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‘गदर 2’ के बाद, 90s की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म का बनेगा सीक्वल,टूटेंगे रिकॉर्ड

मुंबई. सनी देओल की ‘गदर 2’ (Gadar 2) बॉक्स ऑफिस पर कहर मचाए हुए है. फिल्म ने अब तक की सभी बड़ी फिल्में- दंगल, बाहुबली, पठान आदि के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. गदर 2 की सक्सेस के बीच, फिल्ममेकर सुभाष घई अपनी 90s की एक ब्लॉकबस्टर फिल्म का सीक्वल बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं.

सुभाष घई ने ‘राम लखन’, ‘सौदागर’, ‘कर्मा’, ‘विधाता’, ‘खलनायक’, ‘परदेस’, ‘ताल’ समेत कई सुपरहिट फिल्मों का डायरेक्शन किया है. सुभाष बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली डायरेक्टर रहे हैं. अब वह ‘गदर 2’ के डायरेक्टर अनिल शर्मा की राह पर चल पड़े हैं, इसलिए सालों बाद एक सुपरहिट फिल्म का सीक्वल बनाने का प्लान कर रहे हैं.

यह सुपरहिट फिल्म साल 1993 में आई थी. फिल्म का नाम ‘खलनायक’ है. फिल्म में संजय दत्त (Sanjay Dutt), माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ थे. सुभाष घई ने न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में कहा, “हमारे पास ‘कर्मा’, ‘राम लखन’, ‘सौदागर’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में हैं, ये फिल्में आज भी प्रासंगिक हैं. अब ‘खलनायक’ में अगर बल्लू बलराम स्क्रीन पर आएं तो कैसा रहेगा?”

रूस का लूना-25 मून मिशन फेल, चांद की सतह से टकराया, रोस्कोस्मोस ने दी जानकारी

रूस ने 47 सालों के बाद मून मिशन लॉन्च किया था, जिसे 21 अगस्त को चांद की सतह पर उतरना था. हालांकि, रोस्कोस्मोस के अनुसार लूना-25 स्टेशन चंद्रमा से टकरा गया, जिसकी वजह से मिशन फेल हो गया.

आपको बता दें कि रूस ने 11 अगस्त को लूना-25 को लॉन्च किया था.

जर्मनी के DW न्यूज ने रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के हवाले से बताया कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. बता दें कि लूना-25 के लैंडर पर लगे कैमरे पहले ही स्पेस से धरती से चांद की दूर की तस्वीरें ले चुके थे.

23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा चंद्रयान-3; ISRO ने बताया कितने बजे चांद पर उतरेगा मिशन

इसरो को बहुप्रतिक्षित मिशन चंद्रयान-3 बुधवार 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा। इसरो ने बताया कि मिशन शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद पर सॉफ्ट लैंडिग करेगा। इससे पहले चंद्रयान 3 मिशन ने आज ही सफलतापूर्वक अंतिम डीबूस्टिंग चरण पूरा कर लिया था, जिसके बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह से दूरी महज 25 किलोमीटर रह गई है। इसरो ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी।

इसरो ने बताया था कि अब लैंडर मॉड्यूल की आंतरिक जांच की जाएगी और चांद पर उतरने की तय साइट पर अब बस सूरज के निकलने का इंतजार किया जा रहा है। इसरो ने बताया था कि लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त 2023 को शाम करीब 5.45 बजे चांद की सतह पर उतर सकता है। हालांकि, अब इसकी लैंडिंग के लिए नया समय जारी किया गया है।

जसप्रीत बुमराह बनेंगे नये उप-कप्तान? बुमराह की टीम इंडिया में वापसी?

जसप्रीत बुमराह की टीम इंडिया में वापसी हो चुकी है. वापसी पर अपने पहले ही इम्तेहान में बुमराह जबरदस्त अंदाज में पास हुए. न सिर्फ बुमराह ने अपने पहले ही ओवर में 2 विकेट हासिल किये, बल्कि बिना किसी परेशानी के पूरे 4 ओवर डाले और लय में दिखे.

सबसे खास बात ये रही कि बुमराह किसी तरह की परेशानी में नहीं दिखे और पूरी तरह फिट नजर आए. उस पर वो कप्तान भी थे और टीम इंडिया को जीत भी मिल गई. भारतीय टीम मैनेजमेंट और फैंस को बुमराह की ऐसी वापसी खुश करने के लिए काफी है लेकिन बुमराह को आगे चलकर इसका इनाम मिलने की संभावना दिख रही है, लेकिन हार्दिक पंड्या की कीमत पर.

टीम इंडिया में लौटे बुमराह को

 

बुमराह बनेंगे नये उप-कप्तान?

इसके पीछे की दूसरी कहानी अब साफ होती दिख रही है और ये है बुमराह को मिलने वाले जिम्मेदारी. समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि टीम इंडिया में वनडे की उप-कप्तानी के लिए अब बुमराह और हार्दिक पंड्या के बीच टक्कर है और बुमराह इसमें बाजी मार सकते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुमराह को एशिया कप और वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा का उप-कप्तान बनाया जा सकता है.

तमिलनाडु सरकार ने शुरू की भूख हड़ताल, जानें पूरा मामला

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को रद्द कराने के लिए रविवार को सत्तारूढ़ द्रमुक (डीएमके) ने राज्यव्यापी भूख हड़ताल शुरू की। नीट परीक्षा का बच्चों और उनके माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए डीएमके ने यह हड़ताल करने का फैसला किया है।

उदयनिधि स्टालिन की अध्यक्षता में शुरू
बता दें, राज्य मंत्री और पार्टी की युवा शाखा के प्रमुख उदयनिधि स्टालिन की अध्यक्षता में पूरे तमिलनाडु में भूख हड़ताल शुरू हुई। वल्लुवर कोट्टम में विरोध दर्ज कराने के लिए उदयनिधि के साथ डीएमके के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री दुरईमुरुगन, एमए सुब्रमण्यम और पीके शेखर बाबू, पार्टी सांसद, विधायक के साथ साथ चेन्नई की मेयर प्रिया आर भी शामिल हुईं।

भविष्य के प्रति कैसी उम्मीद; PM मोदी

15 अगस्त को माननीय प्रधानमंत्री ने हजार साल की गुलामी के अंत और हजार ही साल के गौरव की शुरुआत के बारे में बात की। जाहिर है कि ये दोनों सहस्राब्दियां ठीक उसी जगह और उसी क्षण में मिल रही थीं, जहां वह उस वक्त खड़े थे, और बोल रहे थे। अगर यह वाकई सच होता, तो उनका यह भाषण ऐसी ही पहले घटित कुछ दूसरी घटनाओं की तरह युगप्रवर्तक होता। यह वैसा ही होता, जैसे सिद्धार्थ को बोध की प्राप्ति हुई हो या फिर यीशु का जन्म या फिर पैगंबर मुहम्मद को हुआ रहस्योद्घाटन। अगर भौतिक नजरिये से देखें, तो यह कुछ वैसा होता, जैसे पेड़ से सेब का गिरना, बिजली की खोज, टेलीफोन का आविष्कार, राइट बंधुओं की पहली उड़ान, परमाणु का विभाजन या फिर चंद्रमा पर मनुष्य के पहले कदम। उस युगांतकारी क्षण का मैं साक्षी न हो सका, इसका मुझे खेद है।

खैर, मैं साक्षी बना रोजमर्रा की एक सांसारिक घटना का। राजदीप सरदेसाई ने इंडिया टुडे पर अपने एक शो में संसद के दो सदस्यों का मुकाबला कराया। इनमें से एक थे भाजपा के जयंत सिन्हा और दूसरे थे कांग्रेस के शशि थरूर। राजदीप ने अपने सवाल इनसे पूछे और दर्शक के तौर पर मौजूद थे कॉलेज के काफी जानकार और स्पष्टवादी छात्र। ‘भारत@100’ के बारे में दोनों अतिथियों के शुरुआती वक्तव्यों ने मेरी उत्सुकता बढ़ा दी। जयंत सिन्हा 2047 तक सतत समृद्धि की बात कर रहे थे, जबकि शशि थरूर 2047 तक समावेशी भारत की बात कर रहे थे। इससे मेरे दिमाग में एक सवाल आया कि हम दोनों को क्यों नहीं पा सकते? अपने-अपने राजनीतिक दलों की स्थिति को प्रतिबिंबित करने का दावा करने वाले दोनों सांसदों को सुनकर मेरे मन में एक पीड़ादायक विचार आया कि शायद भारत इनमें से कुछ भी नहीं पा सकता।

बयानों में बड़ा फर्क
मैं इस आलेख में जयंत सिन्हा द्वारा भारत के संविधान को सुरक्षित रखने, पंथनिरपेक्षता, संघवाद और मानवाधिकार को उनके पूर्ण समर्थन तथा कानून के शासन व जवाबदेहिता बनाए रखने के लिए किए गए उनके वायदे को गहराई से देखना चाहता हूं। मॉडरेटर के सीधे सवालों पर उन्होंने साफगोई से जवाब दिया, ‘हां, आपको विवाह करने, भोजन करने और अपने धर्म को मानने का अधिकार है।’ बगैर पलक झपकाए उन्होंने जोर देकर कहा, ‘अपनी पार्टी के भीतर भी हम खुलकर अपने मतभेद व्यक्त कर सकते हैं। मैंने खुद अपनी पार्टी के वरिष्ठों से मिलकर और सभी गंभीर मसलों पर बात की है।’ जब जयंत सिन्हा से पूछा गया कि उनके ख्याल से 2047 में देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या होगा, तब उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता और अपने अनुसार जीने की आजादी।’ मुझे यकीन है कि जयंत सिन्हा ने राजदीप सरदेसाई के शो में जो कुछ कहा, उस पर वह वाकई भरोसा भी करते होंगे।

ठीक इसके अगले दिन हमारे 77वें स्वतंत्रता दिवस के दिन माननीय प्रधानमंत्री 90 मिनट तक बोले। मैंने उनके भाषण का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ा। कुल मिलाकर देखें, तो यह पूरा भाषण ‘मैं’ और ‘मेरा’ पर आधारित था। इसमें उनके विचार थे, जो उन्हें लगता है कि पिछले नौ-10 साल की उपलब्धियां रही हैं। और, इसके बाद उन्होंने अपनी चिर-परिचित कोड भाषा में भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण को कोसना शुरू किया। हमें पता है कि उनके निशाने पर कौन हैं। इसमें विपक्षी नेता, गांधी परिवार और मुसलमान शामिल हैं। उसके बाद का उनका भाषण चुनावी रैली के अभ्यास जैसा था। हालांकि सच तो यह है कि पिछले नौ-10 वर्षों में कुछ भी नहीं बदला है।

आइए, अब जरा जयंत सिन्हा के बयानों पर लौटते हैं और उन्हें माननीय प्रधानमंत्री के भाषण से जोड़ने की कोशिश करते हैं। जयंत सिन्हा कॉलेज के युवा छात्रों को यह आश्वस्त कर रहे थे कि 2047 का शताब्दी वर्ष एक स्वर्णिम काल होगा। लेकिन माननीय प्रधानमंत्री ने नई सहस्राब्दी का बखान करते हुए उन चीजों की तरफ कोई संकेत नहीं किया, जिनका वादा जयंत सिन्हा कर रहे थे। न उन्होंने संविधान के संरक्षण पर बात की, न पंथनिरपेक्षता या संघवाद पर, न मानवाधिकारों पर, न कानून के शासन पर और न ही जवाबदेही सुनिश्चित करने पर। जाहिर है कि जयंत सिन्हा और माननीय प्रधानमंत्री सहस्राब्दी की तस्वीरों पर अलग-अलग रंग भरते दिखे।

असुविधाजनक सवाल
जयंत सिन्हा के बयानों को अखबारों, टेलीविजन चैनलों और सोशल मीडिया पर रोज दिखने वाली खबरों के साथ मिलाकर देखते हैं। अगर कॉलेज के युवा छात्रों के पास अपनी पसंद से शादी करने का अधिकार है, तो अपने से अलग जाति या धर्म में शादी करने वाले जोड़ों को मारा, पीटा या परेशान क्यों किया जाता है? अगर कॉलेज के युवा छात्रों को अपनी पसंद के भोजन का अधिकार है, तो कर्नाटक में मांस को लेकर उठने वाले विवाद की क्या वजह रही थी? बजरंग दल, हिंदू महापंचायत और दक्षिणपंथी संगठनों की भूमिका क्या है और वे मुसलमानों और ईसाइयों के प्रति नफरत का जहर क्यों उगलते हैं? सबसे बड़ा सवाल, हमारे चारों तरफ इतनी हिंसा क्यों है? अगर कानून के शासन को बनाए रखने का वादा किया जा रहा है, तो दिल्ली में दंगों, मणिपुर में गृहयुद्ध जैसे हालात और नूंह, हरियाणा में सांप्रदायिक दंगों की वजह आखिर क्या है? गरीबों के आवास और छोटी दुकानों को ढहाने के लिए बुलडोजर का सहारा क्यों लिया जा रहा है?

अगर संविधान की संरक्षित रखने की बात हो रही है, तो संसद में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए कानून क्यों लाया गया और दिल्ली में उप-राज्यपाल और चुनी गई सरकार के बीच संविधानिक संतुलन को क्यों बिगाड़ा गया? ये असुविधाजनक सवाल हैं, लेकिन मुझे यकीन है, कॉलेज के छात्र इनका जवाब जरूर सुनना चाहेंगे। शो के अंत में जो दो सवाल पूछने की उन्हें अनुमति दी गई थी, वे सवाल अच्छे थे। शो भी काफी अच्छा था, लेकिन छात्रों के सवालों के जो जवाब दिए गए, वे संतोषजनक बिल्कुल नहीं थे।

रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए फायदेमंद हैं या हानिकारक?

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब बात आहार के पौष्टिकता की आती है तो इसमें खाने के स्वस्थ तेल को भी शामिल किया जाना चाहिए। हम किस तरह के तेल का सेवन करते हैं, इसका सेहत पर सीधा असर होता है। अध्ययनों में ऑलिव ऑयल को कई प्रकार की बीमारियों के जोखिमों कम करने वाला पाया गया है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं रिफाइंड तेल उतना ही हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।

रिफाइंड तेल, प्राकृतिक तेलों का प्रोसेस्ड रूप होता है, जो तेलों को कई प्रकार के रसायनों और गंध के साथ फिल्टर करने से प्राप्त होता है। इस तरह के तेल हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि रिफाइंड ऑयल किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए गंभीर दुष्प्रभावों वाला हो सकती है?

रिफाइंड ऑयल से कई बीमारियों का खतरा

रिफाइंड ऑयल किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए दुष्प्रभावों वाले हो सकते हैं, इसको समझने के लिए किए गए अध्ययनों में कई बातें सामने आईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप रोजाना रिफाइंड ऑयल का सेवन करते हैं तो यह कई क्रोनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, एथेरोस्क्लेरोसिस, मोटापा, प्रजनन संबंधी समस्याएं और प्रतिरक्षा संबंधी दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। इस तरह के जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस तरह के तेलों का सेवन कम या बिल्कुल न करने की सलाह देते हैं।

कोटला मुबारकपुर इलाके में किशोर से रिश्तेदार ने किया कुकर्म, गिरफ्तार

दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में किशोर के साथ कुकर्म का मामला सामने आया है. किशोर की मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

नई दिल्ली: कोटला मुबारकपुर इलाके में 17 साल साल के एक किशोर के साथ उसके रिश्तेदार ने कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया.

किशोर की मेडिकल जांच के बाद पॉक्सो एक्ट और कुकर्म के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार लिया गया है. मुबारकपुर पुलिस के मुताबिक एक पीसीआर कॉल मिली थी कि एक किशोर के साथ गलत काम हुआ है. सूचना मिलने पर सेवा नगर झुग्गी के पास पुलिस वाले पहुंचे तो देखा कि लोगों ने एक शख्स को पकड़ा है. मौके पर मौजूद एक महिला ने बताया कि उसके पति ने उसकी बहन के बेटे के साथ गलत काम किया है. मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

साउथ जिले की साइबर पुलिस ने चोरी के मोबाइल से मोबाइल बैकिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करने के मामले में एक जालसाज को किशनगढ़ इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान किशनगढ़ गांव निवासी सैमसन सचदेवा(42) के तौर पर हुई है. उसके पास से पांच मोबाइल बरामद हुआ है.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक एक शिकायतकर्ता ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि हौजखास मेट्रो स्टेशन पर उसका मोबाइल चोरी हो गया था. दो दिन बाद उसने नया मोबाइल और सिम लिया तो पता चला कि किसी ने उनके अकाउंट से करीब साढ़े 4 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए हैं. फोन में इंस्टालल पेटीएम ऐप से जुड़े चार क्रेडिट कार्ड से ये पैसे ट्रांसफर हुए हैं. मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. जिस अकाउंट में पैसे की लेन देन हुई थी. उसके बारे में पता किया गया. बैंक डिटेल और सर्विलांस की मदद से सैमसन सचेदवा को किशनगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि मोबाइल चोरी के बाद वह मोबाइल बैंकिंग एप के जरिए पैसे ट्रांसफर कर लेता था.

टमाटर के बाद अब प्याज में भी आ सकती है महंगाई,निर्यात शुल्क लगा?

देश में अब टमाटर के बाद प्याज के दाम बढ़ने की आशंका है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया है।

इससे प्याज का निर्यात महंगा हो जाएगा। सरकार को आशा है कि प्याज का निर्यात महंगा होने से कारोबारी अब निर्यात की जगह इसे देश में भी बेचना पसंद करेंगे।

दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की कीमत 40 रुपये से लेकर 50 रुपये किलो तक पहुंच गई है। टमाटर के बढ़ते दाम से सरकार की चिंता बढ़ाना शुरू हो गई है। प्याज की बढ़ती कीमतों का हाल भी टमाटर जैसा न हो जाए, इसलिए सरकार ने पहले ही निर्यात शुल्क जैसा बड़ा कदम उठा लिया है।

केंद्र सराकर ने प्याज के दाम बढ़ने से रोकने के लिए और देश के बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लागू रहेगा।

कई रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि सितंबर के महीने में प्याज की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल सकता है। प्याज की कीमत 50 रुपये से 60 रुपये तक जाने की आशंका जताई जा रही है। सरकार ने इन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया है।

हालांकि इससे पहले सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नई फसल के आने तक कुछ खास क्षेत्रों में अपने बफर स्टॉक से प्याज बाजार में जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला है।

गौरतलब है कि सब्जियों और अनाज की कीमतों में तेज उछाल के कारण खुदरा मुद्रास्फीति के दर में बढ़त दर्ज की जा रही है। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है। खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

आज से सिर्फ 40 रुपये किलो मिलेंगे टमाटर,इन शहरों में कम हुए दाम!

महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है. टमाटर की बढ़ती कीमत के कारण यह खाने की थाली से गायब सा हो गया है. ऐसे में जनता को राहत देने के लिए सरकार कई शहरों में सस्ते रेट पर टमाटर की बिक्री कर रही है.

सरकारी एजेंसियां जैसे एनसीसीएफ (NCCF) और नाफेड (NAFED) कई शहरों में रिटेल से बहुत कम दाम पर टमाटर बेच रही हैं. आज यानी रविवार 20 अगस्त को सरकार ने टमाटर के दाम में बड़ी कटौती करते हुए इसे 40 रुपये किलो के हिसाब से बचने का फैसला किया है.

इन शहरों में बिक रहे सस्ते टमाटर

गौरतलब है कि भारत के कई शहरों में पिछले दो से तीन महीनों के भीतर टमाटर की कीमत 200 से 300 रुपये किलो तक पहुंच गई थी. ऐसे में आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने जुलाई से ही NAFED और NCCF की मदद से कई शहरों में सस्ती दरों पर टमाटर की बिक्री शुरू कर दी थी. लाइव मिंट की खबर के मुताबिक अब तक इन दोनों एजेंसियों ने देशभर में 15 लाख किलो से अधिक टमाटर की बिक्री की है. यह एजेंसियां दिल्ली-एनसीआर समेत राजस्थान के जयपुर, कोटा, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर, आरा और बक्सर कम कीमत पर टमाटर बेच रही हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस टमाटरों को सरकार बड़ी संख्या में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की मंडियों से खरीद रही है.

केवल दिल्ली में बेचें इतने टमाटर

इससे पहले 13 अगस्त, 2023 को NCCF ने यह जानकारी दी थी कि उसने केवल दिल्ली में दो दिन के भीतर 71,500 किलो से अधिक टमाटर की बिक्री की है. इसमें से 35,000 किलो टमाटर 12 अगस्त और 36,500 किलो टमाटर की बिक्री 13 अगस्त को की गई है. पिछले हफ्ते सरकार ने 70 रुपये किलो की दर से टमाटर जनता को मुहैया कराया है.

नेपाल से टमाटर का हो रहा आयात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में टमाटर की कीमत पर सरकार के कदमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि देश में खाद्य महंगाई दर को कंट्रोल करने के लिए सरकार नेपाल से बड़ी संख्या में टमाटर का आयात कर रही है. सरकार के इस फैसले के बाद नेपाल से टमाटर की खेप वाराणसी, कानपुर और दिल्ली पहुंच चुकी है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले तीन महीनों में टमाटर की कीमत में 1,400 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है. टमाटर की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी के बाद Subway, McDonald’s और बर्गर किंग के रेस्टोरेंट चेन ने अपने भारतीय आउटलेट में टमाटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.