Sunday , November 24 2024

बिज़नेस

लंदन की टिफिन सर्विस में दिखी मुंबई के डब्बेवालों जैसी व्यवस्था, आनंद महिंद्रा ने साझा किया वीडियो

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में डब्बावाला काफी मशहूर है। लंबे समय से मुंबई के विभिन्न इलाकों में खाना पहुंचाने का काम कर रहे ये अब इस शहर का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। इन डब्बेवालों के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के संस्थापक आनंद महिंद्रा ने एक दिलचस्प वीडियो साझा किया। उनके पोस्ट में एक ट्विस्ट है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि लंदन की एक कंपनी डब्बे में खाना भरकर बेच रही है। वीडियो के साथ आनंद महिंद्रा ने इसे उल्टा साम्राज्यवाद बताया है।

वीडियो साझा करते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के संस्थापक ने अपने पोस्ट में लिखा, “उल्टा साम्राज्यवाद का बेहतर और स्वादिष्ट सबूत और कुछ नहीं है।” उनके इस वीडियो में लंदन की एक कंपनी को मुंबई के डब्बेवालों की प्रणाली अपनाते हुए देखा गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग डब्बे में खाना भरकर उसे साइकिल जैसे वाहन में रखकर विभिन्न इलाकों में पहुंचा रहे हैं।

यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि इस वीडियो को 28 अप्रैल को शेयर किया गया था। वीडियो को पोस्ट करने के बाद से इसे चार लाख से ज्यादा दर्शकों ने देखा है। इस वीडियो पर नौ हजार लाइक्स और कई सारे कमेंट्स भी किए गए हैं।

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने कहा, “डब्बावाला एक कारण से केस स्टडी बन गया है।” एक दूसरे यूजर ने लिखा, “मुंबई के डब्बेवालों का सिस्टम अलग है। वे विभिन्न लोगों के घर से उनके खाने का डब्बा उठाते हैं और उनके दफ्तरों तक पहुंचाते हैं। यह कुछ फुड डिलीवरी एप जैसा है, जहां एक ही खाना विभिन्न लोगों को पहुंचाया जाता है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “पश्चिम के लोग अभी तक लंच बॉक्स के आदी नहीं हुए हैं।”

केंट आरओ सिस्टम्स के CMD महेश गुप्ता बोले- चुनौतियों को अवसर बनाएं तो जरूर मिलेगी सफलता

वॉटर प्यूरीफायर बनाने वाली कंपनी केंट आरओ सिस्टम्स एक जाना-पहचाना नाम है। आज इसके पोर्टफोलियो में वॉटर सॉफ्टनर, किचन अप्लायंसेस, एयर प्यूरीफायर, वैक्यूम क्लीनर, हेल्दी कुकवेयर और होम एंड हाइजीन समेत कई उत्पाद हैं। करीब 1,200 करोड़ रुपये की कंपनी देश के साथ विदेश में भी अपने उत्पाद बेचती है। कंपनी के संस्थापक एवं सीएमडी डॉ. महेश गुप्ता से कालीचरण की बातचीत…

20,000 रुपये से शुरू हुई केंट आज करीब 1,200 करोड़ की कंपनी हो गई है। इस पड़ाव तक पहुंचने में चुनौतियां क्या आईं?
इस सफर में मुश्किलें तो आईं, लेकिन हमने उन्हें अवसर के रूप में देखा। पानी खराब था, यह मेरे लिए सबसे बड़ा अवसर था। अगर पानी खराब ही नहीं होता तो मैं इस बिजनेस में नहीं होता। दूसरा…पानी को शुद्ध बनाकर लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए, इस पर अध्ययन ही नहीं हुआ। यह हमारे लिए एक और अवसर था। अगर मार्केट बहुत प्रतिस्पर्धी होता है, जहां चार-पांच कंपनियां पहले से हों तो वहां जगह बनाने में काफी समय लगता है। लेकिन, इस बिजनेस में ऐसा नहीं था और हमें खाली मैदान मिला। एक वातावरण मिला, जिसमें हम रिसर्च कर पाए। नई चीजें लेकर आए। इससे लोगों में कंपनी के प्रति भरोसा पैदा हुआ, जो कायम है।

कंपनी पहले वॉटर प्यूरीफायर बनाती थी। अब पोर्टफोलियो में कई उत्पाद हैं। आगे विस्तार की क्या योजनाएं हैं?
हमने जो भी उत्पाद बनाए, उसमें इनोवेशन व गुणवत्ता का ध्यान रखा गया। हार्ड पानी की समस्या थी, हम सॉफ्टनर लेकर आए। किचन अप्लायंसेस लेकर आए। वेजिटेबल क्लीनर लाए। हमारा मकसद लोगों को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर उत्पाद मुहैया कराना था न कि सिर्फ लाभ कमाना। जहां तक विस्तार की बात है तो मेरा मानना है कि लोगों को वो सुविधाएं दी जाए, जो उन्हें नहीं मिलती है। हम अपने उत्पाद उनके सामने पेश करते रहेंगे। उन्हें पसंद आया तो हम भी विस्तार करते रहेंगे।

भारत जैसे-जैसे विकसित होगा खाने-पीने से जुड़ी चीजों की महंगाई कम होती जाएगी, बोलीं एमपीसी सदस्य

भारत में उच्च खाद्य मुद्रास्फीति की समस्या भविष्य में ‘‘कम गंभीर’’ होगी, क्योंकि विविध स्रोतों के साथ आधुनिक आपूर्ति शृंखलाएं विशिष्ट खाद्य पदार्थों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से निपटने में मदद कर सकती हैं। ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने गुरुवार को कही।

भारत में घरेलू बजट में भोजन की हिस्सेदारी अधिक होने की बात पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि नीतियों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित होने की जरूरत है, क्योंकि स्थिर कृषि कीमतें मुद्रास्फीति से परे वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। गोयल ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत विकसित होगा, इस समस्या (खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतों) की गंभीरता कई कारणों से कम होती जाएगी। विविध स्रोतों वाली आधुनिक आपूर्ति शृंखलाएं विशिष्ट वस्तुओं के दाम बढ़ने पर उनसे निपटने में मदद करेंगी।’’

गोयल ने कहा कि किसी ने भी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में टमाटर या प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के बारे में नहीं सुना है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास स्वाभाविक रूप से विविध भौगोलिक क्षेत्र हैं, विभिन्न क्षेत्रों से बेहतर एकीकृत बाजार जलवायु परिवर्तन से प्रेरित खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी को कम करने में मदद कर सकते हैं।’’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर पांच महीने के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होना रहा। खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति मार्च में 8.52 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 8.66 प्रतिशत थी। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि मुद्रास्फीति 2024-25 में घटकर 4.5 प्रतिशत हो जाएगी। यह 2023-24 में 5.4 प्रतिशत और 2022-23 में 6.7 प्रतिशत थी।

6.4 अरब डॉलर के मूल्य पर हाशिकॉर्प का अधिग्रहण करेगी आईबीएम, कंपनी ने दी जानकारी

आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आईबीएम (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स) 6.4 अरब डॉलर की वैल्युएशन पर क्लाउड सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी हाशिकॉर्प का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि वह एआई क्षेत्र में कदम रखने के लिए क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर उत्पादों का विस्तार कर रही हैं।

आईबीएम 35 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर हाशिकॉर्प के शेयरों का सौदा कर रहा है। यह कीमत कंपनी की सोमवार की क्लोजिंग प्राइस की तुलना में करीब 42.6% अधिक है। आईबीएम से डील की खबरों के बाद मंगलवार के कारोबारी सत्र के दौरान हाशिकॉर्प के शेयरों में उछाल दिखा। मंगलवार को हाशिकॉर्प के शेयर जहां चार प्रतिशत तक मजबूत हुए वहीं आईबीएम के शेयर सात प्रतिशत तक टूट गए। आईबीएम में यह गिरावट पहली तिमाही में कंपनी का राजस्व अनुमानों से कम रहने के बाद आई है।

सरकार ने सफेद प्याज के निर्यात प्रतिबंध में ढील दी, तीन बंदरगाहों से तय मात्रा में होगा शिपमेंट

भारत सरकार द्वारा सफेद प्याज के निर्यात प्रतिबंध में ढील दी गई है। सरकार ने देश के तीन बंदरगाहों से सफेद प्याज के विदेशी शिपमेंट को मंजूरी दे दी है।

डीजीएफटी ने जारी की अधिसूचना 
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सफेद प्याज का निर्यात करने वाले निर्यातक को सामान और सामान की मात्रा को प्रमाणित करने के लिए गुजरात सरकार के बागवानी आयुक्त से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा।

इन बंदरगाहों से होगा सफेद प्याज का निर्यात
सरकार द्वारा सफेद प्याज के निर्यात के लिए कुछ बंदरगाहों के नाम तय किए गए हैं। डीजीएफटी की अधिसूचना में कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से जारी होता कि तय किए गए बंदरगाहों से अधिकतम दो हजार मीट्रिक टन सफेद प्याज का निर्यात किया जा सकता है। सरकार द्वारा निर्यात के लिए मुंद्रा बंदरगाह, पिपावाव बंदरगाह और न्हावा शेवा (जेएनपीटी) बंदरगाह के नाम तय किए गए हैं।

तय मात्रा में शिपमेंट की अनुमति
अधिसूचना में आगे बताया गया है कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील वस्तु प्याज के निर्यात पर सामान्य तौर पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन मित्र राष्ट्रों के अनुरोध पर सरकार द्वारा एक तय मात्रा में इसके शिपमेंट की अनुमति दी गई है।

इंडिगो ने चौड़े आकार के 30 ए350-900 विमानों का ऑर्डर दिया, फिलहाल सिर्फ पतले विमान हैं कंपनी के पास

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने चौड़े आकार के 30 ए350-900 विमानों का ऑर्डर दिया है। अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन का विस्तार कर रही एयरलाइन ने गुरुवार को यह घोषणा की। कंपनी अभी तक सिर्फ पतले आकार के एयरबस विमानों का परिचालन कर रही है। हालांकि, कंपनी ने इस्तांबुल मार्ग पर परिचालन के लिए तुर्किश एयरलाइंस से दो बोइंग 777 विमान पट्टे पर लिए हैं।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि 30 ए350-900 विमानों का ऑर्डर देकर वह चौड़े आकार वाले विमानों का परिचालन करने वाली कंपनियों में शामिल हो जाएगी। इन विमानों में रॉल्स रॉयस का ट्रेंट एक्सडब्ल्यूबी इंजन होता है। इंडिगो में फिलहाल 350 विमानों का परिचालन होता है। कंपनी ने पिछले साल जून में एयरबस को 500 विमानों का ऑर्डर दिया था। यह किसी एयरलाइन द्वारा एक बार में दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर था।

चौथी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 30% बढ़कर ₹7,969 करोड़ हुआ, आंकड़े जारी

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस का एकीकृत लाभ मार्च 2024 को समाप्त चौथी तिमाही में 30 प्रतिशत बढ़कर 7,969 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी ने 6,128 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

समीक्षाधीन तिमाही में इंफोसिस की कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 1.3 प्रतिशत बढ़कर 37,923 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 37,441 करोड़ रुपये थी। कंपनी को वित्त वर्ष 2025 के दौरान राजस्व में कॉन्स्टैंट करेंसी की स्थिति में 1 से 3 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान, कंपनी का शुद्ध लाभ FY24 में 8.9 प्रतिशत बढ़कर 26,233 करोड़ रुपये हो गया। FY23 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 24,095 करोड़ रुपये था। परिचालन से कंपनी का वार्षिक आय वित्त वर्ष 2024 में 4.7 प्रतिशत बढ़कर 1,53,670 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 1,46,767 करोड़ रुपये थी।

इन्फोसिस बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 20 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश और इसके अलावा 8 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के विशेष लाभांश की सिफारिश की है। कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि वह 45 करोड़ यूरो के निवेश के साथ नकद सौदे के जरिए जर्मन फर्म इन-टेक में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। हालांकि, नतीजों के बाद इंफोसिस एडीआर के शेयर न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) पर आठ प्रतिशत तक की गिरावट दिखी। माना जा रहा है कि निवेशक वित्तीय वर्ष 2025 के कंपनी के राजस्व अनुमानों से उत्साहित नहीं है।

क्या उड़ान के दौरान परोसे गए उपमा व पोहा में सोडियम की मात्रा अधिक है? आरोपों पर एयरलाइन का आया जवाब

एक सोशल मीडिया यूजर ने दावा किया है कि उड़ान के दौरान इंडिगो की ओर से परोसे जाने वाले उपमा और पोहा में सोडियम की मात्रा मैगी से भी अधिक है। हालांकि एयरलाइन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उसके पहले से पैक उत्पादों में नमक की मात्रा निर्धारित मानदंडों के भीतर ही है।

सोशल मीडिया पर रेवंत हिमतसिंगका ‘फूड फार्मर’ नाम के यूजर ने कहा कि इंडिगो की ओर से परोसे जाने वाले भोजन के बारे में एक चौंकाने वाला वीडियो है। बुधवार को एक एक्स पोस्ट में उन्होंने कहा, “हम में से अधिकांश पहले से ही जानते हैं कि मैगी एक अधिक सोडियम वाला भोजन है! पर हममें से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि इंडिगो के मैजिक उपमा में मैगी की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक सोडियम है, इंडिगो के पोहा में मैगी की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक सोडियम है और दाल चावल में मैगी जितना सोडियम है। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ इसलिए कि उपमा, पोहा और दाल चावल स्वास्थ्य के लिए ठीक लगते हैं, पर इसका मतलब यह नहीं है कि वे वाकई सेहत के लिए ठीक हैं।

इन आरोपों के बाद इंडिगो ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कुछ पहले से पैक उत्पादों को पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के अनुसार तैयार किया गया है और इसमें नमक की मात्रा तय मानदंडों के अनुरूप है। इंडिगो केवल प्रतिष्ठित विक्रेताओं के माध्यम से तैयार ताजा और पहले से पैक भोजन परोसता है। इंडिगो के विमानों में परोसे जाने वाले सभी भोजन पर एफएसएसएआई मानदंडों के अनुसार सामग्री और पोषण संबंधी जानकारी भी मौजूद होती है। इंडिगो ने कहा कि वह सेवाओं में सुधार के लिए सभी फीडबैक का स्वागत करती है।

बयान में कहा गया है कि पैकेज पर मुद्रित जानकारी यात्रियों को पोषक तत्वों का अनुमान लगाने और उनके विवेक के अनुसार उपभोग करने के लिए एक सलाह के रूप में कार्य करती है। जनवरी में खाद्य सुरक्षा निगरानी संस्था एफएसएसएआई ने एक विमान में परोसे गए सैंडविच में कीड़ा पाए जाने के बाद एक यात्री को असुरक्षित भोजन परोसने के मामले में इंडगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

शेयर बाजार में बिकवाली जारी; सेंसेक्स और 600 अंक टूटा, निफ्टी 22000 के नीचे आया

घरेलू शेयर बाजार पर पश्चिम एशिया में जारी तनाव हावी होता दिख रहा है। लगातार पांचवें दिन प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 600 अंक फिसलकर 72,000 के नीचे आ गया वहीं निफ्टी करीब 150 अंक टूटकर 21800 के लेवल पर आ गया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सबसे ज्यादा बिकवाली आईटी, मेटल और पीएसयू बैंकिंग शेयरों में दिख रही है। गुरुवार को आए नतीजों के बाद इंफोसिस के शेयरों में तीन प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 454 अंक कमजोर होकर 72,488 के स्तर पर बंद हुआ था।

बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2.95 लाख करोड़ रुपये घटा
सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर सेंसेक्स 598 अंकों या 0.83% की गिरावट के साथ 71,890 के स्तर पर जबकि निफ्टी 181 अंक या 0.82% टूटकर 21,814 के लेवल पर कारोबार करता दिखा। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2.95 लाख करोड़ रुपये घटकर 389.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला
ईरान में इजरायली हमलों की खबरों ने निवेशकों को जोखिम वाली संपत्तियों से बाहर निकलने सुरक्षित निवेश करने के लिए प्रेरित किया इसके बाद शुक्रवार को भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.5550 रुपये पर खुला, और पिछले रिकॉर्ड निचले स्तर 83.5475 और गुरुवार की क्लोजिंग 83.5375 से नीचे आ गया।

चार दिन की गिरावट के बाद बाजार ने की वापसी; सेंसेक्स 599 अंक चढ़ा, निफ्टी 22100 के पार

घरेलू शेयर बाजार में चार दिनों की गिरावट के बाद हफ्ते के आखिरी कारोबारी हरियाली लौटी। शुक्रवार को आधा कारोबारी सत्र बीते के बाद बाजार में खरीदार लौटे। इसके बाद सुबह से जिस सेंसेक्स और निफ्टी में लाल निशान पर कारोबार हो रहा था वे मजबूत बढ़त के साथ बंद हुए।

शुक्रवार के कारोबारी सेशन के बाद सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों का बेंचमार्क सूचकांक बीएसई सेंसेक्स हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 599.34 (0.82%) अंकों की बढ़त के साथ 73,088.33 पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों का बेंचमार्क सूचकांक एनएसई निफ्टी शुक्रवार को 151.16 (0.69%) अंक मजबूत होकर 22,147.00 के पर बंद हुआ।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर ये रहे

शुक्रवार को शुरुआती सत्र के दौरान बाजार पर पश्चिम एशिया में बढ़ रहे तनाव का असर दिख रहा था। हालांकि, आधे दिन के कारोबार के बाद बाजार में मजबूती लौटी और बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान पर बंद होने में सफल रहे।शुरुआती कमजोरी के बाद रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 4 पैसे संभलकर 83.48 रुपये पर बंद हुआ।