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बिज़नेस

100 छोटे विमान खरीदेगी इंडिगो, कंपनी की एटीआर-एम्ब्रेयर और एयरबस से चल रही बात

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो 100 छोटे विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। कंपनी अपने क्षेत्रीय नेटवर्क को बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए उसे छोटे विमान चाहिए। इस सौदे के लिए उसकी एटीआर, एम्ब्रेयर और एयरबस के साथ बातचीत चल रही है। इंडिगो पहले से ही 78 सीटों वाली 45 एटीआर-72 विमानों का संचालन कर रही है। हालांकि, एयरबस ए-220 और एम्ब्रेयर के ई-175 विमान भी होड़ में हैं। इंडिगो ने पिछले साल एयरबस को 500 विमानों का ऑर्डर दिया था, जो एविएशन के इतिहास में सबसे बड़ा ऑर्डर था। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने अप्रैल में कहा था कि महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2030 तक एयरलाइन का आकार दोगुना करना है।

इंडिगो की घरेलू एयर ट्रैफिक में 60 फीसदी हिस्सेदारी
इंडिगो अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बाद देश में अपने नेटवर्क को और मजबूत कर रह रही है। इससे पहले एयरलाइन ने 25 अप्रैल को 30 एयरबस ए-350-900 विमानों के ऑर्डर देने की घोषणा की थी। एटीआर के अलावा, इंडिगो के बेड़े में एयरबस ए-320 और ए-321 शामिल हैं। इंडिगो की भारत के घरेलू एयर ट्रैफिक में 60 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी कम आबादी वाले शहरों में अवसर देख रही है। हवाई अड्डे के बेहतर बुनियादी ढांचे और सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना से इन शहरों में एयर ट्रैफिक की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

बोइंग पर संकट गहराया, अमेरिका बोला- दो 737 मैक्स हादसों के लिए कंपनी पर चलाया जा सकता है मुकदमा

पांच साल पहले हुए दो अलग-अलग बोइंग 737 मैक्स विमान हादसे में बोइंग पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इन हादसों में 346 लोगों की जान गई थी। अमेरिकी न्याय विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विभाग के अधिकारियों ने टेक्सास में एक संघीय अदालत को लिखे पत्र में कहा कि बोइंग ने एक समझौते के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण दुर्घटनाओं के लिए उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

दूसरी ओर, बोइंग ने एक समाचार एजेंसी से कहा, “हम मानते हैं कि हमने उस समझौते की शर्तों का सम्मान किया है।” बोइंग ने कहा है कि वह खुद का बचाव करने की योजना बना रहा है।

अमेरिकी अधिकारियों ने अपने पत्र में कहा कि बोइंग ने अपने संचालन के दौरान अमेरिकी धोखाधड़ी कानूनों के उल्लंघन को रोकने और पता लगाने के लिए मौजूदा निर्देशों को लागू करने में विफल रहकर अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है।

अमेरिकी न्याय अधिकारियों के अनुसार, इस तरह के उल्लंघन का मतलब है कि बोइंग पर दुर्घटनाओं से संबंधित संघीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है।

सरकार इस बात का मूल्यांकन कर रही है कि मामले में कैसे आगे बढ़ना है। इस मामले में बोइंग को 13 जून तक जवाब देने का निर्देश दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने लॉयन एयर फ्लाइट 610 और इथोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 के दुर्घटनाग्रस्त होने में मारे गए लोगों के परिवारों से भी मिलने की योजना बनाई है।

दूसरी बोइंग एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में कहा, “हम पूरी पारदर्शिता के साथ विभाग के साथ सहयोग करेंगे, जैसा कि हमने समझौते की पूरी अवधि में किया है। इसमें अलास्का एयरलाइंस 1282 दुर्घटना के बाद उनके सवालों के जवाब देना भी शामिल है।”

कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश में लिथियम की खोज करेंगे, खान सचिव ने दी जानकारी

सरकार ने बुधवार को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कोल इंडिया, एनएमडीसी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज लिथियम की तलाश शुरू करेंगी। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम की विदेशी निवेश शाखा है।

इन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की विदेश में पहले से ही किसी न किसी तरह की मौजूदगी है। खान सचिव वीएल कांथा राव ने अपतटीय खनन पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान कहा, ‘‘सचिवों के समूह (संसाधनों पर) ने निर्णय लिया है कि ये कंपनियां (कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड) आगे बढ़ें और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज पर भी ध्यान दें। यह एक आसान तरीका है। ये कंपनियां पहले से ही विदेशों में कारोबार कर रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया चिली में कुछ लिथियम ब्लॉक पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। राव ने कहा, ‘‘कोल इंडिया सक्रिय हो रही है… एनएमडीसी पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है। उनके पास ऑस्ट्रेलिया में कुछ सोने की खदानें हैं और वे ऑस्ट्रेलिया में लिथियम खदानों पर भी गौर कर रहे हैं।’’

तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ तत्व जैसे महत्वपूर्ण खनिज आज पवन टरबाइन और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक… तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में से कई में आवश्यक घटक हैं। स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में तेजी आने के साथ इन खनिजों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

अदाणी समूह की कंपनियों को सेबी से मिला कारण बताओ नोटिस, कंपनी ने शेयर बाजारों को दी जानकारी

अदाणी समूह की छह कंपनियों को सेबी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस इन कंपनियों को रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन में कथित उल्लंघन और लिस्टिंग के नियमों में उल्लंघन के कारण जारी किया गया है। यह जानकारी समूह ने खुद स्टॉक एक्सचेंजों को नियामकीय सूचना में दी है।

अदाणी एंटरप्राइजेज ने 31 मार्च को समाप्त तिमाही के दौरान दो कारण बताओ नोटिस मिलने के बारे में बताया है। दूसरी ओर, समूह की अन्य कंपनियों अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदाणी पावर, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अदाणी विल्मार और अदाणी टोटल गैस ने भी सेबी की ओर से हालिया पूछताछ के बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को बताया।

हालांकि कंपनियों ने कहा है कि कानूनी सलाह के अनुसार सेबी की इस नोटिस से उनके कारोबार पर बहुत मामूली असर पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में अदाणी एंटरप्राइजेज के ऑडिटर्स के हवाले से कहा गया है कि वे फिलहाल इस मामले में कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकते।

मजबूत शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट; सेंसेक्स 733 अंक टूटा, निफ्टी 22500 के नीचे फिसला

सुबह मजबूती साथ शुरू हुआ घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 732.96 (0.98%) अंक फिसलकर 73,878.15 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 172.33 (0.76%) अंक फिसलकर 22,475.85 पर बंद हुआ। शुक्रवार की सुबह मजबूत दिख रहे सेंसेक्स और निफ्टी अपने ऊपरी स्तरों से नीचे की ओर फिसल गए। इस दौरान सेंसेक्स 1130 अंक गिरकर 73,481 पर पहुंच गया जबकि निफ्टी 296 अंक गिरकर 22,351 पर बंद हुआ।

शुक्रवार को बाजार बंद होने के दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

बाजार में बिकवाली के दौरान बीएसई के सभी 19 सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर कारोबार करते दिखे। बाजार में बिकवाली के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 404.48 लाख करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल, रिलायंस, एलएंडटी, मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया और टाटा मोटर्स के शेयर दोपहर के सत्र में 3.37% तक की गिरावट के साथ शीर्ष लूजर रहे। सेंसेक्स में बजाज ट्विन्स के शेयर 1.8 प्रतिशत तक चढ़े। बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ा इंडिया VIX 11.6% उछलकर 15.01 के स्तर पर पहुंच गया।
एनएसई निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर ये रहे

रुपया तीन पैसे मजबूत हुआ

कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने से शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया तीन पैसे मजबूत होकर 83.43 (प्रारंभिक आंकड़ा) पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली और विदेशी कोषों के बाहर जाने से स्थानीय मुद्रा में तेजी सीमित हो गई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 83.40 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.34 और 83.44 के दायरे में रहा। अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले तीन पैसे की बढ़त दर्ज करते हुए 83.43 (अस्थायी) पर बंद हुआ।

सोने की कीमतों में 350 रुपये की गिरावट, 72 हजार हुई कीमत, चांदी 83,500 रुपये प्रति किलो

नई दिल्ली में शुक्रवार को सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, सोने की कीमतें 350 रुपये घटकर 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई है। हालांकि, चांदी की कीमतें 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रहीं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा कि दिल्ली के बाजारों में सोने की कीमतें (24 कैरेट) 72,000 रुपये प्रति 10 रहीं, जो पहले के मुकाबले 350 रुपये कम है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, सोने की कीमतें 2,297 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस रहीं, जो पिछले आंकड़ों से सात डॉलर कम है।

सोने की कीमतों में गिरावट का कारण

  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व को महंगाई जोखिम बरकरार रहने के कारण ब्याज दरों में कटौती करने में अधिक समय लग सकता है
  • इस्राइल और हमास के बीच संभावित युद्धविराम के बाद से सोने की कीमतों में गिरावट हो रही है।

कीमतों में गिरावट का यह भी कारण
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि कमजोर वैश्विक संकेतों तथा ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण सोना वायदा कीमतों में गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,308.40 डॉलर प्रति औंस रह गया।

देश में दोपहिया वाहनों पर सर्वाधिक जीएसटी, बजाज ऑटो के सीईओ राजीव बजाज बोले- ज्यादा नियमन से बढ़ रही कीमत

बजाज ऑटो के सीईओ राजीव बजाज का कहना है कि भारत में दोपहिया वाहनों पर सबसे अधिक जीएसटी है। यहां हम 28 फीसदी जीएसटी दे रहे हैं। आसियान देशों व लैटिन अमेरिका में यह दर 8 से 14 फीसदी है। दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ने का एक और कारण देश में ज्यादा नियमन भी है।

बजाज ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को लेकर सरकार को फिर से सोचना चाहिए। इसे घटाकर 8 से 14 फीसदी के बीच लाना चाहिए। बजाज ने पूछा, ऐसा क्यों है कि देश में आम आदमी के वाहनों पर हमें 28 फीसदी की जीएसटी दर का भुगतान करना चाहिए? अगर यह दर कम होती है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक दोपहिया वाहन की पहुंच होगी। भारत में दोपहिया वाहनों की वृद्धि कोविड-19 महामारी के अलावा कीमतों में बढ़ोतरी और नियमों में बदलाव से प्रभावित हुई है।

बीएस-6 जैसे मानदंड अच्छे
बजाज के मुताबिक, दोपहिया वाहनों की कीमत में इस तरह का नाटकीय बदलाव कई चीजों के कारण है। इसमें सबसे बड़ा कारण अत्यधिक नियमन है। इस पर भी सरकार को विचार करने की जरूरत है। बीएस-6 जैसे मानदंड अच्छे हैं।बजाज ने कहा, हम उच्चतम स्तर पर नियमन चाहते हैं। उदाहरण के लिए उत्सर्जन जैसे नियमन से हम खुश हैं। इससे सभी को स्वच्छ हवा मिलेगी। पर, उद्योग की चिंताओं को भी दूर करने की जरूरत है।

भारत में FY2023-24 के दौरान स्टार्टअप फंडिंग 17% कम हुई, 2023 में बना सिर्फ एक यूनिकॉर्न

भारत में स्टार्टअप फंडिंग में वित्त वर्ष 24 में पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2021 में निवेश पेशेवरों (Investment Professionals) को प्रतिदिन औसतन छह सौदे मिल रहे थे, लेकिन 2024 में, यह घटकर तीन हो गया है। वेल्थ 360 वन की ‘इंडिया इन्वेस्ट्स’ रिपोर्ट के मुताबिक, 10 से 25 करोड़ डॉलर मूल्य की निजी इक्विटी में 60 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि 50 करोड़ डॉलर या उससे अधिक का निवेश करने वालों की संख्या में भी 80 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट आई है। 10 करोड़ डॉलर से कम के निवेश वाले फंडों में भी 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन 50 लाख अमरीकी डॉलर के तहत वित्त पोषण अब भी स्थिर दर पर हो रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2.5 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक के बड़े सौदे, जो आमतौर पर स्टार्टअप के बढ़ने पर मिलते हैं, में भी कमी आई है। इसका मतलब है कि कुल मिलाकर स्टार्टअप में कम पैसा जा रहा है, खासकर मध्यम से बड़े आकार के सौदों में। स्टार्टअप्स ने इस वर्ष निवेशकों से लगभग 8 अरब अमरीकी डॉलर जुटाए, जो वित्त वर्ष 22-23 से 50% की तुलना में 50% कम है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 349.67 बिलियन अमरीकी डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 111 यूनिकॉर्न हैं। यूनिकॉर्न की कुल संख्या में से, 102.30 बिलियन अमरीकी डॉलर के कुल मूल्यांकन वाले 45 यूनिकॉर्न 2021 में बने। 2022 में 29.20 बिलियन अमरीकी डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 22 यूनिकॉर्न बने। वहीं 2023 में केवल एक यूनिकॉर्न बन पाया। भारत में 1.7 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जो सामूहिक रूप से 1.2 मिलियन से अधिक नौकरियां पैदा करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा महराष्ट्र में 5801 स्टार्टअप्स हैं। इसके बाद दिल्ली एनसीआर में 3150, कर्नाटक में 3032 और तमिलनाडु में 2810 स्टार्टअप हैं।

अब दूसरे बैंक के एटीएम से कैश निकालना पड़ सकता है महंगा, इन वजहों से लिया जा सकता ये फैसला

अगर आप अकसर दूसरे बैंकों का एटीएम इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। एटीएम पर आने वाले खर्च या लागत पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। इसके तहत दूसरे बैंकों के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन करने पर शुल्क (इंटरचेंज शुल्क) बढ़ाकर 20 से 23 रुपये तक किया जा सकता है। इसके अलावा ज्यादा नकद निकालने पर भी अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है। वहीं, जिन क्षेत्रों में एटीएम की कमी है, वहां शुल्क कम रखने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के लाभार्थी एटीएम से आराम से रुपये निकाल सकें।

एटीएम उद्योग परिसंघ और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच बैठक
हाल ही में एटीएम उद्योग परिसंघ और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच एक बैठक हुई। इसमें इन मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। नई सरकार के गठन के बाद इन शुल्क में बदलाव हो सकते हैं। दरअसल, इंटरचेंज शुल्क तब लगाया जाता है, जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम या व्हाइट लेबल एटीएम पर जाकर अपने कार्ड से लेनदेन करते हैं। यह शुल्क आपके बैंक से वसूला जाता है। पहले यह शुल्क 15 रुपये प्रति लेनदेन था, जिसे एक अगस्त 2021 को बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया। गैर वित्तीय लेनदेन पर शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया गया। मगर 2012 में एटीएम इंटरचेंज शुल्क 18 रुपये था, जिसे घटाकर 15 रुपये किया गया था।

एटीएम में ज्यादा बार भरने पड़ते हैं नोट
दरअसल, रिजर्व बैंक ने एटीएम इंटरचेंज शुल्क व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की थी। इसका गठन इसलिए किया था कि जहां बैंक कम वहां एटीएम तेजी से लगाए जाए सके। इस समिति को रिपोर्ट सौंपे काफी समय हो चुका है। रिपोर्ट में समिति ने बताया है कि किराये, ईंधन के खर्च, नकदी भरने के शुल्क और गृह मंत्रालय की सुरक्षा शर्तों का पालन करने के कारण लागत बहुत बढ़ गई है। 2,000 रुपये के नोट बंद होने के बाद अब एटीएम में नोट भी ज्यादा बार भरने पड़ते हैं।

शेयर बाजार में मजबूत क्लोजिंग; सेंसेक्स 941 अंक चढ़ा, निफ्टी 22650 के करीब

शेयर बाजार में हफ्ते के पहले कारोबारी दिन दमदार शुरुआत हुई है। शुक्रवार को लाल निशान पर बंद होने के बाद सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर खुले और मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए। सोमवार को सेंसेक्स 941.12 (1.27%) अंकों की बढ़त के साथ 74,671.28 पर जबकि निफ्टी 223.46 (1.00%) अंक मजबूत होकर 22,643.40 पर बंद हुआ। इस दौरान सेबी की ओर से बीएसई को 165 करोड़ रुपये का बिल थमाए जाने के बाद इसके शेयरों में 13.31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान एसबीआई और इंडसइंड बैंक के शेयरों में 3 प्रतिशत का उछाल आया।

सोमवार के कारोबारी सत्र के दौरान एनएसई पर आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 4.30% की बढ़त के साथ 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 1,155.65 रुपये पर पहुंच गए। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन निफ्टी अपने रिकॉर्ड स्तर 49,473 पर पहुंचा। सोमवार को रुपया 13 पैसे कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 83.47 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 26 शेयर हरे निशान में बंद हुए जबकि चार में गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 990.99 अंक या 1.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,721.15 अंक पर पहुचा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 223.45 अंक या एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,643.40 अंक पर बंद हुआ।

मार्च तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ 18.5 फीसदी बढ़कर 11,672 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सीमेंट निर्माता अल्ट्राटेक की ओर से 2023-24 की अंतिम तिमाही के लिए कर के बाद लाभ में लगभग 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सूचना देने के बाद कंपनी के शेयरो में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दिखी।

बढ़त वाले अन्य प्रमुख शेयरों में इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजीज का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में सपाट ढंग से 3,986 करोड़ रुपये रहा जिससे कंपनी के शेयर छह प्रतिशत तक टूट गए। इसके अलावा आईटीसी, विप्रो और बजाज फिनसर्व के शेयरों में भी गिरावट रही।