Friday , October 25 2024

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आकाशीय बिजली कड़कने पर खराब हो गए स्मार्ट विद्युत मीटर,क्या था कारण…

बिजली कड़कने से स्मार्ट बिजली मीटर खराब होने की शिकायतें मंगलवार शाम तक दर्ज होती रहीं। बिजली आपूर्ति ठप होने से लोग परेशान रहे। सबसे ज्यादा 65 स्मार्ट मीटरों की खराबी की शिकायतें उतरेठिया उपखंड में दर्ज हुईं। हालांकि, राजधानी में खराब स्मार्ट मीटर की तादाद तीन हजार से अधिक बताई जा रही है। इससे इन मीटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। पावर कॉर्पोरेशन ने पूरे प्रदेश से बिजली कड़कने से खराब हुए मीटरों की रिपोर्ट तलब की है।

 

राजधानी में बिजली कड़कने से कितने स्मार्ट मीटर क्षतिग्रस्त हुए, इसकी सही जानकारी अभी खंडीय अभियंताओं के पास नहीं है। आशियाना के सेक्टर एफ निवासी संगीता अग्रवाल, सेक्टर-आई निवासी कलावती सहित 20 लोगों ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराई थी। बहरहाल जेई-एसडीओ बता रहे हैं कि 11 सितंबर से शिकायतें दर्ज होने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह 12 सितंबर की शाम तक चलता रहा। हर खंड में औसतन 30 स्मार्ट मीटर के खराब होने की शिकायत आई है। लेसा के कुल 26 खंड हैं। उतरेठिया, चिनहट , गोमतीनगर विस्तार, गोमतीनगर, जानकीपुरम, कुर्सी रोड, ठाकुरगंज, सआदतगंज, राजाजीपुरम, साउथ सिटी, कानपुर रोड, आशियाना एवं चौक क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई हैं।

स्मार्ट मीटर के सेंसर क्षतिग्रस्त होने का अंदेशा

परीक्षण खंड के एक्सपर्ट्स को अंदेशा है कि बिजली कड़कने के कारण स्मार्ट मीटर के सेंसर क्षतिग्रस्त हो गए। इससे हार्डवेयर भी प्रभावित हुआ जिससे स्मार्ट मीटर के सिम ने काम करना बंद कर दिया। इससे बिजली की आउटगोइंग सप्लाई बंद हो गई। हालांकि, कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने इस सिलसिलें में जांच के लिए समिति गठित नहीं की है।

एमडी ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

यूपी पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बिजली कड़कने से खराब हुए स्मार्ट मीटरों पर विद्युत वितरण निगमों के एमडी से चर्चा की। उन्होंने 24 घंटे के अंदर खराब हुए स्मार्ट मीटरों की सूची तलब की है। चेयरमैन के निर्देश के बाद क्षतिग्रस्त स्मार्ट मीटरों को सूचीबद्ध करने का सिलसिला शुरू हो गया।

यूपी के मंत्री को नहीं दिखी लखनऊ की बारिश: नगर विकास मंत्री बोले- “कहां है जलभराव…

” लखनऊ में पानी कहां भरा है, कहां जल जमाव हुआ है हम भी शहर की स्थिति का जायजा लेने निकले थे लेकिन हमें तो कहीं पानी भरा नहीं दिखा”। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद लोक भवन में पत्रकारों से मुखातिब नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने यह बात कही।

हुआ यूं कि पत्रकारों ने अरविंद शर्मा से सवाल किया कि आपने पहले कहा था कि यदि कहीं भी बरसात के पानी के कारण जल भराव की समस्या हुई तो नगर आयुक्त की जिम्मेदारी तय होगी। सोमवार को लखनऊ के कई बाजार, मोहल्ले और मार्ग जलमग्न हो गए थे। जल भराव ऐसा था कि लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा था।

अरविंद शर्मा ने जवाब में कहा कि कहां है जल भराव, कहां पानी भरा है। लखनऊ में हम भी कल बारिश की स्थिति का जायजा लेने निकले थे लेकिन कहीं पानी भरा नहीं दिखा। जब पत्रकारों ने जल भराव वाले इलाके गिनाना शुरू किए तो शर्मा ने कहा कि कल बारिश बहुत तेज थी, यदि आप अपने घर के बाथरूम में भी नल को तेज चलाएंगे तो घर में पानी भर जाएगा। ऐसे में बारिश तेज होगी तो पानी तो भरेगा ही। इससे बाद मीडिया कर्मी कोई सवाल करते उससे पहले शर्मा गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।

पूरे शहर में रही जलभराव की स्थिति

रविवार देर रात शुरू हुई बारिश सोमवार को सुबह तक होती रही। बारिश इतनी तेज थी कि शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं था जहां जलभराव की स्थितियां ना बनी हों। शहर के निचले हिस्से तो पूरी तरह से पानी में डूबे रहे। बारिश और जलभराव को देखते हुए जिलाधिकारी ने कक्षा एक से लेकर 12 तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी थी।

नोएडा बनने के 47 साल बाद प्रदेश को मिला एक और औद्योगिक शहर, नाम होगा ‘बीडा’, क्या होगी लोकेशन

नोएडा के गठन के 47 वर्ष बाद प्रदेश को एक और नए औद्योगिक शहर की सौगात प्रदेश सरकार ने दी है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के नाम से नया औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग बसाया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। खास बात ये है कि बीडा का आकार नोएडा से भी बड़ा होगा। नोएडा का गठन 13 हजार हेक्टेयर जमीन से किया गया था। बीडा का गठन करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन से किया जा रहा है। बीडा के लिए सरकार पहले चरण में 5000 करोड़ रुपये की राशि देगी

लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। इस फैसले से बुंदेलखंड के जिलों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा और बुनियादी विकास के साथ ही रोजगार सृजन होगा। उत्तर प्रदेश में इससे पहले वर्ष 1976 में नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नया औद्योगिक शहर बसाया जा रहा है। इस संबंध में वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि बुंदेलखंड के विकास को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 11 फीसदी प्रस्ताव केवल इसी क्षेत्र के लिए पास किए गए हैं।

सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत बसाये जाने वाले बीडा को नोएडा की तर्ज पर ही विकसित किया जाएगा। पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जाएगा। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपये है। बीडा के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जो जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, उसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।

पहले चरण में 35 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण

कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पारित हुए प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा नोएडा की तर्ज पर एक नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप को विकसित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत कर औद्योगिक शहर की स्थापना की जाएगी। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपये है।

: स्कूली शिक्षा में अब 10+2 खत्म, 5+3+3+4 की नई व्यवस्था लागू होगी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान के माध्यम से भी पढ़ाया जाएगा। स्कूलों में कक्षाओं को पढ़ाने का तरीका भी बदल जाएगा। ऐसे समझें जैसे अब 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में एडमिशन मिलता है.

लेकिन फिर ये पैटर्न बदल जाएगा. वह बदलाव क्या होगा और कैसे होगा, यहां विस्तार से बताया गया है.

इस नई शिक्षा नीति में 3 से 18 वर्ष तक की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह प्ले स्कूल या किंडरगार्टन के तीसरे वर्ष में औपचारिक शिक्षा के बारे में बात करता है। 3 से 18 वर्ष तक स्कूली शिक्षा में चार चरण (5+3+3+4) बताये गये हैं। इन चार स्तरों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) द्वारा समझाया गया है। जानिए क्या है 5+3+3+4 का मतलब, इस फॉर्मूले पर कैसे काम करेगा पूरा एजुकेशन सिस्टम.

5 का क्या मतलब है
इस नए फॉर्मूले के अनुसार फाउंडेशन स्टेज को नंबर 5 के अनुसार दो भागों में बांटा गया है. संख्या 5 का मतलब होगा प्री-स्कूल के 3 साल और प्राइमरी स्कूल या पहली अंगारवाड़ी के 2 साल।

+3 में क्या पढ़ाया जायेगा
फाउंडेशन चरण के बाद, पहले 3 में दो ग्रेड 1-2 एक साथ शामिल होते हैं। इसमें 3 से 8 साल की शिक्षा शामिल होगी।

अगले 3 में क्या होगा
5+3 के बाद अगले +3 में कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई भी शामिल होगी। इस अवधि के दौरान, छात्र मिडिल स्कूल यानी कक्षा 6 से 8 तक को कवर करेंगे। इसमें माध्यमिक शिक्षा के चार साल यानी कक्षा 9 से 12 तक शामिल नहीं होंगे।

आखिरी 4 में आप कहां पढ़ेंगे?
5+3+3 के बाद अगले 4 में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई शामिल होगी। 5+3+3+4 फॉर्मूले के इन आखिरी 4 सालों में छात्रों के पास अपनी पसंद के विषय चुनने का विकल्प होगा। विषयों के संयोजन का चयन करने के लिए 8 श्रेणियां बनाई गई हैं। इसमें मानविकी, गणित-कंप्यूटिंग, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, सामाजिक विज्ञान और अंतर-विषयक विषय शामिल होंगे।

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में स्थापित की गई थी, यह मामूली बदलावों के साथ शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू होगी

कैसे बनाएं हॉस्पिटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर, जानें कोर्स, योग्यता और नौकरियां

भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) में पढ़ाई करना हर किसी का सपना होता है। IIM में दाखिला लेना और फिर यहां से अपनी पढ़ाई पूरी करना हर छात्र के लिए गर्व की बात होती है।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा चाहने वाले छात्र आईआईएम काशीपुर में प्रवेश ले सकते हैं। आईआईएम काशीपुर ने इस कोर्स के लिए मैक्स हेल्थकेयर लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसके तहत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अस्पताल प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधन में नौ महीने का स्नातकोत्तर कार्यक्रम उन अधिकारियों और प्रबंधकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा जो अस्पताल संचालन में अपने कौशल को आगे बढ़ाना चाहते हैं। दोनों संस्थानों ने अनुसंधान, सेमिनार और अन्य शैक्षणिक सहयोग आयोजित करने का भी निर्णय लिया।

आईआईएम काशीपुर की एनआईआरएफ रैंकिंग
शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) -2023 रैंकिंग में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) काशीपुर भारत के शीर्ष 50 प्रबंधन संस्थानों/कॉलेजों की एनआईआरएफ रैंकिंग में 33वें स्थान से 19वें स्थान पर आ गया है। 2021 में. 2023 में. गया है इसके अलावा, संस्थान के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आईआईएम काशीपुर के प्लेसमेंट में इस साल सबसे अधिक वार्षिक वेतन 37 लाख रुपये था, जबकि औसत लागत-से-कंपनी (सीटीसी) 18.11 लाख रुपये थी।

यह कोर्स साल के अंत तक शुरू हो जाएगा
यह समझौता आईआईएम काशीपुर के लिए अपने शिक्षा कार्यक्रमों में विविधता लाने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योगदान देने की एक पहल है। यह पहला कार्यक्रम इस साल के अंत तक आईआईएम काशीपुर में लॉन्च किया जाएगा, जिसके तहत मैक्स अस्पतालों में व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ आईआईएम काशीपुर और मैक्स हेल्थकेयर दोनों के संकाय द्वारा कक्षाएं संचालित की जाएंगी।

रूस ने बंद किया भारत को सस्‍ता उर्वरक देना

वैश्विक आपूर्ति में कमी के कारण रूसी कंपनियों ने भारत को रियायती कीमतों पर डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) जैसे उर्वरक देना बंद कर दिए हैं. इससे भारत की आयात लागत और सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है.

रूसी कंपनियां अभी तक 80 डॉलर प्रति टन तक की छूट पर डीएपी उपलब्‍ध करा रही थीं, हालांकि, अब वे 5 डॉलर की भी छूट नहीं दे रही हैं.

मुंबई स्थित एक उर्वरक कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि पिछले दो महीनों में वैश्विक उर्वरक की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए सर्दियों के मौसम के लिए स्टॉक जमा करना मुश्किल हो गया है. खासतौर पर गेहूं की फसल के लिए डीएपी की मांग बढ़ती है, ऐसे में इसकी पूर्ति के लिए अतिरिक्‍त जोर पड़ेगा.

एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में रूसी कंपनियों की ओर से बाजार कीमतों पर उर्वरकों की पेशकश करने से वैश्विक कीमतों में तेजी आई है. रूसी उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, रूसी डीएपी की मौजूदा कीमत भारतीय खरीदारों के लिए लागत और माल ढुलाई (CFR) के आधार पर लगभग 570 डॉलर प्रति टन है. दूसरे एशियाई खरीदारों के लिए भी यही कीमत तय की गई है.

इस बारे में यहां के जानकारों का कहना है कि जुलाई में, वैश्विक आपूर्तिकर्ता 300 डॉलर प्रति टन पर यूरिया दे रहे थे, लेकिन अब 400 डॉलर प्रति टन की कीमत लगा रहे हैं, वहीं जुलाई में डीएपी की कीमतें करीब 440 डॉलर प्रति टन थी. अब इसमें और इजाफा हो गया है. जबकि पिछले साल 31 मई को समाप्‍त हुए वित्‍तीय वर्ष के आंकड़े पर नजर डालें तो रूस से भारत का उर्वरक आयात 246% बढ़कर रिकॉर्ड 4.35 मिलियन मीट्रिक टन हो गया था क्योंकि उस वक्‍त आपूर्तिकर्ता डीएपी, यूरिया और एनपीके उर्वरकों पर छूट दे रहे थे.

महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी रहता! अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 7.4% से घटकर 6.83% पर आई

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 6.83 प्रतिशत हो गई। इसका बड़ा कारण यह है कि पिछले महीने की तुलना में सब्जियों की कीमतें कम हो गईं।

मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति जून के 4.87 प्रतिशत से बढ़कर 7.44 प्रतिशत हो गई थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब सीपीआई मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सहनशीलता स्तर 2-6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अधिक हो गई है। यह लगातार 47वां महीना है जब यह केंद्रीय बैंक के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से ऊपर रहा है। एक आधार अंक एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा है।

र्थशास्त्रियों ने शुरू में अगस्त के लिए खुदरा मुद्रास्फीति घटकर लगभग 7 प्रतिशत होने की भविष्यवाणी की थी, आधिकारिक डेटा और भी अधिक अनुकूल आंकड़ा दिखाता है। दिलचस्प बात यह है कि शहरी क्षेत्रों में 6.59 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति दर थोड़ी अधिक 7.02 प्रतिशत रही। खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी का श्रेय आंशिक रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट को दिया जा सकता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस अवधि के दौरान अनाज, दालें, दूध और फलों जैसी कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई है।

अच्छी खबर यह है कि स्थिति में काफी सुधार हुआ है और विशेषज्ञों को आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे गिरावट की उम्मीद है। भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) जुलाई 2023 में 5.7% बढ़ गया, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 4.0% की वृद्धि हुई थी। चालू वित्त वर्ष में यह सबसे ऊंची आईआईपी वृद्धि दर है। आईआईपी में वृद्धि व्यापक आधार वाली थी, जिसमें सभी तीन प्रमुख क्षेत्रों – विनिर्माण, खनन और बिजली – ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की। विनिर्माण क्षेत्र में 6.3%, खनन क्षेत्र में 4.2% और बिजली क्षेत्र में 8.3% की वृद्धि हुई।

राजस्थान पुलिस को सौंपा गया मोनू मानेसर, नूंह कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

बजरंग दल के मोनू मानेसर को नूंह कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. मानेसर को हरियाणा पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था. मानेसर को हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था.

पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि मोनू को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धाराओं के तहत हरियाणा के नूंह जिले में दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में हिरासत में लिया गया था. जिसेक बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया है.

राजस्थान के भरतपुर के एसपी मृदुल कछावा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ”हमें जानकारी मिली है कि हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को हिरासत में लिया है, जो नासिर और जुनैद (लिंचिंग) मामले में वांटेड है. हरियाणा पुलिस अपनी आगे की प्रक्रिया कर रही है और हमारे अधिकारी उनके संपर्क में हैं. जब उनकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, (हमारी) जिला पुलिस उनकी प्रक्रिया शुरू कर देगी.”

नूंह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर मोनू के कथित “भड़काऊ भाषणों” को लेकर 26 अगस्त को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “उसने वीडियो में ‘अंतिम-वॉर होगा’ (अंतिम लड़ाई होगी) जैसी बातें कहीं.” उन्होंने आगे बताया, “पुलिस उसके सोशल मीडिया पर नज़र रख रही है.”

यह हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पें देखने के लगभग एक महीने बाद आया है. मोनू ने नूंह में ब्रज मंडल यात्रा से पहले एक वीडियो जारी किया था, जिसे ‘भड़काऊ’ माना गया था. हालांकि, झड़पों के संबंध में उसके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी.

गुरुग्राम के मानेसर शहर का रहने वाला मोहित यादव उर्फ ​​मोनू मानेसर राजस्थान पुलिस द्वारा फरवरी से जुनैद और नासिर की कथित हत्या के मामले में भी वांटेड है, इस में इन दो मुस्लिम पुरुषों के शव भिवानी में जले हुए पाए गए थे.

राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी दो मुस्लिम व्यक्तियों की 15 फरवरी को हत्या कर दी गई थी और उनके शव भिवानी में एक जले हुए वाहन में पाए गए थे.

उन लोगों को कथित तौर पर गोरक्षकों ने पीट-पीटकर मार डाला, जिन्हें संदेह था कि वे दोनों गायों की तस्करी कर रहे थे.

अगस्त में, राजस्थान पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि मोनू मानेसर दो लोगों की हत्या में सीधे तौर पर शामिल नहीं था और उसकी “अप्रत्यक्ष” भागीदारी की जांच की जा रही थी

प्रतापगढ़ में बदमाशों ने गोली मारकर मिनी ब्रांच संचालक से डेढ़ लाख लूटे…

जनपद में मंगलवार को बेखौफ बदमाश मिनी बैंक ब्रांच संचालक को गोली मारकर डेढ़ लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।

जेठवारा थाना क्षेत्र स्थित चमरूपुर पठान गांव में रहने वाले विवेक रंजन त्रिपाठी कटरा गुलाब सिंह में बैंक ऑफ़ बड़ौदा का टाइनी शाखा का संचालन करता है। मंगलवार की सुबह वह घर से पैसे लेकर शाखा खोलने जा रहा था। हिरीपुरवा के पास बदमाश उसे गोली मारकर रुपये से भरा बैग छीनकर फरार हो गए।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची जेठवारा पुलिस ने घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उसका उपचार चल रहा है। थानाध्यक्ष ने बताया कि टाइनी शाखा संचालक को बदमाशों ने सिर पर गोली मारी है। आसपास के सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं, जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

तीन साल पहले माता-पिता की मौत, अब फंदे से लटका 12 साल का बच्चा, सब हैरान

पंजाब के खन्ना में 12 साल के बच्चे ने खौफनाक कदम उठा लिया। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना, वो सन्न रह गया। दरअसल, बच्चे ने पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बच्चा घर में अकेला था।

उसने शॉल से फंदा बनाया और पंखे से लटक गया। जब तक बच्चे को उतारकर सिविल अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया। मृतक के माता-पिता की मौत तीन साल पहले हो चुकी है। बच्चा अपनी बहन व जीजा के पास रहता था।

मृतक बच्चे का नाम रंगोई है। वह खन्ना में अपनी बहन और जीजा के पास रहता था। जीजा रज्जू ने बताया कि उसके सास और ससुर की मौत हो चुकी है। उसका साला रंगोई उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में रहता था। रक्षाबंधन पर उसकी पत्नी भाई को गांव से साथ लेकर आई थी। हादसे के वक्त मेरा पांच वर्षीय बेटा भी घर में था। घर में बच्चा खुश रहता था।

सोमवार रात जब वह काम से लौटे तो देखा कि रंगोई घर में पंखे से लटका था। रज्जू ने कहा कि हो सकता है कि टीवी में कोई सीन देखने के बाद बच्चे ने यह कदम उठाया हो। माता-पिता की मौत के बाद से रंगोई गांव में अकेला रहता था। छोटी उम्र थी। बहन को डर था कि भाई गांव में गलत संगत में न पड़ जाए। यही वजह थी कि वह उसे अपने पास खन्ना ले आई थी।