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अनंत चतुर्दशी पर करनी है श्रीहरि की पूजा तो भगवान विष्णु के इन मंदिरों के करें दर्शन

गणेश चतुर्थी के 10 दिन बार अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना होती है तो वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। वैसे इस दिन त्रिदेवों में से एक भगवान विष्णु की विशेष पूजा का महत्व है। अनंत चतुर्दशी को अनंत व्रत भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व भगवान हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 17 सितंबर को मनाया जा रहा है।

भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है। जब-जब धरती पर अधर्म, असत्य, अन्याय और पाप बढ़ता है, भगवान विष्णु धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। त्रेता युग में भगवान राम और द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में उन्होंने अवतार लिया था।

अनंत चतुर्दशी के मौके पर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहते हैं तो भारत में उनके प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। आइए जानते हैं श्री हरि के दर्शन के लिए प्राचीन और प्रसिद्ध भगवान विष्णु के मंदिरों के बारे में।

आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर

भगवान विष्णु तिरुपति बालाजी में भगवान वेंकटेश्वर के नाम से विराजमान हैं। यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित है, जो कि भगवान विष्णु के प्रमुख मंदिरों में से एक है। तिरुपति बाला जी के दर्शन के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु आते हैं। इस कारण यहां ठहरने और यात्रा के लिए पहले से ही व्यवस्था कर लेनी चाहिए।

ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर पुरी

ओडिशा राज्य में पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। उन्हें वहां भगवान जगन्नाथ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर भारत के चार धामों में से एक है। रथ यात्रा के दौरान भगवान साल में एक बार अपने गर्भगृह से बाहर आकर शहर के भ्रमण पर निकलते हैं।

तमिलनाडु का श्री राजगोपाल स्वामी मंदिर

भगवान विष्णु के अधिकतर मंदिर दक्षिण भारत में स्थित हैं। इन मंदिरों में से एक तमिलनाडु राज्य में है। तमिलनाडु के श्रीरंगम में राजा गोपाल स्वामी मंदिर है, जो भगवान विष्णु का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर अपने आकार और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है और इसे भारत का सबसे बड़ा तिरुपति भी माना जाता है। यहां भगवान विष्णु के रूप रंग नाथ की पूजा की जाती है, और यहां सालभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

शारदीय नवरात्रि के लिए अभी से तैयार करें अपना आउटफिट, गरबा नाइट में पहनकर बिखेरें जलवा

हर साल की तरह इस साल भी लोगों ने शारदीय नवरात्रि की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि पूजा के साथ-साथ खुशियों का भी त्योहार होता है। इस नवरात्रि में जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल लगते हैं, जिनमें डांडिया और गरबा नाइट्स का आयोजन होता है।

मां दुर्गा की पूजा से पहले पुरुष और महिलाएं मिलकर गरबा खेलते हैं। इसके लिए पहले से शॉपिंग करने लगते हैं ताकि इस खास आयोजन में वह सुंदर और प्रभावी दिख सकें। पुरुषों के लिए तो गरबा की शॉपिंग करना आसान होता है, लेकिन महिलाओं के लिए गरबा के लिए सही घाघरा चोली का चुनाव मुश्किल होता है। ऐसे में हम आपको इस लेख में लहंगे के कुछ लेटेस्ट डिजाइन दिखाने जा रहे हैं, जिनसे टिप्स लेकर आप अपना लहंगा अभी से तैयार करा सकती हैं।

कंगना रणौत

अगर गरबा नाइट के लिए कुछ हैवी बनवाने का सोच रहीं हैं तो कंगना के इस लुक से टिप्स लें। इस तरह के लहंगे के साथ ज्वेलरी भी हैवी ही पहनें। उसी से इसका लुक प्यारा दिखेगा।

जान्हवी कपूर

गरबा नाइट में मिरर वर्क में का लहंगा प्यारा दिखता है। जब इस पर लाइट्स पड़ती हैं, तो इसकी खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में जान्हवी के जैसा लहंगा बनवाएं।

कटरीना कैफ

फ्लोरल प्रिंट का लहंगा आपको खूबसूरत दिखने में मदद करेगा। लाइट ब्लू रंग के इस लहंगे में जेब भी है। ऐसे में अगर आप भी ऐसा लहंगा बनवाएंगी तो गरबा खेलते वक्त फोन और अन्य सामान जेब में रख सकती हैं।

माधुरी दीक्षित

अगर आपको लाइट रंग का लहंगा पसंद है तो माधुरी दीक्षित के जैसा आइवरी लहंगा तैयार कराएं। ऐसे लहंगे के साथ गले में ग्रीन रंग का सेट पहनें। हल्के रंग के साथ डार्क ज्वेलरी ही प्यारी लगती है।

आलिया भट्ट

अगर मल्टीकलर लहंगा पहनने का मन है तो आलिया भट्ट के जैसा लहंगा तैयार कराएं। अगर आप ऐसा ब्लाउज तैयार कराएंगी तो आपको इसके साथ दुपट्टा कैरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ हेयर स्टाइल भी खास तरह की ही बनाएं।

इन योगासनों से मक्खन की तरह पिघल सकती है कमर की चर्बी, एक महीने में दिखेगा असर

निष्क्रिय शारीरिक गतिविधि, बिगड़ी जीवनशैली और गलत खानपान के कारण शरीर के कई अंगों में चर्बी बढ़ जाती है। अधिकतर मामलों में इसका असर पुरुषों के पेट पर और महिलाओं की कमर पर दिखता है, जो चर्बी के कारण साइज में मोटी दिखने लगती है। अधिकतर महिलाएं अपने शरीर में पतली कमर की चाह रखती हैं। ऐसे में वह अपना वजन कम करने के साथ ही शरीर के कुछ हिस्सों में जमा फैट या चर्बी को कम करना चाहती हैं।

चर्बी कम करने के लिए लोग डाइट का सहारा लेते हैं,हालांकि इससे वजन बढ़ने से रोका जा सकता है लेकिन चर्बी को घटाया नहीं जा सकता। कमर पर जमी चर्बी को घटाकर अभिनेत्रियों जैसी सुडौल और पतली कमर के लिए कुछ योगासन कारगर हो सकते हैं। योग से शरीर के अंगों में जमा फैट बर्न किया जा सकता है। अलग अलग अंगों की चर्बी कम करने के लिए अलग अलग योग क्रियाएं हैं। यहां कमर की चर्बी को कम करने के लिए असरदार योगासनों के बारे में बताया जा रहा है, जिसे अपनाकर मक्खन की तरह वसा को पिघलाया जा सकता है।

नौकासन

नौकासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को टोंड किया जा सकता है और कमर के आसपास जमा चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। ये आसन शरीर के मध्य भाग को मजबूत बनाता है और पेट व कमर को स्लिम बनाता है। नौकासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर धीरे धीरे पैरों और ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं। इससे शरीर नाव की तरह वी आकार में आ जाएगा। इस स्थिति में 20-30 सेकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थित में आ जाएं। इस आसन को 3-4 बार दोहराएं।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

इस आसन से पेट के आसपास के अंगों को मजबूती मिलती है और कमर के हिस्से में चर्बी को कम करने में सहायता मिलती है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास पाचन तंत्र को भी उत्तेजित करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए जमीन पर बैठकर एक पैर को दूसरे पैर के ऊपर मोड़ें। कमर को घुमाएं और पीछे की ओर देखें। इस स्थिति में कुछ सेकेंड रहने के बाद दूसरी ओर से भी यह प्रक्रिया दोहराएं।

उधमपुर-कठुआ के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, दो आतंकी ढेर, ऑपरेशन जारी

जम्मू:  जम्मू और कश्मीर के उधमपुर और कठुआ जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है। मुठभेड़ की शुरुआत के बाद से सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी थी। अभी ऑपरेशन जारी है। उधमपुर और कठुआ जिलों के इन संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने गहन तलाशी अभियान शुरू किया है।

इलाके में भारी बारिश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबल आतंकवादियों को ढूंढने में सफल रहे हैं। इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकियों के पास से एक एम 4 राइफल, एके राइफल और पिस्टल समेत विभिन्न हथियार बरामद किए हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर करेगा नंदी अभ्यारण्य की शुरुआत, गोशाला का विस्तार करने की भी तैयारी

वाराणसी:श्री काशी विश्वनाथ धाम नंदी अभ्यारण्य स्थापित करने जा रहा है। मंदिर की खाली पड़ी जमीन पर इस अभ्यारण्य को मूर्त रूप देने की योजना है। मंदिर की जमीन पर चल रही गोशाला का विस्तार करने की भी तैयारी है।

जमीन के अधिग्रहण का काम भी पूरा हो चुका है। न्यास की ओर से इसकी कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई है और हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। बाबा विश्वनाथ मंदिर और धाम में उनके गणों को प्रमुख स्थान मिला हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से गाय, बैल और सांड के संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की है।

इसके तहत नंदी अभ्यारण्य और गोशाला के संचालन की योजना है। बेनीपुर में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ने गोशाला के संचालन के लिए ढाई एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है।

न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि ढाई एकड़ जमीन गोशाला के लिए अधिग्रहीत की गई है। वहीं, चंदौली में मंदिर की खाली पड़ी जमीन पर नंदी अभ्यारण्य की भी योजना है। यह पहला अभ्यारण्य होगा जहां वाराणसी समेत आसपास के जिलों के नंदी को बचाने के साथ ही सुरम्य वातावरण मिलेगा।

रेल ट्रैक में खराबी की वजह से पलटी थीं बोगियां-CRS जांच में सामने आई गड़बड़ी

गोरखपुर:  गोंडा रेल हादसे की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच में हादसे की वजह ट्रैक में गड़बड़ी बताई गई है। उन्होंने भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में तीन-चार अफसरों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई हो सकती है।

घटनास्थल के स्टेशन मास्टर को भी कॉसन लेने में तत्परता नहीं दिखाने का आरोपी बताया गया है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है, लेकिन रिपोर्ट चर्चा में है।

बीते 18 जुलाई को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 1500 यात्रियों को लेकर डिब्रूगढ़ जा रही चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस गोंडा-मनकापुर रेलखंड के झिलाही स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। ट्रेन के 14 डिब्बे पलट गए थे। इस ट्रेन के सेकंड एसी में 52, थर्ड एसी में 288, स्लीपर क्लास में 820 और जनरल डिब्बों में करीब 300 यात्री सवार थे।

हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 25 घायल हो गए थे। घटना के तुरंत बाद सीआरएस जांच के आदेश दिए गए थे। अगले दिन ही सीआरएस ने मौके पर जाकर जांच शुरू करने के साथ ही अलग-अलग संरक्षा, सुरक्षा, सिग्नल, इंजीनियरिंग, यांत्रिक और ट्रैफिक से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की थी।

इसके अलावा स्वतंत्र गवाहों को भी अपनी बात रखने का मौका दिया गया था। गोंडा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन दोपहर 2.25 बजे पहुंची और 2.28 बजे यहां से निकली। गोंडा मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर मोतीगंज-झिलाही बाजार के बीच 2.41 बजे ट्रेन बेपटरी होकर पलट गई। एक-एक करके 14 कोच पटरी से उतर गए, जिनमें से छह पलट गए थे।

24 कोच वाली ट्रेन के इंजन के बाद एसी के छह कोच लगे थे, जिनमें दो कोच पटरी से उतरकर पलट गए। इसके बाद एसी के चार अन्य कोच भी पलट गए। हादसे के समय ट्रेन की रफ्तार करीब 90 किमी प्रतिघंटे से अधिक थी। चर्चा है कि खराब रेल पटरी पर तेज गति से ट्रेन गुजरी तो डिब्बे अनियंत्रित हो गए।

पहले दिन ही उठे थे ट्रैक पर सवाल
घटना के तत्काल बाद ही ट्रैक की हालत को लेकर सवाल उठने लगे थे। ट्रैक की निगरानी करने वाले एक कर्मचारी का मोबाइल ऑडियो भी लीक हुआ था, जिसमें पटरी खराब होने की जानकारी दी गई थी। घटना से कुछ देर पहले ही मरम्मत से पूर्व ट्रेनों को कॉशन पर चलाने की बात भी हुई थी, लेकिन जब तक निर्णय हो पाता, ट्रेन ट्रैक पर पहुंच चुकी थी। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट के आधार पर इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सकती है।

भदोही में सपा विधायक के घर से बाल श्रम के आरोप में किशोरी बरामद, दो दिन पहले मिला था नाबालिग का शव

वाराणसी:  भदोही में समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग के आवास से श्रम प्रवर्तन विभाग और पुलिस की टीम ने बाल श्रम के आरोप में एक किशोरी को बरामद किया है। मामले में प्रशासन जांच में जुटा है। बता दें कि सोमवार को विधायक के आवास पर एक कमरे में घरेलू कार्य करने वाली एक लड़की का शव बरामद हुआ था। शव मिलने के एक दिन बाद मंगलवार को प्रशासन की टीम ने घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली एक किशोरी को बरामद किया है।

यह है मामला
भदोही विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सोमवार को उनके आवास पर कई वर्षों से घरेलू काम करने वाली एक 17 साल की लड़की का शव फंदे से लटकता मिला था। मामले में पुलिस द्वारा जांच पड़ताल जारी है। वहीं शव मिलने के दूसरे दिन प्रशासन की टीम ने एक नाबालिग किशोरी को विधायक के घर से बरामद किया।
बताया जाता है कि किशोरी लंबे समय से विधायक के आवास पर घरेलू कार्य कर रही थी। प्रशासन की टीम के द्वारा किशोरी का मेडिकल और मामले में अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन की टीम बाल श्रम को लेकर विभिन्न बिदुओं पर जांच में जुटी है।

उधर, बरामद की गई किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष मंगलवार की आधी रात में पेश किया गया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बरामद की गई किशोरी की उम्र 16 वर्ष के करीब है। प्रशासनिक टीम द्वारा आगे जिस तरह की रिपोर्ट सौंपी जाएंगी उसके अनुसार मामले में कदम उठाया जाएगा।

पांच दिन पहले दोस्तों के साथ निकला था, घरवालों ने जताई हत्या की आशंका; दी तहरीर

आजमगढ़ : आजमगढ़ जिले के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के पांडेय पूरा गांव में बुधवार को बाजरे के खेत में एक किशोर का शव मिला। शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली तो वह फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, शव मिलने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। किशोर सात सितंबर को दोस्त के साथ गया था और घर नहीं लौटा। जिसे लेकर उसके बाबा त्रिलोकीनाथ चौबे ने फूलपुर कोतवाली में गांव के ही दो लोगों पर हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी है।

यह है मामला
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अंबारी गांव के पांडेय का पूरा गांव निवासी त्रिलोकीनाथ चौबे ने कोतवाली में तहरीर दी है। आरोप है कि सात सितंबर को उनका पोता हर्षित चौबे (16) पुत्र शिवम चौबे घर पर था। दिन में करीब नौ बजे घर से निकला जो वापस नहीं लौटा। उन्होंने गांव के ही दो युवकों पर आरोप लगाया कि हर्षित को उनके साथ कुछ लोगों द्वारा देखा गया।

पीड़ित परिवार ने अनहोनी की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद बुधवार की सुबह परिजन खुद उसकी तलाश के लिए निकले। घर से चंद कदम की दूरी पर बाजरे के खेत में हर्षित का शव क्षत- विक्षत हालत में मिला। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही पुलिस फोरेंसिक व डॉग स्क्वायड टीम के साथ पहुंची। पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। सीओ फूलपुर ने बताया कि सात सितंबर को हर्षित घर से कहीं गया था। वापस नहीं लौटा। परिजनों ने इसे लेकर थाने में तहरीर दी थी। जांच पड़ताल की जा रही है।

कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी देश की जनता; चीन की तारीफ पर राहुल गांधी पर बरसे

शाहजहांपुर:  शाहजहांपुर में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को भावलखेड़ा की चक विटारा सीएचसी का निरीक्षण किया। इसके बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में चीन की तारीफ की, इसको लेकर पूछे गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी की यह पुरानी आदत है। जब भी विदेश जाते हैं तो देश के खिलाफ बोलते हैं। देश और प्रदेश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद संचारी रोगों से निपटने और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है। इससे पहले उन्होंने सीएचसी में मरीजों से मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली।

एंबुलेंस को दिखाई हरी झंडी
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक बुधवार को विनोबा भावे की जयंती के मौके पर यहां पहुंचे थे। उन्होंने विनोबा भावे आश्रम में एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस एंबुलेंस को आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राज्यपाल आनंदी बेन द्वारा आश्रम को प्रदान किया गया है।

रामहरि समागम को किया संबोधित
विनोबा भावे आश्रम में आयोजित रामहरि समागम में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में अनेक ऐसे संत हुए हैं, जिन्होंने साधारण वस्त्र धारण कर अपना पूरा जीवन भारत माता के चरणों में न्योछावर कर दिया। ऐसे ही संत आचार्य विनोबा भावे थे, जो महात्मा गांधी के साथ आजादी की लड़ाई में कंधे से कंधे मिलाकर चले थे।

विनोबा भावे ने किया था भू-दान का आह्वान
ब्रजेश पाठक ने कहा कि आजादी के बाद विनोबा भावे को चिंता थी कि निर्धन भूमिहीनों का परिवार कैसे पालन होगा। तब उन्होंने पदयात्रा निकाल कर जमींदारों और राजाओं से भू-दान करने का आह्वान किया। उनके आंदोलन से जुड़कर बड़ी संख्या में लोगों ने जमीन को दान कर दिया।

भीषण गर्मी के बाद इस साल पड़ सकती है कड़ाके की ठंड, ला नीना का देखने को मिलेगा असर

नई दिल्ली: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के दीर्घावधि पूर्वानुमानों के वैश्विक उत्पादन केंद्रों की ओर से बुधवार को नई जानकारी दी।इससे सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान वर्तमान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना स्थितियों के उभरने की 55 फीसदी संभावना का संकेत मिलता है।

डब्ल्यूएमओ के अनुसार ‘अक्तूबर 2024 से फरवरी 2025 तक यह संभावना बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी और इस दौरान अल नीनो के फिर से विकसित होने की संभावना बहुत कम है।’

क्या है ला नीना और अल नीनो?
ला नीना, जिसका स्पेनिश में अनुवाद ‘एक लड़की’ होता है, पूरी तरह से अलग जलवायु व्यवहार के लिए जिम्मेदार है। ला नीना के दौरान, मजबूत पूर्वी धाराएं समुद्री जल को पश्चिम की ओर धकेलती हैं, जिससे समुद्र की सतह, विशेष रूप से भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में, ठंडी हो जाती है। यह अल नीनो के विपरीत है, जिसका स्पेनिश में अनुवाद ‘एक लड़का’ होता है और जब व्यापारिक हवाएं कमजोर होती हैं, तो गर्म समुद्र की स्थिति गर्म हो जाती है, जिससे गर्म पानी अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर पूर्व की ओर वापस चला जाता है।

मौसम विभाग की पुष्टि का इंतजार
ला नीना आमतौर पर भारत में मानसून के मौसम के दौरान तीव्र और लंबे समय तक बारिश और विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक ठंडी सर्दियों से जुड़ा होता है। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि ला नीना की स्थिति सामान्य से अधिक सर्दियां पैदा करेगी।

डब्ल्यूएमओ का कहना है कि प्राकृतिक रूप से होने वाली जलवायु घटनाएं जैसे ला नीना और अल नीनो घटनाएं मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही हैं। इससे वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, चरम मौसम और जलवायु घटनाओं को बढ़ा रही हैं और मौसमी वर्षा तथा तापमान को प्रभावित कर रही हैं।

ला नीना के कारण थोड़े समय के लिए ठंड
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा, ‘पिछले साल जून से हमने असाधारण वैश्विक भूमि और समुद्री सतह के तापमान को देखा है। भले ही ला नीना के कारण थोड़े समय के लिए सही लेकिन बहुत अधिक ठंड पड़ सकती है। मगर, यह वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के कारण बढ़ते वैश्विक तापमान के दीर्घकालिक प्रक्षेपवक्र को नहीं बदलेगी।’