Friday , October 25 2024

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यूपी के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी, जलभराव वाले शहरों में और होगी मुश्किल

यूपी को भारी बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बरसात और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। इससे उन जिलों में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं जहां जलभराव जैसे हालात बने हुए हैं। प्रदेश में मंगलवार और बुधवार को मौसम ने थोड़ा राहत दी पर बाराबंकी और लखनऊ सहित कई जिलों में जलभराव जैसे हालात हो गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, हरदोई, कन्नौज, कानपुर देहात, उन्नाव, रायबरेली, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरेया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों में मेघ गर्जन और वज्रपात होने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर और आसपास के इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना है।

इसके पहले रविवार की रात से लेकर सोमवार सुबह तक पश्चिमी विक्षोभ और पुरवा हवाओं के टकराव से रविवार रात बारिश तूफानी बन गई थी। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में पानी भर गया था। इस दौरान 60-80 किमी की रफ्तार से हवाएं चलीं। बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण दो दिनों के अंदर 23 लोगों की मौत हो गई थी।

घोसी विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद दिल्ली पहुंचे दारा सिंह चौहान, संतोष से की मुलाकात

घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा नेता दारा सिंह चौहान बुधवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। जहां उन्होंने पार्टी के महामंत्री संगठन बीएल संतोष और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि वह गृह मंत्री अमित शाह और सुनील बंसल से भी मुलाकात करेंगे।
ऐसा कहा जा रहा है कि इन मुलाकातों के बाद ही दारा सिंह के सियासी भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा। उपचुनाव के पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है पर चुनाव में हार के बाद अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि, भाजपा के अन्य सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर कह चुके हैं वह खुद और दारा सिंह मंत्री जरूर बनेंगे।

दारा सिंह चौहान करीब 42 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह से चुनाव हारे हैं। उपचुनाव में वह अपने समुदाय का वोट भी पूरी तरह नहीं प्राप्त कर सके।

घोसी सीट का उपचुनाव राजभर और दारा सिंह के लिए एक कड़ी परीक्षा माना जा रहा था पर इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा है जिसके बाद से भाजपा के सहयोगी दलों के नेता राजभर और डॉ. संजय निषाद की लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा से अपनी शर्तें मनवाने की क्षमता कम हो गई है।

अमीर लोगों Skin Cancer का खतरा अधिक! स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है जो पूरे शरीर पर फैली हुई है. स्किन में भी कैंसर हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लाखों की संख्या में Skin Cancer के मामले सामने आते हैं.

वहीं स्किन कैंसर फाउंडेशन के आंकड़ों के अनुसार, डायग्नोस किए जाने वाले हर तीन कैंसर के मरीजों में से एक स्किन कैंसर से पीड़ित होता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. इस स्टडी में कहा गया है कि अमीर लोगों को स्किन कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा होता है.

CANADA के लोगों में खतरा अधिक-

इस स्टडी में कैंसर को लेकर बात की गई है. ये स्टडी मैकगिल यूनिवर्सिटी द्वारा कराई गई है, जिसमें स्किन कैंसर को लेकर बहुत सारे खुलासे किए गए हैं. स्टडी में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि अटलांटिक रीजन मे रहने वाले और कनाडा के लोगों को मेलानोमा यानी स्किन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. मेलानोमा कैंसर का ही एक रूप है. ये जानलेवा और खतरनाक होता है जो सीधे स्किन पर हमला करता है.

कनाडा में तीन में से एक शख्स स्किन कैंसर की जद में-

स्टडी में बताया गया है कि स्किन कैंसर पूरी दुनिया में तेजी से पैर पसार रहा है. खासकर कनाडा और अटलांटिक रीजन में रहने वाले लोगों में इसकी पकड़ ज्यादा देखी गई है. यहां के लोग स्किन कैंसर से अधिक पीड़ित हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कनाडा में तीन में से एक शख्स स्किन कैंसर के खतरे में है. स्टडी में कनाडा और अटलांटिक रीजन में लोगों के व्यवहार, जीवन स्तर, इनकम और जैंडर की पहचान की गई.

हायर इनकम ग्रुप के लोग प्रभावित-

स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा कमाई करने वाले यानी हायर इनकम ग्रुप वाले लोग स्किन कैंसर की गिरफ्त में जल्दी आते हैं. दरअसल इसके पीछे कई कारण हैं जैसे-

-ज्यादा धूप में रहना

-यूवी किरणों के संपर्क में ज्यादा आना

– सन बर्न

– टेनिंग बैड में सोना

खासकर टैनिंग बैड के चलते स्किन कैंसर के केस ज्यादा आते हैं.

50 हज़ार डॉलर से ज्यादा कमाने वाले लोगों में खतरा अधिक-

स्टडी में कहा गया है कि जो लोग हर साल 50 हज़ार डॉलर से ज्यादा कमाते हैं, दरअसल उनका आउटडोर काम और एक्टिविटीज ज्यादा होती है. ऐसे में ये लगातार सूरज और पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं, जिसके चलते ये स्किन कैंसर का शिकार हो जाते हैं. स्टडी में ये भी कहा गया है कि इस कारण को बताए जाने के बाद लोग सन बर्न और सन एक्सपोजर से बचेंगे औऱ स्किन कैंसर के तेज होते मामलों पर लगाम कसी जा सकेगी. इतना ही नहीं महिलाओं की अपेक्षा पुरुष और गोरी स्किन वाले लोग भी स्किन कैंसर की चपेट में जल्दी आते हैं.

कब है भाद्रपद अमावस्या? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि…

सनातन धर्म में भाद्रपद अमावस्या विशेष मानी गई है। भादो महीने में पड़ने वाली अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या, कुशोत्पतिनी अमावस्या, पिठोरी अमावस्या, पिठोरी अमावस या भाद्रपद अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

अमावस्या तिथि के दिन गंगा स्नान व दान-धर्म, तर्पण आदि की खास अहमियत होती है। वही इस बार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 14 सितंबर, बृहस्पतिवार को प्रातः 04 बजकर 48 मिनट से आरंभ होगी तथा अगले दिन 15 सितंबर, शुक्रवार को प्रातः 07 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान्य होने की वजह से भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी।

भाद्रपद अमावस्या पूजन का प्रदोष व्रत- अमावस्या तिथि के दिन प्रदोष काल में पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ माना गया है। पिठोरी व्रत प्रदोष मुहूर्त 14 सितंबर को शाम 06 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 20 मिनट की है।

भादो अमावस्या स्नान-दान के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:32 ए एम से 05:19 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04:56 ए एम से 06:05 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:52 ए एम से 12:41 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:20 पी एम से 03:10 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:28 पी एम से 06:51 पी एम

भाद्रपद अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए-
शास्त्रों के मुताबिक, अमावस तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने, पिंडदान व तर्पण आदि करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितृदोष से मुक्ति प्राप्त होती है।

भाद्रपद अमावस्या पूजन विधि:-
अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के पश्चात् सूर्य को अर्घ्य दें।
भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करें।
इस दिन दोपहर के समय काला तिल, कुश और फूल डालकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें।

बुधवार के इन उपायों से बनने लगेंगे सारे बिगड़े काम

सनातन धर्म में बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश और बुध देव को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान की विधि विधान से पूजा करते है और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है लेकिन इसी के साथ ही अगर आज कुछ विशेष उपायों को किया जाए तो जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और बिगड़े काम भी बनने लगते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बुधवार को किए जाने वाले आसान उपाय बता रहे हैं।

बुधवार के आसान उपाय-
अगर किसी जातक की कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर है और वह अशुभ फल प्रदान कर रहा है जिसके कारण आपको परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। तो ऐसे में हर बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश के साथ मां दुर्गां की पूजा करें और माता को सोलह श्रृंगार की चीजें भेंट करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख समृद्धि जीवन में आती है और बुध ग्रह भी मजबूत हो जाता है।

अगर आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही कर्ज भी बढ़ता जा रहा है तो ऐसे में आप बुधवार के दिन पूजा के समय श्री गणेश को दूर्वा और मोदक जरूर अर्पित करें। इस उपाय को करने से धन आने के मार्ग खुल जाते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है।

इसके अलावा बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश और श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा करें। इसके बाद गाय को हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।

अनट्रेंड शिक्षामित्रों पर काले बादल का साया, विपक्षी बना यह रणनीति

अब शिक्षामित्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर ऐसे शिक्षा मित्र जिन्होंने टेट या सीटेट की परीक्षा आज तक उत्तीर्ण नहीं की है और जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश में एक लाख से अधिक है और वह आज बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं उन पर बहुत बड़ा संकट आने वाला है और ऐसे सभी शिक्षामित्र अब लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से बाहर होंगे क्योंकि इस संबंध में रणनीतियां बनाई जा रही है और बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर दी जाएगी ।
उत्तर प्रदेश के डीएलएड अभ्यर्थी और b.ed अभ्यर्थी दोनों एक साथ मिलकर इस कार्य को सुप्रीम कोर्ट में करेंगे।

डीएलएड अभ्यर्थियों से भी बात हुई है उनका भी कहना है की बहुत जल्द शिक्षामित्र को भी बेसिक से हटाने का कार्य किया जाएगा क्योंकि यह अयोग्य शिक्षा मित्र आज सरकार के रहमों करम पर बेसिक स्कूल में पढ़ा रहे हैं जिस कारण नई शिक्षक भर्ती नहीं आ रही और उत्तर प्रदेश सरकार इन्हीं की संख्या को जोड़कर छात्र शिक्षक अनुपात बराबर बता रही है ।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बना शराब तस्करों का नया रूट, दौसा में पकड़ी लाखों की मदिरा

दौसा जिले के आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लाखों रुपये की अंग्रेजी शराब जब्त की है. मंगलवार की रात दौसा जिले के धनावड रेस्ट एरिया में आबकारी विभाग की टीम ने एक यूपी नंबर के ट्रक को रोककर उसकी जांच की तो उसमें पंजाब निर्मित शराब भरी हुई थी जिसे अवैध रूप से गुजरात ले जाया रहा था.

दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है जिसमें आबकारी विभाग द्वारा 785 अंग्रेजी शराब की पेटियां बरामद की गई हैं.

आबकारी पुलिस के सीआई महेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि यूपी नंबर का एक ट्रक दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे से होकर दौसा की तरफ जा रहा है. सूचना मिलते ही आबकारी पेट्रोलियम ऑफिसर मेघराज शर्मा और फुलेरा के पीओ महेंद्र सिंह की टीम ने ट्रक को रुकवाकर इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान आबकारी विभाग की टीम को देखकर ट्रक के चालक और खलासी मौके से फरार हो गए. हरियाणा और पंजाब से लाई जा रही अवैध शराब को गुजरात तक पहुंचाने के लिए तस्करों ने यह नया रूट खोजा है.

हाइवे पर चेकिंग न होने से बना तस्करी का रूट

आबकारी पुलिस के अनुसार आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए तस्करों ने शराब की तस्करी के लिए यह नया रूट बनाया है. क्योंकि दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के बाद आमतौर पर पुलिस, परिवहन और आबकारी विभाग द्वारा रोका-टोकी नहीं की जाती है जिसकी वजह से शराब तस्कर इस रास्ते को तस्करी के रूप में उपयोग करने लगे हैं. हालांकि बीती रात हुई कार्रवाई ने शराब तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है.

गुजरात पहुंचते ही दोगुने हो जाते हैं शराब के दाम

गुजरात में शराबबंदी के चलते पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश से अवैध शराब की तस्करी का नेटवर्क राजस्थान से होते हुए गुजरात तक फैल गया है. आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे से हर साल अवैध शराब से भरे सैकड़ों ट्रक गुजरात पार हो जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हरियाणा और पंजाब में निर्मित शराब की कीमत राजस्थान के मुकाबले बेहद कम है. ऐसे में शराब तस्कर बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा रहे हैं.

क्या INDIA सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर आज बनेगी बात? जानिए किधर टकराव किधर और कहां पिक्चर साफ

लोकसभा चुनाव में बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए बने विपक्षी गठबंधन INDIA की कोआर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक बुधवार शाम को दिल्ली में होनी है. इस बैठक के एजेंडे में सीट शेयरिंग फॉर्मूले से लेकर साझा चुनावी अभियान चलाने को लेकर रणनीति पर मंथन होगा.

ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर INDIA गठबंधन के घटक दलों के बीच कुछ राज्यों में तस्वीर पूरी तरह साफ है, तो कई राज्यों में फ्रेंडली मुकाबला भी हो सकता है. हालांकि, कई जगह पर गठबंधन में सीटों को लेकर पेच फंसे हुए हैं, जो सीट-बंटवारे के नजरिए से INDIA गठबंधन के लिए सबसे मुश्किल लग रहे हैं.

विपक्षी गठबंधन INDIA की कोआर्डिनेशन कमेटी में अलग-अलग विपक्षी दलों से 14 नेता शामिल हैं. बुधवार शाम एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर INDIA गठबंधन कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक होगी. विपक्षी दलों के नेता सीट-बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तैयार करने की मांग कर रहे हैं. पवार के घर पर होने वाली बैठक में तमाम मुद्दों पर मंथन किया जाएगा, जिसमें सीट शेयरिंग पर भी बात होगी. ऐसे में तीन हिस्सों में बांटकर बताते हैं कि किस राज्य में सीट शेयरिंग तय है और किन राज्यों में दिक्कतें आ रही हैं.

तीन राज्यों की 54 सीट पर सब कुछ तय

विपक्षी गठबंधन INDIA में तमिलनाडु, झारखंड और पुडुचेरी की 54 लोकसभा सीटों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं दिख रही है. तमिलनाडु में 39 लोकसभा सीटें हैं. डीएमके, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों सहित कुछ छोटे क्षेत्रीय दल मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं. 2019 के लोकसभा और उसके बाद 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी दल एक साथ थे. 2024 में भी साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जहां पिछली बार का फॉर्मूला लागू हो सकता है. इसी तरह से पुडुचेरी में भी डीएमके और कांग्रेस का गठबंधन है. झारखंड में 14 लोकसभा सीटें हैं और वहां पर जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी मिलकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, क्योंकि तीनों ही दल एक साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं.

गठबंधन तय, लेकिन सीट शेयरिंग नहीं

विपक्षी गठबंधन INDIA कई राज्यों में है, लेकिन इस बीच सीट शेयरिंग तय नहीं है. इस फेहरिस्त में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, मेघालय और मणिपुर में सीट बंटवारे को लेकर मुश्किल आ रही है. यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं और गठबंधन में सपा, कांग्रेस, आरएलडी, कृष्णा पटेल की अपना दल और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद भी शामिल हैं. आरएलडी 12, तो कांग्रेस 25 सीटों की मांग कर रही है. सपा 20 सीटें सभी सहयोगी दलों को देना चाहती है. इतना ही नहीं सीटों को लेकर भी पेच फंसा हुआ है.

बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं, जहां आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां गठबंधन का हिस्सा हैं. लेफ्ट आठ सीटों की मांग कर रही है, तो कांग्रेस भी पिछली बार से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है. आरजेडी और जेडीयू भी एक दूसरे से कम सीट पर मान नहीं रहे हैं. इसी तरह गुजरात, दिल्ली, चंडीगढ़ में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ हैं, लेकिन सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है. पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच अलग ही मामला है.

मेघालय में कांग्रेस-टीएमसी, तो मणिपुर में कांग्रेस-जेडीयू-लेफ्ट में सीट शेयरिंग का मामला फंसा है, क्योंकि ये दल INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं. महाराष्ट्र में भी विपक्षी गठबंधन तय है, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद) शामिल है. राज्य में 48 सीटें हैं और तीनों ही दल एक दूसरे से कम सीटों पर चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं. जम्मू और कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन राज्य की 5 सीटों के लिए सीट-बंटवारे की रूपरेखा तैयार करनी होगी.

पंजाब-बंगाल-केरल में फ्रेंडली फाइट होगी?

INDIA गठबंधन में कई ऐसे राज्य हैं, जहां घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रहे हैं. पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल में INDIA गठबंधन में फ्रेंडली फाइट देखने को मिल सकती है. पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लेफ्ट पार्टियों के लिए सीट छोड़ने के मूड में नहीं हैं, तो केरल में कांग्रेस और लेफ्ट के बीच सीधा मुकाबला है.

पश्चिम बंगाल में 42, पंजाब में 14 और केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं. इस तरह तीन राज्यों में 76 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर INDIA गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच ही मुकाबला हो सकता है. केरल और पंजाब में बीजेपी का कोई खास आधार नहीं है. बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच 2019 में मुख्य लड़ाई थी, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी की ताकत बढ़ी है. टीएमसी और लेफ्ट के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा है और कांग्रेस भी कुछ इलाकों में मजबूत है. इसी तरह से कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और वाम नेतृत्व वाला एलडीएस, तो पंजाब में भी सहयोगी दल के बीच फाइट है. इसीलिए यहां पर मैत्रीपूर्ण लड़ाई का जोखिम उठा सकते हैं.

मात्र 15 मिनट की मुलाकात में इस हसीना को दिल दे बैठे थे रजनीकांत, जबरदस्त है किस्सा

भारतीय सिनेमा के महान सुपरस्टार रजनीकांत अपने अद्वितीय अभिनय कौशल और अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं। न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उनके बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं। जबकि रजनीकांत का पेशेवर जीवन अच्छी तरह से प्रलेखित है, उनकी व्यक्तिगत प्रेम कहानी सादगी और पहली नजर के प्यार की दिल छू लेने वाली कहानी है।

इस लेख में, हम रजनीकांत और उनकी पत्नी लता की प्रेम कहानी के बारे में जानेंगे और कैसे 15 मिनट की मुलाकात ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।

रजनीकांत:
रजनीकांत, जिन्हें अक्सर “थलाइवा” (नेता) कहा जाता है, मनोरंजन उद्योग में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। कई दशकों के करियर में उन्होंने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी अनूठी शैली, शक्तिशाली संवाद और करिश्माई उपस्थिति उन्हें दक्षिण भारतीय और बॉलीवुड सिनेमा दोनों में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनाती है।

ऐसे हुई प्रेम कहानी शुरू:-
1975 में जब रजनीकांत की उम्र 25 वर्ष की थी तब उन्हें अपना पहला ब्रेक 1 तमिल फिल्म में मिला था। अपूर्व रगांगल नामक इस फिल्म में कमल हासन लीड रोल में थे तथा रजनीकांत को केवल 15 मिनट की भूमिका दी गई थी। तत्पश्चात, 1981 में जब रजनीकांत थिल्लू मुल्लू फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उस समय उनके पास इंटरव्यू के लिए एक रिक्वेस्ट आई जो एक कॉलेज की मैगजीन की तरफ से की गई थी। उनका इंटरव्यू उनकी पत्नी लता लेने के लिए आई थीं, जो उस समय कॉलेज में स्टूडेंट थीं। रजनीकांत का इंटरव्यू लेने पहुंची लता के पास 15 मिनट का वक़्त था तथा थलाइवा उन्हें देखते ही अपना दिल हार चुके थे। पहली मुलाकात में दोनों एक दूसरे के साथ बहुत सहज थे तथा इंटरव्यू समाप्त होते ही सुपरस्टार ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज कर दिया।

लता ने दिया ऐसा रिएक्शन
रजनीकांत ने जैसे ही लता को प्रपोज किया वह दंग हो गई मगर उन्होंने बड़ी ही लाजवाब प्रतिक्रिया दी। मुस्कुराते हुए उन्होंने एक्टर को कहा कि माता-पिता से बात करनी होगी। यह सुनकर थलाइवा सोच में पड़ गए कि आखिरकार माता-पिता मानेंगे या नहीं। दोनों ने इस बात की खबर परिवार को दी तथा हर कोई इस रिश्ते से खुश दिखाई दिया। इन्होंने 26 फरवरी 1981 को शादी कर ली तत्पश्चात, उनकी दो बेटियां हैं एक का नाम ऐश्वर्या है तथा उसकी बेटी सौंदर्या है। ऐश्वर्या फिल्म डायरेक्टर हैं तथा सौंदर्या ग्राफिक डिजाइनर, फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं।

भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित सुपरस्टार रजनीकांत को अपना सच्चा प्यार सबसे अप्रत्याशित तरीके से मिला। 15 मिनट के साक्षात्कार में कॉलेज की एक साधारण छात्रा लता के साथ आजीवन प्रेम कहानी का पता चला। उनकी प्रेम कहानी वास्तविक संबंधों और पहली नजर के प्यार की शक्ति का प्रमाण है। आज, रजनीकांत और लता एक-दूसरे के प्रति अपने स्थायी प्यार और प्रतिबद्धता से प्रेरित होते रहते हैं, जिससे यह साबित होता है कि सबसे बड़े सितारे भी सबसे सरल क्षणों में खुशी पा सकते हैं।

एआर रहमान के कॉन्सर्ट पर उदयनिधि स्टालिन ने दी प्रतिक्रिया, घटना पर कही यह बात

मशहूर संगीत निर्देशक एआर रहमान का चेन्नई कॉन्सर्ट गलत कारणों से चर्चा का विषय बन गया। 10 सितंबर को आयोजित संगीत कार्यक्रम के कुप्रबंधन के लिए उनकी खूब आलोचना की जा रही है। एआर रहमान और एसीटीसी इवेंट्स अब उन लोगों के लिए रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं, जिन्हें भीड़भाड़ के कारण प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।

 

बता दें कि भीड़भाड़ और अत्यधिक ट्रैफिक की खबरों के बाद सरकार ने एक शीर्ष पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया था। अब इस घटना पर पूर्व अभिनेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रतिक्रिया दी है। एआर रहमान का संगीत कार्यक्रम ‘माराकुमा नेनजाम’ 10 सितंबर को चेन्नई के आदित्यराम पैलेस में हुआ था। इसमें महिलाओं के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई, बच्चों को विस्थापित किया गया और बुजुर्गों को मामूली चोटें आईं।

उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कॉन्सर्ट से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं कॉन्सर्ट में नहीं गया लेकिन अपने फोन पर वीडियो देखा है। जांच के बाद एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसा कहा जा रहा है कि आखिरी मिनट में जल्दबाजी, कुप्रबंधन का कारण बना।”

उन्होंने आगे कहा, “अतीत में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। हमें सावधान रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा न हो। लोग उनकी आलोचना करने के मौके का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन, हमें भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचना होगा। सरकार जांच कराएगी और पता लगाएगी कि असली दोषी कौन है और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।”