Friday , October 25 2024

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मऊ पहुंचे अखिलेश यादव: घोसी उपचुनाव को लेकर चुनावी सभा को करेंगे संबोधित…

घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मऊ पहुंचे। अखिलेश यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। अखिलेश यादव सपा प्रत्याशी के समर्थन में बापू इंटर कॉलेज में जनसभा करेंगे।
बता दें कि, पांच सितंबर को मतदान होना है। जैसे जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच होने से दोनों दलों के बड़े नेता जनपद में पहुंच रहे हैं।

अखिलेश से मिलने पहुंचे स्वामी प्रसाद के बयानों से नाराज महंत, कहा-उन्हें पार्टी से निकालें या माफी मंगवाएं

अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से नाराज होकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ उनके घर पहुंचे। हालांकि घर के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया जिस पर उन्होंने अखिलेश यादव तक अपना संदेश भेज दिया।
मीडिया से बातचीत में महंत परमहंस ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। इससे हिंदुओं का बड़ा वर्ग आहत है। सभी धर्मों के मानने वाले लोग सपा का समर्थन करते हैं। ऐसे में धर्म को लेकर बयानबाजी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकाला जाए या फिर उनसे माफी मंगवाई जाए।

उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद की बयानबाजी से सपा को ही नुकसान होगा। स्वामी अपनी पार्टी बनाने में लगे हुए हैं। वो खुद भी सपा को छोड़ने वाले हैं। हमारी अखिलेश यादव से मांग है कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाए वो लगातार सनातन धर्म को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वामी प्रसाद पर कानून कार्रवाई को लेकर जल्द ही प्रार्थना पत्र देंगे।

धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद ने अपने बयान में कहा कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धोखा है। उन्होंने ब्राह्मण समाज के साथ ही हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान देकर सियासी गलियारों में बहस का नया मुद्दा खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है।

लखनऊ में आयोजित रामस्वरूप वर्मा जन्म शताब्दी समारोह ने उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।

सिगरेट छोड़कर इ सिगरेट को बनाई है लत,तो हो जाये सावधान…

ई- सिगरेट जिसे इलेक्ट्रिक सिगरेट या वेप पेन के रूप में भी जाना जाता है। बैटरी चलने वाले उपकरण है। इसी ग्रेड के उपयोग के लॉन्ग टर्म हेल्थ इफेक्ट अभी भी अज्ञात है। क्योंकि यह उपकरण रिलेटिवली नए है।

हालांकि शोध से पता चलता है कि इ -सिगरेट पूरी तरह से हानिरहित नहीं है और इसमें कई जोखिम में हो सकते हैं। ज्यादातर इ – सिगरेट में निकोटिन होता है जो लत में लगने वाला होता है। निकोटिन की लत ने कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। खासकर युवाओं में यहां कुछ सामान्य तरीके बताए गए हैं जिनसे इस सिगरेट हमारी रेस्पिरेटरी सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

इस सिगरेट से होने वाले नुकसान

फेफड़ों को नुकसान

इ – सिगरेट फेफड़ों में सूजन और टिस्यू डैमेज का कारण बन सकते हैं जिसे शासन संबंधी बीमारी है और फेफड़ों में स्थाई घाव हो सकते हैं। ई-सिगरेट एरोसोल रेस्पिरेटरी सिस्टम को परेशान कर सकता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। फेफड़ों की गंभीर चोट और यहां तक की वैंपिंग से जुड़ी मौतों के मामले भी सामने आए हैं। इसके अलावा इ -सिगरेट फॉर्मेल्डिहाइड, एक्रोलिनजैसे केमिकल को प्रोड्यूस करती है जो फेफड़े और ऑल ओवर हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

इंफेक्शन को लेकर सेंसिटिव

इ -सिगरेट का उपयोगी इम्यून को कमजोर करता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम के इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता को खराब करता है। इससे बार-बार रेस्पिरेट्री इनफेक्शन हो सकते और अमोनिया या ब्रोंकाइटिस खतरा बढ़ सकता है।

अस्थमा का बढ़ना

ई-सिगरेट अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकती है और अस्थमा जैसी रेस्पिरेटरी कंडीशन को खराब कर सकता है। सांस के जरिए अंदर जाने वाले रसायन जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ये अस्थमा के मरीजों के लिए ई-सिगरेट को जानलेवा बनाता ह।

एयरवेस सेल्स को डैमेज करता है

ई सिगरेट के स्टीम में जहरीले रसायन और नैनोकण होते हैं जो एयरवेस लाइनिंग वाली सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसकी लगातार संपर्क में रेस्पिरेटरी सिस्टम की नॉरमल फंक्शनिंग खराब हो सकती है।

ISRO ने तय की आदित्य-L1 की लांचिंग टाइम और डेट, जानें क्या है सोलर मिशन का उद्देश्य?

ISRO ने अपने सोलर मिशन आदित्य-एल1 की लांचिंग डेट और टाइमिंग तय कर दी है। जानकारी के अनुसार आदित्य एल-1 सूर्य और पृथ्वी लैंग्रेज प्वाइंट एल1 पर एक निश्चित दूरी से सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन करेगा।

यह स्थान पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन यानि करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। आइए जानते हैं कि क्या है इसरो के सोलर मिशन का उद्देश्य।

कब होगी आदित्य एल1 की लांचिंग

इसरो ने जानकारी दी है कि आदित्य एल-1 को 2 सितंबर 2023 को सुबह 11.50 बजे लांच किया जाएगा। यह सोलर मिशन को श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला पहला भारतीय स्पेसक्रॉफ्ट होगा। सूर्य की स्टडी करने के लिए पहला स्पेस बेस्ड भारतीय लैब है। आदित्य एल-1 को सूर्य के चारों ओर बनने वाले कोरोना के रिमोट ऑब्जर्वेशन के लिए डिजाइन किया गया है।

G-20 में ऐसा क्या होने वाला है कि पीएम मोदी समेत पूरा सिस्टम तैयारी में जुटा है?

अगर आप दिल्ली या आसपास के इलाके में रहते हैं तो आपके चारों ओर इन दिनों खास तैयारियां हो रही होंगी. सड़कें साफ हो रही हैं, गलियां सजाई जा रही हैं, हर जगह स्वागत के पोस्टर और बैनर लगे हुए हैं, ये सब एक खास पल के लिए हो रहा है.

देश की राजधानी दिल्ली इस बार जी-20 समिट का आयोजन कर रही है, 8 से 10 सितंबर के बीच दिल्ली में इन देशों के प्रमुख, अधिकारी और तमाम देशों से आए लोग मौजूद रहेंगे. यही कारण है कि भारत सरकार से लेकर दिल्ली और अन्य राज्य सरकारों तक हर कोई इसी की तैयारी में जुटा है. दिल्ली में होने वाले जी-20 समिट में क्या खास होने जा रहा है, समझिए…

कब है जी-20 सम्मेलन, कहां है आयोजन?

इस साल जी-20 की अध्यक्षता भारत के हाथ में है, ऐसे में राजधानी दिल्ली में जी-20 सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. 9 से 10 सितंबर को दिल्ली में ये सम्मेलन है, जिसमें कई देशों के प्रमुख, प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. दिल्ली के प्रगति मैदान में ये तमाम बैठकें होंगी, यहां भारत मंडपम तैयार किया गया है जिसमें जी-20 सम्मेलन से जुड़ी सभी गतिविधि हो रही होंगी.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, तुर्की के एर्दोगेन, कनाडा के जस्टिन ट्रूडो समेत कई देशों के प्रमुख जिनकी गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में होती है, हर कोई 3 दिन के लिए भारत में होगा. 8 से 10 सितंबर तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन्हीं के रुकने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री यहां आएंगे. इस मीटिंग से पहले व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर ली है और तमाम मसलों पर चर्चा की है.

कोरोनावायरस नहीं 99% मौतें इस वजह से, नए वैरिएंट्स से बचाव के लिए एक और बूस्टर डोज देने की तैयारी

कोरोना वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। नए वैरिएंट्स के कारण कई देशों में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक एरिस वैरिएंट के मामले 55 से अधिक देशों में रिपोर्ट किए जा चुके हैं, वहीं BA.2.86 वैरिएंट में अतिरिक्त म्यूटेशन देखे गए हैं जो इसे ओमिक्रॉन का अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट बनाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पतालों में हाल के दिनों में तेजी से मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, हालांकि गंभीर रोग के मामले कम देखे जा रहे हैं।

इस बीच एक हालिया रिपोर्ट में सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बड़ा दावा किया है। सीडीसी विशेषज्ञों के मुताबिक हर सप्ताह रिपोर्ट की जाने वाली लगभग 99 प्रतिशत ‘कोविड मौतें’ मुख्यरूप से वायरस के कारण नहीं हो रही हैं। कोविड डैशबोर्ड से पता चलता है कि 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में दर्ज की गई 324 कोविड मौतों में से केवल 1.7 प्रतिशत ही मौत का प्राथमिक कारण कोरोनोवायरस था। अगर वायरस मौत का कारण नहीं तो इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है आइए इस बार में जानते हैं।

मृत्यु का कारण वायरस नहीं तो क्या?

सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 रोगियों में मृत्यु का प्राथमिक या अंतर्निहित कारण संक्रमण के कारण होने वाली जटिलताओं को पाया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों को पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे हृदय रोग आदि है, उनमें वायरस का संक्रमण बहुत अधिक दबाव और तनाव बढ़ा सकता है। यूके जैसे देशों में रिपोर्ट किए जा रहे मौत के ज्यादातर मामलों में ऐसे लोगों में कोरोनावायरस को सेकेंडरी कारण, जबकि मौजूद हृदय रोग को प्राथमिक कारण माना गया है।

ममता बनर्जी का दावा- दिसंबर 2023 में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है बीजेपी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने दावा किया कि भगवा पार्टी ने प्रचार के लिए सभी हेलीकॉप्टर बुक कर लिए हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा शाखा की रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आगाह किया कि भाजपा के तीसरे कार्यकाल से यह सुनिश्चित होगा कि देश ‘निरंकुश शासन’ का सामना करे।

मिशन के सिर्फ 10 दिन बाकी, रोवर को ज्यादा से ज्यादा चलाने की कोशिश

अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद के निदेशक निलेश एम देसाई ने कहा कि चंद्रयान-3 अभियान के 3 हिस्से हैं। यान की सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम से निकाल कर चंद्र सतह पर चलाना और मिशन में शामिल सात उपकरणों से काम लेना। अब तीसरे हिस्से के तहत असली काम जारी है। इसमें उपकरणों से विभिन्न प्रयोग हो रहे हैं, विश्लेषण व डाटा जुटाया जा रहा है। इसीलिए रोवर को जितना हो सके चंद्र सतह पर घुमाया जाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर हम बहुमूल्य डाटा जुटा सकें। मिशन के आखिरी 10 दिनों में अधिक काम करने के लिए वैज्ञानिक भी समय के साथ दौड़ लगा रहे हैं।

शेयर भर रहे उड़ान, 5 महीने में आई 249% की तूफानी तेजी…

सुजलॉन एनर्जी के शेयर लगातार दूसरे दिन अपर सर्किट पर हैं। कंपनी के शेयर मंगलवार को 5 पर्सेंट की तेजी के साथ 24.66 रुपये पर पहुंच गए हैं। इसी के साथ सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयरों ने 52 हफ्ते का अपना नया हाई बनाया है। ब्रोकरेज हाउस जेएम फाइनेंशियल, सुजलॉन एनर्जी के शेयरों पर बुलिश है। ब्रोकरेज हाउस ने सुजलॉन एनर्जी के शेयरों को बाय रेटिंग दी है और शेयरों को 30 रुपये का टारगेट दिया है।

 

5 महीने में 249% चढ़े सुजलॉन के शेयर
सुजलॉन एनर्जी के शेयर पिछले 5 महीने से अच्छी उड़ान भर रहे हैं। कंपनी के शेयर 28 मार्च 2023 को बीएसई में 7.08 रुपये पर थे। सुजलॉन एनर्जी के शेयर 29 अगस्त 2023 को बीएसई में 24.66 रुपये पर पहुंच गए हैं। कंपनी के शेयरों में पिछले 5 महीने में 249 पर्सेंट का उछाल आया है। पिछले 1 महीने में सुजलॉन के शेयर 30 पर्सेंट चढ़ गए हैं। वहीं, इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में 131 पर्सेंट की तेजी आई है। पिछले 6 महीने में सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में 201 पर्सेंट का उछाल आया है।

3 साल में कंपनी के शेयरों में 700% से ज्यादा तेजी
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पिछले 3 साल में तूफानी तेजी आई है। कंपनी के शेयर 11 सितंबर 2020 को बीएसई में 3.03 रुपये पर थे। सुजलॉन एनर्जी के शेयर 29 अगस्त 2023 को बीएसई में 24.66 रुपये पर पहुंच गए हैं। पिछले 3 साल में कंपनी के शेयरों में 713 पर्सेंट का उछाल आया है। वहीं, पिछले एक साल में सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर 233 पर्सेंट चढ़ गए हैं। कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो लेवल 6.60 रुपये है। वहीं, कंपनी का मार्केट कैप 33448 करोड़ रुपये है।

डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।

राखी से पहले सोना पहुंचा ₹60000 के पास, चांदी भी 150 रुपये गरम, जानें क्या है कारण

त्योहार शुरू होने से पहले सोने के अपना भाव दिखाना शुरू कर दिया है. MCX पर सोने का भाव 60000 रुपए के पार पहुंच गया है. आज 10 ग्राम सोने की कीमत 60250 रुपये प्रति दस ग्राम होगी. वहीं, चांदी के भाव में भी मजबूती देखने को मिली है. बताया जा रहा है कि 160 रुपये की मजबूती के साथ 73800 रुपए के पास ट्रेड कर रहा है. सोने और चांदी के भाव में तेजी का कारण ग्लोबल बुलियन मार्केट में भी तेजी को बताया जा रहा है. आज MCX पर सोने का बेंचमार्क अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट में 62 रुपये की तेजी के साथ 58,949 रुपये के भाव पर खुला. सुबह 10.20 बजे तक यह कॉन्ट्रैक्ट 122 रुपये की तेजी के साथ 59,009 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था.

कल टूटा था सोना

मजबूत हाजिर मांग के बीच सटोरियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से वायदा कारोबार में सोमवार को सोने की कीमत 93 रुपये की तेजी के साथ 58,733 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अक्टूबर माह में आपूर्ति वाले अनुबंध का भाव 93 रुपये यानी 0.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,733 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. इसमें 12,538 लॉट का कारोबार हुआ. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से सोना वायदा कीमतों में तेजी आई. वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,941.60 डॉलर प्रति औंस हो गया.

कमजोर हाजिर मांग से चांदी वायदा कीमतों में गिरावट

कमजोर हाजिर मांग के बीच कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार घटाने से सोमवार को वायदा कारोबार में चांदी की कीमत 79 रुपये की गिरावट के साथ 73,470 रुपये प्रति किग्रा रह गया. मल्टी कमोडिटी एक्स्चेंज में चांदी के सितंबर महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 79 रुपये यानी 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,470 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया. इसमें 6,806 लॉट का कारोबार हुआ. वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में चांदी की कीमत 0.13 प्रतिशत की हानि के साथ 24.55 डॉलर प्रति औंस रह गयी.

भारत में सोने चांदी का भाव कैसे तय होता है

भारत में सोने और चांदी के भाव का निर्धारण बाजार द्वारा निर्धारित किया जाता है. यह निर्धारण विभिन्न कारणों पर आधारित होता है. सोने और चांदी के भाव प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्धारित होते हैं, जैसे कि लंदन बुलियन मार्केट और न्यूयॉर्क मर्केंटरी एक्सचेंज. यहां पर सोने और चांदी के व्यापार का मुख्य केंद्र होता है, और उनकी नियमित व्यापार के आधार पर उनके भाव का निर्धारण किया जाता है. सोने और चांदी के भाव को भारतीय रुपया में प्रकाशित किया जाता है और यह भाव भारतीय मुद्रा के विदेशी मुद्राओं के साथ उनके भाव के प्रति भिन्नता के कारण परिवर्तित होता है. सोने और चांदी के व्यापार में प्रशासनिक, अर्थव्यवस्था और वित्तीय कारण शामिल होते हैं जो इनके भाव पर असर डाल सकते हैं. भारतीय रुपया के मांडी शर्तों, रिटेल विक्रेताओं और विदेशी देशों के इंवेस्टर्स के खरीदारी के प्रभाव से भी सोने और चांदी के भाव में परिवर्तन हो सकता है. सोने और चांदी के भाव को बाजारों में दिन-प्रतिदिन अद्यतित रखा जाता है. आप विभिन्न वित्तीय पोर्टल्स, वित्तीय समाचार चैनल्स, या बैंकों के आधिकारिक वेबसाइट्स पर चेक करके सोने और चांदी के वित्तीय भाव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.