Friday , October 25 2024

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‘क्या US के किसानों की मदद की जानी चाहिए?’- प्रियंका ने की अमेरिकी सेब पर शुल्क कटौती की निंदा

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को अमेरिका से आयात होने वाले सेब पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) घटाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी सेब को आयात करना आसान हो जाएगा और यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत के सेब उत्पादक समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

प्रियंका गांधी हिमाचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं, उन्होंने कहा कि यहां बड़ा नुकसान हुआ है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में किसान खरीद से संबंधित उद्योगपतियों के फैसलों से पीड़ित थे और अमेरिका से आने वाले सेब पर टैरिफ कटौती के केंद्र सरकार के कदम से इन किसानों पर बुरा असर पड़ेगा.

उन्होंने पूछा, “यह फैसला (अमेरिकी सेब) के आयात को आसान बनाएगा और वे इसे आसानी से बेच पाएंगे. शिमला में बड़े उद्योगपतियों ने सेब की खरीद की कीमतें कम कर दी हैं. जब यहां के सेब उत्पादक परेशानी झेल रहे हैं, तो किसकी मदद की जानी चाहिए?, इनकी या अमेरिका के किसानों की?”

कांग्रेस नेता ने कहा, लोकल किसानों की मदद की जानी चाहिए और उन्हें उनके उत्पाद का उचित दाम मिलना चाहिए.

वह अमेरिका से आयातित सेब पर सीमा शुल्क में 20 प्रतिशत की कटौती के केंद्र के फैसले के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

जून में, अमेरिका और भारत विश्व व्यापार संगठन में छह लंबित विवादों को खत्म करने पर सहमत हुए थे. संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि के एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि, इसके अलावा, भारत चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायग्नोस्टिक रिजेंट्स (ऐसे केमिकल्स जिनके जरिए रोगों का पता लगाया जाता है) समेत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर सहमत हुआ था.

कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिकी कदम के जवाब में 2019 में अमेरिकी सेब पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत शुल्क लगाया गया था. सेब पर मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) शुल्क में कोई कटौती नहीं की गई है, जो अभी भी अमेरिका समेत सभी जगह से आयातित सेब पर 50 प्रतिशत लागू है.

पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं ने भी संयुक्त राज्य अमेरिका से आयातित सेब पर शुल्क कम करने के केंद्र के कदम की आलोचना की है.

हिमाचल प्रदेश में बारिश से आई बाढ़ के प्रभाव के बारे में बोलते हुए, प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से पहाड़ी राज्य की स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वह कर रही है जो वह कर सकती है और आपदा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “स्थिति बहुत दर्दनाक है. बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है… लोग पीड़ित हैं… हम अनुरोध कर रहे हैं कि अगर केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है, तो यह उनके (स्थानीय लोगों) लिए फायदेमंद होगा. राज्य सरकार वह सब कुछ कर रही है जो वह कर सकती है…लेकिन कुछ चीजें केवल केंद्र सरकार की मदद से ही की जा सकती हैं. मुझे यकीन है कि वे मदद करेंगे…मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसी आपदा का राजनीतिकरण करना चाहता है…”

ओडिशा को मिलने जा रहा हैं दूसरी वंदे भारत ट्रेन का तोहफा, ट्रायल फेज पूरा

ओड़िशा न्यूज़ डेस्क !!! पुरी से ढेंकनाल होते हुए राउरकेला तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का सोमवार को पुरी से तालचेर रोड तक ट्रायल किया गया। पुरी से यह ट्रेन आने वाले दिनों में राउरकेला तक जाएगी.
ट्रेन को गुजरते देख लोग उत्साहित हो गये

ट्रायल के तौर पर वंदे भारत ट्रेन सुबह 9.30 बजे पुरी से रवाना हुई. पुरी से निकलने के बाद ट्रेन खुर्दा रोड, भुवनेश्वर, कटक और ढेंकनाल होते हुए तालचेर पहुंची।ट्रेन दोपहर 12 बजे ढेंकनाल रेलवे स्टेशन पहुंची और यहां दो मिनट रुकने के बाद 12:02 बजे तालचेर के लिए रवाना हुई। वंदे भारत एक्सप्रेस को देखने के लिए विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर लोगों में उत्साह देखा गया.गौरतलब है कि ओडिशा से पहली वंदे भारत एक्सप्रेस इसी साल 18 मई को पुरी से हावड़ा तक चली थी, जिसका वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

यह ट्रेन हावड़ा से पुरी के बीच की दूरी महज साढ़े छह घंटे में तय करेगी. वंदे भारत एक्सप्रेस का एक और ट्रायल रन आज पुरी से तालचेर तक किया गया। यह दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस आने वाले दिनों में पुरी से राउरकेला तक जाएगी.

पाकिस्तान को हराया, आज श्रीलंका से घमासान, जानिए कोलंबो में हर घंटे का मौसम?

अब श्रीलंका की बारी. जी हां, अपने सबसे बड़े प्रतिद्न्दी को रौंदने के बाद टीम इंडिया तैयार है, एक और मुकाबले के लिए. उस मैच में फतेह के लिए जो उसके फाइनल खेलने की वजह बन सकता है.

मुकाबला कोलंबो के उसी प्रेमदासा स्टेडियम पर है, जिस पर भारत-पाकिस्तान मुकाबला खेला गया. जिस पर भारतीय क्रिकेट के जवान शेर साबित हुए तो पाकिस्तान की टीम मेमने की तरह उनका शिकार बनती दिखी. फर्क बस इतना है कि इस बार सामना श्रीलंका से है. मतलब वो टीम जिसका प्रेमदासा ना सिर्फ होम ग्राउंड होगा बल्कि वो टूर्नामेंट की डिफेंडिंग चैंपियन भी है. सवाल ये भी रहेगा कि कोलंबो का मौसम कैसा रहेगा?

पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप सुपर फोर के मैच में मौसम ने बड़ा रोल प्ले किया. उसी के असर के चलते मैच अपने निर्धारित दिन यानी 10 सितंबर को नहीं हो सका और उसे 11 सितंबर को उसके रिजर्व डे पर कराना पड़ा. बारिश से प्रभावित इस मैच में भारत ने बड़ी जीत दर्ज की. अब श्रीलंका से भी मैच में बारिश का साया है. पर सवाल है बारिश कितनी होगी? हर घंटे भारत-श्रीलंका मैच के दौरान कोलंबो का मौसम क्या रहेगा?

कोलंबो में दोपहर 12 बजे तक बारिश नहीं

वेदर.कॉम के मुताबिक कोलंबो में भारत-श्रीलंका मैच के दिन बारिश है. लेकिन, इसकी भी संभावना बनी रहेगी कि मैच हो सकता है. बेशक मैच पूरा ना हो सके लेकिन ओवरों में कटौती कर इसे कराया जा सकता है. कोलंबो में लोकल समय के अनुसार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आसमान में बादल जरूर छाए रहेंगे लेकिन बारिश नहीं होगी. मौसम साफ रहेगा.

भारत-श्रीलंका मैच में बारिश से आंख-मिचौली जारी रहेगी

लेकिन, दोपहर के 1 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक वहां बारिश की आशंका है. इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश 4 बजे के आस-पास है. हालांकि, अच्छी खबर ये है कि फिर शाम के 6 बजे से रात के 9 बजे तक मौसम साफ रहेगा. इस दौरान बस आसमान में बादल छाए रहेंगे. इसके रात के 10 बजे से फिर बारिश की आशंका होगी, जो कि पूरी रात होती रह सकती है. लेकिन, ये बारिश ज्यादा तेज और ना ही बहुत ज्यादा होने की आशंका है.

श्रीलंका से जीतो, फाइनल में जाओ इंडिया

मतलब साफ है कि कोलंबो में आज बारिश के बीच क्रिकेट का कोहराम दिख सकता है. पाकिस्तान के बाद श्रीलंका पर भारत का डंका बजता दिख सकता है. और, अगर ऐसा हुआ तो फाइनल के टिकट के साथ टीम इंडिया के वारे-न्यारे हो जाएंगे.

केले से चेहरे को मिलेगा इंस्टेंट ग्लो, जानें इसे इस्तेमाल करने का तरीका…

लगातार बदल रहे मौसम का सीधा असर लोगों की त्वचा पर पड़ रहा है। ऐसे में लोग अपनी त्वचा का खास ध्यान रख रहे हैं। इसके लिए बहुत से लोग स्किन ट्रीटमेंट के लिए पार्लर भी जाते हैं। पार्लर में मिलने वाले स्किन ट्रीटमेंट से ग्लो तो आ जाता है लेकिन इसका असर कुछ लिमिटेड समय के लिए ही होता है।

ऐसे में आज के लेख में हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल से आपका चेहरा खिल उठेगा। दरअसल, आज के लेख में हम आपको केले से स्किन केयर करना सिखाएंगे, ताकि आपके ज्यादा पैसे भी खर्च ना हों और आपको दमकता चेहरा भी मिल जाए।

आपको बता दें कि केले को पोटैशियम से भरपूर और विटामिन-जिंक का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। इसी वजह से ये त्वचा संबंधी कई परेशानियों का खात्मा करने में मददगार होता है। केले की मदद से इन फेसपैक को बनाना बेहद आसान है।

केला और नीम

इस पैक को बनाने के लिए सबसे पहले से पहले ½ केले को मैश कर लें। इसके बाद इसमें 1 चम्मच नीम का पाउडर या पेस्ट डालें। साथ ही 1 छोटा चम्मच हल्दी भी मिक्स कर लें। अब इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं
बीस मिनट तक इस पैक को त्वचा पर लगाएं और फिर धो दें। इससे आपको इंस्टेंट ग्लो मिलेगा।
केला, खीरा और पपीताइस पैक को बनाने के लिए ½ केले को मैश कर लें, फिर इसमें ¼ खीरा और ¼ पपीता भी मैश करके डालें। अब इस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं और कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

जानिए घर में धूपबत्ती या अगरबत्ती जलानी चाहिए? सुख-सौभाग्य पर पड़ता है सीधा असर

आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, हममें से कई लोग अपने घरों में शांति, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा लाने के तरीके खोजते हैं। एक सदियों पुरानी प्रथा जो आज भी हमारा ध्यान खींचती है वह है अगरबत्ती का उपयोग।

लेकिन क्या घर में अगरबत्ती जलानी चाहिए? क्या वे सचमुच हमारी खुशियों को प्रभावित कर सकते हैं और सौभाग्य को आमंत्रित कर सकते हैं? आइए अगरबत्तियों की दुनिया में गहराई से उतरें और हमारे जीवन पर उनके रहस्यमय प्रभाव का पता लगाएं।

शांति की सुगंध: धूप के जादू का अनावरण

सुगंधित माहौल

अगरबत्तियों का उपयोग सदियों से विभिन्न संस्कृतियों में किया जाता रहा है, मुख्य रूप से उनकी मनमोहक खुशबू के लिए। अगरबत्ती जलाने मात्र से ही आपका घर शांति और विश्राम के अभयारण्य में बदल सकता है।

सांस्कृतिक महत्व

दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों ने धूप को अपने अनुष्ठानों और परंपराओं में शामिल किया है। भारतीय मंदिरों में सुखदायक चंदन से लेकर ईसाई चर्चों में आध्यात्मिक रूप से उत्थान करने वाले लोबान तक, धूप का गहरा सांस्कृतिक महत्व है।

अरोमाथेरेपी चमत्कार

आधुनिक विज्ञान ने धूप के चिकित्सीय लाभों का खुलासा किया है। अरोमाथेरेपी, एक ऐसी प्रथा जो भावनात्मक और शारीरिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सुगंध का उपयोग करती है, ने लोकप्रियता हासिल की है। अपनी विविध सुगंधों के साथ धूप इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

धूप और खुशी के बीच संबंध

मूड बढ़ाना

धूप की सुगंध में मूड को बेहतर बनाने की अद्भुत क्षमता होती है। लैवेंडर की मीठी सुगंध या पचौली की मिट्टी की सुगंध उत्साह बढ़ा सकती है और तनाव कम कर सकती है, जिससे यह विश्राम के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है।

मनभावन क्षण

धूप जलाने से सचेतनता को बढ़ावा मिलता है। रोशनी की रस्म, धुएं को नाचते हुए देखना और सुखदायक खुशबू लेने से हमें वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करने और दिन की चिंताओं को पीछे छोड़ने में मदद मिल सकती है।

धूप और सौभाग्य: क्या कोई संबंध है?

आध्यात्मिक विश्वास

कई आध्यात्मिक और धार्मिक प्रथाओं का मानना ​​है कि धूप जलाने से किसी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, फेंगशुई में, कुछ प्रकार की धूप को धन और समृद्धि को आकर्षित करने वाला माना जाता है।

नकारात्मक ऊर्जा को साफ़ करना

धूप का उपयोग शुद्धिकरण और सफाई अनुष्ठानों के लिए भी किया जाता है। अगरबत्ती जलाने से आपके स्थान से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद मिल सकती है, जिससे सकारात्मकता और सौभाग्य के प्रवाह के लिए जगह बन सकती है।

सही धूप का चयन

सुगंध चयन

सही धूप का चयन करना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक गंध के अपने अनूठे गुण होते हैं। आराम के लिए लैवेंडर या कैमोमाइल का विकल्प चुनें। स्पष्टता और फोकस के लिए, नीलगिरी या पुदीना आज़माएँ। इन सुगंधों को समझने से आपका अनुभव बेहतर हो सकता है।

गुणवत्ता मायने रखती है

प्राकृतिक सामग्रियों से बनी उच्च गुणवत्ता वाली अगरबत्तियों में निवेश करें। ये न केवल लंबे समय तक जलते हैं बल्कि शुद्ध सुगंध भी छोड़ते हैं, जिससे लाभ अधिकतम होता है।

सुरक्षित उपयोग युक्तियाँ

आग सुरक्षा

अगरबत्ती का उपयोग करते समय सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि उन्हें एक मजबूत होल्डर में रखा गया है और उन्हें कभी भी लावारिस न छोड़ें।

उचित वेंटिलेशन

अगरबत्ती का उपयोग करते समय पर्याप्त वेंटिलेशन आवश्यक है। यह धुएं को जमा होने से रोकता है और सुखद अनुभव सुनिश्चित करता है।

संयम

हालाँकि धूप आनंद ला सकती है, लेकिन यह आवश्यक है कि इसे ज़्यादा न करें। कम मात्रा में धूप का उपयोग करने से इसकी प्रभावशीलता बनी रहती है और अत्यधिक सुगंध से बचा जा सकता है।

धूप की शक्ति: अंतिम विचार

खुशियों का निमंत्रण

अंत में, अगरबत्तियाँ आपके घर में एक आनंददायक वृद्धि हो सकती हैं, जो खुशियों और सौभाग्य को आमंत्रित कर सकती हैं। उनकी मनमोहक सुगंध और आध्यात्मिक महत्व आपके उत्साह को बढ़ाने और एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने की क्षमता रखते हैं।

एक निजी यात्रा

अंततः, घर पर अगरबत्ती जलाने का निर्णय व्यक्तिगत होता है। विभिन्न सुगंधों के साथ प्रयोग करें और देखें कि वे आपके मूड और सेहत को कैसे प्रभावित करती हैं। अगरबत्ती के जादू को अपनाएं और इसे आपको खुशी और सौभाग्य की राह पर ले जाने दें। अगरबत्तियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपके घर में एक शांत और उत्साहपूर्ण वातावरण बनाने का एक सरल लेकिन गहरा तरीका हो सकता है। तो क्या घर में अगरबत्ती जलानी चाहिए? जब आप खुशी और सौभाग्य की ओर एक सुगंधित यात्रा शुरू करते हैं, तो उत्तर आपके दिल में छिपा होता है।

गणेश चतुर्थी पर करें ये उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा…

हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन गणेश चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती है जो कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है।

इस दिन भक्त श्री गणेश की विधि विधान से पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते है।

इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा। ऐसे में अगर आप पूजा पाठ और व्रत के साथ ही श्री गणेश स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से करते हैं तो आर्थिक परेशानियों से तुरंत छुटकारा मिल जाएगा तो आज हम आपके लिए लेकर आए है श्री गणेश स्तोत्र।

गणपति स्तुति
ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य

शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता

अनुष्टुप् छन्दः ऋणविमोचनमहागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।

स्तोत्र पाठ
ॐ स्मरामि देवदेवेशं वक्रतुण्डं महाबलम्।

षडक्षरं कृपासिन्धुं नमामि ऋणमुक्तये॥१॥

महागणपतिं वन्दे महासेतुं महाबलम्।

एकमेवाद्वितीयं तु नमामि ऋणमुक्तये॥२॥

एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकं ब्रह्म सनातनम्।

महाविघ्नहरं देवं नमामि ऋणमुक्तये॥३॥

शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णं शुक्लगन्धानुलेपनम्।

सर्वशुक्लमयं देवं नमामि ऋणमुक्तये॥४॥

रक्ताम्बरं रक्तवर्णं रक्तगन्धानुलेपनम्।

रक्तपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥५॥

कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णं कृष्णगन्धानुलेपनम्।

कृष्णयज्ञोपवीतं च नमामि ऋणमुक्तये॥६॥

पीताम्बरं पीतवर्ण पीतगन्धानुलेपनम्।

पीतपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥७॥

सर्वात्मकं सर्ववर्णं सर्वगन्धानुलेपनम्।।

सर्वपुष्पैः पूज्यमानं नमामि ऋणमुक्तये॥८॥

एतद् ऋणहरं स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।

षण्मासाभ्यन्तरे तस्य ऋणच्छेदो न संशयः॥९॥

सहस्रदशकं कृत्वा ऋणमुक्तो धनी भवेत्॥

॥ इति रुद्रयामले ऋणमुक्ति श्री गणेशस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

बारिश बनी आफत, बिजली गिरने से दंपती झुलसे…

खीरों क्षेत्र में धान की फसल धराशायी, किसानों को भारी नुकसान

रायबरेली। शहर से लेकर गांवों तक बारिश आफत बन गई है। पुख्ता प्रबंध न होने के कारण स्कूलों, कार्यालय परिसरों, अस्पतालों के साथ ही घरों व दुकानों में भी पानी भर गया। खासकर शहर की मलिन बस्तियों में जलभराव हो गया। हरचंदुपर क्षेत्र में बिजली गिरने से दंपती झुलस गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बारिश के कारण बिजली के तारों पर पेड़ गिरने से आपूर्ति ठप हो गई।
रविवार और फिर सोमवार को तड़के शुरू हुई तेज बारिश से जिला अस्पताल गेट तक लबालब हो गया। विकास भवन, सिंचाई कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों के परिसरों में पानी भर गया। शहर के बेलीगंज व अयोध्यापुरी मोहल्लों में पानी भरने से लोगों को आने-जाने में समस्या हुई। आईटीआई मार्ग पर पानी भरा रहा। छजलापुर में जलभराव से लोग बेहाल हुए। हरचंदपुर थाना क्षेत्र के प्यारेपुर गांव में रविवार की रात बिजली गिरने से छप्पर के नीचे सो रहे जंग बहादुर (37) व उसकी पत्नी पूनम (35) झुलस गई। घायल दंपती को एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाया गया।

बारिश के कारण जगतपुर, ऊंचाहार क्षेत्र की बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो गई। 33 हजार केवी लाइन में कई जगह फाल्ट होने के कारण सोमवार को तड़के 22 घंटे बाद बिजली आई, लेकिन बारिश होने के कारण आपूर्ति कई घंटे के लिए ठप हो गई। बारिश से खीरों क्षेत्र में धान की तैयार फसल धराशायी हो गई। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
सरेनी क्षेत्र के भोजपुर में बारिश से दुकानों में पानी भर गया, जिससे दुकानों में रखा सामान भीग गया। दुकानदार सूर्यकांत, शिबहादुर, बिंदा साहू, दीपू साहू, बाबूलाल, जुम्मन मिश्रा आदि का कहना है कि बारिश से काफी नुकसान हो गया है। डलमऊ प्रतिनिधि के अनुसार, बारिश से सड़कें लबालब हो गईं। नगर पंचायत से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मनीष दुबे के खिलाफ जांच जल्द होगी समाप्त, शासन ने मांगा स्पष्टीकरण

एसडीएम ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद महोबा के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ जारी विभागीय जांच जल्द समाप्त हो सकती है। शासन की जांच में मनीष दुबे पर अनियमितता करने अथवा विभाग की छवि धूमिल करने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार के मुताबिक इस संबंध में होमगार्ड कमांडेंट से स्पष्टीकरण भी तलब किया गया था। जल्द ही इस मामले में फैसला लिया जाएगा।

 

बता दें कि एसडीएम ज्योति मौर्य के खिलाफ नियुक्ति विभाग के आदेश पर चल रही जांच को हाल ही में समाप्त किया जा चुका है। दरअसल, उनके पति आलोक मौर्य ने जांच समिति के सामने पेश होकर अपने सारे आरोप वापस ले लिए थे। वहीं दूसरी ओर आलोक मौर्य की शिकायत पर होमगार्ड संगठन ने कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसमें मनीष दुबे के खिलाफ विभागीय जांच कराकर कार्रवाई करने और आलोक मौर्य की हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई थी।

सूत्रों के मुताबिक, विभागीय जांच में इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं मनीष दुबे का स्पष्टीकरण भी संतोषजनक पाया गया है। इसके दृष्टिगत मनीष दुबे को जल्द क्लीन चिट देकर जांच को समाप्त किया जा सकता है।

प्रदेश के 240 मदरसों की मान्यता होगी खत्म, अधिकांश में मानक से कम हैं विद्यार्थी…

प्रदेश के 240 मदरसों की मान्यता खत्म कर दी जाएगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद को यह सूची भेजी है। इसमें दर्ज अधिकांश मदरसों का संचालन नहीं हो रहा है। वहीं, तमाम मदरसों ने मानक से कम विद्यार्थी होने के कारण यूडायस पर उनके दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं। कई मदरसों ने तो खुद ही बोर्ड से मान्यता खत्म करने का अनुरोध किया है।

प्रदेश में बोर्ड से तहतानिया कक्षा 1 से 5, फौकानिया कक्षा 5 से 8 और आलिया व उच्च आलिया स्तर यानी हाई स्कूल या इससे ऊपर के 16,460 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। इनमें सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त 560 मदरसे हैं। इन मदरसों में मुंशी-मौलवी हाईस्कूल समकक्ष, आलिम इंटर समकक्ष, कामिल स्नातक और फाजिल परास्नातक के समकक्ष पढ़ाई होती है।

पर, मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में हर साल परीक्षार्थियों की संख्या घटती जा रही है। इस साल प्रदेश भर के मदरसों से सिर्फ एक लाख 72 हजार आवेदन आए थे। इसकी वजह मदरसा बोर्ड के नए नियम को माना जा रहा है। इसके तहत अन्य बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए आलिम में आवेदन करने के लिए हाईस्कूल और कामिल में आवेदन करने के लिए इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा में उर्दू/अरबी/फारसी से उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया है।
मदरसा बोर्ड की रजिस्ट्रार डॉ. प्रियंका अवस्थी ने बताया कि मऊ के 10 मदरसों ने खुद ही मान्यता समाप्त करने के लिए बोर्ड को पत्र भेजा है। अंबेडकरनगर में 204 मदरसे नहीं चल रहे हैं। वहीं, लखनऊ के चार मदरसों ने विद्यार्थियों के दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं। सूची में अमरोहा और संतकबीरनगर के मदरसे भी शामिल हैं।

मान्यता के मानक

मदरसा नियमावली 2016 के मुताबिक तहतानिया से मुंशी-मौलवी तक की मान्यता के लिए मदरसे में कम से कम डेढ़ सौ विद्यार्थियों का होना अनिवार्य है। इनमें मुंशी-मौलवी में 30 से कम विद्यार्थी नहीं होने चाहिए। इसके अलावा आलिम, कामिल और फाजिल की मान्यता के लिए कम से कम 10 विद्यार्थियों का परीक्षाओं में शामिल होना जरूरी है।

दिसंबर 2024 तक हर गांव में पहुंचेगा संघ, तैयार की गई विस्तृत योजना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अब शताब्दी वर्ष के मद्देनजर दिसंबर 2024 तक प्रत्येक गांव तक शाखा या साप्ताहिक मिलन के जरिये पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा है। संघ ने प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र में प्रत्येक गांव तक उपस्थिति दर्ज करने के लिए विस्तृत योजना भी बनाई है।

 

संघ ने पहले शताब्दी वर्ष के मद्देनजर प्रत्येक न्याय पंचायत तक संघ की शाखा स्थापित करने का लक्ष्य रखा था लेकिन बीते दिनों हुई संघ की उच्च स्तरीय बैठक में प्रत्येक गांव तक शाखा या साप्ताहिक मिलन कार्यक्रमों का आयोजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।