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‘पॉलिटेक्निक चलो अभियान’ के तहत युवाओं को पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

बीते कुछ वर्षों में पॉलिटेक्निक के प्रति युवाओं में उदासीनता देखी गई है, जिसके चलते सरकारी, एडेड और प्राइवेट कॉलेजों में काफी सीटें खाली रह जाती हैं। ‘पॉलिटेक्निक चलो अभियान’ के तहत युवाओं को पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सीएम योगी कई मंचों से युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान चलाने की बात कह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने एक सभा में कहा था कि प्रदेश सरकार प्रति वर्ष एक लाख सरकारी नौकरियों के साथ 6 लाख निजी नौकरियों का सृजन करेगी। निजी क्षेत्र की यह नौकरियां तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं को उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उनके रोजगार का प्रबंध करना है। सरकार के प्रयास का असर भी देखने को मिला है।प्राइवेट पॉलिटेक्निक संस्थानों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। कुल 1,294 प्राइवेट संस्थानों में 2018 में जहां कुल 1,19,765 सीटें थीं, जो 2022 में बढ़कर 1,87,390 हो गईं। इसी तरह महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी सीटों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

5वीं तक की पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों के लिए यहाँ निकली सरकारी नौकरी

 राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वेकेंसी निकाली है. कैंडिडेट्स से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. खास बात यह है कि इस भर्ती की आयु सीमा 40 वर्ष तक है.

सामान्य वर्ग के लिए 2, OBC के लिए 3, एमबीसी के लिए 2 एवं EWS के लिए 4 पद हैं. आवेदन करने के लिए ऑफिशियल पोर्टल assembly.rajasthan.gov.in पर विजिट कर सकते हैं.

महत्वपूर्ण तिथि:-
आवेदन करने की आखिरी दिनांक- 29 जून 2023

आवश्यक योग्यता:-
पदों के लिए आवेदन करने वाला कैंडिडेट्स 5वी पास होना चाहिए. साथ ही उम्मीदवार की उम्र 18-40 वर्ष के बीच होनी चाहिए. अधिकतम आयु सीमा में एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के कैंडिडेट्स को 5 वर्ष की, सामान्य एवं EWS वर्ग की महिलाओं को 5 वर्ष की एवं SC, ST एवं OBC वर्ग की महिलाओं को 10 वर्ष तक की छूट दी जाएगी.

चयन प्रक्रिया:-
यदि भर्ती के लिए अधिक आंकड़े में आवेदन प्राप्त होते हैं, तो प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा या फिर आवेदनों की छंटनी की जाएगी. इसके बाद कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा.

घर पर बनाए मुंबई की चटपटी भेल, देखिए इसकी रेसिपी

सामग्री
4 मीडियम आलू उबला हुआ
1 कप छोले

 

सेंधा नमक
काला चाट मसाला
1 अदरक
जूलियन
2 छोटा छोटी हरी मिर्च
अनार के दाने
4 टी स्पून नींबू का रस

बनाने की वि​धि
आलू उबालें, उन्हें छीलें और बीच से 2 हिस्सों में काट लें। अब आलू को अंदर से काट कर निकालें और इसे कटोरी जैसा बना लें। इनमें छोले, हरी मिर्च, अनार, अदरक जूलियन्स, नमक, सेंधा नमक, काला चाट मसाला और नींबू का रस मिक्स करके भरें।

चाइनीज भेल बनाने के लिए सबसे पहले थोड़ी नूडल्स लें और एक पैन में थोड़ा सा तेल डालकर उन्हें फ्राई कर लें। अब पत्तागोभी, गाजर, लाल शिमला मिर्च, शिमला मिर्च, पीली शिमला मिर्च, प्याज और टमाटर को जूलियन काटकर सभी सब्जियों और नूडल्स को एक साथ मिला लें।

इसमें चिली पेस्ट के साथ लेब्जेल्टर मसालों को भी डाल दें। अब इसमें नमक, सिरका और सोया सॉस डालें। अच्छी तरह से मिलाएं और सर्व करें।तो आपके मुंह के स्वाद को बढ़ाने वाली कुल्ले की चाट तैयार है। इसे ताजा-ताजा खाएं।

मुल्तानी मिट्टी हैं महिलाओं के लिए एक प्रभावी स्किन क्लींजर, यहाँ जानिए कैसे

आज हम आपके लिए मुल्तानी मिट्टी के फायदे लेकर आए हैं. ये स्किन संबंधी कई तरह की समस्याओं से हमें छुटाकारा दिलाने में मदद करती है. मुल्तानी मिट्टी की खास बात ये है कि ये न सिर्फ स्किन को चिकना और चमकदार बनाने बल्कि डार्क स्पॉट घटाने और स्किन टोन को सुधारने में भी मदद कर सकती है.

ये आपकी स्किन से हर किस्म के ऑयल, धूल-मिट्टी और मृत कोशिकाओं को हटाने में मददगार है.मुल्‍तानी मिट्टी ऑयल और अन्य अशुद्धियों को अवशोषित करने की क्षमता के लिए जानी जाती है, जो इसे ऑयली त्वचा या बंद पोर्स वाली महिलाओं के लिए एक प्रभावी स्किन क्लींजर बना सकती है. गर्मियों में यह खासतौर पर त्‍वचा से जुड़ी समस्‍याओं को दूर कर सकती है.

सामान

  • मुल्‍तानी मिट्टी- 2 चम्मच
  • चंदन पाउडर- 1 चम्मच
  • टमाटर का रस- आवश्‍कतानुसार

ऐसे करें इस्तेमाल

  • सबसे पहले एक कटोरी में मुल्तानी मिट्टी का पाउडर लें.
  • अब उसमें चंदन पाउडर मिलाएं.
  • इसमें पर्याप्त टमाटर का रस मिलाएं.
  • अब इसे मिक्स करें जब तक एक स्‍मूथ पेस्ट न मिल जाए.
  • इस पैक को समान परत में पूरे चेहरे पर लगाएं.
  • इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें.
  • फिर अपने चेहरे को थपथपाकर ड्राई कर लें.

फायदा– इस स्टेप से स्किन की डलनेस और टैन दूर हो जाती है. इसके इस्तेमाल से आपको एक चमकता हुआ चेहरा मिल सकता है. अच्‍छे रिजल्‍ट पाने के लिए यह फेशियल 15 दिनों में एक बार करें.

कम उम्र में ही महिलाओं के चेहरे पर दिखने लगती हैं इस वजह से झुर्रियां

बढ़ती उम्र का असर चेहरे पर भी दिखना शुरु हो जाता है। गलत खान-पान आपकी सेहत के साथ-साथ त्वचा पर भी गहरा असर डालता है। चेहरे की खूबसूरती बनाए रखने के लिए आपको डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए।

छोटी उम्र में ही महिलाओं की चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती हैं। जिसके कारण उनकी खूबसूरती पर बहुत ही गहरा असर पड़ता है। तो चलिए आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताते हैं जो आपकी झुर्रियों को मिटाने में मदद करेंगे…

विटामिन्स सी युक्त फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें। इनमें ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा में कसावट लाने में मदद करेंगे। आप डाइट में नींबू, संतरा, ब्रोकली, अनार, स्ट्रॉबरी जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं। नियमित तौर पर फलों का सेवन करें।

चेहरे की त्वचा को जवान दिखाने के लिए कालेजन नामक हार्मोन की जरुरत होती है। कालेजन त्वचा को एंटीऑक्सीडेंट्स से मिलता है। ओमेगा-3 और फैटी एसिड आपकी त्वचा पर झुर्रियां कम करने में मदद करते हैं। साथ ही ये आपकी त्वचा को उम्र से ज्यादा जवां दिखाने में भी मदद करेंगे। फ्लैक्स सीड्स में दोनों ही तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

इनमें फैट, मिनरल्स और विटामिन मौजूद होते हैं। आप झुर्रियों मिटाने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन जरुर करें। ये आपकी त्वचा को भरपूर पोषण देने में भी मदद करेंगे। आप डाइट में पिस्ता, बादाम, अखरोट और काजू शामिल कर सकते हैं।

बालों को मुलायम बनाने में मदद करेगा एवोकैडो का ये हेयर मास्क

बहुत से लोगों को रूखे बालों की समस्या का सामना करना पड़ता है. इस कारण बाल झड़ने लगते हैं. स्प्लिट एंड्स और बाल फ्रिज होने की समस्या होने लगती है. ऐसे में आप कुछ घरेलू उपचार आजमा सकते हैं.

 

ये आपके बालों को मुलायम बनाने में मदद करेंगे. आप मुलायम बालों के लिए एवोकैडो का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये डीप कंडीशनिंग का काम करता है. ये बालों के लिए बहुत फायदेमंद है. एवोकैडो  का इस्तेमाल करके आप कई तरह के हेयर मास्क बना सकते हैं. इन्हें बनाना बहुत ही आसान है. ये बालों के लिए बहुत फायदेमंद भी हैं. आइए जानें एवोकैडो का इस्तेमाल बालों के लिए कैसे करें.

सबसे पहले एवोकैडो को आधा काट लें. इसके बीज निकाल दें. इसके कांटे से मैश कर लें. इसका एक पेस्ट बना लें. इसे गीले बालों और स्कैल्प पर लगाएं. कुछ देर के लिए उंगलियों से सिर की मसाज करें. इसे एक घंटे के लिए लगा रहने दें. इसके बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें. आप हफ्ते में 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

एक पका हुआ एवोकैडो लें. इसे आधा काट लें. इसे मैश कर लें. इसमें 1 से 2 चम्मच कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल मिलाएं. इसे अच्छे से मिलाएं. इस हेयर मास्क को बालों और स्कैल्प पर लगाएं. इससे हेयर मसाज करें. शावर कैप पहन लें. इसे 20 से 30 मिनट तक लगा रहने दें. इसके बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें. आप सप्ताह में 1 से 2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

हाईबीपी व स्लीप एप्निया से पीड़ित मरीज़ कैसे पाएं इससे छुटकारा

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है.

 

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल लगाकर करें मसाज, हर तरह के दर्द से मिलेगा छुटकारा

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

 

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

हल्‍का गर्म दूध पीने से होते हैं शरीर को ये अद्भुत लाभ…

आयुर्वेद के अनुसार दूध शरीर के लिये सबसे जरुरी चीज़ है जिसका हमारे आहार में शामिल होना महत्‍वपूर्ण है। आयुर्वेद, सभी को नियमित रूप से हल्‍का गर्म दूध पीने की सलाह देता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थायमाइन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल्‍स जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं।

 

दूध पीने का सही समय क्या है इस बात को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा होती है। दूध पीने का सही समय क्या है। कई लोग कहते हैं दूध पीना सुबह में अच्छा होता है। तो कभी कुछ लोग नाश्ते के साथ दूध पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद समझते है। अगर रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके नींद लाने में काफी मददगार साबित होता है।

सुबह में दूध पीना बच्चों के लिए फायदेमंद है। और बुजुर्गों के लिए दोपहर में दूध पीना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और यही दुध हम रात में पी ले तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे मे दिन भर का थकान दूर होता है। और हमें नींद भी काफी अच्छे आती है। दूध में कैल्शियम का स्रोत होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में साबित होता है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए दूध आपके लिए बहुत जरूरी है

डायबिटीज से पीड़ित लोगों को भूल से भी नहीं करना चाहिए इन चीजों का सेवन

डायबिटीज में अक्सर लोगों को चीनी से दूर रहने की सलाह दी जाती है। वहीं शुगर पैशेंट के लिए कई तरह के नियम भी होते हैं जैसे भूखे न रहना, समय समय पर खाना, हर तरह के फल खाने पर भी रोक-टोक होती है। आज ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में हम आपको बताने वाले हैं।

 

सफेद ब्रेड – सफेद ब्रेड में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, इसका मतलब यह है कि इसमें ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।

ड्राई फ्रूट्स – ड्राई फ्रूट्स स्वस्थ और शरीर के लिए बहुत अच्छे होते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए नहीं। इनमें ज्यादा मात्रा में कार्ब्स होते हैं और इसे संतुलित करने के लिए पानी नहीं होता है।

सिरीअल बार – डायबिटिज होने के नाते अनाज बार आपके लिए सही स्नैक नहीं है जिसका आपको सेवन करना चाहिए। ग्रेनोला और अनाज जैसे बार रिफाइंड कार्ब्स में न केवल हाई होते हैं, बल्कि यह सिरप और शुगर से भी भरे होते हैं।

आइसक्रीम – आइसक्रीम में चीनी होती है, इसलिए डायबिटिक हों या न हों, उन्हें बिना सोचे-समझे नहीं खाना चाहिए। यह मस्तिष्क के आनंद केंद्रों को भी सक्रिय करता है और डोपामाइन रिसेप्टर्स को बाहर निकालता है।