Friday , October 25 2024

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किसानों को होगा बड़ा मुनाफा, उच्च कीमत पर प्याज खरीदेगी सरकार

टमाटर के बाद देश में प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार ने कई जगहों पर प्याज को 25 रुपये प्रति किलो पर बेचने की व्यवस्था की है.

अब सरकार ने कहा है कि प्याज को किसानों से उच्च रेट पर खरीदा जाएगा. इससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा.

सरकान ने मंगलवार को 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीदने का वादा किया, जो मौजूदा मंडी भाव 2000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा है. सरकार ने सब्जी पर 40 फीसदी निर्यात कर से प्रभावित किसानों की मदद करने की मांग की थी, जिस कारण प्याज किसानों और व्यापारियों का मानना है कि इस कदम से बाजार में कोई खास असर नहीं पड़ेगा.

इतना एक्स्ट्रा प्याज खरीदेगी सरकार

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नेफेड महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों से अगले कुछ हफ्तों के दौरान एक्स्ट्रा 0.2 मिलियन टन (एमटी) प्याज खरीदेगी.

पीयुष गोयल ने कहा​ कि वर्तमान में प्याज का निर्यात की फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) कीमतें करीब 320 डॉलर प्रति टन है, भारतीय रुपये के हिसाब से किलोग्राम में 18-20 रुपये है. यह उस कीमत से काफी कम है, जिसपर एजेंसियां स्थिर सब्जियां खरीदना शुरू करेंगी.

प्याज का हुआ रिकॉर्ड निर्यात

अप्रैल-जून (2023-24) के दौरान प्याज का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26 फीसदी से अधिक बढ़कर 0.63 मीट्रिक टन हो गया. वही भारत ने 2022—23 में रिकॉर्ड 2.5 मीट्रिक टन प्याज का निर्यात किया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 65 फीसदी ज्यादा है. निर्यात करने वाले देशों में बांग्लादेश, मलेशिया, श्रीलंका और नेपाल की बड़ी हिस्सेदारी थी.

60 से 70 रुपये किलो तक जाएंगी प्याज की कीमतें

सरकारी डाटा के मुताबिक, साल की शुरुआत से प्याज की मॉडल खुदरा कीमतें 20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर मंगलवार को 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा कि खुदरा प्याज की कीमतें अगले महीने 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है.

CM योगीआदित्यनाथ ने कुशल खिलाड़ी कोटे में वितरित किये नियुक्ति पत्र,सरकारी सेवा में आकर बंद न करें प्रैक्टिस

खेलकूद की गतिविधियां एक खिलाड़ी के लिए उसकी रचनात्मकता का प्रतीक होती है। खिलाड़ी अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से सकारात्मक ऊर्जा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से समाज में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखता है, लेकिन जैसे ही उसे सरकारी सेवा में आने का अवसर मिलता है वो खिलाड़ी अक्सर प्रैक्टिस बंद कर देते हैं। आप सबको उत्तर प्रदेश पुलिस टीम का हिस्सा बनकर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार रहना है। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन के सभागार में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से कुशल खिलाड़ी कोटे में चयनित 233 आरक्षियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि जिस ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से आपका चयन हुआ है, आपसे भी राज्य सरकार को इसी ईमानदारी की उम्मीद है। अपनी प्रैक्टिस को निरंतर बनाए रखते हुए जब तक सामर्थ्य है उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए, राज्य सरकार के लिए खेलिए। जब आपको लगेगा कि अब इससे अलग होना है तो फिर उत्तर प्रदेश पुलिस बल में उस संबंधित खेल के कोच के रूप में युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर रहने के लिए कार्य करना होगा। जीवन के हर क्षेत्र में शोध के कुछ अवसर आते हैं। नवाचार और शोध पर हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए, ताकि हम अपने खिलाड़ियों को अपडेट कर सकें।

दिग्गज ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक का 49 साल की उम्र में निधन, कैंसर से लड़ रहे थे जंग…

जिम्बाब्वे टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज ऑलराउंडर खिलाड़ी हीथ स्ट्रीक का 49 साल की उम्र में 22 अगस्त को निधन हो गया. वह पिछले काफी समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे.

स्ट्रीक ने जिम्बाब्वे के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 65 टेस्ट और 189 वनडे मैच खेले हैं. स्ट्रीक को कोलन और लिवर कैंसर है और उनका इलाज साउथ अफ्रीका में चल रहा है.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक गेंदबाज ऑलराउंडर खिलाड़ी के तौर पर खेलने वाले हीथ स्ट्रीक के नाम टेस्ट क्रिकेट में कुल 216 विकेट दर्ज हैं. इस दौरान उन्होंने 16 बार एक पारी में 4 विकेट जबकि 7 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया है. वहीं वनडे क्रिकेट में भी हीथ स्ट्रीक का गेंद के साथ शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है.

हीथ स्ट्रीक ने 50 ओवर फॉर्मेट में 29.82 के औसत से 239 विकेट अपने नाम किए हैं. इस दौरान उन्होंने अपने वनडे करियर में 7 बार एक पारी में 4 विकेट जबकि एक बार 5 विकेट लेने का कारनामा किया है. वहीं बल्ले से हीथ स्ट्रीक का प्रदर्शन देखा जाए तो टेस्ट में उनके नाम 1990 रन जबकि वनडे में 2943 रन दर्ज हैं. स्ट्रीक ने टेस्ट में जहां 1 शतक और 11 अर्धशतक लगाए हैं. वहीं वनडे में उनके नाम 13 अर्धशतकीय पारियां दर्ज हैं.

कुछ ऐसा रहा कप्तानी का रिकॉर्ड

साल 2000 में जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने हीथ स्ट्रीक को टेस्ट और वनडे दोनों टीमों का कप्तान नियुक्त किया था. स्ट्रीक की कप्तानी में जिम्बाब्वे ने 21 टेस्ट मैचों में से 4 में जीत हासिल की जबकि 11 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं 6 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए. वनडे में स्ट्रीक ने 68 मैचों में टीम की कप्तानी की और इसमें से 47 में जहां हार मिली तो वहीं 18 मैच टीम ने अपने नाम किए. स्ट्रीक के निधन के बाद कई पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों ने उन्हें ट्वीट के जरिए याद किया है, जिसमें भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी शामिल है.

रूस का मून मिशन क्यों रहा नाकाम, हाथ लगी असफलता कई मायनों में रहेगी अहम

मगर ये सपना नौवें दिन तब टूट गया, जब 20 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर पहुँचने से पहले ही क्रैश हो गया.

रूस को ये झटका ऐसे वक़्त में लगा है, जब भारत चंद्रयान-3 के ज़रिए 23 अगस्त को चांद पर पहुँचने ही वाला है.

चंद्रयान-3 की सफलता से दुनिया के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत अपनी नई और बेहतर जगह बना सकता है.
मगर रूस के हाथ लगी असफलता कई मायनों में अहम है.

चंद्रयान-3 के चारों ओर क्यों लगी है सुनहरी परत ?

इस ऐतिहासिक कामयाबी की उम्मीद लिए आम लोगों की दिलचस्पी भी चंद्रयान-3 और उससे संबंधित ख़बरों में बढ़ती जा रही है. अंतरिक्ष और विज्ञान के तमाम पहलुओं के बीच लोगों के बीच चंद्रयान-3 के चारों ओर लिपटा सुनहरा आवरण भी है. ये आवरण क्यों है, लोग ये सवाल भी पूछ रहे हैं.

चंद्रयान-3 के चारों ओर आपको सुनहरी परत दिख रही है, ऐसी परत किसी भी अंतरिक्ष यान या मानव निर्मित उपग्रह या उनके उपकरणों के चारों ओर क्यों लगाई जाती है, इस सवाल का जवाब हमने मुंबई स्थित नेहरू तारामंडल के निदेश अरविंद पराजंपे से जानने की कोशिश की.

परांजपे कहते हैं, “यान के चारों ओर दिखाई देने वाला गोल्डन फ़ॉइल पेपर जैसा आवरण न तो सोना है और न ही काग़ज़ का बना है. इसे मल्टीलेयर इंसुलेशन या एमएलआई कहा जाता है. दरअसल बहुत ही हल्के वज़न की फिल्म की कई परतें एक के ऊपर एक लगाई जाती हैं.”
परांजपे के मुताबिक़, “इसमें बाहर की तरफ सुनहरी और अंदर की तरफ सफेद या सिल्वर रंग की फिल्में हैं. वे पॉलिएस्टर से बनी फिल्में हैं. इन फ़िल्मों पर एल्यूमीनियम की बहुत पतली परत की लेप भी लगाई जाती. पॉलिएस्टर की एक फिल्म और उस पर एल्यूमीनियम की एक परत से एक शीट बनती है.”

Apple की चेतावनी,iPhone चार्जिंग के समय उसके पास बिल्कुल न सोएं.

आपने कई बार सुना होगा फोन चार्जिंग पर लगाकर पास सोते समय हादसा हो गया। इस बारे में कई स्टडी भी सामने आ चुकी हैं जो कहती हैं कि चार्जिंग होते समय फोन के पास सोना खतरे से खाली नहीं है।

यह हादसे का कारण बन सकता है, और साथ ही स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है। Apple ने भी अब इसे लेकर साफतौर पर चेतावनी जारी कर दी है। आइए जानते हैं कंपनी ने कौन सी हिदायतें दी हैं।

iPhone बनाने वाली Apple ने साफतौर पर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यूजर को फोन चार्ज होते समय उसके पास नहीं सोना चाहिए। इसमें खासकर उन लोगों के लिए चेतावनी दी गई है जिनको फोन चार्जिंग पर लगाकर इस्तेमाल करने या ऐसी ही हालत में उसके पास सो जाने की आदत है। यह चेतावनी एपल के ऑनलाइन यूजर गाइड में दी गई है। इसमें कहा गया है कि iPhone को केवल ऐसे वातावरण में चार्ज करना चाहिए जिसमें हवा आने-जाने की सुविधा हो, और फोन के नीचे कोई फ्लैट सरफेस हो जैसे टेबल आदि। यानि कि फोन को किसी कंबल, चादर या अन्य किसी ऐसी चीज, या शरीर पर रखकर चार्ज नहीं करना चाहिए।

एडवाइजरी में कहा गया है कि चार्जिंग के दौरान iPhone गर्मी पैदा करता है। अगर इस गर्मी को निकलने की जगह नहीं मिलती है तो इससे जलने, या आग लगने का खतरा पैदा हो सकता है। साथ ही कहा गया है कि तकिए के नीचे रखकर फोन चार्ज करना सबसे घातक हो सकता है। यह कंपनी ने फोन चार्ज करने का सबसे असुरक्षित तरीका बताया है।

मुख्य मैसेज में कंपनी ने कहा है- पावर सोर्स से कनेक्टेड होने की स्थिति में डिवाइस, पावर एडेप्टर, वायरलेस चार्जर पर सोए नहीं। उन्हें कंबल, तकिए के नीचे न रखें। iPhone, पावर एडेप्टर, और वायरलेस चार्जर को किसी हवादार जगह पर रखें। अगर आपके शरीर को किसी डिवाइस से निकलने वाली गर्मी से दिक्कत होती है, तो ऐसे में खास ध्यान रखें। कंपनी के ज्यादा नमी के समय में खराब केबल या चार्जर का इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर 2 विमानों को दी एक साथ टेकऑफ़-लैंडिंग की मंज़ूरी,बाल-बाल बचे..

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “दोनों फ्लाइट को एक ही समय में अनुमति दी गई थी लेकिन एटीसी ने तुरंत नियंत्रण ले लिया. ड्यूटी पर तैनात एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) अधिकारी ने विस्तारा की फ्लाइट को उड़ान रद्द करने के लिए कहा.” दिल्ली-बागडोगरा उड़ान उड़ान रद्द होने के तुरंत बाद सक्रिय रनवे से पार्किंग बे में लौट आई. अधिकारियों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ईंधन भरा गया था कि अगर पायलट को बागडोगरा में खराब मौसम का सामना करना पड़ता है तो विमान में दिल्ली लौटने के लिए पर्याप्त ईंधन हो

दिल्ली हवाईअड्डे पर बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया क्योंकि विस्तारा एयरलाइंस के एक विमान को उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई थी जबकि एक अन्य विमान इसी दौरान लैंडिंग की प्रक्रिया में था. एटीसी के निर्देश के बाद उड़ान रद्द कर दी गई. दिल्ली से बागडोगरा की उड़ान यूके725 नए उद्घाटन किए गए रनवे से उड़ान भर रही थी और अहमदाबाद से दिल्ली की विस्तारा उड़ान, समानांतर रनवे पर उतरने के बाद, रनवे की ओर बढ़ रही थी.

बताया कि ब्रेकिंग सिस्टम की भी जांच की गई. एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक अगर उड़ान भर रही फ्लाइट को सही समय पर नहीं रोका जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था. मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, टेक-ऑफ और लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान किसी भी विमान या वाहन की आवाजाही की अनुमति नहीं है. सूत्रों ने बताया कि जब बागडोगरा जा रहे विमान के पायलट ने घोषणा की कि एटीसी के निर्देश के कारण विमान उड़ान नहीं भरेगा तो यात्री थोड़ा आशंकित हो गए.

वरिष्ठ पायलट और सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के संस्थापक, कैप्टन अमित सिंह ने कहा कि उड़ान पथ की निकटता के कारण संभावित यातायात टकराव से बचने के लिए निकट दूरी वाले रनवे से उड़ान संचालन के लिए बेहतर निगरानी और एसओपी के सख्त अनुपालन की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा, “आम तौर पर एक रनवे पर किसी विमान को तब तक टेक-ऑफ क्लीयरेंस जारी नहीं किया जाता जब तक कि विमान दूसरे रनवे पर उतर न गया हो.”

“हालांकि, एक चूक के कारण यदि विमान को एक रनवे से उड़ान भरने की अनुमति दी जाती है और दूसरे रनवे पर आने वाला विमान लैंडिंग को रद्द करने और आगे चढ़ने के लिए चक्कर लगाने का निर्णय लेता है, तो दो विमानों का उड़ान पथ अंदर आ जाता है. उन्होंने कहा, ”हवा टकराव में आ सकती है क्योंकि जिस रनवे से उन्हें जोड़ा गया है वह बहुत करीब है.”एएनआई ने विस्तारा से संपर्क किया लेकिन एयरलाइन की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.

बस चांद नहीं, इसरो को तो सूरज, मंगल और शुक्र तक जाना है

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो का चंद्रयान-3 बुधवार को चांद की सतह पर उतरेगा। यह तो महज शुरुआत है। इसरो इसके बाद सूरज, मंगल और शुक्र तक जाने की तैयारी में..

गगनयान मिशन
इसरो का गगनयान मिशन भारत का अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने की ओर पहला कदम है। गगनयान मिशन 2022 में लॉन्च हो जाना था, लेकिन देरी से चल रहा है। अब 2025 के बाद इसके होने की उम्मीद है। फिलहाल गगनयान ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन से पहले इसरो ने दो मानवरहित मिशन प्लान किए हैं। इसरो अगले साल की शुरुआत में पहला मानवरहित फ्लाइट टेस्ट करने वाला है। इस यान को व्योममित्र नाम दिया गया है। हॉफ-ह्यूमनॉइड के तौर पर इसकी व्याख्या की जा रही है। यह इसरो के कमांड सेंटर से जुड़ा रहेगा। गगनयान प्रोजेक्ट के लिए इसरो ने क्रायो स्टेज इंजिन क्वालिफिकेशन टेस्ट, क्रू एस्कैप सिस्टम के साथ ही पैराशूट एयरड्रॉप टेस्ट पूरे कर लिए हैं। टेस्ट व्हीकल क्रू एस्कैप सिस्टम को सतीश धवन स्पेस सेंटर में तैयार किया गया है।

सूरज का अध्ययन करेगा आदित्य एल-1
इसरो सूर्य का अध्ययन करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सितंबर के पहले हफ्ते में आदित्य एल-1 को लॉन्च किया जा सकता है। 2015 में इसरो ने एस्ट्रोसैट लॉन्च किया था और आदित्य एल-1 भारत का दूसरा एस्ट्रोनॉमी मिशन होगा। स्पेसक्राफ्ट सूर्य-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (एल1) के पास बने हैलो ऑर्बिट में रहेगा। यह धरती से 15 लाख किमी दूर है। इस यान की मदद से सूर्य का लगातार अध्ययन संभव होगा। ग्रहण और अन्य खगोलीय घटनाएं भी इसमें खलल नहीं डालेंगी।

आदित्य एल-1 को पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा और यह चंद्रयान मिशन की तरह ही होगा। स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की निचली कक्षा में होगा और इसे एल1 की तरफ धकेला जाएगा। लॉन्च से एल1 की ओर इस यान की यात्रा चार महीने की होगी। इस मिशन में सात पेलोड होंगे। चार सूर्य की रिमोट सेंसिंग करेंगे और तीन उस पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखेंगे।

अमेरिका के साथ संयुक्त अभियान- निसार
नासा और इसरो का सार यानी निसार (NISAR) अभियान पृथ्वी के बदलते इकोसिस्टम का अध्ययन करेगा। भूजल के प्रवाह के साथ ही ज्वालामुखियों, ग्लेशियर के पिघलने की दर, पृथ्वी की सतह पर होने वाले बदलावों का अध्ययन करेगा। निसार दुनियाभर में सतह पर हो रहे बदलावों पर नजर रखेगा, जो अंतरिक्ष और समय की वजह से नहीं हो पाता। यह हर 12 दिन में डिफॉर्मेशन मैप बनाएगा और इसके लिए दो फ्रिक्वेंसी बैंड्स का इस्तेमाल करेगा। इससे भूकंप की आशंका वाले इलाकों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
इसकी लागत करीब 1.5 बिलियन डॉलर होगी और यह दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट होगा। इसका लॉन्च जनवरी 2024 में प्रस्तावित है। 2800 किगलो का यह सैटेलाइट एल-बैंड और एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) उपकरणों से सुसज्जित होगा। इससे यह डुअल-फ्रिक्वेंसी इमेजिंग राडार सैटेलाइट बनेगा।

चाय पीने से आप हो सकते हैं गंजेपन का शिकार, रिसर्च में हुआ खुलासा

इस समय में गंजापन एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है. 20 से 30 साल की उम्र के पुरुष भी गंजेपन का शिकार हो रहे हैं. कुछ लोगों के तो 30 साल की उम्र तक ही सारे बाल उड़ रहे हैं. हार्मोन में बदलाव, खराब खानपान, मेंटल स्ट्रेस और जेनेटिक कारणों की वजह से गंजेपन की समस्या बढ़ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोड़ा, चाय, कोल्ड ड्रिंक और दूसरे मीठे पदार्थों को पीने से भी पुरुष गंजेपन का शिकार हो सकते हैं.

जो लोग रोजाना इन चीजों को पीते हैं उनमें गंजेपन का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 60 फीसदी तक अधिक होता है. चीन में की गई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है. चीन की शिंघुआ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह स्टडी की है. लोगों की खानपान की आदतों के डाटा पर स्टडी करके यह रिसर्च की गई है.

इस स्टडी में करीब 1 हजार पुरुषों को शामिल किया गया था. इनकी डाइट में कोल्ड ड्रिंक और चाय का सेवन शामिल था. इन को चाय में अधिक मीठा पीने की आदत थी और कोल्ड ड्रिंक भी अधिक पीते थे. इनमें से अधिकतर पुरुष 50 साल से कम उम्र के थे. वैसे आमतौर पर पुरुषों में 50 साल की उम्र के बाद गंजपान शुरू होता है, लेकिन जिनकी डाइट में अधिक मीठी ड्रिंक शामिल थी उनमें ये रिस्क 40 साल की उम्र से पहले ही शुरू हो गया है. इनमें कम उम्र में ही बाल झड़ने लगे थे.

अधिक मीठे का सेवन खतरनाक

शिंघुआ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में कहा है कि मीठी ड्रिंक्स को पीने से बचना चाहिए. जिनकी डाइट में अधिक मीठी ड्रिंक किसी भी रूप में शामिल थी उनमें गंजेपन का खतरा सबसे ज्यादा था. हफ्ते में एक या दो बार सेवन से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन रोजाना इन ड्रिंक्स को पीना खतरनाक हो सकता है. इससे पूरी तरह गंजेपन की परेशानी भी हो सकती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में त्वचा विज्ञान विभाग में डॉ. भावुक धीर बताते हैं कि आजकल कम उम्र में ही लोग गंजेपन से पीड़ित हो रहे हैं. इसका प्रमुख कारण खानपान की गलत आदतें और मेंटल स्ट्रेस है. हाई शुगर वाली चीजों से भी गंजापन हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिक शुगर से शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस की समस्या होने लगती है. इससे हार्मोन डिसबैवेंस भी हो जाता है. जो गंजेपन का कारण बनता है

Bank of Baroda के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, शुरू हो गयी ‘Video Re-KYC’ सुविधा, जानें पूरा प्रोसेस

अगर आपका पर्सनल खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में है तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. बैंक में केवाईसी करवाने के लिए आपको ब्रांच जाने की जरूर अब नहीं पड़ेगी. बताया जा रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ( BOB ) ने ‘वीडियो री-केवाईसी’ सेवा शुरू की जिसमें ग्राहकों को अपनी बैंक शाखा न जाने पर भी ‘अपने ग्राहक को जानो’ ( KYC ) से संबंधित कार्रवाई पूरा करने की वैकल्पिक सुविधा मिलेगी.

वीडियो केवाईसी सुविधा का इस्तेमाल बैंक के वही व्यक्तिगत खाताधारक कर सकेंगे जो 18 साल से अधिक उम्र वाले भारतीय नागरिक हों और उनके पास अपना आधार नंबर और पैन कार्ड हो.

कैसे होगा ऑनलाइन केवाईसी

वीडियो री-केवाईसी करवाने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले चरण में ग्राहकों को बीओबी की वेबसाइट पर जाकर री-केवाईसी के लिए अपना आवेदन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन जमा होने के बाद बैंक का कर्मचारी वीडियो कॉल कर केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करेगा. इस दौरान ग्राहक को अपने पास पैन कार्ड, एक सफेद कागज और नीले या काले रंग का एक पेन रखना होगा. बैंक ने बयान में कहा कि किसी कारोबारी दिन में सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे के दौरान वीडियो केवाईसी कॉल की जाएगी. वीडियो कॉल पूरा होने के साथ ही बैंक के रिकॉर्ड में ग्राहक से संबंधित ब्योरा अपडेट हो जाएगा. इस बारे में एक मैसेज भेजकर ग्राहक को सूचित भी कर दिया जाएगा. बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिजिटल बचत खातों के लिए वर्ष 2021 में वीडियो केवाईसी सुविधा शुरू कर दी थी. अब इसका विस्तार उसके परंपरागत ग्राहकों के लिए भी कर दिया गया है.

केवाईसी का पूरा नाम ‘Know Your Customer’ होता है, और यह एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य वित्तीय सेवाओं की प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा ग्राहकों की पहचान की पुष्टि करना होता है. KYC प्रक्रिया द्वारा संस्थाएं या निवेशकों को उनके ग्राहकों की पहचान, पता, और वित्तीय परिपत्रों की जानकारी की पुष्टि करती है. यह वित्तीय फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने में मदद करता है. KYC में ग्राहक की व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि नाम, पता, जन्मतिथि और जाति प्रमाणपत्र आदि की जानकारी बैंक को दी जाती है. इसके लिए ग्राहक के पते की पुष्टि के लिए पता प्रमाणपत्र की जानकारी आवश्यक होती है. ग्राहक की पहचान की पुष्टि के लिए एक आधार कार्ड, पैन कार्ड, चुनाव पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि की जानकारी आवश्यक होती है. वित्तीय परिपत्रों की जानकारी जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, आयकर आदेश, निवेश पोर्टफोलियो, और अन्य संबंधित विवरण आवश्यक होती है. KYC प्रक्रिया के माध्यम से संस्थाएं अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि करके उनके साथ सुरक्षित वित्तीय संवाद और निवेश की सुविधा प्रदान करती हैं. यह भी वित्तीय अपराधों को रोक