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आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द, बंगाल मेडिकल काउंसिल की कार्रवाई

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। मामले में संबंधित अधिकारी ने बताया कि संदीप घोष सीबीआई हिरासत में है और उस पर गंभीर आरोप लगे हैं। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) ने गुरुवार को आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पंजीकरण को 19 सितंबर को डब्ल्यूबीएमसी की तरफ से बनाए गए पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल मेडिकल एक्ट, 1914 के कई प्रावधानों के तहत उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया। बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-हत्या के अलावा अस्पताल की वित्तीय अनियमितता को लेकर भी संदीप घोष कटघरे में है।

आरजी कर केस को लेकर डॉक्टरों को प्रदर्शन
इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के थाना प्रभारी अभिजीत मंडल से सीबीआई से पूछताछ कर रही है।आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल बीते 8-9 अगस्त से ही विवादों में है। अस्पताल के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद चिकित्सकों में काफी आक्रोश है, राज्य में जूनियर डॉक्टर लगातार हड़ताल कर रहे हैं।

कल मुख्य सचिव के साथ डॉक्टरों की बैठक रही बेनतीजा
एक दिन पहले ही आरजी कर मामले में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ वार्ता की। पश्चिम बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टरों की करीब दो घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। सचिवालय में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वे हताश और निराश हैं। बैठक में हमने अपने मुद्दे रखे लेकिन सरकार ने उस पर हस्ताक्षर नहीं किए, हम लिखित आश्वासन चाहते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि वे हड़ताल वापस लेना चाहते हैं लेकिन सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलने के चलते हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।

बारिश में जमीन से बाहर निकले 100 से अधिक सांप…शहर में कर रहे थे प्रवेश

आगरा: वाइल्ड लाइफ एसओएस ने बारिश के मौसम में जमीन में बिल बनाकर रहने वाले 100 से अधिक सरीसृप (रेप्टाइल) बचाए हैं। आगरा जिले और मंडल में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण बिलों में पानी भरने से इनमें रहने वाले सांप व ऐसे ही अन्य जीवों को शहरी क्षेत्र में आना पड़ा।

वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम की सक्रियता के चलते आगरा और फिरोजाबाद से पिछले दिनों करीब 100 सरीसृप प्रजाति के जीवों को न केवल सुरक्षित बचाया गया। बल्कि इनको वापस प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया। वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि ‘भारी बारिश ने लोगों और वन्यजीवों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, ऐसे में उनकी टीम इन विस्थापित सरीसृपों के सुरक्षित बचाव और पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रही है।

यह महत्वपूर्ण है कि वह इन प्राणियों का नुकसान रोकने और अपने समुदायों के भीतर सुरक्षा बनाए रखने के लिए तत्काल सहायता प्रदान करें।

बेटे की गिरफ्तारी के बाद सपा विधायक जाहिद बेग ने कोर्ट में किया सरेंडर, कोर्ट ने भेजा जेल

भदोही: बेटे की गिरफ्तारी के बाद सपा विधायक जाहिद जमाल बेग ने गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बीते पांच दिनों से वे पुलिस की पकड़ से दूर थे। दोपहर 11.15 बजे कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे विधायक की पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की भी हुई। कोर्ट परिसर में कई बार विधायक को पुलिस ने गिरफ्त में लेने का प्रयास किया। इस बीच वकीलों से भी पुलिस की झड़प हुई। विधायक पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में प्रवेश कर गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साबीहा खातून ने उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

विधायक आवास पर किशोरी के आत्महत्या किये जाने के बाद से ही पुलिस का शिकंजा लगातार विधायक व उनके परिवार पर बढ़ता जा रहा था। पुलिस ने पहले विधायक व उनकी पत्नी सीमा बेग पर बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया।

उसके बाद उनके बेटे जईम बेग को भी चार दिन तक हिरासत में रखने के बाद मंगलवार को किशेारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में विधायक पति-पत्नी के साथ सहअभियुक्त बनाकर मकदुमपुर से गिरफ्तारी दिखाने के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

बेटे के जेल जाने के बाद पांच दिनों से गायब विधायक ने कोर्ट में सरेंडर करने का फैसला किया। गुरुवार दोपहर 11.15 बजे वे न्यायालय पहुंचे। न्यायालय के गेट नंबर दो से वे अंदर घुसने ही वाले थे कि पुलिस उनको पकड़ना चाही। इस बीच पुलिस के साथ उनकी धक्कामुक्की भी हुई। इस बीच अधिवक्ताओं के साथ भी पुलिस की झड़प हुई।

अखिलेश का तंज, बोले- मेरी और योगी जी की तस्वीर सामने रखकर देख लो पता चल जाएगा मठाधीश कौन है

लखनऊ:  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार हर बात छिपाना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान अलग आ रहे हैं। मैंने कभी भी किसी साधु-संत के लिए कुछ नहीं कहा है। जिसे क्रोध आता है वो योगी कैसे हो सकता है। इसलिए मैं कहता हूं कि हमारे सीएम मठाधीश मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि मेरी और योगी जी की तस्वीर सामने रख लो देखकर पता चल जाएगा कि मठाधीश कौन है।

अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को सपा कार्यालय पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि अभी तो महिला आरक्षण को लेकर भी प्रस्ताव पेश किया था वो कब से लागू करने जा रहे हैं। 18,626 पन्नों की रिपोर्ट को 191 दिनों में तैयार किया गया है। इससे पता चलता है कि इन लोगों ने किस तरह की चर्चा की होगी। उन्होंने कहा कि ये भाजपा का प्रस्ताव है जिसका मकसद ”वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन” है।

भेड़ियों के हमले से परेशान जिलों के लोगों से मिले
अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को भेड़ियों के हमले से परेशान जिलों के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही जानवरों का आतंक बढ़ रहा है। चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यूपी में जानवरों की समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि पूरा रोडमैप तैयार है लेकिन अब हमले बढ़ गए हैं। जंगल के आसपास के जिलों में हमले बढ़ गए हैं। अब गीदड़ और भेड़िए से बहराइच और आसपास के जिलों के लोग खौफ में हैं।

मायावती ने ‘एक देश-एक चुनाव’ प्रस्ताव का किया समर्थन, बोलीं- इसका उद्देश्य जनहित होना चाहिए

लखनऊ:  बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय कैबिनेट के ‘एक देश-एक चुनाव’ के मंजूर किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव पर बसपा का स्टैंड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित होना जरूरी है। बसपा ने ये बयान पार्टी की लखनऊ में आयोजित बैठक के बाद जारी किया।बसपा ने बृहस्पतिवार को पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और उपचुनाव की समीक्षा करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए लखनऊ में बैठक बुलाई जिसमें पार्टी की राज्य इकाई के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारी व जिलाध्यक्ष शामिल हुए।

मायावती ने बैठक में कहा कि भाजपा सरकार व विपक्षी पार्टियों के बीच जनहित व जनकल्याण के ज्वलंत मुद्दों को लेने की बजाय केवल जातिवादी, सांप्रदायिक व जाति-बिरादरी आधारित राजनीति की जा रही है ऐसे में बसपा को जनता के बीच मुस्तैदी से पैठ बनाने का लाभ उपचुनाव में पार्टी को मिल सकता है।

बुलडोजर विध्वंस कानून के राज का प्रतीक नहीं
मायावती ने कहा कि बुलडोजर विध्वंस कानून के राज का प्रतीक नहीं है। इसके बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ी प्रवृत्ति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि बुलडोजर या ऐसे ही किसी मामले में जनता जब सहमत नहीं होती है तो केंद्र को आगे आकर मामले में गाइडलाइंस बनानी चाहिए। जो कि नहीं किया गया वरना सुप्रीम कोर्ट को खुद आगे आकर इस मामले में हस्तक्षेप न करना पड़ता। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

भीड़ ने प्राचीन धर्मस्थल परिसर में बनी मजार तोड़ी, हंगामे के दौरान सीओ से धक्कामुक्की

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के सिंधौली में प्राचीन धर्मस्थल में मजार को तोड़कर शिवलिंग स्थापित करने के बाद बृहस्पतिवार को सहोरा गांव में फिर से तनाव की स्थिति बन गई। लाठी-डंडे लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। मजार की ओर बढ़ रही भीड़ को संभालने के लिए कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। लेकिन भीड़ नहीं मानी। मजार को तोड़ दिया। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को समझाया। तब जाकर हंगामा शांति हुआ। गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

सहोरा गांव में प्राचीन धर्मस्थल परिसर में दूसरे समुदाय की मजार बनी थी। कई साल पहले भी दोनों पक्षों में तनातनी हो गई थी। तब पुलिस ने दूसरे समुदाय के भीड़ एकत्रित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ दिन पहले किसी व्यक्ति ने मजार पर सजावट के लिए झालर लगा दी थी। मंगलवार को लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने विरोध जताते हुए पुलिस को सूचना दी। बुधवार को उस मजार को हटाकर शिवलिंग स्थापित कर दिया गया था।

आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग जुटे
उस वक्त सूचना पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। तनाव फैलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों पक्षों को समझाया गया। गांव के रियाजुद्दीन ने पुजारी समेत कुछ लोगों पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। बाद में मजार को दोबारा से बनवा दिया गया। दीवारों पर कंटीले तार लगा दिए गए थे। इसकी जानकारी होने पर बृहस्पतिवार को आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। उन लोगों का कहना था कि मजार फिर से बनवाने के बाद शिवलिंग को हटा दिया गया है।

जेपी नड्डा के जवाब से भड़की कांग्रेस, कहा- स्वघोषित परमात्मा के अवतार कुछ अलग होते हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के विवादास्पद बयानों के बाद शुरू हुआ सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। मल्लिकार्जुन खरगे की चिठ्ठी पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पलटवार किया था। अब नड्डा के खत पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसा है। कांग्रेस महासचिव (कम्युनिकेशन इंचार्ज) जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री (नेहरू) को भी देखा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक उन्हें भेजे गए सभी आधिकारिक और व्यक्तिगत पत्रों का जवाब दिया।

कांग्रेस के निशाने पर पीएम मोदी
जयराम रमेश ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को कोविड-19 पर पत्र लिखते हैं, तब स्वास्थ्य मंत्री को उन्हें अपने नाम से भेजने के लिए एक अपमानजनक जवाब थमा दिया जाता है। अब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने मोदी जी के सहयोगियों द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को दी जा रही गंभीर धमकियों को लेकर नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, तो भाजपा अध्यक्ष को निरर्थक जवाब भेजने का काम दे दिया गया।

जयराम रमेश ने कहा कि देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री को भी देखा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक उन्हें भेजे गए सभी आधिकारिक और व्यक्तिगत पत्रों का जवाब दिया, जैसा कि उनके चुनिंदा कार्यों के 100 से अधिक वॉल्यूम प्रमाणित करते हैं। रमेश ने तंज कसते हुए कहा, मुझे लगता है कि स्वघोषित परमात्मा के अवतार कुछ अलग ही होते हैं।

नड्डा का खरगे को जवाब-
आपको बता दें कि, बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गुरूवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को राजनीति का ‘असफल उत्पाद’बताया था। जेपी नड्डा ने लिखा था, ‘मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरी वश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।

सीबीआई के सामने पेश हुईं माकपा की युवा नेता मिनाक्षी मुखर्जी, कहा- मैं हर तरह से सहयोग करूंगी

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के सिलसिले में माकपा (सीपीएम) युवा नेता मिनाक्षी मुखर्जी आज सीबीआई के सामने पेश हुईं। मिनाक्षी डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की राज्य सचिव हैं। डीवाईएफआई सीपीआई(एम) की युवा शाखा है। मिनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि वह हर तरह से सीबीआई अधिकारियों का सहयोग करेंगी। बता दें कि वह नौ अगस्त को महिला डॉक्टर की हत्या के कुछ घंटों बाद ही मृतक के परिवार से मुलाकात की थीं। सीपीआई(एम) ने बार बार दावा किया कि वामपंथी युवा नेता के प्रयास के कारण अंतिम संस्कार का विरोध किया गया। उसी रात मिनाक्षी मुखर्जी को पुलिसकर्मियों को रोकते हुए देखा गया था।

मिनाक्षी मुखर्जी सीबीआई कार्यालय में दो घंटे बिताईं। बाद में उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि सीबीआई घटनास्थल पर सबूतों से छेड़छाड़ की जांच करे। माकपा की युवा नेता ने कहा, “मैंने जांच अधिकारियों को नौ अगस्त की रात को जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी। मैंने यह भी बताया कि पुलिस शव को कैसे ले गई। अगर जांच को भटकाने की कोशिश की गई तो हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

ममता बनर्जी ने किया बाढ़ग्रस्त इलाके पंसकुरा का दौरा, DVC का पानी छोड़ने के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेदनीपुर के बाढ़ग्रस्त इलाके पंसकुरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बात की। उन्होंने बाढ़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने बंगाल में सारा पानी छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि यह बंगाल का पानी नहीं बल्कि केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला झारखंड का पानी है।

सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के सामने क्यों नहीं उठा रही है? उन्होंने पूरा पानी बंगाल में छोड़ दिया। बंगाल की जो वजह है वह केंद्र सरकार की अनदेखी की वजह से है। मुझे माफ करना पर यह पानी बंगाल का नहीं बल्कि केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला झारखंड का पानी है।” उन्होंने आगे कहा, “यह बारिश का पानी नहीं है। केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला पानी है। यह मानव निर्मित बाढ़ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार डीवीसी बांधों की खुदाई क्यों नहीं करती। इसमें एक बड़ी साजिश है। हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।”

सुकांत मजूमदार ने किया बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन तीन दिन पहले भारी बारिश के कारण इलाके में बाढ़ आने के बाद से फंसे हुए लोगों तक नहीं पहुंच पाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें प्रशासन की तरफ से कोई राहत सामग्री नहीं भेजी गई। यह राज्य केवल दावे करता है, लेकिन अपने लोगों के साथ खड़ा नहीं होता। हम यहां उनके साथ हैं। हम उनके लिए तिरपाल और खाना लेकर आए हैं।”

राहुल गांधी के खिलाफ बयान पर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू पर FIR, बोले- माफी नहीं मांगूंगा

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे पर सिखों को लेकर बयान दिया था, जिस पर रवनीत बिट्टू ने उन्हें आतंकी बता दिया था। इसे लेकर खूब हंगामा हुआ और कर्नाटक में रवनीत बिट्टू के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अपने बयान पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है।

बंगलूरू में कांग्रेस पदाधिकारी ने दर्ज कराई एफआईआर
कर्नाटक के एक कांग्रेस पदाधिकारी ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय राज्य मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 (गलत सूचना के आधार पर बयान देना या अफवाह फैलाना), 192 (दंगे कराने के मकसद से भडकाऊ बयान देना), 196 (दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने) के तहत बंगलूरू के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

राहुल गांधी के बयान पर हुआ है विवाद
राहुल गांधी ने हालिया अमेरिका दौरे पर एक कार्यक्रम के दौरान अपने एक बयान में कहा था कि ‘लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या भारत में एक सिख को अपनी पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी। या वह एक सिख के रूप में, गुरुद्वारा जाने में सक्षम होगा। यहीं लड़ाई है और यह सभी धर्मों के लिए है।’ राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया था। पन्नू ने कहा था कि ‘राहुल गांधी का बयान तथ्यात्मक रूप से सच्चा है। उन्होंने माना कि भारत में सिखों के अस्तित्व को खतरा है। यह बयान खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।’

रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि ‘राहुल गांधी ने सिखों को बांटने का प्रयास किया है। सिख किसी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है, मगर चिंगारी लगाने की कोशिश हो रही है। राहुल गांधी देश के नंबर एक आतंकी हैं। जो लोग हर वक्त मारने और जहाजों-ट्रेनों को उड़ाने की बात करते हैं, वे राहुल गांधी के समर्थन में आ गए हैं।