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बिज़नेस

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रतिबंधित PFI के तीन सदस्य गिरफ्तार, हथियारों की ट्रेनिंग देने का भी है आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सदस्यों की पहचान अब्दुल खादर पुत्तूर, अंशद बदरुद्दीन और फिरोज के तौर पर की गई है।

गिरफ्तार किए गए सदस्यों को शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। एजेंसी ने तीनों लोगों पर पीएफआई कैडर को हथियार प्रशिक्षण देने और इस प्रतिबंधित संगठन से पर्याप्त धन प्राप्त करने का आरोप लगाया है। 2022 में केंद्र ने पीएफआई के आतंकवादी गतिविधियों के साथ संबंध को लेकर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित कर दिया था।

पांच लाख टन रबी प्याज खरीदेगी केंद्र सरकार, उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताई इसकी वजह

प्याज निर्यात प्रतिबंध के मद्देनजर मंडी की कीमतों में संभावित गिरावट की चिंता के बीच केंद्र ने मंगलवार को किसानों को आश्वासन दिया कि वह अगले 2-3 दिनों में पांच लाख टन प्याज की खरीद शुरू करेगी। पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्रालय ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध अगले आदेश तक बढ़ा दिया था। प्याज शिपमेंट पर रोक 31 मार्च तक वैध थी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि हम किसानों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उनकी चिंता का ध्यान रखा जाएगा। हम बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए अगले 2-3 दिनों में 5 लाख टन रबी (सर्दियों) की फसल की खरीद शुरू करेंगे।

किसानों के हितों की रक्षा हम करेंगे- रोहित कुमार
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से व्यापारियों पर असर पड़ रहा है, न कि किसानों पर क्योंकि महाराष्ट्र में औसत मंडी (थोक) कीमतें वर्तमान में लगभग 13-15 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, जो पिछले वर्ष के स्तर से लगभग दोगुनी है। उन्होंने कहा, भले ही कीमतें गिरें, हम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे। सचिव ने कहा कि सरकार आम तौर पर मौजूदा बाजार दर पर बफर स्टॉक के लिए प्याज खरीदती है। हालांकि, यदि दरें उत्पादन लागत से नीचे आती हैं, तो सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उनकी लागत कम से कम कवर हो।

औसत खुदरा कीमतें वर्तमान में 33 रुपये प्रति किलोग्राम- रोहित
2023-24 में सरकार ने बफर स्टॉक के लिए 17 रुपये प्रति किलोग्राम की औसत दर पर 6.4 लाख टन प्याज (रबी और खरीफ दोनों फसलें) खरीदा था। उन्होंने कहा कि लगभग पूरी मात्रा का निपटान कर दिया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की अधिकारी निधि खरे ने कहा कि पिछले साल प्याज की खरीद जून में की गई थी, लेकिन इस साल यह अगले दो दिनों में जल्दी शुरू होने जा रही है। खुदरा कीमतों पर रबी प्याज उत्पादन में संभावित गिरावट के प्रभाव के बारे में सचिव ने कहा कि देश में औसत खुदरा कीमतें वर्तमान में 33 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर हैं।

2023-24 के अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में CAD घटकर 10.5 अरब डॉलर, जानें आरबीआई के जारी आकंड़ों में क्या खास

वित्त वर्ष 2023-24 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा(CAD) घटकर 10.5 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.2 प्रतिशत रहा है। आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछली जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 11.4 अरब डॉलर और एक साल पहले 2022-23 की अक्तूबर-दिसंबर में 16.8 अरब डॉलर था।

विदेशी मुद्रा भंडार में हुई बढ़ोतरी
वहीं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) अप्रैल-दिसंबर 2023 में 8.5 अरब डॉलर रहा था। एक साल पहले 2022-23 की इसी अवधि में यह 21.6 अरब डॉलर था। विदेशी मुद्रा भंडार में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में छह अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 11.1 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी।

वस्तु व्यापार घाटा में मामूली बढ़ोतरी
वस्तु व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023-23 की तीसरी तिमाही के दौरान 71.6 अरब डॉलर रहा, जो 2022-23 की इसी तिमाही में 71.3 अरब डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। वित्तीय खाते के स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 4.2 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह हुआ। यह 2022-23 की तीसरी तिमाही के दो अरब डॉलर के शुद्ध प्रवाह का दोगुने से भी अधिक है। सॉफ्टवेयर निर्यात, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ने से सेवा निर्यात में सालाना आधार पर 5.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

6.8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था, एसएंडपी ने 2024-25 के लिए बढ़ाया भारत का विकास दर अनुमान

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद और उसकी तेज रफ्तार को देखते हुए दुनियाभर की बड़ी रेटिंग एजेंसियां भारत की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को बढ़ा रही हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भी अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को 0.4 फीसदी बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में मजबूत घरेलू गतिविधियों के बीच 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर उम्मीद से बेहतर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाए जाने के बाद एसएंडपी ने 2024-25 के लिए विकास दर में बढ़ोतरी की है। रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा, एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए हम आमतौर पर मजबूत वृद्धि का अनुमान लगाते हैं। इनमें भारत, इंडोनेशिया, फिलीपीन और वियतनाम सबसे आगे हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी अर्थव्यवस्थाएं बड़े पैमाने पर घरेलू मांग पर आधारित हैं। इन देशों में घरेलू खर्च करने की क्षमता पर उच्च ब्याज दरों और महंगाई का प्रभाव देखने को मिला है, जिसने दूसरी छमाही में जीडीपी की वृद्धि को कम किया है। फिर भी, उम्मीद है कि 2024-25 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी हो जाएगी।

महंगाई…4.5 फीसदी पर आने की उम्मीद
महंगाई के मोर्चे पर अमेरिकी एजेंसी ने कहा, खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में घटकर औसतन 4.5 फीसदी पर आने की उम्मीद है। वहीं, गैर-खाद्य उपभोक्ता महंगाई करीब 250 आधार अंक घट गई है। खाद्य महंगाई चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीने में 40 आधार अंक बढ़ी है। इन उतार-चढ़ाव के बावजूद मुख्य महंगाई चालू वित्त वर्ष में घटकर 5.5 फीसदी रह जाएगी, जो 22-23 में 6.7 फीसदी रही थी।

रेपो दर…75 आधार अंक तक कटौती संभव
एसएंडपी ने कहा, उच्च ब्याज दरों की वजह से अगले वित्त वर्ष में घरेलू मांग प्रभावित होगी। घरेलू मांग में गिरावट न आए, इसलिए आरबीआई 2024-25 के दौरान रेपो दर में 75 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है। यह कटौती बड़े पैमाने पर इस साल की दूसरी छमाही में होने की उम्मीद है। नरम महंगाई, कम राजकोषीय घाटा व अमेरिका में कम ब्याज दरें आरबीआई के लिए दरों में कटौती शुरू करने का आधार बनाएंगी।

वित्तीय क्षेत्र को मजबूत व पारदर्शी बना रहे आरबीआई के सख्त कदम
एसएंडपी का कहना है कि वित्तीय क्षेत्र में संचालन व्यवस्था और पारदर्शिता में सुधार के लिए आरबीआई गंभीर प्रतिबद्धता दिखा रहा है। उसके उपाय बैंकों को अधिक मजबूत और पारदर्शी बना रहे हैं। केंद्रीय बैंक की ओर से हाल में किए गए ये उपाय वित्तीय संस्थानों के अति उत्साह को कम करेंगे। नियमों के अनुपालन की संस्कृति को बढ़ाएंगे और ग्राहकों के हितों की रक्षा करेंगे।

‘इंडिगो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मार्गों पर अपनी सेवाएं दोगुनी करेगी’, एयरलाइन के सीईओ ने कही यह बात

इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा है कि उनका लक्ष्य नए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों के साथ 2030 तक कंपनी की सेवाओं का आकार दोगुना करना है। घरेलू बाजार में 60 फीसदी से कुछ अधिक हिस्सेदारी के साथ भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन ए321 एक्सएलआर विमान खरीदने पर भी बड़ा दांव लगा रही है। यह विमान 2025 में कंपनी के बेड़े का हिस्सा बन सकती है।

एल्बर्स ने वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने और उसका विस्तार करने की कोशिश करते हुए पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में कहा कि इंडिगो के लिए अगली बड़ी छलांग दशक के अंत तक अपने आकार को दोगुना करने की होगी।

अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए, इंडिगो प्रमुख ने कहा कि सीट क्षमता को दोहरे अंक में ले जाना है और हर हफ्ते एक विमान आ रहा है। आपूर्ति शृंखला के साथ-साथ प्रैट एंड व्हिटनी इंजन संकट के बीच, एल्बर्स ने यह भी जोर दिया कि एयरलाइन बहुत सारे उपाय कर रही है जो कि कारगर साबित हो रहे हैं।

शेयर बाजार में मजबूत क्लोजिंग; सेंसेक्स 526 अंक चढ़ा, निफ्टी 22100 के पार

शेयर बाजार में हफ्ते दूसरे कारोबारी दिन मजबूत क्लोजिंग हुई है। बुधवार को सेंसेक्स 526.01 (0.72%) अंकों की मजबूती के साथ 72,996.31 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 118.96 (0.54%) अंकों की बढ़त के साथ 22,123.65 के स्तर पर बंद हुआ। बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में मजबूती दिखी। वहीं, फाइजर के शेयरों में 16% जबकि आईआईएफएल के शेयरों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।

S&P ने बढ़ाया भारत के विकास दर का अनुमान, जानें इस साल कितनी तेजी से बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था

भारत की जीडीपी दर तेज बने रहने की उम्मीद है। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के आंकड़ों से सकारात्मक संदेश मिला है। एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया है। हालांकि, एजेंसी ने प्रतिबंधात्मक ब्याज दरों को आर्थिक विकास के लिए एक बाधा के रूप में चिह्नित किया।

कमजोर निर्यात जैसी अड़चनें दूर
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की तरफ से जारी बयान में कहा गया, चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर का अनुमान 7.6 प्रतिशत हो सकता है। एजेंसी ने कहा कि विकास की मजबूत घरेलू गति के कारण उच्च खाद्य मुद्रास्फीति और कमजोर निर्यात जैसी अड़चनें दूर हुई हैं।

पहले.यह जताया था अनुमान
इससे पहले, पिछले साल नवंबर में अमेरिका की इस एजेंसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।

अगले साल विकास दर सबसे मजबूत होने के आसार
एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों की जीपीडी पर एसएंडपी ने कहा, इस साल और अगले साल विकास दर सबसे मजबूत होने के आसार हैं। भारत में निजी उपभोक्ता खर्च की तुलना में निश्चित निवेश में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। ठोस घरेलू मांग के साथ उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। भारत के अलावा इंडोनेशिया, मलयेशिया और फिलीपींस में भी तेज विकास का अनुमान है।

रंगों के त्योहार होली की छुट्टी के बाद शेयर बाजार धड़ाम; सेंसेक्स 361 अंक गिरा, निफ्टी भी फिसला

रंगों के त्योहार होली की छुट्टी के बाद शेयर बाजार धड़ाम हो गया। मंगलवार को सेंसेक्स 361.64 अंक गिरकर 72,470.30 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 92.05 अंक फिसलकर 22,004.70 अंक पर बंद हुआ।

निर्मला सीतारमण ने अटल पेंशन योजना पर किया बड़ा दावा, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल; जानें किसने-क्या कहा

कांग्रेस ने मंगलवार को अटल पेंशन योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया। इस दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक ‘बहुत खराब तरीके से डिजाइन की गई योजना’ और ‘कागजी शेर’ है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह योजना मोदी सरकार के ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ वाले नीति निर्धारण को सही ढंग से प्रतिबिम्बित करती है, जिसका वास्तव में कुछ लाभ ही लोगों तक पहुंच रहा है। कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह अटल पेंशन योजना (एपीवाई) एक बेहतर योजना है, जो न्यूनतम 8 प्रतिशत रिटर्न की गारंटी देता है।

कांग्रेस ने उठाए थे अटल पेंशन योजना पर सवाल
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधने के लिए एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि असंगठित क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से बाहर निकलने वाले तीन ग्राहकों में से लगभग एक ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके खाते उनकी अनुमति के बिना खोले गए थे। इस खबर में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के हालिया अध्ययन का हवाला दिया गया है।

एक्स पर पोस्ट कर किया लगाया था आरोप
रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 मार्च को बंगलूरू में थीं, जहां वह मोदी सरकार द्वारा ‘प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम’ के रूप में शुरू की गई अटल पेंशन योजना के लाभों की घोषणा कर रही थीं। उन्होंने एक्स पर मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए कहा, ठीक एक दिन बाद, यह सामने आया। इस योजना के एक तिहाई ग्राहकों को अपने कोटा को पूरा करने के इच्छुक अधिकारियों द्वारा ‘स्पष्ट अनुमति’ के बिना योजना में नामांकित किया गया था। उन्होंने कहा कि करीब 83 फीसदी ग्राहक रुपये के सबसे निचले स्लैब में हैं। 1,000 पेंशन, क्योंकि इसके लिए मासिक योगदान कम है और यह लाभार्थियों द्वारा इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

अगले वित्तीय वर्ष के लिए भारत का आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक, वित्त मंत्रालय की समीक्षा में दावा

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी तथा मुद्रास्फीति में नरमी के साथ अगले वित्त वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक दिख रहा है। मासिक आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि जनवरी 2025 से ब्लूमबर्ग बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड को शामिल करने से प्रवाह को बढ़ावा मिलना चाहिए। इसमें कहा गया है कि उपभोग में लगातार वृद्धि के बीच मजबूत निवेश गतिविधि से विकास को गति मिल रही है।

आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से की गई समीक्षा के फरवरी संस्करण में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश पर निरंतर ध्यान देने से निजी निवेश में भी बहुत निवेश आया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया है।

भारत ने लगातार तीन तिमाहियों में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की और सुस्त वैश्विक वृद्धि के रुख के बीच असाधारण प्रदर्शनकर्ता के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि की है। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न एजेंसियां वित्त वर्ष 2024 के भारत के विकास अनुमानों को संशोधित करते हुए 8 प्रतिशत के करीब एक समान वृद्धि दर के अनुमान का समर्थन कर रही हैं।

समीक्षा में कहा गया है, “कुल मिलाकर भारत वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में सकारात्मक दिख रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में आवासीय संपत्तियों की मांग बढ़ना निर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा संकेत है।” गैर-कृषि रोजगार पुनर्जीवित हो गया है, जिससे कृषि छोड़ने वाले श्रमिकों को अवशोषित करने की क्षमता में सुधार हुआ है। इसमें कहा गया है, ”विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ने से यह गुणवत्तापूर्ण रोजगार पैदा करने के उत्प्रेरक के रूप में उभरा है।”