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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में रिक्त पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड , बंगलौर ने सुरक्षा अधिकारी के रिक्त पदो युवा उम्मीदवारों से आवेदन मागें है।

महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं 

पद का नाम- सुरक्षा अधिकारी

कुल पद – 1

अंतिम तिथि – 31 – 12 -2021

स्थान– बंगलौर

आयु सीमा-

उम्मीदवारो की अधिकतम आयु 32 वर्ष मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट दी जाएगी।

योग्यता-

उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक डिग्री प्राप्त हो।

आवेदन शुल्क: कोई आवेदन शुल्क नहीं है।

चयन प्रक्रिया उम्मीदवार का साक्षात्कार के आधार पर चयन होगा।

कैसे करें आवेदन

साथ ही शिक्षा और अन्य योग्यता , जन्मतिथि की तिथि और अन्य आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ स्वयं प्रतिबंधात्मक प्रतियां और नियत तारीख से पहले भेजते हैं।

तीन कलर वेरियंट के साथ मार्किट में लांच हुआ Tecno Pova Neo, मिलेगा 24 घंटे का बैटरी बैकअप

टेक्नो ने अपने बजट स्मार्टफोन Tecno Pova Neo को लॉन्च कर दिया है। Tecno Pova Neo को तीन कलर वेरियंट और डुअल रियर कैमरा सेटअप के साथ लॉन्च किया गया है जिसमें प्राइमरी लेंस 13 मेगापिक्सल का है।

Tecno Pova Neo को 120Hz रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले के साथ पेश किया गया है। फोन की बैटरी को लेकर 24 घंटे के बैकअप का दावा किया गया है।Tecno नाइजीरिया की वेबसाइट पर कीमत और उपलब्धथा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है पर जरूर लिस्ट किया गया है।  ग्लोबल मार्केट में फोन की उपलब्धता को लेकर फिलहाल कोई खबर नहीं है।
कैमरे की बात करें तो टेक्नो के इस फोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप है जिसमें प्राइमरी लेंस 13 मेगापिक्सल का है। दूसरे लेंस के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। सेल्फी के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियर कैमरे के साथ क्वॉड फ्लैश लाइट है।
कनेक्टिविटी के लिए फोन में ब्लूटूथ, वाई-फाई, जीपीएस, FM रेडियो और OTG का विकल्प मिलता है। फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर भी है। टेक्नो के इस फोन में 6000mAh की बैटरी है जिसके साथ 18W की फास्ट चार्जिंग भी है। बैटरी के बैकअप को लेकर 24 घंटे के म्यूजिक प्लेबैक और 40 घंटे की कॉलिंग का दावा किया गया है।

भारतीय मार्किट में Hyundai की गाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रही Tata Motors, इन गाड़ियों का जलवा बरक़रार

Tata Motors ने एक के बाद एक नई कार बाजार में पेश करके बाजार में तहलका मचाया है. यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट में Nexon और Safari जैसी गाड़ियों की बदौलत कंपनी अब देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी Hyundai Motors India के लिए कड़ी चुनौती बन रही है.

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में टाटा मोटर्स का मार्केट शेयर नवंबर में 12.01% रहा है. ये Hyundai Motors के 15.5% से मामूली तौर पर ही कम है.

अगर मार्केट शेयर के मामले में दोनों कंपनियों के अंतर को देखा जाए तो नवंबर में ये महज 3.5% रहा है. लेकिन ये लगातार कम हो रहा है. पिछले साल जून में हुंडई मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी जहां 18.95% थी, वहीं Tata Motors की 6.89% थी.

Tata Motors ने अपने आप को री-इमेजिन करते हुए पूरे पोर्टफोलियो को बदल दिया है. मार्केट में कंपनी ने Tigor, Nexon और Safari जैसे दमदार मॉडल लॉन्च किए हैं. वहीं हाल में कंपनी ने Punch भी लॉन्च की है.

 

यहाँ जानिए आखिर कैसा रहेगा आपका दिन, देखें शुभ राशिफल

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है टेस्टी मूंग दाल के कबाब बनाने की रेसिपी. मूंग दाल के कबाब आप सरलता के घर में बना सकती हैं. ये खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं इसके साथ ही ये हेल्दी भी होते हैं. आइए जानते हैं कैसे बनाते हैं मूंग दाल के कबाब

आवश्यक सामग्री

धुली मूंग दाल- 1 कप
दही- 1 कप
घी- 2 चम्मच
जीरा- 1 चम्मच
नमक- 1 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- 1 चम्मच
गरम मसाला- 1/2 चम्मच
लहसुन पेस्ट- 1 चम्मच
घी- आवश्यकतानुसार

बनाने की विधि : दाल को तीन से चार घंटे के लिए पानी में भिगोएं. पानी से निकालकर एक ओर रख दें. कड़ाही में दो चम्मच घी गर्म करें  उसमें जीरा डालें. जब जीरा पक जाए तो कड़ाही में दाल डालें  उसे धीमी आंच पर लगभग पांच मिनट पकाएं. गैस ऑफ करें  दाल को ठंडा होने दें. दाल को ग्राइंडर में बिना पानी डालें पीस लें. उसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला  लहसुन डालकर मिलाएं. अब इस मिलावट में दही मिलाकर गूंद लें. इस मिलावट को 12 हिस्सों में बांटें  कबाब का आकार दें. पैन में घी गर्म करें  धीमी आंच पर कबाब को पकाएं. आवश्यकता के मुताबिक घी डालते हुए कबाब को पकाएं. धनिया पत्ती से सजा कर पेश करें.

नाखून बढ़ाने की आदत आपको बहुत बड़ी मुसीबत में डाल सकती हैं यहाँ जानिए कैसे

आज कल हर कोई स्टायल में रहना पसंद केरता है बात यदि लड़कियों की करें थ उनको अपने हाथों की खूबसूरती बहुत ही ज्यादा प्यारी होती है । इस खूबसूरती को बढ़ाने के लिए वह नाखून भी बढ़ा कर रखती है इतना ही नहीं वह उनकी सजावट पर भी कई पैसे खर्च करती है ।

पर यही ही नाखून बढ़ाने की आदत आपको बहुत बड़ी मुसीबत में दल सकती है । खास कर गर्भवती महिलाओं को । नाखून जब बढ़ते हैं तो उनमे गंदगी जमा होना तय है ऐसे में हम उन हाथों को न जाने कितनी बार मुंह में लेते हैं साथ ही खाना भी बनाते हैं तो उस गंदगी का हमारे पेट में जाना भी तय है ।

ज्‍यादा लंबे नाखून रखने से इंफेक्‍शन हो सकता हैं। दरअसल, लंबे और गंदे नाखून से इंफैक्शन जैसे कि पिनवर्म्स हो सकते हैं। साथ ही इनमें अधिक गंदगी और घातक बैक्टीरिया होते हैं, जोकि इंफैक्शन का खतरा बन सकते हैं। यही कारण है कि बड़े-बुजुर्ग और एक्सपर्ट समय-समय पर नाखून काटने की सलाह देते हैं।

बच्चों के नाखून लड़कियों जितने बड़े नहीं होते लेकिन उनके नाखूनों में गंदगी भरी होती है, जिससे रोगाणु पनपने लगते है। यही किटाणु शरीर में जाकर इंफैक्शन का खतरा बढ़ाते हैं। वहीं बच्चे कई बार खुजली से राहत देने के लिए खुद को नाखून से खरोंचकर चोट पहुंचा लेते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप समय-समय पर उनके नाखून काटें।

त्वचा से जुड़ी सभी समस्याओं से आपको छुटकारा दिलाएगा हल्दी का ये फेस मास्क

चेहरे पर निखार लाने के लिए आपने हल्दी के बारें में तो सुना ही होगा, लेकिन हल्दी न सिर्फ त्वचा को निखारती है बल्कि दाग-धब्बों, झुर्रियों, झाइयों आदि समस्याओं को भी कम करने में मदद करती है। इस लेख में हम आपको स्किन के लिए हल्दी के गुणों के बारें में बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर करेंगे। तो चलिए जानते हैं त्वचा के लिए हल्दी के ये फायदे।

चेहरे को गोरा करने के लिए

हल्दी और नींबू- त्वचा को गोरा बनाने के लिए हल्दी बहुत ही बेहतरीन इलाज है। नींबू में ब्लीचिंग गुण होते हैं जो त्वचा को प्राकृतिक तरीके से गोरा बनाने में मदद करते हैं। साथ ही, नींबू त्वचा को जवान बनाता है और तैलीय होने से रोकता है।

कील-मुहांसे दूर करने के लिए

हल्दी और दूध– दूध में त्वचा की मृत कोशिकाओं, अशुद्धियों और अन्य विषाक्त पदार्थों को साफ करने के गुण होते हैं। हल्दी में दूध मिलाने से मुहांसे और मुहांसों से होने वाले दाग-धब्बे दूर होते हैं।

एजिंग

खीरा और हल्दी– खीरे में एस्ट्रिजेंट गुण होते हैं, जो एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। जिनकी त्वचा संवेदनशील है वो हल्दी और खीरे के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मिश्रण एजिंग की समस्या के लिए बेहद लाभदायक है।

फटी एड़ियों से आपको छुटकारा दिलाने के लिए ये होम मेड स्क्रब हैं बेहद फायदेमंद

हमारे शरीर का एक अहम् भाग है हमारी एड़िया  आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है इसको खूबसूरत बनाने का तरीका. एड़ियां शरीर का शायद सबसे ज्यादा इग्नोर किया हुआ भाग हैं. फुटवेयर की वजह से ये ढंकी हुई रहती हैं, इसलिए ज्यादातर हम इसपर ध्यान ही नहीं देते. लेकिन, ज़्यादा दिनों तक अगर एड़ियों पर ध्यान न दिया जाए तो ये फटने लगती हैं.

जो देखने में तो बुरी लगती ही हैं, साथ ही इनमें दर्द भी होने लगता है. अगर आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो एक घरेलू इलाज ऐसा है जो आपको बहुत ज्यादा राहत पहुंचा सकता है.फटी एड़ियों से छुटकारा दिलाने के लिए एक सरल तरीका बताती हैं. इससे एड़ियां नर्म मुलायम भी हो जाती हैं.

इस्तेमाल का तरीका:3 चम्मच दरदरे पिसे चावल लें. इसमें एक चम्मच शहद मिला लें. इनका पेस्ट बनाकर फटी एड़ियों पर लगाएं. उंगली के प्रयोग से आराम से फटी एड़ियों को एक्सफोलिएट करें. पानी से धोकर मॉइश्चुराइज़र लगा लें. न दोनों चीज़ों का मिक्सर फटी एड़ियों को बहुत जल्दी अच्छा कर देता है. जहां शहद एक बहुत अच्छा मॉइश्चुराइज़र है

हर रोज़ एड़ियों में मॉइश्चुराइज़र लगाना न भूलें.ध्यान देने वाली बात ये है की हर ब्यूटी टिप्स में स्क्रब के बाद अपने स्किन की नौरीश कर्मा जरुरी होता है  इसके लिएमॉइश्चुराइज़रलगाना जरुरी होता है.

भारतीय रसोई में मिलने वाला ये काला जीरा आपको दिलाएगा पाचन संबंधी समस्याओं से निजात

भारतीय रसोई में पाए जाने वाले मसाले इतने फायदे मंद होने कि सम्भावना है आपने कभी सोचा भी नहीं होगा | जी हाँ ,काला जीरा कई अनगिनत बीमारियों को दूर करता है. इसे आप घरेलू नुस्खों के तौर पर इस्तेमाल में ला सकते है|

काला जीरा न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ा देता है बल्कि इसमें उपस्थित औषधीय गुण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुगना कर बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं.यदि आप काले जीरे का नियमित उपभोग कर रहे है.

जीरे से पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करना सरल होता है. इसमें एंटीमाइक्रोबियल पाया जाता है, जिससे पाचन संबंधी परेशानियां सरलता से दूर होती हैं. काले जीरे के इस्तेमाल से पेट-दर्द,दस्त, पेट में कीड़े होना, गैस्ट्रिक, पेट फूलना आदि परेशानियां नहीं होती लगती हैं.

इससे सिर दर्द  दांत दर्द की समस्या भी दूर होती है. तेज सिर दर्द में काले जीरे के ऑयल को माथे पर लगाने से सिर दर्द बंद होने लगता है. यही नहीं काला जीरा दांत के दर्द को भी कम करता है.

यदि आपके दांत में दर्द हो तो आप काले जीरे के ऑयल की कुछ बूंद गर्म पानी में डालकर कुल्ला कर लें. इससे आपके दांत दर्द में तुरंत राहत मिलेगी. यदि आप 3 महीने तक काले जीरे के इस्तेमाल करते है तो इससे वजन घटाने में भी सहायता मिलेगी |

इन ईटिंग हैबिट्स का अनुसरण करके आप भी अपने शरीर को बना सकती हैं स्वास्थ्य

जब बात शरीर को हैल्दी रखने की आती है तो उसमें हमारी ईटिंग हैबिट्स का बहुत बड़ा हाथ होता है. ऐसे में फिट  हैल्दी रहना है तो आयुर्वेद के अनुसार जानें कि हमें क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए  कैसे खाना चाहिए.

शरीर की प्रकृति के अनुसार करें भोजन
हम दिनभर में जो भी खाते-पीते हैं, महत्वपूर्ण नहीं कि वह शरीर के लिए लाभकारी ही हो. आयुर्वेद में हर वस्तु के खाने-पीने का समय मौसम और शरीर की प्रकृति के अनुसार तय किया गया है.

आहार के छह रस
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन में 6 रस शामिल होने चाहिए. ये 6 रस हैं- मधुर (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा)  कषाय (कसैला). शरीर की प्रकृति अनुसार भोजन करें. इससे शरीर में पोषक तत्वों का संतुलन नहीं बिगड़ता है. कुछ लोग मिली हुई प्रकृति के होते हैं. ऐसे लोगों को आयुर्वेद विशेषज्ञ की परामर्श से आहार लेना चाहिए.
32 बार क्यों चबाएं
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो खाना चबा-चबाकर खाएं. आयुर्वेद में 32 बार चबाकर खाने का नियम बताया गया है. इससे पाचन अच्छा रहता है  पोषक तत्व शरीर को लगते हैं. देर रात खाने से पाचन तंत्र निष्क्रिय होता है, जिससे भोजन पचने में परेशानी होती है. इसलिए अपच, गैस  कब्ज की समस्या बढ़ती है.
कभी-कभी खाएं
पनीर हफ्ते में दो बार खाएं. स्प्राउट्स सप्ताह में दो बार लें. स्प्राउट को रातभर पानी में भिगोने के बाद एक बार उबालें  उसमें नमक, नींबू मिलाकर खा सकते हैं. दही सप्ताह में दो या तीन बार ही इस्तेमाल करें क्योंकि प्रतिदिन इसे खाने से मोटापा, जोड़ों में दर्द और मधुमेह की शिकायत हो सकती है. बेहतर होगा दही में शहद या मिश्री मिलाकर खाएं.

ये भी है महत्वपूर्ण
घर के 4 सदस्यों के परिवार में 2 लीटर खाद्य ऑयल ही पर्याप्त माना जाता है. यदि आप एक कचोरी खा लेते हैं तो इसमें लगभग 15 मिलीग्राम ऑयल होता है जिससे रोजाना की आवश्यकता पूरी हो जाती है. इसके अलावा तैलीय चीजों को लेने से शरीर में फैट जमना प्रारम्भ होता है. घर पर तैयार भोजन में भी ऑयल की मात्रा नियंत्रित करनी चाहिए. बाहर की डीप फ्र्राइड चीजों से बचना चाहिए. कचौरी, समोसा, पकौड़ी, फ्रेंच फ्राइज, मठरी शरीर में फैट की मात्रा बढ़ाते है. मार्केट में तैयार इन चीजों में स्मोक पॉइंट से अधिक तापमान पर गर्म करने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ती है. शरीर में टॉक्सिन, फ्री रेडिकल्स बनते हैं.
खाने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
सब्जियों को ज्यादा न पकाएं. सब्जियां न तो ज्यादा पकी होनी चाहिए  न ही कच्ची.
अदरक का टुकड़ा तवे पर भूनकर सेंधा नमक के साथ लें. इससे भूख बढ़ती है.
जंकफूड में सोडियम, ट्रांसफैट  शर्करा की भरमार होती है. इन्हें खाने से परहेज करें.

गर्भावस्था के दौरान न करें सोने में लापरवाही अथवा शिशु को होगा ये नुकसान

गर्भावस्था के दौरान बायीं करवट से सोना चाहिए. इससे प्लेसेंटा में ब्लड  दूसरे पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में जाते हैं जो शिशु को लाभ करते हैं. इस दौरान पैरों  घुटनों को मोड़कर रखना चाहिए  पैरों के बीच में तकिया लगाना चाहिए. इससे कमर दर्द में आराम मिलता है. पीठ के बल सोने से पीठदर्द के साथ सांस और पाचनतंत्र की समस्याएं होने के साथ ब्लड प्रेशर कम होने का खतरा रहता है.

नियमित जाँच इसलिए जरूरी
गर्भावस्था में नियमित जाँच महत्वपूर्ण है. इसमें हीमोग्लोबिन  ब्लड प्रेशर महत्त्वपूर्ण है. मां का हीमोग्लोबिन  ब्लड प्रेशर अच्छा रहेगा तो गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ होगा. हीमोग्लोबिन लेवल बारह से कम नहीं होना चाहिए. हाई रिस्क प्रेगनेंसी में मां का एचबी कम है, ब्लड प्रेशर असंतुलित है  प्लेसेंटा नीचे की ओर है तो गर्भवती को समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते रहना चाहिए.

दिन में भी नींद लें
गर्भावस्था के दौरान दिन में कम से कम दो घंटे जबकि रात में आठ घंटे की नींद स्वस्थ मां  शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु की स्वास्थ्य अच्छा रहने के साथ मां को भी गर्भावस्था के दौरान कोई स्वास्थ्य संबंधी कठिनाई नहीं होती है.

न करें लापरवाही
– 80 फीसदी गर्भवती महिलाएं नींद पर ध्यान नहीं देतीं जिससे उन्हें कठिनाई होती है.
– 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए जिससे शरीर में तरलता बनी रहे.
– 10 फीसदी गर्भवती नियमित जांचें नहीं कराती हैं जिससे प्रसव के दौरान कठिन हो सकती है.