Wednesday , October 23 2024

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कौन हैं एआर डेयरी फूड के मालिक? जिनके बनाए घी में जानवरों की चर्बी होने के लगे हैं आरोप

चेन्नई:  तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद को लेकर जारी विवाद में एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया है। दरअसल इसी कंपनी द्वारा तिरुपति मंदिर को घी की सप्लाई की जाती थी, जिससे प्रसाद के लड्डू बनाए जाते थे। आरोप है कि घी की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी और उसमें जानवरों की चर्बी की मिलावट पाई गई है। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है।

कंपनी ने आरोपों को किया खारिज
एआर डेयरी प्राइवेट लिमिटेड तमिलनाडु स्थित कंपनी है और इसकी शुरुआत साल 1995 में हुई थी। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इसके तीन निदेशक हैं, जिनमें राजशेखरन आर, सूर्या प्रभु आर और श्रीनिवासन एसआर का नाम शामिल है। कंपनी डिंडीगुल में स्थित है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने जून और जुलाई में तिरुपति मंदिर का प्रशासन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को सिर्फ दूध की सप्लाई की थी। कंपनी के एक निदेशक राजशेखरन आर का दावा है कि ‘उनके घी में जानवर की चर्बी होने का सवाल ही नहीं है। हम घी बनाने में सिर्फ गाय के दूध का इस्तेमाल करते हैं। हमारा घी के हर बैच का परीक्षण किया जाता है और हमारे पास इसकी लैब रिपोर्ट भी है। पूरी जांच के बाद ही हम घी की सप्लाई करते हैं।’

केंद्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में पूर्व की जगन मोहन सरकार पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार में तिरुपति मंदिर का प्रसाद बनाने के लिए मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि जिस घी का इस्तेमाल प्रसाद के लड्डू बनाने में किया गया उसमें जांच में जानवर की चर्बी पाई गई है। चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद इस मुद्दे पर काफी हंगामा हो रहा है। पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों से इनकार किया है। वहीं केंद्र सरकार भी इस मामले में कूद गई है और सरकार ने मामले की जांच कराने का फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी सीएम चंद्रबाबू नायडू से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।

‘सियासत में आप तुनक मिजाज नहीं हो सकते’, केंद्रीय मंत्री की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन की आपराधिक मानहानि याचिका पर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने मुरुगन के खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि कार्यवाही से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीति में आप “तुनक मिजाज” नहीं हो सकते।

5 सितंबर, 2023 के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मुरुगन ने पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें हाईकोर्ट ने दिसंबर 2020 की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके कथित विवादस्पद बयानों को लेकर चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि पिछले साल 27 सितंबर को केंद्रीय मंत्री की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई की एक विशेष अदालत में लंबित मुरुगन के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर ट्रस्ट से जवाब मांगा था।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष शुक्रवार को यह मामला जब सुनवाई के लिए आया, तो मुरुगन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, इस मामले में मानहानि का सवाल ही नहीं उठता है? वहीं ट्रस्ट की ओर से पेश हुए वकील ने मामले में स्थगन की मांग की। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्रीय मंत्री से कहा, ‘राजनीति में आप तुनक मिजाज नहीं हो सकते।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी के वकील के अनुरोध पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की तारीख तय की है।

इससे पहले खटाखटा चुके हैं हाईकोर्ट का दरवाजा
इससे पहले मुरुगन ने अपने खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रस्ट के अनुसार, मुरुगन ने मुरासोली ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने और उसे कलंकित करने के उद्देश्य से बयान दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि, अदालत याचिका रद्द करने पर विचार करते समय मामले के गुण-दोष या विवादित तथ्यों के प्रश्नों पर विचार नहीं कर सकता। कोर्ट को केवल शिकायत में लगाए गए आरोपों के आधार पर ही आगे बढ़ना है और प्रथम दृष्टया यह पता लगाना है कि अपराध क्या है?V

भाजपा ने राहुल के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत; एससी-एसटी, ओबीसी समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप

बंगलूरू:  कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज करीई है। उन्होंने कांग्रेस नेता पर भारत की आंतरिक सुरक्षा, संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने और एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। भाजपा की राज्य इकाई बयानों की जांच और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। हालांकि, राहुल गांधी ने अपने बयान पर सफाई दे चुके हैं लेकिन विरोध और प्रदर्शन जारी हैं

इससे पहले राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली भाजपा ने बृहस्पतिवार को तीन अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई। इसके अलावा हिमाचल के भाजपा नेता राकेश डोगरा ने पीएम को बदनाम करने और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

हाल ही में अपने अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने कहा था कि जब भारत एक निष्पक्ष जगह बन जाएगी तो कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने पर विचार करेगी, लेकिन अभी भारत निष्पक्ष जगह नहीं है। भाजपा ने राहुल गांधी पर आरक्षण विरोधी बयान देने का आरोप लगाया। हालांकि राहुल गांधी ने विवाद होने पर स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएंगे।

मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने बीमा विस्तार पर जताई चिंता, कहा-इंश्योरेंस अभी भी गरीबों के लिए चुनौती

नई दिल्ली:  भारत सहित दुनियाभर में आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने विविध क्षेत्रों और संस्थाओं में बीमा कवरेज का विस्तार करने की वकालत की है। पी के मिश्रा शनिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक कार्यशाला में बोल रहे थे। जिसका विषय था ‘आपदा जोखिम बीमा क्यों महत्वपूर्ण है – प्रमुख अवधारणाएं और लाभ’।

उन्होंने कहा कि, यह सुनिश्चित करना कि बीमा न केवल उपलब्ध हो, बल्कि सबसे तबके के लोगों तक उसकी पहुंच भी हो। यह एक प्रमुख चुनौती है। कार्यक्रम में बोलते हुए पीके मिश्रा ने कई सवाल भी उठाए, जैसे-“क्या सरकार को बीमा बाजार के विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए? या उसे कुछ क्षेत्रों में बीमा खरीदने में प्रत्यक्ष भूमिका निभानी चाहिए? सरकार को किस प्रकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी बनानी चाहिए जिससे बीमा सेवाओं और उत्पादों की पहुंच में सुधार हो?

गरीब तबके के लिए बीमा खरीदना अभी भी चुनौती है- मिश्रा
पीके मिश्रा ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, ये सवाल सीधे तौर पर बीमा-संबंधी हस्तक्षेपों की राजकोषीय स्थिरता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मजबूत विशेषज्ञता और एक स्पष्ट कानूनी ढांचे की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बीमा कवरेज के विस्तार में उभरते रुझानों पर पीके मिश्रा ने दो अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। जिनमें जनसंख्या के उन वर्गों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के तरीके शामिल हैं। जिनके लिए बीमा खरीदना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

मिश्रा ने कहा कि सवाल ये उठते हैं कि बीमा लोगों के लिए किस प्रकार अधिक किफायती मूल्य पर उपलब्ध हो, अधिक जागरूकता तथा सरलीकृत दावा निपटान प्रक्रिया के माध्यम से बीमा की पहुंच को व्यापक बनाया जाए। इस मामले पर पीएम मोदी विजन और प्रतिबद्धता पर बात करते हुए उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर एक सर्वसमावेशी 10 सूत्री एजेंडे के विस्तार के बारे में बात की।

‘हर सेक्टर के लिए जरूरी है आपदा बीमा’
पीके मिश्रा ने आगे कहा कि, आपदा जोखिम कवरेज सभी के लिए आवश्यक है, चाहे वह गरीब परिवार हों, छोटे और मध्यम धंधे हों या फिर बहुराष्ट्रीय निगम हों या राष्ट्र-राज्य हों। उन्होंने दो अहम सरकार समर्थित बीमा कार्यक्रमों- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और आयुष्मान भारत के बारे में भी बात की। मिश्रा ने कहा कि ये दोनों पहल सामाजिक समानता, वित्तीय समावेशन और घरेलू स्तर पर जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देने के सरकार के व्यापक एजेंडे में शामिल हैं। जो विकास लक्ष्यों के साथ बीमा के महत्वपूर्ण जुड़ाव को दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर आपदा जोखिमों के लिए विविध बीमा उत्पाद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी से CBI ने की पूछताछ, छात्रों को डराने-धमकाने का आरोप

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मामले में सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी एक अन्य डॉक्टर से पूछताछ की। बिरुपाक्ष बिस्वास आज सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश हुए। बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें बर्धमान मेडिकल कॉलेज-अस्पताल से काकद्वीप अस्पताल में ट्रांसफर किया था। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिरुपाक्ष बिस्वास मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय उत्तर बंगाल लॉबी का हिस्सा था, जिसे नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था। उत्तर बंगाल लॉबी यानी राज्य द्वारा संचालित अस्पतालों में काम कर रहे कुछ चिकित्सकों या अफसरों का समूह, जो जूनियर डॉक्टर्स को डरा-धमका रहा है।

सीबीआई अधिकारी ने कहा, “नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में कोई आधिकारिक कार्यक्रम न होने के बावजूद उनकी उपस्थिति के बारे में पूछताछ की जा रही है।” बिरुपाक्ष बिस्वास के साथ अविक डे और रंजीत साहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनपर दूसरे मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के छात्रों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।

पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के पास मिला 5.26 करोड़ का बेशकीमती हीरा, कुल 42.56 करोड़ की नकदी व आभूषण जब्त

लखनऊ: नोएडा में लोटस-300 प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह (सेवानिवृत्त आईएएस) के ठिकानों से ईडी ने कुल 42.56 करोड़ रुपये की नकदी, हीरे और सोने के जेवरात बरामद किए हैं। बृहस्पतिवार को दिल्ली, नोएडा, मेरठ, चंडीगढ़, गोवा के 12 ठिकानों पर छापे खत्म होने के बाद ईडी ने इसका खुलासा किया है।

मोहिंदर सिंह के आवास से 5.26 करोड़ रुपये का सॉलिटियर हीरा भी बरामद हुआ है। वहीं, उनकी पत्नी पर करोड़ों रुपये के 35 हीरे अमेरिका ले जाने का शक है। सूत्रों के मुताबिक मोहिंदर की मिलीभगत से हैसिंडा के निदेशकों ने प्रोजेक्ट में निवेश करने वालों के साथ 426 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। इस रकम को बाद में मनी लॉन्डि्रंग के जरिये हीरे व सोने के आभूषणों व निजी संपत्तियों में निवेश किया गया।

निवेशकों को नहीं दिए फ्लैट
हैसिंडा ने निवेशकों से रकम लेने के बाद भी उनको फ्लैट नहीं दिए थे। इसके बाद कई निवेशकों ने मुकदमे दर्ज करा दिए। तत्पश्चात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईडी को पूरे प्रकरण की जांच करने का आदेश दिया था। ईडी ने कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्डिंग का केस दर्ज करने के बाद बीते मंगलवार को छापे मारे थे। इसमें 42.56 करोड़ रुपये की नकदी व आभूषण और करोड़ों की संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी उनके कार्यालय और आवासीय परिसर से बरामद किए हैं। इस दौरान हैसिंडा प्रोजेक्ट के साथ मेसर्स क्लाउड 9 प्रोजेक्ट्स के संचालकों के ठिकानों पर भी छानबीन की गई। इनमें मोहिंदर के साथ सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता व अन्य शामिल थे।

दिल्ली के ज्वेलर्स से खरीदे थे हीरे
जांच में सामने आया कि मोहिंदर ने बेशकीमती हीरे दिल्ली के एक बड़े ज्वेलर्स से खरीदे थे। उसने पूछताछ में बताया कि पीसी ज्वेलर्स के संचालकों से उसकी 30 वर्ष से मित्रता है। नकदी ज्यादा होने से उन्होंने हीरे में निवेश किया था। ईडी को उनके आवास से 35 हीरों के सर्टिफिकेट भी मिले हैं, हालांकि हीरे बरामद नहीं हुए। अधिकारियों को शक है कि कुछ दिन पहले मोहिंदर की पत्नी इन हीरों को साथ लेकर अमेरिका शिफ्ट हो गई हैं।

रनियां में गत्ता फैक्टरी में लगी भीषण आग, बुरी तरह झुलसे छह मजदूर, दमकल की छह गाड़ियां मौके पर

कानपुर:कानपुर देहात में रनियां स्थित गत्ता फैक्टरी में शनिवार सुबह अचानक से आग लग गई। इससे काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए। सूचना पर पहुंची पुलिस व फायर बिग्रेड की दो गाड़ियां आग बुझाने के साथ अंदर फंसे मजदूरों को निकालने में जुटी हैं। अभी तक पुलिस अंदर फंसे मजदूर सुमित पुत्र रामशंकर, विशाल पुत्र छुट्टन, सुरेंद्र पुत्र श्यामलाल,रोहित पुत्र श्यामलाल, शिवम पुत्र रामशंकर, रवि पुत्र कमलेश निवासी जरीहा को बाहर निकाल सकी है।

सभी मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आग लगने के बाद से फैक्टरी प्रबंधन मौके से नदारद है। घटना की जानकारी पर एएसपी राजेश पांडेय भी मौके पर पहुंचे हैं। फैक्टरी के गार्ड धर्मेद्र कुमार ने बताया कि एक शिफ्ट में कुल 15 मजदूर काम करते हैं। शुक्रवार को शुरू हुई दूसरी शिफ्ट में 10 मजदूर काम कर रहे थे।

फायर ब्रिगेड की चार और गाड़ियां पहुंची
बीड़ी पीने के दौरान आग लग गई। इससे फैक्टरी में काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए हैं। पुलिस व फायर बिग्रेड अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के साथ आग बुझाने में जुटी है। वहीं, घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड की चार और गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। साथ ही, एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।

ताजमहल में सब ठीक है…पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक्स पर एएसआई का जवाब

आगरा:  ताजमहल के गुंबद की दीवारों पर उगे पौधे, गुंबद में रिसाव समेत संरक्षण से जुड़े सवालों पर पहली बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सफाई सामने आई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक ने एक्स पर मीडिया रिपोर्ट और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सवालों का बिंदुवार जवाब दिया है।

एक्स पर एएसआई ने पोस्ट डालकर सफाई दी है, ताजमहल मुख्य गुंबद पर जंग लगने की सूचना गलत है। लगातार अधिक वर्षा की वजह से पानी की कुछ बूंद देखी गई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है। कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है। मुख्य गुंबद नहीं, बाहरी दीवार में पौधा था। उसे हटाया जा चुका है। वर्षा के मौसम में इस तरह के पौधे उगते रहते हैं। उनको निरंतर हटाया जाता रहता है।

ताजमहल परिसर में पिछले 1 वर्ष से अधिक के समय से किसी पर्यटक ने बंदर की कोई शिकायत नहीं की है। डीजी एएसआई के एक्स हैंडल से कहा गया है कि उद्यान परिसर में बारिश का भरा हुआ पानी क्षणिक है। वह परिसर में स्थित कुओं एवं रिचार्ज पिटों के माध्यम से भूजल में समाहित हो जाता है। यह जल संरक्षण की एक विधा है, कोई समस्या नहीं। ताजमहल परिसर के अंदर पर्यटकों के लिए सुंदर वातावरण है। यहां आकर आनंद लें। ताजमहल के रखरखाव में जो भी राशि खर्च की जाती है। उसका ऑडिट किया जाता है। अभी तक के ऑडिट में ऐसी कोई शंका जाहिर नहीं की गई है।

‘लोकतंत्र में शासक असहमति को बर्दाश्त करता है, यही सबसे बड़ी परीक्षा’, नितिन गडकरी का बड़ा बयान

मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने इस समारोह को संबोधित भी किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा यह है कि शासक को अपने खिलाफ सबसे मजबूत राय को भी सहन करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि लेखकों और बुद्धिजीवियों को खुद को निडर होकर व्यक्त करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा यह है कि शासक अपने खिलाफ व्यक्त की गई सबसे मजबूत राय को भी बर्दाश्त करे और इस पर आत्मचिंतन करे।” उन्होंने आगे कहा कि भारत में अलग-अलग राय रखने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यहां राय की कमी की समस्या है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, “हम न तो दक्षिणपंथी हैं और न ही वामपंथी। हम केवल अवसरवादी हैं। लेखकों और बुद्धिजीवियों से भी उम्मीद की जाती है कि वे बिना डरे अपनी राय रखें।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक देश में छुआछूत और श्रेष्ठता की धारणा बनी रहेगी, तब तक राष्ट्र निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सकता है।

प्रधानमंत्री बनने का मिला था प्रस्ताव
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर के समारोह में प्रधानमंत्री पद को लेकर खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि एक नेता ने उनके सामने प्रस्ताव रखा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो उनका समर्थन किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि प्रस्ताव रखने वाले नेता किस पार्टी से थे। इस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह किस्सा सुनाया। गडकरी ने कहा, एक घटना मुझे याद आती है। एक नेता थे। मैं उनका नाम नहीं बताऊंगा। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं तो हम आपका समर्थन करेंगे। तब मैंने उनसे कहा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे? और मैं आपसे समर्थन क्यों लूंगा? प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपनी संस्था और अपने दृढ़ विचारों के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं किसी पद के लिए उससे समझौता नहीं करूंगा। मेरा दृढ़ संकल्प मेरे लिए सर्वोपरि है। मुझे लगता है कि दृढ़ निश्चय होना ही लोकतंत्र की ताकत है।

काम के बोझ की वजह से सीए की मौत से नाराज शशि थरूर, बोले- पांच दिन और आठ घंटे तय होने चाहिए

नई दिल्ली:महाराष्ट्र के पुणे में एक जानी मानी कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) की 26 साल की कर्मचारी की मौत का मामला सियासी रंग ले चुका है। काम के बोझ तले युवती की जान जाने के मामले को लेकर कई नेताओं की प्रतिक्रिया आ चुकी है। अब इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि सप्ताह में काम के घंटों को कम करने और पांच दिन काम का सुझाव दिया। वहीं, मृतका एना सेबेस्टियन पेरायिल के पिता ने कहा कि हमने उसके काम का बोझ देखते हुए उसे नौकरी छोड़ने की सलाह दी थी।

सप्ताह में पांच दिन काम और आठ घंटे का समय तय करने का दिया सुझाव
काम के दबाव के चलते मौत होने से नाराज थरूर ने कहा कि एना सेबेस्टियन पेरायिल के पिता सिबी जोसेफ के साथ उनकी वार्ता हुई है। किसी को भी सप्ताह में पांच दिन और आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह काम के घंटे तय करने का मुद्दा आगामी सत्र में संसद में भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि चाहे वह निजी क्षेत्र में हो या सार्वजनिक कहीं भी आठ घंटे और पांच दिन से अधिक काम नहीं कराना चाहिए।

पिता बोले- दी थी नौकरी छोड़ने की सलाह
वहीं, अब उसके पिता सिबी ने कहा कि उसे रात में 12.30 बजे तक काम करना पड़ता था। हमने उसे नौकरी छोड़ने की सलाह दी, लेकिन उसने मना कर दिया। वह कहती थी कि इससे उसे पेशेवर बेहतर अनुभव मिलेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि अत्यधिक काम के दबाव का मुद्दा ईवाई के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। सिबी जोसेफ ने कहा कि उसने सहायक प्रबंधक से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने रात में भी काम करने पर जोर दिया। जोसेफ ने कहा कि हम कानूनी रूप से आगे बढ़ने की योजना नहीं बना रहे हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि ऐसी कॉर्पोरेट कंपनियों में शामिल होने वाले नए लोगों को इसी तरह की स्थितियों का सामना करना पड़े।

अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी ने जारी किया बयान
बीच अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी से कोई भी व्यक्ति अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ, क्योंकि यह उनकी संस्कृति से बिल्कुल अलग है और जब तक सामंजस्यपूर्ण कार्यस्थल को बढ़ावा देने का उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। मेमानी ने यह भी कहा कि एक पिता के रूप में वह महिला की मां की पीड़ा को समझ सकते हैं, जिन्होंने उन्हें एक हृदय विदारक पत्र लिखा था।