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भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम में शामिल हुए Sandesh Jhingan

16 सितंबर। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने शुक्रवार को कहा कि सीनियर डिफेंडर संदेश झिंगन के साथ-साथ चिंगलेनसाना सिंह और लालचुंगनुंगा चीन के हांगझू में होने वाले आगामी एशियाई खेलों के लिए आम सहमति से भारतीय पुरुष टीम में शामिल होंगे।

एशियाई खेलों में भारतीय चुनौती की अगुवाई सुनील छेत्री करेंगे। एशियाई खेलों में फुटबॉल प्रतियोगिता अंडर-23 के तहत होता है,जिसमें प्रति टीम तीन अधिक उम्र के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति है।

हालाँकि इस सप्ताह की शुरुआत में, भारतीय टीम की तैयारियों को झटका लगा, जब इंडियन सुपर लीग क्लबों ने महाद्वीपीय आयोजन के लिए कई प्रमुख राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को रिलीज़ करने से इनकार कर दिया। पिछले महीने घोषित मूल 22 सदस्यीय टीम के तेरह खिलाड़ियों को रिलीज़ नहीं किया गया था, जिनमें झिंगन और पहली पसंद के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू भी शामिल थे। कई दिनों की उलझन और व्यस्त बातचीत के बाद अब इस मामले को सुलझा लिया गया है।

राष्ट्रीय महासंघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एआईएफएफ नाओरेम महेश सिंह को टीम में शामिल करने का निर्णय लेने से पहले उनका मेडिकल परीक्षण करेगा। एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा कि वह 21 सितंबर से शुरू होने वाली इंडियन सुपर लीग के कुछ मैचों को पुनर्निर्धारित करने पर सहमत होने के लिए एफएसडीएल और एआईएफएफ के हितधारकों के आभारी हैं।

उन्होंने कहा, एशियाई खेलों की पूर्व संध्या पर यह वास्तव में एक सकारात्मक विकास है क्योंकि सुनील छेत्री और संदेश झिंगन की विश्वसनीय जोड़ी महाद्वीपीय खेलों के लिए क्रमशः भारतीय आक्रमण और रक्षा में दो प्रमुख स्थान संभालेगी। हमें इस बात की भी खुशी है कि कुछ हमारे अभियान को मजबूत करने के लिए टीम में अधिक अनुभवी फुटबॉलर मौजूद हैं।

भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक, जो आईएसएल क्लबों से अपने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय ड्यूटी के लिए रिलीज करने का आग्रह किया था, ने कहा, यह एक अद्भुत विकास है कि कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को एशियाई खेलों की टीम में जोड़ा गया है, जो निश्चित रूप से टीम के हित में मदद करेंगे। मैं इसे संभव बनाने के लिए एफएसडीएल (आईएसएल आयोजकों) और एआईएफएफ का आभारी हूं। हम मिलकर ध्वज की रक्षा करने के लिए सम्मानित होंगे।”

बता दें कि यह छेत्री का तीसरा एशियाई खेल होगा, अंग्रेजी कोच बॉब हॉटन के तहत 22 वर्षीय खिलाड़ी के रूप में उन्होंने पहले बार 2006 संस्करण में हिस्सा लिया था, तब टीम का नेतृत्व भाईचुंग भूटिया ने किया था, जिन्हें अधिक उम्र के खिलाड़ियों में से एक के रूप में शामिल किया गया था। भारत ने हांगकांग (1-1) से ड्रा खेला, मालदीव (2-1) को हराया और ईरान (0-2) से हारकर ग्रुप चरण से बाहर हो गया।

इसके बाद कोरिया के इंचियोन में 2014 संस्करण में, छेत्री ने 23 वर्ष से अधिक आयु के खिलाड़ियों में से एक के रूप में शामिल होने के बाद भारत की कप्तानी की। भारत ने ग्रुप चरण में एक बार फिर यूएई (0-5) और जॉर्डन (0-2) से हारकर अपना अभियान समाप्त किया।

मार्केट में तहलका मचा रहीं इस कंपनी की कारें, इसे खरीदने टूट पड़ी लोगों की भीड़

जर्मनी ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज फॉक्सवैगन ग्रुप की भारतीय सहायक कंपनी स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अगस्त 2023 में लगभग 8,500 कारों की बिक्री दर्ज की है।

इनमें से लगभग 4,400 कारें स्कोडा ब्रांड के तहत बेची गईं, जबकि लगभग 4,100 कारें फॉक्सवैगन के तहत बेची गईं। अगस्त 2023 में स्कोडा ने सालाना आधार पर 2% की मामूली वृद्धि दर्ज की है, जबकि फॉक्सवैगन ने सालाना आधार पर 103% की वृद्धि दर्ज की है।

अगस्त 2023 में स्कोडा इंडिया की बिक्री

अगस्त 2023 में स्कोडा ने कुल 4,307 यूनिट्स की बिक्री की है, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 2.01% की मामूली साल-दर-साल (YoY) वृद्धि को दर्शाती है। स्कोडा की ओर से कुशाक कॉम्पैक्ट एसयूवी और स्लाविया मिड साइज की सेडान टॉप विक्रेता बनी रहीं। कुशाक 2,409 यूनिट की बिक्री के साथ स्कोडा के लिए स्टार परफॉर्मर के रूप में उभरी, जो 28.41% की प्रभावशाली सालाना वृद्धि को दर्शाता है। स्लाविया की 1,657 यूनिट सेल हुईं। हालांकि, अगस्त 2022 की तुलना में इसने 14.63% की मामूली गिरावट देखी।

59.60% की महत्वपूर्ण वृद्धि

स्कोडा की प्रीमियम एसयूवी, कोडियाक ने 241 यूनिट्स की बिक्री के साथ ब्रांड की सफलता में योगदान दिया, जो साल-दर-साल 59.60% की महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती है। सुपर्ब और ऑक्टेविया को बंद कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों मॉडलों की बिक्री शून्य हो गई है।

अगस्त 2023 में वोक्सवैगन इंडिया की बिक्री

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तहत फॉक्सवैगन ब्रांड ने भी अगस्त 2023 में मजबूत बिक्री प्रदर्शन दिखाया। फॉक्सवैगन ने कुल 4,174 यूनिट बेची, जो 102.92% की प्रभावशाली सालाना वृद्धि को दर्शाती है।

वर्टस 2,140 यूनिट की बिक्री

वर्टस 2,140 यूनिट की बिक्री के साथ फॉक्सवैगन के टॉप प्रदर्शन वाले मॉडल के रूप में सामने आई है। वर्टस ने साल-दर-साल 145.13% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी, जो भारतीय उपभोक्ताओं के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। फॉक्सवैगन की टाइगुन एसयूवी ने 1,943 यूनिट बेचीं, जो 90.68% की महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। फॉक्सवैगन के पोर्टफोलियो में टाइगुन एक प्रमुख प्लेयर बनी है। टिगुआन ने अगस्त 2023 में 91 यूनिट बेचीं। हालांकि, इसमें साल-दर-साल 41.29% की गिरावट देखी गई।

इन 5 तरीकों से करें कार को मॉडिफाई, नहीं कटेगा कोई चालान

कार मोडिफिकेशन को लेकर इंडिया में काफी सख्त नियम हैं. इसके बावजूद आफ्टरमार्केट इंडस्ट्री लगातार फल-फूल रही है. इस इंडस्ट्री में हो रही तेज ग्रोथ के बाद भी सरकार द्वारा कुछ राहत देने के आसार नजर नहीं आते हैं.

आमतौर पर इंडिया में गाड़ी में बदलाव करना गैरकानूनी है. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 52 के अनुसार, गाड़ी का कोई भी मालिक गाड़ी में इतना बदलाव नहीं करेगा जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) पर मैन्युफैक्चरर द्वारा बताई डिटेल्स से अलग हो.

अपनी कार को ज्यादा स्टाइलिश और अट्रैक्टिव बनाने के लिए कार मालिक मॉडिफिकेशनका सहारा लेते हैं. कुछ लोग कार के सफर को ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए भी आफ्टरमार्केट बदलावों का रुख करते हैं. आज हम आपको ऐसे 5 लीगल मोडिफिकेशन बता रहे हैं, जिन्हें कराने से पुलिस चालान नहीं काटेगी.

11 लाख से कम में आएंगी ये 5 धाकड़ एसयूवी, परफॉर्मेंस मिलेगी दमदार

Car Modification: कार में कराएं ये 5 बदलाव

आप बिना किसी डर के कार में पांच बदलाव कर सकते हैं. इससे आपकी कार का स्टाइल और भी ज्यादा अट्रैक्टिव हो जाएगा. तो आइए इन 5 मोडिफिकेशन को देखते हैं.

1. Alloy Wheels: अगर आपकी कार में स्टील व्हील हैं, तो आप अलॉय व्हील ट्राई कर सकते हैं. इससे कानून का उल्लंघन नहीं होता है. आप काफी स्टाइलिश अलॉय व्हील को कार में फिट करा सकते हैं, इससे कार को पहले से शानदार लुक मिलेगा.

अलॉय व्हील लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि इनका कार कंपनी द्वारा तय किया गया साइज हो. इसके अलावा ये व्हील कार की बाॉडी से बाहर निकले नजर ना आएं.

2. Wrap: कार पर रैप कराने का शौक काफी पॉपुलर हो रहा है. हालांकि, इसकी लीगेलिटी के बारे में ज्यादा कुछ साफ नहीं है. रैप लगाने से कार का बॉडी स्ट्रक्चर नहीं बदलता है. आप चाहें तो कार के कलर का रैप इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे भी आपकी कार स्टाइलिश नजर आएगी.

3. PPF: पीपीएफ यानी पेंट प्रोटेक्शन फिल्म एक पतली ट्रांसपेरेंट लेयर होती है. इसे खासतौर पर कार की प्रोटेक्शन के लिए डिजाइन किया गया है. ये PPF कार पर स्क्रैच, यूवी एक्सपोजर, चिड़िया की बीट आदि से कार की सुरक्षा करती है. अपनी कार के लिए आप इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. Tyres: टायर को बदलना कानूनी तौर पर मान्य है. हालांकि, कार के टायर तय साइज के ही होने चाहिए, ताकि ये इसकी बॉडी से बाहर निकले दिखाई ना दें. अगर टायर कार की बॉडी से बाहर निकले दिखते हैं तो ये ना केवल गलत है, बल्कि खतरनाक भी हो सकता है.

5. UV Cut Glass: भारत में कारें टिंटेड विंडोज के साथ आती हैं. गर्मी के मौसम में इनसे काफी दिक्कत होती है. इससे छुटकारा पाने के लिए आप यूवी-कट ग्लास का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, ऐसा करना थोड़ा महंगा हो सकता है.

रूस की गलती नहीं दोहराएगा भारत, सालों तक जंग लड़ने का प्लान.. इंडियन आर्मी ने यूक्रेन युद्ध से लिया सबक

युद्ध की स्थिति में हथियार भंडार का लबालब भरा होना अत्यंत जरूरी है और ये सबक यूक्रेन युद्ध से सीखा जा सकता है। क्योंकि, पिछले डेढ़ सालों से यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे रूस का हथियार भंडार खाली होने के कगार पर है और, हथियार भंडार बढ़ाने के लिए वो कभी ईरान, तो कभी उत्तर कोरिया से मनुहार कर रहा है।

दूसरी तरह, यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करते-करते अमेरिका का हथियार भंडार भी अब काफी खाली हो गया है। लिहाजा, भारत के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, यूक्रेन और रूस के बीच पिछले डेढ़ सालों से चल रहे युद्ध ने भारतीय सेना को भी युद्ध से संबंधित कई मोर्चों पर नये सिरे से तैयारी करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें गोला बारूद का भंडार बढ़ाने, तोपखानों का विस्तार करने, रॉकेट और बंदूकों के मिश्रण की तरफ ध्यान केन्द्रित करना शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अधिकारियों ने सटीक-निशाना लगाकार मार करने वाले हथियार सिस्टम, एडवांस टेक्नोलॉजी को हासिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही, युद्ध के मैदान में पारदर्शिता बरतने के महत्व को रेखांकित किया है।

यूक्रेन युद्ध से भारत ने क्या सीखा?

अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा है, कि युद्ध ने “सैन्य संरक्षण” यानि, युद्ध के दौरान दुश्मन की जवाबी बमबारी से जवानों की रक्षा के लिए पर्याप्त उपायों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है, इसलिए अधिक मात्रा में ऑटोमेटिक बंदूकों, घुड़सवार बंदूकों और स्कूट क्षमता वाली सहायक बिजली इकाइयों के साथ सिस्टम या खींची गई बंदूकों की की आवश्यकता पर बल दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अधिकारी ने कहा, कि ये प्रमुख सबक हैं, जो युद्ध से भारतीय तोपखाने के लिए उभरे हैं, और अब इन्हें इसके सिद्धांतों और क्षमता विकास योजनाओं में शामिल किया जा रहा है।

एक अधिकारी ने कहा, कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने युद्ध जीतने वाले फैक्टर्स के रूप में गोलाबारी के महत्व की फिर से पुष्टि की है, यह देखते हुए, कि युद्ध में 80 प्रतिशत मौतें तोपखाने की आग के कारण हुईं।

उन्होंने कहा, कि अनुमान है, कि रूस के सैनिक एक दिन में 20,000 तोपखाने गोले दाग रहे हैं और यूक्रेनी पक्ष हर दिन 4,000 से 5,000 गोले दाग रहा है।

अधिकारी ने कहा, कि “यह देखा गया है, कि युद्ध में इस्तेमाल की गई भारी गोलाबारी के परिणामस्वरूप बहुत विनाश हुआ है। इसने हमारी सूची में बंदूकों और रॉकेटों के विवेकपूर्ण मिश्रण की आवश्यकता को रेखांकित किया है।”

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकारियों ने यह भी कहा, कि यूक्रेन युद्ध ने सेना की लिस्ट में काफी ज्यादा सटीक तरीके से गाइडेड हथियारों की जरूरत पर जोर दिया है। इसके अलावा, निशाने को सटीकता से भेदने वाली मिसाइलों का भंडार बढ़ाने, ड्रोन और पारंपरिक हवाई वाहनों, लोइटर हथियारों और लंबी दूरी के तोपखाने टर्मिनल का भंडार बढ़ाने की तरफ भी ध्यान दिया है।

इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध ने इस जरूरत की तरफ भी ध्यान दिलाया है, कि रियल टाइम टारगेट की पहचान करना अत्यंत जरूरी हो जाती है। अधिकारियों के मुताबिक, “युद्ध से पता चला है, कि लक्ष्य की पहचान करने और उस पर हमला करने के बीच का समय पहले के पांच से 10 मिनट से घटकर अब एक या दो मिनट रह गया है। लिहाजा, लक्ष्य को रास्ता बदलने से पहले जितनी जल्दी हो सके उस पर हमला करने की जरूरत है और इसलिए अधिक प्रभावी मारक श्रृंखला की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, कि युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता एक लीडर को अपने अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में सक्षम बनाती है, इसके अलावा, फौरन फैसला लेने में आगे रहने में भी मदद करती है।

अधिकारियों ने कहा, कि युद्ध ने विशिष्ट प्रौद्योगिकी उपकरणों जैसे कि युद्ध सामग्री, झुंड ड्रोन, काउंटर-ड्रोन सिस्टम और अन्य संचार प्रणालियों को शामिल करने के महत्व को सामने ला दिया है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला, कि भविष्य के युद्धों में सटीक विश्लेषण और लक्ष्य निर्धारण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकें शामिल होंगी।

स्वदेशी हथियार भंडार बढ़ाने की जरूरत

अधिकारियों ने कहा, कि यूक्रेन युद्ध को देखने से सबसे ज्यादा इस बात की सीख मिलती है, कि युद्ध लंबे समय तक चल सकता है, लिहाजा लंबे वक्त तक युद्ध करने के लिए संसाधनों का होना काफी ज्यादा जरूरी है।

जिसके लिए स्वदेशी हथियार इंडस्ट्री की आवश्यकता है, जो जरूरत पड़ने पर हथियारों और आयुध का उत्पादन भी बढ़ा सकता है।

अधिकारियों ने कहा, कि रूस-यूक्रेन युद्ध से सबक लेते हुए सेना ने एक संशोधित आर्टिलरी प्रोफ़ाइल तैयार की है। उन्होंने कहा, कि पश्चिमी मोर्चे पर ज्यादा माउंटेड गन सिस्टम और सेल्फ-प्रोपेल्ड गन सिस्टम की आवश्यकता है, शूट-एंड-स्कूट क्षमता वाली टो गन सिस्टम भारत की पहाड़ी उत्तरी सीमाओं पर तैनाती के लिए अधिक उपयुक्त होगी।

एक अधिकारी ने कहा, कि रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी की क्षमता विकास योजनाएं निर्धारित समय-सीमा के अनुसार अच्छी तरह से प्रगति कर रही हैं और आगे बढ़ते हुए, 155 मिमी बंदूकें दुनिया भर के रुझानों के अनुरूप सभी तोपों की मानक क्षमता वाली होंगी।

टीम इंडिया ने आठवीं बार जीता एशिया कप का खिताब, फाइनल में श्रीलंका को बुरी तरह हराया

2023 एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया ने श्रीलंका को आसानी से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया. भारत ने रिकॉर्ड आठवीं बार एशिया कप की ट्रॉफी अपने नाम की है.

फाइनल मुकाबले में श्रीलंका की टीम सिर्फ 50 रनों पर ऑलआउट हो गई थी. इसके बाद भारतीय टीम ने सिर्फ 6.1 ओवर में ही आसानी से लक्ष्य का पीछा कर लिया.

श्रीलंका के पहले खेलने के बाद फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को सिर्फ 51 रनों का लक्ष्य दिया था. भारतीय टीम ने इस मामूली से लक्ष्य को सिर्फ 37 गेंदों में ही बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया. शुभमन गिल 19 गेंदों में 27 और ईशान किशन 18 गेंदों में 23 रन बनाकर नाबाद लौटे. गिल ने 6 चौके लगाए तो ईशान ने तीन चौके जड़े.

इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम सिर्फ 15.2 ओवर में 50 रनों पर ढेर हो गई. भारत के खिलाफ किसी विपक्षी टीम का यह लोवेस्ट टोटल है. भारत के लिए मोहम्मद सिराज ने सबसे ज्यादा 6 विकेट चटकाए.

श्रीलंका के 9 बल्लेबाज नहीं छू सके दहाई का आंकड़ा

भारतीय तेज गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी के आगे श्रीलंका के 9 खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके. सिर्फ कुसल मेंडिस 17 और दुशन हेमंथा 13 ही दहाई का आंकड़े को छू सके. वहीं पथुम निसांका 02, कुसल परेरा 00, सदीरा समराविक्रमा 00, चरिथ असालंका 00, धनंजय डी सिल्वा 04, दसुन शनाका 00, दुनिथ वेल्लालागे 08 और प्रमोद मधुशन 01 रन बनाकर पवेलियन लौटे.

तेज गेंदबाजों ने लिए सभी 10 विकेट

फाइनल मुकाबले में सिराज के आगे श्रीलंका के बल्लेबाज बेबस नजर आए. दिलचस्प बात यह रही कि श्रीलंका के सभी 10 विकेट भारत के तेज गेंदबाजों ने लिए. एशिया कप के इतिहास में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब तेज गेंदबाजों ने सभी 10 विकेट झटके हैं. भारत के लिए मोहम्मद सिराज ने 6, हार्दिक पांड्या ने 3 और जसप्रीत बुमराह ने एक विकेट चटकाया.

पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 330 के पार, आवाम ने अदालत से लगाई गुहार, कहा- ऐसा चलता रहा तो कमरतोड़ देगी महंगाई

पाकिस्तान में मुद्रास्फीति के डबल डिजिट में पहुंच जाने के बीच कार्यवाहक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी कर दी है. इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने के बाद विपक्षी दलों ने विरोध शुरू कर दिया है.

कार्यवाहक सरकार के इस फैसले को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती भी दे दी गई है.

कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ की मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार रात पेट्रोल की कीमत में 26.02 रुपये और डीजल की कीमत में 17.34 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का आदेश जारी कर दिया.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान पब्लिक

इसके बाद पेट्रोल और ‘हाई-स्पीड’ डीजल (एचएसडी) की कीमतें 330 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गई हैं। इसके पहले एक सितंबर को भी कार्यवाहक सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 14 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी.

पिछले महीने देश में कार्यवाहक सरकार बनने के बाद से पेट्रोल और डीजल के दाम 20 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं. पाकिस्तान में 15 अगस्त के बाद से पेट्रोल की कीमत में 32.14 रुपये जबकि डीजल की कीमत में 38.49 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है. समाचार-पत्र ‘डॉन’ ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों का 330 रुपये प्रति लीटर पर पहुंचना एक मनोवैज्ञानिक अवरोध के टूटने जैसा है. अगस्त में मुद्रास्फीति की दर 27.4 प्रतिशत से अधिक बढ़ने के बाद ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.

धरना-प्रदर्शन जारी

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद विपक्षी दल जहां इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. ‘दुनिया न्यूज’ चैनल की वेबसाइट के मुताबिक, पेट्रोलियम कीमतों में भारी बढ़ोतरी का विरोध करते हुए जमात-ए-इस्लामी (जेआई) ने पाकिस्तान के सभी चारों प्रांतों में गवर्नर के घरों के बाहर धरना देने की घोषणा की है. जेआई प्रमुख सिराजुल हक ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के निर्देश पर पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ाकर आम आदमी का जीवन दयनीय बना दिया है.

सरकार के खिलाफ पब्लिक पहुंची कोर्ट

ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के सरदार अब्दुल रहीम ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का आईएमएफ के साथ समझौता ‘देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हुआ है.’ इस चैनल ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि लाहौर में अजहर सिद्दीकी नाम के वकील ने लाहौर उच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ एक अर्जी लगाकर कार्यवाहक संघीय सरकार को एक पक्ष बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं थी और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति अब और ज्यादा बढ़ जाएगी.

इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम उत्पादों की मौजूदा उपभोक्ता कीमतों में संशोधन के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम कीमतों के बढ़ते रुझान’ को जिम्मेदार ठहराया था. पखवाड़े भर में दो बार इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ने से पाकिस्तान के लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. पेट्रोल और एचएसडी का उपयोग सभी निजी और सार्वजनिक सेवा वाहनों द्वारा किया जाता है.

सर्दियों में बढ़ सकते हैं Coronavirus के मामले, फेस मास्क और लॉकडाउन की हो सकती है वापसी

महामारी के तीन साल से अधिक समय बाद, जैसे-जैसे उत्तरी गोलार्ध सर्दियों की ओर बढ़ रहा है और कोविड के नए वेरिएंट बढ़ते जा रहे हैं. मास्क की वापसी, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने और नियंत्रित लॉकडाउन के बारे में चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं.

बढ़ते कोविड मामलों ने पहले ही अमेरिका में कुछ स्कूलों, अस्पतालों और व्यवसायों को लोगों को फिर से मास्क लगाना शुरू करने के लिए प्रेरित किया है. सीडीसी निदेशक मैंडी कोहेन ने आगाह किया है कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए कोविड जोखिम भरा बना हुआ है. जोखिम विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए अधिक है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है जो पहले संक्रमित नहीं हुए हैं और जो अधिक उम्र के हैं या अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रस्त हैं.

डॉ. राजकुमार, वरिष्ठ सलाहकार, आंतरिक चिकित्सा, इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर, दिल्ली ने कहा कि भले ही कोविड के उभरते नए वेरिएंट सतर्कता की गारंटी देते हैं, लेकिन उपायों के माध्यम से चिंता को कम किया जा सकता है. राजकुमार ने बताया, “नए वेरिएंट से बचाव के लिए स्थापित सावधानियों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. टीकाकरण करवाना, हाथ की स्वच्छता का अभ्यास करना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और स्थानीय स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करना आदि.

समय पर टीकाकरण, विशेष रूप से अद्यतन बूस्टर शॉट्स के साथ, हमारी सुरक्षा को मजबूत करता है और साथ ही प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपाय किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी, जीनोमिक अनुक्रमण और सक्रिय उपाय हमें परिदृश्य को नेविगेट करने में मदद करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे सामूहिक प्रयास वर्तमान या आगामी वेरिएंट के प्रभाव को कम करना जारी रखेंगे.

कई प्रमुख विश्वविद्यालयों के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि मरीजों और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों दोनों को कोविड-19 महामारी के दौरान सीखे गए सबक को अपनाना चाहिए और मास्क लगाना जारी रखना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है क्योंकि एसएआरएस-सीओवी -2 से संक्रमण अभी भी एक खतरा है, विशेष रूप से सबसे कमजोर रोगियों के लिए, और एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक टिप्पणी के अनुसार, ट्रांसमिशन को रोकने के लिए मास्क एक सिद्ध तरीका है.

हालांकि सामुदायिक प्रतिरक्षा में वृद्धि और चिकित्सा व्‍यवस्‍था के कारण गंभीर कोविड की दर में कमी आई है, लेकिन कोविड-19 के कारण गंभीर परिणाम अभी भी सामने आ रहे हैं. कई स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता और सामान्य लोग अब वैसी सावधानियां नहीं बरतते हैं, जो उन्होंने महामारी के चरम पर बरती थीं.

अमेरिका में, जो गर्मियों के अंत में कोविड की वृद्धि का सामना कर रहा है, रिपब्लिकन यह आशंका जता रहे हैं कि लॉकडाउन और मास्क पहनने का आदेश आने वाला है. फ़्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस ने इस सप्ताह संवाददाताओं से कहा कि लोग “कोविड-19 प्रतिबंधों की ओर बढ़ रहे हैं” और “इसे वापस लेने की ज़रूरत है”. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक रैली के दौरान दक्षिण डकोटा में कहा, “कट्टरपंथी डेमोक्रेट कोविड उन्माद को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.” हालांकि, अमेरिकी सरकार ने कहा है कि फि‍लहाल कोवि‍ड आदेश की संभावना नहीं है. स्वास्थ्य और मानव सेवा के सार्वजनिक मामलों के सहायक सचिव जेफ नेस्बिट ने कहा, ” कोवि‍ड आदेेश की अफवाहें सच नहीं हैं.” विशेषज्ञों के अनुसार, मास्क की वापसी हो सकती है, लेकिन शुरुआत में यह केवल क्लीनिकों और अस्पतालों तक ही सीमित रहेगा.

ड्राई फ्रूट्स खाने का शरीर पर ये होता है असर, जान लेंगे तो नहीं करेंगे गलती

सूखे मेवे न्‍यूट्रीशन से भरपूर होते हैं. यह इतने पौष्टिक होते हैं कि अगर इन्‍हें डाइट में शामिल किया जाए तो शरीर में पोषण की कमी नहीं रहती और प्रोटीन से लेकर विटामिंस, कैल्शियम, फाइबर और मिनरल्‍स पर्याप्‍त मात्रा में शरीर को मिल जाते हैं लेकिन अगर किसी चीज का फायदा होता है तो उसके नुकसान भी होते हैं.

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्‍या
ड्राई फ्रूट्स
रोजाना खा सकते हैं और कितनी मात्रा में खा सकते हैं? क्‍या
सूखे मेवे
खाने से शरीर को कोई नुकसान भी होता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब दिल्‍ली के जीटीबी अस्‍पताल की असिस्‍टेंट डायटीशियन आरती सिंघल से…

डायटीशियन सिंघल कहती हैं कि सूखे मेवे खाने से शरीर को ऊर्जा और पोषण दोनों ही मिलते हैं. अगर आप दिनभर कुछ और नहीं खाते हैं लेकिन सुबह एक मुठ्ठी सूखे मेवे खा लेते हैं तो उससे आपको पूरे दिन काम करने की ऊर्जा और स्‍फूर्ति मिल जाती है. हालांकि मेवे रिच फूड होते हैं, ऐसे में अगर ये ज्‍यादा मात्रा में खा लिए जाएं तो ये फायदे के बजाय शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं.

– रोजाना कितने बादाम खाना है जरूरी? ब्रेन होगा मजबूत, स्किन भी करेगी ग्‍लो, डॉक्‍टर से जान लें संख्‍या

क्‍या रोजाना खा सकते हैं सूखे मेवे

डा. आरती कहती हैं कि सूखे मेवे रोजाना डाइट में शामिल करना काफी अच्‍छा है. रोजाना सूखे मेवे खाने से शरीर को जरूरी पोषण तत्‍व मिल जाते हैं, जो भोजन से नहीं मिल पा रहे हैं. खासतौर पर प्रोटीन, ओमेगा थ्री, अमीनो एसिड्स आदि. मेवाओं में जो प्रोटीन होता है वह गुड प्रोटीन होता है. इसके अलावा इन सभी बीजों में छुपा हुआ तेल भी होता है, जो शरीर के लिए उपयोगी है लेकिन इसकी ज्‍यादा मात्रा नुकसानदेह हो सकती है. सूखे मेवों में बादाम, पिस्‍ता, काजू, मखाने, खरबूज, तरबूज आदि के बीज या अन्‍य भी कोई बीज शामिल किए जा सकते हैं. कोशिश करें कि बादाम और किशमिश को भिगोकर खाएं तो और भी अच्‍छा रहता है.

कितनी मात्रा में खाएं

ये सबसे बड़ा सवाल है कि सूखे मेवे कितनी मात्रा में रोजाना खाने चाहिए. न्‍यूट्रीशन वैल्‍यू को देखते हुए एक सामान्‍य एडल्‍ट को रोजाना 25 से 50 ग्राम तक सूखे मेवे खाना फायदेमंद है. ये हमेशा ध्‍यान रखने वाली बात है कि अगर आप सूखे मेवे कम मात्रा में खा रहे हैं तो ये शरीर में जरूरी न्‍यूट्रीशन को पूरा करने में मदद करते हैं लेकिन अगर इन्‍हें ज्‍यादा मात्रा में खाया जा रहा है तो शरीर पर वजन बढ़ता है. शरीर को इन्‍हें पचाने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है इसके अलावा शरीर पर फैट के रूप में भी जमा हो सकता है.

डा. सिंघल कहती हैं कि हमेशा डायटीशियन यह देखकर आपके लिए सूखे मेवे की मात्रा निधारित करते हैं कि आपके शरीर को कितनी जरूरत है और आपकी उम्र व अवस्‍था क्‍या है. मान लीजिए कोई बुजुर्ग व्‍यक्ति हैं तो उन्‍हें रोजाना 25 से 50 ग्राम मेवा नहीं दे सकते. किसी को कोई बीमारी है तो भी उनके लिए अलग मात्रा होगी. बच्‍चे के लिए अलग व्‍यवस्‍था होगी. इसके अलावा कोई महिला प्रेग्‍नेंट है तो उसे शुरुआत में मेवा भिगोकर खाने और कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाएगी.

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आसमानी बिजली गिरने से झुलसे 13 लोग, पांच की हालत गंभीर

यूपी के अंबेडकरनगर के बसखारी इलाके में तेज बारिश के बीच गिरी बिजली ने रविवार को थाना क्षेत्र बसखारी के छांगुरपुर मिश्रौलिया में कहर बरपा दिया। गांव में एक महिला के निधन के बाद आयोजित शुद्धि कार्यक्रम में मौजूद 13 लोग बिजली की चपेट में आकर झुलस गए। दो के स्थानीय उपचार के साथ ही 11 ग्रामीणों को सीएचसी बसखारी ले जाया गया।

 

गांव निवासी व्रतंती की पत्नी का बीते दिनों बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनका रविवार को शुद्धि कार्यक्रम का आयोजन था। इसमें परिवार व अन्य सगे संबंधी शामिल हुए। सुबह लगभग पौने दस बजे से तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। गरज चमक के साथ हो रही बारिश के बीच अचानक तेज आवाज के साथ कार्यक्रमस्थल के निकट ही बिजली गिर पड़ी। इससे वहां मौजूद 13 लोग उसकी चपेट में आ गए। इससे मौके पर चीख पुकार व भगदड़ गई।

दो लोग मामूली रूप से घायल हुए जिनका स्थानीयस्तर पर ही उपचार हुआ। हालांकि गंभीर रूप से झुलसे सम्मनपुर थाना क्षेत्र के रामपुर मंगुराडिला निवासी चिंताराम (40), छांगुरपुर मिश्रौलिया निवासी शशिकांत (20), रामरूप (55), सचिन (15), विशाल (23), राजाराम (50), दिलीप (30), अच्छेलाल (42), पतिराम गौतम (50), अभिमन्यु (19) व रवि कुमार (30) को सीएचसी बसखारी ले जाना पड़ा।

यहां हालत गंभीर गंभीर होने पर नौ लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से भी पांच ग्रामीणों शशिकांत, चिंताराम, दिलीप, रामरूप व पतिराम को राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर रेफर करना पड़ा जबकि अच्छेलाल, राजाराम, विशाल व सचिन का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। उधर इस हादसे के चलते शुद्धि कार्यक्रम नहीं हो पाया।

सीएचसी में रही अफरा-तफरी
सीएचसी बसखारी में बिजली की चपेट में आकर लगभग एक दर्जन झुलसे हुए ग्रामीणों के पहुंचने से अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। एकसाथ घायलों के पहुंचने पर उन्हें प्राथमिक उपचार देने के लिए चिकित्सक व अन्य स्टॉफ दौड़ते भागते नजर आए। इसी बीच हीरापुर बाजार में छात्रा की मौत के आरोपियों के मुठभेड़ में घायल होने के बाद उन्हें लेकर पहुंची पुलिस को इंतजार करना पड़ा। बिजली गिरने से झुलसे लोगों का उपचार होने के बाद ही पुलिस मुठभेड़ में घायल आरोपियों को यहां भर्ती किया गया।

की जा रही मॉनीटरिंग
एडीएम डॉ. सदानंद गुप्ता ने जिला अस्पताल पहुंचकर वहां भर्ती घायलों का हालचाल जाना। जिम्मेदारों को निर्देशित किया कि इनके बेहतर इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। एडीएम ने बाद में कहा कि घायलों के इलाज की मॉनीटरिंग की जा रही है।

छात्रा का दुपट्टा खींचने वाले आरोपियों का पुलिस से एनकाउंटर…

अंबेडकरनगर में छेड़छाड़ के चलते हुई छात्रा की मौत प्रकरण में हंसवर थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। उधर इस मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई है। एसपी अजीत सिन्हा ने थाना प्रभारी रितेश पांडेय को निलंबित कर दिया है।

इस बीच इस कांड के तीन आरोपियों शहबाज, अरबाज और फैसल की रविवार दोपहर सेमरा नसीरपुर के निकट पुलिस से मुठभेड़ हो गई। घायल आरोपियों को जिला अस्पताल भेजा गया है।

बता दें कि अंबेडकरनगर जिले के टांडा क्षेत्र के हीरापुर बाजार में शुक्रवार को इंटरमीडिएट की छात्रा के साथ बाइक सवार दो सगे भाइयों ने छेड़छाड़ की थी। इस दौरान वह असंतुलित होकर साइकिल समेत गिर गई जिसके बाद दूसरी बाइक की टक्कर से छात्रा की मौत हो गई।

यह खुलासा शनिवार को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हुआ है जिसके बाद केस दर्ज कर पुलिस ने छेड़छाड़ करने वाले दोनों सगे भाइयों व टक्कर मारने वाले बाइक सवार को पकड़ लिया है। घटना की सच्चाई समाने आने के बाद छात्रा के परिजनों व स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।