Thursday , October 24 2024

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‘मैं आपकी दीदी बनकर आई हूं, सीएम नहीं’, डॉक्टरों के धरनास्थल पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

कोलकाता :  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से मिलने स्वास्थ्य भवन पहुंचीं। इस दौरान डॉक्टरों ने हमें न्याय चाहिए के नारे लगाए। ममता बनर्जी ने कहा कि वह यहां दीदी के तौर पर डॉक्टरों से मिलने आई हैं। बता दें कि गुरुवार को डॉक्टरों का एक दल बैठक के लिए नबन्ना पहुंचा था, लेकिन यह बैठक नहीं हो पाई थी। ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए। इसके बाद कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगी और कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने आगे कहा, मैं यहां आपसे मुख्यमंत्री नहीं बल्कि दीदी के तौर पर मिलने आई हूं। मैं खुद छात्र आंदोलन करके आगे आई हूं, मैंने अपने जीवन में भी बहुत संघर्ष किया है, मैं आपके संघर्ष को समझती हूं। मुझे मेरे पद की चिंता नहीं है। कल रात भर बारिश हुई आप यहां विरोध पर बैठे थे मैं रात भर परेशान रही।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, आपकी मांगों को आपसे सुनने के बाद मैं उसका अध्ययन करूंगी। मैं अकेले सरकार नहीं चलाती, मैं आपकी मांगों का वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अध्ययन कर समाधान ज़रूर निकालूंगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सज़ा ज़रूर मिलेगी। मैं आपसे थोड़ा समय मांग रही हूं। आपके(विरोध कर रहे डॉक्टरों के) खिलाफ राज्य सरकार कोई एक्शन नहीं लेगी। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप काम पर वापस लौंटे। अस्पताल के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा से जुड़े सभी काम शुरू कर दिए गए हैं और आगे भी किए जाएंगे। जब सीपीआईएम सत्ता में थी तब मैं 26 दिनों के लिए भूख हड़ताल पर थी। यह मेरा आखिरी प्रयास है और मैं आपसे वादा करती हूं कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।

‘हिंदी-क्षेत्रीय भाषाओं में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं’, अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में बोले अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। उन्होंने इस सम्मेलन में हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है। अमित शाह ने हिंदी को सभी क्षेत्रीय भाषाओं का दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि हिंदी और सभी क्षेत्रीय भाषा एक-दूसरे के पूरक हैं।

अमित शाह ने कहा, “कई लोगों का कहना है कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है, क्योंकि हिंदी सभी क्षेत्रीय भाषाओं की दोस्त है। हिंदी और क्षेत्रीय भाषाएं एक दूसरे के पूरक हैं। हमने फैसला किया कि हम हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच संबंधों को मजबूत बनाएंगे। प्रत्येक लेख, भाषण या साहित्यिक कृति जो हिंदी में है, उन सभी का अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा और इसके विपरीत क्षेत्रीय भाषाओं का अनुवाद हिंदी में होगा। मुझे लगता है कि यह समय की मांग है।”

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से दुनिया को हिंदी में संबोधित कर हिंदी के प्रति स्वीकार्यता बढ़ाई है। उन्होंने आगे कहा, “जब अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र को हिंदी में संबोधित किया था तो पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो गई थी। आज हम संयुक्त राष्ट्र की भाषा और 10 से अधिक देशों की दूसरी प्रमुख भाषा बन गए हैं। हिंदी अब अंतरराष्ट्रीय भाषा बनने की राह में है।”

बता दें कि इससे पहले अमित शाह ने आज हिंदी दिवस के मौके पर खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए हिंदी बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंदी और स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है।

‘संवेदनशील सूचना के चलते उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में हो रही देरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि सरकार के पास मौजूद संवेदनशील जानकारी के चलते उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी हो रही है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से कुछ इनपुट मिले हैं, जो संवेदनशील प्रकृति के हैं।

अटॉर्नी जनरल ने सीलबंद लिफाफे में दी जानकारी
अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि ‘इन मुद्दों को सार्वजनिक करना न तो संस्थान के हित में होगा और न ही इसमें शामिल न्यायाधीशों के हित में।’ अटॉर्नी जनरल ने इनपुट और सुझाव वाला एक सीलबंद लिफाफा पीठ के अवलोकन के लिए सौंपा। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 20 सितंबर को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस याचिका में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर एक तय समय सीमा में फैसला लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में की गई हैं ये मांगें
याचिका में कहा गया है कि ‘न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को अधिसूचित करने के लिए समय सीमा तय नहीं होने से सरकार मनमाने ढंग से नियुक्तियों को अधिसूचित करने में देरी करती है। इससे न्यायिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात होता है। साथ ही संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ती है और न्यायालय की गरिमा और बुद्धिमत्ता का अपमान होता है। याचिका में ये भी कहा गया है कि यदि किसी नाम पर आपत्ति नहीं की जाती है या निश्चित समय अवधि के अंत तक नियुक्तियों को अधिसूचित नहीं किया जाता है, तो ऐसे न्यायाधीशों की नियुक्तियों को अधिसूचित माना जाना चाहिए।

‘केरल के कितने सांसदों ने गांवों को गोद लिया और उनका विकास सुनिश्चित किया’, सुरेश गोपी ने किया सवाल

तिरुवनंतपुरम:  केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने शनिवार को सवाल किया कि केरल में कितने सांसदों ने गांवों को गोद लिया और उनका विकास सुनिश्चित किया, जैसा कि केंद्र ने यहां वेल्लायनी में किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत का मतलब लोगो की मदद करना होना चाहिए।

‘सांसदों ने वर्षों तक नहीं किया वेल्लायनी का विकास’
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने यह भी दावा किया कि तिरुवनंतपुरम से चुनाव जीतने वाले किसी भी सांसद ने वर्षों से वेल्लायनी के विकास के लिए कुछ नहीं किया। गांव में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए गोपी ने कहा कि जब वह राज्यसभा सांसद थे, तो उन्होंने गांव में बुनियादी सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुनिश्चित करने की पहल की थी।

‘चुनाव जीतने का मतलब जनता के लिए काम करना’
गोपी ने कहा, राज्य में कितने सांसद कह सकते हैं कि उन्होंने एक गांव को गोद लिया और उसका बुनियादी विकास सुनिश्चित किया और गांव की प्रकृति को बनाए रखा, उसे एक कंक्रीट के जंगल में नहीं बदला? उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने का मतलब केवल सत्ता में आना नहीं है, बल्कि इसका मकसद लोगों की भलाई के लिए काम करना होना चाहिए।

‘नए विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल अब समय की की जरूरत’
उदाहरण के तौर पर गोपी ने बताया कि कैसे उन्होंने एक गांव में विकास की पहल की और गांव की पारंपरिक खूबसूरती और ग्रामीण पहचान बनाए रखी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में और अधिक पर्यक स्थलों का निर्माण करने की जरूरत और उन्हें विश्व स्तरीय स्थलों के रूप में पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए पर्यटक स्थल अब समय की जरूरत है।

कामरुप जिले में जा रहे कांग्रेस नेताओं को स्थानीय लोगों ने बैरंग लौटाया, अतिक्रमण के दौरान हुआ था बवाल

असम में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर सोनापुर में अतिक्रमण वाली जगह पर जाने से रोक दिया, जहां दो दिन पहले पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मारे गए थे। जानकारी के मुताबिक विपक्षी पार्टी के कई विधायक और नेता स्थानीय लोगों से मिलने कोचुटोली गांव गए थे, लेकिन लोगों के एक समूह ने वहां पहुंचने से पहले ही उनके वाहनों को रोक दिया।

स्थानीय लोगों ने कांग्रेस नेताओं से नहीं की बात
मामले में कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि हम लोग अपनी कारों से उतरकर पैदल ही स्थल पर जाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें वहां जाने की भी अनुमति नहीं दी। वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने स्थानीय लोगों से बात करने की कोशिश की और कहा कि प्रतिनिधिमंडल सभी पक्षों की बात सुनने आया है।

पुलिस का गोली मारना बर्दाश्त नहीं- कांग्रेस
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर हम लोगों की सभी जायज चिंताओं को उठाएंगे। कांग्रेस जायज मांगों के लिए आंदोलनों में हिस्सा लेगी। लेकिन साथ ही पुलिस की तरफ से लोगों की गोली मारकर हत्या करना और बिना नोटिस के लोगों को बेदखल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पुलिस पर हमला करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हम शांतिपूर्ण असम चाहते हैं। राज्य में अब कानून-व्यवस्था नहीं रह गई है। बता दें कि कोचुटोली गांव में बंगाली भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को बेदखल करने का अभियान गुरुवार को हिंसक हो गया था, जब अतिक्रमणकारियों के एक वर्ग ने कथित तौर पर अभियान चला रहे अधिकारियों पर धारदार हथियारों और पत्थरों से अचानक हमला कर दिया था।

कामरुप जिले में कैसे और क्यों ऊपजा था बवाल?
कामरुप जिले के जिले के कोचुटोली गांव में कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बवाल हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत और 11 लोग घायल हो गए थे। वहीं इस मामले में डीजीपी ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इसके बाद स्थिति की समीक्षा और पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद डीजीपी ने बताया था कि गुरुवार को पुलिस पर ग्रामीणों की तरफ से किया गया हमला एक खास वर्ग की तरफ से ‘साजिश’ होने का संदेह है, क्योंकि सोमवार से ये अभियान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। इसमें 22 पुलिसकर्मियों समेत कुल 33 लोग घायल हुए हैं।

वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत में बढ़ेंगी 624 सीटें, 16 सितंबर को PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

वाराणसी:  सांस्कृतिक राजधानी काशी से देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में 624 सीटें बढ़ जाएंगी। प्रयागराज और कानपुर होकर दिल्ली आवाजाही करने वाली दोनों वंदे भारत में चार-चार कोच बढ़ाएं जा रहे हैं। पहले सिर्फ एक ही ट्रेन में यह व्यवस्था हो रही थी, लेकिन रेलवे बोर्ड ने दोनों ट्रेन में चार-चार कोच बढ़ाए जाने का आदेश दिया है।

इस प्रकार 16-16 कोच वाली वंदे भारत 20-20 कोच से लैस होकर चलेंगी। एक कोच में 78 सीटें होंगी। इस तरह आठ कोच में 624 बर्थ यात्रियों को मिलेगा। 22315 वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे कैंट स्टेशन से रवाना होकर दोपहर 2 बजे दिल्ली पहुंचती है।

वहीं, 22435 वंदे भारत एक्सप्रेस अपराह्न तीन बजे कैंट से खुलती है और रात 11 बजे दिल्ली पहुंचती हैं। उधर, दिल्ली से सुबह छह बजे 22436 वंदे भारत रवाना होती है। दोपहर 2 बजे वाराणसी कैंट पहुंचती है। अपराह्न तीन बजे 22416 वंदे भारत रवाना होकर रात 11 बजे कैंट पहुंचती है।

आने वाले दशहरा, दिवाली और छठ पूजा में लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को इस व्यवस्था से बहुत राहत होगी। रेल अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी स्लीपर और वातानुकूलित कोच की संख्या बढ़ाए जाएगी। 16 सितंबर की शाम 4 बजे कैंट स्टेशन से दोनों रैक का शुभारंभ होगा।

लंबी दूरी की ट्रेन का प्रयागराज तक होगा ट्रायल
20 कोच से लैस होकर भले ही वंदे भारत चलेगी, लेकिन ट्रायल सबसे छोटी दूरी के लिए होगा। कैंट वाराणसी से शुभारंभ के बाद वंदे भारत पहले ठहराव यानी प्रयागराज में 15 मिनट गुजारने के बाद पुन: कैंट लौट आएगी। उत्तर रेल अधिकारियों ने 15 और 16 सितंबर को वंदे भारत शुभारंभ की तैयारियों की शुक्रवार को समीक्षा की। विभागवार अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां तय की गईं।

कासगंज के बाद आगरा में महिला अधिवक्ता की हत्या…पति की हालत गंभीर, जेठ के परिवार पर आरोप

आगरा:  आगरा के अमरपुरा (जगदीशपुरा) में सबमर्सिबल पंप सही कराने के विवाद में बड़े भाई ने छोटे भाई पर हमला बोल दिया। छोटे भाई की अधिवक्ता पत्नी शालिनी राजपूत को डंडे और सरिया से पीटा। उनके सिर में गहरी चोट लगी। उन्होंने इलाज के दाैरान दम तोड़ दिया। उनके पति भी गंभीर घायल हैं। पुलिस ने जेठ-जेठानी सहित 7 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी घर से फरार है।

अधिवक्ता शालिनी राजपूत के पति मनोज राजपूत चांदी की पायल का काम करते हैं। उनकी शादी को 10 साल हुए थे। मनोज और उनके बड़े भाई अजय अलग-अलग घर में रहते हैं। मनोज के घर के बाहर सबमर्सिबल पंप लगा हुआ है। पंप खराब हो गया था। बुधवार दोपहर को वह पंप को सही कहा रहे थे। इसका चैंबर भी बनाया जाना था।

आरोप है कि पंप को सही कराने के दाैरान शालिनी के जेठ अजय, जेठानी सपना, दीपक, पूजा, पुष्पा देवी, राजकुमारी, आकाश सहित अन्य लोग आ गए। उन्होंने लाठी-डंडे और सरिया से हमला बोल दिया। शालिनी और मनोज को बेरहमी से पीटा। उनके सिर में गंभीर चोट लगीं। परिजन ने उन्हें सिकंदरा स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बृहस्पतिवार को हालत बिगड़ने पर उन्हें एसएन मेडिकल कालेज इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां उनकी माैत हो गई।थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मृतका के भाई शिवशंकर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी चचिया सास राजकुमारी को गिरफ्तार किया है। अन्य फरार हैं।

अधिवक्ताओं में आक्रोश
अधिवक्ता शालिनी की हत्या से दीवानी के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। विभिन्न बार एसोसिएशन ने कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अधिवक्ताओं के साथ लगातार घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई में लापरवाही बरत रही है। शालिनी के साथ दो दिन पहले घटना हुई थी, लेकिन पुलिस एक ही आरोपी को पकड़ सकी। मुख्य हमलावर अब तक फरार हैं।

अधिवक्ता के दो बच्चे
शालिनी के दो बेटे गणेश और लड्डू हैं। परिवार के लोगों ने बताया कि शालिनी की माैत के बाद बच्चे कैसे रह पाएंगे। उन्हें काैन संभालेगा। यही चिंता सभी को सता रही है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

वंचितों को मिला जब ‘बावा’ का स्नेहिल स्पर्श; झूम उठा बचपन, खिल उठे चहरे

कोलकाता: बचपन को अगर एक शब्द में परिभाषित करना हो तो कह सकते हैं, बचपन यानी मौज-मस्ती। इसके सिवाय और कुछ नहीं। बच्चे तो बच्चे होते हैं…बच्चों की न कोई जात होती है न ही कोई धर्म। वे तो स्वच्छंद, खिलंदड़ होते हैं। मस्त मौला…खूब खेलना और खुद मस्ती करना। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि क्या सभी बच्चों की बचपन ऐसे गुजरती है…। उत्तर मिलेगा शायद नहीं…। इसलिए ऐसे वंचित बच्चों के जीवन में थोड़ी मस्ती, थोड़ी खुशी और शिक्षा की रोशनी को जगाने का बीड़ा उठाया है, ‘बावा’ यानी बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ने।

इसी क्रम में शुक्रवार को ‘बावा’ पूर्वी कमान ने कोलकाता के हेस्टिंग्स आश्रय में कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया। तपती गर्मी में जब वंचितों बच्चों के सिर पर ममतामयी स्नेहिल स्पर्श मिला। ममता की स्नेहिल छांव में वंचितों का बचपन झूम उठा और
चेहरे खुशी के मारे खिल उठे। इसलिए भी शायद कहा जाता है, ‘नर सेवा ही, नारायण सेवा है’।

आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर की मदद
बीएसएफ के पूर्वी कमान के प्रवक्ता संजय गुप्ता ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (बावा) द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कल्याणकारी गतिविधियों के अपने संकल्प को ध्यान में रखते हुए, कोलकाता के हास्टिंग्स शेल्टर एरिया में एक समुदाय कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व बावा पूर्वी कमान की प्रमुख डॉ. प्रेमा गांधी ने किया। इसका उद्देश्य है आश्रय गृह के निवासियों को आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर उनकी सहायता करना। इस दौरान बावा के सदस्यों ने आश्रय गृह के निवासियों को पका हुआ गर्म भोजन, कपड़े, राशन और स्टेशनरी इत्यादि का वितरण किया, ताकि उनकी तत्कालिक ज़रूरतें पूरी की जा सके। डॉ. प्रेमा गांधी, जो वंचितों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रही हैं, ने अन्य बीएसएफ बावा सदस्यों के साथ मिलकर ज़रूरतमंद लोगों को सामान वितरित किया।

शिक्षा तोड़ सकती है गरीबी का चक्रः गांधी
गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम का एक मुख्य पहलू शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना था। डॉ. प्रेमा गांधी और बावा के सदस्यों ने व्यक्तिगत रूप से माता-पिता और बच्चों से संपर्क किया और उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रेरित किया कि कैसे शिक्षा गरीबी के चक्र को तोड़ने और परिवारों के सामाजिक उत्थान में योगदान देने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाती है। बावा के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने काफी सराहना की।

विदेश मंत्री ने जेनेवा में भारतीय मिशन का उद्घाटन किया, डॉ आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया

नई दिल्ली :भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 12-13 सितंबर को स्विट्जरलैंड के दौरे पर रहे। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि विदेश मंत्री ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात की। साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त वॉल्कर टर्क, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक डॉ. टेड्रोस गैब्रेसियस से भी मुलाकात की।

इन मुलाकात में बहुपक्षीयवाद, मानवाधिकार और मौजूदा भू-राजनीति के मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य और पारंपरिक स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

हंसा मेहता के नाम पर हॉल का नामकरण
विदेश मंत्री ने जेनेवा में नए भारतीय मिशन का उद्घाटन किया। इस मिशन में संयुक्त राष्ट्र में तैनात रहने वाले अधिकारी, विश्व व्यापार संगठन और भारत के महावाणिज्यदूत रहेंगे। विदेश मंत्री ने भारतीय मिशन के परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया।

साथ ही मिशन के एक हॉल का नामकरण मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता हंसा मेहता के नाम पर भी किया। हंसा मेहता ने ही मानवाधिकार के वैश्विक डिक्लेयरेशन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्री ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत परिसर में एक पेड़ भी लगाया।

‘द बकिंघम मर्डर्स’ की धीमी शुरुआत, ‘स्त्री 2’ और ‘गोट’ ने कमाए इतने करोड़

करीना कपूर अभिनीत फिल्म द बकिंघम मर्डर्स ने हाल ही में सिनेमाघरों में दस्तक दी है। फिल्म की कमाई की शुरुआत धीमी हुई है। वहीं, बॉक्स ऑफिस पर स्त्री 2 का जलवा अब भी देखने को मिल रहा है। इसके, विजय जोसेफ उर्फ दलपति विजय की फिल्म द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आइए जानते हैं कि शुक्रवार को कौन सी फिल्म ने कैसा प्रदर्शन किया।

द बकिंघम मर्डर्स
फिल्म जानें जां के बाद करीना कपूर द बकिंघम मर्डर्स नाम की क्राइम थ्रिलर फिल्म में नजर आई हैं। इसका निर्देशन हंसल मेहता ने किया है। पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म की कमाई की गति सुस्त नजर आई। शुक्रवार को फिल्म ने महज एक करोड़ 15 लाख रुपये का कलेक्शन किया। उम्मीद जताई जा रही है कि करीना कपूर की दमदार अदाकारी शनिवार और रविवार को दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में कामयाब रहेगी।

स्त्री 2
श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव अभिनीत फिल्म स्त्री 2 अब भी छप्परफाड़ कारोबार कर रही है। कमाई के मामले में यह हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब फिल्मों में से एक बन चुकी है। पठान और गदर 2 के हिंदी भाषा की कमाई को पीछे छोड़ने के बाद अब फिल्म की निगाहें शाहरुख खान के जवान के हिंदी संस्करण के कारोबार को पीछे छोड़ने पर हैं।

पहले हफ्ते में स्त्री 2 ने 291.65 करोड़ का कलेक्शन किया था। वहीं, दूसरे हफ्ते में इसने 141.4 करोड़ रुपये बटोरे थे। तीसरे हफ्ते में फिल्म की कमाई 70.2 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा चौथे हफ्ते ने 36.1 करोड़ रुपये का कारोबार किया। पांचवें हफ्ते में भी फिल्म की मजबूत पकड़ बरकरार है। 30वें दिन इस फिल्म ने तीन करोड़ 35 लाख रुपये का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही फिल्म की कुल कमाई 542.7 करोड़ रुपये हो गई है।

गोट
विजय की फिल्म गोट हाल ही में रिलीज हुई है। हालांकि, यह फिल्म उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी है। फिल्म के बड़े बजट के हिसाब से इसकी कमाई की रफ्तार को सुस्त ही कहा जाएगा। पहले हफ्ते में फिल्म ने सभी भाषाओं को मिलाकर 178 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। वहीं, दूसरे शुक्रवार को फिल्म ने छह करोड़ 94 लाख रुपये की कमाई की। इसके साथ ही गोट का कुल कलेक्शन 184.94 करोड़ रुपये हो गया है।