Thursday , October 24 2024

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जगन मोहन रेड्डी ने PM को लिखा पत्र, कहा- चंद्रबाबू आदतन झूठे व्यक्ति, सामने लाया जाए सच

अमरावती:  तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर जारी विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में रेड्डी ने कहा कि (मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू एक आदतन झूठ बोलने वाले ऐसे व्यक्ति हैं, जो इतने नीचे गिर गए हैं कि उन्होंने पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।

पत्र में आगे उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पूरा देश आपकी ओर देख रहा है। नायडू को झूठ फैलाने के लिए के उनके कृत्य के लिए कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई सामने लाई जाए। इससे नायडू द्वारा करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं के मन में पैदा किया गया शक दूर हो जाएगा और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पारदर्शिता में विश्वास बहाल होगा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायडू टीटीडी की पवित्रता, अखंडता और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि कथित मिलावटी घी को अस्वीकार कर दिया गया था और टीटीडी के परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, नायडू ने गलत इरादे से 18 सितंबर को एक राजनीतिक दल की बैठक में इस मुद्दे को उठाया।

कुछ दिन पहले एनडीए की विधायक दल की बैठक में तेदेपा प्रमुख नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए कम गुणवत्ता वाली सामग्री और जानवरों की चर्बी के वसा इस्तेमाल किया।

खाने का पैसा मांगने पर AAP विधायक ने रेस्तरां मालिक को पीटा, पुलिस ने दर्ज की FIR

अहमदाबाद: गुजरात के नर्मदा जिले में एक रेस्तरां मालिक पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के एक विधायक और 20 अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। रेस्तरां मालिक की शिकायत पर पुलिस ने शनिवार को आप विधायक चैतर वसावा समेत 20 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।

गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने शनिवार को आप विधायक चैतर वसावा समेत 20 लोगों के खिलाफ 16 सितंबर को मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि, इस घटना में शामिल छह लोगों की पहचान की गई है। मारपीट की यह घटना जिले के डेडियापाड़ा इलाके की बताई जा रही है।

बिल चुकाने के लिए कहना रेस्तरां मालिक को पड़ा भारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2022 के गुजरात चुनाव में डेडियापाड़ा सीट से जीतने वाले चैतर वसावा और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता और रेस्तरां मालिक शांतिलाल वसावा के साथ गाली-गलौज की और मारपीट की। उन्होंने बताया कि विधायक और उनके समर्थकों ने 16 सितंबर की रात को रेस्तरां मालिक पर उस समय हमला कर दिया जब उनकी ओर से रेस्तरां का बिल चुकाने के लिए कहा गया।

शिकायतकर्ता की ओर से आरोप लगाया कि जब उसने चैतर वसावा को अपने मोबाइल फोन से कॉल किया और बिल का भुगतान करने के लिए कहा। तो इससे विधायक नाराज हो गए। रेस्तरां मालिक ने बताया कि, विधायक कथित तौर पर 20 लोगों के साथ मेरे घर पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा और गाली-गलौज की। यही नहीं उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी।

इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भारतीय न्याय संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि अब तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इन मामलों में दर्ज किया गया है केस। जानबूझकर अपमान करना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, गैरकानूनी तरीके से एकट्ठा होना, दंगा, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश जैसे मामले शामिल हैं।

हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की PIL, कहा- प्रसाद में मिलावट की SIT से कराएं जांच

नई दिल्ली:  आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के लड्डुओं के घी में पशु वसा के कथित इस्तेमाल को खड़ा हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अब किसान और हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका (PIL) दायर की है। याचिका में प्रसाद में की गई मिलावट की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है।

किसान और हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने याचिका में कहा है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्तों को घी के बजाय पशु वसा का उपयोग करके तैयार लड्डू प्रसादम परोसा है। टीटीडी ने हिंदू धर्म का उपहास किया है और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। लड्डू प्रसादम तैयार करने में पशु वसा का उपयोग करने के आरोप ने हिंदू समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। इसलिए मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। साथ ही मामले की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है।

क्या है तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी का पूरा विवाद
आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लैब रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि, मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली हुई है। भगवान तिरुपति के प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। लड्डुओं में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया। ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुई है। सीएम ने कहा था कि इस भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में सरकार की ओर से कई लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है।

वहीं इस पूरे मामले पर मंदिर समिति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की ओर से भी बयान जारी किया गया है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम मंदिर के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर श्यामला राव ने भी स्वीकार किया है कि मंदिर की पवित्रता भंग हुई है। पिछली सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे। राव ने आगे कहा कि, जब मैंने टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी का पदभार संभाला था, तो मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खरीदे गए घी और लड्डू की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की थी।

वाईएसआरसीपी ने हाईकोर्ट से की जांच की मांग
वाईएसआरसीपी के वकीलों ने तिरुपति लड्डू प्रसादम को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की उच्च न्यायालय की पीठ को जानकारी दी। वकील ने कहा कि मौजूदा न्यायाधीश या उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति मुख्यमंत्री द्वारा किए गए दावों की जांच करे। पीठ ने सुझाव दिया कि 25 सितंबर तक एक जनहित याचिका दायर की जाए। उस दिन दलीलें सुनी जाएंगी।

तिरुपति लड्डू विवाद के बीच विहिप की सर्वोच्च बैठक, बड़ा निर्णय ले सकता है संगठन

तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद लगातार गंभीर होता जा रहा था। सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर अदालत से एक एसआइटी गठित कर इस मामले की जांच की मांग की गई है। इसी बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना में सोमवार (23 सितंबर) को संगठन के सर्वोच्च पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई है। बैठक में तिरुपति मन्दिर में लड्डू प्रसादम पर हुए विवाद पर चर्चा कर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। लड्डू प्रसादम विवाद के साथ-साथ इस समय वक्फ बोर्ड मामले पर चर्चा सहित सभी मुख्य मुद्दे सम्मिलित होंगे। बैठक में संतों से समाज निर्माण में उनसे विशेष भूमिका निभाने का आह्वान भी किया जा सकता है।

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने बताया कि आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के संतों की इस बैठक में हिंदू समाज के समक्ष खड़ी चुनौतियों और उनके समाधानों पर मंथन किया जायेगा। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट व उससे उत्पन्न स्थित पर भी विचार होगा। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद का सर्वोच्च नीति निर्धारक मंच संतों का है जिसमें केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों के संतों की भूमिका अग्रणी रहती है। इसकी वर्ष इसकी पहली बैठक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना प्रांत के जो संत केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं, उनकी यह बैठक तिरुपति में सोमवार को पूरे दिन चलेगी।

मुक्त व्यापार समझौते को लेकर कल से होगी भारत और यूरोपीय संघ की वार्ता, निवेश पर रहेगा जोर

नई दिल्ली: मुक्त व्यापार समझौते को लेकर भारत और 27 देशों वाले यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच नौवें दौर की पांच दिवसीय वार्ता सोमवार से शुरू होगी। इस दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा करेंगे। वार्ता के दौरान यूरोपीय संघ के स्थिरता उपायों सीबीएएम, वनों की कटाई और अन्य के बारे में भारतीय हितधारकों की चिंताओं पर भी बात की जाएगी। इसके अलावा दोनों पक्ष वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और सरकारी खरीद के साथ-साथ व्यापार में तकनीकी बाधाओं जैसे आवश्यक नियमों को शामिल करते हुए मुख्य व्यापार मुद्दों पर भी विचार रखेंगे।

जीटीआरआई ने कहा कि भारतीय कंपनियां कार्बन टैक्स, वनों की कटाई विनियमन और आपूर्ति श्रृंखला विनियमन जैसे नियमों के संभावित नकारात्मक प्रभावों के बारे में चिंतित हैं। ये नियम यूरोपीय संघ को भारत के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापार समझौते के बाद यूरोपीय संघ के उत्पाद शून्य शुल्क पर भारत में प्रवेश करेंगे, लेकिन भारतीय उत्पादों को सीबीएएम शुल्क के बराबर 20-35 प्रतिशत टैरिफ का भुगतान करना पड़ सकता है। जून 2022 में भारत और यूरोपीय संघ ने आठ वर्ष बाद वार्ता फिर से शुरू की। कई मुद्दों पर मतभेद के कारण 2013 में इसे रोक दिया गया था।

शुरुआत में 2007 से 2013 तक कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकार, श्रम मानकों और सतत विकास पर असहमति के कारण बातचीत रुक गई। बताया जाता है कि देरी का एक बड़ा कारण दोनों पार्टियों के बीच अलग-अलग आकांक्षाएं हैं। जीटीआरआई ने कहा कि यूरोपीय संघ संवेदनशील कृषि उत्पादों और ऑटोमोबाइल सहित अपने 95 प्रतिशत से अधिक निर्यात पर टैरिफ उन्मूलन चाहता है, जबकि भारत अपने लगभग 90 प्रतिशत बाजार को खोलने में सहज है और थोक कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने में झिझक रहा है।

बाढ़ की स्थिति पर ममता बनर्जी ने PM मोदी को फिर लिखी चिट्ठी, कहा- DVC से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा

कोलकाता :पश्चिम बंगाल के दक्षिणी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। उन्होंने चिट्ठी में बताया कि डीवीसी से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा लिया गया है। दरअसल, दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण दक्षिणी बंगाल में बाढ़ आ गई। मौजूदा हालात को देखते हुए गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल-झारखंड सीमा पर बैरिकेडिंग कर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, 24 घंटों के बाद ही अंतरराज्यीय व्यापार के लिए सीमा को एक बार फिर से खोल दिया गया था। ममता बनर्जी ने बाढ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को पहले भी चिट्ठी लिख चुकी हैं।

ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा, “जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ने का निर्णय दामोदर घाटी जलाशय विनियमन निगम समिति की सहमति से लिया गया था, जिसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं। सभी निर्णय केंद्रीय जल आयोग और जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से एकतरफा लिया गया है। कभी कभी राज्य सरकार को बिना बताए पानी छोड़ा जाता है।”

हालांकि, ममता बनर्जी इससे पहले भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिख चुकी हैं। 20 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी का जवाब देते हुए जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य सरकारों को बताकर ही डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ा जाता है।

ममता ने अपनी नई चिट्ठी में आगे कहा, “जलाशयों से नौ घंटे की लंबी अवधि तक अधिकतम मात्रा में पानी छोड़ने का काम केवल 3.5 घंटे के नोटिस पर किया गया।” उनकी इस चिट्ठी को रविवार को सार्वजनिक किया गया। ममता ने 20 सितंबर वाली चिट्ठी में दावा किया था कि बाढ़ के कारण 50 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापक तबाही से निपटने के लिए तुरंत केंद्रीय धनराशि मंजूर करने और जारी करने का आग्रह किया। जलशक्ति मंत्री ने जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के बारे में सीएम ममता बनर्जी की चिंताओं पर बात की।

ट्रैक पर रखा हुआ था सिलेंडर, लोको पायलट और सहायक की सर्तकता से बचा हादसा

कानपुर :कानपुर में एक के बाद एक ट्रेनों को पलटाने की साजिश के मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार सुबह मालगाड़ी को पलटाने का प्रयास किया गया। मालगाड़ी कानपुर से प्रयागरात की ओर जा रही थी। जैसे ही प्रेमपुर स्टेशन पर लूप लाइन पर पहुंची थी कि गाड़ी के लोको पायल देव आनंद गुप्ता और सहायक लोको पायलट सीसीब सिंह ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा।

ट्रैक पर सिग्नल से कुछ पहले सिलेंडर को रखा गया था। उन्होंने आनन फानन इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को सिलेंडर से पहले ही रोक लिया। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। सूचना पर रेलवे आईओडब्लू, सुरक्षा बलों सहित अन्य टीमें मौके पर पहुंची हैं। सिलेंडर की जांचकर ट्रैक से हटाया गया है।

जानकारी के अनुसार, घटना प्रेमपुर स्टेशन पर सुबह 5:50 की है। इस सिलेंडर की जांच करने पर पता चला कि यह एक पांच लीटर का खाली सिलेंडर है, जोकि ट्रैक पर सिग्नल के थोड़ा पहले रखा हुआ था। इस घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। मौके पर कई आलाअधिकारी मौजूद हैं।

वायु प्रदूषण-गर्मी से बढ़े ब्रेन स्ट्रोक के मामले, दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या 1.19 करोड़ पहुंची

नई दिल्ली:  पहली बार वायु प्रदूषण को ब्रेन स्ट्रोक का जिम्मेदार पाया गया है। लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में स्ट्रोक या आघात लगने से और उससे संबंधित मौतों की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। इसके लिए वायु प्रदूषण, अधिक तापमान, उच्च रक्तचाप और शारीरिक निष्क्रियता जैसे चयापचय संबंधी खतरे जिम्मेदार हैं।

स्ट्रोक के कारण स्वास्थ्य का खराब होना और समय से पहले मृत्यु में भयंकर गर्मी की भूमिका 1990 के बाद से 72 फीसदी बढ़ गई है और भविष्य में इसके और अधिक बढ़ने के आसार हैं।

धूम्रपान जैसा घातक है वायु प्रदूषण
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी (जीबीडी) टीम के शोधकर्ताओं के अनुसार, पहली बार पाया गया कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) यानी वायु प्रदूषण मस्तिष्क रक्तस्राव के लिए धूम्रपान जितना ही घातक है। जीबीडी के अध्ययन में विभिन्न जगहों और समय के साथ स्वास्थ्य को होने वाली हानि को मापने का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक प्रयास किया गया।

34 वर्षों के दौरान मौतों में दर्ज की गई 44 फीसदी की वृद्धि
दुनियाभर में पहली बार स्ट्रोक वाले लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 1.19 करोड़ हो गई, जो 1990 से 70 फीसदी अधिक है, जबकि स्ट्रोक से संबंधित मौतें बढ़कर 73 लाख हो गईं। यह संख्या 1990 से 44 फीसदी अधिक है। इस प्रकार इस्केमिक हृदय रोग या हृदय को खून की कम आपूर्ति और कोविड-19 के बाद न्यूरोलॉजिकल समस्या मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण बन गई है। स्ट्रोक से प्रभावित तीन चौथाई से अधिक लोग कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।

अच्छे खानपान से सुधार सकते हैं स्वास्थ्य
शोधकर्ताओं ने खराब आहार व धूम्रपान से जुड़े खतरों से दुनियाभर में स्ट्रोक के मामलों को कम करने में हुई प्रगति को भी स्वीकार किया। उन्होंने पाया कि प्रसंस्कृत मांस कम खाने की वजह से खराब स्वास्थ्य वाले लोगों की संख्या में 40% की कमी आई। इसी तरह ज्यादा हरी सब्जी सेवन करने वाले 30% लोगों की सेहत सुधरी।

टिपरा मोथा का बड़ा एलान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में 26 को निकालेगी रैली

अगरतला:  बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदाय पर हो रहे हमलों पर भाजपा की सहयोगी टिपरा मोथा ने चिंता जताई। पार्टी ने एलान किया कि 26 सितंबर को हमलों के विरोध में एक रैली निकाली जाएगी।

पहले भी यह लोग निकाल चुके हैं रैली
वहीं, पार्टी के युवा शाखा यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) ने शनिवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त आरिफ मोहम्मद से बात कर शांति की अपील की थी। इससे पहले, वाईटीएफ, चकमा स्टूडेंट्स फेडरेशन और टिपरा इंडिजिनस स्टूडेंट्स फेडरेशन (टीआईएसएफ) के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने चटगांव हिल ट्रैक में स्वदेशी लोगों पर हमले और हत्या के खिलाफ विरोध रैलियां निकाली थीं। बौद्ध भिक्षुओं ने भी शांति की अपील करते हुए रैली निकाली थीं।

300 साल पुरानी किताबें जलाई गईं
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्युत देबबर्मा ने 26 सितंबर की रैली की घोषणा कर कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद बंगाली हिंदुओं और मूल निवासियों सहित अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं। नोआखली और कोमिला जिलों में भी अल्पसंख्यकों पर हमले हुए। महाराजा बीर चंद्र पुस्तकालय में आग लगा दी गई और 300 साल पुरानी किताबें जला दी गईं।’

इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का समय: देबबर्मा
केंद्र से इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध करते हुए देबबर्मा ने कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र में उठाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हम 26 सितंबर को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में एक विशाल रैली करेंगे। हमारा युवा संगठन वाईटीएफ भी पड़ोसी देश में अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए रैली में शामिल होगा।

विधानसभा चुनाव से पहले CM शिंदे के जीवन पर होगी नाट्य प्रस्तुति, मार्गदर्शक पर फिल्म रिलीज भी तय

मुंबई:  महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इस चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति गठबंधन के बीच चुनावी टकरार जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जीवन पर आधारित एक मराठी नाटक और उनके मार्गदर्शक स्वर्गीय आनंद दिघे पर बनी फिल्म की एक कड़ी जल्द रिलीज होने वाली है। मराठी नाटक ‘माला कहि तारि संगयचा आहे- एकनाथ संभाजी शिंदे’ पितृपक्ष के बाद रिलीज होने की संभावना है। वहीं, ‘धर्मवीर मुक्कम पोस्ट ठाणे 2’ इस महीने 27 सितंबर को रिलीज होने वाली है। धर्मवीर का प्रीक्वल मई 2022 में रिलीज किया गया था।

बाढ़ के कारण रिलीज नहीं हो पाई थी फिल्म
आनंद दिखे पर बनी फिल्म में शिंदे और दादा भुसे जैसे मंत्रियों को सकारात्मक रूप में दिखाया गया है। धर्मवीर 2 इस साल अगस्त में रिलीज होने वाली थी, इसका ट्रेलर जून में जारी किया गया था। हालांकि, राज्य के कुछ इलाकों में बाढ़ के कारण इस फिल्म को रिलीज नहीं किया गया था।

निर्देशक-लेखक प्रवीण तारडे ने कहा, “हम राज्य के प्रत्येक थिएटर में इस फिल्म को दिखाएंगे।” मराठी नाटक माला कही तारी संगायचा आहे–एकनाथ संभाजी शिंदे को थिएटर की दुनिया में लोकप्रिय और अनुभवी अशोक सामेल प्रस्तुत करेंगे। समेल ने कहा, “90 मिनट का यह नाटक मुख्यमंत्री शिंदे के चरित्र को “बहुत सकारात्मक रूप से” प्रदर्शित करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि एक साधारण ऑटो रिक्शा चालक से मुख्यमंत्री के रूप में उभरे एकनाथ शिंदे 20-22 घंटे काम करते हैं। समेल शिंदे सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, “नाटक में इसका भी जिक्र है कि कैसे अविभाजित शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन के हिस्से के रूप में वोट मांगे, लेकिन बाद में राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया।”