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हाइड्रेटिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये चीज़ आपके चेहरे की त्‍वचा को बनाएगी सॉफ्ट

चेहरे पर भाप लेना आपके चेहरे की त्‍वचा की देख-भाल करने का सबसे अच्‍छा तरीका हो सकता है। अक्‍सर देखा जाता है कि चेहरे पर हम मॉइस्‍चराइजर या सनस्‍क्रीन क्रीम का उपयोग करते हैं जो हमारी त्‍वचा को अतिरिक्‍त पोषण दिलाने में मदद करते हैं। लेकिन चेहरे पर भाप लेने के फायदे इनसे कहीं अधिक हैं। आपकी त्‍वचा के लिए भाप लेना एक अच्‍छा विकल्‍प है जो कि आपकी त्‍वचा के संपूर्ण स्‍वस्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होता है।

कैमोमाइल स्किन के लिए एक अच्छे कंडक्टर के रूप में काम करता है क्योंकि इसमें हाइड्रेटिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. यह स्किन को तुरंत ही हेल्‍दी और चमकदार बनाता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए उबलते हुए पानी में कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों के साथ चंदन मिलाएं. फिर इस पानी से अपने चेहरे पर भाप लें. भाप लेने के बाद पोर्स खुल जाते हैं. इसके बाद पोर्स की सफाई करें और अंत में मॉइश्चराइजर लगाएं.

सौंफ में एंटी-एजिंग और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो झुर्रियों वाले स्‍किन के लिए काफी अच्‍छे माने जाते हैं. यह न केवल पोर्स को खोलते हैं बल्कि स्किन को ग्लोइंग भी बनाते हैं. आंखों के आसपास की सूजन के लिए सौंफ काफी बेहतरीन माना जाता है.

सौंफ के पाउडर को ठंडे पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को अपनी आंखों के नीचे लगाएं और 5 से 7 मिनट तक प्रतीक्षा करें. फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. आपको अपनी स्‍किन पर बदलाव तुरंत दिखाई देगा. आप इससे फेस स्‍टीम भी ले सकते हैं.

 

क्या आप जानते हैं आखिर क्यों व्रत में किया जाता है सेंधा नमक का सेवन ?

सेंधा नमक को लेकर आम धारणा है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ व्रत में किया जाता है। यह बात काफी हद तक सही भी है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि सेंधा नमक के इस्तेमाल को इतना खास क्यों माना गया है? सेंधा नमक में ऐसे कौन-से गुण हैं, जो इसे अन्य प्रकार के नमक से स्पेशल बनाते हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब और सेंधा नमक के फायदे के बारे में आप के इस आर्टिकल में विस्तार से जान पाएंगे। सेंधा नमक सिर्फ हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है।

सेंधा नमक, नमक का शुद्धतम रूप माना जाता है. दरअसल इसे इस्‍तेमाल के योग्‍य बनाने के लिए कैमिकल प्रोसेस से गुजरना नहीं पड़ता है. हालांकि, दूसरी ओर, साधारण नमक या टेबल सॉल्ट जिसे काला नमक भी कहा जाता है, इसे शुद्ध करने के लिए एंटी-कॉकिंग एजेंट और ट्रीटमेंट जैसे कई कैमिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ता है.

सेंधा नमक एक प्रकार का खनिज है, जिसे नमक का शुद्ध रूप माना जा सकता है। सेंधा नमक का उपयोग खाने योग्य बनाने के लिए इसे किसी भी तरह के केमिकल प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ता है। सेंधा नमक को हिमालयन साल्ट, रॉक साल्ट, सिन्धा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक या हैलाइड सोडियम क्लोराइड भी कहा जाता है।

इसके अलावा सेंधा नमक को डाइट में शमिल करने से बॉडी में ब्‍लड सर्कुलेशन सही रहता है और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है. सेंधा नमक बॉडी में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हॉर्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने में भी मदद करता है, जो तनाव व स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं.

रिफाइन करते वक्त इसमें कई तरह के एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जिससे इसका नैचुरल रूप बिल्‍कुल बदल जाता है और इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटेशियम और मिनरल कम हो जाते हैं. इसलिए सेंधा नमक पोषण के नजरिए से साधारण नमक से बहुत अधिक अच्छा होता है.

विटामिन डी की कमी होने से आपके शरीर में हो सकती हैं ये घातक बीमारियाँ

शरीर के विकास के लिए विटामिन्स और मिनरल्स काफी जरूरी है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है तो वह कई संकेत देने लगता है। यह विटामिन हमारे लिए काफी जरूरी है।

आप दूध पीने से परहेज करते हैं और सही मात्रा में धूप भी नहीं लेते तो शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह काफी गंभीर समस्या है, जिससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ भी सकता है। विटामिन डी का हमारे शरीर में काफी महत्तवपूर्ण रोल है।

ये हैं लक्षण

1.हर वक्‍त थकान महसूस होना

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका सबसे बड़ा लक्षण आपका हर वक्‍त थका हुआ महसूस करना है. अगर आप अच्‍छा भोजन करते हैं और रात भर पूरी नींद लेते हैं इसके बाद भी अगर आपको नींद आती रहती है तो यह विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है.

2.हड्डियों में दर्द

शरीर में कैल्शियम को ऑब्‍जर्ब करने का काम दरअसल विटामिन डी करता है. ऐसे में अगर आप भरपूर दूध पीते हैं और कैल्शियम से भरपूर भोजन करते हैं इसके बाद भी शरीर में दर्द की शिकायत रहती हो तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल आपके शरीर में कैल्शियम तो जा रहा है लेकिन विटामिन डी की कमी होने की वजह से बॉ‍डी इसको अपने भीतर सोख नहीं पाता.

3.चोट जल्‍दी नहीं होता ठीक

अगर आपका चोट बहुत दिनों तक ठीक नहीं होता तो इसकी वजह भी विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल विटामिन डी इंफेक्‍शन से लड़ने और शरीर में स्‍वेलिंग आदि को ठीक करने में मदद करता है. ऐसे में जब विटामिन डी की कमी हो जाती है तो किसी भी चोट को ठीक होने में ज्‍यादा वक्‍त लगता है.

हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ वजन घटाने में मददगार हैं साबूदाना

साबूदाने का नाम सुनते ही दिमाग में सफेद रंग के बीज या मोती जैसे खाद्य पदार्थ की तस्वीर उभरकर आती है। अक्सर व्रत और उपवास में सामान्य भोजन को त्याग दिया जाता है और इसके स्थान पर साबूदाने के पकवानों का सेवन किया जाता है।

व्रत के अलावा भी साबूदाने का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है। साबूदाने की खीर और खिचड़ी के बारे में तो सभी वाकिफ ही होंगे। क्या आपको मालूम है कि पकवानों और व्यंजनों के रूप में खाए जाने वाला साबूदाना आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। हम बात करेंगे साबूदाने के बारे में। साथ ही यह भी जानेंगे कि साबूदाने के फायदे, उपयोग और नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।

1. हड्डियों को बनाता है मजबूत
यह कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने का काम भी करता है. दरअसल, हड्डियों को मजबूत करने और उनके विकास के लिए हमें कैल्शियम की जरूरत होती है, और साबूदाने में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है. साबूदाने में मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हमारी हड्डियों को टूटने से भी बचाता है.

2. बरकरार रहता है एनर्जी लेवल
ब्रेकफास्ट के लिए साबूदाना बेहतर फूड है. अगर आप सुबह टाइम इसका सेवन करते हैं तो दिन भर एक्टिव फील होगा और शरीर स्वस्थ्य रहता है.

3. वजन घटाने में मददगार
साबूदाने से आप वजन कम कर सकते हैं. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आपके वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है.

सोते समय सांस लेने में परेशानी होने की वजह से आपके साथ भी हो सकती हैं ये समस्या

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है.

जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है. सांस अच्छा से नहीं ले पाने से कई बार शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है जिससे हाई बीपी की समस्या हो सकती है.

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

आज शाम घर में खाने के लिए बनाए टेस्टी कॉफी चीज केक, देखें इसकी रेसिपी

कॉफी चीजकेक की सामग्री

250 ग्राम क्रीम चीज
250 ग्राम मासकरपोन
100 ग्राम पीसी शक्कर

100 मिली गरम कॉफी
15 ग्राम जिलेटिन

बेस बनाने के लिए

250 ग्राम ड्राय बिस्किट्स
150 ग्राम बटर
40 ग्राम शक्कर
05 ग्राम कॉफी पाउडर

विधि

चीजकेक का बेस बनाने के लिए पहले बिस्किट्स को कुटकर चुरा बना लें। उसके बाद उसमें कॉफी और शक्कर पाउडर डालें। फिर बटर को पिघलाकर बिस्किट्स के चुरा पर डालें और सभी को अच्छे से मिलाएं। इस मिश्रण का इस्तेमाल करके एक स्प्रिंग-फ्रॉम मोल्ड में लगभग आधा-सेंटीमीटर की एक लेयर डालें और उसे ठंडा होने के लिए आधे घंटे तक फ्रिज में रखें। फिर चीजकेक फीलिंग बनाने के लिए मासकरपोन, क्रीम चीज और पीसी हुई शक्कर को एक साथ मिलाएं। जिलेटिन को गर्म कॉफी में पिघलाएं और क्रीम मिश्रण में उसे डालकर अच्छी तरह से फेंटे, ताकि सारी सामग्री एकसार होकर मुलायम मिश्रण में तैयार हो जाए। बिस्किट बेस को फ्रिस से बाहर निकालें और उसपर कॉफी क्रीम डालें। करीब एक सेंटीमीटर की लेयर तैयार करें। अब चीजकेक को फिर से ठंडा होने के लिए 30 मिनट तक फ्रिज में रख दें। करीब 30 मिनट के बाद मोल्ड को आराम से निकाले और सर्व करें।

आज का दिन इस राशि के जातकों के लिए रहेगा मंगलमय, देखें अपना राशिफल

मेष:संतान का स्वास्थ्य आपको चिंता में डाले रखेगा। धार्मिक स्थल पर जाने का कार्यक्रम बना सकते हैं। व्यवसाय में कुछ बाधा है। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा।

वृषभ: पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। खानपान का ध्यान रखने की जरूरत है। व्यवसाय के लिहास से दिन अच्छा है। रूके हुए काम पूरे होंगे। दिया हुआ कर्ज वापस आएगा। किसी पुराने मित्र से मुलाकात से लाभ पहुंचेगा।

मिथुन: जमीन-जायदाद से जुड़े कार्यों में बाधा आ सकती है। किसी बात को लेकर मानसिक तनाव रहेगा। संतान पक्ष को लेकर चिंता रह सकती है। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। लव लाइफ को जी रहे लोगों के लिए भी दिन अच्छा रहने वाला है।

कर्क: समय और हालात को समझकर आगे बढने की जरूरत है। रिश्तों को लेकर सावधानी बरतें। घर में अच्छा वातावरण बनाने की कोशिश करनी होगी। व्यवसाय और नौकरीपेशा जातकों के लिए दिन अच्छा है।

सिंह: आपके लिए दिन अच्छा रहने वाला है। आर्थिक योजनाएं सफल होंगी। आर्थिक मुनाफा मिलने का भी योग है। नौकरीपेशा जातकों के लिए नए मौके और नई जिम्मेदारी मिल सकती है। स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।

कन्या: विदेश से धन लाभ हो सकता है। परिवार या करीबी रिश्तेदार के साथ उग्र विवाद से दिन खराब हो सकता है। अग्नि या बिजली के मामले में लापरवाही बरतें और दूरी बनाए रखें। इनसे खिलवाड़ नहीं करें।

तुला: दिन मिलाजुला रहने वाला है। व्यवसाय के मामले में भाग्य का साथ मिलेगा। खासकर बिजनेस में लाभ की उम्मीद कर सकते हैं। रिश्तेदारों या पड़ोसी से विवाद से दिन के उतर्राध में परेशानी बढ़ सकती है।

वृश्चिक: शत्रु से सावधान रहने की जरूरत है। पारिवारिक वातावरण आनंद और उल्लास से भरा होगा। दफ्तर में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। आर्थिक लाभ के संकेत हैं। बीमारी से राहत मिलेगी।

धनु: व्यवसायिक क्षेत्र में कार्य की प्रशंसा होने से कार्य के प्रति उत्साह बढेगा। महिला मित्रों से विशेष लाभ मिलेगा। प्रणय प्रसंग से आनंद में वृद्धि होगी। दूर की यात्रा टालना बेहतर है।

मकर: ये दिन कुछ परेशानी लेकर आया है। सतर्कता बरतने की जरूरत है। किसी और की गलती से आपकी मुश्किल बढ़ सकती है। वाणी पर संयम रखें और वाद-विवाद से खुद को आज बचाने की कोशिश करें।

कुंभ: विवाह के इच्छुक जातकों के लिए दिन अच्छा है। कोई अच्छा रिश्ता आ सकता है। कार्यस्थल पर सहकर्मियों का साथ मिलेगा। किसी समस्य में दोस्त काम आ सकते हैं। जेब खर्च बढ़ेगा। इस पर काबू रखें।

मीन: परिवार के साथ समय बिताने का पर्याप्त समय मिलेगा। माता-पिता का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय के लिए दिन मध्यम है। कमाई धीमी होगी और कुछ परियोजनाओं में परेशानी आ सकती है। नई नौकरी तलाश रहे लोगों के लिए शुभ संकेत हैं।

पैरों की उंगलियों की सफाई करने के लिए आप भी आजमाएं ये सिंपल व सरल नुस्खा, जरुर देखें

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है कुछ ख़ास टिप्स जिनकी मदद से आप भी अपने पैरो को नरम मुलायम और खूबसूरत बना सकते है इसके लिए सबसे पहले सप्ताह में कम से कम एक बार पैरों की उंगलियों की सफाई अच्छे तरीके से करनी चाहिए।इसके लिए अपने पैरों के नाखूनों पर क्यूटिकल ऑयल रगड़ें। ऑयल लगाने के बाद करीब 10 मिनट अपने पैरों को हल्के गर्म पानी में भिगाएं।

कैसे बनाएं

फुट क्रीम बनाने के लिए एक कटोरी में थोड़ा सा कैंडल वैक्स पिघलाकर डालें और इसमें थोड़ा सा नारियल का तेल मिलाएं. इसे गर्म करें. गर्म हो जाने के बाद थोड़ा सा एलोवेरा जेल और एसेंशियल ऑयल की 3-4 बूंदे इसमें मिलाएं. इन्‍हें अच्‍छी तरह से मिक्स कर लें. अब यह तैयार है. इसे किसी एयरटाइट कंटेनर में स्‍टोर करें.

कैसे करें प्रयोग
रात में सोने से पहले अपने पैरों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और पैरों को साफ तौलिये से पोंछ लें. अब इस फुट क्रीम को अपनी फटी एड़ियों पर अच्‍छी तरह लगाएं. क्रीम लगाने के 2 मिनट बाद कॉटन के मोज़े पहन लें. ऐसा एक सप्‍ताह तक रोज करें. आपकी एड़ियां वापस खूबसूरत हो जाएंगी.

प्लास्टिक एनीमिया से ग्रसित मरीजों में अक्सर दिखने लगते हैं ऐसे लक्ष्ण

अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है।

इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बोन मेरो के भीतर स्टेम कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लगते है।

लेकिन सबसे ज्यादा इस रोग का खतरा टीनेज और 20 वर्ष की उम्र में अधिक बना रहता है। बता दें, पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान ही बना रहता है। अप्लास्टिक एनीमिया दो तरह के होते है-
अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए CBC यानी कम्प्लीट ब्लड काउंट के टेस्ट का विकल्प चुना जाता है। इसके अलावा बोन मैरो बायोप्सी भी अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने का एक खास तरीका है।

अप्लास्टिक एनीमिया रोग के लक्षण दिखने पर डॉक्टर इसकी पहचान के लिए कई तरह के टेस्ट करते हैं। अगर यह बीमारी किसी को गंभीर रूप से है तो उसका इलाज बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए होता है।

बीमारी की स्थिति गंभीर नही होने पर चिकित्सक दवाइयों के सहारे इसका इलाज करते हैं। शरीर को इन्फेक्शन से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटी-फंगल दवाएं भी दी जाती हैं। अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जांच और बोन मैरो टेस्ट किया जाता है।

 

लैवेंडर आयल की मदद से आप भी अपनी स्किन को बना सकते हैं सुन्दर और मुलायम

लैवेंडर तेल मूल रूप से एक एसेंशियल ऑयल है। ये सिर्फ त्वचा के लिए ही नहीं बल्कि बालों और हमारी इंद्रियों के लिए भी अच्छा है। जब अरोमाथेरेपी की बात आती है तो इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है।

लैवेंडर के तेल के कई अन्य फायदे भी हैं जैसे इस फूल का इस्तेमाल इत्र के लिए भी किया जाता है। खास मौकों पर लैवेंडर के फूल से घर की सजावट भी की जाती है। ये तेल बालों और त्वचा के लिए कैसे फायदेमंद है और इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

मुंहासों से निजात पाने के लिए
लैवेंडर में बैक्टीरिया को मारने और मुंहासों को ठीक करने या रोकने की क्षमता होती है। ये बंद छिद्रों को खोलता है और ये सूजन को कम करने में मदद करता है। इस तेल को आप नारियल के तेल और एक अन्य कैरियर ऑयल के साथ मिलाएं। अपना चेहरा धोएं और इसे लगाएं। इसका इस्तेमाल आप फेस टोनर के रूप में भी कर सकते हैं।

रूखी त्वचा
अगर आप रूखी त्वचा से परेशान हैं तो आप लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सूजन को कम करने में मदद करता है। इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं। इसकी दो बूंदों को टी ट्री ऑयल की दो बूंदों के साथ मिलाएं। इसे दो चम्मच नारियल के तेल के साथ मिलाएं। इसे रोजाना इस्तेमाल किया जा सकता है।

पिग्मेंटेशन के लिए
निखरी त्वचा के लिए आप लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। ये काले धब्बों से छुटकारा पाने में मदद करता है। अगर आपको हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या है तो आप इस तेल को आजमा सकते हैं। इसकी कुछ बूंदें लें और इसमें थोड़ा सा मॉइस्चराइजर और नारियल तेल मिलाएं और दिन में एक या दो बार इसका इस्तेमाल करें।

सूजनरोधी
लैवेंडर का तेल दर्दनाक सूजन से छुटकारा पाने में मदद करता है। तेल दर्द से राहत देने वाला और सुन्न करने वाला है। सूजन का इलाज करने के लिए लैवेंडर के तेल की तीन बूंदों और दो चम्मच नारियल के तेल को एक साथ मिलाएं। इसे दिन में तीन बार लगाएं।

बालों को बढ़ाने के लिए
बालों को बढ़ाने के लिए भी आप लैवेंडर के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लैवेंडर एसेंशियल ऑयल गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। इसे कैरियर ऑयल के साथ मिलाने के बाद ही लगाएं।