Thursday , November 21 2024

बिज़नेस

आम आदमी को उसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, बोले- बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

आम आदमी को, फिर चाहे वह तमिलनाडु का ग्रामीण हो या गोवा का मोबाइल रिपेयर करने वाला, दूरसंचार के मामले में उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने शनिवार को यह टिप्पणी की।

उन्होंने सुझाव दिया कि बार एसोसिएशन यह पहल करें ताकि आम जनता की शिकायतें दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीएसएटी) के समक्ष उठाई जा सकें। न्यायमूर्ति उपाध्याय उत्तरी गोवा में ‘दूरसंचार और प्रसारण व साइबर क्षेत्रों में विवादों के समाधान के लिए तंत्र’ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। इस अवसर पर बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नितिन जामदार, न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक और न्यायमूर्ति नवीन चावला भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, “जहां तक न्यायाधिकरण के समक्ष आने वाले मुद्दों पर निर्णय का सवाल है, इसके लिए कानून और नियम हैं। चूंकि विवादों की प्रकृति अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, इसलिए न्यायाधिकरण भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में हैं और निरंतर विकसित हो रहे हैं।”

न्यायमूर्ति उपाध्याय ने कहा कि चूंकि वकील और टीडीएसएटी के सदस्य इस क्षेत्र के नियमों, कानूनों और कानूनी बारीकियों से अच्छी तरह परिचित हैं, इसलिए उन्हें न्याय प्रदान करने के पुराने सिद्धांतों- समानता, निष्पक्षता और सदभावना के अनुसार लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए।

भारत का लौह अयस्क उत्पादन अप्रैल-अगस्त में 7.4% बढ़कर 11.6 करोड़ टन हुआ, सरकार ने जारी किए आंकड़े

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान लौह अयस्क और मैंगनीज अयस्क के उत्पादन में इजाफा हुआ। खान मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उक्त अवधि के दौरान लौह अयस्क का उत्पादन 7.4 प्रतिशत बढ़कर 116 मिलियन टन यानी 11.6 करोड़ टन हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 108 मिलियन टन (10.8 करोड़ टन) का उत्पादन हुआ था।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अप्रैल-अगस्त अवधि के दौरान मैंगनीज अयस्क का उत्पादन 15.4 प्रतिशत बढ़कर 1.5 मीट्रिक टन हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 1.3 मीट्रिक टन था। मूल्य की दृष्टि से लौह अयस्क खनिज के कुल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत है।

अलौह धातु क्षेत्र में प्राथमिक एल्युमीनियम उत्पादन अप्रैल-अगस्त के दौरान बढ़कर 17.49 लाख टन हो गया, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 17.26 लाख टन था। मंत्रालय ने कहा, “उक्त अवधि के दौरान, परिष्कृत तांबे का उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़कर 1.91 LT से 2.02 LT हो गया है।”

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, परिष्कृत तांबे के शीर्ष 10 उत्पादकों में से एक और विश्व का चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक देश है। चालू वित्त वर्ष में लौह अयस्क के उत्पादन में निरंतर वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योगों, मुख्य रूप से इस्पात, में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एल्युमीनियम और तांबे में वृद्धि के साथ, ये आंकड़े ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में निरंतर मजबूत आर्थिक गतिविधि के संकेत देते हैं।

रिकॉर्ड हाई पर पहुंचकर फिसला शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर बंद हुए

शेयर बाजार में पूरे हफ्ते हरियाली छाई रही, पर हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन इसे रास नहीं आया। शुक्रवार को 30 शेयरों का बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स 264.27 (-0.30%) अंकों की गिरावट के साथ 85,571.85 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 37.10 अंक टूटकर 26,178.95 के स्तर पर पहुंच गया। पावर ग्रिड के शेयरों में तीन प्रतिशत जबकि एयरटेल के शेयरों दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

हफ्तेभर के सकारात्मक रुझान के बाद बाजार में बिकवाली
इससे पहले पूरे हफ्ते बाजार में सकारात्मक महौल दिखा। निफ्टी शुक्रवार से पहले पूरे हफ्ते हरे निशान पर बंद होने में सफल रहा। सेंसेक्स भी केवल केवल मंगलवार को 0.02% की मामूली गिरावट के साथ 84,914.04 के स्तर पर बंद हुआ। रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 0.01% कमजोर होकर 83.70 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।

एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल के शेयरों में बिकवाली
सेंसेक्स के शेयरों की बात करें तो एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एलएंडटी, पावर ग्रिड और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों का गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान रहा। दूसरी ओर, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन और एचसीएल टेक के शेयर बढ़त बढ़त के साथ बंद हुए।

2032 तक 10 लाख करोड़ डॉलर होगी देश की जीडीपी, IIP में अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान छूटेंगे पीछे

देश की अर्थव्यवस्था 2032 तक बढ़कर 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। अगले छह वर्षों तक हर 18वें महीने में इसमें एक लाख करोड़ डॉलर की बढ़त होगी। आईडीबीआई कैपिटल ने शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा, 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

6 साल तक हर 18वें महीने 1 करोड़ डॉलर की वृद्धि की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, देश की तेज वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र के दम पर होगी। यह क्षेत्र सकल मूल्यवर्धित (जीवीए) में 32 फीसदी का योगदान कर सकता है। मेक इन इंडिया जैसी प्रमुख पहलों से देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

तेजी से विकास के लिए देश तैयार है
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को बढ़ने में थोड़ी देरी हुई। इससे 2024 के अंत तक चार लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की समयसीमा बढ़ गई, लेकिन अब आने वाले वर्षों में तेजी से विकास के लिए देश तैयार है।

आईआईपी में शीर्ष पांच देशों से आगे होगा भारत
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में अमेरिका, चीन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया व जापान जैसे देशों को पछाड़कर विनिर्माण के क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल जाएगा।

बेहतर स्थिति में भारत की अर्थव्यवस्था, डेलॉइट ने वित्त वर्ष 2025 में 7% की वृद्धि का जताया अनुमान

डेलॉइट के दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोमल शेट्टी ने कहा कि भारत एक ऐसे समय में भी उज्ज्वल स्थान पर बना हुआ है, जब वैश्विक अर्थव्यस्था में अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं। भारत मौजूदा वित्तीय वर्ष (2025) में सात फीसदी की वृद्धि हासिल कर सकता है।

रोमल शेट्टी ने कहा कि महंगाई काफी हद तक नियंत्रित है, ग्रामीण मांग में तेजी आई है और वाहनों की बिक्री में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि इस वित्तीय वर्ष में हमारी वृद्धि दर 7 से 7.1 फीसदी के बीच होगी। शेट्टी भारत में चार बड़ी अकाउंटिंग और कंसल्टेंसी फर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि के मामले में हम 7 से 7.1 फीसदी के दायरे में रहेंगे। परिस्थितियां विपरीत हैं। लेकिन सच तो यह है कि वैश्विक स्तर पर जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद भारत अभी भी बेहतर स्थिति में हैं। लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि हम दुनिया से अलग हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया और यूक्रेन में जारी संकट और पश्चिमी दुनिया में मंदी का असर जीडीपी की वृद्धि पर पड़ेगा।

डेलॉइट के अनुमानों के मुताबिक, अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) में जीडीपी की वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहन की संभावना है। पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी। पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में शेट्टी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी सरकार निजीकरण जैसे आर्थिक सुधारों को उसी गति से जारी रखेगी। भारत इस दश के भीतर पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है, जो अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ढाई साल में पहली बार घटाईं ब्याज दरें; पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर दिखेगा असर

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 50 बेसिस अंकों की कटौती का ऐलान कर दिया है। फेडरल रिजर्व ने इस कटौती के लिए महंगाई कम होने को लेकर कॉन्फिडेंस ज्यादा बढ़ने को मुख्य कारण बताया है।

मार्च 2020 के बाद पहली बार ब्याज दरों में कमी की गई है। अमेरिकी ब्याज दरों में कमी का असर गुरुवार को भारत समेत दुनिया के शेयर बाजार में दिखाई देगा। माना जा रहा है कि इससे शेयर मार्केट में तेजी आ सकती है। इस कटौती से पहले फेड रिजर्व की दरें 5.25 से 5.5 फीसदी के बीच थीं जो 23 साल में सबसे ज्यादा रहीं। ब्याज दरों में कमी की घोषणा के बाद नई ब्याज दर 4.75 से 5 फीसदी के बीच हो गई हैं। महंगाई के बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरें कम करने का दबाव भी था।

विशेषज्ञ उम्मीद जता रहे हैं कि इस साल अभी और 50 बेसिस अंकों की कटौती ब्याज दरों में हो सकती है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नीति निर्माताओं ने कटौती की घोषण के साथ एक बयान में कहा, कमेटी इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त है कि महंगाई 2 फीसदी के आसपास रहने की ओर बढ़ रही है। इसके साथ ही हमें अपने रोजगार और महंगाई लक्ष्यों में संतुलन बने रहने की भी उम्मीद है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओर से होने वाली इस कटौती का अर्थ है कि वहां के सरकारी बॉन्डों की ब्याज दरें भी कम हो जाएंगी। ऐसे में लोग बॉन्ड में पैसा लगाने के बदले शेयर बाजारों में ज्यादा निवेश करेंगे। इसका सीधा असर भारतीय व अन्य उभरते शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा क्योंकि ये बाजार पहले से ही निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हैं।

घोषणा से भी नहीं उछले बाजार
आम तौर पर ब्याज दरों में कटौती से शेयर बाजार में उछाल आता है लेकिन अमेरिकी शेयर बाजार इस घोषणा के बाद भी नीचे लुढ़क गए। माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने फेडरल रिजर्व पर दरें घटाने का दबाव बना रखा था। हालांकि केंद्रीय बैंक ने घोषणा में किसी तरह के राजनीतिक दखल से इन्कार किया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने की एनपीएस वात्सल्य की शुरुआत, माता-पिता बच्चों के लिए खोल सकेंगे पेंशन खाता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत की, जिससे माता-पिता पेंशन खाते में निवेश करके अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत कर सकेंगे।माता-पिता ऑनलाइन या बैंक या डाकघर जाकर एनपीएस वात्सल्य में शामिल हो सकते हैं। वात्सल्य खाता खोलने के लिए न्यूनतम योगदान 1,000 रुपये है। इसके बाद सब्सक्राइबर को सालाना 1,000 रुपये का योगदान देना होगा।

एनपीएस खातों से निकासी के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। योजना का शुभारंभ करते हुए सीतारमण ने कहा कि एनपीएस ने बहुत प्रतिस्पर्धी रिटर्न उत्पन्न किया है और लोगों को भविष्य की आय सुनिश्चित करते हुए बचत करने का विकल्प प्रदान करता है।एनपीएस वात्सल्य बच्चों के लिए पहले से मौजूद एनपीएस का ही विस्तार है। पिछले 10 वर्षों में एनपीएस के 1.86 करोड़ ग्राहक हैं और इसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) 13 लाख करोड़ रुपये है।

18 वर्ष से कम आयु के बच्चे एनपीएस वात्सल्य खाता खोल सकते हैं, जो 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर स्वतः ही नियमित एनपीएस खाते में परिवर्तित हो जाएगा। 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर ही खाते से पेंशन आएगी।सीतारमण ने कहा कि एनपीएस ने इक्विटी, कॉरपोरेट ऋण और जी-सेक में निवेश के लिए क्रमशः 14 प्रतिशत, 9.1 प्रतिशत और 8.8 प्रतिशत रिटर्न उत्पन्न किया है। एनपीएस वात्सल्य की घोषणा जुलाई में प्रस्तुत वित्त वर्ष 25 के बजट में की गई थी।

आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सहित कई ऋणदाताओं ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)- वात्सल्य शुरू करने के लिए पीएफआरडीए के साथ हाथ मिलाया है। आईसीआईसीआई बैंक ने मुंबई में अपने सेवा केंद्र पर एनपीएस वात्सल्य के तहत कुछ बच्चों के खाते पंजीकृत करके इस योजना का शुभारंभ किया।

शेयर बाजार में ऊपरी स्तरों से बिकवाली; सेंसेक्स 236 अंक ऊपर बंद, निफ्टी 25450 के नीचे

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा चार साल से अधिक समय में पहली बार नीतिगत दर में कटौती की घोषणा के बाद मजबूत वैश्विक रुझानों के अनुरूप बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गुरुवार को नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 236.57 अंक या 0.29 प्रतिशत चढ़कर 83,184.80 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 825.38 अंक या 0.99 प्रतिशत चढ़कर 83,773.61 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 38.25 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 25,415.80 पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान यह 234.4 अंक या 0.92 प्रतिशत बढ़कर 25,611.95 के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 10 पैसे मजबूत होकर 83.66 के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में एनटीपीसी, नेस्ले, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल और एचडीएफसी बैंक सर्वाधिक लाभ में रहे। एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अदाणी पोर्ट्स, लार्सन एंड टूब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा और बजाज फाइनेंस गिरावट वाले शेयरों में शामिल रहे। एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में तेजी रही। बुधवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की अपेक्षा से अधिक कटौती किए जाने तथा आगे और कटौती किए जाने के संकेत दिए जाने के बाद बेंचमार्क सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद नीचे आए पर मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। ब्याज दरों में भारी कटौती से वैश्विक मंदी को लेकर चिंताएं भी बढ़ीं, इसके कारण मिड और स्मॉल कैप शेयरों में मुनाफावसूली दिखी।”

एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में गूगल को राहत, सीसीआई के आदेश के खिलाफ याचिका सूचीबद्ध

गूगल ने गुरुवार सुप्रीम कोर्ट में बताया कि एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों से संबंधित मामले में दलीलें सुनने में पांच-छह दिन लग सकते हैं।

पिछले साल 29 मार्च को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने इस मामले में गूगल की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर मिश्रित फैसला सुनाया था। फैसले में 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा गया था, लेकिन प्ले स्टोर पर तीसरे पक्ष के एप स्टोर की मेजबानी की अनुमति जैसी शर्तों को हटा दिया गया था।

शीर्ष अदालत गूगल और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से दायर की गई दलीलों पर विचार कर रही है। याचिका में एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पहले ही इन याचिकाओं को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। दिन की कार्यवाही की शुरूआत में, प्रौद्योगिकी दिग्गज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने याचिका का उल्लेख किया और कहा कि मामले की सुनवाई में पांच-छह दिन लग सकते हैं।

सीजेआई ने कहा, “यह (याचिका) बोर्ड (कार्यसूची) में अपनी स्थिति बनाए रखेगी। देखते हैं चीजें आगे बढ़ती हैं…इस मामले को शुरू होने दीजिए। हम देखेंगे।” इससे पहले जुलाई में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वह इस मामले में गूगल और सीसीआई की दलीलों पर सितंबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा।

पीठ ने मामले के आसान निर्णय के लिए दोनों पक्षों के वकीलों की मदद से आम डिजिटल याचिका तैयार करने के लिए वकील समीर बंसल को नोडल वकील नियुक्त किया था। एनसीएलएटी ने अपने फैसले में एंड्रॉयड में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने के लिए सीसीआई द्वारा प्रौद्योगिकी दिग्गज पर लगाए गए जुर्माने को बरकरार रखा था।

हर साल 10 करोड़ कमाने वाले 63 फीसदी बढ़े, 58200 भारतीयों की कमाई पांच करोड़ रुपये से अधिक

देश में अमीरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर साल 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों की संख्या पिछले पांच वर्षों में 63% बढ़कर करीब 31,800 पहुंच गई है। इस दौरान सालाना पांच करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की संख्या में 49 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनकी संख्या बढ़कर 58,200 पहुंच गई है।

सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 10 लाख ऐसे लोग हैं, जिनकी सालाना आय 50 लाख से अधिक है। ऐसे लोगों की संख्या में पिछले पांच वर्षों में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच अमीरों की कमाई तेजी से बढ़ी है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसी दौरान कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को आर्थिक क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचाया था।

31,800 लोगों के पास 38 लाख करोड़ की संपत्ति
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमीर लोगों की बढ़ती संख्या के साथ उनकी संयुक्त आय भी तेजी से बढ़ी है। 10 करोड़ से अधिक कमाने वाले 31,800 लोगों की कुल आय वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच 121% की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़कर 38 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है।

पांच करोड़ रुपये अधिक कमाने वालों की संयुक्त आय पांच साल में 106 फीसदी बढ़कर 40 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है।
50 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों के पास कुल 49 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो पांच साल में 64 फीसदी बढ़ी है।