Friday , October 25 2024

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फुटबॉल टीम के नियमित कप्तान सुनील क्षेत्री नहीं होंगे शामिल, मनवीर को कमान…

भारतीय फुटबॉल टीम को किंग्स कप टूर्नामेंट में करिश्माई खिलाड़ी सुनील छेत्री की सेवाएं नहीं मिलेगी और उनकी गैरमौजूदगी में मनवीर सिंह अग्रिम पंक्ति का नेतृत्व करेंगे। टीम के नियमित कप्तान छेत्री पिता बनने वाले है।
बच्चे के जन्म के समय परिवार को समय देने के लिए उन्हें इस टूर्नामेंट से विश्राम दिया गया है। सुनील छेत्री हालांकि एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में मौजूद रहेंगे। चार देशों के इस टूर्नामेंट का आयोजन नॉकआउट प्रारूप में होगा। इसका आयोजन थाईलैंड के चियांग माई में सात से 10 सितंबर तक होगा। टूर्नामेंट के 49 वें सत्र के लिए भारतीय कोच इगोर स्टिमक ने मंगलवार को 23 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा की। भारतीय टीम: गोलकीपर: गुरप्रीत सिंह संधू, अमरिंदर सिंह, गुरमीत सिंह।

रक्षक पंक्ति: आशीष राय, निखिल पुजारी, संदेश झींगन, अनवर अली, मेहताब सिंह, लालचुंगनुंगा, आकाश मिश्रा, सुभाशीष बोस।
मध्य पंक्ति: जैक्सन सिंह थौनाओजम, सुरेश सिंह वांगजम, ब्रैंडन फर्नांडिस, सहल अब्दुल समद, अनिरुद्ध थापा, रोहित कुमार, आशिक कुरुनियान, नाओरेम महेश सिंह, लालियानजुआला छांगते।
अग्रिम पंक्ति: मनवीर सिंह, रहीम अली, राहुल केपी।
मुख्य कोच: इगोर स्टिमैक

Green Tea पीकर घटाना चाहते हैं वजन? लेकिन इसकी ज्यादा चाहत बिगाड सकती है हालत…

ग्रीन टी के आयुर्वेदिक गुणों के कारण हम इसे पीना पसंद करते हैं, खासकर जो लोग वजन घटाने की चाहत रखते हैं वो इसका सेवन जरूर करते हैं. इस बात में कोई शक नहीं कि ये एक हेल्दी ड्रिंक है, लेकिन अगर इसका सेवन हद से ज्यादा किया गया तो नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. हमें एक दिन में 2 कप से ज्यादा ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए, अगर आपने इसे ज्यादा सेवन किया तो इसके अच्छे नतीजे नहीं आएंगे.

1. नींद की कमी
हमें एक दिन में 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर आप हर दिन 2 कप से ज्यादा ग्रीन टी पिएंगे तो नींद की कमी हो सकती है और फिर आप चिड़चिड़े हो जाएंगे.

2. पेट की परेशानियां
एक लिमिट से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन हमारे पेट के लिए अच्छा नहीं होता, इससे अपच, गैस, उलटी जैसी परेशानियां पेश आ सकती हैं

3. स्किन प्रॉबल्मस
ज्यादा ग्रीन टी पीने का असर हमारी स्किन पर भी हो सकता है. क्योंकि इस पेय पदार्थ में पाए जाने वाले तत्व त्वचा की परेशानियां पैदा कर सकते हैं, जिनमें खुजली और एक्जिमा शामिल हैं.

4. एनर्जी की कमी
जो लोग हद से ज्यादा ग्रीन टी पीते हैं उनका अक्सर थकावट औऱ लो एनर्जा का सामना करना पड़ता है, ऐसे में आपको इस आदत में सुधार करने की जरूरत है.

आज फ्लैट लेवल पर हुई बाजार की क्लोजिंग, बैंकिंग शेयर्स फिसले…

शेयर बाजार (Share Market) आज भी मामूली बढ़त के साथ क्लोज हुए हैं. सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex-Nifty) दोनों ही इंडेक्स हरे निशान पर क्लोज हुए हैं. आज के कारोबार के बाद सेंसेक्स 11.43 अंकों की मामूली तेजी के साथ 65,087.25 के लेवल पर क्लोज हुआ है. इसके अलावा निफ्टी इंडेक्स 4.80 अंकों की मामूली तेजी के साथ 19,347.45 के लेवल पर बंद हुआ है. बैंक निफ्टी में आज 262 अंकों की गिरावट के साथ 44232 के लेवल पर क्लोज हुआ है.

आज लगातार दूसरे दिन जियो फाइनेंशियर के शेयरों में अपर सर्किट लग गया है. कंपनी का शेयर आज भी 5 फीसदी की तेजी के साथ 232 के लेवल पर बंद हुआ है.
टॉप गेनर स्टॉक्स
टॉप गेनर शेयरों की लिस्ट में आज जियो फाइनेंशियल के अलावा टाटा स्टील, एमएंडएम, मारुति, इंफोसिस, एचसीएल टेक, अल्ट्राकेमिकल, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, सनफार्मा, जेएसडल्बू स्टील, टीसीएस, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, एचयूएल, एक्सिस बैंक, टाइटन के शेयर्स भी तेजी के साथ क्लोज हुए हैं.

किन कंपनियों के शेयर्स फिसले?
इसके अलावा गिरावट वाले के शेयरों की लिस्ट में पॉवर ग्रिड, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, HDFC Bank, इंडसइंड बैंक, NTPC, LT, कोटक बैंक, विप्रो, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स और टेक महिंद्रा के शेयरों में भी बिकवाली रही है.

ताईवान में राष्ट्रपति चुनाव लड़ेगा ये अरबपति बिजनेस टाइकून, कहा- देश को यूक्रेन नहीं बनने दूंगा

फॉक्सकॉन के संस्थापक और अरबपति कारोबारी से नेता बने टेरी ने ताइवान में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी का एलान कर दिया है. अरबपति बिजनेस टाइकून टेरी की गिनती चीन के अरब करीबियों में होती है. इसलिए वो ये चुनाव जीतकर शी जिनपिंग और बीजिंग के नक्शेकदम पर चलने के लिए तैयार दिख रहे हैं. आपको बताते चलें कि ये दूसरा मौका है जब दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के सर्वेसर्वा ने ताइवान के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है.

‘रॉयटर्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले उन्होंने साल 2019 में फॉक्सकॉन के चीफ पद छोड़कर ताइवान की विपक्षी राजनीतिक पार्टी KMT की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की पेशकश की थी. हालांकि, पार्टी ने उनकी बजाय किसी और को चुना था. ताइवान में KMT को चीन की करीबी पार्टी माना जाता है.

‘सात मिनट का कैंसर ट्रीटमेंट’ क्या है? जाने क्या है राज…

ब्रिटेन की सरकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा एक ऐसा इंजेक्शन पेश करने जा रही है जो देश में सैकड़ों कैंसर रोगियों का इलाज कर सकता है और इलाज के समय को तीन चौथाई तक कम कर सकता है. ऐसा करने वाली यह दुनिया की पहली राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा है.

मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, एनएचएस इंग्लैंड ने मंगलवार को कहा कि जिन सैकड़ों रोगियों का इम्यूनोथेरेपी से इलाज किया गया था, उन्हें एटेज़ोलिज़ुमैब के ‘त्वचा के नीचे’ इंजेक्शन दिए जाने की तैयारी है, जिससे अंततः कैंसर टीमों को और समय मिलेगा.
वेस्ट सफ़ोल्क एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के सलाहकार ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ अलेक्जेंडर मार्टिन ने रॉयटर्स से कहा, ‘यह मंजूरी न केवल हमें अपने मरीजों के लिए सुविधाजनक और तेज देखभाल प्रदान करने की अनुमति देगी, बल्कि हमारी टीमों को दिन भर में अधिक मरीजों का इलाज करने में सक्षम बनाएगी.”

ड्रिप की के माध्यम से सीधे मरीज के नसों में दिया जाता है
एनएचएस इंग्लैंड ने कहा कि एटेज़ोलिज़ुमैब, जिसे टेकेंट्रिक भी कहा जाता है, आमतौर पर रोगियों को अंतःशिरा के माध्यम से दिया जाता है, जिसका अर्थ है सीधे ड्रिप के माध्यम से उनकी नसों में. हालांकि कुछ रोगियों के लिए लगभग 30 मिनट या एक घंटे का समय लग सकता है जब इसका नस तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान अभी नहीं आएंगे जेल से बाहर, सिफर मामले में न्यायिक हिरासत बढ़ी

इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा मिली राहत के बाद अब फिर इमरान खान के जेल में रहने की बात कही जा रही है। स्थानीय मीडिया जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार सिफर मामले में इमरान की न्यायिक हिरासत की अवधि 13 सितंबर तक बढ़ाई गई है। हिरासत अवधि बढ़ जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान सलाखों के पीछे रहेंगे।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आज बड़ा झटका लगा है। बीते दिन इस्लामाबाद हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद अब फिर उनके जेल में रहने की बात कही जा रही है।

बहन ईशा संग रिश्ते पर बोले सनी देओल- ‘दर्द से गुजरा हूं..

बॉलीवुड फिल्मों के जाने माने मशहूर अभिनेता सनी देओल इन दिनों गदर 2 की सक्सेस का जश्न मना रहे हैं। फिल्म सुपरहिट होने के बाद भी सनी देओल फिल्म को जमकर प्रमोट कर रहे हैं। सबसे विशेष बात ये है कि गदर 2 के कारण सनी का दोनों बहनों ईशा और अहाना संग रिश्ता पहले से भी ज्यादा गहरा हो गया है।

ईशा ने भाई सनी की फिल्म की स्क्रीनिंग रखी थी और हिट होने पर खुशी भी जताई थी। अब सनी ने बहन ईशा संग अपने रिश्ते पर खुलकर चर्चा की है।

अपने एक इंटरव्यू में सनी ने कहा- मैं पहले भी बहुत दर्द और पीड़ा से गुजर चुका हूं। मगर जैसा कि मैं हमेशा बोलता हूं कि खुशी भी आ सकती है तथा तब आपको पता भी नहीं चलेगा कि दर्द और पीड़ा क्या होता है। खुशी आप पर हावी हो जाती है और आप उन सभी चीजों को भूल जाते हैं। आगे सनी ने कहा- सालों पहले हम सभी सोचते थे कि जीवन एक निश्चित तरीके से चलेगा। मगर जब आप अपने जीवन की शुरुआत करते हैं, तो चीजें बदल जाती हैं।

आगे उन्होंने कहा- ‘फिर आपको खुद को उसी हिसाब से ढालना पड़ता है। इसीलिए हम बोलते हैं, फ़िल्में परियों की कहानियां जैसी होती हैं, लेकिन जिंदगी वैसी नहीं है।’ हम चाहते हैं कि जिंदगी फिल्मों की भांति हो जाए, मगर फिर भी खूबसूरती तो जिंदगी में ही है, जहां हम उसे वैसे ही स्वीकार करते हैं जैसी वो होती है। हम जिंदगी पर पछतावा नहीं करते, उससे नफरत भी नहीं करते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को जाने देते हैं तथा चीजों को स्वीकार करते हैं। बहन ईशा के बारे में सनी ने कहा कि कई बार मीडिया रिश्तों के बारे में बात करना शुरू कर देती है तथा फिर ये गंदा होता जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि, अब सनी और ईशा के बीच सबकुछ ठीक है। वही बात यदि सनी की गदर 2 की करें तो फिल्म 450 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। फिल्म जल्द ही 500 करोड़ के क्लब में सम्मिलित होगी।

दिल्ली के अस्पताल, ग्रीन कॉरिडोर से महज 10 मिनट में हॉस्पिटल पहुंचेंगे मरीज

जी-20 सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. इसके लिए राजधानी के अस्पताल भी तैयार है. प्रगति मैदान में इमरजेंसी में मरीजों के इलाज के लिए आईसीयू तैयार किया जा रहा है.

दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग जैसे बड़े अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों के इलाज के लिए 24×7 तैनात रहेंगे. मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किए जा रहे हैं. सभी अस्पतालों से 140 एंबुलेंस को जोड़ा गया है. ये एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम, मोनिटर, जरूरी दवाएं, इंजेक्शन और ऑक्जीजन सिलिंडर से लैस होंगी. अगर किसी व्यक्ति की तबीयत बिगड़ी तो एंबुलेंस में ही उसको प्राथमिक उपचार दिया जा सकेगा. इसके लिए एंबुलेंस में पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात होंगे.

दिल्ली के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. जी-20 सम्मेलन वाले स्थल से अस्पतालों तक स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. इनसे मरीजों को महज 10 से 15 मिनट में ही अस्पताल पहुंचा दिया जाएगा. प्रगति मैदान के पास मौजूद लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल में भी विशेष व्यवस्था की गई है.

आम मरीजों को नहीं होगी कोई परेशानी

लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार के मुताबिक, आयोजन के लिए इमरजेंसी को और भी बेहतर बनाया गया है. डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. कम समय में ही मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए आधुनिक मशीनों भी मंगवाई गई है. विदेशी मेहमानों के लिए आईसीयू को भी अपग्रेड किया गया है. इस बीच आम मरीजों के इलाज की भी पूरी व्यवस्था की गई है. आम मरीजों के लिए अस्पताल में किसी भी सेवा को नहीं रोका गया है. इन मरीजों के लिए सुविधाएं पहले ही तरह ही हैं.

मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द

अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. स्टाफ को कहा गया है कि किसी इमरजेंसी स्थिति को छोड़कर उनको जी-20 समिट की पूरी अवधि के दौरान अस्पताल आना है. दिल्ली के आरएमएल अस्पताल और कुछ अन्य अस्पतालों में इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है.

केवल प्लास्टिक कप ही नहीं बल्कि पेपर कप का इस्तेमाल भी सेहत के लिए हानिकारक!

लोग पहले ये समझते थे कि केवल प्लास्टिक कप ही हानिकारक होते है। लेकिन हाल के एक अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि पेपर कप भी नुकसानदायक होते है। यही कारण है कि जानकार लोगों को रीयूजेबल कप का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे है।

अगर आपका यह मानना है कि प्लास्टिक कप के बजाय पेपर कप इस्तेमाल करना पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अच्छा तो यह आपकी गलतफहमी है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल में हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि पेपर कप भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

ऐसे में जानकार लोगों को पेपर कप भी इस्तेमाल करने से परहेज करने की सलाह देते है। वे कहते है कि पेपर कप के बजाय रीयूजेबल कप का यूज करना सही होता है। इस स्टडी में क्या और खुलासे हुए है, आइए जान लेते है।

शोध में क्या खुलासा हुआ है

स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस स्टडी को अंजाम दिया है और बताया है कि जब वे तितली मच्छर के लार्वा पर विभिन्न सामग्रियों से बने डिस्पोजेबल कप के प्रभाव का परीक्षण किया तो इसका खुलासा हुआ है। स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि पेपर कप और प्लास्टिक कप दोनों ने लार्वा के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

दरअसल, पेपर कप के सतह पर प्लास्टिक की एक परत से कोट किया जाता है ताकि गर्म चीजों को वह रोक सके और पानी कप से बाहर न गिरे। ऐसे में यह प्लास्टिक पर्यावरण में पहुंचने पर टूटता नहीं है और माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाता है। बता दें कि माइक्रोप्लास्टिक जानवरों और मनुष्यों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

पेपर कप के बजाय कर सकते है रीयूजेबल कप का इस्तेमाल

इसके अलावा, पेपर कप बनाने के लिए अक्सर रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। ये रसायन भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए, प्लास्टिक कप के बजाय पेपर कप इस्तेमाल करने से पहले, इन नुकसानों के बारे में पता होना जरूरी है। बेहतर होगा कि आप प्लास्टिक कप के इस्तेमाल से बचें और रीयूजेबल कप का इस्तेमाल करें।

वायु प्रदूषण का साइड इफेक्ट: दिल्ली वालों की जिंदगी से क्यों माइनस हो रहे 12 साल

हाल की में शिकागो यूनिवर्सिटी ने एयर क्वालिटी इंडेक्स जारी किया है. जिसमें वायु प्रदूषण के कारण सेहत को हो रहे नुकसान के बारे में बताया गया है. यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत की 68 फीसदी आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 µg/m3 से भी ज्यादा है.

वायु प्रदूषण की वजह से लाइफ एक्सपेक्टेंसी कम हो रही है.ज्यादा समय तक प्रदूषण में रहने से जीवन के पांच साल कम होने का खतरा है. भारत में सबसे ज्यादा प्रदूषण राजधानी दिल्ली में है. यहां हर साल पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में इतना प्रदूषण है कि यहां रहने वाले लोगों के जीवन की औसत उम्र 12 साल तक कम हो सकती है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियों का रिस्क बढ़ रहा है. सभी उम्र के लोगों पर बढ़ता प्रदूषण असर कर रहा है.

इस बीच यह सवाल भी है कि पॉल्यूशन की वजह से उम्र घट कैसै रही है. आइए इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
पॉल्यूशन से क्यों कम हो रही उम्र

दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल में पल्मोनरी डिपार्टमेट में डॉ. भगवान मंत्री बताते हैं कि बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों पर गंभीर असर पड़ रहा है. इससे लोगों को लंग्स कैंसर, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियां हो रही हैं. बीते कुछ सालों से लंग्स कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका बड़ा कारण वायु प्रदूषण ही है. आलम यह है कि जो लोग स्मोकिंग नहीं करते हैं उनमें भी फेफड़ों के कैंसर के मामलों में इजाफा हो रहा है. इस तरह की खतरनाक बीमारियों की वजह से लोगों की सेहत बिगड़ती है. कम उम्र में ही वह गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं. जो बाद में मौत का कारण भी बनती है.

धीरे धीरे करता है असर

सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में एचओडी डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि प्रदूषण धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है. यह लोगों के लंग्स में इंफेक्शन करता है और जिन लोगों को पहले से ही फेफड़ों की कोई बीमारी है तो उसको और खतरनाक बना देता है. प्रदूषण में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस के जरिए फेफड़ों में जाते हैं. इससे सीओपीडी और अस्थमा जैसी बीमारियां होती हैं. इन डिजीज के बढ़ने की वजह से कुछ मरीजों को सांस लेने में परेशानी भी हो जाती है. अगर समय पर ट्रीटमेंट न मिले तो मौत होने तक का खतरा रहता है.