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भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बना फूलपुर विधानसभा का उपचुनाव, सीएम योगी ने संभाली कमान

प्रयागराज:फूलपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर भाजपा से बढ़त लेनी वाली सपा उपचुनाव में भी कड़ी टक्कर देती दिखाई दे रही है।

भारतीय जनता पार्टी के लिए इस विधानसभा का उपचुनाव किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है। इसी वजह से पार्टी ने जहां पिछले दिनों ही डिप्टी सीएम केशव को इस सीट का प्रभारी बना दिया तो वहीं अब सीएम योगी ने भी ड्राइविंग सीट संभाल ली है। क्योंकि यह चुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

प्रदेश में अभी तक उपचुनावों की तिथि का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी पार्टियां जीत के लिए जोर लगाना शुरू कर चुकी हैं। भाजपा अयोध्या की मिल्कीपुर और फूलपुर विधानसभा सीट किसी भी कीमत पर जीतना चाह रही है। बुधवार को सीएम योगी इफको परिसर फूलपुर पहुंचे तो उन्होंने तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ ही अपने आक्रामक अंदाज में चुनावी माहौल बनाने का पूरा प्रयास भी किया।

वहीं, इंडी गठबंधन भी लोकसभा चुनाव की जीत को उपचुनावों में भी कायम रखने का दम भर रहा है। लोकसभा का चुनाव भले ही प्रवीण पटेल मामूली अंतर से चुनाव जीत गए हो लेकिन वह अपनी विधानसभा सीट पर बुरी तरह से हारे। यहां भाजपा को 89650 तो सपा प्रत्याशी को 107510 मत मिले। यानी इस सीट से सपा ने 17860 की लीड ली थी। अगर लोकसभा वाला परिणाम आया तो भाजपा के हाथ से यह सीट फिसल जाएगी। पिछले दो विधानसभा चुनाव से भाजपा यहां से चुनाव जीत रही है, जबकि उसके पूर्व 2012 में सपा तो 2007 में बसपा चुनाव जीती थी।
फूलपुर के 10647 युवाओं को दिए टैबलेट और स्मार्ट फोन

युुवाओं को अपने पाले में करने के लिए भाजपा यहां पूरी तन्मयता से जुटी है। बुधवार को इफको परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सरकार ने टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण के लिए सर्वाधिक युवा इसी विधानसभा के चुने। 15448 में से इस विधानसभा के 10647 लाभार्थी रहे। इतना ही नहीं, जिले में जिन 407 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ उसमें 146 योजनाएं सिर्फ फूलपुर विधानसभा की ही रहीं।

2022 में भी भाजपा प्रत्याशी की जीत की मार्जिन कम थी

2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा महज 2700 वोट से ही चुनाव जीत सकी थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब केशरी देवी पटेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था तो उन्होंने 110137 वोट हासिल किए, जबकि सपा प्रत्याशी 99553 मत ही हासिल कर सके थे।

यहां स्नान करने से संतान की होती है प्राप्ति, कुंड पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण

वाराणसी:  घाटों का शहर कहे जाने वाले बनारस में यूं तो बहुत कुछ है, देखने और जानने के लिए। लेकिन आज हम बताने जा रहे हैं बनारस के अनोखे कुंड के बारे में, जहां सूर्य की किरण सबसे पहले पड़ती है। इसे लोलार्क कुंड के नाम से जानते हैं। इतना ही नहीं सूर्योदय होने पर इस कुंड पर सबसे पहले सूर्य की किरण पड़ने के चलते इसे सूर्य कुंड भी कहा जाता है।

लोलार्क कुंड में स्नान करने मात्र से ही चर्म रोग से मुक्ति मिलती है। साथ ही कुंड में स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है। इस कुंड के बारे में बताया जाता है कि देवासुर के संग्राम के दौरान भगवान सूर्य के रथ का पहिया इसी स्थान पर गिरा था। जिसके बाद से इस कुंड का निर्माण हुआ और इस कुंड का नाम लोलार्क कुंड पड़ा।

9वीं सताब्दी से है कुंड में स्नान की परंपरा
लोलार्क कुंड की मान्यता है कि संतान प्राप्ति की कामना के साथ सच्चे मन और श्रद्धा के साथ कुंड में स्नान करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। कुंड में उतरने के लिए उत्तर, दक्षिण और पश्चिम तीनो दिशाओं से लंबी सीढ़ियां बनाई गई हैं। इसके पूर्वी दिशा में एक बड़ी सी दीवार है।

कुंड के दक्षिण भाग में लोलार्ककेश्वर महादेव का मंदिर है। मंदिर के प्रधान पुजारी रमेश कुमार पांडेय बताते हैं कि 9वीं सताब्दी से कुंड में स्नान की परंपरा है। यहां राजा गढ़वाल नरेश ने अपनी सातों रानियों के साथ स्नान किया था, जिसके बाद उन्हें संतान की प्राप्ति हुई। पुजारी बताते हैं कि कुंड का निर्माण 9वीं सताब्दी में गढ़वाल नरेश के द्वारा किया गया था। वहीं अहिल्याबाई होलकर ने कुंड का पुनरुद्धार किया था।

भगवान सूर्य ने किया था लोलार्ककेश्वर महादेव की स्थापना
पुजारी बताते हैं कि मंदिर में लोलार्ककेश्वर महादेव की स्थापना भगवान सूर्य ने किया था। विश्व में पहला ऐसा शिवलिंग है जो अर्घापूर्व की तरफ है। ऐसा शिवलिंग विश्व में कहीं नहीं मिलेगा। सभी शिवलिंग उत्तर की तरफ हैं।

135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी स्वदेशी तकनीक से तैयार मेट्रो, ये हैं खासियत

मेरठ:  वर्ष 2025 में मेरठ में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने के लिए आरआरटीएस ने काम तेज कर दिया है। स्वदेशी तकनीक पर गुजरात के सांवली में तैयार किए गए मेट्रो कोच और इंजन दुहाई डिपो में पहुंचने लगे हैं। अभी तक पांच मेट्रो ट्रेन डिपो में पहुंच चुकी है। यहां इनकी टेस्टिंग भी शुरू हो गई है।

मेरठ में कुल 12 मेट्रो चलेंगी
ट्रेन के डिब्बे गुजरात से बड़े ट्रॉले में लाए जा रहे हैं। डिपो में डिब्बों को जोड़ा जा रहा है। इन सभी की टेस्टिंग शुरू हो गई है। इसके लिए डिपो में 700 मीटर लंबा ट्रैक बनाया है। शताब्दीनगर में विद्युत आपूर्ति के लिए पावर सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है, जबकि मोदीपुरम में दूसरे सब स्टेशन का काम चल रहा है। मेरठ में कुल 12 मेट्रो चलेंगी। एक ट्रेन में तीन डिब्बे होंगे। दुहाई डिपो में पांच मेट्रो पहुंच गई हैं।

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि इस ट्रेन की स्पीड दिल्ली मेट्रो से अधिक होगी। ट्रेन 135 किलोमीटर की रफ्तार से मेरठ में दौड़ेगी। आज एनसीआरटीसी के एमडी शलभ गोयल कोच का अनावरण करेंगे।

तीन कोच की मेट्रो ट्रेन शहर में 13 स्टेशनों के बीच चलेगी। एक ट्रेन में 700 से अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। शुक्रवार तक दुहाई डिपो में मेट्रो के 10 कोच पहुंच गए, दो अभी आने बाकी हैं। रैपिड की अधिकतम रफ्तार जहां 180 किलोमीटर प्रतिघंटा है, वहीं मेट्रो की अधिकतम परिचालन गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इसकी टेस्टिंग लगातार हो रही है।

मेरठ सेक्शन में भूमिगत हिस्से में टनल निर्माण पूरा हो चुका है और एलिवेटेड हिस्से में वायडक्ट का निर्माण भी अंतिम चरण में चल रहा है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के बुनियादी ढांचे पर ही मेरठ मेट्रो ट्रेनें संचालित होंगी।

देश में एक कॉरिडोर पर दो तरह की ट्रेनें चलाने की अनोखी पहल है। मेरठ मेट्रो कॉरिडोर 23 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इसमें 18 किलोमीटर एलिवेटेड और पांच किलोमीटर भूमिगत हिस्सा शामिल है। एनसीआरटीसी के साथ एल्सटॉम कंपनी का अनुबंध किया गया है। कंपनी 15 वर्षों तक ट्रेनसेटों का रखरखाव करेगी।

गोरखपुर में उपराष्ट्रपति ने सीएम की मौजूदगी में किया लोकार्पण, बना UP का पहला स्कूल

गोरखपुर: गोरखपुर में देश के उपष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रदेश के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर आकर अभिभूत हूँ। सीएम योगी का आमंत्रण साधारण था पर संदेश बड़ा था। कहा, वैसे योगी का हर काम बड़ा होता है। यूपी में बड़ा बदलाव हो रहा है। शिक्षा से ही समाज में बदलाव हो सकता है। यूपी आज शिक्षा के क्षेत्र में नया प्रतिमान गढ़ रहा है।

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हम भारतीय हैं और राष्ट्र हमारा धर्म है। निजी स्वार्थ और राजनीति से उपर उठकर राष्ट्र धर्म का पालन करना चाहिए। इसे कमजोर करने वाले भारतीय संस्कृति पर कुथराघात कर रहे है। राष्ट्र से समझौता करने वाले राष्ट्र को धोखा दे रहे है, अवश्यकता है उन्हे समझाने की वरना यहां के हालात भी पड़ोसी देश पाकिस्तान जैसे हो जाएंगे।

उपराष्ट्रपति, शनिवार को खाद कारखाना परिसर में बने सैनिक स्कूल के लोकापर्ण समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सात साल पहले कैसा था, याद करें। यहां का नाम सुनकर लोग डरते थे, पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब उस डर को ही डरा दिया। यहां विकास की अद्भुत गंगा बह रही है।

गणेश चतुर्थी पर महाराष्ट्रीयन लुक में होना है तैयार तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

गणेश चतुर्थी का दिन हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी खास होता है। इस दिन गणपति जी महाराज का जन्मदिन होता है, जिसे हम सभी धूमधाम से मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों-पंडालों में बप्पा का स्वागत करते हैं और 10 दिन के लिए उन्हें वहीं स्थापित करते हैं। सबसे ज्यादा गणेश चतुर्थी की धूम महाराष्ट्र में दिखाई देती है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को पड़ रही है, ऐसे में लोगों ने बप्पा के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है।

बप्पा का स्वागत खूब अच्छे से सज-संवर के किया जाता है। ऐसे में महिलाएं इस दिन खूब अच्छे से तैयार होती हैं। अगर इस गणेश चतुर्थी पर आप पारंपरिक महाराष्ट्रीयन लुक में तैयार होना चाहती हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें। यहां हम आपको महाराष्ट्रीयन लुक कैरी करने के लिए कुछ टिप्स देने जा रहे हैं, ताकि आपका लुक सबसे प्यारा दिखे।

नौवारी साड़ी

गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप महाराष्ट्रीयन लुक में तैयार होना चाहती हैं तो सबसे पहले नौवारी साड़ी का चयन करें। इस तरह की नौवारी साड़ी देखने में प्यारी लगती है और ये महाराष्ट्रीयन लुक के लिए सबसे अहम है। ये साड़ी बाकी साड़ियों से लंबी होती है और इसे कैरी करने का स्टाइल भी अलग होता है।

गोल्ड ज्वेलरी

महाराष्ट्रीयन लुक में ज्यादातर महिलाएं गोल्ड ज्वेलरी ही पहनती हैं। अगर आपके पास सोने की ज्वेलरी नहीं है तो आप गोल्ड प्लेटेड ज्वेलरी का चयन भी कर सकती हैं। आपके ईयररिंग्स से लेकर नेकपीस तक गोल्ड में ही होने चाहिए।

पारंपरिक नथ

महाराष्ट्रीयन लुक को पूरा करने में ऐसी पारंपरिक नथ का अहम रोल होता है। इसके बिना आपका महाराष्ट्रीयन श्रृंगार अधूरा लगेगा। ऐसे में तैयार होते वक्त गलती से भी इसे न भूलें।

चांद बिंदी

माथे पर चांद बिंदी मराठी महिलाओं की शान होती है। ऐसे में अगर आप महाराष्ट्रीयन लुक कैरी कर रहीं हैं तो माथे पर साधारण बिंदी लगाने की जगह ऐसी चांद बिंदी ही लगाएं। ये देखने में भी प्यारी लगेगी और इसकी वजह से आपका लुक पूरा दिखेगा।

गजरे के साथ जूड़ा

अपने महाराष्ट्रीयन लुक को पूरा करने के लिए बालों में जूड़ा बनाएं। खुले बाल नौवारी साड़ी के साथ अच्छे नहीं लगे। ऐसे में बालों में जूड़ा बनाकर उसपर गजरा लगाएं। इससे आपकी खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे।

अनुष्का शर्मा और विराट कोहली कैसे करते हैं बच्चों की परवरिश, दिए पेरेंटिंग टिप्स

बच्चों की परवरिश बहुत ही जिम्मेदारी का काम होता है, जिसे माता पिता बखूबी निभाना चाहते हैं। आम अभिभावक हों या सेलिब्रिटी माता पिता सभी अपने बच्चे के पालन पोषण में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते और उन्हें एक अच्छी परवरिश देना चाहते हैं। बच्चों को सेहतमंद रखने के साथ ही उन्हें अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना अभिभावकों का प्रयास होता है।

यही प्रयास भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी व अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का भी है। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के दो बच्चे हैं, बेटी वमिका और बेटा अकाय। एक आयोजन में शामिल हुईं अनुष्का शर्मा ने पारिवारिक जीवन के बारे में खुलकर बात की। अनुष्का ने स्वीकार किया कि वह और विराट परफेक्ट अभिभावक नहीं। बच्चों की सेहत और डिसिप्लिन के लिए उन्हें सख्त रूटीन फॉलो करनी पड़ती है। आइए जानते है कि विराट कोहली और अनुष्का शर्मा कैसे अपने बच्चों वामिका और अकाय की परवरिश करते हैं।

अनुष्का ने बच्चों के लिए अपनाई सख्त रूटीन

अनुष्का शर्मा ने बताया कि परिवार के लिए वह एक सख्त रूटीन को फॉलो करती हैं। अक्सर विराट और अनुष्का को सफर करना होता है। बच्चे भी उनके साथ सफर पर जाते हैं। ट्रैवलिंग के कारण बच्चे भी काफी नए बदलाव महसूस करते हैं। हालांकि इन सब के बावजूद अनुष्का शर्मा अपने बच्चों को अनुशासन में रहना सिखाती हैं। इसके लिए वह बच्चों के समय के अनुसार एक रूटीन बनाकर रखती हैं, ताकि उनके दोनों बच्चे कंट्रोल में रहें।

हर अभिभावक को अपने बच्चे का एक रूटीन सेट करना चाहिए, ताकि बच्चों को पता हो कि कौन सा काम किस समय पर किया जाना चाहिए और समय के महत्व को समझना चाहिए।

समय का महत्व सिखाएं

अनुष्का इस बात का ध्यान देती हैं कि वामिका और अकाय के खाने का समय तय हो और उनके बच्चे उसी निश्चित समय पर ही खाना खाएं और समय पर सो जाएं।

अनुशासन के साथ ही बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए अनुष्का शर्मा हेल्दी लाइफस्टाइल रूटीन को फॉलो करती हैं। भले ही एक अभिनेत्री होने के नाते अनुष्का कितना भी व्यस्त हों लेकिन वह ध्यान रखती हैं कि उनके बच्चों की जीवनशैली स्वस्थ हो। समय पर भोजन करना और समय पर सोना व जगना, डिसिप्लिन के साथ ही अच्छी सेहत के लिए भी जरूरी है।

अनुष्का मे बताया कि वह बेटी वामिका को शाम 5:30 बजे डिनर करवा देती हैं। बेटी के साथ ही वह खुद भी जल्दी डिनर करने लगी हैं। जल्दी डिनर करने की वजह से अनुष्का खुद भी ज्यादा फिट महसूस करने लगी हैं। इसके साथ ही वह बच्चों के लिए पौष्टिक खानपान का भी ध्यान रखती हैं।

अनुष्का ने बताया जल्दी डिनर के फायदे

जल्दी डिनर करने के फायदे बताते हुए अनुष्का कहती हैं कि इस कारण आप समय पर सोते हैं, जिससे जीवनशैली और सेहत पर सकारात्मक बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। जल्दी सोने से बेहतर नींद आती है। सुबह उठने पर ज्यादा फ्रेश महसूस होता है और ब्रेन फॉग जैसी समस्या से भी राहत मिलती है।

विराट और अनुष्का के बच्चे क्या खाते हैं

अनुष्का ने पारंपरिक खाने के बारे में बताते हुए कहा कि उनके पति विराट और अनुष्का खुद अपने बच्चों के लिए खाना पकाते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि बच्चों के जरिए वह अगली पीढ़ी तक अपने ट्रेडिशनल फूड का स्वाद पहुंचा सकें। इसके लिए कई बार अनुष्का अपनी मां को फोन करके घर की रेसिपी मांग लेती हैं।

हर चार में से एक युवा इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या का शिकार, ये चार उपाय आपको रखेंगे सुरक्षित

युवा आबादी में बढ़ती कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बनी हुई हैं। कई मेडिकल रिपोर्ट्स चिंता जताते रहे हैं कि 40 से कम आयु वाली एक बड़ी आबादी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या झेल रही है। दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि इनमें से अधिकतर लोग अपनी इस परेशानी से अनजान हैं। हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी की गंभीर बीमारियों के लिए प्रमुख कारण माना जाता रहा है।

हालिया अध्ययन की रिपोर्ट से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 18-39 वर्ष की आयु के हर चार में से एक युवा को हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है।

शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक ने प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या कम उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रही है जो गंभीर चिंता का विषय है। स्कूल जाने वाले बच्चे भी इससे प्रभावित हैं। 8-19 वर्ष की आयु के 14 प्रतिशत से अधिक बच्चों में हाइपरटेंशन की दिक्कत देखी जा रही है। ये स्थिति भविष्य में हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती है।

युवाओं में बढ़ रही है ब्लड प्रेशर की दिक्कत

शिकागो में 5-8 सितंबर तक आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने बताया कि दो अलग-अलग अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप और अधूरी सामाजिक जरूरतें अमेरिका में युवा वयस्कों और बच्चों के लिए चिंता का विषय हैं। लगभग 23% युवा वयस्कों को उच्च रक्तचाप है। उच्च रक्तचाप वाले ज्यादातर वयस्क भोजन की कमी और कम आय वाले देखे गए हैं। मोटापे से ग्रस्त युवाओं में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक पाया गया है। इसके अलावा पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ब्लड प्रेशर की समस्या ज्यादा देखी जा रही है।

आइए उन उपायों के बारे में जानते हैं जिनपर ध्यान देकर आप इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

वजन नियंत्रित रखना सबसे जरूरी

अधिक वजन या मोटापा को ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारक माना जाता है। रक्तचाप को नियंत्रित बनाए रखने के लिए वजन को नियंत्रित रखना सबसे जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र से ही इसपर ध्यान दिया जाना चाहिए। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को सामान्य श्रेणी (18.5-24.9) में बनाए रखने की कोशिश करें।

देश में गणेश चतुर्थी की धूम, जोर-शोर से कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया बप्पा का स्वागत

नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर भारत में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग अपने घर में गणपति बप्पा का स्वागत जोर-शोर से कर रहे हैं। वहीं, राजनीति से उठकर नेता भक्तिमय माहौल में लीन दिख रहे हैं।

मंदिरों में उमड़ी भीड़
इस त्योहार की रौनक पूरे देशभर में अलग ही देखने को मिल रही। मदुरवोयल इलाके में भगवान गणेश के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी है।

महाराष्ट्र के सीएम ने की पूजा
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने आधिकारिक आवास वर्षा में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूजा-अर्चना की।

पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मैं गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की जनता के विकास के लिए कई फैसले लिए हैं। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।’

इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बप्पा का किया स्वागत
इसके अलावा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने खैरताबाद में गणेश पूजा कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने परिवार के साथ अपने आवास पर ही बप्पा की पूजा-अर्चना की।

छात्राओं के वीडियो रिकॉर्ड करने का मामला, पोक्सो केस हटाने की आरोपी शिक्षक की याचिका खारिज

बंगलूरू: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छात्राओं के कपड़े बदलते समय उनका वीडियो रिकॉर्ड करने के आरोपी स्कूल शिक्षक के खिलाफ POCSO कानून के तहत मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने हाल ही में दिए गए अपने फैसले में शिक्षक की हरकतों को ‘भयावह’ और आरोपों को गंभीर बताया था। शिक्षक को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था, जब अधिकारियों ने पाया कि उसने छात्रों की कपड़े बदलते हुए गुप्त रूप से वीडियो रिकॉर्ड की थी। घटना कोलार जिले में पिछड़े समुदायों के बच्चों के लिए संचालित होने वाले आवासीय विद्यालय की है।

अदालत ने पोक्सो के तहत मामला रद्द करने से किया इनकार
आरोपी शिक्षक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और तर्क दिया कि उसके कृत्य POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न नहीं था। उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि याचिकाकर्ता के पास पांच अलग-अलग मोबाइल फोन पाए गए, जिनमें से सभी को जब्त कर लिया गया और फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। प्रत्येक डिवाइस में लगभग 1,000 तस्वीरें और कई सौ वीडियो थे।’ हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों को इस तरह से फिल्माना स्पष्ट रूप से अधिनियम में उल्लेखित यौन उत्पीड़न की परिभाषा के अंतर्गत आता है।

कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने कहा, ‘POCSO अधिनियम की धारा 11 में निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी बच्चे को इस तरह से अपना शरीर उजागर करने के लिए मजबूर करता है कि उसे अन्य लोग देख सकें, या कोई अनुचित इशारा करता है, वह यौन उत्पीड़न कर रहा है। ऐसा व्यवहार धारा 12 के तहत दंडनीय है।’ न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा कि शिक्षक के खिलाफ आरोप यौन उत्पीड़न की कानूनी परिभाषाओं के अनुरूप हैं, जिससे इस स्तर पर मामले को खारिज करना असंभव है।

कोर्ट ने कहा, ‘शिकायत, जांच के दौरान शिक्षक के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट सहित प्रस्तुत साक्ष्य स्पष्ट रूप से प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करते हैं।’ शिक्षक के खिलाफ राज्य समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित एक हेल्पलाइन शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई और मामले का खुलासा हुआ। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक को मुकदमे का सामना करना चाहिए, और निष्कर्ष निकाला कि इस स्तर पर याचिका को अनुमति देना उसके कार्यों को माफ करने के समान होगा।

एक साल में एक भी नई सड़क नहीं बनाई, पैचवर्क पर खर्च किए सात करोड़

वाराणसी: वीआईपी विजिट के चलते शहर की मुख्य सड़कें चमाचम दिखाई देती हैं, लेकिन मुख्य मार्गों से सटे लिंक मार्गों की हालत बद से बदतर हो गई हैं। ज्यादातर लिंक मार्ग नगर निगम के हिस्से में हैं। बीते एक साल में नगर निगम एक भी नई सड़क नहीं बनाई, लेकिन पैचवर्क के नाम पर अगस्त 2023 से अगस्त 2024 तक 7 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।

नगर निगम के पास कुल 692 किमी सड़कें हैं। जिनका पैचवर्क कराया गया है। सड़कों को बनाने और मरम्मत में बड़ा खेल होता है। नई सड़क को बनवाने के लिए पहले प्रस्ताव तैयार करना पड़ता है। इसके बाद प्रस्ताव की मंजूरी लेनी पड़ती है। बड़ी धनराशि होने के कारण कई बार जांच के दौरान प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया जाता है। जबकि मरम्मत में ऐसा कुछ नहीं होता है। जनहित के नाम पर मरम्मत का कार्य धड़ल्ले से कराया जाता है। ऐसे में कभी वीआईपी तो कभी त्योहार तो कभी पर्व के नाम पर मरम्मत का काम होता है।

कई बार बारिश से पूर्व और बारिश के बाद सड़कों की मरम्मत कराई जाती है। 10 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक के बीच में छोटी छोटी धनराशि खर्च कर पैचवर्क कराया जाता है। यही छोटी-छोटी धनराशि जुड़कर बड़ी हो जाती है। बारिश में सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया जाता है। उम्मीद है कि बारिश बंद होने के बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा।

इन इलाकों की सड़कें खराब
महमूरगंज की सड़क पर गड्ढा हो गया है। जहां आसपास के लोगों ने डंडा डाल रखा है। इसी प्रकार फुलवरिया फोरलेन से जेल रोड मार्ग की हालत भी खराब है। यहां आए दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा रमाकांत नगर काॅलोनी, बादशाह बाग काॅलोनी, पितरकुंडा, लल्लापुरा, औरंगाबाद, जद्दूमंडी, पान दरीबा, नई सड़क, बेनियाबाग, कबीरचौरा, महमूरगंज, सिगरा, सिद्धगिरीबाग, सोनिया, भोगाबीर, साकेतनगर, कबीर नगर, दुर्गाकुंड, भगवानपुर आदि इलाकों की सड़कें खराब हैं।