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यूपी चुनाव 2022: आज योगी सरकार ने पेश किया 8479 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट, इन लोगों को मिलेगा इसका फायदा

यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले गुरुवार को 8 हजार 479 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया।

अनुपूरक बजट में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति के लिए पावर कॉरपोरेशन को 10 अरब रुपये, हर घर बिजली योजना के लिए अलग से 185 करोड़ रुपये, खेल विभाग को 10 करोड़ रुपये, काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए 10 करोड़ रुपये, किसान और वृद्घावस्था पेंशन के लिए 670 करोड़ रुपये, सूचना विभाग के लिए 150 करोड़ रुपये और यूपी गौरव सम्मान के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

इस दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का दूसरा अनुपूरक बजट और वर्ष 2022-23 के एक भाग के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया।  केंद्रीय करों से राज्यांश से 1,26,383.61 करोड़ रुपये, करेतर राजस्व से 23,406.48 करोड़ रुपये तथा केंद्रीय योजनाओं के लिए भारत सरकार से सहायता अनुदान के रूप में 94,652.47 करोड़ रुपये के अनुमान सम्मिलित हैं।

वित्त मंत्री ने उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान ( संशोधन) अध्यादेश 2021 ( उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 9 सन 2021 को सदन के पटल पर रखा।), उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर ( संशोधन) अध्यादेश 2021 ( उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 8 सन 2021) अधिवक्ता कल्याण निधि ( संशोधन) अध्यादेश 2021 ( उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 10 सन 2021) को सदन के पटल पर रखा।

अगले दो दिनों तक ठप रहेगा बैंक का कामकाज, सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के खिलाफ करेंगे हड़ताल

बैंक में खाता रखने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए अगले दो दिन मुसीबत भरे हो सकते हैं।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के खिलाफ आज से 2 दिन की हड़ताल शुरू कर दी है।

बृहस्पतिवार को देश के कई क्षेत्रों में सामान्य बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो रही है। हालांकि इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम सेवाएं चालू हैं। वहीं निजी बैंकों में रोजना की तरह कामकाज चल रहा है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) के नेतृत्व में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) समेत नौ अन्य बैंक यूनियनों ने दो दिन (16 और 17 दिसंबर) की हड़ताल का आह्वान किया था।

सार्वजानिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस दौरान एटीएम के हालांकि हमेशा की तरह काम करने की उम्मीद है।

यदि आपका खाता निजी बैंकों में है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे अगली पीढ़ी के बैंक हमेशा की तरह सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

 

गरमा गर्म मसाला ब्रेड बनाने के लिए देखें इसकी रेसिपी

सामग्रीः

4 ब्रेड स्लाइस

तेल

आधा कप मैदा

1/4 कप कॉर्नफ्लोर

आधा टीस्पून अदरक-लहसुन का पेस्ट

1 टीस्पून कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर

1 टीस्पून तेल

3/4 टीस्पून राई

1 इंच अदरक का टुकड़ा

3 कली लहसुन

विधि- मसाला ब्रेड बनाने के लिए सबसे पहले ब्रेड के किनारे काटकर इसे क्यूब्स शेप में काट लें. मसाला पेस्ट की सारी सामग्री अच्छे से मिलाकर इसका बारीक पेस्ट बना लें. कड़ाही में तेल चढ़ाएं. अब क्यूब शेप में काटे गए ब्रेड के टुकड़ों को पेस्ट से अच्छी तरह कोटिंग कर लें. गर्म हो चुके तेल में इसके डालकर तल लें. छौंक लगाने के लिए कड़ाही में एक टीस्पून तेल गरम करें इसमें राई का छौंक लगाएं. अब बारीक़ कटा अदरक-लहसुन डालकर हल्का-सा भूनें. हरी मिर्च और करीपत्ता डालकर 1 मिनट तक भूनें. चिली सॉस, कालीमिर्च पाउडर और पानी डालकर उबालें. इसमें फ्राइड ब्रेड डालकर अच्छे से मिक्स करें. अब इसे बारीक कटे हरा धनिया और काजू से गार्निश करें और खाएं.

माॅइश्चराइजर को लगाने से पहले जान ले इससे जुडी कुछ ख़ास बाते…

शरीर की नमी को समझने के लिए हाइड्रा म्यूटी न्यूट्रिशन समझना जरूरी है । अपनी स्किन के मुताबिक बढ़िया मॉइश्चराइजर मिलना जैसे अपने पैरों के मुताबिक एक जोड़ी ऐसे खूबसूरत फूटस मिलना है.

जब माॅइश्चराइजर के बेसिक रूल्स की बात हो रही है तो सबसे पहले नबंर आता है उसके चुनाव का। आजकल मार्केट में कई वैरायटी के माॅइश्चराइजर उपलब्ध है। ऐसे में आपको माॅइश्चराइजर का चयन करते समय अपनी स्किन का खास ख्याल रखना चाहिए।

वहीं अक्सर देखने में आता है कि महिलाएं गर्मियों में जिस माॅइश्चराइजर का प्रयोग कर रही थीं, उसी माॅइश्चराइजर को वे सर्दियों में भी इस्तेमाल करती है। लेकिन आपका यह तरीका गलत है, सर्दियो में ठंडी हवाएं आपकी त्वचा की प्राकृतिक नमी छीन लेती हैं, इसलिए इस मौसम में आपको हैवी माॅइश्चराइजर की आवश्यकता होगी।

स्किन को शाइनी बनाने वाला ऑलिव ऑयल कुछ इस तरह बढ़ा सकता हैं आपके फेस की चमक

हम सभी स्वस्थ, सुंदर और मजबूत बाल तो चाहते हैं लेकिन जाने-अनजाने दिनभर में अपने बालों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं कि वे स्वस्थ नहीं रह पाते। आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी सरल टिप्स जिन्हें अपनाकर आप अपने बालो के जिद्दी डैंड्रफ से छुटकारा पा सकते हैं.

बेकिंग सोडा-नींबू

बेकिंग सोडा और नींबू का कॉम्बिनेशन रूसी खत्म करने में बहुत मददगार होता है। बेकिंग सोडा में एंटी फंगल गुण होते हैं और नींबू में विटामिन-सी, इन दोनों को एक साथ लगाने से डैंड्रफ की समस्या खत्म हो जाती है। इस पेस्ट को बनाने के लिए एक बर्तन में 2 चम्मच नींबू का रस और डेढ़ चम्मच बेकिंग सोडा को मिलाकर पतला पेस्ट बनाएं। अब इसे स्कैल्प पर लगाकर 2-3 मिनट तक मसाज करें फिर बालों को वॉश कर लें।

बेकिंग सोडा-ऑलिव ऑयल

स्किन को शाइनी बनाने वाला ऑलिव ऑयल बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। बेकिंग सोडा में इसे मिलाकर बालों में लगाने से जल्द ही रूसी खत्म हो जाती है। इस मिश्रण को बनाने के लिए बेकिंग सोडा में अंडे की जर्दी और 1 चम्मच ऑलिव ऑयल को गर्म करके मिक्स करें। इस मिश्रण को स्कैल्प पर लगाकर 20 मिनट छोड़ दें फिर पानी से धो लें। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे हफ्ते में दो बार लगाने से फायदा होगा।

स्किन को सुंदर बनाने के साथ उसे कोमल बनाएगा ये होम मेड फेस मास्क

‘चेहरा’ हमारे व्यक्तित्व का आईना होता है। इसलिए, हर इंसान के लिए उसके चेहरे की चमक और खूबसूरती बहुत मायने रखती है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, हर कोई अपने चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के जतन करता है।

आज हम आपको बताएँगे घर में बने एक फेस मास्क के बारे में जिसकी मदद से आप अपनी स्किन को सुंदर बना सकते हैं:

आवश्यक सामग्री

एलोवेरा जेल, बेबी ऑयल, और ग्लिसरीन

गोरी त्वचा पाने का घरेलू उपाय

आप एक चम्मच बेबी ऑयल, एक चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच एलोवेरा जेल को लें, अब इन सबको आप अच्छी तरह से मिला दें। फिर आप इस बनाए हुए मिश्रण को अपने चेहरे पर अच्छी प्रकार से लगाएं व इसे टैब तक न धोएं जब तक यह पूर्ण तय सूख न जाए। ऐसा करने पर यह मिश्रण अछि तरह से आपके चेहरे की त्वचा के अंदर तक जा पाएगा फिर बाद में आप स्वच्छ पानी से चेहरे को धो लें। आपको इसका उपयोग दिन में दो बार करना है। ऐसा करने के बाद आपके चेहरे की काली त्वचा में काफी ग्लो नज़र आएगा।

कच्चे पपीते का सेवन करने से आपको भी मिल सकता हैं इन बिमारियों से निजात

कच्चे पपीते के कई तरह के व्यंजन तो आपने खाए होंगे लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कच्चा पपीता आपके पूरे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक फल है. कच्चा पपीता लीवर को मजबूत बनाता है.

पीलिया में लीवर काफी खराब हो जाता है इसलिए इसकी सब्जी या सलाद के रूप में खाने से पीलिया रोगियों को काफी फायदा पहुंचता है.कच्चे पपीते में मौजूद पैपिन की भरपूर मात्रा प्राकृतिक रूप से कब्ज ठीक करने में बहुत सहायक है. अगर आप इस समस्या से पीडि़त हैं तो कच्चे पपीते को अपनी डाइट में शामिल करें.

-मधुमेह के रोगियों को कच्चे पपीते का जूस पीने से रक्त शर्करा के स्तर को बहुत कम किया जा सकता है। ये शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बहुत बढ़ाता है।

-जो मां स्तनपान करवा रही हैं, उनके लिए कच्चा पपीता बेहद ही गुणकारी माना जाता है। इससे दूध बढ़ाने में सहायता मिलती है।

-कच्चे पपीते में ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो पेट में गैस बनने से रोकते हैं और पाचन में सुधार करते हैं। ये शरीर में विषाक्त पदार्थों से राहत दिलाता है।

-कच्चा पपीता महिलाओं के गर्भाशय में संकुचन लाती है और मासिक धर्म के दर्द को कम कर सकती है।

-कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम कर सकता हैं इस चीज़ का सेवन

स्तन कैंसर तेजी से महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। एक नए शोध में बताया गया है कि अगर आपको स्तन कैंसर के जोखिम को कम करना है तो रोज की डाइट में दही को जरूर शामिल करें। हर दिन दही खाने से महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम होता है.

इस शोध में बताया गया है कि जो प्रोबायोटिक सप्लीमेंट होते हैं वो स्तन कैंसर के हानिकारक विषाणुओं के प्रभाव को कम कर देते हैं।दरअसल दही में मौजूद सूक्ष्म जीव सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि बैक्टीरिया से प्रेरित सूजन कैंसर से जुड़ी हुई है.

दही इसे कम करती है। यह शोध जर्नल मेडिकल हाइपोथिसिस में प्रकाशित हुई है। शोध में कहा गया है कि दही में फायदेमंद बैक्टीरिया लैक्टोज एवं माइक्रोफ्लोरा पाया जाता है जो कि उसी तरह का बैक्टीरिया है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन से निकलने वाले दूध में पाया जाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि दही में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया कैंसर के हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर देते हैं। वैसे भी दही सिर्फ कैंसर के जोखिम को ही कम नहीं करती बल्कि आपको कई तरह की बीमारियों से बचाती है। अगर आपको पेट से संबंधित परेशानियां लगातार होती रहती हैं तो आपको अपनी डाइट में दही और छाछ को शामिल करना चाहिए। दही एक प्रो-बायोटिक फूड है जिसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। दही खाने से आपके दांत और हड्डियां मजबूत होती हैं। दही के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आपको कई तरह की बीमारियां नहीं घेरती हैं।

चॉकलेट का सप्ताह में एक बार सेवन करने से होने वाले फायदें के बारे में क्या जानते हैं आप

हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से जुड़ते हैं.

पहले इसे कोको के पेड़ों में देखा गया और यहीं से चॉकलेट बनाने की शुरुआत हुई. आपको बताते चलें कि पहले इसे खाया नहीं बल्कि पिया जाता था और स्वाद की दृष्टि से ये बेहद कड़वी और तीखी होती थी.

क्लीनिकल स्टडी से पता चला कि चॉकलेट ब्लड प्रेसर और ब्लड वेसल लाइनिंग दोनों के लिए फायदेमंद है. रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका के बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के चयक्रिट क्रिटाननॉन्ग के अनुसार, “मैं यह देखना चाहता था कि क्या यह हार्ट (कोरोनरी आर्टरिज) की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है या नहीं. और यदि ऐसा होता है, तो क्या यह फायदेमंद या हानिकारक है?”

सप्ताह में एक बार से कम चॉकलेट खाने की तुलना में, एक बार से अधिक चॉकलेट खाने से आठ प्रतिशत आर्टरी डिजीज का खतरा कम होता है. क्रिटानानॉन्ग के अनुसार “चॉकलेट में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्व होते हैं जैसे कि फ्लेवोनोइड, मिथाइलक्सैन्थिन, पॉलीफेनोल और स्टीयरिक एसिड जो सूजन को कम कर सकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं.”

तो इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अधिक होता हैं हार्ट अटैक का खतरा, जरुर देखे

हार्ट अटैक का खतरा हर किसी को बना रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप यह बताने में सक्षम है कि आपके जीवन को हार्ट अटैक से कितना खतरा है। हाल ही में नीदरलैंड में हुए एक शोध से यह पता चला है।

इस शोध पर भरोसा करें तो ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में (ए, बी, एबी) ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 9 फीसदी ज्यादा रहती है।

शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि वॉन विलेब्रैण्ड फैक्टर की ज्यादा मात्रा की वजह से खतरा ज्यादा हो जाता है।विलेब्रैण्ड फैक्टर एक रक्त का थक्का जमाने वाला प्रोटीन है, जो कि थ्रोम्बोटिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।

ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के लिए जाना जाता है, जो कि दिल के दौरे का प्रमुख जोखिम कारक है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा, गैर ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों में गैलेक्टिन-3 की उच्च मात्रा होती है। गैलेक्टिन-3 प्रोटीन सूजन और दिल के मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।