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एमेजॉन एलेक्सा जैसे सपोर्ट सिस्टम के साथ इन फीचर्स से लैस होगी Toyota Glanza Facelift, देखिए यहाँ

टोयोटा क्रिलोस्कर मोटर्स  ने आज अपनी न्यू प्रीमियम हैचबैक कार से पर्दा उठा दिया है. इस कार का नाम 2022 टोयोटा ग्लैंजा है.इस कार में 22 किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज, टोयोटा कनेक्ट टेक्नोलॉजी और एमेजॉन एलेक्सा जैसे सपोर्ट दिए गए हैं.

मारुति सुजुकी बलेनो 2022  की तरह ही इसमें भी हेडअप डिस्प्ले दिया गया है, जो इस सेगमेंट में सबसे पहले मारुति बलेनो 2022 में देखने को मिली थी, जिसे इस महीने की शुरुआत में ही लॉन्च किया गया है.

मारुति सुजुकी बलेनो 2022 की तरह इसमें भी हेडअप डिस्प्ले है. वहीं, टोयोटा कनेक्ट टेक्नोलॉजी की मदद से यूजर्स अपनी कार को ट्रैक कर सकता है. साथ ही कार को लॉक और अनलॉक किया जा सकेगा. इसके अलावा इसकी लाइट्स भी ऑन की जा सकती है.

टोयोटा की इस लेटेस्ट प्रीमियम हैचबैक कार में टोयोटा ग्लैंज 2022 के इंजन की बात करें तो इसका इंजन 1.2 लीटर का फॉर सिलेंडर डुअल जेट K12N पेट्रोल इंजन दिया गया है. यह इंजन 5 स्पीड मैनुअल और 5 स्पीड एएमटी ट्रांसमिशन के साथ आता है. यह इंजन 90 एचपी की पावर, 113 एनएम का पीक टॉर्क पैदा कर सकता है.

2022 टोयोटा ग्लैंजा को चार वेरियंट में पेश किया गया है और इसका शुरुआती कीमत 6.39 लाख रुपये (एक्स शो रूम) है, जो ई वेरियंट है. इसके वेरियंट के नाम E, S, G और V हैं. एस वेरियंट की कीमत 7.29 लाख रुपये मैनुअल ट्रांसमिशन की कीमत है.

वी वेरियंट में 9.19 लाख रुपेय में मैनुअल ट्रांसमिशन और 9.69 लाख रुपये में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन खरीदा जा सकता है. यह सभी कीमतें एक्स शो रूम हैं.

 

सह प्रध्यापक के पदों पर यहाँ निकली भर्ती, ऐसे करना होगा आवेदन

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग ने सह प्रध्यापक के रिक्त पद पर युवा और योग्य उम्मीदवारों की तलाश कर रहे है।

महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं –

पद का नाम- सह प्रध्यापक

कुल पद – 1

अंतिम तिथि – 28 – 3- 202 2

स्थान- पम्पादुमपारा

आयु सीमा

उम्मीदवारों की अधिकतम आयु विभाग के नियमानुसार मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

योग्यता

उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से व्यावसायिक चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिग्री पास हो और अनुभव प्राप्त हो।चयन प्रक्रिया उम्मीदवार का साक्षात्कार के आधार पर चयन होगा।

कैसे करें आवेदन

योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करते हैं , साथ ही शिक्षा और अन्य योग्यता , जन्मतिथि की तिथि और अन्य आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ स्वयं प्रतिबंधात्मक प्रतियां और नियत तारीख से पहले भेजते हैं ।

इस होली घर पर बनाए खस्ता मटर की मठ्ठी, देखिए इसकी रेसिपी

मटर मठ्ठी सामग्री

मैदा- 1 कप

तेल- 2 टेबलस्पून

पानी- आवश्यक्तानुसार

नमक- स्‍वादानुसार

जीरा- 1/2 चम्मच

हींग- चुटकीभर

अदरक, लहसुन, हरी मिर्च का पेस्‍ट- 1 बड़ा चम्मच

धनिया पाउडर- 1 चम्मच

हल्दी पाउडर- 1/2 चम्मच

गरम मसाला- 1/2 चम्मच

ताजा नारियल- 1/4 कप (कसा हुआ)

ताजी मटर- 1 कप

चीनी-1 चम्मच

तेल- तलने के लिए

मटर गुझिया

विधि

-सबसे पहले एक बाउल में मैदा, नमक, ऑयल और थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर हार्ड सा आटा गूथें।
-इसके बाद तैयार आटे को 15-20 मिनट के लिए कपड़े से ढक कर अलग से रख दें।

-अब एक पैन में तेल को गर्म करें। -इसके बाद इसमें जीरा भूनें और उसमें हींग, अदरक-लहसुन-मिर्चे का पेस्‍ट डालकर अच्छे से फ्राई करें।

-अब इसमें धनिया, हल्दी और गर्म मसाला डालें। -इसके बाद इसमें नारियल और मटर डालकर मिलाएं।

– सारे मिक्सचर को अच्छे से मिक्स करने के बाद 3-5 मिनट तक ढक्कर स्टीम में पकाएं।

-पकने के बाद इसमें थोड़ा सा पानी मिलाएं।

-मटर के सॉफ्ट होने पर उसमें चीनी, नमक और नींबू का रस डालक मैश कर मिक्सचर को अलग रखें।

-अब पहले से ढके आटे की छोटी-छोटी लोइयां तैयार कर उसे गोल बेल लें।

-तैयार मटर की स्‍टफिंग को उसमें भरें और गुझिया की शेप देते हुए उसे पानी की मदद से चिपका लें।

-एक कढ़ाई में तेल गर्म करके उसमें सारी मठ्ठियां एक-एक कर गोल्डन ब्राउन होने तक तल लें।

 

Holi 2022: नाखूनों के रंग को हटाने के लिए आप भी आजमाएं ये सरल टिप्स

रंगों  का त्योहार होली बहुत ही धूमधाम से देशभर में मनाया जाता है. . होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं. ताकि बाद में आसानी से रंग हटाया जा सके. लेकिन होली  के बाद केवल त्वचा ही नहीं बल्कि नाखूनों का रंग हटाना भी काफी मुश्किल होता है. इसलिए जरूरी की आप त्वचा की तरह ही   का भी ध्यान रखें. नाखूनों के रंग को हटाने के लिए आप कई तरह के घरेलू उपचार आजमा सकते हैं.

सिरका

इसके लिए एक मिक्सिंग बाउल लें. इसमें 3-4 बड़े चम्मच सफेद सिरका मिलाएं. कुछ मिनट तक के लिए नाखूनों को बाउल में डुबोएं. रंग गायब होने तक अपने नाखूनों को रगड़ने के लिए एक कॉटन का इस्तेमाल करें.

अमचूर पाउडर

अमचूर पाउडर का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है. आप इसका इस्तेमाल नाखूनों का रंग हटाने के लिए भी कर सकते हैं. एक कटोरी में आधा चम्मच अमचूर पाउडर लें. गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए इसमें 2-3 बूंद पानी मिलाएं. इसे अच्छे से मिलाएं. ब्रश का इस्तेमाल करके अपने नाखूनों को साफ करें. ये नाखूनों के रंग को निकालने में मदद करेगा.

ट्रांसपेरेंट नेल पॉलिश लगाएं

होली से एक रात पहले अपने नाखूनों को तेल से अच्छी तरह साफ करें. फिर सभी नाखूनों पर ट्रांसपेरेंट नेल पॉलिश का डबल कोट लगाएं. रंगों से खेलने के बाद, नेल पेंट रिमूवर से नेल पॉलिश का कोट हटा दें.

नींबू

नींबू के कई फायदे हैं. ये वजन कम करने से लेकर जिद्दी दाग ​​​​से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. आप नाखूनों के रंग को हटाने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए 1 नींबू लें. इसका सारा रस निचोड़ लें. एक क्यू-टिप लें. इसे नींबू के रस में डुबोएं. अपने नाखूनों को साफ करने के लिए इसका इस्तेमाल करें.

डार्क नेल पॉलिश का इस्तेमाल करें

अगर आपको ऐसा लगे कुछ भी काम नहीं कर रहा है. आपके नाखून पर रंग अभी भी बना हुआ है, तो डार्क कलर की नेल पॉलिश लगाएं. सबसे पहले क्यूटिकल्स पर लगे रंग के दागों को साफ करें, ताकि नेल पॉलिश लगाने के बाद आपके नाखून साफ ​​दिखें. इसके अलावा अपने लंबे नाखूनों को साफ करने के लिए इन्हें ट्रिम करें. इसके बाद डार्क नेल पॉलिश के दो कोट जैसे मैरून, लाल, काला, नीला आदि लगाएं.

स्‍किन से कालापन हटाने के लिए लगाएं सप्ताह में एक दिन मुल्‍तानी मिट्टी का ये फेस मास्क

मुल्‍तानी मिट्टी चेहरा निखारने के काफी काम आती है। मगर बहुत से लोग इसे सही तरह से इस्‍तेमाल करना नहीं जानते, जिसकी वजह से वो इसका फायदा नहीं उठा पाते। चेहरे पर ग्‍लो लाने के लिए मुल्‍तानी मिट्टी का इस्‍तेमाल लड़कियों से लेकर लड़कों तक हर कोई कर सकता है।

आज हम जो पैक बनाना बता रहे हैं, अगर आप उसे हर दूसरे दिन प्रयोग करेंगे तो आपकी स्‍किन से कालापन दूर होगा। साथ ही वो लोग जिनकी स्‍किन का रंग दबा हुआ है, इस पैक की मदद से उनके भी रंग में चमक आ जाएगी। इस पैक में मुल्‍तानी मिट्टी का प्रयोग किया जाता है, जो स्‍किन को लाइट और ब्राइट करने का काम करती है।

सामग्री:

गुलाबजल – 1 चम्मच
संतरा का रस – 1 चम्मच
नींबू का रस – 1 चम्मच
टमाटर का रस – 1 चम्मच
मुल्तानी मिट्टी – 1 चम्मच

पैक बनाने का तरीका

एक बाउल में दही, मुल्तानी मिट्टी टमाटर का रस और नींबू का रस को अच्छी तरह मिक्स करें। अगर आपको नींबू या टमाटर सूट नहीं करता तो आप संतरे का रस भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

कैसे करें इस्तेमाल
स्टेप 1:

सबसे पहले कॉटन में गुलाबजल लगाकर चेहरे को अच्छी तरह क्लीन कर लें, ताकि सारी गंदगी निकल जाए।

स्टेप 2:

अब पैक को पूरे चेहरे पर सर्कुलेशन मोशन में मसाज करते हुए लगाए। अब संतरे के छिलके पर थोड़ा-सा पैक लगाकर हल्के हाथों से 5 मिनट तक मसाज करें। अब इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर इसे ठंडे पानी से हल्के हाथों से मसाज करते हुए साफ कर लें। अगर आप संतरे के छिलके से मसाज नहीं करना चाहते तो आप टमाटर का यूज भी कर सकते हैं।

 

गर्मियों के मौसम में अपनी स्किन के लिए करना हैं मॉइस्चराइजर का चुनाव तो इन बातों को रखे ध्यान

अगर आपकी स्किन ड्राई है तो शरीर के लिए एक अच्छा बॉडी लोशन या बॉडी बटर का इस्तेमाल करें और चेहरे के लिए एक अच्छा मॉइस्चराइजर पास रखें.

एक अच्छा मॉइस्चराइजर या बॉडी लोशन खरीदते समय याद रखें कि उसमें शीया बटर या कोकोआ बटर, अच्छे नेचुरल ऑयल्स जैसे बादाम, जैतून और ग्लिसरीन हों.

हफ्ते में दो बार फेस स्क्रब का इस्तेमाल करें. स्किन का हेल्दी होना बहुत जरूरी है क्योंकि वो हमारे शरीर का एक कवच है. इसलिए सिर्फ सुन्दर दिखने के लिए स्किन का ध्यान रखना जरूरी नहीं है. जितना स्वस्थ हमारा शरीर होगा उतनी ही स्वस्थ हमारी स्किन होगी.

मुल्तानी पैक बनाने के लिए आपको मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल चाहिए। दोनों को अच्छे से मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें। 15 मिनट बाद पानी से अपना चेहरा धो लें। चेहरा धोने के बाद चेहरे पर हल्का सा मॉइश्चराइजर लगा लें।

मुल्तानी मिट्टी ड्राई स्किन के लिए कापी लाभकारी है। ड्राई स्किन क के लिए मुल्तानी मिट्टी , शहद और ऐलोवेरा जेल लें। मुल्तानी मिट्टी का पैक बनाने के लिए शहद, मुल्तानी मिट्टी और ऐलोवेरा जेल को अच्छी तरह से मिलाएं।

 

डायबिटीज के कारण और इसके लक्षण जानकर आप भी समय रहते हो सकते हैं स्वास्थ्य

भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब जीवनशैली ने कई गंभीर बीमारियों को आम बनाकर रख दिया है, जिसमें एक नाम डायबिटीज का भी है। माना जाता है कि मधुमेह या शुगर की बीमारी अगर किसी को हो जाए, तो जिंदगी भर उसके साथ रह सकती है।

अगर वक्त रहते शुगर के लक्षण पर ध्यान न दिया जाए, तो डायबिटीज की समस्या घातक परिणाम भी प्रदर्शित कर सकती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम डायबिटीज क्या है? इस सवाल के जवाब के साथ ही डायबिटीज के कारण और इसके लक्षण बताने जा रहे हैं।

1. लो ब्लड शुगर के प्रमुख लक्षण
– दिल में घबराहट और थकान महसूस होना
– सिरदर्द की परेशानी और भूख बढ़ जाना
– हर बात पर चिड़चिड़ापन और हाथ-पैर कांपना
– अधिक पसीना आना और देखने में दिक्कत होना
– बेहोश हो जाना या स्किन का पीला होना

2. लो ब्लड शुगर के कारण
तनाव में रहने से या खाली पेट एक्सरसाइज़ करने से ब्लड में शुगर की मात्रा घट सकती है. इसके अलावा अगर आप खाना देर से या कम मात्रा में खाना खाते हैं तो ये भी आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम करता है. ज़्यादा दवाइयों के सेवन से भी आपको इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. लो ब्‍लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप फल, दूध, शुगर, लहसुन, दही या ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं.

भूख न लगने की समस्या से हैं परेशान तो आपको भी हो सकती हैं ये गंभीर बीमारी

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

दिनभर जूते पहनने के कारण पैरों से आती हैं दुर्गंध तो इसे ऐसे भगाए दूर

अक्सर दिनभर जूते पहने रखों तो पैर से गंदी बदबू आने लगती है ये बदबू किसी से भी बर्दाश्त नहीं होती इसके लिए आप कितने ही तरीका क्यों ना कर लें ये बदबू जाती ही नहीं हैआपके पैरों की दुर्गंध आपको सबके बीच शर्मिंदा करती है तो इससे छुटकारा आप जरूर चाहेंगे जानिए ऐसे 5 घरेलू उपाय, जिनकी मदद से आप पैरों से आनी वाली पसीने की दुर्गंध से छुटकारा पा सकते है

नमक वाला पानी : बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उसमें 15 से 20 मिनट तक रोज पैर सेंकें इससे न सिर्फ पैरों से दुर्गंध गायब होती है बल्कि उनकी नमी भी बनी रहती है  एड़ियां नहीं फटतीं

विनेगर वाला पानी : विनेगर यानी सिरके को पानी में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज 30 मिनट पैरों को सेंक दें इससे न केवल पसीने की बदबू दूर होगी बल्कि पैरों का बैक्टीरियाई संक्रमण से भी बचाव होगा

चाय का पानी : चाय में मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स संक्रमण से बचाते हैं  बैक्टीरिया मारते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती एक ग्लास पानी में दो टी बैग डालें, 15 मिनट उबालने के बाद ठंडा होने के लिए छोड़ दें अब इस पानी को टब में पानी डालकर उसमें मिलाएं  30 मिनट तक पैर भिगोएं

कपड़ा भी रखता है मायने : नायलॉन  कॉटन के मोजे इस मामले में अच्छा विकल्प हैं क्योंकि ये पसीने को सोखने में मदद करते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती है

पाउडर : टाइम बिल्कुल नहीं है तो रोज नहाने के बाद पैरों पर भी पाउडर लगाएं जिससे नमीं की वजह से पैरों से दुर्गंध न आ सके

इस मौसम में बढ़ जाती हैं हार्ट फेल की समस्या, खान-पान में बरते ये सावधानियां

आज के समय में अस्पताल में भर्ती होने की दर और दिल गति रुकने (हार्ट फेल) मरीजों की मृत्युदर में अधिकता देखी गई है इन दिनों अपने दिल का ख्याल कैसे रखें, इसके लिए चिकित्सकों ने कुछ तरीका सुझाए हैंसर्दियों के इस असर की जानकारी से मरीजों  उनके परिवारवालों को लक्षणों के प्रति ज्यादा ध्यान देने के लिये प्रेरित करती है

यह पाया गया कि एआरएनआई थैरेपी जैसे उन्नत इलाज जीवनशैली में परिवर्तन के साथ  बेहतर हो सकते हैं, जिससे हार्ट फेलियर मरीजों की जिंदगी में उल्लेखनीय रूप से सुधार लाया जा सकता है

हार्ट फेलियर के लिए खतरे के कुछ कारक

वायु प्रदूषण: ठंडा मौसम, धुंध  प्रदूषक जमीन के  करीब आकर बैठ जाते हैं, जिससे छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है  सांस लेने में कठिनाई पैदा हो जाती है आमतौर पर हार्ट फेल मरीज सांस लेने में तकलीफ का अनुभव करते हैं  प्रदूषक उन लक्षणों को  भी गंभीर बना सकते हैं, जिसकी वजह से गंभीर मामलो में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है

कम पसीना निकलना: कम तापमान की वजह से पसीना निकलना कम हो जाता है इसके परिणामस्वरूप बॉडी अलावा पानी को नहीं निकाल पाता है  इसकी वजह से फेफड़ों में पानी जमा हो सकता है, इससे हार्ट फेलियर मरीजों में ह्दय की कार्यप्रणाली पर गंभीर असर पड़ सकता है

विटामिन-डी की कमी: सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन-डी, दिल में स्कार टिशूज को बनने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक के बाद, हार्ट फेल में बचाव होता है सर्दियों के मौसम में सही मात्रा में धूप नहीं मिलने से, विटामिन-डी के स्तर को कम कर देता है, जिससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है