Friday , October 25 2024

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सर्वदलीय बैठक में उठा महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा, क्षेत्रीय दलों ने सरकार से की यह अपील

संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस दौरान बीजू जनता दल (बीजद) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) समेत कई क्षेत्रीय दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने पर जोर दिया। सर्वदलीय बैठक में शामिल होने संसद भवन परिसर पहुंचे कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वदलीय बैठक के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक संघर्ष और मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दे उठाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. देवेगौड़ा, द्रमुक सांसद कनिमोझी, तेदेपा के राम मोहन नायडू, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के. केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।

भारत ने वनडे फाइनल में सबसे बड़ी जीत हासिल की, 263 गेंद रहते जीता मैच

एशिया कप के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 10 विकेट से हराकर आठवीं बार खिताब जीत लिया है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई पारी 15.2 ओवर में 50 रन पर सिमट गई। मोहम्मद सिराज ने छह विकेट झटके। जवाब में भारत ने 6.1 ओवर यानी महज 37 गेंदों में मैच जीत लिया। शुभमन गिल 19 गेंदों में 27 रन और ईशान किशन 18 गेंदों में 23 रन बनाकर नाबाद रहे।
वनडे फाइनल में गेंदों के हिसाब से सबसे बड़ी जीत
भारत ने किसी भी वनडे फाइनल में गेंद शेष रहने के मामले में सबसे बड़ी जीत हासिल की है। टीम इंडिया ने एशिया कप के फाइनल में 263 गेंद शेष रहते मैच जीता। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था। उन्होंने 2003 में सिडनी में त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 226 गेंद शेष रहते मैच जीता था।

वनडे फाइनल में सबसे बड़ी जीत (गेंद शेष रहते)
गेंद शेष मैच जगह, साल
263 IND vs SL कोलंबो, 2023
226 AUS vs ENG सिडनी, 2003
179 AUS vs PAK लॉर्ड्स, 1999
वनडे में भारत की सबसे बड़ी जीत (गेंद शेष रहते)

गेंद शेष खिलाफ जगह, साल
263 श्रीलंका कोलंबो, 2023
231 केन्या ब्लोमफोंटेन, 2001
211 वेस्टइंडीज तिरुवनंतपूरम, 2018
188 इंग्लैंड ओवल, 2022
वनडे फाइनल में तीसरी बार 10 विकेट से जीत
वहीं, यह भारत की भी वनडे में गेंद शेष रहते सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले टीम इंडिया ने 2001 में केन्या के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में 231 गेंद शेष रहते मैच जीता था। यह तीसरी बार है जब किसी वनडे फाइनल में किसी टीम ने 10 विकेट से मैच जीता है। इससे पहले टीम इंडिया ने 1998 में शारजाह में जिम्बाब्वे के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 2003 में त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में 10 विकेट से जीत हासिल की थी।
वनडे फाइनल में 10 विकेट से जीत

स्कोर मैच
(कौन vs किसके खिलाफ) जगह, साल
197/0 IND vs ZIM शारजाह, 1998
118/0 AUS vs ENG सिडनी, 2003
51/0 IND vs SL कोलंबो, 2023

भारत और श्रीलंका के बीच एशिया कप 2023 फाइनल गेंदों के हिसाब से वनडे इतिहास का तीसरा सबसे छोटा मैच है। इस मैच में दोनों पारियों को मिलाकर कुल 129 गेंदें फेंकी गईं। इस मामले में शीर्ष पर नेपाल बनाम अमेरिका मैच है। यह मैच 2020 में कीर्तिपुर में खेला गया था और इस मुकाबले में कुल 104 गेंदें फेंकी गईं थीं। दूसरे नंबर पर श्रीलंका बनाम जिम्बाब्वे मैच है। यह मैच 2001 में खेला गया था। कोलंबो में खेले गए इस मुकाबले में 120 गेंदें फेंकी गईं थीं।
गेंदों के हिसाब से सबसे छोटा वनडे

गेंदें फेंकी गईं मैच
(कौन vs किसके खिलाफ) जगह, साल
104 Nepal vs USA कीर्तिपुर, 2020
120 SL vs ZIM कोलंबो (SSC), 2001
129 IND vs SL कोलंबो (RPS), 2023
140 SL vs CAN पार्ल, 2003

मैच की बात करें तो श्रीलंका के सिर्फ दो बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा छू सके। कुसल मेंडिस 17 रन और दुशन हेमंथा 13 रन बना सके। पांच श्रीलंकाई बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सके। इनमें कुसल परेरा, सदीरा समरविक्रमा, चरिथ असलंका, दासुन शनाका और मथीशा पथिराना शामिल हैं। पथुम निसांका दो रन, धनंजय डिसिल्वा चार रन, दुनिथ वेलालगे आठ रन और प्रमोद मदुशन एक रन बना सके। सिराज ने मैच में कहर बरपाया। उन्होंने चौथे ओवर में चार विकेट झटके।

चौथे ओवर में सिराज का जलवा
सिराज ने चौथे ओवर की पहली गेंद पर पथुम निसांका को रवींद्र जडेजा के हाथों कैच कराया। इसके बाद सदीरा समरविक्रमा को तीसरी गेंद पर एल्बीडब्ल्यू आउट किया। चौथी गेंद पर उन्होंने चरिथ असलंका को ईशान किशन के हाथों कैच कराया। हालांकि, वह हैट्रिक से चूक गए। पांचवीं गेंद चौके के लिए चली गई। इसके बाद आखिरी गेंद पर सिराज ने धनंजय डिसिल्वा को विकेटकीपर राहुल के हाथों कैच कराया।

यूपी पीसीएस मेन्स एग्जाम का एडमिट कार्ड जारी, इस लिंक से करें डाउनलोड

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने संयुक्त राज्य/उच्च अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा (UPPSC PCS) 2023 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं. जो उम्मीदवार प्रीलिम्स एग्जाम में क्वालीफाई हुए थे, वे अब यूपीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर जाकर अपना एडमिट कार्ड (UPPSC PCS Admit Card 2023) चेक और डाउनलोड कर सकते हैं.

शेड्यूल के अनुसार, यूपीपीएससी पीसीएस मुख्य परीक्षा 2023 26 से 29 सितंबर, 2023 तक दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी. पहली शिफ्ट सुबह 9.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक चलेगी. यूपीपीएससी पीसीएस (प्रीलिम्स) 14 मई, 2023 को आयोजित किया गया था और परिणाम 27 जून को घोषित किया गया था.

यूपीपीएससी पीसीएस एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए उम्मीदवार को अपना पंजीकरण नंबर, जन्म तिथि, लिंग और स्वतः उत्पन्न सत्यापन कोड दर्ज करना होगा. एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का तरीका नीचे देख सकते हैं.

UPPSC PCS Admit Card 2023: ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड
स्टेप 1: वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर जाएं.
स्टेप 2: होम पेज पर एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए लिंक खोलें.
स्टेप 3: आवश्यक लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करें.
स्टेप 4: अपना एडमिट कार्ड सबमिट करें और डाउनलोड करें.

UPPSC PCS Admit Card 2023 Download Link

बता दें कि आयोग ने जून में प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित किये थे. प्रारंभिक परीक्षा के बाद आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, परीक्षा 5,65,459 उम्मीदवारों के लिए आयोजित की गई थी जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था. हालाँकि, बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने परीक्षा छोड़ दी थी और केवल 3,45,022 प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित हुए थे. उनमें से, कुल 4,047 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए और मुख्य परीक्षा देने के पात्र हैं.

वन विभाग ने पुलिस के सहयोग से जब्त की 307 किलो गुच्छियां व मशरूम

वन विभाग की टीम ने उधमपुर पुलिस के सहयोग से जखैनी चौक पर नाके के दौरान 307 किलो गुच्छी व मशरूम जब्त की है।

जानकारी अनुसार वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से एक गुप्त सूचना के आधार पर जखैनी चौक पर नाका लगाया तथा गाड़ियों की जांच प्रारंभ की।

वहीं डोडा से जम्मू की ओर जा रही एक जीप जैसे ही नाके के पास पहुंची तो उसे वन विभाग की टीम ने जांच हेतु रोक लिया। टीम ने पुलिस के सहयोग से जब गाड़ी की जांच की तो उसमें बोरियों में भरकर ले जाई जा रही गुच्छियां व मशुरूम जोकि 307 किलो थी को जब्त किया। वहीं वन विभाग की टीम ने गाड़ी को जब्त कर व चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। इसको लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

कानपुर पुलिस ने पकड़ी 35 लाख की अवैध शराब

हरियाणा से बिहार जा रही 35 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब को नवाबगंज थाने की पुलिस ने रविवार को पकड़ा। पुलिस टीम ने तस्करी मामले में कंटेनर और चालक को कब्जे में ले लिया है।

यह जानकारी अपर पुलिस उपायुक्त मध्य आरती सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया कंटेनर चालक समरथ उरई जालौन का निवासी है। पूछताछ में पहले बताया कि कंटेनर में एक टन चावल लदा हुआ है। इतना ही नहीं, उसने बिल्टी समेत अन्य कागजात दिखाया।

उन्होंने बताया कि रविवार भोर में मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी कि अवैध शराब की तस्करी हरियाणा से बिहार जा रही है। नवाबगंज थाने की पुलिस टीम के साथ प्रभारी रोहित तिवारी बिठूर से गंगा बैराज पर घेराबंदी करके पकड़ा। कंटेनर के चालक ने पहले बताया कि गाड़ी में चावल लदा हुआ है,लेकिन जब जांच हुई तो शराब बरामद हुई। पुलिस ने कंटेनर की सील तोड़कर चेक किया तो कंटेनर शराब की पेटियों से भरा हुआ था। पेटियों की गिनती की गई तो 412 पेटियां शराब की बरामद हुई। इसमें 840 फुल बोतल, हाफ की 200 पेटी कुल 4800 बोतल, क्वार्टर की पेटी 142 कुल 6810 क्वार्टर बोतल बरामद हुई। बरामद की गई शराब की बाजार में लगभग 35 लाख रुपए है। पुलिस तस्करी करने वाले गिरोह का सुराग तलाश रही है।

सहायक पुलिस आयुक्त अकमल खान ने बताया कि शराब तस्करी के लिए शराब माफियाओं ने अलग से गाड़ी बनवाई है। जिससे कोई भी आसानी से अंदर क्या है देख नहीं सकता। सिर्फ कागज देखकर वाहन को जाने दे, लेकिन सटीक मुखबिरी से पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की है।

: सितंबर के तीसरे सप्ताह में इन राशियों को मिलेगा लाभ, जानें टैरो कार्ड से अपना हाल

ज्योतिषियों के मुताबिक, सितंबर माह का तीसरा सप्ताह बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि इस नए सप्ताह की शुरुआत ही हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी से होने जा रही है. ये सप्ताह 18 सितंबर से 24 सितंबर तक रहेगा.

टैरो कार्ड्स के अनुसार मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु और कुंभ के लिए यह सप्ताह लाभकारी रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस नए सप्ताह की शुरुआत में कुछ राशियों को लाभ हो सकता है और कुछ राशियों को हानि. आइए ज्योतिर्विद दिशा भटनागर जी जानते हैं कि टैरो कार्ड के मुताबिक आपकी राशि के लिए नया सप्ताह कैसा रहने वाला है.

1). मेष (Aries):-
Cards:-Ten of Wands, Page of Swords

आप खुद को किसी ज़िम्मेदारी में फसा हुआ महसूस कर रहे हैं. संभव है कि आपको सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन उसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ सकती है. कोई नए कार्य की रूपरेखा पर आप सोच विचार कर सकते हैं. इस समय आपको अपने कार्यों को मेहनत से ज्यादा दिमाग का उपयोग करते हुए पूरा करना है. ऐसा कहें कि आपको हार्ड वर्क के बजाय स्मार्ट वर्क पर फोकस करना है. इस समय जिम्मेदारियां आपको खुद को साबित करने का मौका देंगी. आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. घर परिवार में किसी मांगलिक कार्य की योजना बन सकती है. किसी धार्मिक स्थल पर जाने का आपको अवसर प्राप्त होगा.

सलाह: समय प्रतिकूल हो सकता है, पर आप अपने धैर्य और विश्वास के साथ हर चुनौती पार करने में सक्षम रहेंगे.

2). वृषभ ( Taurus):-
Cards: King of Wands,Three of Pentacles

इस समय आप कार्य करने की योजना को पूर्ण कर सकते हैं और जल्द ही आप उसे कार्य में सफल भी होंगे. किसी वरिष्ठ या अनुभवी व्यक्ति का सहयोग आपको कार्य पूर्ण करने में मदद करेगा. इस कार्य से आप काफी सफलता अर्जित करेंगे. आपका व्यक्तित्व ऊर्जा, जोश और आत्मविश्वास से भरा हुआ होगा. आप किसी भी कार्य को पूरी निष्ठा और लगन के साथ करेंगे. परंतु आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना होगा. अत्यधिक परिश्रम करते हुए कभी-कभी हम अपने स्वास्थ्य से लापरवाही कर जाते हैं जो कि आपके लिए ठीक नहीं है. यदि आप किसी नौकरी की तलाश में हैं तो किसी प्रभावशाली व्यक्ति की मदद से आप अपनी पसंद की नौकरी ढूंढ़ पाएंगे. घर परिवार में किसी पूजा पाठ का आयोजन हो सकता है. जिससे धार्मिक वातावरण रहेगा और मां को शांति प्राप्त होगी.

सलाह: आपकी कार्य करने की लगन आपको कार्य से दूर नहीं जाने देगी जिसके कारण आप कई बार अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो सकते हैं. कार्य के साथ-साथ आराम का ध्यान रखना हमारे लिए आवश्यक होता है.

3). मिथुन (Gemini):-
Cards: King of Pentacles,Three of swords

आने वाला समय थोड़ा कष्टकारी हो सकता है, आपको धैर्य और संयम के साथ इस समय को निकलना होगा. आपको अपनी मेहनत के अनुसार इस वक्त परिणाम प्राप्त नहीं हो रहा है, जिसके कारण आपका मन उदास और परेशान रह सकता है. परंतु यह स्थिति ज्यादा समय नहीं चलेगी, जल्दी आपकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी हो जाएगी. इस समय आपको थोड़ा सावधानी से रहने की जरूरत है. आपको इस चीज का ध्यान रखना होगा, कि आप अपना धन का निवेश किस जगह पर कर रहे हैं. क्योंकि इस समय धन के निवेश से आपको नुकसान भी हो सकता है. इस समय मन विचलित रह सकता है क्योंकि चीज आपके अनुकूल नहीं होगी. थोड़ा धैर्य और संयम बनाए रखें, धीरे-धीरे सब चीज अनुकूल होना शुरू हो जाएगी.

सलाह: जब हम परेशानी में होते हैं, तो जरा सी चीज भी राहत देती है. हम उसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं, पर सावधान रहिए हर आकर्षित चीज आपके लिए लाभदायक हो यह जरूरी तो नहीं है.

4). कर्क (Cancer):-
Cards: Seven of Swords,Three of Wands

आने वाला समय आपको दो तरह की परिस्थितियों से रूबरू होने का मौका दे रहा है. एक तरफ आपको किसी कार्य में काफी अच्छी सफलता प्राप्त हो सकती है, विदेश जाने का अवसर भी मिल सकता है. दूसरी तरफ कुछ लोग आपकी सफलता से जलने के कारण आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. आपको उन लोगों से सावधान रहना होगा. शुरुआत में कुछ चुनौतियां आपके सामने आ सकती हैं. थोड़े समय बाद आप उन चुनौतियों को धैर्य और अपने आत्मविश्वास के साथ पूरा करेंगे. कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे. जीवन में हर सफलता आसानी से प्राप्त नहीं होती है. कुछ सफलता प्राप्त करने के लिए हमें मुश्किलों से और चुनौतियों से बाहर निकालना पड़ता है.

सलाह: सफलता अपने सिर पर चढ़कर मत बैठने दीजिए. सफल होने के साथ अहंकार और कठोरता मन में आ जाती है, इन चीजों से बचकर रहिए. कानूनी एवं वित्तीय मामलों में आपको सावधान रहने की जरूरत है.

5). सिंह (Leo):-
Cards: The Hanged Man,Two of Cup

आने वाला समय आपके जीवन में परिवर्तन लेकर आ रहा है. हो सकता है यह परिवर्तन शुरू में आपको बहुत परेशान करें, पर धीरे-धीरे यह परिवर्तन आपको लाभ देता हुआ नजर आएगा. इस समय आपके सभी निर्णय सबसे महत्वपूर्ण हैं. आपके जीवन में कोई नया व्यक्ति या संबंध आता हुआ दिखाई दे रहा है. अगर यह व्यापार से संबंधित है, तो यह साझेदारी आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी. अगर जीवनसाथी से संबंधित है, तो यह आने वाला व्यक्ति आपके जीवन को खुशियों, सुख और समृद्धि लाएगा. हो सकता है आपका मन आध्यात्म की तरफ आकर्षित हो और आप आत्म चिंतन करें. यह जानने की कोशिश करें कि आपका इस जीवन में आने का उद्देश्य क्या है. आपको अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान करना चाहिए. जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और साथ ही सोच भी सकारात्मक होगी.

सलाह: जीवन में आने वाला बदलाव या परिवर्तन आपके जीवन में उथल पुथल देता है. मन में कुंठा आ जाती है. पर अगर हम उस समय को धैर्य तथा संयम से निकले तो आने वाला परिवर्तन अधिकतर लाभदायक ही सिद्ध होता है.

6). कन्या (Virgo):-
Cards: King of Cups,Seven Of Cups

आने वाले समय में कई अवसर आपके सामने आएंगे, जिनका सही उपयोग आपको जीवन में सफलता दिला सकता है. यह अवसर लुभावने हो सकते हैं, आपको अपनी बुद्धि और आत्मविश्वास का प्रयोग करके सही अवसर का चुनाव करना होगा. हो सकता है आप किसी ऐसे इंसान से मिलें, जो आपको सही राह दिखाने में मदद करे. यह व्यक्ति अनुभवी, कला प्रेमी, उदार हृदय, कर्तव्य निष्ठा होने के साथ-साथ अपनी कुशाग्र बुद्धि से भविष्य को भांपकर हर कदम बढ़ाने की योग्यता रखता होगा. यह समय आपकी धैर्य परीक्षा का होगा, जो आने वाले समय में सफलता के अवसर लाएगी.

सलाह: आप जितनी जल्दी किसी कार्य को लेकर उत्साहित होते हैं उतनी ही जल्दी उस कार्य के प्रति निरुत्साहित हो जाते हैं. जिससे उस कार्य को लेकर आपका जोश ठंडा हो जाता है. आपको अपनी इस स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है.

7). तुला (Libra):-
Cards: Ace of Pentacles,Ace of Wands

आने वाला समय आपके जीवन में अफसर की भरमार लेकर आ रहा है. आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं. यह यात्रा आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है. आपको कुछ ऐसे अवसर प्राप्त होंगे, जिससे आपको भविष्य में नया कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी. साथ ही ईश्वर आपको अच्छी आर्थिक स्थिति का भी वरदान दे रहे हैं. आप मेहनत के बल पर अच्छा धन अर्जित करेंगे. आपके दृष्टिकोण में थोड़ा बदलाव होना भी संभावना है. आप किसी नए कार्य, नए घर या किसी नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं. घर में विवाह से संबंधित मांगलिक कार्य हो सकते हैं. मां पूरी तरह से प्रफ्फुलित और उत्साहित रहेंगी. घर परिवार का वातावरण भी सुख और शांति में रहेगा. स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.

सलाह: जब तक जीवन में बहुत सारी शुभ समाचार एक साथ आ जाते हैं तो हम उसमें खुद को संतुलित नहीं कर पाते हैं. साथी हम इस चीज से डरते भी हैं इतने सारे शुभ समाचार के साथ कहीं कोई और शुभ चीज घटित ना हो जाए. सोच को सकारात्मक रखिए और ईश्वर पर विश्वास बनाए रखिए. आपके जीवन में सब कुछ अच्छा ही होगा.

8) वृश्चिक (Scorpio):-
Cards: The Chariot,Three of Wands

आने वाला समय आपके लिए बेहतर अवसर लेकर आ रहा है. यदि आपके मन में विदेश गमन या विदेश में बसने की इच्छा है तो आपकी इच्छा शीघ्र पूरी हो सकती है. हो सकता है आप किसी धार्मिक यात्रा पर जाएं. यह समय नियंत्रण होने का नहीं बल्कि अपने आप को और मजबूत करने का है. जल्दी आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा. आपको किसी प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त हो सकती है. आपके जीवन का काफी अनुकूल समय है. काफी सारे अवसर आपको अपनी तरफ आकर्षित करेंगे. सही अवसर का चुनाव आपको सफलता की राह पर ले जा सकता है.

सलाह: कभी-कभी किसी अवसर में सफलता प्राप्त करने की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल होती है. पर जितनी प्रक्रिया जटिल और लंबी होगी, आप उतना अधिक सीखेंगे और आपको सफलता की खुशी इतनी अधिक ही होगी.

10). धनु (Sagittarius):-
Cards: Knight of Cups,The Magician

यह समय आपकी इच्छाओं की पूर्ति का है. आपको नौकरी में पदोन्नति या नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं. विवाह या किसी नए कार्य को शुरू करने की प्रबल संभावनाएं बनती जा रही हैं. आप जिस कार्य को करने की सोचेंगे उस कार्य में आपको सफलता प्राप्त होगी. कठिन परिश्रम के द्वारा ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. यदि किसी को आप विवाह या प्रेम का प्रस्ताव देना चाहते हैं तो यह समय आपके अनुकूल है. कहीं ऐसी जगह यात्रा का योग भी बन सकता है, जो स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हो. परिजनों के साथ व्यवहार मधुर रहेगा. कार्य क्षेत्र में भी अच्छा वातावरण रहेगा.

सलाह: किसी के ऊपर विश्वास करना अच्छी बात है, लेकिन अति विश्वास नुकसान पहुंचा सकता है. कार्यक्षेत्र में इस चीज की सावधानी बनाए रखें.

10). मकर (Capricorn):-
Cards: Nine of Wands,Ace of Pentacles

वर्तमान परिस्थितियों में आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण मन विचलित हो सकता है. चुनौतियों का सामना आपको करना ही पड़ेगा. इन चुनौतियों का सामना करने से आपको सफलता प्राप्त हो सकती है. आगे भविष्य में आपके पास बहुत अच्छे अवसर आएंगे. आप नई नौकरी प्राप्त कर सकते हैं. व्यापार के नए अवसर आपके सामने आ सकते हैं. नया घर बना सकते हैं, साथ ही किसी नए प्रेम संबंध की शुरुआत भी हो सकती है. इन चुनौतियों को धैर्य और संयम के साथ पार कीजिए. योग और ध्यान से मन को शांत रखा जा सकता है. साथ ही अपने शारीरिक स्वास्थ्य काफी ध्यान रखा जा सकता है. अगर आपका मन परेशान रहेगा तो घर परिवार में भी शांति नहीं हो पाएगी. अपने आप को शांत और संतुलित रखने की कोशिश कीजिए. आगे का समय आपके लिए बहुत ही उज्जवल है.

सलाह: जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं पर हमें परिस्थितियों से कभी घबराना नहीं चाहिए. अगर जीवन सरलता से चलता रहेगा,तो उसमें कोई आनंद भी नहीं आएगा. चुनौतियां हमें खुद को पहचानने की अवसर प्रदान करती हैं.

11). कुंभ (Aquarius):-
Cards: The Hermit,Seven of Cups,Two of Pentacles

आने वाला समय आत्म विश्लेषण, सही निर्णय और संतुलन को लेकर आ रहा है. इस समय जीवन के सभी पक्षों में संतुलन बनाए रखें. कार्य क्षेत्र और पारिवारिक जीवन दोनों स्थिति में संतुलन बनाएं. आपके सामने कई ऐसी स्थितियां आ सकती हैं, जिनमें से आपको सही स्थिति का चयन करना पड़ेगा. यह चयन आपको अपनी सोच विचार और सूझबूझ से करना पड़ेगा, जिससे आप भविष्य में सफलता को प्राप्त कर पाए. गलत चयन या आपका गलत निर्णय आपके जीवन को अंधकार में ले जा सकता है. आपको स्वप्न की दुनिया से बाहर निकल वास्तविकता के धरातल पर आना होगा. कई बार जो चीज हम सपने में देखकर सच समझ लेते हैं वह हमेशा सच में नहीं होती हैं. अपनी सभी परिस्थितियों पर चिंतन कीजिए और कहां आपका निर्णय गलत हो गया. अगर कहीं धन का निवेश करने की सोच रहे हैं तो काफी सोच समझकर फैसला लीजिए. पहले सारी जरूरी जानकारियां प्राप्त कीजिए, उसके बाद आप धन का निवेश कीजिए. अन्यथा आपको आर्थिक हानि हो सकती है.

सलाह: अपने निर्णय में सोच विचार करते समय अपने दिल की बात का भी ध्यान रखें. क्योंकि सोच विचार करते वक्त दिमाग के साथ दिल का होना भी जरूरी है और यह विश्वास रखिए कि दिल कभी भी आपको गलत सलाह नहीं देता है.

12). मीन (Pisces):-
Cards: Six of Cups ,Three of Swords

आपको आपके अतीत से बाहर निकलने की जरूरत है दरअसल, अतीत की यादें आपको नुकसान पहुंचा सकती है. अंतीत की यादें अच्छी हो या बुरी, हमारे वर्तमान पर जरूर असर डालती है. अच्छी यादों में हम खुश रहते हैं और बुरी यादें हमें बार-बार उसी दुख में पहुंचती हैं जिससे हम गुजर के आए हैं. ये विश्वास रखिए वक्त और हालात चाहे कैसे भी हो, बदलते जरूर हैं. अपने पर और अपने ईश्वर पर भरोसा रखिए. जल्द ही अच्छा वक्त आपके जीवन में आएगा.

सलाह: अगर हम अतीत की यादों में खोए रहेंगे. तो मन में इतनी अधिक बेचैनी रहेगी. अतीत की अच्छी यादों को अपने लिए संभाल कर रखिए और बुरी यादों को अपने जीवन से बाहर जाने दीजिए. तब आप देखेंगे कि आपके जीवन में कितनी शांति है और अब आप अपने भविष्य को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं और कैसे जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकते हैं.

हरतालिका तीज का व्रत रखने से पहले जानें जरूरी बातें, नोट कर लें पूजा विधि

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज का व्रत कब है?

हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को है. हरतालिका तीज का व्रत विवाहिता के साथ अविवाहिता युवतियां भी करती हैं.

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
विवाहित महिलाएं क्यों करती है व्रत

हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति,बच्चों और अपने परिवार की कुशलता, सलामती , सेहत और अपने पति और बच्चे के लंबी उम्र की कामना की अभिलाषा से निर्जला व्रत रखती हैं.

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
कुंवारी लड़कियां क्यों करती हैं व्रत

हरतालिका तीज का व्रत विवाहिता के साथ अविवाहिता युवतियां भी करती हैं. अविवाहित लड़कियां मनचाहा पति पाने के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं.

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

हरतालिका तीज पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.

जो महिलाएं सुबह पूजा करती हैं वह शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें.

हरतालिका तीज के सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा श्रेष्ठ होती है.

पूजा स्थल पर फुलेरा लगाएं. केले के पत्तों से मंडप बनाएं.

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

पूजा से पहले सुहागिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर बालू या शुद्ध काली मिट्‌टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं.

गौरी-शंकर की मूर्ति पूजा की चौकी पर स्थापित करें. गंगाजल, पंचामृत से उनका अभिषेक करें.

हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं. शिव जी को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, गुलाल, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करें.

मां पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं. अब भगवान को खीर, फल आदि का भोग लगाएं.

Hartalika Teej Vrat 2023
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें. आरती कर दें.

रात्रि जागरण कर हर प्रहर में इसी तरह पूजा करें. अगले दिन सुबह आखिरी प्रहर की पूजा के बाद माता पार्वती को चढ़ाया सिंदूर अपनी मांग में लगाएं.

Haritalika Teej 2023
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि

मिट्‌टी के शिवलिंग का विसर्जन कर दें और सुहाग की सामग्री ब्राह्मणी को दान में दें. प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद ही व्रत का पारण करें.

19 सितंबर को गणेश चतुर्थी, जानिए भगवान गणेशजी के जन्म की पौराणिक कथा

सनातन धर्म के त्योहारों में गणेश चतुर्थी एक मुख्य त्योंहार है जो भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। वैसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, गणेश जी के पूजन और उनके नाम का व्रत रखने का विशिष्ठ दिन है, लेकिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी के सिद्धि विनायक स्वरूप की पूजा की जाती है।

शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणेश जी दोपहर में अवतरित हुए थे, इसलिए यह गणेश चतुर्थी विशेष फलदायी बताई जाती है पूरे देश में यह त्योहार गणेशोत्सव के नाम से प्रसिद्ध है लोक भाषा में इस त्योहार को डण्डा चौथ भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विद्या-बुद्धि के प्रदाता, विघ्न-विनाशक, मंगलकारी, सिद्धिदायक, सुख-समृद्धि और यश-कीर्ति देने वाले देवता माना गया है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ‘ॐ’और स्वास्तिक को भी साक्षात गणेश जी का स्वरूप माना गया है। तभी तो कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत इनसे ही होती है।

गणेश जी की जन्म कथा
गणेश चतुर्थी की कथा के अनुसार,एक बार माता पार्वती ने स्न्नान के लिए जाने से पूर्व अपने शरीर के मैल से एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसे गणेश नाम दिया। पार्वतीजी ने उस बालक को आदेश दिया कि वह किसी को भी अंदर न आने दे, ऐसा कहकर पार्वती जी अंदर नहाने चली गई। जब भगवान शिव वहां आए ,तो बालक ने उन्हें अंदर आने से रोका और बोले अन्दर मेरी माँ नहा रही है, आप अन्दर नहीं जा सकते। शिवजी ने गणेशजी को बहुत समझाया, कि पार्वती मेरी पत्नी है। पर गणेशजी नहीं माने तब शिवजी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गणेशजी की गर्दन अपने त्रिशूल से काट दी और अन्दर चले गये, जब पार्वतीजी ने शिवजी को अन्दर देखा तो बोली कि आप अन्दर कैसे आ गये। मैं तो बाहर गणेश को बिठाकर आई थी। तब शिवजी ने कहा कि मैंने उसको मार दिया। तब पार्वती जी रौद्र रूप धारण क्र लिया और कहा कि जब आप मेरे पुत्र को वापिस जीवित करेंगे तब ही मैं यहाँ से चलूंगी अन्यथा नहीं।

केसीआर ने लोगों से प्रगति विरोधी ताकतों को हराने का किया आग्रह

17 सितंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने रविवार को राज्य की प्रगति की राह में बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रही प्रगति-विरोधी ताकतों को हराने का आह्वान किया।

उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों के आशीर्वाद से उनकी सरकार विकास की प्रक्रिया को और तेज करेगी।

यह कहते हुए कि “एकता हमारी ताकत है”, उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से बंगारू (स्वर्णिम) तेलंगाना को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर हैदराबाद में मुख्य आधिकारिक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय की वर्षगांठ मनाने के लिए राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस टुकड़ियों की सलामी ली।

अपने भाषण के दौरान, केसीआर ने बताया कि कैसे तेलंगाना पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है और उन्होंने अपनी सरकार के लिए लोगों से निरंतर समर्थन और आशीर्वाद मांगा।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष 17 सितंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया। राज्य में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं, इसलिए इस बार के जश्न का महत्व और भी बढ़ गया है।

केसीआर ने कहा कि 17 सितंबर का तेलंगाना के इतिहास में विशेष महत्व है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत की आजादी के बाद तत्कालीन सरकार ने रियासतों को भारतीय संघ में विलय करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत 17 सितंबर, 1948 को हैदराबाद भारत का हिस्सा बन गया। इस विकास के साथ, तेलंगाना में निरंकुशता समाप्त हो गई और संसदीय लोकतांत्रिक प्रशासन शुरू हुआ।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण तेलंगाना समाज लोकतांत्रिक शासन लाने के संघर्ष में शामिल हुआ। जनसंघर्ष की घटनाएं एवं आम जनता द्वारा किये गये बलिदान सदैव याद रखे जायेंगे। उन्होंने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

केसीआर ने कहा कि आज हम जो भारत देखते हैं, उसके निर्माण के लिए तत्कालीन शासकों ने समाज के सभी वर्गों को विश्वास में लिया।

“महात्मा गांधी द्वारा स्थापित सद्भाव के मूल्य, भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की दूरदर्शिता, पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की कुशाग्रता और कई अन्य नेताओं के अथक प्रयासों ने देश को एकजुट किया।”

केसीआर ने बताया कि भारत का अभिन्न अंग बनने के बाद तेलंगाना 1948 से 1956 तक हैदराबाद राज्य के रूप में रहा।

उन्होंने कहा, “1956 में राज्यों के पुनर्गठन के हिस्से के रूप में, तेलंगाना क्षेत्र के लोगों की इच्छा के विरुद्ध तेलंगाना और आंध्र क्षेत्रों को मिलाकर आंध्र प्रदेश का गठन किया गया था और हम सभी इसके बुरे परिणामों को जानते हैं।”

केसीआर ने कहा कि संयुक्त राज्य में तेलंगाना के लोगों के साथ हुए गंभीर अन्याय के कारण अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन शुरू किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए आंदोलन का नेतृत्व करने का एक बड़ा अवसर था और सभी के समर्थन से वह सफल रहे।

केसीआर ने दावा किया कि नए राज्य को हासिल करने के बाद उन्होंने प्रतिबद्धता और लोगों के आशीर्वाद के साथ पुनर्निर्माण शुरू किया।

उन्होंने कहा, “2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से चल रहे विकास और कल्याण कार्यक्रम अनुकरणीय रहे हैं। नए राज्य तेलंगाना द्वारा अपनाई गई नीति व्यापक है और सभी वर्गों के हितों को पूरा करने वाला एकीकृत विकास मॉडल आदर्श है। ”

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य के तेजी से विकास से संपत्ति में वृद्धि हुई और उनकी सरकार ने इसे जरूरतमंद लोगों को वितरित करने के लिए कदम उठाए।

मानवीय दृष्टिकोण से कार्यक्रम बनाकर और लागू करके सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसे सरकारी योजनाओं का लाभ न मिला हो।

उन्होंने पिछले नौ वर्षों के दौरान राज्य की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि कैसे राज्य प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में सफल रहा, किसानों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली की कमी पर काबू पाया, सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया, हर घर में पीने का पानी उपलब्ध कराया और विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाया।

आरएसएस प्रचारक से लेकर पहले गुजरात सीएम और बाद में देश के पीएम बनने तक का सफर

1958 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांतीय प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार गुजरात के वडनगर पहुंचे। इस अवसर पर वहां एक विशेष शाखा का आयोजन किया गया। इनामदार को वडनगर में बाल स्वयंसेवकों को निष्ठा की शपथ दिलानी थी।

शपथ ग्रहण का सिलसिला शुरू हुआ और आठ साल के बच्चे तक पहुंच गया. इस लड़के का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी था. यह साल नरेंद्र मोदी का संघ के साथ जुड़ने का पहला साल था. उनके पिता दामोदर दास मोदी वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान चलाते थे। नरेंद्र सुबह अपने पिता के काम में मदद करता है और जैसे ही स्कूल का समय होता है, वह अपना बैग उठाता है और अपनी कक्षा में प्रवेश करता है।

बचपन बीत गया, लेकिन परिवार ने कम उम्र में ही नरेंद्र को शादी के बंधन में बांध दिया. जब वे 18 वर्ष के हुए तो गौने की बात शुरू हो गई, नरेंद्र घर से भाग गए। कारवां मैगजीन ने इस घटना के बारे में नरेंद्र मोदी के भाई सोमा मोदी के हवाले से कहा- ”परिवार को पता नहीं था कि नरेंद्र कहां गए हैं. दो वर्ष बाद एक दिन वे अचानक घर लौटे और बोले कि अब मेरा संन्यास समाप्त हो गया है और मैं अहमदाबाद जाऊंगा। मैं वहां चाचा की कैंटीन में काम करूंगा।”

संघ मुख्यालय केशव भवन में प्रवेश

नरेंद्र अहमदाबाद पहुंचे. कुछ समय तक चाचा की कैंटीन में काम किया और फिर अपनी चाय की दुकान खोल ली। अहमदाबाद का गीता मंदिर चाय बेचने का उनका पहला स्थान बन गया। मन्दिर की गली से स्वयंसेवक आते-जाते रहते थे। चूँकि नरेन्द्र भी स्वयं सेवक थे। इसलिए उनकी बाकी स्वयंसेवकों से अच्छी बनती थी। समय बीतता गया और नरेंद्र मोदी की खबर प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार तक पहुंची. इनामदार ने उन्हें संघ के मुख्यालय केशव भवन में आकर रहने की सलाह दी। नरेंद्र पहुंचे और उन्हें केशव भवन में रहने वाले लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई। नरेंद्र मोदी सबके लिए नाश्ता बनाते हैं. केशव भवन की साफ-सफाई और कार्यालय के अन्य काम निपटाने की जिम्मेदारी भी उन पर थी।

आपातकाल के दौरान सक्रिय

केशव भवन में नरेन्द्र ने संगठन की बारीकियाँ सीखीं। देश में आपातकाल लगा हुआ था. नरेंद्र मोदी को आपातकाल विरोधी अभियान सामग्री तैयार करने और उन्हें राज्य भर में भूमिगत कार्यकर्ताओं को वितरित करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने यह काम बखूबी किया. जब आपातकाल ख़त्म हुआ और देश में एक बार फिर सरकार बहाल हुई तो संघ ने नरेंद्र के कंधों पर जिम्मेदारी का भार बढ़ा दिया. अब उन्हें संघ और उसके अन्य संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करना था। इस तरह नरेंद्र मोदी पहली बार सीधे राजनीति के करीब आये.

संगठन में साहस दिखाया

साल बीत गया. भारतीय जनता पार्टी का गठन 1980 में हुआ था, लेकिन अपने पहले लोकसभा चुनाव में उसे केवल दो सीटें मिलीं। इसके बाद बीजेपी आलाकमान ने हिंदुत्व की राह पर चलने का फैसला किया. 1987 में संघ ने अपने प्रचारक नरेंद्र मोदी को संगठन मंत्री बनाया. उन दिनों गुजरात बीजेपी को दो दिग्गज नेता केशुभाई पेटल और शंकर सिंह वाघेला चलाते थे. नरेंद्र मोदी को इन दोनों नेताओं का हाथ मजबूत करना था.

नरेंद्र मोदी ने संगठन की कमान संभालते ही गुजरात में रथ यात्राएं निकालना शुरू कर दिया. इसका फायदा बीजेपी को 1989 के लोकसभा चुनाव में मिला. 1984 के चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली बीजेपी ने गुजरात में 12 सीटें जीतीं। नरेंद्र मोदी का कद और बढ़ गया. इसके बाद बीजेपी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकालने का ऐलान किया. मोदी को गुजरात में इस यात्रा को पूरा करने की जिम्मेदारी मिली, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया.