़ रुपये
13. तमिलनाडु और केरल – 2.93 करोड़ रुपये

कुल कमाई
‘गदर 2’ को रिलीज हुए 40 दिन हो गए हैं। इन 40 दिनों में फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 520.8 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। फिल्म के वर्ल्डवाइड कलेक्शन की बात करें तो ‘गदर 2’ ने 680 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया है।

वायनाड महिला के लिए रिज़र्व हो गया तो क्या करेंगे, अमित शाह ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

20 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बुधवार को बोलते हुए कांग्रेस समेत अन्य विरोधी दलों पर निशाना साधा।

अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला सशक्तीकरण पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, कुछ दलों के लिए महिला सशक्तीकरण का नारा चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन, उनकी पार्टी और उनके नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं, मान्यता का मुद्दा है।

यह उनके लिए उनके स्वभाव और संस्कृति का मुद्दा है।

शाह ने बिल को युग बदलने वाला विधेयक करार देते हुए इसे लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार भी जताया।

शाह ने कहा कि चुनाव के बाद जनगणना और डिलिमिटेशन तुरंत होगा और बहुत जल्द वह दिन आएगा, जब एक तिहाई माताएं-बहनें यहां बैठकर देश का भाग्य तय करेंगी।

राहुल गांधी के बाद भाषण देने के लिए खड़े हुए अमित शाह ने सदन में बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं के स्थान को वही समझ सकता है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हो, वह नहीं समझ सकते, जिनकी जड़ें भारत से नहीं जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह यह कहना नहीं चाहते हैं कि उनकी जड़ें कहां से जुड़ी हैं।

शाह ने एससी और एसटी के अलावा अन्य वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के संविधान के मुताबिक वर्तमान में सिर्फ तीन कैटेगरी – सामान्य, एससी और एसटी – से सांसद चुन कर आते हैं और तीनों ही कैटेगरी में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बिल में है।

राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों द्वारा इसे तुरंत लागू करने की मांग का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारतीय चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने में डिलिमिटेशन कमीशन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करते हैं और जिसमें चुनाव आयोग, अन्य संस्थाएं और सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी होते हैं।

शाह ने आगे कहा कि अब एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करनी है तो वह कौन तय करेगा ? ये (विपक्षी दल) कह रहे हैं तुरंत करो, मतलब हम करें और वायनाड (राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र) रिजर्व हो गया तो क्या करोगे, तब कहेंगे राजनीतिक कारणों से कर दिया। हैदराबाद रिज़र्व हो गया तो ओवैसी साहब क्या कहेंगे। इसलिए यह अच्छा होगा कि डिलिमिटेशन कमीशन सभी राज्यों में जाकर ओपन हियरिंग के बाद पारदर्शी तरीके से यह तय करे कि कौन सी सीटें रिज़र्व की जाएं।

NMC का बड़ा फैसला, कटऑफ में कटौती से लाखों छात्रों को फायदा

राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (एनीईटी पीजी) के लिए चयनित प्रतिश्रेणी के लिए परीक्षण परसेंटाइल को ‘शून्य’ कर दिया गया है, इस निर्णय की घोषणा मेडिकल कॉलेज कमेटी (एमसीसी) द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में की गई है।

1. कटऑफ परसेंटाइल शून्य पर कम: आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, “उम्मीदवारों को सूचित किया जाता है कि एनीईटी पीजी काउंसलिंग 2023 के लिए पीजी कोर्सेस (मेडिकल/डेंटल) के लिए पारंपरिक परसेंटाइल को ‘शून्य’ कर दिया गया है, सभी प्रतिश्रेणियों के द्वारा योग्यता प्राप्त करने के लिए मिनफ्यूल होना चाहिए.”

2. पंजीकरण और विकल्प भरने की फिर से अनुमति: इस घोषणा के बाद, पीजी काउंसलिंग के दूसरे-तीसरे दौर के लिए ताजा पंजीकरण और विकल्प भरने की अनुमति फिर से दी जाएगी। परसेंटाइल की आवश्यकता के कारण पहले अयोग्य छात्रों को अब पोस्टग्रेजुएट परीक्षा के लिए पंजीकरण करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, पहले से पंजीकृत छात्रों को अपने विकल्पों को संपादित करने की भी अनुमति दी जाएगी।

3. पीजी काउंसलिंग के लिए नया अनुसूची: पीजी काउंसलिंग के दूसरे-तीसरे दौर के लिए एमसीसी वेबसाइट पर जल्द ही नई अनुसूची प्रकट की जाएगी। उम्मीदवारों को आगे के अपडेट्स प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से वेबसाइट की जांच करने की सलाह दी जाती है।

नीट पीजी के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए परीक्षण परसेंटाइल उस न्यूनतम रैंक है जिस पर पोस्टग्रेजुएट मेडिकल शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश स्वीकार किया जाता है। 2022 में सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम योग्यता मानदंड को 50 परसेंटाइल से 25 परसेंटाइल पर कम किया गया था, जिससे योग्यता के लिए कड़ी मानकों को कम किया गया। सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए पहले कटऑफ 275 था, जिसे फिर से 201 में संशोधित किया गया था ताकि देश के मेडिकल कॉलेजों में अधिक छात्रों को जगह मिल सके। इस पहले कटऑफ के जारी होने के बाद कई सीटें खाली रह गई थीं। एससी/एसटी/ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए, कटऑफ को 245 से 169 परसेंटाइल पर कम किया गया था।

एनीईटी पीजी 2023 के लिए परसेंटाइल को ‘शून्य’ पर कम करना इस प्रवेश प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण सुधार का प्रतीक है, जो देश भर के आग्राही डॉक्टरों के लिए नई अवसरों की संभावना को खोल सकता है।

घर में चाहते हैं चैन-सुकून, तो इन नियमों का करें पालन

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है इसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम और तरीका बताया गया हैं जिसका पालन करना लाभकारी होता है लेकिन इन नियमों की अनदेखी समस्याओं को पैदा करती है।

ऐसे में अगर आप अपने घर में चैन सुकून का जीवन चाहते हैं तो वास्तु से जुड़े नियमों को भूलकर भी नजरअंदाज न करें तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं नियमों के बारे में बता रहे हैं।

इन नियमों को ना करें नजरअंदाज-
वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना शुभ माना जाता है लेकिन भूलकर भी पश्चिम दिशा में सिर नहीं करना चाहिए ऐसा करने से मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है साथ ही इसका नकारात्मक प्रभाव सेहत भी भी देखने को मिलता है। इसके अलावा पढ़ाई करते वक्त घर के बच्चों का मुख हमेशा ही पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए इस दिशा को शुभ माना गया हैं कहते हैं कि इस दिशा में मुख करके पढ़ाई करने से सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति होती है और सेहत भी अच्छी बनी रहती है।

घर में नल से पानी का टपकना अशुभ संकेत माना जाता है ऐसे में अगर आपके घर में किसी नल से पानी टपक रहा है तो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए वरना इसका बुरा असर घर की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है और पैसों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

वास्तु कहता है कि सीढ़ियों के नीचे कबाड़ नहीं रखना चाहिए ऐसा करने से बीमारियां पैदा होती है इसलिए इस स्थान को हमेशा ही साफ सुथरा ही बनाकर रखें। अगर घर के किसी कोने में सीलन है तो यह भी नकारात्मकता को पैदा करता है जो मानसिक तनाव, रोग, आर्थिक परेशानी की वजह होती है।

कुंडली से मंगल दोष दूर करेगा गुड़हल

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है इसमें कई ऐसे पेड़ पौधे बताए गए हैं जिन्हें घर की सही दिशा और स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है। इन्हीं में से एक गुड़हल का पौधा है जो बेहद उपयोगी माना गया हैं।

वास्तु और ज्योतिषशास्त्र में गुड़हल के फूलों के कई अचूक और असरदार उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है साथ ही साथ कुंडली में व्याप्त मंगल दोष भी दूर होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गुड़हल के असरदार उपाय बता रहे हैं।

गुड़हल के आसान उपाय-
अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष व्याप्त है तो इससे छुटकारा पाने में गुड़हल बेहद मददगार साबित हो सकता हैं। इसके लिए आप अपने घर में श्एक गुड़हल का पौधा लगाएं। इससे मंगल मजबूत होता है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है। समाज में मान सम्मान बढ़ाने के लिए आप सूर्य भगवान की उपासना करते वक्त गुड़हल के पुष्पों का प्रयोग जरूर करें सूर्य को जल देते वक्त पानी में गुड़हल के फूल जरूर डालें ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

आर्थिक तंगी व कर्ज से छुटकारा पाने के लिए घर में गुड़हल का पौधा लगाएं और इसकी देखभाल करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा बरसाती है और आर्थिक परेशानी व कर्ज से मुक्ति मिलती है। घर की नकारात्मकता और वास्तुदोष को दूर करने के लिए आप घर में गुड़हल के ताजे फूल जरूर रखें। ऐसा करने से लाभ मिलता है।

झाड़ू से जुड़ी ये गलतियां बनती हैं कलह कलेश और तनाव की वजह

वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है इसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम बताए गए हैं वास्तु में झाड़ू को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन लाभकारी माना जाता है लेकिन अनदेखी घर में कलह कलेश और तनाव का कारण बनती है।

तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं नियमों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

ना करें ये गलतियां-
वास्तु और ज्योतिष अनुसार झाड़ू को कभी भी पैर नहीं मारना चाहिए अगर गलती से पैर लग जाए तो हाथ लगाकर क्षमा मांगे। इसे पैर लगाने से माता लक्ष्मी नाराज़ हो जाती है। वास्तु अनुसार झाड़ू को घर में कहीं पर भी नहीं रख देना चाहिए बल्कि इसके लिए एक निश्चित जगह बनानी चाहिए। जहां किसी बाहरी की नजर ना पड़ें। इसके अलावा झाड़ू को पूजा घर, तुलसी, तिजोरी, रसोई और बेडरूम में भी नहीं रखना चाहिए यहां पर झाड़ू रखना अशुभ माना जाता है।

अगर घर की झाड़ू बेकार हो गई हैं तो इसे कभी भी वीरवार या फिर शुक्रवार के दिन बाहर नहीं फेंकना चाहिए। एकादशी और पूर्णिमा के दिन भी ऐसा नहीं करना चाहिए इसे अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही कभी भी पुरानी झाड़ू को जलाना नहीं चाहिए ऐसा करने से लक्ष्मी नाराज़ हो जाती है।

शास्त्र अनुसार शाम के वक्त भूलकर भी झाड़ू नहीं लगाना चाहिए ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है जिससे परिवार को दुख दरिद्रता और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है।