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जल्द भारतीय सड़कों पर दौड़ती नजर आएगी Citroen की स्मॉल एसयूवी, शानदार फीचर्स से होगी लेस

ग्राहकों के लिए आये दिन कार कंपनियां एक से एक शानदार फीचर्स वाली कार निकाल रहीं है. बाजार में स्मॉल एसयूवी कार का ट्रेंड तेजी से आगे बढ़ रहा है. सबसे किफायती कार की बता करेंगे तो स्मॉल एसयूवी कार टाटा पंच है.

जल्दी ही सिट्रोएन सी3 भारत में दस्तक देगी इस कार को टाटा पंच के मुक़ाबले उतरा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 16 सितंबर को सिट्रोएन सी3 से पर्दा उठाया गया था. इसका व्हीलबेस 2,540 मिमी है.  Citroen का वादा है कि पीछे सीटों का सेगमेंट में सबसे कम्फर्टेबल स्पेस भी होगा.

सिट्रोन की कार में हाई ड्राइविंग पॉजिशन, पैटर्न के साथ एक प्रीमियम डैशबोर्ड, वर्टिकल एयर वेंट, केबिन के सामने के बड़ा स्टोरेज स्पेस है. न्यू सिट्रोन सी3 एसयूवी में सिट्रोन कनेक्ट टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया जाएगा. इसके डैशबोर्ड के सेंटर में 10-इंच की स्क्रीन होगी. इसके अलावा सी3 के केबिन में 3 फास्ट-चार्जिंग USB पोर्ट एक 12V सॉकेट मिलेगा.

Citroen का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म इलेक्ट्रिक-रेडी है, जिसका मतलब है कि भविष्य में C3 का EV वर्जन भी बाजार में आ सकता है. हालांकि अभी टाटा पंच के इलेक्ट्रिक वर्जन को लेकर कंपनी ने कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है. जबकि टाटा ने टाटा नेक्सॉन टाटा टिगोर जैसी कई कार के ऑप्शंस को पेश कर दिया है.

 

फील्ड समन्वयक के पदों पर यहाँ निकली नौकरी, आवेदन करने के लिए इन स्टेप्स को करें फॉलो

टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान मुबंई ने फील्ड समन्वयक के पदों पर भर्तियां निकाली हैँ। जिन उम्मीदवारों के पास संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री हैं और अनुभव हैँ।

महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं –

पद का नाम- फील्ड समन्वयक

कुल पद – 1

अंतिम तिथि- 12 – 1 -202 2

स्थान- मुबंई

आयु सीमा-

उम्मीदवारों की अधिकतम आयु विभाग के नियमानुसार मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

योग्यता-

उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त हो और 2 साल अनुभव हो।

कैसे करें आवेदन

योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करते हैं , साथ ही शिक्षा और अन्य योग्यता , जन्मतिथिकी तिथि और अन्य आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ स्वयं प्रतिबंधात्मक प्रतियां और नियत तारीख से पहले भेजते हैं।

गन्ने में उपस्थित कैल्शियम आपको दिला सकता हैं मुंह की दुर्गंध से छुटकारा

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

स्किन पर मौजूद एक्सट्रा ऑयल को हटाने के लिए ये होम मेड फेस पैक हैं सबसे अच्छा

आज के समय में हर महिला स्किन से जुड़ी कई समस्या से परेशान रहती है। इनमें से ही एक परेशानी है स्किन का ज्यादा ऑयली होना। कुछ महिलाओँ को चेहरे पर बार-बार एक्सट्रा ऑयल जमा होने की समस्या से जुझना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए वैसे तो मार्किट में कई तरह की क्रिम, मॉश्चराइर, फेस मास्क आदि मिलते है। मगर ये कुछ समय के लिए असर दिखाते है।

फेस पैक बनाने की सामग्री

मुल्तानी मिट्टी- 2 टेबलस्पून
पपीते का पल्प- 1 टेबलस्पून
शहद- 1 टेबलस्पून

फेस पैक बनाने की विधि

– सबसे पहले एक कटोरी में पपीते का पल्प निकालें और उसे ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें।
– थोड़े समय के बाद एक अलग कटोरी में मुल्तानी मिट्टी, पपीते का पल्प और शहद को डालें।
– सभी सामग्री को मिक्स कर स्मूद सा पेस्ट तैयार कर लें।

कैसे लगाएं?

– सबसे पहले चेहरे को ताजे पानी या रोज वॉटर से साफ करें।
– अब इस फेस मास्क को हल्के हाथों से सर्कुलेशन मोशन से मसाज करते हुए लगाएं।
– 15-20 मिनट या पैक के सूखने के बाद इसे हल्के हाथों से मसाज करते हुए ही उतारे।
– उतारते समय चेहेर को ज्यादा रगड़े न नहीं तो स्किन में रेशैज हो सकते है।
– इसके बाद चेहरे को ताजे पानी से धो कर दोबारा रोज वॉटर से टोनिंग करें।
– आप चाहे तो वॉटर बेस्ड मॉश्चराइजर का भी इस्तेमाल कर सकती है।

बेजान बालों को मजबूत बनाने के लिए महंगे प्रोडक्ट्स की जगह आजमाएं ये सीक्रेट टिप्स

बालों का खूबसूरत होने से आपकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। लेकिन बालों के रुखे, बेजान, कमजोर और पतले होने पर वे टूटकर झड़ने लगते हैं। बालों को सुंदर बनाने के लिए आप अनेक हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते होगें लेकिन ये प्रोडक्ट्स बालों को केवल कुछ ही समय के लिए सुंदर बनाते हैं।

बालों को तेल लगाना, हीट ट्रीटमेंट से बचना, रेशम के तकिये पर सोना ऐसी कुछ चीजें हैं जो बालों का गिरना रोकने और बालों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती हैं। एक और महत्वपूर्ण हेयरकेयर शासन है जिसे हम आम तौर पर याद करते हैं या आलस से बाहर निकलते हैं- हेयर मास्क। बस एक फेस मास्क आपकी त्वचा को क्या करता है, एक हेयर मास्क आपके बालों को करता है।

यह पुनर्जीवित करता है और उन्हें फिर से स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए बेजान बालों को फिर से जीवंत करता है। हेयर मास्क बालों को आवश्यक पोषण प्रदान करने और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्वों को लॉक करने में मदद करते हैं। यदि आप अलग-अलग हेयरकेयर से संबंधित मुद्दों से भी निपट रहे हैं, तो बेंटोनाइट क्ले हेयर मास्क आज़माएं।

यह आपके सुस्त और सूखे बालों में एक बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। आगे की हलचल के बिना, बेंटोनाइट क्ले हेयर मास्क लाभ के साथ-साथ इस हेयर मास्क को बनाने और उपयोग करने के तरीके के बारे में जानने के लिए पढ़ें।

पौष्टि‍क और स्वास्थ्यवर्धक मेथी का सर्दियों में सेवन करने से मिलेंगे ये लाभ

सर्दी का मौसम शुरू होते ही, बाजार में हरी-भरी, पत्तेदार सब्जियों की बहार आ जाती है। इनमें एक हरी सब्जी मेथी भी है, जो अपने सेहत भरे गुणों के कारण बेहद लाभदायक होती है। पौष्टि‍क और स्वास्थ्यवर्धक मेथी आपकी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती है।

अल्पकालिक अध्ययन में अधिक वजन वाले पुरुषों पर फार्माकोलॉजिस्ट ह्यूजेस शेवरस द्वारा यह पता लगाया गया था कि क्या मेथी के बीज के अर्क का सेवन उन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। छह सप्ताह के लंबे कार्यक्रम में, कई अधिक वजन वाले पुरुषों को मेथी के बीज का अर्क दिया गया और ऊर्जा, वजन, भूख, ग्लूकोज और इंसुलिन के स्तर पर प्रभावों का अध्ययन किया गया। हालांकि, वजन में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं देखी गई।

एक लोकप्रिय धारणा है कि मेथी के बीज या मेथी की चाय के साथ मिश्रित पानी पीने से व्यक्ति को अपना वजन कम करने में मदद मिलती है। इस विश्वास के बारे में एक अध्ययन जियायुंग बे द्वारा अधिक वजन वाली कोरियाई महिलाओं पर किया गया था। मेथी का उपयोग कर चाय बनाकर विषयों को दी गई। भूख कम पाई गई और इसके कारण भोजन की खपत कम हो गई क्योंकि विषयों को अधिक अवधि के लिए भरा हुआ लगा।

माइग्रेन की समस्या में किसी औषधि से कम नहीं हैं मेहंदी, देखिए इसके लाभ

मेहंदी एक ऐसा कुदरती पौधा है, जिसके पत्‍तों, फूलों, बीजों एवं छालों में औषधीय गुण समाए होते हैं। त्‍योहारों और उत्‍सवों के पहले दिन सुहागिन स्‍त्रियों के लिये हथेलियों पर मेहंदी का श्रृंगार, सुंदरता एवं सौम्‍यता का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन काल से हथेलियों पर मेहंदी लगाने की प्रथा रही है। आयुर्वेदिक ग्रथ्‍ज्ञों में इसके रोग-निवारक गुणों की महिमा का वर्णन मिलता है।

मेहंदी लगाना आज के समय में किसे नहीं पसंद। हर लड़का व हर लड़किन मेहँदी लगाते हैं कोई हाथों में तो कोई बालों में। ऐसे में मेहँदी लड़कियों की सबसे जरूरी वस्तु है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं मेहँदी के पत्ते के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य को फायदा के बारे में। आइए जानते हैं।

जिन लोगों को स्किन से जुडी कोई समस्या होती है उन्हें इससे आराम पाने के लिए मेंहदी के पेड़ की छाल को अच्छे से पीसकर थोड़े से पानी में डालकर उबाल लेना चाहिए व अब इस काढ़े का सेवन रोज प्रातः काल खाली पेट में करना चाहिए। इससे उन्हें फायदा मिलता है।

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है तो उन्हें रोज रात को सोते वक़्त थोड़े से पानी में मेहंदी के कुछ पत्तों को डालकर छोड़ देना चाहिए व अब प्रातः काल उठने पर इस पानी को छानकर पी लेना चाहिए। इससे फायदा होगा।

 

ज्यादा भूलना भी हो सकती हैं इस खतरनाक बिमारी की निशानी, जरुर देखिए

बाइक की चाबी इधर-उधर रखने की आदत से परेशान हैं? बाद में चाबी खोजते समय पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं? अगर हां तो भूलने की इस बीमारी को हल्के में न लें। यह हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की निशानी हो सकती है। अमेरिका स्थित मेयो क्लीनिक का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।

इसमें स्मृति, ध्यान, मौखिक प्रवाह और एकाग्रता जैसी चीजें शामिल हैं। 120 mmHg-129 mmHg सिस्टोलिक (शीर्ष संख्या) या उच्चतर के उच्च रक्तचाप को उच्च माना जाता है। सिस्टोलिक दबाव 130 मिमी एचजी से अधिक है। डायस्टोलिक दबाव (कम संख्या) 80 मिमीएचजी या अधिक उच्च रक्तचाप माना जाता है।

यह स्थिति तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं पर भारी पड़ती है और वे दम तोड़ने लगती हैं। इससे न सिर्फ याददाश्त, बल्कि तर्क शक्ति और एक साथ कई काम निपटाने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है।

किसी भी उम्र में रक्तचाप के समान प्रभाव: ब्राजील में यूनिवर्सिड फेडरल डे मिनस गेरैस में मेडिसिन के प्रोफेसर और अध्ययन लेखक सैंडी एम। बरेटो ने कहा कि हमने शुरू में यह अनुमान लगाया था कि संज्ञानात्मक कार्यों पर उच्च रक्तचाप का नकारात्मक प्रभाव तब अधिक महत्वपूर्ण है, जब उच्च रक्तचाप कम उम्र में शुरू होता है, लेकिन हमारे परिणामों से पता चलता है कि संज्ञानात्मक प्रदर्शन में एक समान गिरावट तब देखी जाती है जब उच्च रक्तचाप मध्यम आयु या यहां तक ​​कि बड़ी उम्र में शुरू होता है।

सर्दियों में ‘बॉडी मसाज’ करने के लिए आखिर कौनसा ऑयल हैं बेस्ट, एक बार जरुर देखें

सर्दियों में ‘बॉडी मसाज’ किस ऑयल से करना चाहिए यह सवाल बेहद अहम होता है. ‘बॉडी मसाज’ बेहतर फिटनेस के लिए  थकान कम करने सरल उपाय है. सर्दी के मौसम में आयुर्वेद के अनुसार गरम ऑयल से ‘बॉडी मसाज’ करना बहुत लाभकारी होता है.

सर्दी के मौसम में हफ्ते में कम से कम 3 दिन ‘बॉडी मसाज’ कराने से कई फायदे होते हैं बॉडी मसाज’ से स्किन अच्छी तो होती ही है साथ में शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत होती है. बॉडी मसाज से शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है.

अरंडी या केस्‍टर ऑयल:इस ऑयल के दोनों ही त्‍वचा  बालों पर अच्‍छे प्रभाव होते हैं. यह गाढा  चिपचिपा ऑयल हर तरह कि स्‍किन को सूट करता है. यह चेहरे से झुर्रियों को भी दूर करता है.

अंगूर के बीज का तेल:इस ऑयल से बिल्‍कुल भी एलर्जी नहीं होती  त्‍वचा पर इसके बहुत से फायदे भी हैं. अगर साफ  कोमल त्‍वचा चाहिये तो इससे बॉडी मसाज करें.

सूरजमुखी तेल:यह ऑयल कई सारे एसिड से भरा है जो कि हमारी त्‍वचा के लिये बहुत अच्‍छा माना गया है.

ऑलिव ऑयल:यह त्‍वचा में अच्‍छी तरह से समा जाता है  उसे नमी प्रदान करता है. यह ऑयल दर्द से राहत भी दिलाता है.

बादाम तेल:यह ऑयल हर तरह की त्‍वचा पर प्रभाव करता है पर यह अपना खास प्रभाव रूखी त्‍वचा पर दिखाता है.

सरसों का तेल:यह बॉडी तेल थकान भरी मासपेशियों का दर्द भगाने में फायदेमंद होता है. यह हड्डियों को भी मजबूत करता है.

नारियल तेल:यह ऑयल त्‍वचा को पोषण देता है, उसे टाइट करता है  उसमें नमी भरता है.

सर्दियों के मौसम में घर पर बनाए टेस्टी खस्ता मटर कचौरी, यहाँ देखें इसकी विधि

मटर कचौरी बनाने की सामग्री

  • 1 कप मैदा
  • 1 कप सूजी
  • नमक (स्वादानुसार)
  • 3 टेबलस्पून तेल (मसाला भुननें के लिए)
  • पानी (आटा गूंथने के लिए)
  • 1 टेबलस्पून जीरा
  • 1 टेबलस्पून हल्दी पाउडर
  • 1/2 टेबल स्पून लाल मिर्च पाउडर
  • 1/2 टेबलस्पून धनिया पाउडर
  • 1/2 टेबलस्पून गरम मसाला
  • 1/4 टेबलस्पून सौंफ
  • 1/4 टेबलस्पून अमचूर पाउडर
  • तेल (फ्राई करने के लिए)

मटर कचौरी बनाने की विधि

  1. मटर कचौरी बनाने के लिए सबसे पहले मटर को हल्का उबाल लें।
  2. जब मटर हल्का उबल जाए, तो उसे ठंडा होने के लिए बर्तन में डाल दें।
  3. दूसरी तरफ एक बर्तन में मैदा, नमक और घी डालकर हाथों से उसे अच्छी तरह मिला लें।
  4. जब घी अच्छी तरह मिल जाए, तो पानी डालकर मैदा को अच्छी तरह गूंथ ले और 15 मिनट के लिए सूखे कपड़े से ढककर छोड़ दें।
  5. अब उबला हुआ हरा मटर को मिक्सी में हरी मिर्च और अदरक डालकर पीस लें।
  6. जब मटर अच्छी तरह पीस जाए, तो एक पैन को गैस पर रखकर गर्म करें।
  7. जब पैन गर्म हो जाए, तो उसमें तेल और जीरा डालकर हल्का भुनें।
  8. मास्टर हल्का भुन जाए, तो उसमें नमक और धनिया धनिया पत्ता डालकर गैस से उतार लें।
  9. 15 मिनट बाद गूंथे हुए मैदा में हुआ पीसा मटर डालकर छोटा-छोटा गोला बनाएं।
  10. अब एक पैन में तेल डालकर गैस पर गर्म करें।
  11. जब तेल अच्छी तरह गर्म हो जाए, तो उसमें मटर कचौरी डालकर फ्राई करें और गर्म-गर्म स्नेक्स के तौर पर टमैटो सॉस या हरा चटनी के साथ सर्व करें।