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इस फेस्टिव सीजन सस्ते में खरीदे Samsung का ये लेटेस्ट 5G फोन, यहाँ जानिए कैसे

इस फेस्टिव सीजन दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी Samsung ने अपने लेटेस्ट 5G फोन के दाम कम कर दिए हैं. अगर आप इस खास त्योहार पर एक नया 5G स्मार्टफोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

कंपनी इस पर करीब पांच हजार रुपये तक की कटौती कर दी है. सैमसंग के इस फोन में 5000mAh की बैटरी के अलावा क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 778G प्रोसेसर दिया गया है.

Samsung Galaxy M52 5G स्मार्टफोन प्राइस घटने के बाद इसके 6GB रैम और 128GB इंटरनल स्टोरेज वाले वेरिएंट की कीमत 29,999 रुपये के बजाय 24,999 रुपये हो गई है. वहीं आप इसके 8GB रैम और 128GB इंटरनल स्टोरेज वाले वेरिएंट को सिर्फ 26,999 रुपये में खरीद सकते हैं. ये ऑफर सिर्फ 31 अक्टूबर तक ही वैलिड है.

जिसका प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है. वहीं 12 मेगापिक्सल का एक और सेंसर और 5 मेगापिक्सेल डेप्थ कैमरा मौजूद है. सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फोन में 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है.

पावर के लिए फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है, जो कि 25 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ आती है. वहीं कनेक्टिविटी के लिए फोन में 5G, 4G LTE, वाई-फाई, ब्लूटूथ v5, जीपीएस/ए-जीपीएस और यूएसबी टाइप-सी पोर्ट जैसे फीचर्स मिलेंगे. सिक्योरिटी के लिए फोन में साइड-माउंटेडिड फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है.

 

 

UP Election 2022: अमित शाह के यूपी दौरे से गरमाई सियासत, अखिलेश यादव ने साधा BJP पर तंज़

गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जहां लखनऊ (Lucknow) में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कांग्रेस और बीएसपी के नेताओं को पार्टी में शामिल करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा.

अखिलेश ने ये भी कहा कि बीजेपी सभी विधायकों के टिकट काट लेगी तो भी जीत नहीं पाएगी. अखिलेश ने सवाल पूछा कि योगी सरकार ने साढ़े चार साल लोगों को कौन सा टेबलेट बांटा. उन्होंने कहा कि आज किसान बीजेपी का सफाया चाहता है.

अखिलेश यादव ने कहा कि आज किसान भाजपा का सफ़ाया चाहता है. फसल को ख़रीदने का कोई इंतिजाम किया. किसान मजबूरी में अपनी खेती में आग लगा रहे हैं. खाद के लिए किसान की जान चली जाए उसे आत्महत्या करनी पड़े तो स्थिति क्या होगी, अंदाज़ा लगा लीजिए. उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे सपा ने बनाया है.

सपा प्रमुख ने कहा कि यूपी देश की राजनीति को दिशा देता है. भाजपा में मनभेद ही नहीं बल्कि ‘मठभेद’ भी है. सुना है कुछ विधायकों के टिकट बदले जा रहे हैं.

NCRB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, साल 2020 में आत्महत्या करने वालों की दर में दिखी भारी बढ़त

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) की साल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की और इस दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या करने वालों की दर बढ़कर 57 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई.

बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, और चंडीगढ में किसी एक भी किसान की आत्महत्या की खबर नहीं आई. सबसे ज्यादा आत्महत्याएं पारिवारिक क्लेशों और बीमारी के चलते हुईं. रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं मे भारी कमी आई है और पिछले पांच सालों के मुकाबले सबसे कम लोगों की मौत सड़क और रेल क्रासिंग दुर्घटनाओं में हुईं.

साल 2020 में एक लाख 53 हजार 52 लोगों ने आत्महत्या की. इसका सीधा मतलब यह भी है कि कोरोना काल में बंद के दौरान लोगो में ज्यादा तनाव था, जिसके चलते यह प्रतिशत पिछले पांच सालों के मुकाबले बढ गया.

एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक, जिन लोगों ने आत्महत्या की, उनमें 10 हजार 677 लोग खेती किसानी से जुड़े हुए थे. इस संख्या में किसान मजदूरी करने वालों की संख्या 5098 थी. जबकि किसानों की संख्या 5579 थी. ये संख्या कुल आकंडे 1,53,052 का सात प्रतिशत है.

UP Election 2022: क्या इस बार फिर यूपी में बीजेपी रचेगी इतिहास, 73 सीटों पर कर पाएगी कब्जा

केंद्र की राजनीति में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और अमित शाह (Amit Shah) के उदय को बीजेपी का स्वर्ण युग कहा जा सकता है. नरेंद्र मोदी 2014 के चुनाव में देश के पटल पर छा गए. उस चुनाव में बीजेपी (BJP) ने सबसे अधिक सीटें उत्तर प्रदेश में जीती थीं. बीजेपी और अपना दल ने यूपी की 80 में से 73 सीटों पर कब्जा जमाया था.

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2014 का लोकसभा चुनाव अपना दल के साथ मिलकर लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी ने 72 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अपना दल ने 1 सीट जीती थी. उस चुनाव में बीजेपी ने कुल पड़े वोटों के 42.63 फीसदी वोट मिले थे.

बीजेपी ने 2017 में हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अमित शाह के नेतृत्व में लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी ने सीटों की संख्या के लिहाज से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने प्रदेश की 403 सीटों में से 384 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसने इनमें से 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 39.67 फीसदी वोट मिले थे.

Meta के नाम से अब दुनिया में जाना जाएगा Facebook, यहाँ जानिए आखिर क्या हैं इस शब्द का अर्थ

भारत समेत दुनियाभर में सबसे ज्यादा पॉपुलर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म Facebook को अब Meta के नाम से जाना जाएगा. कंपनी ने इसका नाम बदल दिया है.

कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि हम इसे महज एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं और अब जो हम करने जा रहे हैं उसके लिए नए नाम के साथ जाने की जरूरत थी.

Facebook के सीईओ मार्क जकरबर्ग के मुताबिक मेटा का ग्रीक में मतलब Beyond होता है, यानी हद से पार. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर मेटा इसलिए किया गया है.

Metaverse एक ऐसी वर्चुअल दुनिया होगी जिसमें लोग अपने कमरे में बैठ कर एक साथ कई जगहों पर अलग अलग अवतार के जरिए अलग अलग काम कर सकते हैं. इंटरनेट की इस नई दुनिया को मेटावर्स का नाम दिया गया है.

मेटावर्स तकनीक का ऐसा ब्रह्मांड जिसमें आभासी तौर पर इंसान उन जगहों पर मौजूद हो सकता है, जिसे वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियलिटी यानी संवर्धित वास्तविकता के जरिए हासिल किया जा सके.

फेसबुक की ओर से यह नाम ऐसे वक्त में बदला गया है जब कंपनी के ऊपर कई देशों में ऑनलाइन सुरक्षा, भड़काऊ कंटेंट को नहीं रोकने को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

कुछ टेस्टी खाने का मन हैं तो आज ही बनाए सोयाबीन कबाब, देखें इसकी विधि

आवश्यक सामग्री:
2 कप सोया बीन की बड़ी
आधा कप पोहा
एक उबला आलू2 प्याज बारीक कटे हुए
2 हरी मिर्च बारीक कटी हुई
कद्दूकस किया हुआ अदरक एक चम्मच
एक चम्मच चाट मसाला
आधा चम्मच अमचूर पाउडर
एक चम्मच गरम मसाला पाउडर
स्वादानुसार नमक
तेल

विधि:
सोयाबीन की बड़ी 20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगोएं।पानी में पोहा 2 से 3 बार धोकर मैश कर लें।अब मिक्सी में सोयाबीन की बड़ी, प्याज, हरी मिर्च, धनिया, लाल मिर्च, जीरा पाउडर, अदरक, चाट मसाला, अमचूर और नमक डालकर पीस लें।इस मिक्सचर को बर्तन में निकाल लें। फिर इसमें गरम मसाला, धनिया पत्ती, पोहा और आलू मैश करके कबाब के लिए मिक्सचर तैयार कर लें।

अब हाथ में थोड़ा मिक्सचर लें, इसे गोल करके हथेली से दबाकर लोई का शेप देकर प्लेट में रख दें। इसी तरह पूरे मिश्रण से कबाब तैयार कर लें।गैस पर नॉन स्टिक तवा गर्म करें। तवे पर तेल डालकर इस पर कबाब रख कर सेकें।मध्यम आंच पर ब्राउन होने तक कबाब सेकें। कबाब को पलटकर दूसरी तरफ से भी सेक लें और प्लेट में निकाल लें।इसी तरह सभी कबाब सेक कर प्लेट में निकाल लें। लिजिए तैयार हैं गर्मा-गरम सोयाबीन कबाब। सोयाबीन कबाब को सॉस या चटनी के साथ परोसें और इसके टेस्ट का मज़ा लें।

चमकदार त्वचा का सपना अब होगा पूरा, बस अपनाए ये सिंपल स्टेप्स

हमें खूबसूरत और चमकदार त्वचा कैसे मिलेगी? कैसे हमारा चेहरा बेदाग बन सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं,  जो हम सभी त्वचा रोग विशेषज्ञों से पूछते हैं। बार-बार पूछते हैं और उनसे एक आसान जवाब की उम्मीद करते हैं। बेदाग, सुंदर और चमकदार त्वचा का सपना हम सब देखते हैं। कोई भी अपनी त्वचा पर मुहांसे, काले धब्बे, सूजी आंखें या आंखों के चारों ओर काले घेरे देखना पसंद नहीं करता।

इसके जरिए हम आपको बताएंगे बेसन और उसके बेहतरीन उपयोग के बारे में। बेसन घर के किचन में इस्तेमाल होने वाली एक आम सामग्री है, जोकि बड़ी आसानी से मिल जाती है। खास बात तो ये है कि होममेड चीजों के साइड-इफ़ेक्ट बेहद कम होते हैं। ऐसे में आप इसे बेफिक्र होकर अपने चेहरे पर इस्तेमाल कर सकती हैं।

अगर आपको कुछ ही समय में बेदाग और खूबसूरत स्किन चाहिए तो आप बेसन के फेस पैक्स का इस्तेमाल जरूर करें। इससे महंगे ब्यूटी ट्रीटमेंट्स पर खर्च होने वाले पैसे भी बचेंगे और आपकी स्किन भी ग्लोइंग हो जाएगी। बेसन के फेस पैक्स की खासियत ये है कि हर प्रकार की त्वचा के लिए फायदमेंद साबित होंगे।

इस सरल से ब्यूटी ट्रीटमेंट की मदद से आप भी अपनी स्किन को बना सकते हैं ग्लोविंग

महिलाएं अपनी ग्लोइंग और निखरी त्वचा के लिए अक्सर ब्यूटी ट्रीटमेंट लेती हैं। बेदाग और गोरी त्वचा के लिए महिलाएं ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं। ब्लीच के इस्तेमाल करने से चेहरे पर ग्लो देखने को मिलता हैं। ब्लीच में हाइड्रोजन परॉक्साइड केमिकल पाया जाता है।

हर कोई चाहता है कि उनकी स्किन में निखार आए। उनकी स्किन हमेशा ग्लो करती रहे। इसके लिए लोग कई केमिकल वाले ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने लगते हैं। यह केमिकल वाले प्रोडक्ट आपकी त्वचा पर निखार तो ले आते हैं मगर उसे नुकसान भी पहुंचाते हैं। त्वचा को केमिकल से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कुछ प्राकृतिक चीजों की मदद ली जा सकती है।

इसके लिए आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने के साथ कुछ फू्डस का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी त्वचा को पोषक तत्व मिलते हैं जिससे यह स्वस्थ और जवां दिखने लगती है। तो आइए आपको बताते हैं कि आपको कौन-से फूड्स का सेवन करना चाहिए।

ब्लीच करने के कई सारे फायदे नहीं है लेकिन ब्लीच करने से चेहरा गोरा हो जाता है जिसकी वजह से महिलाएं ब्लीच करना पसंद करती हैं। वहीं ब्लीच करने से चेहरे के बाल हटाने के लिए वैक्स नहीं करनी पड़ती हैं।

महीने में दो बार ब्लीच करना स्किन के लिए अच्छा नहीं होता है इससे स्किन पर बुरा असर पड़ सकता है। ज्यादा ब्लीच करने से स्किन पतली हो जाती है साथ ही एक्ने की परेशानी बढ़ सकती हैं। ऐसे में 2 महीने बाद ही ब्लीच करें।

प्राकृतिक चीजों की मदद से आप भी अपने बालों को बना सकते हैं घने व सुन्दर

आपने घने मुलायम काले बाल, खिले खिले मतवाले बाल’ बालों के लिए ऐसी प्रचार टीवी में तो बहुत ही देखी होंगी क्योंकि हर कोई चाहता है कि उनके बाल बहुत खूबसूरत रहें.

इसके लिए लोग पार्लर भी जाते हैं और हजारों में पैसे खर्च भी करते हैं लेकिन अब आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कुछ टिप्स जिससे आप अपने बाल काले और घने कर सकते हैं और वो भी बहुत ही आराम से.

अब जब सैलून और स्पा बंद हो गए हैं, तो लगता है कि हमारी सुंदरता और स्किनकेयर के संकटों का प्रबंधन करने का कोई तरीका नहीं है।, रसोई घर में उपलब्ध प्राकृतिक सामग्री के साथ प्रक्रिया को करना होगा सही लुक पाने के लिए प्राकृतिक विकल्प हमेशा ताजी हवा की सांस होते हैं और इससे बालों को कम नुकसान भी होता है।

सामग्री: 1 नींबू, गरम पानी, एक स्प्रे बोतल

विधि : सबसे पहले नींबू को काटें और उसमें से रस को एक कटोरे में निचोड़ लें। नींबू के रस की तुलना में दोगुना गर्म पानी डालें। दोनों को अच्छे से मिलाएं और फिर एक खाली, साफ, स्प्रे बोतल में डालें। अपने बालों को पर्याप्त गीला करें। उन क्षेत्रों पर जिन्हें आप हल्का करना चाहते हैं, मिश्रण को स्प्रे करें। एक या दो घंटे के लिए धूप सेंकना। गर्म पानी से धोएं। बाल पस्ट को शांत करने के लिए भारी मॉइस्चराइजिंग हेयर मास्क का उपयोग करें।

रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, 60 की उम्र में महिलाओं में बढ़ जाता हैं इस बिमारी का खतरा

अमेरिकन हार्ट असोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी की ओर से सूत्रबद्ध की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक, 45 साल के कम उम्र के पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर रोग के लक्षण तीन गुना हो जाएंगे जबकि 45 साल से कम उम्र की महिलाओं में इस रोग का प्रसार दो गुना हो जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया के डॉ रॉबर्ट एम कैरी कहते हैं, ‘ये आकंड़े डराने वाले हैं।’

इस स्टडी में बताया गया कि दुनियाभर की करीब 50 प्रतिशत महिलाओं में 60 की उम्र से पहले ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या विकसित हो जाती है लेकिन उसके जो लक्षण महिलाओं में नजर आते हैं जैसे- घबराहट, कंपकंपी या हॉट फ्लशेज उन्हें मेनोपॉज का संकेत मान लिया जाता है. यही कारण है कि पुरुषों में हाई बीपी को हाइपरटेंशन कहा जाता है लेकिन महिलाओं में इसे स्ट्रेस या मेनोपॉज के लक्षण के तौर पर देखा जाता है.

नीदरलैंड्स के रैडबोड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर स्थित वीमेन्स कार्डिएक हेल्थ प्रोग्राम की डायरेक्टर प्रोफेसर ऐन्जेला मास कहती हैं, ‘पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ब्लड प्रेशर का इलाज कम ही हो पाता है जिसकी वजह से महिलाओं में हृदय संबंधित कई बीमारियों जैसे- ऐट्रिअल फाइब्रिलेशन, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. ये ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें होने से रोका जा सकता है.’