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1 जनवरी 2022 से पहले इन गाड़ियों की खरीद पर आपको भी मिल सकती हैं बंपर छूट, जानिए कैसे

अगर आप नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो यह आपके लिए बिल्कुल सही समय है. दरअसल, 1 जनवरी 2022 से पहले कार खरीदने पर आपको ढेर सारा डिस्काउंट मिल रहा है.

अभी मारुति सुजुकी , हुंडई मोटर और टाटा मोटर्स समेत देश की सभी बड़ी कार कंपनियां अपनी गाड़ियों पर लाखों रुपये की छूट  दे रही हैं. लेकिन आपको इन ऑफर का लाभ लेने के लिए 31 दिसंबर तक कार खरीदनी होगी.

Sedan Cars की बात करें तो Volkswagen Vento पर 1.5 लाख रुपए तक, Maruti Ciaz पर 35 हजार रुपए तक, Honda City 5th Gen पर 25 हजार रुपए तक, Hyundai Aura Turbo पर 45 हजार रुपए तक, Tata Tigor पर 25 हजार रपए तक और Maruti Dzire पर 20 हजार रुपए तक का डिस्काउंट मिल रहा है.

SUV Cars पर की बात करें तो Nissan Kicks Turbo और Renault Duster Turbo पर एक-एक लाख तक का ऑफर मिल रहा है. वहीं Mahindra XUV300 पर 70 हजार रुपए तक, Tata Safari पर 40 हजार रुपए तक, Maruti S Cross पर 45 हजार रुपए तक, Tata Harrier पर 20 हजार रुपए तक, Tata Nexon Diesel पर 20 हजार रुपए तक.

नए साल में कार कंपनियां अपनी गाड़ियों की कीमत में इजाफा  करने वाली हैं. इसलिए इस महीने कार खरीदने का अच्छा मौका है. कारों की कीमत बढ़ने की वजह रॉ मटेरियल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को बताया जा रहा है.

Teacher recruitment 2022: ओडिशा में 11,403 पदों पर निकली भर्ती, घर बैठे ऐसे करें अप्लाई

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय (DSE), ओडिशा ने Teacher recruitment 2022 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से 11,403 पदों पर नियुक्ति की जाएगी.

महत्वपूर्ण तारीख:
ऑनलाइन आवेदन शुरू होने की तिथि: 3 जनवरी, 2022
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 31 जनवरी, 2022

रिक्त पदों का विवरण
टीजीटी आर्ट – 3308
टीजीटी साइंस (पीसीएम) – 2370
टीजीटी साइंस (सीबीजेड) – 1544
हिंदी टीचर – 1753
संस्कृत टीचर – 1188
तेलुगु टीचर – 22
शारीरिक शिक्षा शिक्षक 1218

इन पदों पर आवेदन करने के लिए कैंडिडेट की न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं अधिकतम आयु 32 वर्ष निर्धारित है आयु सीमा की पूरी जानकारी के लिए कैंडिडेट ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें.

टीचर के इन पदों पर अप्लाई करने के लिए उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएट एवं अन्य निर्धारित योग्यताएं होनी चाहिए.

 

सर्दियों के मौसम में फटी एड़ियों की समस्या से हैं परेशान तो लगाए ये होममेड क्रेक क्रीम

स्किन संबंधी समस्याएं मौसम में बदलाव आने से होने लगती हैं। वहीं चेहरे के साथ सर्दियों में एड़ियों से जुड़ी परेशानियां भी सताती है।इसके कारण पैरों में दर्द व जलन भी होने लगता है।

बाजार में कई तरह की क्रेक हील क्रीम वैसे तो इससे बचने के लिए मिलती हैं। लेकिन आप इसे आसानी से घर पर ही कुछ देसी चीजों से बनाकर इस्तेमाल कर सकती हैं।

चलिए जानते हैं क्रीम बनाने के लिए सामग्री
देसी मोम- 50 ग्राम
सरसों या तिल का तेल- 100 ग्राम
देसी कपूर- 10 ग्राम

चलिए जानते हैं क्रेक हील क्रीम बनाने का तरीका
. इसके लिए सबसे पहले पैन में तेल गर्म करके इसमें मोम पिघलाएं।
. मोम के पूरी तरह पिघलने पर इसमें कपूर मिला लें।
. फिर इसे आंच से उतारकर ठंडा कर लें।
. आप इस क्रीम को 7-10 दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐसे करें इस्तेमाल
. सोने से पहले पैरों को धोकर कपड़े से पोंछकर सुखा लें।
. अब होममेड क्रेक हील क्रीम को मसाज करते हुए एड़ियों पर लगाएं।
. 2-3 मिनट तक एड़ियों की मसाज करें फिर मोजे पहनकर सो जाएं।
. सुबह पानी से पैरों को धो लें।

विटामिन डी की कमी से शरीर में बढ़ जाता हैं अस्थमा का खतरा, जानिए इससे जुडी कुछ विशेष बातें

ये बात सच है कि विटामिन डी और बी-12 हड्डियों के लिए बहुत जरूरी हैं । अगर ये कम हो तो आस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं। लेकिन विटामिन डी की कमी से केवल इतना ही नहीं होता बल्कि इसकी कमी से कैंसर और डिप्रेशन जैसी बीमारी होने का खतरा बना रहता है। डायबिटीज और दिल की बीमारी का कारण भी विटामिन डी की कमी बन सकती है।

विटामिन डी की कमी से अस्थमा की शिकायत हो सकती है। विटामिन डी की कमी और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सीधा संबंध होता है। विटामिन डी सूजन पैदा करने वाले प्रोटीन को फेफड़ों से दूर रखने का काम करता है।  अगर इस विटामिन की कमी होती है तो सूजन बढ़ने लगती है और अस्थमा की दिक्कत हो सकती है। विटामिन डी की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा होता है। विटामिन डी की कमी से हार्ट अटैक तक आ सकता है।

विटामिन डी की कमी का सीधा संबंध सूजन संबंधी बीमारियों से है। शरीर में अगर प्रचुर मात्रा में विटामिन डी न हो तो रहेयूमेटॉयड अर्थराइटिस, लुपस, इंफ्लेमेटरी बॉउल डिजीज (आईबीडी) और टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।  जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व  कोलेस्ट्रॉल में बदल जाते हैं। विटामिन डी का स्तर कम होने से इम्यून सिस्टम तेजी से कम होने लगता है। इससे सर्दी व जुकाम और संक्रमण और बीमारियों की शिकायत बढ़ जाती है।

इनमें भरा है विटामिन डी का खजाना

  • मछली: सालमोन और ट्यूना ‘विटामिन डी’ का खजाना हैं। सालमोन से विटामिन डी की हमारी रोजाना जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा हो सकता है।
  • दूध: दूध से रोजाना के विटामिन डी का 20 फीसदी हिस्सा पूरा हो जाता है।
  • अंडे: अंडे की जर्दी में सफेदी से ज्यादा विटामिन डी पाया जाता है।
  • संतरे का रस: दूध की तरह ही संतरे का रस भी विटामिन डी से भरपूर होता है। संतरे के जूस को अपने आहार का में शामिल करें।
  • मशरूम: मशरूम में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है। शीटेक मशरूम में सफेद मशरूम के तुलना में अधिक विटामिन डी होता है। अगर आप अपने आहार में विटामिन डी को जोड़ना चाहते है तो उसमें शीटेक मशरूम को शामिल करें।
  • पनीर: पनीर के सभी प्रकार में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रिकोटा चीज में अन्य पनीर की तुलना में ज्यादा विटामिन डी होता है।
  •  कॉड लिवर ऑयल: कॉड लिवर ऑयल विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद विटामिन ए और डी का काफी उच्च स्तर होता है।

गर्माहट और औषधिय गुणों से भरपूर ये हर्बल आयल आपके लिए सर्दियों में हैं वरदान

  ठंड में सर्दी-जुकाम होना बहुत ही आम होता है। इसके अलावा कांस्टिपेशन, हैडेक, मसल्स सोर जैसी दिक्कते भी बहुत आम होती है। लेकिन कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल हमारे आसपास ही मौजूद होते हैं जो पूरी सर्दी आपको बीमारियों से दूर रख सकते हैं। बस इसे इस्तेमाल करना जानना है।

कुछ ऑयल खाने तो कुछ लगाने के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। इन तेलों में ऐसी गर्माहट और औषधिय गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। इन एसेंशियल ऑयल्स में अरोमा भी बहुत होता है और ये अरोमा अपने आप में कई तरह के बीमारियों को सही करने और मूड बेहतर बनाने का काम करते हैं। तो आइए जानें कि सर्दियों में किन ऑयल्स को घर ला कर रख लें।

रोजमेरी ऑयल एनर्जी का सबसे बड़ा सोर्स है। ये रेस्पेरेटरी सिस्टम के इंफेक्शन को सही करने में कारगर है। ये इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। ये ऑयल साइनस, लंग्स इंफेक्शन के साथ ही सीने में होने वाली जकड़न को सही करने का काम करता है। अगर इस ऑयल को रूम में स्प्रे किया जाए तो ये जर्म और इंफेक्शन्स को दूर कर देता है।

लेवेंडर ऑयल की खूशबू बहुत ही स्ट्रॉग होती है। ये जर्म से लड़ने में बहुत कारगर होता है। ये उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हैं जिन्हे फ्लू या कोल्ड कफ की शिकायत हो। साथ ही ये साइनस और सांस लेने में होने वाली तकलीफ को भी दूर कर देता है। इन सब से अलग लेवेंडर ऑयल में तनाव, नींद न आना और स्किन से जुड़ी समस्या को दूर करने का भी गुण होता है।

यदि आपको भी सोते समय अचानक होने लगता हैं सांस रुकने या दम घुटने का अहसास तो हो जाए सतर्क !

स्लीप पैरालिसिस यानी ऐसी स्थिति जब दिमाग और शरीर के बीच संतुलन या तालमेल नहीं रह जाता है। ये स्थिति लकवे की तरह शरीर को कुछ सेकेंड के लिए शिथिल कर देती है। हालांकि ये अवस्था 5 से 15 सेकेंड तक रहती है। इसमें दिमाग तो एक्टिव रहता है और सबकुछ देख सकता है। वहीं, शरीर हिलने-डुलने से इंकार कर देता है। कई बार व्यक्ति हिलने-डुलने के साथ ही बोलने की शक्ति भी खो देता है।

स्लीप पैरालिसिस की अवस्था में शरीर का नींद से उठने के बाद जोर नहीं रहता। वहीं, दिमाग का सिग्नल बॉडी रिसीव नहीं कर पाती गै। इससे शरीर के किसी भी हिस्से को हिलाना तक मुश्किल हो जाता है।

कुछ लोगों को इस दौरान सांस रुकने या दम घुटने जैसा अहसास भी हो सकता है। वहीं, कुछ में इस तकलीफ के साथ नार्कोलैप्सी जैसे नींद से जुड़े अन्य डिसऑर्डर भी हो सकते हैं। वैसे तो स्लीप पैरालिसिस जानलेवा नहीं लेकिन रेयर केस में ये गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण बन सकती है।

क्यों नहीं हिलता शरीर
आप दो चरणों के बीच नींद लेते हैं। पहला नॉन रैपिड आई मूवमेंट (NREM)और दूसरा रैपिड आई मूवमेंट (REM)। जब आप दूसरे चरण में पहुंचते हैं, तो नींद गहरी होती है और इसी के साथ बंद आंखें भी तेजी से मूवमेंट करती हैं। इसी दौरान दिमाग शरीर को शिथिल कर देता है। इससे आप गहरी नींद में सपने देखते हुए उन पर प्रतिक्रिया ना दें।

कई बार कुछ सेकेंड के लिए हल्की नींद टूट जाती है पर शरीर शिथिल रहता है। कई बार लोग इस दौरान मतिभ्रम का शिकार भी हो जाते हैं। वह भूत या कुछ ऐसी चीजें देखने की बात करते हैं, जिनका कोई अस्तित्व नहीं होता।

ऐसे करें नियंत्रित

  1.  वैसे तो स्लीप पैरालिसिस खतरनाक नहीं होती लेकिन लंबे समय तक रहने पर यह नुकसानदायक हो सकती है। इसे नियंत्रित करने के लिए आप आरामदायक और गहरी नींद लें।
  2. तनाव, डिप्रैशन और स्ट्रेस के चलते स्लीप पैरालिसिस की समस्या हो सकती हैं। इसलिए तनाव और डिप्रैशन से बचने की कोशिश करें। सोते समय टीवी, लैपटॉप या फोन इस्तेमाल से बचें।
  3.  शुरू में मेडिटेशन 5-10 मिनट करें और धीरे-धीरे आप 20-30 मिनट के लिए मेडिटेशन करना शुरू करें। रोज मेडिटेशन करने से आप जल्दी ही स्लीप पैरालिसिस से उभर जाएंगे।
  4. डॉक्टर के संपर्क में रहें।

ये हैं कारण
स्लीप पैरालिसिस ड्रग्स, एल्कोहल का सेवन और नींद की कमी के चलते ये समस्या होती है। इसके अलावा यह समस्या तनाव, चिंता, अवसाद, नींद का अनियमित समय, अत्यधिक नींद भी इसके कारण है। वहीं, पीठ पर टिककर सोना, बाइपोलर डिसऑर्डर, पूरी नींद न लेना, लाइफस्टाइल में बदलाव और अनुवांशिक कारण से भी स्लीप पैरेलिसिस हो सकता है।

शरीर पर जमी गंदगी को दूर हटाएगा फिटकरी का ये सरल घरेलू उपाए

फिटकरी आमतौर पर अधिकतर लोगों के घरों में होती है और न भी हो तो ये बहुत ही आसानी से बाजार में मिल जाती है। फिटकरी को पानी में डालने पर वह पानी को साफ करती है, यह तो कई लोग जानते होंगे लेकिन क्या आप फिटकरी के दूसरे इस्तेमाल और गुणों के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो आप भी जानिए फिटकरी के 3 लाभदायक घरेलू उपाय –

1 त्वचा के दाग धब्बे हटाने के लिए फिटकरी एक बढ़िया उपाय है। आप चाहें तो नियमित रूप से चेहरे पर फिटकरी से मसाज करें या फिर फिटकरी केपानी से चेहरे को साफ करें। त्वचा बेदाग हो जाएगी।

2 अगर आपके दांतों में दर्द है और आपको उससे निजात नहीं मिल रहा, तो फिटकरी का पाउडर संबंधित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने पर आपको दांत दर्द से निजात मिल जाएगा।

3 शरीर पर जमी गंदगी और कीटाणुओं को समाप्त करने के लिए फिटकरी के पानी से नहाना बहुत अच्छा उपाय है। ऐसा करना आपके शरीर से पसीने की बदबू को भी कम करता है।

विटामिन और फैटी एसिड से भरपूर ब्रेड आपकी सेहत के लिए हैं बेहद लाभदायक

ब्रेड का इस्तेमाल हर घर में होता है. लेकिन, आप ऐसा ब्रेड खाना चाहेंगे जो कीड़े से बनाई जाती है. फिनलैंड की एक कंपनी ने 2017 में ब्रेड बनाने के लिए उसमें कीड़े का इस्तेमाल करना शुरू किया.

यह सुनने में ही घिनौना लगता है, लेकिन इस ब्रेड में 70 फीसदी मात्रा कीड़े-मकोड़े की होती है. कंपनी का कहना है कि कीड़े का इस्तेमाल करने की वजह से यह ब्रेड स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें कैल्शियम, विटामिन और फैटी एसिड की बहुत ज्यादा मात्रा होती है.

एक फूड इनसाइडर की माने तो दुनिया में करीब 2 अरब लोग ऐसे ब्रेड का इस्तेमाल करते हैं. कीड़ों का इस्तेमाल होने की वजह से यह ब्रेड सस्ती बिकती है. ऐसी ब्रेड फिनलैंड के अलावा डेनमार्क, बेल्जियम और नीदरलैंड्स जैसे देशों में खूब बिकती है.

यह दुनिया की इकलौती ऐसी बेकरी है जो ब्रेड बनाने के लिए कीड़ों का इस्तेमाल करती है. कीड़ों के रूप में झिंगुर का इस्तेमाल किया जाता है. पहले उसका पाउडर तैयार किया जाता है फिर आंटे में मिलाकर गूंथ लिया जाता है.

जो लोग इस ब्रेड का इस्तेमाल करते हैं उनका कहना है कि यह खाने में बहुत ही टेस्टी है. खाते वक्त बिल्कुल भी पता नहीं चलता है कि इसमें कीड़ों का इस्तेमाल किया गया है.

साइलेंट किलर है फास्ट फूड, छोड़ने के होते हैं ये फायदे…

बेकरी के मालिक का कहना है कि पौष्टिक आहार सभी की जरूरत है. ऐसे में कम पैसे में लोगों को पौष्टिक आहार मिल जाता है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं. कुछ लोग इसे सही मान रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह बेहद घिनौना है.

चाय के साथ परोसें पोहा वड़ा यहाँ देखिए इसकी सरल रेसिपी

पोहा वड़ा

सामग्री

1 कप- पोहा

1 कप- उबले आलू

1 चम्मच- अदरक मिर्च पेस्ट

1 छोटी चम्मच- सौंफ

हरा धनिया

लाल मिर्च पाउडर

हल्दी पाउडर

गरम मसाला

धनिया पाउडर

नमक- स्वादानुसार

तेल

विधि

सबसे पहले पोहे को पानी से धो कर अच्छे से निथार लें।

उसके बाद एक बाउल में उबले मसले आलू, अदरक-मिर्च का पेस्ट, हल्दी पाउडर,

धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, काली मिर्च पाउडर और स्वादानुसार नमक मिलाए।

मिश्रण में हरा धनिया भी मिलाएं। उसके बाद इस मिश्रण को गोल आकार में बनाए और तेल में तलें।

तले हुए वड़ो को हरी चटनी के साथ गर्मागर्म सर्व करें।

यदि आप भी हर छोटी बीमारी के इलाज़ के लिए करते हैं पैन किलर का सेवन तो जरुर पढ़े ये खबर

सर्दी के मौसम में हमारी सेहत को कई तरह के नुकसान होने लगते हैं. बदलते मौसम में सिर दर्द,बदन दर्द, पेट दर्द आदि समस्याओ का सामना करना पड़ता है. बहुत से लोग इन चीजों से जल्दी आराम पाने के लिए पेनकिलर ले लेते हैं. अगर ज्यादा परेशानी होती है तो आपको पैन किलर लेना ही पड़ता है चाहे कुछ भी हो जाये. ये पैन किलर आपको राहत तो देती है लेकिन भविष्य में होने वाली परेशानी बढ़ा देती है. इससे कई नुकसान होते हैं आइये जानते हैं उनके बारे में.

* लीवर के लिए पेन किलर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, ज़्यादा पेन किलर खाने से लीवर के खराब होने का भी खतरा होता है.

* जो लोग अधिक मात्रा में पेन किलर का सेवन करते है उनकी किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है. इसके अधिक सेवन से किडनी सही तरीके से काम नहीं कर पाती है.

* ब्लड प्रैशर एक बहुत ही गंभीर बीमारी होती है, बहुत से लोग थोड़े से दर्द में पेनकिलर खा लेते है लेकिन अधिक मात्रा में पेन किलर का सेवन करने से आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है.

* अधिक मात्रा में पेन किलर खाने से ब्लड डिस्क्रैसिया नाम की बीमारी होने का खतरा होता है, इस बीमारी में हमारे शरीर का खून पतला हो जाता है.