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अभ्यर्थियों को भा रही योगी सरकार की सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग, 1476 आवेदन आये

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पांचवें सत्र में पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना से अधिक आवेदन आए हैं। इस वर्ष सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग में प्रवेश के लिए 1476 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है जबकि पिछले वर्ष 960 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। संस्थान ने प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों से 1 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे थे, जो 31 अगस्त तक चली। वहीं पांचवें सत्र की प्रवेश परीक्षा 26 और 27 सितंबर को आयोजित की जाएगी। इसके बाद साक्षात्कार का आयोजन किया जाएगा। वहीं, अक्टूबर में पांचवें सत्र की शुरुआत कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार जिन विद्यार्थियों ने यूपीएससी या राज्यों की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-23 उत्तीर्ण की है उन्हें सीधा प्रवेश दिया जाएगा।

मालूम हो कि योगी सरकार की संस्कृत को बढ़ावा देने की पहल का ही नतीजा है कि लोगों का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ने लगा है। लोग संस्कृत पढ़ने और सीखने के साथ-साथ इसमें रोजगार के प्रति भी रुचि लेने लगे हैं। खासतौर पर सिविल सेवा के लिए संस्कृत की मांग बढ़ने लगी है। योगी सरकार द्वारा संचालित सिविल सेवा निशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शन योजना का लाभ उठाकर पिछले चार वर्षों में राज्य सिविल सेवा परीक्षा में 13 अभ्यर्थी उच्च स्थान प्राप्त करते हुए डिप्टी कलेक्टर से लेकर डिप्टी एसपी पद पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा सब-ऑर्डिनेट सर्विसेज में कुल 19 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। वहीं, लाखों की संख्या में युवा ऑनलाइन के जरिए संस्कृत भाषा सीख रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी की इस पहल का प्रदेश के युवा ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्य के युवा भी लाभ उठा रहे हैं।

पांचवें सत्र के लिए मांगे गये थे ऑनलाइन आवेदन
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने, संस्कृत साहित्य को रोजगारपरक बनाने एवं प्रशासन में सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पिछले चार वर्षों से विभाग की ओर से फ्लैगशिप कार्यक्रम सिविल सेवा निशुल्क एवं प्रशिक्षण मार्गदर्शन का अायोजन किया जा रहा है। इसी के तहत पांचवें सत्र के लिए आवेदन पत्र मांगे गये थे। पूरा सत्र 10 माह का होता है, जिसमें प्रशिक्षण तीन चरणों में पूरा किया जाता है। विशेषज्ञों की ओर से इसमें व्याकरण, भाषाशास्त्र, दर्शन, महाकाव्य, संस्कृत नाट्यशास्त्र, संस्कृत गद्य एवं पद्य आदि की पढ़ाई कराई जाती है। यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या फिर समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 21 से 35 वर्ष आयु के सभी वर्ग के अभ्यर्थी इस योजना के पात्र हो सकते हैं।

राजनीति के सबसे बड़े बहरूपिया हैं ओम प्रकाश राजभर, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राजनीति के सबसे बड़ा बहरूपिया ओपी राजभर हैं। उनमें स्थायित्व नहीं है। उनको तो केवल कुर्सी चाहिए। समाज के हालातों से उनको कोई मतलब नहीं है। विपक्ष के गठबंधन के इंडिया नाम से भाजपा घबरा गई है। पूर्व मंत्री बृहस्पतिवार को मैनपुरी के आवास विकास स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि घोसी के उपचुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को नकार दिया है। भाजपा मतगणना में बेईमानी करके चुनाव जीतना चाहती है। भाजपा की शुरू से ही बेईमानी की मंशा रहती है और बेईमानी करते भी है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मतगणना में बेईमानी को रोकेंगे। वह खुद आजमगढ़ में रहेंगे,और पदाधिकारियों सहित विधायक मऊ की सीमा पर डटे रहेंगे। चुनाव आयोग में निष्पक्ष मतगणना की मंाग करेंगे।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सभी धर्मो का सम्मान करती है। समाजवादी लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भारतीय जनता पार्टी से मिली हुई हैं। वह पहले भाजपा से दूरिया बनाएं तब बात बनें। उन्होंने कहा कि इंडिया और भारत दोनों का नाम सविधान में है। जब सविंधान में नाम है तब भी हटाने की बात कर रहे हैं। नाम हटाने से कुछ नही होगा। 2024 में यह लोग खुद ही हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चनाव में उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के लोग भारतीय जनता पार्टी को हटाएंगे। जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य, एमएलसी मुकुल यादव, पूर्व विधायक राजू यादव, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव, ज्योती मैसी, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष रामुकमार यादव मौजूद रहे।

क्या ब्लैक होल में बदल सकता है सूर्य ,जाने क्या है एक्सपोर्ट की राय, नासा ने दिया यह जवाब

ब्लैक होल के बारे में कहा जाता है कि यह हर चीज़ को अपने अंदर समा लेता है। अगर आप ब्लैक होल के रहस्य में फंस गए तो इससे बाहर निकलना नामुमकिन हो जाएगा। इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि इन्हें बनाया कैसे जाता है.

दरअसल, जब कोई तारा मरता है तो वह ब्लैक होल बन जाता है। अब, जब हम तारों के बारे में बात करते हैं, तो सवाल यह है कि सूर्य का क्या होगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं, सूर्य एक ब्लैक होल में बदल जाता है और एक तारा भी है। क्या सूर्या भी मर जायेगा? यदि ऐसा हुआ तो सूर्य भी ब्लैक होल में बदल जायेगा और यदि ऐसा संभव हुआ तो पृथ्वी का अस्तित्व बना रहेगा। मैं इन सभी सवालों के जवाब समझने की कोशिश करूंगा.

पांच अरब साल बाद सूर्य के अस्तित्व पर ग्रहण

शोधकर्ताओं के मुताबिक, करीब पांच अरब साल बाद सूरत अपना अस्तित्व खो देगी यानी खत्म हो जाएगी। अगर इसे ब्लैक होल की परिभाषा के हिसाब से देखें तो सूर्य भी ब्लैक होल में बदल जाएगा। इस प्रकार सूरत की बाहरी सतह पर विस्तार होगा और इसका प्रभाव पृथ्वी पर पड़ेगा। जब सूरत के मध्य क्षेत्र के विघटन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी तो सूर्य की बाहरी सतह एक ब्लैक होल में बदल जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि प्रकाश की एक किरण भी इससे बाहर नहीं आ सकेगी। लेकिन जवाब नहीं है. यूनाइटेड किंगडम में ससेक्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेवियर कॉमेट के अनुसार, सूर्य का द्रव्यमान इतना अधिक नहीं है कि यह एक ब्लैक होल बन जाए।

इस तरह ब्लैक होल बनते हैं

ब्लैक होल स्थिति बनने के लिए सितारों को कुछ आवश्यक शर्तें पूरी करनी होंगी। सूर्य की संरचना, घूर्णन और सूर्य कैसे बना है, इसे समझना भी जरूरी है। ब्लैक होल बनने के लिए आपके पास पर्याप्त द्रव्यमान होना आवश्यक है। जिन सितारों का द्रव्यमान सूर्य से लगभग 20 से 25 गुना अधिक होता है, उनके ब्लैक होल बनने की संभावना अधिक होती है। इसे टॉल्मन ओपेनहाइमर सीमा कहा जाता है। वर्तमान में, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एक मरता हुआ तारा अपने पीछे एक तारकीय कोर छोड़ता है जिसका द्रव्यमान सूर्य से 2 से 3 गुना अधिक होता है। इसका मतलब यह है कि यदि सूर्य का द्रव्यमान उसके वर्तमान द्रव्यमान से दो से तीन गुना अधिक है, तो ब्लैक होल बनने की संभावना है.

जब केंद्रीय क्षेत्र में तारे की थकावट होती है, तो बाहरी सतह पर हाइड्रोजन से हीलियम बनने की प्रक्रिया जारी रहती है। अतः केन्द्रीय क्षेत्र के पूर्ण विघटन के बाद बाहरी सतह पर विस्तार होता है, जिसे लाल दानव चरण कहते हैं। जब सूर्य लाल विशाल चरण में होगा, तो 6 अरब वर्षों के बाद, केंद्रीय क्षेत्र में हाइड्रोजन समाप्त हो जाएगा। इसका विस्तार मंगल की कक्षा की ओर शुरू होगा, इसका प्रभाव आंतरिक ग्रहों को निगलने तक हो सकता है, जिसमें पृथ्वी भी शामिल है।

आखिरकार जापान ने चंद्रमा के लिए चंद्र लैंडर व एक्स-रे मिशन लॉन्च किया

खराब मौसम के कारण पिछले महीने तीन बार विलंबित होने के बाद जापान ने आखिरकार अपना चंद्रमा लैंडर और एक्स-रे मिशन लॉन्च कर दिया। मिशन के सफल होने पर, रूस, अमेरिका, चीन और भारत के बाद जापान चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला पांचवां देश बन जाएगा।जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्‍सए) के अनुसार, एसएलआईएम (चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर) और एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (एक्‍सआरआईएसएम) ने दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से एक घरेलू एच-2ए रॉकेट पर उड़ान भरी।

जेएक्सए के अध्यक्ष हिरोशी यामाकावा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “एसएलआईएम का बड़ा उद्देश्य उच्च-सटीकता लैंडिंग को साबित करना है, जहां हम कर सकते हैं वहां लैंडिंग’ के बजाय चंद्रमा की सतह पर ‘जहां हम चाहते हैं, वहां लैंडिंग’ हासिल करना है।”जेएएक्‍सए के एसएलआईएम का लक्ष्य छोटे पैमाने पर एक हल्के जांच प्रणाली को प्राप्त करना और भविष्य की चंद्र जांच के लिए आवश्यक पिनपॉइंट लैंडिंग तकनीक का उपयोग करना है, जबकि एक्‍सआरआईएसएम वैज्ञानिकों को सितारों और आकाशगंगाओं में प्लाज्मा का निरीक्षण करने में मदद करेगा।

एसएलआईएम, जिसे जापानी में “मून स्नाइपर” भी कहा जाता है, के 3 से 4 महीने बाद चंद्र कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है। सफल होने पर, अंतरिक्ष यान 300 मीटर चौड़े शिओली क्रेटर की ढलान पर उतरेगा।एक्‍सआरआईएसएम, एनएएसए और जेएएक्‍सए के बीच एक सहयोग और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के सहयोग से, आकाशगंगाओं को घेरने वाले गर्म गैस के बादलों और ब्लैक होल से होने वाले विस्फोटों जैसी चरम घटनाओं द्वारा जारी एक्स-रे का निरीक्षण करेगा।

एक्सआरआईएसएम के लिए ईएसए परियोजना वैज्ञानिक माटेओ गुएनाज़ी ने एक बयान में कहा, “एक्स-रे खगोल विज्ञान हमें ब्रह्मांड में सबसे ऊर्जावान घटनाओं का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है। यह आधुनिक खगोल भौतिकी में महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने की कुंजी है: ब्रह्मांड में सबसे बड़ी संरचनाएं कैसे विकसित होती हैं, जिस पदार्थ से हम अंततः बने हैं, वह ब्रह्मांड के माध्यम से कैसे वितरित किया गया था, और आकाशगंगाओं को उनके केंद्रों में विशाल ब्लैक होल द्वारा कैसे आकार दिया गया है। यह प्रक्षेपण ऐसे समय में हुआ है, जब दो सप्ताह पहले भारत अपने चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था। लगभग उसी समय, रूस का लूना-25 लैंडर चंद्रमा के निकट आते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।जापान पहले भी दो चंद्र लैंडिंग प्रयासों में विफल रहा है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वजन घटाने में क्यों लगता है ज्यादा समय? जानें कारण

आज के समय में बढ़ते वजन की समस्या से हर कोई परेशान है. मोटापा कई सारी परेशानियों को जन्म देता है. ऐसे में हर कोई फिट रहना चाहता है. इसके लिए डाइट और वर्कआउट दोनों अहम भूमिका निभाते हैं.

हाल ही के रिसर्च में पता चला है कि पुरुषों के मुकाबले महिला को फैट बर्न करने में काफी ज्यादा वक्त लगता है. इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि महिला 50 कैलोरी की दर से धीमी गति से फैट बर्न करती हैं आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं.

क्या कहता है रिसर्च-

रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि पुरुषों में चयापचय दर महिलाओं की तुलना में 3 से 10 प्रतिशत तक तेज हो सकती है. धीमी चयापचय का अर्थ है कि शरीर श्वसन, अनुभूति और ब्लड सर्कुलेशन जैसे सामान्य शारीरिक कार्यों का समर्थन करने के लिए कम कैलोरी का उपयोग करता है.

एक रिपोर्ट की मानें तो पुरुष महिलाओं की तुलना में एक दिन में 500 से 1,000 अधिक कैलोरी ज्यादा बर्न करते हैं, जिससे साफ है कि वे एक सप्ताह में महिलाओं की तुलना में लगभग एक से दो पाउंड अधिक वजन कम कर सकते हैं.

क्या सभी महिलाओं के साथ होता है ऐसा?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ये बात सही है कि महिलाओं को वजन कम करने में पुरुषों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा समय लगता है, लेकिन ये परेशानी हर महिला के साथ नहीं है. कुछ महिलाओं में ये परेशानी देखी जा सकती है जिसके पीछे अनेक कारण हो सकते हैं.

क्या है इसके पीछे का कारण?

शरीर की रचना-

यह सभी को पता है कि पुरुष और महिला के शरीर की संरचना अलग अलग होती हैं. ऐसे में महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक फैट जमा होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं को बच्चे के जन्म, हार्मोन उत्पादन के साथ-साथ स्तनपान के लिए अतिरिक्त फैट की आवश्यकता होती है.

बायोलॉजिकल कारण-

महिलाएं बायोलॉजिकली पुरुषों से अलग होती हैं, जिस कारण उनका शरीर अलग तरह से काम करता है. महिलाओं के शरीर में फैट भी अलग-अलग जगह स्टोर होता है जैसे कूल्हों, जांघों, कमर या गर्दन. वहीं पुरुषों की बात करें तो उनके शरीर में सबसे ज्यादा फैट पेट के आसपास जमा होता है.

हार्मोन्स में अंतर-

पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हार्मोन्स होते हैं जो वजन कम या ज्यादा करने में सहायक होते हैं. पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन अधिक और एस्ट्रोजन कम होता है वहीं महिलाओं में एस्ट्रोजन अधिक और टेस्टोस्टेरोन कम होता है. इसकी वजह से पुरुषों के मुकाबले उनका फैट धीरे बर्न होता है. जबकि महिलाओं में घ्रेलिन हार्मोन भी होता है, जिससे भूख बढ़ती है। ऐसे में जब महिलाएं वर्कआउट करती हैं, तो उसके तुरंत बाद उन्हें भूख लग जाती है, ऐसे में वो जल्द फैट कम नहीं कर पाती हैं.

क्या आप भी बेचना चाहते हैं पुरानी गोल्ड ज्वैलरी? पहले करना होगा ये काम, वरना नहीं बेच पाएंगे गहने

सरकार पहले ही सोने के गहनों जैसी वस्तुओं की बिक्री से जुड़े नियम बना चुकी है। इन नियमों का उद्देश्य सोने की वस्तुओं और गहनों की सेल में पहले से अधिक पारदर्शिता लाना है।

साथ ही ग्राहकों को किसी भी तरह के धोखे से बचाने के लए यह नियम बनाए गए हैं। अब सभी सोने के गहनों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होना जरूरी है। यदि आपके पास पुराने बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने हैं, तो आपको रिटेल बाजार में बेचने या बदलने के लिए इसे हॉलमार्क कराना जरूरी होगा।

एचयूआईडी क्या है? (What is HUID)

HUID सोने की कलाकृति (artefact) या गहनों पर हॉलमार्क का स्पेशल पहचान का नंबर होता है। इस नंबर का मतलब होता है कि गोल्ड के उस प्रोडक्ट में बताई गई शुद्धता है। ये इस बात की गारंटी देता है कि गोल्ड सही है। जैसे सोने की वस्तुओं पर शुद्धता का चिह्न, उदाहरण के लिए 22 कैरेट और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का लोगो होना चाहिए। भारत में फिलहाल दो कीमती मेटल सोना और चांदी को हॉलमार्किंग के दायरे में लाया गया है।

हालमार्क के बाद भी नहीं निकला शुद्ध सोना तो मिलेगा मुआवजा

बीआईएस नियम 2018 की धारा 49 के अनुसार यदि ग्राहक हॉलमार्क वाले गोल्ड के गहनों में अंकित चिन्हों की तुलना में कम शुद्धता पाता है, तो खरीदार या ग्राहक मुआवजे का हकदार होगा। नियम के मुताबिक जितना अंतर होगा उसका दोगुना देना होगा।

यदि आप पुराने बिना हॉलमार्क वाले गहने बेचना चाहते हैं तो क्या करना होगा?

बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने नहीं बेचे जा सकेंगे। यदि आपके पास बदलने या बेचने के लिए बिना हॉलमार्क वाले पुराने सोने के गहने हैं, तो आपको उन्हें एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क कराना होगा। ध्यान रखें कि यदि आपके गहने पर पहले से ही पुराने या पहले के हॉलमार्क चिन्ह अंकित हैं, तो आपको हॉलमार्किंग प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं है। इस मामले में बिना एचयूआईडी वाला सोना बेचा जा सकता है।

इन्हें हॉलमार्किंग से मिली है छूट

दो ग्राम से कम सोना, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के लिए गहने, निर्यात के लिए कोई भी वस्तु जो विदेशी खरीदार की आवश्यकता के लिए बनाए जाते हैं जैसे फाउंटेन पेन, घड़ियां या विशेष प्रकार के गहने उन्हें हॉलमार्किंग से छूट दी गई है। 40 लाख रुपये से कम सालाना टर्नओवर वाले ज्वैलर्स को भी इस प्रक्रिया से छूट दी गई है।

पुराने सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग कैसे कराएं?

अगर आपके पास बिना हॉलमार्क वाले पुराने सोने के गहने हैं तो आप उसकी शुद्धता की जांच कर सकते हैं। एक आम ग्राहक अपने बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता की जांच बीआईएस के मान्यता प्राप्त किसी भी हॉलमार्किंग सेंटर पर करा सकता है।

ग्राहक किसी भी बीआईएस-मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग सेंटर से गहने का परीक्षण करा सकते हैं। यदि परीक्षण की जाने वाली वस्तुओं की संख्या पांच या अधिक है, तो व्यक्ति को प्रति वस्तु 45 रुपये का पेमेंट करना होगा। यदि लॉट में चार प्रोडक्ट हैं तो 200 रुपये चार्ज देना होगा।

आप बीआईएस के साथ पंजीकृत ज्वैलर के माध्यम से उनके आभूषणों की हॉलमार्किंग भी करवा सकते हैं। ज्वैलर आइटम को बीआईएस टेस्टिंग के लिए हॉलमार्किंग केंद्र में ले जाएगा। बीआईएस मान्यता प्राप्त एएच केंद्रों की सूची हॉलमार्किंग टैब के तहत बीआईएस वेबसाइट www.bis.gov.in पर मिल जाएगी।

HUID में होते हैं ये निशान

गणेश स्थापना की संपूर्ण सरल पूजन विधि…

गणेश उत्सव हमारे देश का महत्वपूर्ण उत्सव है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023, दिन मंगलवार को रहेगी। इस दिन घर-घर में गणेश जी की पूजन व स्थापना होगी। आज हम ‘वेबदुनिया’ के पाठकों के लिए लाए हैं गणेश स्थापना की संपूर्ण सरल पूजन विधि, जिससे वे अपने घर में स्वयं गणेश जी का विधिवत पूजन व स्थापना कर सकते हैं।

पूजन सामग्री- गणेश जी की प्रतिमा (मिट्टी, स्वर्ण, रजत, पीतल, पारद), हल्दी, कुमकुम, अक्षत (बिना टूटे हुए चावल), सुपारी, सिंदूर, गुलाल, अष्टगंध, जनेऊ जोड़ा, वस्त्र, मौली, सुपारी, लौंग, इलायची, पान, दूर्वा, पंचमेवा, पंचामृत, गौदुग्ध, दही, शहद, गाय का घी, शकर, गुड़, मोदक, फ़ल, नर्मदा जल/गंगा जल, पुष्प, माला, कलश, सर्वोषधि, आम के पत्ते, केले के पत्ते, गुलाब जल, इत्र, धूपबत्ती, दीपक-बाती, सिक्का, श्रीफल (नारियल)

संपूर्ण पूजन विधि- गणेश चतुर्थी वाले दिन शुभ चौघड़िए के अनुसार उक्त सामग्री का प्रबंध कर अपने पूजा गृह में एकत्र करें। अब सर्वप्रथम गणेश प्रतिमा को किसी चौकी पर केले पत्ते या दूर्वा का आसन देकर विराजमान करें। पूजा करते समय आपका मुख उत्तर या पूर्व की रखें। घी का दीपक प्रज्वलित करें।

पवित्रीकरण- किसी भी पूजा को करने से पूर्व पवित्र व शुद्ध होना अनिवार्य है। पवित्रीकरण के लिए अपने बाएं में जल लेकर दाहिने से उसे ढंके और निम्न मंत्र के साथ अपने ऊपर एवं संपूर्ण पूजा सामग्री के ऊपर उसका मार्जन करें (छिड़कें)।

मंत्र-

ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।

य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यान्तर शुचि:॥

अब आचमनी से लेकर तीन बार जल का निम्नलिखित मंत्र बोलकर आचमन करें।

ॐ केशवाय नम:

ॐ नारायणाय नम:

ॐ माधवाय नम:

हस्त प्रक्षालन के लिए ‘ॐ गोविन्दाय नमो नम:’ तीन बार ‘पुण्डरीकाक्षं पुनातु:’ बोलकर अपने हाथ धो लें। हस्त प्रक्षालन के पश्चात अपने भाल पर कुमकुम या चंदन का तिलक धारण करें।

दीपक का पूजन-

दीपक के पूजन हेतु एक पुष्प में जल व अष्टगंध सहित हल्दी, कुमकुम, सिन्दूर लगाकर निम्न मंत्र के साथ दीपक के समक्ष अर्पण करें-

‘शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम्।

शत्रुबुद्धिविनाशाय च दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते।

दीपो ज्योति: परब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।

दीपो हरतु मे पापं दीप ज्योति नमोऽस्तुते॥

ध्यान-

गणेश जी के ध्यान हेतु अपने दाएं में पुष्प लेकर दोनों हाथ जोड़ें और निम्न मंत्र का उच्चारण करें और पुष्प गणेश जी के सम्मुख अर्पण करें-

‘गजाननं भूतगणादिसेवतं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।

उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्॥

गौरी जी के ध्यान हेतु अपने दाएं में पुष्प लेकर दोनों हाथ जोड़ें और निम्न मंत्र का उच्चारण करें और पुष्प गौरी जी के सम्मुख अर्पण करें-

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।

नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मताम्।

आवाहन-

आवाहन हेतु अपने बाएं हाथ में अक्षत लेकर उसमें हरिद्रा (हल्दी) मिश्रित कर लें तत्पश्चात् उन पीतवर्णीय अक्षतों में से एक-एक अक्षत अपने दायें हाथ से उठाकर श्री गणेश जी के सम्मुख निम्न मंत्र के साथ अर्पण करें-

1. श्रीमन्महागणाधिपतये नम:

2. लक्ष्मीनारायणाभ्यां नम:

3. उमा-महेश्वराभ्यां नम:

4. वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नम:

5. शचीपुरन्दाराभ्यां नम:

6. मातृपितृचरणकमेलेभ्यो नम:

7. इष्टदेवताभ्यो नम:

8. कुलदेवताभ्यो नम:

9. ग्रामदेवताभ्यो नम:

10. वास्तुदेवताभ्यो नम:

11. स्थानदेवताभ्यो नम:

12. सर्वेभ्यो देवेभ्यो नम:

13. सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नम:

14. ॐ सिद्धिबुद्धिसहिताय श्रीमन्महागणाधिपतये नम:

प्राणप्रतिष्ठा-

गणेश जी की प्राणप्रतिष्ठा के लिए एक दूर्वा में घी लगाकर गणेश जी की प्रतिमा से स्पर्श कराते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करें-

‘अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च।

अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन गणेशाम्बिके सुप्रतिष्ठिते वरदे भवेताम्।

आसन-

ध्यान के उपरान्त श्रीगणेश जी व गौरी जी के आसन हेतु एक पुष्प, दूर्वा व अक्षत ‘प्रतिष्ठापूर्वक आसनार्थे अक्षतान् समर्पयामि गणेशाम्बिकाभ्यां नम:’ बोलकर गणेश जी व गौरी जी के सम्मुख अर्पण करें।

पाद्य-

श्रीगणेश जी व गौरीजी के पादप्रक्षालन हेतु एक आचमनी जल गणेश जी व गौरी जी के सम्मुख अर्पण करें।

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पाद्यं अर्घ्यं समर्पयामि समर्पयामि।’

शुद्धजल से स्नान-

सर्वप्रथम गणेश जी को शुद्धजल से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि।’

दुग्ध स्नान-

अब गणेश जी के चल विग्रह को एक बड़ी थाली में स्थापित करने के पश्चात् गणेश जी को निम्न मंत्र बोलकर गौदुग्ध से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पय:स्नानं समर्पयामि।’

दधि स्नान-

गौदुग्ध से स्नान के पश्चात गणेश जी को दधि से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दधिस्नानं समर्पयामि।’

घृत स्नान-

दधि से स्नान के पश्चात गणेश जी को गौघृत से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, घृतस्नानं समर्पयामि।’

मधु (शहद) स्नान-

गौघृत से स्नान के पश्चात गणेश जी को शहद से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, घृतस्नानं समर्पयामि।’

शर्करा स्नान-

शहद से स्नान के पश्चात गणेश जी को शर्करा से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, शर्करास्नानं समर्पयामि।’

पंचामृत से स्नान-

शर्करा से स्नान के पश्चात गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पंचामृतस्नानं समर्पयामि।’

पुन: शुद्धजल से स्नान-

पंचामृत से स्नान के पश्चात गणेश जी को शुद्धजल से स्नान कराएं-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि।’

अब निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए एक आचमनी जल गणेश जी के सम्मुख अर्पण करें-

‘शुद्धोदकस्नानान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि’

दुग्धाभिषेक-

अब गणेश जी का ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ करते हुए गौ दुग्ध से अभिषेक करें। अभिषेक के उपरान्त पुन: शुद्ध जल से स्नान कराकर गणेश जी की प्रतिमा को सिंहासन या मंडप में विराजमान कर उनका श्रृंगार करें-

वस्त्र-अलंकार एवं जनेऊ-

शुद्ध जल से स्नान कराने के उपरान्त गणेश जी को वस्त्र-उपवस्त्र, अलंकार व जनेऊ धारण कराएं।

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, वस्त्रं समर्पयामि।’

चंदन-

श्रृंगार के उपरांत गणेश जी को चंदन व सिंदूर लगाएं-

मंत्र- ‘श्रीखण्डं चंदनं दिव्यं गन्धाढ्यं सुमनोहरम्। विलेपनं सुरश्रेष्ठ चंदनं प्रतिगृहताम्॥

‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, चन्दानुलेपनं समर्पयामि।’

पंचोपचार-

अब गणेश जी का अक्षत, सिन्दूर, गुलाल, भोडर आदि से पंचोपचार पूजन करें।

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नानापरिमलद्रव्याणि समर्पयामि।’

पुष्पमाला-

अब गणेश जी को पुष्प एवं पुष्पमाला चढ़ाएं-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पुष्पमालां समर्पयामि।’

दूर्वा-

अब गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दूर्वांकुरान समर्पयामि।’

इत्र-

अब गणेश जी को इत्र लगाएं-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सुगन्धिद्रव्यं समर्पयामि।’

धूप-

अब गणेश जी को धूप की सुगन्ध अर्पित करें-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, धूपमघ्रापयामि समर्पयामि।’

दीप-

अब गणेश जी को दीप दर्शन कराएं-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दीपं समर्पयामि।’

अब हस्तप्रक्षालन (अपने हाथ धो लें) करने के बाद गणेश जी को नैवेद्य (भोग में दूर्वा, गुड़ व मोदक रखकर) अर्पण करें-ॐ प्राणाय स्वाहा, ॐ अपानाय स्वाहा, ॐ समानाय स्वाहा, ॐ उदानाय स्वाहा, ॐ व्यानाय स्वाहा, ॐ अमृतापिधानमसि स्वाहा।

मंत्र-

‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नैवेद्यं निवेदयामि।’

फल-

नैवेद्य अर्पण करने के उपरान्त गणेश जी को ऋतुफल अर्पण करें-

मंत्र- ‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, ऋतुफलानि निवेदयामि।’

ताम्बूल (पान का बीड़ा)-

अब गणेश जी को लौंग-इलायची रखकर ताम्बूल अर्पण करें-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, मुखवासार्थम् एलालवंग-पूंगीफल्सहितं ताम्बूलं समर्पयामि।’

दक्षिणा-

अब गणेश जी को श्रीफल सहित यथासामर्थ्य दक्षिणा अर्पण करें-

मंत्र-‘ॐ भूर्भुव:स्व: गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, कृताया: पूजाया: द्रव्यदक्षिणां समर्पयामि।’

आरती-

अब गणेश जी की आरती उतारें।

क्षमा प्रार्थना-

अब हाथ में पुष्प व अक्षत लेकर पूजा में हुई त्रुटि के विनम्र भाव से क्षमा प्रार्थना करें-

मंत्र- गणेशपूजनं कर्म यन्यूनमधिकं कृतम्।

तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नो‌ऽतु सदा मम॥

उक्त मंत्र- बोलकर हाथ में रखे पुष्प व अक्षत गणेश जी के सम्मुख अर्पण कर साष्टांग दण्डवत् प्रणाम करें।

अब एक आचमनी जल अपने आसन के नीचे छोड़कर उस जल को अपने नेत्रों से लगाकर पूजा संपन्न करें।

ईशान किशन प्लेइंग XI से होंगे बाहर, इस खिलाड़ी की वजह से कप्तान को लेना होगा फैसला

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क। एशिया कप में अगला मैच टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ 10 सितंबर को खेलेगी। यह मुकाबला टीम इंडिया का सुपर 4 में पहला मैच होगा। भारत की प्लेइंग इलेवन में विकेटकीपर के तौर पर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है ।

टीम के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल की वापसी हो चुकी है । केएल राहुल निगल के चलते एशिया कप के शुरुआती दो मैच मिस किए थे, लेकिन अब उनकी वापसी हो गई है तो प्लेइंग इलेवन से ईशान किशन को बाहर होना पड़ेगा। ईशान किशन शुरुआती दोनों मैचों में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेले थे।

उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तो नंबर पर पांच पर बैटिंग करते हुए मुश्किल वक्त में 82 रनों की शानदार पारी खेली थी। शानदार प्रदर्शन के बावजूद ईशान किशन को बेंच पर बैठना पड़ सकता है। बता दें कि एशिया कप में अपना पहला मैच खेलने के लिए केएल राहुल नेट्स पर जमकर अभ्यास कर रहे हैं ।

रिपोर्ट्स की माने तो केएल राहुल ने वैकल्पिक अभ्यास सत्र में भी जमकर पसीना बहाया और सबसे देर तक बल्लेबाजी की । केएल राहुल टीम में नंबर पांच के स्थान पर ही खेलते नजर आ सकते हैं।केएल राहुल काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं।उन्होंने भारत के लिए 47 टेस्ट में 2642 रन , 54 वनडे मैचों में 1986 रन और 72 टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 2265 रन बनाए हैं।वैसे ईशान किशन भी अच्छी फॉर्म में हैं ।उन्होंने केएल राहुल की कमी नहीं खलने दी थी।ऐसे में उनको बाहर करने का फैसला मुश्किल होगा।

कान्हा के रंग में रंगा मथुरा-वृंदावन, दुल्हन की तरह सजे मंदिर, जानें कब प्रकट होंगे नंदलाल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आज मथुरा और वृंदावन कान्हा के रंग में पूरी तहर रंग गया है. हर तरफ उत्साह, उमंग और श्रीकृष्ण भक्ति का माहौल है. राधा दामोदर मंदिर में 251 किलो पंचामृत से नंदलाल का अभिषेक किया गया.

वहीं वृंदावन के शाह जी मंदिर में 101 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया. बता दें कि गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित भगवत भवन में कार्यक्रमों की शुरुआत मंगला आरती के साथ की गई. इसके बाद सुबह 10 बजे शोभायात्रा निकाली गई. वहीं वृंदावन के राधा रमण मंदिर में भगवान कृष्ण का सवा मन यानी 50 किलो दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक किया गया. कान्हा के जन्मदिन पर ब्रज के मंदिरों को दुल्हन-सा सजाया है. प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमगा रहे हैं. जन्माष्टमी पर लगभग 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मथुरा पहुंच चुके है.

1008 कमल पुष्पों से कान्हा का किया जाएगा आह्वान

मथुरा के जन्म भूमि मंदिर में मेन आयोजन होगा. गुरुवार की रात 11 बजे से महाअभिषेक का कार्यक्रम शुरू होगा. श्री कृष्ण जन्मस्थान पर सबसे पहले श्री गणेश पूजन, नव ग्रह पूजन होगा. 1008 कमल पुष्पों से भगवान श्रीकृष्ण का आह्वान किया जाएगा.

कामधेनु गाय के दूध से अभिषेक होगा

आज रात 12 बजे भगवान का प्राकट्य के साथ महाअभिषेक किया जाएगा. चांदी की कामधेनु गाय के दूध से कान्हा का अभिषेक होगा. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर ढोल-नगाड़े, झांझ, मजीरा, मृदंग और हरिनाम संकीर्तन किया जाएगा. अभिषेक के बाद भगवान की महाआरती होगी.

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द्वारिकाधीश में होंगे ये कार्यक्रम

द्वारिकाधीश मंदिर में कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 6 बजे से हुई है. यहां मंगला आरती के बाद पंचामृत अभिषेक किया गया. सुबह साढ़े 8 बजे भगवान के श्रृंगार के दर्शन हुए. इसके बाद शाम को साढ़े 7 बजे उद्यान के दर्शन होंगे. रात 10 बजे जागरण की झांकी की जाएगी. इसके बाद रात 11 बजकर 45 मिनट पर पंचामृत अभिषेक के दर्शन होंगे.

वृंदावन में प्रकट होंगे नंदलाल

भगवान राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन के मंदिरों में अभिषेक हुआ. यहां के राधा रमण, राधा दामोदर और शाह बिहारी जी मंदिर में सुबह 10 बजे से अभिषेक शुरू हुआ. मान्यता है कि भगवान का जन्म मथुरा में हुआ, जबकि वृंदावन में वह प्रकट हुए थे. इसीलिए यहां भगवान का अभिषेक दिन में किया जाता है.

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बंदियों की बनाई पोशाक पहनेंगे बांके बिहारी

श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और अन्य पदाधिकारी ढोल-नगाड़े के साथ ठाकुर जी को पहनाए जाने वाली खास पोशाक को अपने सिर पर टोकरी रखकर लेकर भागवत भवन पहुंचे. इस यात्रा कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी. पूरा मंदिर प्रांगण कान्हा के जयकारों से गूंज उठा.

ड्रेस को 11 पार्ट में किया गया तैयार

ड्रेस को 11 पार्ट में तैयार किया गया है. इसमें धोती, बगलबंदी, दुपट्टा, कमरबंद, प्रतिमा के पीछे लगने वाला पर्दा, भगवान के सिंहासन पर बिछने वाला कपड़ा शामिल है. जरी के कपड़े पर रेशम के धागे से बेहद आकर्षक कलाकारी की गई है. इस ड्रेस में मोर का रूप देने का प्रयास किया गया है.

NSG और SPG कमांडो सैलरी: जानिए एनएसजी और एसपीजी कमांडो की सैलरी, जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे

देश में सुरक्षा एजेंसियां हैं जो हमारी सुरक्षा और समृद्धि के लिए काम करती हैं। इनमें से नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत सरकार की दो एलीट यूनिट हैं।इन कमांडो यूनिट्स के जवानों और अधिकारियों के लिए सैलरी का मामला भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको एसपीजी और एनएसजी कमांडो की सैलरी के बारे में जानकारी देंगे।
एसपीजी कमांडो सैलरी

एसपीजी कमांडो की भर्ती और रैंकिंग

एसपीजी में जवानों और ऑफिसर्स की भर्ती सेना, पैरामिलिट्री और राज्य पुलिस से डेप्यूटेशन पर होती है। उनकी सैलरी उनके पद और रैंक के आधार पर होती है।

एसपीजी कमांडो सैलरी की जानकारी

सिक्योरिटी ऑफिसर I रैंक: इस रैंक के लोगों को पे स्केल ग्रेड पे- 4600 और 4800 रुपये, पे बैंड- 9300 रुपये मिलता है।

सिक्योरिटी ऑफिसर II रैंक: यदि मूल विभाग में रैंक सब इंस्पेक्टर की है, तो उन्हें पे स्केल ग्रेड पे- 4200, पे बैंड- 9300-34800 रुपये मिलता है।

अतिरिक्त भत्ते और सुविधाएं

एसपीजी कमांडो को सैलरी के साथ-साथ कई तरह के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं।

अलाउंस और बोनस

एसपीजी कमांडो को टास्क और ड्यूटी के अनुसार अलाउंस भी मिलते हैं, जिसमें 153 से 16,913 रुपये तक का बोनस भी शामिल है। कुल मिलाकर, एसपीजी कमांडो को हर महीने 84,236 से 244,632 रुपये सैलरी मिलती है।

एनएसजी कमांडो सैलरी

एनएसजी में भर्ती और रैंकिंग

एनएसजी में भी कमांडो और अफसर सेना, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और राज्य पुलिस से डेप्यूटेशन से भर्ती किए जाते हैं।

एनएसजी कमांडो सैलरी की जानकारी

महानिदेशक: एनएसजी के प्रमुख महानिदेशक को दो से तीन लाख रुपये महीने की सैलरी मिलती है।

अतिरिक्त महानिदेशक: अतिरिक्त महानिदेशक की सैलरी डेढ़ से दो लाख रुपये महीने तक हो सकती है।

इंस्पेक्टर जनरल: इंस्पेक्टर जनरल की सैलरी एक लाख 35 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक होती है।

ड्रेस का भत्ता

एनएसजी के डिप्टी इंस्पेक्टर को अलाग से ड्रेस का भत्ता भी मिलता है।

ग्रुप कमांडर, स्क्वॉड्रन कमांडर और टीम कमांडर

एनएसजी के ग्रुप कमांडर को हर महीने एक लाख से एक लाख 25 हजार रुपये, स्क्वॉड्रन कमांडर को 90000 हजार से एक लाख और टीम कमांडर को 80 हजार से 90 हजार रुपये महीने वेतन मिलता है।

सुविधाएं

एनएसजी और एसपीजी कमांडो को रहने के लिए आवास सहित तमाम तरह करी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।

समापन

एनएसजी और एसपीजी कमांडो के यह सैलरी और अलाउंस के बारे में जानकारी आपको यह बताती है कि इन एलीट सुरक्षा यूनिट्स में सेवा करने वाले व्यक्तियों को कितनी मात्रा में मिलता है। इनकी सैलरी के साथ-साथ अतिरिक्त बोनस और सुविधाएं भी उनके लिए उपलब्ध हैं, जो इनके कर्तव्यों को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।

अगर आप इस विषय पर अधिक जानना चाहते हैं या अन्य सुरक्षा संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें कमेंट करें और हम आपकी मदद करेंगे।